महान पूर्वजों की विरासत को संरक्षण देना हमारा नैतिक कर्तव्य-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति के प्रमुख पर्व ईगास/बुढ़ दिवाली की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि ईगास उत्तराखंड के पर्वतीय अंचलों का प्रमुख लोक पर्व है, जो हमारी पौराणिक कथाओं, आस्थाओं, पशुधन के प्रति सम्मान और कृषि तथा ऋतु आधारित एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह हमें जीवन में प्रेम, उल्लास और उमंग का संदेश देता है। हमारे महान देवतुल्य पूर्वजों द्वारा प्रारंभ परंपराएं आज वैज्ञानिक युग में भी तार्किक संदेश देती है कि मनुष्य जीवन का आस्था और प्रकृति के साथ किस तरह का अटूट संबंध होना चाहिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में और देश-विदेश में जहां-जहां उत्तराखंडी निवास करते हैं, वे बड़े उल्लास के साथ ईगास/बुढ़ दिवाली का आयोजन करते हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन्वेस्टर समिट से जुड़े कार्यक्रम हेतु हाल ही में विदेश यात्राओं में उन्हें जो भी प्रवासी उत्तराखंडी लंदन, सिंगापुर, दुबई में मिले, उन्होंने बताया कि वह बड़े उल्लास से विदेश में भी इस लोक पर्व को दीपावली की तरह ही मनाते हैं। प्रवासियों ने राज्य सरकार का आभार प्रकट किया कि सरकार द्वारा इसे राजकीय अवकाश घोषित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने अपनी संस्कृति और अस्मिता के लिए पृथक राज्य की लंबी लड़ाई लड़ी ताकि हमारा प्रदेश अपनी भौगोलिक विशिष्ठाओं के अनुरूप नीति और नियोजन कर सके और साथ ही अपनी सभ्यता संस्कृति का भी संरक्षण कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप उनके सरकारी आवास पर ईगास/बुढ़ दिवाली पर्व का आयोजन किया गया है किंतु राज्य के मुख्य सेवक होने के नाते इस समय उनकी पहली चिंता सुरंग में फंसे हुए उन श्रमिक भाइयों को लेकर है, जिनके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विश्व स्तरीय तकनीकी के प्रयास चल रहे हैं और बहुत जल्द इस ऑपरेशन को पूरा करने में सफल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह क्षण हमारे लिए वास्तविक ईगास/बुढ़ दिवाली का होगा। हम सभी प्रदेशवासियों की कामना है कि हम सब उन्हें मनोबल दें और प्रार्थना करें कि बचाव अभियान जल्द सफलतपूर्वक पूर्ण हो।

मुख्यमंत्री धामी ने दुनियाभर से निवेश उत्तराखंड लाने का लिया संकल्प

श्रीकृष्ण ने श्रीमद् गीता में कहा है कि ‘योगः कर्मसु कौशलम’। अर्थात फल की चिंता न करते हुए कर्मों को कुशलतापूर्वक करना ही योग है। इस सूत्रवाक्य को आत्मसात करते हुए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुनियाभर से उत्तराखण्ड में निवेश लाने का संकल्प लिया है। इसके लिए हाल ही में उन्होंने इंग्लैण्ड का दौरा किया। तीन दिवसीय दौरे का एक एक क्षण उन्होंने उत्तराखण्ड की ब्रांडिंग और वैश्विक निवेशकों को लुभाने के लिए समर्पित कर दिया। धामी ने इंग्लैण्ड में अपना ध्यान सिर्फ और सिर्फ अपने मकसद पर केन्द्रित रखा।

बीते 26 सितम्बर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी टीम के साथ लंदन पहुंचे थे। लंदन पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले रोपवे ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में निवेश करने वाली अग्रणी कम्पनी पोमा के निदेशक मण्डल से वार्ता की कम्पनी को निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में भारत में उत्तराखण्ड निवेश के लिए किसी तरह सबसे मुफीद प्रदेश है। इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री धामी ने इण्डिया हाउस में टूरिज्म सेक्टर में निवेश करने वाली तमाम नामी कम्पनियों के साथ बैठक कर उन्हें करार के लिए राजी किया। भोजनावकाश के बाद धामी ने यूके पार्लियामेंट में कोबरा बियर के संस्थापक और अध्यक्ष लार्ड करन बिलिमोरिया से मुलाकात की। शाम के वक्त धामी ने लंदन में जबरदस्त रोड शो किया जिसमें प्रवासी भारतीय खासकर उत्तराखण्ड के प्रवासियों ने बड़ी संख्या में जुटे।

