सिंधु जल संधि पर रोक पाकिस्तान को करारा जवाबः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल एवं निर्णायक नेतृत्व में हुई सीसीएस बैठक में आतंकवाद के खिलाफ लिए गए ऐतिहासिक और कठोर निर्णय पर अब कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है। इसी क्रम में भारत सरकार ने सिंधु जल संधि पर रोक लगाकर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उठाए गए ये साहसिक कदम न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति पर मुहर लगाते हैं, बल्कि इससे दुश्मनों को भी यह स्पष्ट संदेश गया है कि भारत हर एक आतंकी हमले का मुँहतोड़ जवाब देने का तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सिंधु जल संधि पर रोक लगाकर साफ कर दिया है कि अब खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। इस निर्णायक फैसले से आतंक को पनाह और बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान के मंसूबे चकनाचूर होंगे। इसी तरह अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद करने सहित अन्य फैसलों से भी पाकिस्तान को कड़ा संदेश गया है।

पीएम के आह्वान को धरातल पर उतारने के लिए धामी सरकार ने कसी कमर

उत्तराखंड की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिट इंडिया के जिस अभियान का जिक्र किया था, उसे धरातल पर उतारने की तैयारी तेज हो गई है। इस क्रम में राज्य सरकार ने सबसे पहले, शैक्षणिक संस्थानों पर फोकस किया है। ईट राइट इंडिया अभियान की पृष्ठभूमि में छात्र-छात्राओं में स्वास्थ्य जागरूकता के लिए नए सिरे से कवायद की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में विद्यालयी शिक्षा समेत पांच विभागों को पत्र भेजा है। पत्र में जोर दिया गया है कि छात्र-छात्राओं में संतुलित आहार के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।

सभी शैक्षणिक संस्थानों में डिस्पले होगी ईट राइट थाली
स्वास्थ्य सचिव डा आर राजेश कुमार की ओर से विद्यालयी शिक्षा के अलावा समाज कल्याण, कौशल विकास एवं सेवायोजन, संस्कृत शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिवों को पत्र प्रेषित किया गया है। इसमें अपेक्षा की गई है कि शैक्षणिक संस्थानों में टीन प्लेट/डिस्पले बोर्ड के माध्यम से ईट राईट थाली का प्रचार-प्रसार किया जाए। ईट राइट इंडिया अभियान के राज्य नोडल अधिकारी गणेश चंद्र कंडवाल के अनुसार-खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से स्कूली बच्चों के लिए वर्ष 2020 में खाद्य सुरक्षा मानक तय किए गए हैं। इसमें बताया गया है कि ईट राइट थाली में क्या-क्या संतुलित आहार बच्चों के लिए होने चाहिए।

छह ईट राइट किचन का प्रस्ताव केंद्र को भेजेंगे

फिट इंडिया अभियान के अंतर्गत विद्यालयी शिक्षा विभाग छह ईट राइट किचन का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस प्रस्ताव को जल्द ही केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। समग्र शिक्षा अभियान के अपर निदेशक कुलदीप गैरोला के अनुसार-छह विद्यालयों में ईट राइट की व्यवस्था के लिए ये किचन बनाए जाएंगे, जिन्हें हम मार्डन किचन भी कह सकेंगे। इसके अलावा, टीन प्लेट, डिस्पले बोर्ड के माध्यम से फिट इंडिया और ईट राइट का संदेश प्रसारित किया जाएगा। जागरूकता के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाने भी प्रस्तावित किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री जी ने सभी नागरिकों से स्वस्थ रहने का जो आह्वान किया है, उसे धरातल पर उतारने के लिए उत्तराखंड कृतसंकल्प है। सरकार ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। स्वस्थ भारत, स्वस्थ उत्तराखंड बनाने के लिए यह जरूरी है कि सभी लोग संतुलित आहार पर ध्यान देना शुरू करें। मैं सभी से अपील करता हूं कि वह इस अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री ने की ‘घाम तापो’ के तौर पर की उत्तराखंड विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग

एक दिवसीय शीतकालीन यात्रा पर उत्तरकाशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखवा और हर्षिल से उत्तराखंड में शीतकालीन तीर्थाटन और पर्यटन की जोरदार ब्रांडिंग की है। प्रधानमंत्री ने तीर्थयात्रियों, पर्यटकों से लेकर कॉरपोरेट और फिल्म उद्योग तक को विंटर सीजन में उत्तराखंड आने का निमंत्रण दिया।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग ‘घाम तापो टूरिज्म’ के तौर पर की है।

