सीएम से मिले हिमालच के मंत्री विक्रमादित्य सिंह

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हिमाचल के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री और हिमाचल के कैबिनेट मंत्री के मध्य उत्तराखण्ड और हिमाचल के बीच उत्तराखण्ड और हिमाचल की आपसी कनेक्टिविटी जोड़ने के लिए चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों राज्यों की सीमा पर स्थानीय काश्तकारों को टोल टैक्स में छूट प्रदान की जाय।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुखू से भी फोन पर वार्ता कर दोनों राज्यों की आपसी कनेक्टिविटी को और अधिक विस्तार देने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड और हिमाचल की भौगोलिक स्थिति लगभग एक जैसी है। हाल ही में सम्पन्न हुई नीति आयोग की बैठक में हिमालयी राज्यों के समग्र विकास के लिए विशिष्ट नीतियां बनाने का भी अनुरोध किया है।

हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड को जोड़ने वाले पांवटा साहिब में यमुना नदी पर 550 मीटर लम्बे 02 लेन पुल पर वाहनों की आवाजाही के कारण भारी कंपन दिखाई देती है। आई.आई.टी. रूडकी की जांच और संस्तुति के बाद सड़क परिवहन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भी इसके मरम्मत की मंजूरी दे दी गयी है। इसके लिये कम से कम 02 माह पुल के यातायात को बन्द करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसके लिए पूरा सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुल की मरम्मत से पहले जिलाधिकारी देहरादून और जिलाधिकारी सिरमोर द्वारा डायवर्जन प्लान बनाया जायेगा।

कैबिनेट मंत्री हिमाचल प्रदेश ने कहा कि यातायात की सुगमता के लिये पुल के पास बनाए गए वन, खनन, आबकारी एवं आर.टी.ओ. के अवरोधों तथा लोडेड वाहनों की पार्किंग को पुल से 01 किमी. दूर स्थानांतरित किये जाने की आवश्यकता होगी, इस पर मुख्यमंत्री ने आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।

कैबिनेट मंत्री हिमाचल प्रदेश ने हिमाचल को उत्तराखण्ड से जोड़ने के प्रयासों पर बल देते हुए उत्तराखण्ड द्वारा यमुना नदी पर बनाये गये भीमावाला नावघाट 540 मीटर लम्बे पुल को जोडने वाले 820 मीटर लम्बे सम्पर्क मार्ग के निर्माण पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हिमाचल से उत्तराखण्ड को जोडने वाले धौला से सेवाडोगरी तक 10 कीमी. सड़क निर्माण कार्य होने से डोडराक्वार क्षेत्र 12 महीने आवागमन सुचारू हो जायेगा और दोनों राज्यों की आपसी कनेक्टिविटी भी बन जायेगी।

इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश की पूर्व लोकसभा सांसद प्रतिभा सिंह, सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय और हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

अटल टनल का उद्धाटन कर बोले पीएम, पहाड़ के लोगों को पता है दूरी कम होने का मतलब

हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी विश्व की सबसे लंबी सुरंग अटल टनल का शुभारंभ किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टनल का उद्धाटन करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया। कहा कि दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है। मेरा सौभाग्य है कि अटल टनल का उद्धाटन करने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ है। हिमाचल प्रदेशों के करोड़ों लोगों के साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी का भी सपना साकार हुआ है।

बता दें कि अटल सुरंग दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। इसकी लंबाई 9.02 किलोमीटर है जो मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ेगी। इससे पहले यह घाटी भारी बर्फबारी के कारण लगभग छह महीने तक संपर्क से कटी रहती थी। मगर अब हर मौसम में सफर जारी रहेगा। इस सुरंग से मनाली और लेह के बीच की पीएम मोदी ने कहा कि अटल टनल लेह, लद्दाख की लाइफ लाइन बनेगी। लेह-लद्दाख के किसानों और युवाओं के लिए भी अब देश की राजधानी दिल्ली और दूसरे बाजारों तक पहुंच आसान हो जाएगी। इस अटल टनल से मनाली और केलॉन्ग के बीच की दूरी 3-4 घंटे कम हो ही जाएगी। पहाड़ के मेरे भाई-बहन समझ सकते हैं कि पहाड़ पर 3-4 घंटे की दूरी कम होने का मतलब क्या होता है।

…तो 2040 में पूरा होता टनल का काम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि साल 2002 में अटल ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था। अटल सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया। हालात ये थी कि साल 2013-14 तक टनल के लिए सिर्फ 1300 मीटर का काम हो पाया था। एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस रफ्तार से 2014 में अटल टनल का काम हो रहा था, अगर उसी रफ्तार से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती।

हमने 26 साल का काम छह साल में किया
प्रधानमंत्री बोले, अटल टनल के काम में भी 2014 के बाद, अभूतपूर्व तेजी लाई गई। नतीजा ये हुआ कि जहां हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गई। सिर्फ 6 साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया।

इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने फीता काटकर सुरंग का उद्घाटन किया। मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग आदि उपस्थित थे।

एक नजर अटल सुरंग पर…
अटल सुरंग को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात घनत्व के लिए डिजाइन किया गया है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था और सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। मोदी सरकार ने दिसम्बर 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का निर्णय किया था, जिनका निधन पिछले वर्ष हो गया।