रामनगर गर्जिया में पर्यटन जोन अति शीघ्र अस्तित्व में आएगाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रामनगर स्थित धनगढ़ी गेट पहुंचकर लगभग 01 करोड़ की लागत से निर्मित अत्याधुनिक तकनीकि से युक्त कार्बेट परिचय केंद्र, नेचर शॉप, कैंटीन का लोकार्पण किया। सीएम ने कार्बेट टाइगर रिजर्व की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के स्मारक पर दीप जलाकर व पुष्प चक्र एवं पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कार्बेट परिचय केंद्र के खुलने से पर्यावरण एवं वन्य जीव प्रेमियों को कार्बेट पार्क की जैव विविधता को जानने एवं समझने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि यह केंद्र वन एवं वन्य जीव संरक्षण के साथ ही पर्यावरण व वन्यजीव प्रेमियों को प्रेरित करने का कार्य करेगा। उन्होंने आयोजित हो रहे वन्य जीव सप्ताह में सभी से जैव विविधता के संरक्षण एंव महत्व के बारे में जागरूक होने को कहा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पार्क का आकर्षण बढ़ने के साथ ही जिम्मेदारियां भी बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिरूल जिसे संकट एवं समस्या माना जाता है उसके रेजिन एवं लीसा से मलेशिया में 127 किस्म के उत्पाद बनाए जा रहे हैं, बैजनाथ में लीसा एवं रेजिन से 7 से 8 प्रकार के उत्पाद बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीड़ की पत्तियों से चारकोल, बिजली उत्पादन हो रहा है। सीएम ने कहा कि पीरुल से 25 किलो वाट की विद्युत उत्पादन यूनिट में 207 लोगों को पहले फेज में एक यूनिट द्वारा काम दिया गया है। यूनिट की क्षमता बढ़ने के साथ ही रोजगार में भी वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में अटल आयुष्मान योजना बहुत अधिक कारगर सिद्ध हुई है। अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत राज्य के दो लाख से अधिक लोगों को लाभ मिला है, जिसमें 192 करोड़ रुपये खर्च हुए है। योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा संबंधित अस्पतालों को 1 सप्ताह के भीतर भुगतान भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत 175 अस्पतालों के स्थान पर अब देश के 22 हजार से अधिक चिन्हित अस्पतालों में जाकर गोल्डन कार्ड दिखाकर मरीज अपना इलाज करा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्जिया में पर्यटन जोन अति शीघ्र अस्तित्व में आएगा, जिसमें 50 जिप्सी तथा 50 नेचर गाइड को रोजगार के अवसर मिलने के साथ ही क्षेत्रीय जनता को भी लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने चोपड़ा, लेटी, रामपुर गांव को राजस्व ग्राम बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कार्बेट पार्क बाघों के संरक्षण के साथ ही इस बात के लिए भी जाना जाएगा कि यह वही पार्क है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले का बदला एवं प्रतिकार लेने के लिए दृढ़ निश्चय एवं संकल्प लिया था जिसका प्रतिकार सेना द्वारा लिया गया।

कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की जनगणना का डाटा जारी करते हुए बताया गया कि वर्ष 2018 में कार्बेट टाइगर रिजर्व में टाइगर रॉकी संख्या 231 थी जो कि वर्ष 2020 में 252 से अधिक हो चुकी है।