आज हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले बीते दिनों माणा में हुए हिमस्खलन में दिवंगत लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की यह भूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड से अपना आत्मीय लगाव, व्यक्त करते हुए कहा कि वो जीवनदायिनी मां गंगा के शीतकालीन गद़्दी स्थल पर अपने परिवारजनों के बीच पहुंचकर धन्य महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री बोले कि मां गंगा की कृपा से ही उन्हें दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला। मां गंगा के आशीर्वाद से ही वो काशी पहुंच सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने कहा था कि मां गंगा ने ही उन्हें काशी बुलाया है। प्रधानमंत्री ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि उन्हें कुछ महीने पहले अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने उन्हें गोद ले लिया है, अब अपने बच्चे के प्रति मां गंगा का दुलार ही है कि वो आज खुद मुखवा गांव पहुंच पाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो हर्षिल की धरती पर आकर, अपनी दीदी भुलियों को भी याद कर रहे हैं, क्योंकि वो उन्हें हर्षिल की राजमा और अन्य लोकल प्रॉडक्ट भी भेजती रहती हैं।

बन रहा उत्तराखंड का दशक

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले जब वो बाबा केदार के दर्शन के लिए आए थे तो बाबा के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही भाव प्रकट हुआ कि ये दशक उत्तराखंड का होने जा रहा है। ये भाव भले ही उनके थे, लेकिन इसके पीछे सामर्थ देने की शक्ति बाबा केदार की थी। अब बाबा के आशीर्वाद से ये शब्द धीरे- धीरे सच्चाई में बदल रहे हैं। ये दशक अब उत्तराखंड का बन रहा है। उत्तराखंड की प्रगति के लिए, नए – नए रास्ते खुल रहे हैं, जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड नित नए लक्ष्य और संकल्प लेते हुए, उन्हें पूरा कर रहा है।

शीतकालीन यात्रा पर सीएम की पहल को सराहा

प्रधानमंत्री ने शीतकालीन तीर्थाटन – पर्यटन पर जोर देते हुए कहा कि इसके माध्यम से उत्तराखंड की आर्थिक सामर्थ को साकार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इस अभिनव पहल के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड के लिए अपने टूरिज्म सेक्टर को बहूआयामी या बारामासी बनाना बहुत जरूरी है। उत्तराखंड में 356 दिन का पर्यटन जरूरी है। वो चाहते हैं कि उत्तराखंड में कोई भी पर्यटन सीजन ऑफ नहीं रहे, बल्कि हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी पहाड़ों पर मार्च से जून के बीच ही ज्यादातर पर्यटन आते हैं, जबकि इसके बाद पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो जाती है। अभी सर्दियों के सीजन में होटल, रिजॉर्ट, होम स्टे खाली पड़े रहते हैं। ये असंतुलन साल के बड़े हिस्से में उत्तराखंड की आर्थिकी को सुस्त कर देता हैं। जबकि सच्चाई यह कि अगर देश- विदेश के लोग, सर्दियों में यहां आए तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा के दर्शन होंगे। विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटी का रोमांच मिलेगा।

सर्दियों का सीजन धार्मिक यात्रा के लिए भी अहम

प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखंड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। यहां इस समय कई तीर्थ स्थलों पर विशेष अनुष्ठान होते हैं। यहां मुखवा गांव में ही जो अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, इसलिए उत्तराखंड सरकार का बारामासी पर्यटन का विजन, लोगों को दिव्य अनुभूति से जोड़ेगा। इससे यहां साल भर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डबल इंजन की सरकार मिलकर काम कर रही

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही है। राज्य में चारधाम, ऑल वेदर रोड आधुनिक एक्सप्रेस वे से लेकर रेलवे और हेली सेवाओं का विस्तार हो रहा है।
एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे को मंजूरी प्रदान की है। केदारनाथ रोपवे के जरिए आठ से नौ घंटे की पैदल यात्रा 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। इससे बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों की यात्रा सुगम हो सकेगी।

सीमांत गांवों के विकास पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, 2014 से पहले चार धाम यात्रा पर प्रतिवर्ष 18 लाख यात्री ही आते थे, अब हर साल 50 लाख से अधिक यात्री चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। इसके जरिए सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड के बॉर्डर वाले इलाकों में पर्यटक पहुंचे। उन्होंने कहा कि पहले सीमावर्ती गांवों को आखरी गांव कहा जाता, लेकिन अब उन्हें पहला गांव कहा जा रहा है। इसी क्रम में सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की गई है, इसके जरिए नेलांग और जादुंग गांव फिर से बसाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के टिम्मबरसैंण, महादेवसैंण, माणा और जादुंग गांव में पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। जादुंग को 1962 में चीन युद्ध के समय खाली करा दिया गया था, अब 70 साल बाद सरकार इस गांव को फिर से बसा रही है।

