मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापू राम मोहन नायडू से की भेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री किंजरापू राम मोहन नायडू से शिष्टाचार भेंट कर केंद्रीय मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के दायित्व का कार्यभार ग्रहण करने पर बधाई और शुभकामनाएं प्रदान की।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र शुरू करने के संबंध में अनुमोदन प्रदान कर सम्बंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के जनपद उधमसिंहनगर के पंतनगर में स्थित रनवे छोटा होने के कारण इस एयरपोर्ट पर बड़े वायुयानों को उतारना संभव नहीं हो पा रहा है, जिसके लिए रनवे को बढ़ा कर एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई वर्तमान में 1372 मीटर है जिसे बढ़ाकर 3000 मीटर किया जाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में विभिन्न विभागों तथा राष्ट्रीय राजमार्ग सिडकुल की कुल 804.0162 एकड़ अथवा 325.5126 हैक्टेएयर भूमि अधिग्रहण की जा चुकी है। जिसमें से 212.4868 (524.78 एकड़) भूमि नागरिक उड्डयन विभाग के नाम हस्तान्तरित की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से देहरादून स्थित जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि के हस्तांतरण के संबंध में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुरोध करते हुए विस्तारीकरण पर कार्य शुरू करने की अनुमति प्रदान करने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट से काठमांडू (नेपाल) के लिए वायुयान सेवा संचालित किए जाने के लिए निविदा की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। जिसके दृष्टिगत जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का दर्जा देने की कार्यवाही को गति देने की नितांत आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि को एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुसार नागरिक उड्डयन मंत्रालय को हस्तांतरित करने में कोई अवरोध नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्तारीकरण हेतु एयरपोर्ट सीमा से लगी एनटीआरओ की परिधि में आने वाली भूमि के लिए अनापत्ति की कार्यवाही गतिमान है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से केदारनाथ धाम और देहरादून के सहस्त्रधारा हेलिड्रोम पर एटीसी की स्थापना के संबंध में अनुरोध करते हुए अवगत कराया कि वर्तमान में उत्तराखंड के तीन हवाई अड्डे हैं जहां टभ्थ् संचार सहित वायु यातायात सेवा उपलब्ध हैं। हालांकि टभ्थ्
संचार व्यवस्था एक लाइन ऑफ साइट कम्युनिकेशन व्यवस्था होने तथा राज्य की पर्वतीय भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उत्तराखंड के अधिकांश क्षेत्र अभी भी इस व्यवस्था से आच्छादित नहीं हो पाए हैं। इसके मद्देनजर श्री केदारनाथ धाम और सहस्त्रधारा हेलिड्रोम में वायु यातायात नियंत्रण स्थापित किया जाए।

मुख्यमंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य के सीमावर्ती शहर पिथौरागढ़ के लिए अलायन्स एयर द्वारा द्वारा उत्तराखंड एयर कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत दिल्ली-पिथौरागढ़-दिल्ली उड़ान संचालन हेतु सहमति हो गई है। राज्य सरकार द्वारा हवाई अड्डे के लिए 2 सी श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एटीआर 42 विमानों के संचालन हेतु पायलट्स के लिए सिम्युलेटर ट्रेनिंग आवश्यक है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अलायन्स एयर को सिम्युलेटर ट्रेनिंग प्रक्रिया शीघ्र आरंभ करने हेतु सम्बंधित विभाग को निर्देशित करने का अनुरोध किया गया।

