कोविड 19 के नए वैरिएंट के मुकाबले को हम तैयारः स्वास्थ्य सचिव

कोविड 19 के नए वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है यह बात स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों के चिकित्सा इकाइयों में मॉकड्रिल के दौरान कही। मंगलवार को कोरोना के दृष्टिगत उत्तराखंड में स्वास्थ्य इकाइयों में आईसीयू वार्ड, इमरजेंसी, ऑक्सीजन प्लांट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सीलेंडर, आइसोलेशन बेड, एम्बुलेंस, कोविड टेस्टिंग लैब, दवाईयों की उपलब्धता आदि की तैयारियां मॉकड्रिल में परखी गई।
मॉकड्रिल के मौके पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा देहरादून स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय कोरोनेशन अस्पताल का जायजा लिया गया। उन्होंने सर्वप्रथम पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का जायजा लिया जहां उन्होंने प्लांट में ऑक्सीजन प्रेशर, ऑक्सीजन प्यूरिटी का निरीक्षण किया साथ ही मेडिकल गैस मैनिफोल्ड रुम, गैस स्टोर का जायजा लिया।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा इमरजेंसी वार्ड का मुआयना किया गया, उन्होंने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य उपकरणों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को इलाज के दौरान गुणवत्ता बनाए रखने को लेकर निर्देशित किया।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि जनपदों में मौजूद स्वास्थ्य इकाइयों में तैनात चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दे दिए गए हैं और किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। कोविड की स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग समयबद्ध तरीके से तैयारी कर चुका है व आम जनमानस को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा, कि विभाग की अपील है कि कोविड को लेकर कोई भी अफवाह ना फैलाएं साथ ही घबराने की जरुरत नही है। हमारी आमजन से अपील है कि कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करें और सावधानी बरतें। स्वास्थ्य संबंधित किसी भी समस्या के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपना इलाज कराएं।

स्वास्थ्य सचिव ने रूद्रप्रयाग जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों से जाना हालचाल

दो दिवसीय जनपद भ्रमण पर पहुंचे चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जिला अस्पताल एवं माधवाश्रम चिकित्सालय का निरीक्षण कर आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकितसा अधीक्षक को चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने भर्ती मरीजों का हालचाल जाना तथा उनसे व तामीरदारों से चिकित्सालय में मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं का फीड बैक भी लिया।

जिला चिकित्सालय पहुंचने के बाद स्वास्थ्य सचिव ने जिला चिकित्सालय में तैनात चिकित्सकों व अन्य मेडिकल स्टाफ की जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सालय परिसर में औषधि वितरण कक्ष, प्रसूति वार्ड, ऑपरेशन कक्ष, अल्ट्रासाउंड, एक्स रे कक्ष, ड्रग हाउस, ओपीडी कक्ष, लेबर रूम के साथ ही अस्पताल की साफ-सफाई का भी जायजा लिया। इसके अलावा उन्होंने अभिलेखों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान यहां भर्ती मरीजों से उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली। साथ ही चिकित्सालय में मिल रही सुविधाओं की जानकारी भी ली। निरीक्षण के दौरान उन्होंने चिकित्सालय में होने वाली विभिन्न जांचों की जानकारी लेते हुए कहा कि चिकित्सालय में होने वाली सभी जांचें भी मरीजों की सुविधा के अनुसार नियमित रूप से की जाएं। उन्होंने नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत चंदन हेल्थ केयर में मरीजों की निःशुल्क होने वाली जांच का उचित प्रबंधन करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही खुशियों की सवारी का सिस्टम दुरस्त रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रसूति के समय से एक वर्ष तक जच्चा-बच्चा खुशियों की सवारी को स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकता के अनुसार उपयोग में ला सकते हैं।

इसके बाद स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कोटेश्वर माधवाश्रम चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यहां पर सर्जरी ओटी व ऑर्थाे ओटी का निरीक्षण करने के साथ ही मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का भी जायजा लिया। साथ ही माधवाश्रम चिकित्सालय के ऊपरी भवन में तैयार हो रहे नवनिर्मित भवन के कार्य में गुणवत्ता के साथ तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि माधवाश्रम चिकित्सालय को फिलहाल कोविड हॉस्पिटल के तौर पर संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा 42 बेड का कॉर्डियक केयर यूनिट अगले तीन माह में तैयार करने हेतु संबंधित कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया गया है। उन्होंने कोविड को लेकर कहा कि यह पूरी तरह से नियंत्रण में है फिर भी सतर्कता के लिए राज्य में कोविड की नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। उन्होंने जिला चिकित्सालय सहित अन्य जनपदों में रिक्त चल रहे गाइनोलॉजिस्ट की तैनाती को लेकर कहा कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग यू कोड वीक पे योजना ला रहे हैं जिसके तहत हर तरह के विशेषज्ञ चिकित्सकों की मैरिट व क्वालिफिकेशन के आधार पर उन्हें कॉन्ट्रेक्ट बेस में पहाड़ में वरीयता के साथ ही अधिक आवश्यकता वाले जिलों में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा 1560 नर्सों की वर्षभार तैनाती व 820 एएनएम की भर्ती भी जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पूरे देश में एकमात्र ऐसा राज्य है जहां आयुष्मान कार्ड के तहत सभी का ईलाज किया जाता है। राज्य सरकार ने एपीएल व बीपीएल मानक को हटाते हुए सभी श्रेणियों को इसमें शामिल किया है इसमें लगभग सभी तरह के रोगों के ईलाज को शामिल किया गया है।

निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग अर्पणा ढौंडियाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचसीएस मार्ताेलिया, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव सिंह पाल, डॉ. प्रवीण बडोनी, डॉ. आशुतोष सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

निर्धारित दर से ज्यादा वसूला तो कोविड-19 एक्ट के तहत होगी कार्रवाई 

राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के उपचार की अनुमति देने के बाद इलाज की दरें तय कर दी हैं। कोरोना की गंभीर स्थिति और सुविधा के अनुसार निजी अस्पताल इलाज का खर्च मरीजों से वसूल सकेंगे। एनएबीएच से मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता वाले निजी अस्पतालों में आठ हजार से 18 हजार रुपये तक दरें तय की गई है। 
सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी ने बुधवार को इलाज के लिए तय दरों के आदेश जारी किए हैं। सरकार की ओर निर्धारित दरों से ज्यादा इलाज का खर्च वसूलने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ कोविड-19 एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश सरकार ने केंद्र की ओर से नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पाल की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर इलाज की दरों को लागू किया है। नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हास्पिटल(एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में आईसोलेशन बेड का प्रतिदिन 10 हजार रुपये(1200 रुपये पीपीई किट खर्च समेत), बिना वेटीलेंटर के आईसीयू बेड का 15 हजार (दो हजार रुपये पीपीई किट समेत), आईसीयू वेटीलेंटर का 18 हजार रुपये तय किया है।
जिसमें दो हजार रुपये पीपीई किट का खर्च भी शामिल है। इसी तरह एनएबीएच से गैर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में आईसोलेशन बेड का आठ, हजार, आईसीयू का 13000, आईसीयू वेटीलेंटर का 15000 रुपये तय किया है। इसमें पीपीई किट का खर्च भी शामिल होगा। 
कोविड इलाज के लिए तय दरों में बेड, भोजन, निगरानी, नर्सिंग देखभाल, डॉक्टरों का परामर्श शुल्क, सैंपल जांच भी शामिल है। इसके लिए निजी अस्पताल मरीज से अलग से शुल्क नहीं लेंगे। इलाज में अस्पतालों को केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन करना होगा।