गढ़वाली में ‘घाम तापो पयर्टन’

प्रधानमंत्री ने देशभर के लोगों खासकर युवाओं से सर्दियों में उत्तराखंड आने का आह्वाहन करते हुए कहा कि सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा होता है, तो पहाड़ों में आप धूप का आनंद ले सकते हैं। गढ़वाली में इसे ‘घाम तापो पयर्टन’ कहते हैं। प्रधानमंत्री ने देश के कॉरपोरेट से उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि कॉरपोरेट की मीटिंग, कांफ्रेंस, सेमिनार, एक्जीबिशन के लिए देवभूमि से अच्छी जगह नहीं हो सकती है। यहां आकर योग और आयुर्वेद के जरिए आप खुद को रिचार्ज कर सकते हैं। इसी तरह कॉलेज, यूनिवर्सिटी, स्कूलों के नौजवान विंटर ट्रिप के लिए उत्तराखंड आ सकते हैं।

शूटिंग और वैडिंग डेस्टिनेशन

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां हजारों करोड़ रुपए की वैडिंग इकॉनामी है। इसलिए उन्होंने देशवासियों से वेड इन इंडिया के तहत देश में ही शादियां करने की अपील की थी। सर्दियों के सीजन में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए देशवासी उत्तराखंड को प्राथमिकता दे सकते हैं। इसी तरह भारत की फिल्म इंडस्ट्री उत्तराखंड का रुख कर सकती है, उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रैंडली स्टेट का पुरस्कार मिल चुका है। यहां फिल्म शूटिंग के लिए शानदार सुविधाएं विकसित हो रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के कई देश विंटर टूरिज्म के लिए जाने जाते हैं, उत्तराखंड उनसे बहुत कुछ सीख सकता है। इसके लिए उत्तराखंड टूरिज्म के सभी स्टेक होल्डर मिलकर अध्ययन करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कई जगह हॉट स्प्रिंग हैं, इन्हें वेलनेस स्पा के रूप में विकसित किया जा सकता है। धार्मिक आध्यात्मिक और योग जगत के दिग्गज सर्दियों में अपने यहां विशेष योगा कैम्प लगा सकते हैं।

कंटेंट क्रिएटर निभाएं भूमिका

प्रधानमंत्री ने हर्षिल में विंटर टूरिज्म पर लगाई गई, प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका मन कर रहा था के वो पचास साल पुराने दिनों में लौटकर इन सभी जगहों पर कुछ दिन बिता सकूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए कंटेंट क्रिएटर की मदद लेनी चाहिए, इसके लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने गंगा मैया की जय नारे के साथ अपने संबोधन का समापन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का माँ गंगा के मायके मुखवा एवं सीमांत क्षेत्र हर्षिल घाटी आगमन पर सभी प्रदेशवासियों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तराखंड के चहुँमुखी विकास के साथ ही यहाँ की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में हमें सदैव प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त होता रहा है। उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन, विश्व स्तरीय जी-20 सम्मेलन की बैठकों का आयोजन, यूसीसी जैसा कानून लागू करना हो या फिर हाल ही में उत्तराखंड में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन हो, प्रधानमंत्री का राज्य को हमेशा मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर जब भी कोई विपदा आयी है, चाहे केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आई प्राकृतिक आपदा, जोशीमठ में भूधंसाव, सिलक्यारा टनल हो या फिर अभी हाल ही में चमोली में माणा गाँव के पास हुई हिमस्खलन की घटना हो। प्रधानमंत्री जी हमारे साथ सदैव खड़े रहे है।

मुख्यमंत्री ने 04 हजार 81 करोड़ रूपए की लागत से गौरीकुंड से केदारनाथ और 27 सौ 30 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे निर्माण की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों रोपवे परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद तीर्थयात्रियों को आवगमन के लिए सुगमता होगी और प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी का एक प्रमुख आधार है। होटल व्यवसायियों से लेकर टैक्सी चालकों, स्थानीय दुकानदारों के साथ ही यात्रा से जुड़े हुए लाखों लोगों को रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं। शीतकाल में उत्तराखण्ड के चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद इन सभी लोगों की आर्थिकी प्रभावित होती थी। जिसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री जी से मार्गदर्शन प्राप्त कर इस वर्ष से राज्य में शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन से न केवल शीतकालीन यात्रा को वृहद् स्तर पर बढ़ावा मिलेगा बल्कि सीमांत क्षेत्र में ट्रेकिंग और माउंटेन बाइकिंग के साथ-साथ दूसरी एडवेंचरस एक्टिविटीज को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही राज्य में दो बड़े धार्मिक आयोजन प्रस्तावित है। जिनमें नंदा राजजात यात्रा और कुंभ शामिल है। हमें विश्वास है कि पीएम के नेतृत्व में इन दोनों आयोजन का सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक सुरेश चौहान मौजूद थे।

