नजरियाः अल्मोड़ा के बाद अब हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भी शुरू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के तीन साल के कार्यकाल के दौरान, उत्तराखण्ड में दो नए मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं। धामी सरकार के कार्यकाल के दौरान 2022 में अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुका है, और अब इसी सत्र से हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भी शुरू होने जा रहा है। दोनों जगह की कुल 200 नई सीटें जुड़ने से उत्तराखण्ड में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में मेडिकल सीटों की संख्या बढ़कर 625 हो गई है।

पुष्कर सिंह धामी सरकार के कार्यभार ग्रहण करने से पहले प्रदेश में श्रीनगर, देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज ही संचालित हो रहे थे। हालांकि तब तक अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज और हरिद्वार मेडिकल कॉलेज पर भी काम शुरू हो चुका था। कार्यभार ग्रहण करने के तत्काल बाद प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के साथ ही एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़ाने के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन दोनों मेडिकल कॉलेजों को प्राथमिकता पर शुरू करने के निर्देश दिए। जिसके बाद दोनों मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर पूरा किया गया। जिसमें से अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निर्माण पहले पूरा होने पर यहां 2022 से ही मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। अब इसी क्रम में हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का भी निर्माण कार्य पूरा होने से इसी शैक्षिक सत्र से यहां भी एमबीबीएस की 100 सीटों पर प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है।

मेधावी छात्रों को मौका

केंद्र सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए मौजूदा शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए 100 सीटें मंजूर कर दी हैं। इसके लिए अब काउंसिलिंग शुरू की जा रही है। इससे प्रदेश के और अधिक बच्चों को एमबीबीएस करने का मौका मिलेगा, इसके लिए उन्हें सरकारी फीस ही चुकानी है।

उत्तराखंड में सरकारी मेडिकल कॉलेज और सीटें
देहरादून – 150
हल्द्वानी -125
श्रीनगर – 150
अल्मोड़ा – 100
हरिद्वार -100
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कुल 625

हमारी सरकार नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के जरिए जहां स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार कर रही है, वहीं इससे मेधावी छात्रों को भी अपने प्रदेश में ही मेडिकल की पढ़ाई सस्ती दरों पर करने का मौका मिलेगा। हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए जल्द पहले बैच की काउंसिलिंग शुरू होगी, जल्द ही पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण पूरा करते हुए जरूरी मान्यता दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

11321 करोड़ का अनुपूरक बजट सदन पेश

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने वर्ष 2023-24 के लिए प्रथम अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विश्व विरादरी में भारत का सम्मान बढ़ा है। चन्द्रयान सफल अभियान अभियान से हम शीर्ष देशों के पंक्ति में खड़े हो गए है। जी-20 के अध्यक्ष के नाते हमारे देश ने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार जनकल्याण को समर्पित सरकार है। इसलिए मुख्य बजट में हम अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं लेकर आये थे। इसमें आयुष्मान योजना, नन्दा गौरा योजना, माध्यमिक व उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति की योजना, अन्त्योदय कार्ड धारकों को वर्ष में तीन संलेडर निशुल्क रिफिल कराये जाने की योजना, सामाजिक सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न पेंशन योजना आदि का विशेष उल्लेख है। कहा कि इन जनकल्याण योजनाओं से हम समग्र विकास, समावेशी विकास तथा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास तथा सबका प्रयास आदि प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करते हैं। इस अनुपूरक बजट में भी जनकल्याण को समर्पित योजनाओं हेतु महत्वपूर्ण प्रावधान हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि अनुपूरक बजट के लिए आवश्यक वित्त की व्यवस्था के लिए हमने गम्भीर प्रयास किये हैं। हम लगातार राजस्व अभिवृद्धि के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि हम अब तक बजट अनुमान का 34 प्रतिशत राजस्व प्राप्त कर चुके हैं। राजस्व प्राप्ति के सम्बन्ध में यह उपलब्धि मुख्यतः इसलिए है कि क्योंकि हमारी सरकार लगातार समीक्षा कर रही है। वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ मेरे द्वारा और माननीय मुख्यमंत्री द्वारा पहली बार व्यापक पैमाने पर समीक्षाएं की जा रही है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि विगत दिनों हमारी सरकार द्वारा सर्किल रेट को रिवाईज किया गया था। जीएसटी के क्षेत्र में जहाँ एक और जन जागरूकता बढ़ाई गई वहीं दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी का सहारा लिया गया। कम से कम मानवीय हस्तक्षेप हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया गया। हमारे इन प्रयासों के अच्छे नतीजे सामने आने लगे हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि जहां 2021-22 में लगभग हमको लगभग रू0 14176 करोड का कर राजस्व प्राप्त हुआ था वहीं 22-23 में यह बढ़कर रू0 17103 करोड़ हो गया है। इस वर्ष गत वर्ष के सापेक्ष हम 47 प्रतिशत कर राजस्व प्राप्त कर चुके हैं लेकिन हमने राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य बढ़ा दिये हैं ताकि जन कल्याण एवं अवस्थापना विकास हेतु समुचित प्रावधान कर सकें।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य के राजस्व के दृष्टिगत जी.एस.टी. वैट, स्टॉम्प वाहन कर आदि प्रमुख कर हैं और इन सभी में गत वर्ष के सापेक्ष वृद्धि हो रही है। इस वर्ष भी लक्ष्य के सापेक्ष भी अच्छी प्रगति है। राज्य वस्तु एवं सेवाकर में लक्ष्य के सापेक्ष 39 प्रतिशत, वैट (नॉन जीएसटी) में 41 प्रतिशत, स्टाम्प में 51 प्रतिशत तथा वाहन कर में 34 प्रतिशत की प्राप्ति हो चुकी है।