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से की भेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर उन्हें प्रदेश की जनता की ओर से पुनः सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का दायित्व मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित करेगा।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी को अवगत कराया कि भारत सरकार द्वारा 2016 में राज्य के 06 मार्गों खैरना-रानीखेत, बुआखाल-देवप्रयाग, देवप्रयाग-गजा-खाड़ी, पाण्डुवाखाल नागचुलाखाल-बैजरों, बिहारीगढ़-रोशनाबाद तथा लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-मोहन-रानीखेत को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकृत किये जाने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। उन्होंने उक्त मागों की अधिसूचना निर्गत किए जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कुमाऊँ एवं गढ़वाल को जोड़ने वाले 256.90 किमी० लम्बे खैरना-रानीखेत- भतरौंजखान-भिकियासैंण-देघाट-महलचौरी-नागचुलाखाल-बुंगीधार-बैंजरों सड़क मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित करने का अनुरोध करते हुए बताया कि इसे राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने से कुमाऊं एवं गढ़वाल क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि के साथ-साथ क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। यह मार्ग 05 विधानसभा क्षेत्रों- नैनीताल, रानीखेत, सल्ट, कर्णप्रयाग एवं थैलीसैंण को संयोजित करेगा। मुख्यमंत्री ने 189 किमी० लम्बे काठगोदाम-भीमताल-धानाचूली- मोरनौला- खेतीखान-लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का आग्रह केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से किया।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से मोहकमपुर आर०ओ०बी० से अजबपुर आर०ओ०बी० तक (विधान सभा चौक से मोहकमपुर तक) के मार्ग को ऐलिवेटेट मार्ग के रूप में परिवर्तित किये जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसकी लागत रू0 452.00 करोड़ आगणित की गई है। उन्होंने प्रस्तावित कार्य को वार्षिक योजना 2024-25 में सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून शहर की वाहनों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत 51.59 कीमी. लम्बी देहरादून रिंग रोड का निर्माण प्रस्तावित है। वर्तमान में देहरादून रिंग रोड का कार्य एन०एच०ए०आई० द्वारा किया जा रहा है। आशारोडी से झाझरा तक कुल 12.00 कि.मी० लम्बाई में 04-लेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जबकि अवशेष कार्य का संरेखण कर मार्ग की डी०पी०आर० गठन की कार्रवाई की जा रही है, मुख्यमंत्री ने इसके शेष कार्य की स्वीकृति के साथ ही 1432 करोड़ लागत की 17.88 कि.मी ऋषिकेश बाईपास सड़क निर्माण हेतु भी केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया। इन प्रस्तावों पर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को अवगत कराया कि कुमाँऊ क्षेत्र में एन०एच०ए०आई० द्वारा अफजलगढ़ भागूवाला बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। जिसके लिये संरेखण के अंतिमीकरण की कार्यवाही की जा रही है, तथा एल०ए०सी० के प्रस्ताव को एन०एच०ए०आई० मुख्यालय से स्वीकृति प्राप्त है। मुख्यमंत्री ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार में विचाराधीन उक्त परियोजनाओं पर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। इस पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को मसूरी-देहरादून के मध्य बढते यातायात के दबाव की समस्या से अवगत कराते हुए अनुरोध किया कि 40 कीमी0 लम्बे देहरादून-मसूरी मार्ग की संयोजकता को भी स्वीकृति प्रदान की जाए। इस मार्ग के निर्माण से देहरादून व मसूरी में अतिरिक्त कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे और हिमाचल प्रदेश, पंजाब आदि के लिए मसूरी जाने वाले यातायात को देहरादून शहर में प्रवेश किए बिना इस कनेक्टिविटी का उपयोग करने और शहर को भीड़भाड़ से मुक्त करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी के लिये प्रस्तावित कनेक्टिविटी एन. एच. 07 पर झाझरा गोल चक्कर से प्रारम्भ होकर लाईब्रेरी चौक के पास मसूरी में समाप्त होगा। परियोजना की अनुमानित लागत 3425 करोड़ की डी.पी.आर. के गठन की कार्यवाही गतिमान है। इस पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से कैंचीधाम बाईपास के निर्माण की भी स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध करते हुए कहा कि कैंचीधाम, ज्योलीकोट-अल्मोड़ा मोटर मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग 109 के किमी0 24 पर स्थित है। इस स्थल पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने एवं सड़क पर वाहनों से जाम की स्थिति बनी रहती है। वर्तमान में इस मार्ग का (ज्योलीकोट से खैरना) 2 लेन में चौड़ीकरण प्रस्तावित है, जिसका एलाइन्मेंट स्वीकृति हेतु मुख्य अभियन्ता क्षेत्रीय अधिकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। इस बाईपास की लम्बाई 1.900 किमी० होगी। इस बाई पास के प्रारम्भ बिन्दु के 275 मी० बाद एक 325 मी० की सुरंग भी प्रस्तावित है। इन प्रस्तावों पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने खटीमा शहर हेतु रिंग रोड़ निर्माण, हल्द्वानी बाईपास निर्माण, पंतनगर एयरपोर्ट हेतु बाईपास निर्माण के साथ ही चंपावत बाईपास, लोहाघाट बाईपास, पिथौरागढ़ बाईपास के निर्माण का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से भेंट के दौरान बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चारधाम सड़क परियोजना, सी.आर.आई.एफ., एन.एच. एवं एन.एच.ए.आई. के माध्यम से राज्य सरकार को विशिष्ट सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के 13 जनपदों में से 10 जनपद पूर्ण रूप से पर्वतीय हैं तथा इन जनपदों में यातायात का मुख्य साधन सड़क मार्ग है। मार्गों को प्रत्येक ऋतु में आवागमन हेतु सुचारू किये जाने के लिए मार्गों को सर्वऋतु मार्गों में निर्मित किया जाने तथा प्रदेश के कई जनपदों की सीमायें अन्तर्राष्ट्रीय सीमा होने के दृष्टिगत सड़क मार्गों से ही सैन्य आवागमन होता है। सामरिक रूप से अतिमहत्वपूर्ण जनपदों में आमजनमानस की आवाजाही बनाये रखने तथा सैन्य आवागमन हेतु मार्गों को उच्चीकृत किया जाना राज्य हित में है।