पीएम मोदी ने सीएम धामी से हाथ मिलाकर, पीठ थपथपाकर दी शाबाशी

शीतकालीन यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शानदार बॉन्डिंग गुरुवार को भी दिखी। प्रधानमंत्री को जब जहां मौका मिला, वह मुख्यमंत्री को शाबासी देते, प्रोत्साहित करते हुए दिखाई दिए। भाषण खत्म कर मुख्यमंत्री जैसे ही प्रधानमंत्री के करीब पहुंचे, तो पहले तो उन्होंने गर्मजोशी से हाथ मिलाया। बाद में मुख्यमंत्री की पीठ भी थपथपा दी।

एक के बाद एक महत्वपूर्ण फैसले लेने और उन्हें अमल में लाने के मुख्यमंत्री के अंदाज को शीर्ष स्तर पर पसंद किया जा रहा है। चाहे समान नागरिक संहिता हो या राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, प्रधानमंत्री के स्तर पर मुख्यमंत्री को भरपूर शाबासी मिली है। अब शीतकालीन यात्रा के लिए राज्य सरकार के प्रयास पर प्रधानमंत्री संतुष्ट नजर आ रहे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने इसका बार-बार जिक्र भी किया। उन्होंने शीतकालीन यात्रा के उत्तराखंड से जुड़े आर्थिक पहलू को रेखांकित करते हुए इसे अभिनव पहल बताया। साथ ही, इसके लिए मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को धन्यवाद भी दिया।

अपने संबोधन की शुरुआत में मुख्यमंत्री के लिए प्रधानमंत्री ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह गौर करने वाले रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री को छोटा भाई और ऊर्जावान मुख्यमंत्री कहते हुए संबोधित किया। उन्होंने अपनी केदारनाथ यात्रा का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि यह दशक उत्तराखंड का बन रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार बढ़िया काम कर रही है।

कभी मुस्कराए, कभी विनम्रता से जोड़े हाथ

हर्षिल की जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्षेत्रवासियों के जबरदस्त उत्साह के दर्शन भी हुए। कार्यक्रम में कई बार मोदी-मोदी के नारे गूंजे। इस पर प्रधानमंत्री कई बार मुस्कराए। कई बार उन्होंने विनम्रता से हाथ जोड़ लिए। पारंपरिक परिधान और टोपी पहने प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई आंचलिक शब्दों का इस्तेमाल भी किया।

शीतकालीन चारधाम यात्राः पीएम का मिला साथ, दौड़ेगी यात्रा, बनेगी बात

मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा और खूबसूरत हर्षिल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक-एक संदेश के गहरे मायने हैं। देश-दुनिया तक इन शब्दों की अनुगूूंज पहुंचना तय है। उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा को प्रधानमंत्री का जैसा साथ मिला, वह खास है। उन्होंने जिस अंदाज में उत्तराखंड की यात्रा का प्रमोशन किया है, वह अभूतपूर्व है। इसके बाद, उत्तराखंड के शीतकालीन पर्यटन के सरपट दौड़ने की पूरी उम्मीद की जा रही है।

प्रधानमंत्री का यह प्रवास उस वक्त हुआ है, जबकि करीब दो महीने की शीतकालीन यात्रा शेष है। इसके बाद 30 अप्रैल से चार धाम यात्रा का श्रीगणेश होना है। ऐसे में प्रधानमंत्री के एक प्रवास ने उत्तराखंड की दोनों यात्राओं के लिए बेहतर आधार तैयार कर दिया है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड का हर तरह से प्रमोशन किया। प्रमोशन के लिए घाम तापो पर्यटन की बात हो, धर्माचार्यों और योगाचार्यों से शीतकाल में योग शिविर आयोजित करने की बात हो, कॉरपोरेट को सेमिनार का सुझाव हो, फिल्म निर्माताओं को फिल्मों की शूटिंग के लिए आह्वान हो या फिर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से अपील हो, सबने अपना अलग प्रभाव छोड़ा है।

रजत जयंती वर्ष में सबसे गंभीर प्रयास

उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतकालीन यात्रा का सबसे बड़ा प्रमोशन कर दिया है। इस यात्रा के प्रमोशन के लिए इससे पहले कभी इतने गंभीर प्रयास नहीं हुए। उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा के साथ प्रधानमंत्री के जुड़ाव के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जो प्रयास किए थे, उसका सार्थक परिणाम सामने आया है। बहुत कम समय में उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा और पर्यटन देश-दुनिया की नजरों में आ गए हैं।

