व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर पालिका मुनिकीरेती ने चलाया जागरूकता अभियान

नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती ढालवाला व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, आश्रम, होटल आदि में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। जिस दौरान व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में प्लास्टिक कूड़े को अलग से एकत्र किए जाने हेतु कूड़ेदान भी दिए गए।

जिसके माध्यम से प्लास्टिक कूड़े को निकाय द्वारा अलग से एकत्र किया जा सके। जन जागरूकता कार्यक्रम में अधिशाषी अधिकारी तनवीर मारवाह, स्वास्थ्य लिपिक दीपक कुमार, जे. बि. बि. टेक्नोक्रेट संस्था एवम वेस्ट वारियर संस्था का सहयोग के साथ में लिया गया।

निगम से एनओसी लेने के बाद जनप्रतिनिधि करा सकते है सड़क का निर्माण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निर्देश दिये हैं कि शहर के आबादी वाले क्षेत्रों में मुख्य मार्गों के निर्माण में ब्लैक टाप इन्टर लाकिंग सीसी टाइल्स अथवा ब्रिक आन एज तथा पक्की नाली निर्माण का प्राविधान अवश्य रखा जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि इस सम्बन्ध में पूर्व में कैबिनेट द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में नये मोटर मार्गों के सामान्य अनुरक्षण कार्य हेतु तीन वर्ष तक के लिये निर्माण के अनुबंध में ही प्राविधान कर दिया जाए तथा तीन वर्षों हेतु निर्माण लागत तीन प्रतिशत की दर से प्राविधानित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि इन मार्गों के लिये सामान्य अनुरक्षण मद से कोई धनराशि नहीं दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अब नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत मार्गों के रख रखाव व नव निर्माण कार्यों को जन प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्रों में क्षेत्र की आवश्यकता के अनुरूप जहां जरूरत महसूस हो सड़क निर्माण आदि का कार्य करा सकेंगे किन्तु इसके लिये उन्हें नगर निगम से एनओसी लेनी होगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में नये आन्तरिक मार्गों का निर्माण, नवीनीकरण का कार्य सम्बन्धित विकास प्राधिकरणों के द्वारा किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न नगर निगमों के क्षेत्रान्तर्गत मार्गों के निर्माण एवं रख रखाव का कार्य करने वाले लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, विकास प्राधिकरण अथवा अन्य विभाग इस सम्बन्ध में आपसी समन्वय से कार्य करें ताकि पूर्व निर्मित मार्गों के स्वामित्व यूटिलिटी सम्बन्धी कार्यों एवं रख रखाव आदि में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों का निराकरण हो सके।

अच्छा प्रर्दशन करें तो निकायों को मिल सकती है 75 लाख की धनराशि

स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम में स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम तीन स्थान पाने वाले नगर निगम, नगर पालिका को क्रमशः 75, 50 एवं 25 लाख रूपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यह घोषणा एक स्थानीय होटल में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन तकनीकी एवं स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 विषय पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्याशाला में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यशाला उत्तराखण्ड में स्वच्छता कार्यक्रम के अभियान को मजबूती देगी। यह हमारे लक्ष्यों को पूर्ण करने में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम के लिए मानसिंकता में बदलाव की आवश्यकता, आम व्यक्ति की जागरूकता एवं सहभागिता से यह लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। ठोस अपशिष्ठ एवं प्रबन्धन की दिशा में आधुनिक तकनीक और शोध की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी के माध्यम से हम बडा से बडा लक्ष्य प्राप्त कर सकते है। सरकारी स्तर पर स्वच्छता कार्यक्रम की महत्ता को दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के प्रयासों को कर्मचारियों के वार्षिक प्रवृष्टि में अंकित किया जायेगा।
नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम में नवीन तकनीकी के प्रयोग हेतु स्थानीय निकायों को अपनी आमदनी बढाने के प्रयासों पर बल देना होगा। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि मार्च 2018 तक शत-प्रतिशत शौचालय ओडीएफ, डोर-टू-डोर कलेक्शन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त शत-प्रतिशत एलईडी का लक्ष्य प्राप्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम कि कार्य संस्कृति से अन्य नगर पालिका प्रभावित होती है। इसलिए नगर निगम की जिम्मदारी स्वच्छता के सन्दर्भ में अधिक है।
सचिव शहरी विकास राधिका झा ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वच्छता के कार्यक्रम को लेकर संवेदनशील है। जिलाधिकारियों को साप्ताहिक नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारियों, नगर निगम के साथ समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिये गये है। राज्य स्तरीय कार्यशाला में स्वच्छता विषय पर शपथ ली गई एवं स्वच्छता कार्यक्रम की एक मार्गदर्शिका पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता विषय के इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी के प्रयोग सम्बन्धी देशभर के विशेषज्ञों द्वारा आयोजित प्रदर्शनी लगायी गयी है।