नजरिय धामी सरकार काः स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए 250 पद होंगे सृजित, 141 बैड का रैन बसेरा भी बनाया जाएगा

केंद्र सरकार ने हल्द्वानी में स्वामी राम कैसर अस्पताल के विस्तारीकरण को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने यहां 44 पेड़ों के कटान को अनुमति दे दी है। इसके बाद अस्पताल के विस्तारीकरण की राह आसान हो गयी है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा है कि इस अस्पताल के निर्माण के बाद कैंसर के रोगियों को एक ही स्थान पर कैंसर की सम्पूर्ण जांचे एवं उत्कृष्ट उपचार उपलब्ध होगा। मरीजों को कैंसर उपचार के लिए अन्य शहरों की तरफ नहीं जाना पड़ेगा।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि राज्य कैंसर संस्थान हल्द्वानी की स्थापना के लिए 103.6565 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गयी। जिसके सापेक्ष वर्ष-2021 में 69.00 करोड रुपये़ राज्य सरकार को अवमुक्त किये गये। राज्य सरकार द्वारा कुल 152 पदों को स्वीकृत किया जा चुका है। इसके अलावा अतिआवश्यक 255 अन्य पदों की स्वीकृति का प्रस्ताव शासन के पास अनुमोदन भेजा जा चुका है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के अथक प्रयासों के तहत राज्य कैंसर संस्थान हल्द्वानी के प्रथम चरण का निर्माण प्रारम्भ करने के लिए भूमि और अन्य औपचारिकताएं पूर्ण की जा चुकी हैं। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि अस्पताल का निर्माण कार्य दो चरणों में होगा। पहले चरण में वार्ड ब्लॉक और सर्विस ब्लॉक का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। अस्पताल के उच्चस्तरीय अत्याधुनिक मशीनें खरीदने की प्रक्रिया भी चल रही है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि दूसरे चरण में डायग्नोस्टिक ब्लॉक, न्यूक्लियर मेडिसिन ब्लॉक प्रिवेन्टिव ऑन्कोलॉजी, व अन्य स्पेशियलिटी एवं सुपर स्पेशलिटी विभाग स्थापित किये जायेंगे। इससे रक्त आदि की जांच एक ही जगह पर हो सकेंगी। यहां न्यूक्लियर मेडिसिन समेत 31 विभाग होंगे। कैंसर मरीजों की थेरेपी के लिए सीटी सिमूलेटर आदि मशीनें आएंगी। रेडियोलॉजी विभाग में सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड आदि जांचें भी की जाएंगी। डायग्नोस्टिक ब्लॉक में ब्लड बैंक, पैथोलॉजी लैब, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री लैब भी होगी। प्रथम व द्वितीय चरण में कुल 196 बैड का निर्माण किया जायेगा। साथ ही रोगियों व उनके तीमारदारों के लम्बे उपचार के लिए ठहरने के लिए 141 शैय्या युक्त रैन बसेरा भी बनाया जायेगा।

गौरतलब है कि हल्द्वानी के 1.75 हेक्टेयर वन भूमि में निर्मित परिसर का नियमितिकरण राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी को करने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी 22. सितम्बर 2022 को प्रदान की गयी। प्रथम चरण के निर्माण कार्यों के अन्तर्गत नये वार्ड एवं नये सर्विस ब्लॉक के निर्माण के लिए ले आऊट में विद्यमान 44 वृक्षों के पतन की अनुमति के लिए केंद्र सरकार से अपील की गयी थी। केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इसकी स्वीकृति दे दी है।