फिर साबित हुए सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर

प्रधानमंत्री एक बार फिर उत्तराखंड के लिए सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर साबित हुए हैं। केदारनाथ धाम का उदाहरण सामने हैं, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता से श्रद्धालुओं के पहुंचने के नए रिकॉर्ड बने हैं। शीतकालीन यात्रा का हिस्सा बनने की इच्छा प्रधानमंत्री ने 28 जनवरी को राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के मौके पर ही जाहिर कर दी थी। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से भावनात्मक लगाव ही है, वह कार्यक्रम में बदलाव के बावजूद मुखवा-हर्षिल पहुंच गए।

मुखवा हर्षिल निहाल, पीएम-सीएम का आभार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखवा आगमन से पूरा क्षेत्र निहाल है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला अवसर है, जबकि कोई प्रधानमंत्री मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल पर पूजा-अर्चना के लिए पहुंचा हो। गंगोत्री मंदिर के सचिव सुरेश सेमवाल का कहना है-यह अवसर गौरवान्वित करने वाला है। तीर्थ पुरोहित व लोक कलाकार रजनीकांत सेमवाल कहते हैं-मुखवा का चयन करने के लिए पीएम व सीएम के प्रति हम आभारी हैं।

पीएम मोदी ने देवभूमि पहुंचकर शीतकालीन गद्दी स्थल पर की पूजा अर्चना

अपने एक दिवसीय दौरे पर उत्तरकाशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले मुखवा गांव में मां गंगा के शीतकालीन गद़्दी स्थल पर पूजा-अर्चना कर देशवासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। प्रधानमंत्री ने विधि-विधान से मां गंगा की पूजा कर भोग भी चढ़ाया। इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने रांसों नृत्य से प्रधानमंत्री का स्वागत किया।

इसके बाद उन्होंने मुखवा गांव से ही भव्य हिमालय के दर्शन किए। प्रधानमंत्री काफी देर तक व्यू प्वाइंट से बर्फ से लकदक चोटियों के साथ ही हर्षिल घाटी से बहती भागीरथी नदी की सुंदरता को निहारते रहे। इसके बाद वो सड़क मार्ग से हर्षिल कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले उत्तराखंड में शीतकालीन यात्रा पर आधारित एक्जीबिशन का अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी में उत्तराखंड के प्रमुख शीतकालीन पयर्टन स्थलों को दर्शाया गया था। इसके बाद उन्होंने ट्रैकिंग एवं बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुखीमठ (मुखवा) को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने और प्रदेश की सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत को सशक्त बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री की यह यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण है।

लगातार बढ़ा जीएमवीएन का टर्नओवर, संभावनाएं जगा रहीं साहसिक गतिविधियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड आगमन से पर्यटन क्षेत्र को सबसे ज्यादा आस है। पर्यटन की प्रमुख एजेंसी गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) भी बेहतरी की उम्मीद संजोए हुए है। पिछले पांच वर्षों में जीएमवीएन ने पर्यटन गतिविधियों को विस्तार देते हुए अपना टर्नओवर लगातार बढ़ाया है। उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से स्थिति और बेहतर होगी।

शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह मार्च को मुखवा और हर्षिल आ रहे हैं। उत्तरकाशी जिले के ये दोनों स्थान धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस पूरे क्षेत्र में जीएमवीएन की गतिविधियां बहुत पहले से संचालित हो रही हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के दौरे से न सिर्फ उत्तरकाशी, बल्कि अन्य जगहों पर भी जीएमवीएन की पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। जीएमवीएन के एमडी विशाल मिश्रा का कहना है कि पर्यटन गतिविधियों को निगम बखूबी संचालित कर रहा है। और बेहतर स्थिति बनने की पूरी उम्मीद है।

पांच वर्ष में जीएमवीएन के यूं बढ़े कदम

वर्ष 2020-21 में जीएमवीएन का कुल टर्नओवर 3146.63 लाख था, जो कि वर्ष 2021-22 में 3297.41 लाख हो गया। वर्ष 2022-23 में इसमें उछाल देखी गई और यह 7832.14 लाख पर पहुंच गया। वर्ष 2023-24 में जीएमवीएन का टर्नओवर और बढ़कर 8145.15 लाख पर पहुंच गया। इस वित्तीय वर्ष में जनवरी तक जीएमवीएन का टर्नओवर 6672.05 लाख रूपये रहा है।