मुख्यमंत्री ने राज्य महत्व की सड़क निर्माण से संबंधित उपरोक्त प्रस्तावों पर स्वीकृति हेतु केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस संबंध में हर संभव सहयोग का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया है।

कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति के कारण भगवान राम अयोध्या में कई दशकों से एक टेंट में रहने को मजबूर रहेः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई दिल्ली में आयोजित हिन्दू नव वर्ष महोत्सव में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मेरा परम् सौभाग्य है कि आज मुझे एक साथ इतने महानुभावों का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। आप सभी की आभा और ऊर्जा ने मेरे मन मस्तिष्क को और भी अधिक जागृत करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में उपस्थित प्रत्येक संत को, सनातन संस्कृति के प्रत्येक प्रहरी को दंडवत प्रणाम करता हूं और आशा करता हूं कि आप सभी सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।

उन्होंने इस दौरान दिल्ली भाजपा के सभी लोकसभा प्रत्याशियों के भारी मतों से विजयी होने की कामना करते हुए सभी को ष्हिन्दू नववर्षष् की शुभकामनाएं प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का यह हिन्दू नववर्ष महोत्सव कई मायनों में विशिष्ट है, क्योंकि जहां एक ओर आप सभी विद्वानों का सानिध्य प्राप्त हो रहा है, वहीं सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ कर हम सबको आत्मिक शांति प्राप्त हुई है। ब्रह्म पुराण के अनुसार चौत्र शुक्ल प्रतिपदा को ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था, इस दिन को नव संवत्सर, गुडीपडवा सहित कई नामों से देश के अलग अलग क्षेत्रों में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि आज भी हमारी गणना इतनी सटीक है कि अमावस्या और पूर्णिमा सहित सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण जैसी खगोलीय घटनाओं की सटीक जानकारी हमें पहले ही प्राप्त हो जाती है और इन सबका आधार पूर्ण रूप से वैज्ञानिक है। इतनी विशेषताओं को समेटे हुए हमारा नव वर्ष वास्तव में हमें कुछ नया करने की प्रेरणा देता है। ग्रहों की चाल पर आधारित हमारा नववर्ष सबसे विशिष्ट और वैज्ञानिक है फिर भी यह दुर्भाग्य है कि हमारा समाज एक स्वर में भारतीय नववर्ष को नहीं मनाता।

उन्होंने कहा कि, भारतीय नव वर्ष के प्रति इतनी उदासीनता का मुख्य कारण संस्कृति के संवर्धन के प्रति पूर्व की सरकारों की उदासीनता रही। परंतु 2014 के पश्चात समय बदल चुका है, आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में आज पुनः भारतीय सनातन संस्कृति की धर्म ध्वजा पूरे विश्व में शान से फहरा रही है।

उन्होंने कहा कि हम सभी को ज्ञात है कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति के कारण भगवान राम अयोध्या में कई दशको से एक टेंट में रहने को मजबूर थे। आदरणीय मोदी जी को देश की सेवा करने का अवसर मिला तो उन्होंने दृढ़ निश्चय के साथ अयोध्या में श्रीराम का भव्य और दिव्य मंदिर बनवाकर राम लला को टेंट से महल में लाने का कार्य किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने केदारनाथ तथा बद्रीनाथ धाम के पुनर्विकास कार्यों में हर कदम पर हमारा भी पूरा साथ दिया। इतना ही नहीं, देवभूमि के विभिन्न पौराणिक मंदिर जिनके पुनर्विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी उन मंदिरों के लिए प्रधानमंत्री जी के सहयोग और मार्गदर्शन में मानसखंड मंदिर माला मिशन भी प्रारंभ किया गया। जिसके तहत मानसखंड के विभिन्न पौराणिक मंदिरों का पुनर्विकास और वहाँ तक पहुँचने की बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है।

इतना ही नहीं मोदी जी के नेतृत्व में बने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और उज्जैन के महाकाल लोक जैसे निर्माण कार्य आज विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने अब देश के साथ ही विदेशों में भी सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हाल ही में हमने अपने संकल्प पत्र में यह संकल्प लिया है कि हम विश्वभर में रामायण उत्सव मनाएंगे। ऐसे संकल्प सिर्फ वही ले सकते हैं जिन्होंने सनातन संस्कृति को शुद्ध अंतः करण से अपना माना हो। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार के साथ ही देश का चहुंमुखी विकास भी हुआ है। आज भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है और तीसरी बनने की ओर अग्रसर है। देश का समग्र विकास सुनिश्चित करने के साथ ही आदरणीय मोदी जी ने देश हित में कई अभूतपूर्व एवं कड़े निर्णय लिए हैं। राम मंदिर निर्माण के अलावा ब्।। लागू करना, धारा 370 का खात्मा और तीन तलाक की समाप्ति ऐसे कुछ उदाहरण हैं।