48 फार्मेसी अधिकारी को पदोन्नति के लिए विभागीय मंत्री डा. धन सिंह ने दी मंजूरी

स्वास्थ्य विभाग में कई वर्षों से एक ही पद पर सेवाएं दे रहे 48 फार्मेसी अधिकारियों को पदोन्नति की सौगात दी गई है। इन सभी पात्र फार्मेसी अधिकारियों को मुख्य फार्मेसी अधिकारी के पद पर पदोन्नत कर दिया गया है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने फार्मेसी अधिकारियों की पदोन्नति को मंजूरी देते हुये शासन को शीघ्र पदोन्नति आदेश निर्गत करने के निर्देश दिये हैं। जिस पर फार्मेसी एसोसिएशन ने खुशी जाहिर कर स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत का आभार जताया।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि समय-समय पर आयोजित समीक्षा बैठकों में विभाग के अंतर्गत सभी संवर्गों के पात्र कार्मिकों की पदोन्नति को लेकर विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये थे। जिसके क्रम में विभाग द्वारा डीपीसी के माध्यम से 48 फार्मेसी अधिकारियों का चयन पदोन्नति के लिये किया गया है। डा. रावत ने बताया कि इन सभी पात्र फार्मेसी अधिकारियों को मुख्य फार्मेसी अधिकारी के पद पर पदोन्नत की मंजूरी प्रदान कर दी गई है। जिनको शीघ्र ही नई तैनाती दे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पदोन्नति के इस फैसले के तहत वर्तमान चयन वर्ष के माह जून तक सेवानिवृत होने वाले चीफ फार्मेसी अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के लिये 2 फार्मेसी अधिकारियों की भी पदोन्नति की गई है। विभागीय मंत्री ने कहा कि इस संबंध में शासन को शीघ्र पदोन्नति आदेश जारी करने कहा गया है ताकि समय पर फार्मेसी अधिकारियों को पदोन्नति का लाभ मिल सके।

डा. रावत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत पात्र कार्मिकों को पदोन्नति के लाभ से वंचित नहीं रखा जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को समय-समय पर डीपीसी कर कार्मिकों को पदोन्नत करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि कार्मिकों को समय पर पदोन्नति का लाभ मिलने से उनके मनोबल में वृद्धि होगी और विभागीय कार्यप्रणाली में भी सुधार आयेगा। फर्मेसी अधिकारियों की मुख्य फर्मेसी अधिकारी पद पर पदोन्नति किये जाने पर फर्मेसी एसोसिएशन के पदाधिकरियों एवं फर्मेसी अधिकारियों ने खुशी जाहिर कर स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत का आभार जताया।

इन्हें मिला पदोन्नति का लाभ
स्वास्थ्य विभाग में जिन फार्मेसी अधिकारियों की मुख्य फार्मेसी अधिकारी पद पदोन्नति की गई उनमें तारा दत्त उप्रेती, प्रदीप कुमार उनियाल, हरि राम, ललित वर्मा, चन्दन सिंह चौहान, एस0एस0 जेठूडी, दर्शन सिंह पंवार, दिनेश चन्द्र नौटियाल, सी0पी0 रतूडी, टी0एस0 बंगारी, प्रकाश चन्द्र रतूडी, गणेश राम नौटियाल, विजेन्द्र सिंह कैंत्यूरा, जनार्द्धन प्रसाद टम्टा, हेम चन्द्र पंत, हरभजन सिंह, एच0एम0 सिद्दकी, श्याम लाल बिजल्वाण, वीरेन्द्र सिंह असवाल, जगदीश लाल शाह, पुनीता नेगी, चिरंजी प्रसाद, महावीर सिंह राणा, जी0एस0 बिष्ट, डी0एन0 भट्ट, लखपत सिंह, महिपाल सिंह, उपेन्द्र दत्त, रघुवीर सिंह पंवार, भाग सिंह, सुदर्शन मैठाणी, विशालमणि अन्थवाल, रमेश राम, गिरीश चन्द्र काण्डपाल, गोपाल सिंह राणा, भूपाल सिंह, विनोद नेगी, डी0एस0 कोश्यारी, कैलाश चन्द्र चमोली, आत्मा राम जगूडी, अरबिन्द जगूडी, नन्द किशोर जोशी, दिनेश चन्द्र पाठक, इंदु कुमार जोशी, आनंद सिंह चौहान, जे0पी0 उप्रेती, भुवन चन्द्र जोशी तथा आर0सी0 नौटियाल शामिल हैं।

मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के प्रोजेक्ट्स को हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ पूरा करने के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों के साथ ही उनमें डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर्स, पैरामेडिकल एण्ड एन्सिलरी स्टाफ के पद सृजन आदि की प्रक्रिया भी साथ-साथ संचालित करने की हिदायत स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग एवं कार्मिक विभाग को दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह से निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों का समय पर संचालन शुरू हो पाएगा। मुख्य सचिव ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में 216 तथा पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में 216 डॉक्टर्स के पदों से सम्बन्धित स्थिति को तत्काल स्पष्ट करने के निर्देश वित्त विभाग को दिए हैं। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के प्रोजेक्ट्स को हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ पूरा करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए।
मेडिकल टूरिज्म की बेहतरीन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सीएस रतूड़ी ने पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज तथा नैनीताल के भवाली स्थित टीबी सेनेटोरियम के सम्बन्ध में एक बैठक पर्यटन विभाग के साथ आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में विधानसभा भवन में राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ के ढांचे के गठन में राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार के सापेक्ष संख्या में कम हो रहे पदों के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई।
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के दृष्टिगत मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के मैदानी जिलों के समान ही पर्वतीय जिलों में बनने वाले मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में भी पर्याप्त संख्या में डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ तथा अन्य स्टाफ की व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश स्वास्थ्य, वित्त एवं कार्मिक विभाग को दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज से न केवल पिथौरागढ़ जनपद को बल्कि जनपद चंपावत तथा जनपद बागेश्वर व अल्मोड़ा के एक बड़े भाग की आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं मिलेगी। साथ ही पड़ोसी देश नेपाल द्वारा भी यहाँ की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने की संभावना बढ़ जायेगी। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का संचालन आरम्भ होने के बाद इसके आस-पास के क्षेत्रों में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं अन्य सम्बन्धित सुविधाओं, उद्यमों के विकास एवं स्वरोजगार के नए अवसरों की संभावनाएं भी बढ़ेगी।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को हरिद्वार जिले में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के फॉलोअप हेतु ट्रैकिंग सिस्टम बनाने, सभी गर्भवती महिलाओं की अनिवार्य प्रसवपूर्व जांच (एएनसी) करने, सभी गर्भवती माताओं का संस्थागत प्रसव करवाने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने मातृ मृत्यु दर की दृष्टि से हाई रिस्क एरियाज में आशा वर्कर हेतु विशेष ऑरियेण्टेशन प्रोग्राम संचालित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आशा वर्कर्स के कार्यों के मूल्यांकन में मातृ मृत्यु दर को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव डा0 आर राजेश कुमार, वी. षणमुगम सहित स्वास्थ्य, वित्त, कार्मिक एवं न्याय विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य में 1938 दंपतियों ने उठाया एआरटी सुविधा का लाभ