साहसिक गतिविधियों में जग रही संभावनाएं

यूं तो जीएमवीएन की कमाई केे सबसे बडे़ स्रोत उसके रेस्ट हाउस और कैंटीन हैं, लेकिन पिछले पांच वर्षाे में साहसिक गतिविधियों से जुडे़ क्षेत्र में भी जीएमवीएन ने काफी संभावनाएं जगाई हैं। इसमे वॉटर स्पोर्ट्स और माउंटेन से संबंधित डिवीजन लगातार अच्छी प्रगति कर रहे है। पांच वर्ष पूर्व जहां माउंटेन डिवीजन व वॉटर स्पोर्ट्स से करीब 15 लाख रूपये तक की कमाई हो रही थी, वहीं इस वित्तीय वर्ष में अभी तक कमाई का आंकड़ा 75 लाख के करीब पहुंच गया हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने में अहम योगदान दिया है। शीतकालीन यात्रा के लिए उनका उत्तराखंड आना सौभाग्यसूचक है। इससे निश्चित तौर पर उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा को तेजी मिलेगी। मैं सभी उत्तराखंडवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री जी का स्वागत करता हूं। साथ ही, उनके प्रति आभार भी प्रकट करता हूं।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

पीएम के हर्षिल-मुखवा क्षेत्र में आगमन से उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को पंख लगेंगेः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर्षिल-मुखवा क्षेत्र में आगमन से उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को काफी बढावा मिलेगा और यह दौरा राज्य की समृद्धि में बहुत बड़ा योगदान देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए हर्षिल-मुखवा क्षेत्र के साथ ही समूचा उत्तराखंड पूरी तरह से तैयार है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरूगेशन सहित अन्य उच्चाधिकारियों के साथ हर्षिल-मुखवा क्षेत्र का भ्रमण कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित दौरे को लेकर की जा रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के हर्षिल-मुखवा के मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण क्षेत्र में आगमन से शीतकालीन यात्रा को पंख लगेंगे। पूरे विश्व में इस यात्रा का प्रचार-प्रसार होगा। जिससे हमारे राज्य में बड़ी संख्या में श्रद्धालु व पर्यटकों का आगमन होना तय है। यह अवसर हमारे राज्य की समृद्धि में बहुत बड़ा योगदान साबित होने वाला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आगमन उत्तराखंड के लिए सदैव बहुत शुभ होता है। केदारानाथ धाम, माणा, आदिकैलाश की प्रधानमंत्री की यात्रा एवं प्रवास के बाद इन जगहों पर आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या में काफी अधिक वृद्धि हुई है। इसी तरह इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री के आगमन के फलस्वरूप राज्य में साढे तीन लाख करोड़ रूपये की लागत के पूंजी निवेश के एमओयू हुए और अभी तक राज्य में लगभग अस्सी हजार करोड़ रूपये से ज्यादा के निवेश की ग्राउंडिंग शुरू हो चुकी है। प्रधानमंत्री के हाथों राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ होना भी उत्तराखंड के लिए सौभाग्यशाली साबित हुआ है। देवभूमि ने खेलभूमि की प्रतिष्ठा भी अर्जित की है। इस बार राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने लंबी छलांग लगाकर सातवां स्थान हासिल किया है, जबकि राष्ट्रीय खेलों मे पिछली बार हम पच्चीसवें स्थान पर थे।

मुख्यमंत्री ने आज अपने स्थलीय निरीक्षण के दौरान प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे को लेकर हर्षिल से मुखवा तक की गई तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने मौके पर की जा रही तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को प्रधानमंत्री की यात्रा को स्मरणीय व सुव्यवस्थित बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद बनाए रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने हर्षिल में प्रस्तावित जनसभा के लिए बनाए जा रहे पंडाल, मंच तथा प्रदर्शनी स्थल का निरीक्षण कर कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान स्थानीय संस्कृति और पारंपरिक धरोहर को प्रदर्शित करने के विशेष प्रबंध किए जांय, जिससे राज्य का समृद्ध पर्यटन और अधिक सशक्त हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि की दिव्यता और आध्यात्मिकता को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में यह यात्रा महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। लिहाजा इस अवसर का पूरा लाभ उठाने के लिए सभी प्रबंध सुनिश्चित किए जांय।

मुख्यमंत्री धामी ने गंगा जी के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा गांव जाकर भी तैयारियों को परखा तथा गंगा मंदिर में पूजा-अर्चना कर क्षेत्र व राज्य की खुशहाली तथा समृद्धि की कामना की।