हल्द्वानी में सीएम बोले, प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त व पारदर्शी सरकार देना हमारा लक्ष्य

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा हल्द्वानी तहसील प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में 11936.77 लाख की 62 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 20 योजनाओं लागत 3163.56 लाख की धनराशि का लोकार्पण तथा 42 योजना लागत 8773.21 लाख की योजनाओं का शिलान्यास किया गया तथा प्लाज्मा डोनर राहुल दानी, तारा कोरंगा व 6 गरीब अनाथ बच्चियों कोमल राणा, कान्ता आर्या, अर्चना भारती, चन्द्रकला, केसिया गोरखा तथा फेबा गोरखा को उनकी पढाई हेतु 4 लाख 93 हजार के चेक वितरित किये।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त एवं पारदर्शी सरकार देना हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल 1905 में प्राप्त 30 हजार समस्याओं का समाधान किया गया है। प्रदेश में 500 विद्यालयों में ऑनलाईन शिक्षा दी जा रही है। उन्होने कहा कि सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़को पर बेहतर कार्य किये हैं। सरकार द्वारा स्वरोजगार देने के ज्यादा से ज्यादा प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में स्वरोजगार की पर्याप्त सम्भावनाएं ह,ै प्रदेश में चीड की पत्तियों से विद्युत उत्पादन प्रारम्भ हो चुका है, प्रदेश की चीड के जंगलों से 200 मेगावाट विद्युत उत्पादन सामथ्र्य है तथा 40 हजार लोगों को रोजगार देने की भी सामथ्र्य है। उन्होने कहा कि 10 हजार व्यक्तियों को चीड़ की पत्तियों से विद्युत उत्पादन हेतु स्वरोजगार से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश है, राज्य सरकार स्वरोजगार हेतु 10 हजार नौजवानों को बाईक के लिए ऋण देगी तथा 02 वर्ष तक ब्याज सरकार वहन करेगी, साथ ही 03 माह में 25 हजार लोगो को कैम्पा योजना के तहत रोजगार दिया जायेगा। फसलों को बन्दरों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जनपदों में 04 बन्दरवाडे बनाये जायेगे, जिसका शिलान्यास 09 नवम्बर राज्य स्थापना दिवस पर किया जायेगा। जिनकी क्षमता 30 हजार बन्दरों को रखने की होगी। चिकित्सा विभाग को और सुदृढ़ किया जायेगा, 720 चिकित्सकों व 1000 नर्सो की शीघ्र भर्ती की जायेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन ऑडिटोरियम हेतु 08 करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। आई बैक के लिए 32 करोड तथा पनचक्की चैराहे से काठगोदाम तक सडक निर्माण हेतु 8 करोड की धनराशि स्वीकृत कर दी है। कैंसर रिसर्च इंस्टिटूट के लिए भूमि का ऑनलाइन प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है स्वीकृति मिलते ही कार्य प्रारम्भ किया जायेगा। उन्होने कहा कि हल्द्वानी चिडियाघर एवं आईएसबीटी हेतु भूमि चयन कर वनभूमि हस्तान्तरण प्रस्ताव ऑनलाइन भारत सरकार को भेजा गया है तथा 1822 करोड से बनने वाले हल्द्वानी रिंग रोड का प्रस्ताव भी स्वीकृति हेतु भारत सरकार को भेजा गया है। जिसकी 5 अक्टूबर को केन्द्र सरकार मे महत्वपूर्ण बैठक भी है।