सूबे में एआरटी अधिनियम-2021 एवं सरोगेसी एक्ट-2021 के सुखद परिणाम देखने को मिल रहे हैं। दोनों एक्टों के लागू होने के उपरांत राज्य में 1938 दंपतियों ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का लाभ सफलतापूर्वक उठाया है। राज्य में संतान सुख पाने में असमर्थ विवाहित दंपत्ति एवं महिलाओं की कुछ श्रेणियों (एकल और अविवाहित) के लिये एआरटी वरदान साबित हो रहा है। सूबे के स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सरोगेसी एक्ट एवं एआरटी एक्ट-2021 लागू होने के उपरांत लाभार्थियों की मांगी गई रिपोर्ट के क्रम में विगत दो वर्षों के आंकड़े भारत सरकार को भेज दिये हैं।
प्रदेश में निःसंतान दम्पतियों के चेहरों पर मुस्कान लौट रही है। उनके सूने आंगन बच्चों की खिलखिलाहट से गूंज रहे हैं। यह सब एआरटी अधिनियम-2021 व सरोगेसी एक्ट-2021 के लागू होने और इसके ठोस क्रियान्वयन से सम्भव हो पाया है। वर्ष 2021 में देश के साथ-साथ प्रदेश में एआरटी व सरोगेसी एक्ट लागू हुआ। जिसके अंतर्गत प्रदेश में पंजीकृत 22 एआरटी क्लीनिकों के माध्यम से सूबे के 1938 दम्पतियों ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का लाभ सफलतापूर्वक उठाया है। जिसमें सर्वधिक 726 दम्पतियों ने इंदिरा आईवीएफ में एआरटी का लाभ लिया। इसके अलावा नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी में 168, केयर आईवीएफ यूनिट में 165, फुटेला फर्टिलिटी सेंटर 137, उत्तरांचल टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर 103, जेनेसिस आईवीएफ 83, मॉर्फिअस प्रसाद इंटरनेशनल आईवीएफ सेंटर 68, सुभारती हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर 66, वृंदा फेमिकेयर फर्टिलिटी एलएलपी 57, वैश्य नर्सिंग होम एआरटी क्लीनिक में 54, श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल आईवीएफ सेंटर 53, निदान फर्टिलिटी क्लीनिक 45, ऑली हास्पिटल फर्टिलिटी रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक सेंटर 42, आशीर्वाद हेल्थकेयर एवं फर्टिलिटी सेंटर 41, आईवीएफ सेंटर एम्स ऋषिकेश 28, लूथरा नर्सिंग होम 24, रेवती नर्सिंग होम 22, काला फर्टिलिटी 3 एवं मदर केयर सेंटर में 2 दम्पतियों ने एआरटी का लाभ लिया।
भारत सरकार ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन दंपतियों और एकल तथा अविविवाहित महिलाओं का आंकड़ा मांगा है जिन्होंने सरोगेसी अधिनियम-2021 एवं एआरटी-2021 लागू होने के बाद से सरोगेसी व एआरटी का सफलतापूर्वक लाभ उठाया है ताकि सरकार कानून के कामकाज का आंकलन कर सके। इस बावत प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में एआरटी का लाभ उठाने वाले सभी 1938 दम्पतियों की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दी है।

आमजन तक स्वास्थ्य सेवाओं के व्यापक प्रचार और मजबूती के लिए करेंगे कार्यः डॉ कुलदीप मार्ताेलिया

उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अधिकारी पद पर हुई डॉ कुलदीप मार्ताेलिया की नियुक्ति की गई है। उन्होंने आज अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। डॉ कुलदीप मार्ताेलिया से पहले आईईसी अधिकारी का कार्य डॉ मंयक बडोला देख रहे थे। डॉ मंयक बडोला 02 वर्ष के लिए बतौर सीएमओ प्रतिनियुक्ति पर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में चले गये हैं। उनके कार्यकाल में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) ने स्वास्थ्य जन जागरूकता से जुड़े कई अहम कार्य किये।

डॉ कुलदीप मार्ताेलिया ने आज सूचना, षिक्षा, संचार (आईईसी) अधिकारी के पद पर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। कार्यभर ग्रहण करने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जानकारी राज्य के षहर से लेकर सीमांत इलाकों तक पहुंचे इसको लेकर वह और उनकी पूरी टीम कार्य करेगी। वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए युद्वस्तर पर कार्य कर रहे हैं। आम जनमानस को उनके नजदीकी अस्पताल में बेहत्तर ईलाज मिल रहा है। आयुश्मान योजना हर व्यक्ति के लिए वरदान साबित हो रही है। उनका प्रयास रहेगा कि हर व्यक्ति को स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए।