उन्होंने कहा कि हमने भी एक ओर जहां उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू कर सभी को समान अधिकार देने की पहल की है, वहीं धर्मांतरण विरोधी कानून बनाकर और लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई कर हमने ये बता दिया है कि सनातन के खिलाफ किया गया कोई भी कार्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक ओर उत्तराखंड में हम जहां एक ओर समान नागरिक संहिता की बात कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में ष्मुस्लिम पर्सनल लॉ की बात कर रही है। यह बहुत शर्मनाक है। आज जब देश मे चुनाव चल रहा है तो ये दल मंदिरों में जाने का ढोंग कर रही हैं। दिल्ली में केजरीवाल की पार्टी बहुत धूर्तता से कार्य कर रही है। आज तमाम विदेशी शक्तियों के साथ मिलकर यह दल मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोकना चाहती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में मतदान हो चुका है और पांचों सीट भाजपा जीत रही है। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों से भी कहना चाहता हूँ कि दिल्ली की 7 की 7 सीट जीतकर देनी हैं और मोदी जी को एक बार फिर देश का प्रधानमंत्री बनाना है।

उत्तराखंड सदन में पुलिस बैरकों का हुआ शुभारंभ

नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन के भूतल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशानिर्देशानुसार उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने पुलिस बैरक का उद्घाटन किया।

उत्तराखण्ड सदन में पुलिसकर्मियों की सुविधा हेतु नवीनीकृत बैरक बनाए गए हैं। बैरक में तमाम आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं जिसमें पुलिसकर्मी ड्यूटी के बाद आराम कर पाएंगे। इन आधुनिक सुविधाजनक बैरक में ठहरने वाले पुलिसकर्मियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी जिससे वे तनाव मुक्त रहेंगे। बैरक में रहने वाले पुलिसकर्मियों के लिए तमाम आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। नवीनीकृत बैरक में कुल 4 कक्ष बनाए गए हैं।