इस दौरान जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने प्रधानमंत्री के प्रस्तावित भ्रमण को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री के भ्रमण के मौके पर राज्य के शीतकालीन पर्यटन स्थलों एवं स्थानीय उत्पादों व हस्त शिल्प पर आधारित प्रदर्शनी आयोजित करने की तैयारी की गई है। इसके साथ ही उत्तरकाशी जिले के सीमांत क्षेत्र के अनछुए व अद्भृत पर्यटन स्थलों में साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए जादुंग, पीडीए तक मोटरबाइक व एटीवी-आरटीवी रैली तथा जनकताल एवं मुलिंगला तक के लिए ट्रैकिंग अभियानों को भी फ्लैग ऑफ कराए जाने की तैयारी की गई है।

इस अवसर पर विधायक सुरेश चौहान, पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी एसएल सेमवाल, अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, अधीक्षण अभियंता लोनिवि हरीश पांगती सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम धामी ने किया भारतीय मानक ब्यूरो, मानक मेला का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित भारतीय मानक ब्यूरो के स्टैंडर्ड क्लब कार्निवाल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्टॉल का निरीक्षण किया और पेप मार्क उत्पादों को खरीदने के लिए शपथ भी दिलाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो का स्टैंडर्ड्स क्लब, हमारे छात्रों को गुणवत्ता और मानकीकरण का महत्व समझाने के साथ-साथ उनमें रचनात्मकता, नवाचार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था, औद्योगिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उसका स्थान इस बात पर निर्भर करता है कि वहां बनने वाले उत्पाद और सेवाएं कितनी विश्वसनीय, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाली हैं। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, भारतीय मानक ब्यूरो पिछले 78 वर्षों से राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भारतीय मानक ब्यूरो ने विभिन्न क्षेत्रों में मानकीकरण के माध्यम से भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ-साथ उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा भी की है। ब्यूरो द्वारा स्थापित मानक हमारे उद्योगों, व्यापार और सेवाओं के प्रमाणीकरण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी जब हम कोई उत्पाद खरीदने जाते हैं, तो सबसे पहले यही देखते हैं कि उस उत्पाद पर आईएसआई मार्क है या नहीं। यदि आईएसआई मार्क होता है, तो हमें पूरा भरोसा हो जाता है कि ये उत्पाद गुणवत्ता और सुरक्षा के सभी मानकों पर खरा उतरेगा। ये अपने आप में भारतीय मानक ब्यूरो की विश्वसनीयता और उपभोक्ताओं के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि कोई भी मानक केवल तकनीकी दिशा-निर्देश या मापदंड नहीं होते, बल्कि वे हमारे देश के विकास और आत्मनिर्भरता की बुनियाद भी होते हैं। ये न केवल हमारे कार्यों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हैं, बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन को भी किसी न किसी रूप में प्रभावित करते हैं।

विकसित हो रहा है मानकों का ईकोसिस्टम

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में मानकों के इकोसिस्टम का व्यापक विस्तार हुआ है, अब कृषि, सड़क परिवहन, स्वास्थ्य सहित लगभग सभी क्षेत्रों को समाहित कर रहा है। ये विस्तार सुनिश्चित करता है कि सभी क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता के मानक लागू हों, जिससे हमारे जीवनस्तर में सुधार हो और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल सके। इसी तरह हमारे प्रदेश में भी भारतीय मानक ब्यूरो पीडब्ल्यूडी, एमडीडीए, यूपीसीएल और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ समन्वय करते हुए, इन सभी को मानकीकरण की दिशा में जागरूक और सशक्त बनाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है।

आत्मनिर्भर भारत में अहम योगदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना साकार हो रहा है। इस सपने को साकार करने में भारतीय मानक ब्यूरो की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री का उद्देश्य है कि भारतीय उत्पाद अपनी गुणवत्ता, नवाचार और विश्वसनीयता के लिए पूरे विश्व में एक मिसाल स्थापित करें। क्योंकि जब हम अपने उत्पादों को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार करते हैं, तो हम न केवल उनकी गुणवत्ता का ध्यान रखते हैं, बल्कि अपने उद्योगों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए भी सशक्त आधार प्रदान करते हैं। इसी की ध्यान में रखते हुए हमारी प्रदेश सरकार भी निरंतर प्रयास कर रही है।

हाउस ऑफ हिमालयाज

मुख्यमंत्री ने कहा आज हम अपने पारंपरिक उत्पादों, जैसे हस्तशिल्प, जैविक कृषि उत्पाद, औषधीय जड़ी-बूटियों और अन्य स्थानीय उत्पादों के लिए उच्च मानक स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे हमारे उत्पाद वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने श्हाउस ऑफ हिमालयाजश् नाम से एक अम्ब्रेला ब्रांड की स्थापना की है, जो हमारे स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो ने देशभर के 10,000 से अधिक स्कूलों में स्टैंडर्ड क्लब स्थापित किए हैं, जिनके माध्यम से बच्चों में मानकों के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है। साथ ही, ब्यूरो ने लगभग 100 प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के साथ डव्न् साइन किए हैं, जिनमें हमारे उत्तराखंड के चार प्रमुख संस्थान भी शामिल हैं। बीआईएस अब ग्राम पंचायत स्तर तक मानकों के महत्व को पहुंचा रहा है।