डॉ कुलदीप मर्ताेलिया ने कहा सूचना तंत्र को और अधिक मजबूत बनाने पर कार्य किया जाएगा। इसके साथ नवीन मीडिया के टूल्स खासतौर से सोशल मीडिया का स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा।
सोशल मीडिया ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइटों जैसे ट्विटर, यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और ब्लॉग। यह एक नया और हमेशा बदलता रहने वाला क्षेत्र है। इंटरनेट, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल संचार तक पहुंच सभी उपकरण हैं। जिनका उपयोग स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध और सुलभ बनाने के लिए किया जा सकता है। ​​

आपको बता दें कि डॉ कुलदीप मार्ताेलिया वर्तमान में स्वास्थ्य महानिदेशालय में सहायक निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके साथ ही राज्य में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के क्रियान्वयन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी उनके उपर है। स्वास्थ्य महानिदेशालय में अधिकारियों-कर्मचारियों ने उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दी।

पिथौरागढ़ जिले के जौलजीबी पीएचसी के लिए 10 पदों पर होगी भर्ती

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य स्वास्थ्य विभाग पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को युद्वस्तर पर मजबूत करने पर जुटा हुआ है। इसको लेकर सबसे पहले राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा स्टाफ की कमी के साथ ही चिकित्सा उपकरणों की कमी दूर करने के निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को दिए हैं।
इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने पिथौरागढ़ जिले के धारचुला विकासखंड के जौलजीबी गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के संचालन के लिए 10 पदों के सृजन के लिए मंजूरी प्रदान की है। इन पदों में स्वास्थ्य अधिकारी, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन और तीन पद चतुर्थ कर्मचारियों के लिए हैं।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा है कि इन पदों पर नियुक्ति के लिए महामहिम राज्यपाल से अनुमति मिल गयी है। जौलजीबी में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय ने विभाग से 10 पदों के सृजन के लिए अनुमति मांगी थी।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सरकार ने इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए इन पदों पर नियुक्तियों की अनुमति प्रदान कर दी है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चिकित्सा अधिकारी, चार स्टाफ नर्स, एक फार्मासिस्ट, एक लैब टेक्निशियन, एक सेनेटरी वर्कर कम वॉचमैन, दो मल्टीस्किल्ड ग्रुप डी की नियुक्ति करने का मंजूरी दी गयी है। यह पद फिलहाल अस्थायी होंगे। जरूरत के मुताबिक पदों का सृजन बढ़ाया जा सकता है और सेवाओं को समाप्त किया जा सकेगा। स्वास्थ्य सचिव ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने पर कार्य किया जा रहा है। इसको लेकर चिकित्सा स्टाफ की नियुक्ति के साथ जरूरी उपकरण भी खरीदे जा रहे हैं ताकि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ही मरीजों को बेहतर ईलाज मिल सके।