मुख्यमंत्री ने जनपद के विभिन्न पर्यटन में म्यूरल्स में लागत 50.56, आयुर्वेदिक चिकित्सालय भवन निमार्ण कालाआगर में लागत 51.46, माध्यमिक शिक्षा प्रयोगशाला रा.उ.मा.वि. किशनपुर निर्माण कार्य लागत 86.79, रा.उ.मा.वि. शिवपुर बैलजुडी रामनगर में लगात 102.34, रा.आ.इ.का. सुन्दरखाल धारी में लागत 27.85, रा.आ.इ.का. लामाचैड़ लगात 18.72, एन.आर.एल.एम. तहसील हल्द्वानी में कैन्टीन का निर्माण में लागत 7.70, सिंचाई विभाग नाबार्ड योजना के अन्तर्गत जनपद नैनीताल के विकास खण्ड कोटाबाग एंव रामनगर में 70.60 किमी लम्बी सिचांई गूलों के निर्माण में लागत 1092.02, नाबार्ड योजना के अर्न्तगत विकास खण्ड भीमताल, धारी, रामगढ़ में 64.07 किमी पर्वतीय नहरों का पुनरोद्धार व 2.65 किमी गूलों का निर्माण तथा 37 संख्या सिचांई टैकों की योजनाओं की लागत 607.04, विकास खण्ड बेतालघाट में 62.60 किमी नहरों का पुनरोद्धार, लाईनिंग एंव 11 संख्या सिचाई टेकों का निमार्ण योजना में लागत 738.45, बलियानाला में भू-स्खलन से आये मलवे की रोकथाम की योजना में लागत 86.60, पशुपालन विभाग में निराश्रित दुर्घटना ग्रस्त पशुओं की सहायतार्थ आपातकालीन वाहन के शुभारम्भ से संबंधित सूचना में लागत 10.70 एनआर.एल.एम. राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन के अन्तर्गत गठित स्वंय सहायता समूहों द्वारा संचालित 11 हिलान्स आउट्लेटस निर्माण में लागत 33.15, पर्यटन विभाग में जिला योजना के अन्तर्गत ट्रेक रूट सौन्दर्यीकरण हाईटैक शौचालय निमार्ण कार्य में लागत 67.85,चिकित्सा एंव स्वास्थ्य जिला योजना के अन्तर्गत सोबन सिंह जीना बेस चिकित्सालय हेतु 05 वेन्टीलेटरों की स्थापना में लागत 51.95, बीडी पाण्डे पुरूष चिकित्सालय हेतु कलर डॉप्लर अल्ट्रासाउण्ड मशीन की स्थापना लागत 17.84, निर्माण खण्ड लोनिवि जिला खनिज फाउन्डेशन न्यास मद के अन्तर्गत महिला चिकित्सालय से सरस बाजार तक डिवाईडर के ऊपर रैलिंग लगाने का कार्य नैनीताल माटर मार्ग के किमी 84 से 92 के माध्य फुटपाथ पर जाल लगाने व जल निकासी आउटलेट लगाने का कार्य किमी 87 से 90 के मध्य अनावश्यक क्रांसिग को बन्द करने एंव वर्कशाप लाईन मोटर मार्ग में डिवाईडर का कार्य शहर में यातायात को नियन्त्रण करने हेतु रोड सेफ्टी उपकरणों की आपूर्ति का कार्य लागत 64.69, जमरानी बाध निमार्ण खण्ड-2 गौला बेराज स्थित स्टोर की बाउड्री वाला तथा स्टोर रूम के पास चैकीदार हेतु कक्ष निर्माण का कार्य लगात 19.70, जल संस्थान रामनगर 07 नग हैण्डपम्पों का अधिष्ठापन का कार्य में लगात 22.61, प्राथमिक शिक्षा जिला खजिन फाउन्डेशन न्यास मद के अन्तर्गत विभिन्न विद्यालयों में सुदृढीकरण कार्य हेतु लागत 5.54 लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने बिसोद पाडली मोटर मार्ग का नव निर्माण लगात 38.13, घुघुखान सौड मोटर मार्ग के मध्य मिसिंग लिंक का निर्माण लागत 32.62, क्षतिग्रस्त लोअर माल रोड सुदृढीकरण कार्य लगात 82.01, पंगोट दैचोरी का नव निर्माण लागत 356 लाख, मैट्रोपोल पांर्किग समतलीकरण, नाली एंव वायर फेन्सीग कार्य 42.05 लाख, नैनीताल- कालाढूगी मोटर मार्ग नलनी तक हल्का वाहन मार्ग का पुनः निर्माण 179.08 लाख, भीमताल से ढुॅगसिल मोटर मार्ग डामरीकरण 60.47 लाख, भगवानपुर बिचला, हिम्मतपुर तल्ला, कमुलागांजा मेहता कबडाल एंव लोहरियासाल तल्ला के आन्तरिक मार्गो में पीसी एंव नव निर्माण 238.28 लाख, ग्राम सभा डडालय