उद्घाटन के दौरान उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने पुलिसकर्मियों को भविष्य में हरसम्भव सहायता उपलब्ध करवाने का भी आश्वासन दिया। इस दौरान उत्तराखण्ड सदन के मुख्य सुरक्षा अधिकारी मनोज रावत सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से की शिष्टाचार भेंट, कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आवंटन की मांग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बागेश्वर में बने ताम्र शिल्प पर आधारित उत्पाद तथा उत्तराखण्ड की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की गई सामग्री भेंट की। प्रधानमंत्री ने राज्य की महिलाओं के परिश्रम की सराहना की तथा उनका आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड को वेडिंग डेस्टिनेशन बताये जाने के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री की अपील के बाद उत्तराखण्ड में शादियों के लिये देश विदेश से बडी संख्या में लोगों द्वारा बुकिंग की जा रही है, इससे राज्य के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उत्तराखण्ड में वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित किये जाने के लिए 150 करोड़ रूपये के निवेश भी प्राप्त हुये हैं। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से कर्णप्रयाग-ग्वालदम मार्ग में सीमा सड़क संगठन द्वारा किये जा रहे कार्यों में तेजी लाने, पर्यटन और सैन्य आवगमन तथा आम जनमानस के लिए अत्यन्त उपयोगी 189 कि0 काठगोदाम-भीमताल, ध्यानाचुली-मोरनोला-खेतीखान- लोहाघाट-पंचेश्चर मोटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित करने एवं मानसखण्ड मन्दिर माला परियोजना के अन्तर्गत मानसखण्ड मन्दिरों को जोड़ने वाले 20 मार्गों हेतु 01 हजार करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों एवं पर्यटकों को मानसखण्ड मन्दिर माला के दर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गढ़वाल तथा कुमायूं को जोड़ने वाले मार्गों का उच्चीकरण किया जाना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के अन्तर्गत चिन्हित 48 पौराणिक मन्दिरों में से 16 मन्दिरों में अवस्थापना विकास के कार्य शुरू हो चुके हैं। जागेश्वर धाम हेतु 150 करोड़ रूपये का मास्टर प्लान बनाया गया है। मानसखण्ड मन्दिरों के प्रचार-प्रसार हेतु ‘भारत गौरव मानसखण्ड एक्सप्रेस’’ ट्रेन देश के विभिन्न स्थानों से उत्तराखण्ड के काठगोदाम, टनकपुर रेलवे स्टेशनों के लिये संचालित किये जाने का अनुरोध किया। मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अन्तर्गत कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पूर्णागिरी धाम को विकसित करने के लिये शारदा कॉरिडोर के विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मानसखण्ड माला मिशन के अन्तर्गत कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम के विकास हेतु मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। पिथौरागढ़ स्थित सीमान्त गांव गुंजी (आदि कैलाश क्षेत्र) को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किये जाने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। गुंजी को’’शिव नगरी’’थीम के आधार पर विकसित किये जाने हेतु छः घटक कला संस्कृति, कौशल, ज्ञान, ध्यान, विज्ञान तथा विश्राम, में विभाजित किया गया है। प्रथम चरण में स्वदेश दर्शन योजना-2.0 के अन्तर्गत गुंजी में साधना केन्द्र, ईको ट्रेल, संसाधन केन्द्र, हेरिटेज ग्राम विकसित करना और साहसिक गतिविधियां प्रस्तावित हैं। राज्य सरकार द्वारा गुंजी तथा आदि कैलाश एवं ओम पर्वत के लिये हेली सेवाएं उपलब्ध कराये जाने हेतु सर्वे कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी-विश्वनाथ की तर्ज पर हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर विकसित करने का कार्य नव गठित उत्तराखण्ड निवेश एवं आधारिक संरचना बोर्ड (यू.आई.आई.डी.बी) द्वारा किया जायेगा। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु पीपीपी मोड में सात हेलीपोर्ट तैयार करने का प्रस्ताव है जिसमें से दो हेलीपोर्ट हेतु भूमि चिन्हित कर ली गयी है। प्रारम्भिक चरण में हरिद्वार एवं देहरादून में हेलीपोर्ट तैयार किये जाने प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग के लिए अम्ब्रेला ब्रांड के रूप में हाउस ऑफ हिमालयाज का प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पण किया गया। लोकार्पण के बाद राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों द्वारा हाउस ऑफ हिमालयाज से जुडने के लिए उत्साह दिखाया गया है। प्रथम चरण में मिलेटस, राजमा, पर्वतीय दालें, लाल चावल, हल्द्वी, पहाड़ी नमक, शहद, एरोमेटिक एण्ड हर्बल टी, नैनीताल मोमबत्ती, ऐपण, पिछौड़ा को शार्टलिस्ट किया गया है। राज्य के सभी जी0आई0 उत्पादों को हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रान्ड में विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के त्वरित विकास के रोडमैप में आगामी पाँच वर्षों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुना किया जाना लक्ष्यान्वित किया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त किये जाने हेतु राज्य के आधारभूत ढाँचे में व्यापक वृद्धि प्रस्तावित की गयी है जिससे राज्य में औद्योगिकीकरण, सेवा क्षेत्र जिसमें पर्यटन से जुड़ा आधारभूत ढाँचा मुख्य है, कृषि एवं वानिकी तथा शिक्षा आदि क्षेत्रों में मुख्य रूप से निवेश आकर्षित किया जाना प्रस्तावित है, जिस कारण निकट भविष्य में विद्युत की मांग में तेज वृद्धि आशान्वित है। राज्य में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में पर्यावरणीय कारणों से हो रहे विलम्ब के फलस्वरूप, राज्य में विद्युत की मांग के सापेक्ष विद्युत/ उपलब्धता में अन्तर लगातार बढ़ता जा रहा है जिसका अन्तर उपरोक्त कारणों से भविष्य में और अधिक हो जायेंगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य