शुभिका अर्पित और नवीन कुमार ने किया राज्य का नाम रोशन

उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, द्वारा आज देहरादून के सुभाष रोड़ स्थित होटल पैसेफिक में Regional Level Quiz Competition का आयोजन किया गया। क्षेत्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड राज्य सहित कुल 09 राज्यों (हिमाचल प्रदेश, चण्डीगढ, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू कश्मीर एवं उत्तर प्रदेश) के प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रतियोगिता में 9 राज्यों के राज्य स्तर की क्विज प्रतियोगिता के प्रथम विजेता टीम, नोडल अध्यापक एवं राज्यों के SACS Official के साथ-साथ नाको, भारत सरकार के प्रतिनिधि नेशनल कन्सल्टेन्ट आई0ई0सी0 एवं मेनस्ट्रीमिंग बेंजामीन फ्रेंकलीन द्वारा प्रतिभाग किया गया। उत्तराखंडी पारंपरिक तरीके से अतिथियों का स्वागत किया गया। अतिथियों को पहाड़ी टोपी के साथ केदारनाथ का स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
Regional Level Quiz Competition का शुभारम्भ डॉ0 विनीता शाह, महानिदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया एवं अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट किये गये। कार्यक्रम में डॉ0 आषुतोष स्याना एवं डॉ0 भागीरथी जंगपांगी, निदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड द्वारा विषिष्ट अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। इसके पष्चात सांस्कृतिक दल हंसा नृत्य एवं नाट्य संस्था द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गयी तथा नन्दा देवी राजजात यात्रा की आकर्षक प्रस्तुति दी गयी। अपर परियोजना निदेशक, उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति डॉ0 अजय कुमार, द्वारा मुख्य अतिथि तथा राज्यों से उपस्थित प्रतिनीधियों एवं प्रतिभगियों का स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि आज इस बात की आवष्यकता है कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को एच0आई0वी0/एड्स के प्रति इतना जागरूक किया जाय कि हम इसे जड़ से खत्म कर सके।
डॉ0 विनीता शाह, महानिदेषक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एवं उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियन्त्रण समिति का प्रयास है कि एच0आई0वी0 संक्रमण किसी भी व्यक्ति को न हो। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यवहार में परिवर्तन लाये। संयमित व्यवहार करे एवं भावी पीढ़ी के लिए आदर्ष बने। श्री बेंजामीन फ्रेंकलीन, कन्सल्टेन्ट आई0ई0सी0 एवं मेनस्ट्रीमिंग, नाको भारत सरकार द्वारा रीजनल लेवल क्विज प्रतियोगिता के नियमों की जानकारी दी गयी। तत्पश्चात रीजनल लेवल क्विज प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया गया। प्रतियोगिता 04 चरणों में प्रारभ की गयी। प्रत्येक चरण एच0आई0वी0/एड्स विषय पर 18 प्रष्न पूछे गये। अपर परियोजना निदेषक, उत्तरखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति डॉ0 अजय कुमार, कर्नल आलोक गुप्ता, एस0एच0ओ0 कैण्ट एवं अन्य अतिथियों द्वारा विजेता टीम को ट्राफी एवं प्रमाण पत्र दिये गये।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान उत्तराखंड की कु0 शुभिका अर्पित, नवीन कुमार, दूसरा स्थान जम्मू कश्मीर की कु0 समाइम प्रभा एवं अभिषेक शर्मा और तीसरा स्थान राजस्थान के कु0 भूमिका कुमारी एवं कु0 श्रेया अग्रवाल ने प्राप्त किया। प्रोत्साहन पुरूस्कार उत्तर प्रदेश के आयुष कुमार भारती एवं मानस निगम द्वारा प्राप्त किया गया। कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन योगेम्बर पॉली द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉ0 नरेश चौधरी, महेन्द्र कुमार, उप निदेशक, वित्त, अनिल सती, संयुक्त निदेशक, आई0ई0सी0 सहित यूसैक्स के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