नयाबाद, वासुदेवपुरम हिम्मतपुर मल्ला, बच्चीनगर, भरतपुर न. 02, महाऋषि दयानन्द, कृष्णा इनक्लेव व केशव इनक्लेव आन्तरिक मार्गो का पीसी व नव निर्माण कार्य 86.44 लाख, कार्तिकेय कालोनी फेस -1, हिम्मतपुर मल्ला, लोहरियासाल तल्ला, शिवपुरम, हिम्मतपुर तल्ला, कृष्णा इन्कलेव, वैवभव कॉलोनी, ऊचापुल के आन्तरिक मार्गो का सुधारीकरण डामरीकरण का कार्य 117.34 लाख, विकासपुरम, जजफार्म, गिरिजा विहार, छडायल नायक, उत्तराचंल कालोनी, नीलाचंल कॉलोनी, केशर कॉलोनी व संगम विहार, फेस-5 के आन्तरिक मार्गो का सुधारीकरण एंव डामरीकरण का कार्य 189.44 लाख, रामनगर में पडने वाले विभिन मार्गो पर साईनेज लगाने का कार्य 25.92 लाख, रानीबाग-भीमताल-पदमपुरी-लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग लोडिग स्टील ट्रस सेतु का निर्माण 717.59 लाख,खैरना-रानीखेत मोटर मार्ग स्टाल गर्डर ब्रिज का निर्माण 1003.77 लाख, थाना भीमताल परिसर में टाईप- 2 के दो आवासीय भवनों के निर्माण कार्य 49.54, रा.इ.का कशियालेख में विज्ञान प्रयोगशाला, आर्ट एंव क्राफ्ट कक्ष निर्माण 86.84 लाख, राजकीय महाविद्यालय बेतालघाट भवन निर्माण हेतु 224.39 लाख , ओखलकाण्डा विकास खण्ड के खनस्यूॅ ग्राम में गौला नदी के बायें एंव दायें पाश्र्व पर बाढ़ सुरक्षा योजना 226.15 लाख, खैरना के अन्तर्गत कोसी नदी पर रोपा एंव चापड़ गांव को जोडने हेतु 125 मी. विस्तार सेतु का निर्माण का कार्य 700.88 लाख, खैरना के अन्तर्गत कोसी नदी पर अमेल एंव खैराली गांव को जोडने हेतु 160-200 मी. विस्तार के पैदल सेतु का निर्माण का कार्य 1186 लाख, खैरना के अन्तर्गत तल्ली सेठी एंव सिमटिया गांव को जोडने हेतु कोसी नदी पर 160ध्90 मी. विस्तार का पैदल सेतु का निर्माण का कार्य 581.43 लाख, विकास खण्ड रामनगर के गाम नया झरना न. 2 नया ढांग, देवीपुरा बॉसीटीला, रूपपुर एंव नािपर छोई में 05 सं. राजकीय नलकूपों के निर्माण की परियोजना 496.33 लाख, नलकूप निमार्ण की योजना हिम्मपुर, सावल्दें 198.19 लाख, विकास खण्ड कोटाबाग के गा्रम मोहनपुर बजवालध् मोहनपुरा मेहरा में 01 सं. राजकीय नलकूप निमार्ण की योजना 97.12 लाख, गरमापानी, कोश्याकुटोली, नैनीताल में कार पार्किग एंव कामर्शियल शॉप के निर्माण कार्य 251.42 लाख, के.एम.बी.एन. के बारातघर तक एंव देवदार लॉज के सामने सड़क के किनारे सतह पार्किग विकसित किये जाने का कार्य 70.03 लाख, विद्यालयों में सुदृढीकरण व नवावार का कार्य 80.05 लाख, विद्यालयों में सुदृढीकरण व नवाचार कार्य 78.80 लाख, पर्यटन स्थलों का अवस्थापना विकास, ओपन एयर थियेटर , ओपन एयर जिम तथा साइनेजेज की स्थापना 87.45 लाख, पर्यटन स्थलों में म्यूरल्स की स्थापना 60 लाख, बी.डी. पाण्डे महिला चिकित्सालय में उपकरणों की स्थापना एंव विभिन्न अनुभागों में लघु निर्माण व मरम्मत कार्य 41.98 लाख, राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग के भवन निर्माण हुत 230.39 लाख, गौलापार नहर के 0.00 किमी से 1.100 किमी तक जीर्णोद्धार की योजना ध्तीनपानी बाईपास में पेराफीट निर्माण 33.41 लाख, बेतालघाट में रामनगर-भण्डारपानी-अमगढी-बोहराकोट-ओखलढूॅगा-तल्लीसेठी- बेताघाट-रतौडा- भुजान-विशालकोट-जैना- रीची-बिल्लेख मोटर मार्ग के किमी 52,53 एंव 54 में पुनः निमार्ण कार्य 104.11 लाख, हल्द्वानी नगरीय-ग्रामीण पेयजल योजना के सुदृढीकरण का कार्य 213.74 लाख, हल्द्वानी ग्रामीण, लालकुऑ अन्तर्गत वि.