दूसरे दिन 27 सितम्बर को मुख्यमंत्री धामी ने बर्मिंघम में रोड शो के जरिए निवेशकों का ध्यान उत्तराखण्ड की ओर खींचा। तकरीबन दो घण्टे तक चला यह रोड शो देखने लायक था, जिससे उत्तराखण्ड की जबरदस्त ब्रांडिग की गई। रोड शो समाप्त होते ही धामी ने डब्लूएमजी यानि वारविक मैन्यफैक्चरिंग ग्रुप के प्रतिनिधियों के साथ लम्बी मंत्रणा की और उन्हें देवभूमि में निवेश का न्यौता दिया। देर शाम धामी ने नॉरटन मोटर साइकल कम्पनी के टॉप ऑफिशियल के सामने निवेश के प्रस्ताव रखे जिसे कम्पनी ने सहर्ष स्वीकार किया। यह वही कम्पनी है जिसे भारत की कम्पनी टीवीएस अधीग्रहित कर चुकी है। इसके बाद धामी देर शाम बर्मिंघम से लंदन लौट आए आए।

तीसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंदन में यूरोप में ट्रेड फेयर आयोजित करने वाली सबसे बड़े संस्थान फीरा द बार्सिलोना के प्रतिनिधियों से वार्ता की। यह संस्थान आर्थिक गतिविधियों के लिए वैश्विक प्लेटफार्म मुहैया करवाने के लिए मशहूर है। बैठक के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए धामी फिर ईज माई ट्रिप के प्रबंधन से मिले। इस कम्पनी को ट्रैवलिंग के क्षेत्र में व्यवसाय की महारत हासिल है। दोपहर का वक्त मुख्यमंत्री धामी ने अफ्रीका, कैरेबियन और कॉमनवैल्थ इंस्टीट्यूट ऑफ एकसपोर्ट एण्ड इण्टरनेशनल ट्रेड की स्ट्रैटेजिक हैड दिविया पटेल स्मिथ के साथ लम्बी मंत्रणा की और उनके व्यवसायिक अनुभवों को जाना। फिर देर शाम तक धामी ने एक के बाद एक जर्मन एम्बेसी, यूनिवर्सिटी ऑफ बोल्टोन के साथ की कई अन्य नामी कम्पनियों के प्रबंधकों से अपने प्रस्ताव साझा किए। उनके इस व्यस्त दौरे का प्रतिफल यह रहा कि लंदन और बर्मिंघम में तकरीबन 12,500 करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर उत्तराखण्ड सरकार के साथ करार हुए। धामी के कर्मयोग की बदौलत ही राज्य को यह सफलता मिल पाई। इंग्लैण्ड के सफल दौरे के बाद शनिवार को देहरादून पहुंचे धामी का देहरादून में जोरदार स्वागत हुआ। अब धामी 5 अक्टूबर से सिंगापुर और ताइवान के भ्रमण पर रहेंगे। इसके बाद 16 अक्टूबर को वह दुबई के दौरे पर रहेंगे और निवेशकों को उत्तराखण्ड में निवेश का न्योता देंगे।