एड्स जागरूकता में युवा वर्ग को निभाना होगा अहम किरदारः कर्नल आलोक गुप्ता

विश्व एड्स दिवस पर उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति व स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक राज्य स्तरीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। दून मेडिकल कॉलेज अस्तपाल ओ०पी०डी० बिल्डिंग सभागार में आयोजित गोष्ठी में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि एड्स संक्रमण के कई कारण हो सकते हैं। इसलिए एड्स संक्रमित व्यक्तियों को सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित करना चाहिए और उन्हें प्रेम व सम्मान देना चाहिए। इस साल विश्व एड्स दिवस की थीम ष्लैट कम्युनिटी लीडष् है। राज्य स्तरीय गोष्ठी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कर्नल आलोक गुप्ता एस०एच०ओ० कैन्ट, देहरादून, थे। उक्त कार्यक्रम में विषिष्ठ अतिथि के तौर पर डा० अनुराग अग्रवाल, चिकित्सा अधीक्षक, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, डा० नारायण जीत, एच०ओ०डी० मेडिसिन राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, पवन कुमार कोठारी जेलर, डिस्ट्रिक जेल देहरादून, डा० विशाल धीमान एडिशनल प्रोफेसर एम्स ऋषिकेश एवं डा० अजय कुमार, अपर परियोजना निदेशक, उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति थे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि कर्नल आलोक गुप्ता एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके बाद मंच पर आसीन अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। अपर परियोजना निदेशक, यूसैक्स डॉ अजय कुमार द्वारा मुख्य अतिथि तथा उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया गया एवं उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा संचालित गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी दी गयी। अपर परियोजना निदेशक द्वारा कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले प्रतिभागियों की उपलब्धियां के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कर्नल आलोक गुप्ता ने कहा कि एड्स पीड़ितों को प्यार और सम्मान देना चाहिए, जिससे वह खुद को अलग-थलग न समझें। उन्होंने बताया कि किसी के साथ खाना खाने, छूने आदि से एड्स नहीं होता है। इसलिए इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाना जरूरी है। इस दौरान उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को रक्तदान के लिए भी प्रेरित किया।
उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति व स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुख्य अतिथि कर्नल आलोक गुप्ता एस०एच०ओ० कैन्ट, देहरादून, द्वारा एच०आई०वी०/एड्स पर उत्कृष्ठ कार्य कर रही संस्थाओं एवं टी०आई० संस्थाओं, को सम्मानित किया गया। डा० अनुराग अग्रवाल चिकित्सा अधीक्षक, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, डा० नारायणा एच०ओ०डी० मेडिसिन राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, श्री पवन कुमार कोठारी जेलर, डिस्ट्रिक जेल देहरादून, डा० विशाल धीमान एडिशनल प्रोफेसर एम्स ऋषिकेश द्वारा सम्बोधन दिया गया।

इस मौके पर राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, के छात्र छात्राओं एवं हंसा नृत्य नाटक कला सोसाइटी के ग्रुप मैम्बर्स द्वारा एच०आई०यी०/एड्स विषय पर सांस्कृतिक प्रस्तुति की गयी, कार्यक्रम में मंच का सफल संचालन अनिल वर्मा, चौयरमेन यूथ रेडक्रास सोसाईटी, उत्तराखण्ड शाखा द्वारा किया गया।

उक्त कार्यक्रम में मेजर प्रेमलता वर्मा यूथ रेडक्रास समिति विहान नेटवर्क से दो एच०आई०वी० पॉसिटिव महिला स्पीकर द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये, महाराणा प्रताप स्पोटर्स कॉलेज से स्पोटर्स टीचर लोकेश, साथी ग्रुप देहरादून से गालिब, एवं अनिल रावत, हरीश चन्द्र शर्मा उप सचिव, रेडक्रास सोसाइटी, डा० नवीन सिंघल एच०ओ०डी० डी०आई०टी० यूनिवर्सटी, देहरादून, डा० अमन शुक्ला कॉर्डिनेटर ग्राफिक एरा, यूनिवर्सटी, देहरादून, नारायण सिंह राणा उत्तरकाशी द्वारा प्रतिभाग किया गया, तथा देहरादून में कार्यरत विभिन्न टी०आई० संस्थायें-एग्नेस कुंज सोसाइटी (होप), बालाजी सेवा संस्थान, पी०ई० जे०के०एस०, चौखम्बा, रूद्रा, टी०आई० संस्थान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर/प्रोग्राम मैनेजर एवं प्रतिनिधियों, डी०ए०वी० पी०जी० कॉलेज, (रोवर्स एंड रैजर्स), एन०एस०एस० के छात्र-छात्राओं एवं उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियन्त्रण समिति के अधिकारियों एवं कर्मचारियों एवं अन्य विभागों के विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