ध्या. एंव पाईन लाईन कार्य 46.35 लाख, 04 पेयजल योजनाओं ताकुला, बुरूसिया-देवीधुरा, दोगड़ा एंव रानीबाग में पाईप लाईन सुदृढीकरण एंव जलाशय निर्माण का कार्य 16.35 लाख, शक्तिनगर पूछडी में पाईप लाईन बिछाये जाने तथा नरसिंहपुर ऐरडज्ञ में सिचांई नलकूप से पाईप लाईन जोडे जाने का कार्य 26.54लाख, लालकुऑ मे निकासी नाली, शौचालय निर्माण तथा हाथी गेट निर्माण का कार्य 11.80 लाख, विभिन्न चिकित्सालयों में उपकरण क्रय व सुदृढीकरण कार्य 305.86 लाख, चित्रशाला गेट के समाने मुख्य मार्ग से चैहानपाटा तक हल्का वाहन मार्ग का निर्माण तथा जवाहर नवोदय विद्यालय गंगरकोट सुयालबाडी के छात्रावासों में प्लाईवुड व मुख्य द्वार के पास शैड निर्माण का कार्य 35.62 लाख तथा समम्त जनपद के विद्यालयों में सुदृढीकरण का कार्य 62.80 लाख की योजनाओं का शिलान्यास किया।

कालाढूगी विधायक एवं प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि सरकार जनस्वास्थ को ध्यान मे रखते हुये 108 वाहनों की संख्या बढा रही है साथ ही एयर एम्बुलैस भी चलायेगी। उन्होने प्लाज्मा डोनरों का स्वागत करते हुये इस पुण्य कार्य हेतु उन्हंे बधाई दी।

मानव अस्तित्व के लिए सरला बहन ने दिया था प्रकृति संरक्षण का मंत्र

केशव भट्ट (वरिष्ठ पत्रकार)
जंगल में जानवरों को भेजने की जगह खेतों में चारा लगाओ। छोटे पेड़ बचाओ। पत्तियां न तोड़ो ,पेड़ों से प्रेम करो, प्रकृति की चाल के साथ चलो। पर्यावरण संरक्षण शब्द की रचियता और जिन्होंने अपना पूरा जीवन प्रकृति में आत्मसात करके जिया और प्रकृति पर आने वाले संकट के प्रति सचेत किया और दर्शन भी विश्व को प्रदान किया। शोर से दूर हिमालय के आगोश में शांत वातावरण में विश्व पर्यावरण के संरक्षण पर गहन चिंतन और मनन करने वाली सरला बहन के जन्मदिन 5 अप्रैल को उनकी कहीं और लिखी एक एक बात मार्ग दर्शक की तरह विकास की सही दिशा की ओर आज ही इशारा करती है।
गांधी जी ने कुछ सोच कर सरला बहन को कौसानी भेजा होगा। उनको सरला बहन में एक बड़ी संभावना दिखी होगी। सरला बहन ने कौसानी से ही स्त्री शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और जय जगत को सिद्ध करने के लिए अपना जीवन आहूत किया।
प्रथम विश्व युद्ध की विभीषिका और पागलपन को देख उन्होंने शांति और अहिंसा का मार्ग खोजने की अपनी यात्रा में गांधी जी को एक अडिग पड़ाव ही नही मंजिल के रूप में पाया। युद्ध और विकास के उफनते उन्मांद और युद्ध रोमांस से दुनिया विनाश की उस नाव में बैठी हुई है, जिसका चप्पू उनके हाथ के नियंत्रण से बेकाबू होने के कगार पर होता जा रहा है। प्रकृति की अपनी एक चाल होती है। सतत और निरंतर, कोई जल्दबाजी नही, उतावलापन नही जीत और हार की रेस से परे केवल चलते जाना ही है। गांधी ने इस चाल को अनुभव किया और उसकी चाल और उससे निकल रहे संगीत को समझा और उसकी चाल में कदम मिलाकर ग्राम स्वराज्य का मॉडल निर्मित किया। शिक्षा की नई तालीम में इन सब को पिरो दिया। प्रकृति ने जो दिया है, उसकी चाल के साथ सतत चला जा सकता है। प्रकृति के इर्द गिर्द ही मानव अपना विकास कर सकता है। मानव अस्तित्व के लिए प्रकृति का विनाश नही अपितु संरक्षण ही मंत्र हो सकता है। शिक्षा प्रकृति के अनुसार होनी चाहिए, उसके विरुद्ध नही। प्रकृति के परे कोई मार्ग हो ही नही सकता।