को केन्द्रीय पूल के कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत स्थायी रूप से आवंटित किये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ क्षेत्र की धौलीगंगा तथा गौरी गंगा क्षेत्र में बहने वाली नदियां राज्य के अन्तर्गत बहने वाली गंगा एवं उसकी सहायक नदियों से इतर हैं। उक्त क्षेत्र की जल विद्युत परियोजनाओं बौकांग बेलिंग (330 मेगावाट) एवं सेलाउर्थिग (202 मेगावाट) की स्वीकृतियां प्रदान किये जाने का भी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया कि उत्तराखण्ड राज्य में जून 2013 में आयी आपदा के पश्चात मा० सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 13.08.2013 को पारित ओदश एवं जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा दिये गये निर्णय के कारण गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में प्रस्तावित 44 जल विद्युत परियोजनाओं कुल क्षमता लगभग 4800 मे0वा0 का विकास एवं निर्माण स्थगित है। राज्य की विद्युत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड को खुले बाजार से प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ की ऊर्जा क्रय करनी पडती है, जो कि पर्वतीय राज्य के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ डालता है। अतः राज्य की बढती जरूरतों को पूरा करने के लिये तत्काल चरणबद्ध रूप से अन्य नदी घाटियों में प्रस्तावित परियोजनाओं के निर्माण हेतु सकारात्मक कार्यवाही करना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड राज्य में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर स्थित परियोजनाओं के त्वरित विकास एवं निर्माण के अनुमति प्रदान किये जाने हेतु जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार को यथोचित निर्देश देने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि राज्य में हो रहे शहरीकरण के दृष्टिगत ‘‘चार नई टाउनशिप’’ विकसित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें दो पर्वतीय क्षेत्रों में और दो मैदानी क्षेत्रों में बनाने की योजना है। राज्य की आयुष नीति-2023 के अन्तर्गत विभिन्न सेक्टरों के निवेश पर टॉप-अप के रूप में 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत की सब्सिडी अतिरिक्त रूप से प्रदान की जा रही है। राज्य पर्यटन नीति, 2023 के माध्यम से वेलनेस रिसोर्ट/आयुर्वेद/योग/नेचुरोपैथी रिसोर्ट को 50 प्रतिशत तक की पूंजीगत सहायता तथा श्रेणी बी और श्रेणी सी क्षेत्रों में स्थापित होने वाले वेलनेस केन्द्र/आयुर्वेद/योग/नेचुरोपैथी रिसोर्ट को 5 प्रतिशत की अतिरिक्त पूंजीगत सहायता प्रदान की जा रही है। ‘‘उत्तराखण्ड स्टेट मिलेट मिशन’’ वर्ष 2023-24 से वर्ष 2027-28 (05 वर्षों) के लिए लागू किया गया है। ‘‘राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना’’ के तहत प्रदेश में सहकारी संस्थाओं के माध्यम से संयुक्त सहकारी खेती, साईलेज, पोल्ट्री वैली, गोट वैली, दुग्ध उत्पादन, ट्राउट फार्मिंग, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी उत्पादन इत्यादि पर सफलतापूर्वक कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशन में उत्तराखण्ड राज्य ईज ऑफ डुईंग बिजनेस, निवेश प्रोत्साहन तथा स्टार्ट अप क्षेत्र में निरंतर विकास कर रहा है और भारत सरकार द्वारा निर्गत की जाने वाली रैंकिंग में लगातार उत्तम श्रेणी प्राप्त कर रहा है। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कार्यक्रम के अन्तर्गत एक पंचकोणीय औद्योगिक/व्यवसायिक गलियारे की स्थापना की जा रही है। जिसका उद्देश्य भारत वर्ष में औद्योगिक विनिर्माण एवं सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की क्षमता को बढ़ाते हुए देश में त्वरित व समावेशी विकास और लाभकारी रोजगार प्राप्त करना है। जिसके कम मे भारत सरकार व राज्य सरकार उत्तराखण्ड के संयुक्त प्रयासों से 1002 एकड़ भूमि पर एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर खुरपिया आई.एम.सी. खुरपिया का निर्माण 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के अन्तर्गत किया जा रहा है। उक्त परियोजना लगभग रू0 1100 करोड़ की लागत से की जा रही है, जिसमें राज्य द्वारा उपलब्ध करायी गयी भूमि का मूल्य रू0 410 करोड़ है। उत्तराखण्ड राज्य में उक्त परियोजना के माध्यम से लगभग ₹15000 करोड़ का निवेश आने की प्रबल समभावनाएँ है और साथ ही लगभग 50000 युवाओं को प्रत्यक्ष रुप से रोजगार प्राप्त होने की भी सम्भावनाएँ है। उत्तराखण्ड राज्य में स्थापित किये जा रहे आई.एम.सी. खुरपिया जिला उधमसिंह नगर की परियोजना का अनुमोदन देने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया कि इन्वेस्टर समिट में हुए करारों को ग्राउंड करने के लिए राज्य की ओर से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। एम०ओ०यू० की मॉनिटरिंग के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है। राज्य में तीन फूड पार्क के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। देहरादून में आईटी पार्क 2 स्थापित किया जा रहा है। एयरपोर्ट के नजदीक आई.टी. टावर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। उद्योगों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए सिडकुल द्वारा काशीपुर, सितारगंज, रुद्रपुर, हरिद्वार तथा देहरादून में नए औद्योगिक आस्थान विकसित किये जा रहे हैं। देहरादून में छरबा को एजुकेशन सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है जबकि ऊधमसिंह नगर जनपद में नॉलेज पार्क विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता से जुड़े सदस्यों की आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में उनके परिवारजनों को सामाजिक सुरक्षा जैसे सेवाओं का लाभ पहुँचाने के दृष्टिगत् “सहकारी किसान समृद्धि कार्ड योजना’ प्रारम्भ की जाएगी, जिसके अन्तर्गत वितरित होने वाले कार्ड का नाम “नमो सहकारी कवच कार्ड“ किया जाना प्रस्तावित है।