नवजात शिशु देखभाल सप्ताह का प्रदेशभर में हुआ शुभारम्भ

शिशु मृत्यु दर को कम करने में प्रयासरत स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड राज्य में शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए 15 से 21 नवंबर तक ‘नवजात शिशु देखभाल सप्ताह’ मनाया जा रहा है। इसमें कंगारू मदर केयर व स्तनपान को बढ़ावा देने तथा बीमार शिशुओं की पहचान कर उचित उपचार किया जाएगा। अमनदीप कौर, अपर मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मिशन निदेशक ने घर-घर जाकर गहनता से शिशुओ के स्वास्थ जाच किये जाने हेतु दिशा निर्देश दिए। इस हेतु औषधियों एवं उपकरणों के साथ साथ प्रशिक्षण पर भी जोर दिया गया। इसके साथ ही 10 नवम्बर 2023 से 29 फरवरी 2024 तक संचालित किये जाने वाले सांस अभियान की समीक्षा बैठक की गयी। अभियान का मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं में निमोनिया से होने वाली मृत्युओ को कम करना है। उक्त बैठक में डा0 अमित शुक्ला, प्रभारी अधिकारी मातृ एवं बाल स्वास्थ्य, एन0एच0एम0 के साथ-साथ समस्त जनपदों के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, एवं जिला कम्युनिटी प्रबंधक द्वारा प्रतिभाग किया गया।

राज्य में जल्द शुरू होगा यूकोटवीपे का चौथा चरणः आर राजेश कुमार

कुमांउ मंडल के चार दिवसीय दौरे से लौटने के बाद राज्य सचिवालय में आज स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की 38वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक ली। सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई कार्यकारिणी की बैठक में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगी। राज्य के कई अस्पतालों में अभी भी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है जिसको देखते हुए यू कोट वी पे का चौथा चरण जल्द शुरू होगा ताकि सभी जनपदों में प्राथमिकता के आधार पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती हो सके।

जल्द शुरू होगा यू कोट वी पे का चौथा चरण
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि प्रदेश के चिकित्सा इकाइयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति हेतु संचालित यू कोट वी पे मॉडल का चौथा चरण जल्द शुरु किया जाएगा। जिसमें सर्जन, गायनोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, ऑर्थाेपेडिक, एनेस्थेटिक, पैथोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशन, मनोवैज्ञानिक आदि पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्त कर सीमांत जनपदों में आमजन को स्वास्थ्य लाभ हेतु सेवाएं दी जाएगी।

एनएचएम के कर्मचारियों को तोहफा
स्वास्थ्य सचिव ने दीपावली से पहले एनएचएम कर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में भ्रमण के दौरान एनएचएम कर्मियों ने स्वास्थ्य सचिव के सामने यह मांग रखी थी। जिस पर आज उन्होंने अपनी मुहर लगा दी। कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रेदश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत पात्र कार्मिकों को पितृत्व अवकाश, बाल्य देखभाल अवकाश व बाल दत्तक अवकाश का लाभ उत्तराखंड शासन नियमावली के अनुसार दिए जाने पर सहमति प्रदान की गई।

वहीं स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि निशुल्क जांच योजना के अंतर्गत सभी 266 जांचों की गुणवत्ता की जांच करने हेतु गढ़वाल क्लस्टर के देहरादून मेडिकल कॉलेज व कुमांऊ क्लस्टर के हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की जाएगी।

बैठक में स्वाति भदौरिया मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, अमनदीप कौर अपर सचिव स्वास्थ्य, सुनीता टम्टा निदेशक स्वास्थ्य, प्रभारी अधिकारी डॉ अमित शुक्ला, डॉ राजन अरोड़ा, डॉ पकंज कुमार, डॉ फरीदुज़फ़र, डॉ मुकेश रॉय, महेंद्र मौर्य राज्य कार्यक्रम अधिकारी एन.एच.एम., कविता कौशल कंसल्टेंट मानव संसाधन सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।