गांधी के जीवन दर्शन और जीवन ने ये सब एक सूत्र में सरला बहन ने विश्व को प्रदान किया। विश्व युद्ध की विभीषिका को देख कैथरीन, उनका असली नाम, संमझा की युद्ध जीतने वाला और युद्ध हारने वाला दोनों ही हारते है। केवल मानव के भीतर दम्भ और दूसरे को हराने का उन्माद जो विनाश का पर्याय है, ही जीतता है। आज ये सब हमारे सामने चरितार्थ हो रहा है।
सरला बहन के जन्मदिन पर उनकी हिमदर्शन की धार पर बैठना और प्रकृति के संरक्षण की गहन चिंतन करना मानव को एक दिशा प्रदान करता है। लक्ष्मी आश्रम का सतत परिवेश आज ही एक आशा प्रदान तो करता ही है। हालांकि विश्व में बेतरतीव भागता विकास सब कुछ लील लेने को अंधी दौड़ में चारो ओर भाग रहा है। उसकी अंधी दौड़ को रोक पाना संभव नही है। लेकिन गांधी के ग्राम स्वराज्य में अभी भी गांव को गांव बनाने की दिशा और मार्ग संरक्षित है। पुरखों की सतत और मेहनत के परिचायक खेत और गांव आज भी मानव सभ्यता को अमरता प्रदान करने की असीम क्षमता है।

सरला बहन ने लक्ष्मी आश्रम को एक मॉडल के रूप में विकसित किया। ये गांधी का ही जीवित मॉडल है। दूसरी और हिमदर्शन कुटीर को चिंतन स्थली के रूप में सरला बहन ने विश्व को प्रदान किया।
आज विकास के बेतरतीव मॉडल को मानव ही नही वन्य प्राणियों की सहज और नीरव जीवन शैली को भी प्रभावित किया है। विकास की तुरत गति ने सतत गति को बाधित ही किया है। वन्य प्राणियों का जंगल से बाहर आना इसका संकेत है। पर्यावरण संरक्षण ही इसका एक मात्र समाधान हो सकता है।
विश्व में जल संकट का गहराता भयावह रूप प्रकृति की चाल को बाधित करने वाले तुरत विकास का ही परिणाम है। मुट्ठी भर लोग दुनियां को तेजी से भागना चाहते है, इस भागमभाग में वो न जाने किस मंजिल को छूना चाहते है और पूरी मानव जाति को इस चाल में अपने अंधकूप में झोंकना चाह रहे है। ये आज प्रकृति के विनाश से संमझा जा सकता है। जब महानगर की चकाचैंध में सांस लेना कठिन हो जाती है, उस वक्त सब बेमानी लगता है। खाने के स्वाद में तेजी से आये बदलाव, विश्व में पिघलते ग्लेशियर, भारत में गंगा नदी समेत सारी नदियों को नालों में परिवर्तित होते देख प्रकृति की सतत चाल को समझना भी कहाँ रह गया है, संभव।
ये सब सहसा सरला बहन के जन्मदिन पर याद हो चला। कृत्रिम शोर से दूर प्रकृति के संगीत के साथ कैसे सुरताल मिल कर चला जा सकता है। ये सरला बहन के जीवन दर्शन और उनकी यादों में आज भी कौसानी के लक्ष्मी आश्रम और उनकी चिंतन स्थली हिमदर्शन में खोजा जा सकता है, बस प्रकृति की चाल के संग चलने मात्र से, जंगल के संगीत में सराबोर हुए, आज भी तमाम कोलाहल के बावजूद भी पक्षियों का कलरव ध्यान खींच ही लेता है। हिमालय की बर्फानी चोटियां अपनी ओर आकर्षित आज भी करती है। घाटियों से आती हवा एक संगीत ही तो है। घने जंगल में अनहद का संगीत तनिक एकाग्र होने से सुना जा सकता है। आज भी सूर्यास्त की लालिमा, रात का सन्नाटा, चन्द्रमा का प्रकाश अपने होने का अहसास छोड़ ही जाता है। ये सब सतत और निरंतर ही है। तुरत विकास की अवधारणा से ये कब तक रहेगा, इस पर चिंतन तो करना ही होगा, ये तय है।