’प्रमुख केन्द्र पोषित योजनाओं हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान’
जल जीवन मिशन – लगभग रू0 795 करोड़, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में 297 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण लगभग रू0 190 करोड़, समग्र शिक्षा अभियान लगभग रू0 128 करोड, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान लगभग रू0 120 करोड़, मेडिकल कॉलेज लगभग रू0 54 करोड, स्वच्छ भारत मिशन लगभग रू0 36 करोड़।

’प्रमुख पूंजीगत योजनाओं हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान’
आवास एवं शहरी विकास के अन्तर्गत अवस्थापना का सुदृढीकरण हेतु रू0 321 करोड़, ऋषिकेश को योग नगरी के रूप में विकसित करने हेतु लगभग रू0 30 करोड, हरिद्वार को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने हेतु लगभग रू0 25 करोड़, पार्किंग के निर्माण हेतु लगभग 135 करोड़, मुख्यमंत्री आंगनबाडी भवन निर्माण हेतु लगभग रू0 50 करोड़, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण एवं स्थापना हेतु लगभग रू0 100 करोड़, लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत आरआई.डी.एफ. योजना के अन्तर्गत लगभग रू0 100 करोड़, नगरीय अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु लगभग रू0 25 करोड़, अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास रू0 35 करोड़, अनुसूचित जन जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास रू0 17 करोड़।

’प्रमुख राजस्व योजनाओं हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान’
सडकों के अनुरक्षण के अन्तर्गत लगभग रू0 300 करोड़।
अटल आयुष्मान हेतु लगभग रू0 200 करोड।
नन्दा गौरा हेतु लगभग रू0 95 करोड़।
औषधि तथा रसायन के अन्तर्गत लगभग रू0 90 करोड।
निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना हेतु लगभग रू0 68 करोड़।
रूफ टॉप सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों लगभग रू0 66 करोड़।
सामाजिक सुरक्षा (पेंशन) के अन्तर्गत लगभग रू0 40 करोड।
मशीन उपकरण सज्जा एवं संयंत्र के अन्तर्गत लगभग रू0 33 करोड़।
कम्यूटर हार्डवेयर सॉफ्टवेयर एवं अनुरक्षण के अन्तर्गत लगभग रू0 23 करोड।
व्यावसायिक तथा विशेष सेवाओं का भुगतान के अन्तर्गत लगभग रू0 17 करोड़।
कार्यालय प्रायोगार्थ वाहन क्रय में लगभग रू0 13 करोड।
ईजा बोई शगुन योजना हेतु लगभग रू0 10 करोड़।
पशुपालन के अन्तर्गत साइलेज पशुपोषण योजना हेतु लगभग रू0 7 करोड़।