नई दिल्ली पहुंचे सीएम धामी, सिलक्यारा टनल पर मीडिया से की बातचीत

नई दिल्ली पहुंचने पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग हादसे में 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन के चलते ही यह बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो सका। केन्द्र सरकार की ओर से भेजी गई विशेषज्ञ बचाव एजेंसियों की बदौलत हम श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में कामयाब हो सके। 17 दिन 41 जिंदगियों के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा था।

सीएम धामी ने कहा कि सिल्क्यारा सुरंग मामले में प्रधानमंत्री अगर पर्याप्त संसाधन और मानवीय सहायता प्रदान नहीं करते तो यह अभियान सफल नहीं हो पाता। 12 नवम्बर की सुबह दीपावली की सुबह यह हादसा हुआ। उसी दिन शाम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन करके मुझसे घटना की पूरी जानकारी ली। सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को किसी भी कीमत में सकुशल बाहर निकालना हमारी प्राथमिकता थी। उनकी प्रेरणा से राज्य सरकार मजबूती के साथ बचाव अभियान में जुटी। बचाव में लगी टीमों का मनोबल बढ़ा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमें आश्वस्त किया कि आप मोर्चे पर डटें रहें, मिशन को अंजाम तक पहुंचाने में संसाधनों और विशेषज्ञों की कोई कमी नहीं रहेगी। शुरू से लेकर अंत तक प्रधानमंत्री जी ने मार्गदर्शन किया और पल-पल की जानकारी लेते रहे। उन्होंने सिलक्यारा सुरंग से सकुशल बाहर निकाले गए श्रमिकों से फोन पर बातचीत कर उनके स्वास्थ्य और कुशलक्षेम की जानकारी ली और हौसला भी बढ़ाया। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री जी ने निर्देश दिया कि सुरंग से निकालने के बाद श्रमिकों के स्वास्थ्य देखभाल, घर छोड़ने व परिजनों आदि के लिए क्या व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रमिकों और उनके परिजनों को घर तक छोड़ने की व्यवस्था भी की जाए।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र में मोदी के नेतृत्व में सरकार आने के बाद एक बड़ी तब्दीली ये आई है कि देश और दुनिया में कहीं भी संकट आया हो, भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। मोदी सरकार ने मुसीबत में आ गए विदेश में रह रहे लोगों को कभी बेसहारा नहीं छोड़ा। ऐसा पहले की सरकारों में नहीं हुआ करता था। ये बड़ा बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद आया है। यही विश्वास सुरंग में फंसे मजदूरों को और उनके परिजनों को था कि प्रधानमंत्री जी हर संसाधन उपलब्ध कराकर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालेंगे।

देश जानता है कि वह पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने श्रमिकों को उच्च कोटि का सम्मान केवल शब्दों से ही नहीं दिया है व्यवहार में भी दिखाया है। वह काशी में मजदूरों के चरण धोते हैं। नई संसद के उद्घाटन में श्रमिकों के साथ भागीदारी करते हैं उनसे संवाद करते हैं। श्रमिकों पर पुष्प वर्षा करते हुए देश ने पहली बार किसी प्रधानमंत्री को देखा है। यह प्रधानमंत्री का ही मानस है कि उन्होंने दिल्ली में बहुउद्देशीय विश्वकर्मा भवन के निर्माण के द्वारा श्रमिकों के प्रति अपने अगाध सम्मान को प्रदर्शित किया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति का ही नतीजा है कि भारत ने न सिर्फ संकटकाल में अपने नागरिकों को बचाया है बल्कि जल, थल, नभ में सफल अभियान चलाकर कई विदेशी नागरिकों के जीवन की भी रक्षा कर दुनिया के सामने मानवता और जबरदस्त टीम वर्क के कई उदाहरण पेश किए हैं। ताजा उदाहरण हमास और इजरायल के युद्ध के बाद फंसे हुए भारतवासियों को सुरक्षित स्वदेश लाना हो, रूस यूक्रेन युद्ध में भारतीयों के लिए दोनों देशों के द्वारा युद्ध रुकवाना हो, हमारे नागरिकों की सुरक्षित वापसी प्रधानमंत्री जी के कार्यकाल में गारंटी बन गई है। यह प्रधानमंत्री जी द्वारा आज विश्व में भारत की प्रतिष्ठा का प्रभाव है कि सूडान, यमन और अफगानिस्तान की अस्थिरता के समय भारतीयों को सुरक्षित भारत लाकर प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों को एक भरोसा दिलाया है कि वह एक संवेदनशील अभिभावक की तरह है अपने नागरिकों की पल-पल चिंता करते हैं। कोरोना महामारी के समय पूरी दुनिया से भारतीय सुरक्षित अपने देश लौटे। इसी विश्वास ने हमें शक्ति दी और सिल्कयारा से सभी श्रमिक पूरी तरह सुरक्षित बाहर निकाले गए।