राज्य में औद्योगिक विकास को हर संभव किये जा रहे प्रयासः धामी

राज्य सरकार का प्रयास है कि हमारे औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों से लगातार संवाद बना रहे, जिससे सभी समस्याओं का समाधान आसानी से हो सके। राज्य में जल्द ही इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जायेगा। इन्वेस्टर समिट के ब्रांड एम्बेसडर भी हमारे औद्योगिक जगत से जुड़े लोग हैं। राज्य में औद्योगिक विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने होटल रेडिसन ब्लू रुद्रपुर में राज्य स्तरीय उद्योग मित्र समिति की बैठक में सभी उद्योगपतियों का स्वागत करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि औद्योगिक नीति में उद्योगपतियों के सुझावों को शामिल किया गया है। उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य एवं बेहतर मानव संसाधन उद्योगपतियों को उत्तराखण्ड की ओर आकर्षित कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बैठक में जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, इन सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक संस्थानों का तेजी से विकास हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहयोग दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि बड़ी बैठकें राज्य के अलग-अलग स्थानों पर हो, इसलिए उद्योग मित्र की इस बैठक का आयोजन रूद्रपुर में करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह की बैठकें 06 माह में एक बार अवश्य हो, इसके प्रयास किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड अभी युवा राज्य है। सीमित संसाधन होने के बावजूद भी राज्य के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा राज्य में सी.एस.आर के लिए एक सेल बनाया गया है। औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों एवं संस्थानों से राज्य को सी.एस.आर. फंड से सहयोग देने की भी मुख्यमंत्री ने अपील की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास हेतु अनुकूल माहौल है। राज्य में औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक भवनों की ऊंचाई और बढ़ाई जायेगी। सिडकुल की सड़के बनाई जायेंगी और धीरे-धीरे अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया गया है तथा औद्योगिक क्षेत्रों सहित सभी जगह से अतिक्रमण हटाया जायेगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण श्रेणी का सरलीकरण करते हुए प्रयास किया जाएगा कि व्हाइट श्रेणी में आने वाले उद्योगों को एनओसी न लेनी पड़े। उन्होंने कहा कि सोप स्टोन रॉयल्टी कम की गई है। प्रभावी लीसा नीति हेतु हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों की लीसा नीतियों का परीक्षण कराते हुए लीसा नीति का भी सरलीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक आस्थानों में पुराने विद्युत सब स्टेशन्स पर लोड की समीक्षा करते हुए आवश्यकतानुसार सब स्टेशनों को अपग्रेड किया जाये तथा औद्योगिक आस्थानों से अलग ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों के लिए अलग से फीडर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्किल रेट के आधार पर स्टाम्प शुल्क गणना के सम्बन्ध में कन्फ्यूजन दूर करने के लिए स्पष्टीकरण किया जायेगा ताकि किसी भी प्रकार का कन्फ्यूजन न रहे। फूड प्रोसेसिंग पर शुल्क खत्म करने हेतु परीक्षण कराया जाएगा। बहादराबाद इंडस्ट्रियल क्षेत्र में फायर स्टेशन स्थापित कराया जाएगा। सूक्ष्म उद्योगों हेतु सीडा द्वारा कम्पलीशन सर्टिफिकेट के लिए फायर एनओसी हटाने सम्बन्धी सुझाव का परीक्षण कराया जाएगा। कारखाना अधिनियम में कर्मचारियों की संख्या निर्धारण के सम्बन्ध में परिवर्तन किया जाएगा। पेट्रोलियम लाईसेन्स नवीनीकरण हेतु अवधि बढ़ाई जायेगी। जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हेतु काशीपुर में ईएसआई हॉस्पिटल प्रस्तावित किया गया है। दूरस्थ क्षेत्रों को हैली सेवा से जोड़ने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है तथा पन्तनगर एयरपोर्ट को अन्तराष्ट्रीय स्तर का बनाने की कार्यवाही लगभग अन्तिम चरण में है। उन्होंने कहा कि राज्य में सिंगल विण्डो सिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है। उन्होंने महिला वर्करों की सुरक्षा, सशक्तिकरण विषय पर सभी उद्यमियों से लिखित में सुझाव देने की अपील की।
बैठक के दौरान उद्योग मित्रों ने औद्योगिक इकाइयों की बेहतरी के लिए सुझाव दिए, समस्या रखी व सरकार द्वारा उद्योग नीतियों में किये गए सरलीकरण की सराहना की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक सरकार व उद्योग मित्रों में मध्यस्थता का कार्य करेगी जिससे उत्तराखंड में उद्योग और अधिक उन्नति करेंगे। उद्योगों ने राज्य के विकास में सहयोगी की भूमिका निभाई है।
केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना काल में उत्पन्न समस्याओं का सामना करते हुए आज भारत विश्व की 5वी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है। उन्होंने कहा कि आपसी समन्वय से निश्चित ही विकास कार्यों को और अधिक गति मिलेगी।
बैठक में विधायक शिव अरोरा, मेयर रामपाल सिंह, मुख्य सचिव डॉ. एसएस सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, पंकज पाण्डे, रंजीत सिन्हा, दीपेन्द्र चौधरी, हरि चन्द्र सेमवाल, मण्डलायुक्त दीपक रावत, आईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, अपर सचिव मुख्यमंत्री जगदीश चन्द्र काण्डपाल, बीजेपी जिलाध्यक्ष कमल जिन्दल, गुंजन सुखीजा, उद्यमि दुर्गेश मोहन, रमेश चन्द्र, मनोज दागा, अनुज सिंघल, राजीव गुप्ता, एलएम बिष्ट, आशुतोष शर्मा, आर मिड्डा, विनीत सांगल, अशोक बंसल, डीसी बिष्ट, अमित सिंह, दिलीप सिंह खेतवाल, हरिओम अग्रवाल सहित अन्य उद्यमि व अधिकारी उपस्थित थे।

उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में यह नई पहल

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में ‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ की प्रथम बैठक आयोजित की गई। राज्य में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने ‘‘स्टार्टअप, नवाचार और उद्यमिता पर मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’’ स्थापित किया है। राज्य में स्टार्टअप ईकोसिस्टम विकसित करने के लिए इस समूह द्वारा नवाचार और उद्यमिता के लिए राज्य में एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने, अनुसंधान और नये उत्पादों, सेवाओं, व्यापार मॉडल के विकास को प्रोत्साहित करने, उपयुक्त पॉलिसी योजनाओं और आवश्यक समर्थन प्रणाली को विकसित करने हेतु परामर्श देना है। इसके अलावा पाठ्यक्रम, मॉड्यूल प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में नवाचार और उद्यमशीलता के बारे में जागरूकता, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निकायों और एजेंसियों के साथ आवश्यक साझेदारी हेतु सलाह देना है। बनाए गए ‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ में 07 सरकारी एवं 06 गैर सरकारी सदस्य शामिल हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकल के लिए वोकल बनने की जो बात कही गई यह उस दिशा में प्रयास है। उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में यह नई पहल की जा रही है। जिसमें सरकारी के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के गैर सरकारी विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इन विशेषज्ञों की सलाह से राज्य के औद्योगिक विकास एवं हिमालयी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विविध जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां कि जैव विविधता का फायदा लेते हुए इस दिशा में अनेक कार्य हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे नवोदित राज्य में औद्योगिक विकास की बहुत संभावनाएं हैं। राज्य में इन्वेस्टर समिट के दौरान सवा लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। जिसमें से 25 हजार करोड़ के कार्यों की ग्राउंडिंग हो चुकी है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड 19 के जिस दौर से हम गुजर रहे हैं, उससे औद्योगिक गतिविधियां जरूर प्रभावित हुई हैं। इस दौर दिक्कतें भी आई हैं और नई संभावनाएं भी विकसित हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस समूह के विशेषज्ञों द्वारा उत्तराखण्ड में मेडिकल एवं मेंटल हेल्थ को लेकर क्या कार्य हो सकते हैं, इस पर जरूर सुझाव दें। उन्होंने कहा कि ग्रुप के सभी सदस्यों के सुझावों पर गम्भीरता से कार्य किया जायेगा।

वीडियो कांफ्रेंस से विशेषज्ञों के सुझाव
वीडियो कांफ्रेंस से कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों और अवसरों, नवाचार और उद्यामिता को बढ़ावा देने के लिए नई पहलों पर चर्चा की गई। इंडियन एंजल नेटवर्क के फाउण्डर डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने सुझाव दिया कि राज्य में उद्यमिता के विकास के लिए जो भी योजना बने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से बने। स्टार्टअप के तहत जॉब क्रियेशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। उत्तराखण्ड के उत्पादों की अलग ब्रांडिंग हो, वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। नैना लाल किदवई ने कहा कि रूरल टूरिज्म एवं होम स्टे को बढ़ावा दिया जाय। एग्रो प्रोसेसिंग एवं फोरेस्टरी सेक्टर में अनेक कार्य किये जा सकते हैं। विनीत नायर ने कहा कि मेंटल हेल्थ के क्षेत्र में अनेक कार्य हो सकते हैं। हमें सबसे पहले बच्चों के मेंटल हेल्थ पर फोकस करना होगा। स्टार्टअप का भविष्य साइंस और तकनीक पर आधारित है। इस दिशा में पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। रमन रॉय ने कहा कि लाईवलीहुड बिजनेस पर ध्यान देने की जरूरत है। राज्य बिजनेस के कल्चर को प्रमोट करने की जरूरत है। विभिन्न सेक्टर में कार्य करने के लिए प्रत्येक सेक्टर के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने होंगे। संजीव बिखचंदानी ने कहा कि राज्य में कुछ बड़े उद्योग स्थापित करने होंगे। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत अनेक कार्य किये जा सकते हैं।