वन नेशन वन स्टैंडर्ड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि ष्भारतीय मानकष् न केवल अंतर्राष्ट्रीय मानकों के बराबर हों, बल्कि उनसे भी श्रेष्ठ बनें। उनके इसी संकल्प को साकार करने के लिए हमारी सरकार ठप्ै के साथ मिलकर राज्य में उच्चतम मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अगर हम गुणवत्ता को अपनी आदत बना लेंगे तो न केवल हम विश्व के सभी मानकों पर खरे उतरेंगे बल्कि एक समय ऐसा भी आएगा जब हमारे उत्पाद वैश्विक मानक तय करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि ष्भारतीय मानकर ब्यूरोष् हमारे देश को वैश्विक मानकों की दौड़ में शीर्ष पर ले जाने के अपने महत्वपूर्ण कार्य को इसी प्रकार जारी रखेगा और हम सभी मिलकर ‘वन नेशन, वन स्टैंडर्ड’ की नीति को अपनाकर ‘गुणवत्ता सम्पन्न भारत’ का निर्माण सुनिश्चित करेंगे।

इस अवसर पर कैंट विधायक सविता कपूर, भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक उत्तराखंड सौरभ तिवारी, आयुक्त खाद्य हरिचंद्र सेमवाल, उप निदेशक बीआईएस स्नेहलता उपस्थित थे।

सालाना 12 लाख रुपए तक की आय को कर मुक्त से मध्यम वर्ग को बड़ी राहतः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सालाना 12 लाख रुपए तक की आय को कर मुक्त करते हुए देश के मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकासोन्मुखी और जनकल्याणकारी बजट प्रस्तुत किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को शानदार और संतुलित बजट के लिए बधाई देते हुए कहा कि केंद्रीय बजट से, उत्तराखंड को कई योजनाओं से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ होगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस वर्ष के संशोधित अनुमान में केन्द्रीय करों में राज्य का हिस्सा लगभग 14387 रुपए करोड होगा। इससे मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रदेश को 444 करोड़ रुपए अतिरिक्त मिलने का रास्ता साफ हो गया है। आगामी वर्ष हेतु यह राशि लगभग 15902 करोड़ रुपए तक जा सकती है। राज्य के लिए यह राशि अत्यन्त महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बजट-पूर्व सम्मेलन में 11 बिन्दुओं का निवेदन किया था। जिसका समावेश भी बजट में दिख रहा है। इसके लिए, उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया है।

जल जीवन मिशन की समय सीमा बढ़ी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने केंद्र से अपने राज्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व साइबर सुरक्षा से संबंधित उत्कृष्टता केन्द्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) स्थापित किये जाने का निवेदन किया था। इस बजट में देश में 5 नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एवं सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब बनाने की घोषणा की गई है। इसी तरह सभी सरकारी स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की घोषणा प्रदेश के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। नॉलेज इकॉनोमी के लिए यह एक मजबूत नीव होगी। इसी तरह केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन योजना के अवशेष कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा 2028 तक बढ़ाने के लिए राज्य का अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय बजट में राज्यों के पूंजीगत विकास के लिए 1.5 लाख करोड रुपए कर्ज का प्रावधान किया गया है। यह इस वर्ष के संशोधित अनुमान 1,25,000 करोड से 25,000 करोड़ रुपए अधिक है। विगत दो वर्षों में इस ब्याजमुक्त योजना से हमारे राज्य को बड़ा लाभ मिला है।

जिलों में होगा कैंसर मरीजों का उपचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि 125 शहरों के लिए नई उड़ान योजना शुरू किए जाने का लाभ उत्तराखण्ड को भी मिलेगा। अगले 3 साल में देश के सभी जिलों में कैंसर सेंटर बनाए जाने से प्रदेश में चिकित्सा सेवा को विस्तार मिलेगा। देश के 100 जिलों में धन धान्य योजना की शुरुआत से प्रदेश के किसान के भी लाभान्वित होने की आशा है। इसी तरह किसान क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किये जाने की घोषणा से प्रदेश के किसानों को भी फायदा होगा। इंडिया पोस्ट को एक बड़े सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन में परिवर्तित करने से उत्तराखण्ड के दूर-दराज क्षेत्रों में पोस्ट आफिस के माध्यम से आर्थिक गतिशीलता बढेगी।