नई दिल्ली पहुंचे सीएम धामी, मीडिया से वार्ता में यूसीसी पर बोले ये…

नई दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड सदन में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने वाली विशेषज्ञ समिति के सदस्यों से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने समिति के सदस्यों से ड्राफ्ट पर भी चर्चा की। मीडिया से वार्ता में उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट मिलने के बाद प्रदेश सरकार इसका विधिक परीक्षण करेगी। इसके बाद इसे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह अन्य राज्यों से भी अपेक्षा करेंगे कि देवभूमि से समान नागरिक संहिता एक्ट बनाने का जो सिलसिला शुरू हुआ है, उसे वे भी लागू करें।

मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए गठित समिति को इस पर काम करते हुए एक वर्ष से अधिक का समय हो गया है। समिति ने विभिन्न धर्मों, राजनीतिक दलों व विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों से चर्चा की है। समिति ने ड्राफ्ट पूरा कर लिया है। कुछ समय बाद समिति इसे सरकार को सौंप देगी। सरकार विधिक परीक्षण करने के बाद इसे लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि जब इसका ड्राफ्ट सामने आएगा, तब इससे जुड़े सभी संशय दूर हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति व दो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे होने के कारण सामरिक दृष्टि का भी ध्यान रखा गया है। उत्तराखंड धर्म व संस्कृति का केंद्र है। इसलिए उत्तराखंड में रहने वाले लोगों के लिए एक समान कानून होना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री से मिले सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री, भारी उद्योग मंत्रालय डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय से शिष्टाचार भेंट की।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन जल्द बनाने के लिए अनुरोध किया। उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स एवं बैटरी उत्पाद में निवेश के लिए सहायता का अनुरोध किया। साथ ही ऑटोमोटिव उद्योग में नवाचार और नई तकनीक पर शोध एवं प्रोत्साहन के लिए उत्तराखंड में इंडस्ट्री पार्टनर के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू करवाने का आग्रह किया ताकि प्रदेश में दक्षता विकास, औद्योगिक विकास के साथ साथ औद्योगिक निवेश भी आये। राज्य में निवेश बढ़ने से रोज़गार सृजन के अवसर बढ़ेंगे।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने राज्य में औद्योगिक विकास के लिए केंद्र सरकार से हर संभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।

उत्तराखंड सदन से सीएम ने रवाना किया जोशीमठ आपदा को राहत सामग्री वाहन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में भाजपा उत्तराखंड प्रकोष्ठ, फरीदाबाद व हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कांफ्रेंस सहित अन्य संस्थाओं द्वारा जोशीमठ में आई आपदा हेतु उपलब्ध कराई जा रही राहत सामग्री के वाहनों को रवाना किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनका आभार व्यक्त करते हुये कहा कि ऐसे समय पर सामग्री के माध्यम से सभी लोग सहायता के लिए आ रहे हैं। हमारा भी प्रयास है कि सभी की सहायता हो। केंद्र सरकार के सहयोग से जोशीमठ के पुनर्वास और प्रभावितों को राहत पहुंचाने का कार्य हो रहा है। अन्य संस्थाओ द्वारा भी राहत सामग्री भेज कर मदद की जा रही है।

इस अवसर पर भाजपा फरीदाबाद उत्तराखंड प्रकोष्ठ जिला सचिव भारती भाकुनी, जिला संयोजक चंदन नेगी, उत्तराखंड प्रकोष्ठ जिला कार्यकारिणी में जिला सह संयोजक गिरीश चंद सती, आईटी प्रमुख मनीष डंगवाल आदि उपस्थित थे।

मानसखंड झांकी के टीम समस्यों ने राष्ट्रपति से की मुलाकात

नई दिल्ली में उत्तराखण्ड सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के संयुक्त निदेशक एवं झांकी के टीम लीडर केएस चैहान के नेतृत्व में 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन हेतु चयनित “मानसखण्ड” पर आधारित उत्तराखण्ड की झांकी के कलाकारों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में भेंट की। पूरे देश से आये झांकी के कलाकारों द्वारा राष्ट्रपति के समक्ष सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई।

गौरतलब है कि 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन के लिए चयनित विभिन्न राज्यों की झांकियों के कलाकारों के साथ ही उत्तराखण्ड की झांकी के कलाकारों को भी राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में आमंत्रित किया गया था।