पीएम के नेतृत्व में 11 वर्षों में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र से कार्य हुएः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के 11 साल पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यालय में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर सशक्त, सक्षम और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में अलग पहचान बनाई है। विकसित भारत के संकल्पों को सिद्धि तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 11 वर्षों में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के साथ कार्य किये जा रहे हैं। यह कालखंड हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी महत्वपूर्ण रहा। विकास और नवाचार की दिशा में देश में अनेक कार्य हो रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में वरदान साबित हो रही है। मेक इन इंडिया की ताकत से निर्यात के क्षेत्र में भारत की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जन-धन योजना, उज्जवला योजना, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वच्छता अभियान, किसान सम्मान निधि और निशुल्क राशन योजना जैसी अनेकों जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देश के करोड़ों नागरिकों को मिल रहा है, जिसका परिणाम है कि आज भारत की गरीबी दर में 80 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। पिछले 11 साल में 27 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से बाहर आये हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में धारा 370 की समाप्ति, तीन तलाक पर प्रतिबंध जैसे साहसिक निर्णय लिये गये। उन्होंने कहा कि भारत न केवल स्वदेशी रक्षा उपकरण बना रहा है, बल्कि दुनिया को निर्यात भी कर रहा है। भारत के रक्षा निर्यात में तेजी से वृद्धि हुई है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग वैश्विक स्तर पर 142 से सुधरकर 63 पर पहुंची है। मध्यम वर्ग को राहत देते हुए नई कर व्यवस्था में 12.75 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स से छूट दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को एक नई रफ्तार दी है। 99 प्रतिशत गांव सड़क कनेक्टिविटी से जुड़ चुके हैं। देश में प्रतिदिन 34 किलोमीटर हाईवे का निर्माण हो रहा है। रेल और हवाई कनेक्टिविटी का भी तेजी से विस्तार हुआ है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। स्टार्टअप इंडिया योजना ने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण कार्य बहुत तेजी से हो रहा है। दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड पर भी तेजी से कार्य हो रहे हैं। केदारनाथ और हेमकुंट साहिब रोपवे निर्माण के बाद श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी।

विकसित उत्तराखण्ड बनाने को समाज के अन्तिम छोर के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ना होगाः धामी

2047 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने की दिशा में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जाएं। विकसित उत्तराखण्ड के लिए ग्राम स्तर से जनपद स्तर तक 2047 तक कैसा स्वरूप होगा, इस दिशा में जिलाधिकारियों द्वारा कार्य किये जाएं। समाज के अन्तिम छोर के लोगों तक पहुंचकर उन्हें जन कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के साथ ही उनको मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में कार्य किये जाएं। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल बैठक के दौरान सभी जिलाधिकारियों को दिये।

प्रत्येक जनपद में जनहित में 5-5 नवाचारों पर करें कार्य

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने जनपदों में जनहित से जुड़े 5-5 बैस्ट प्रैक्टिस और नवाचारों पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे पहले टीबी मुक्त होने वाले तीन जनपदों को पुरस्कृत किया जायेगा। सभी जिलाधिकारियों को नियमित स्वच्छता अभियान चलाने के साथ ही 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस से 25 जुलाई तक जनपदों में बृहद स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। एक पेड़ माँ के नाम अभियान को विशेष रूप से प्रोत्साहित करने के साथ ही प्लास्टिक मुक्त उत्तराखण्ड के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। जलस्रोतों के संरक्षण और अमृत सरोवरों की कार्यप्रगति की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और प्रत्येक जनपद में इसके लिए नोडल अधिकारी बनाये जाएं।

मानसून सीजन के ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग द्वारा मानसून अवधि में राज्य में औसत से अधिक बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसको ध्यान में रखते हुए पूरी तैयारी की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि मानसून शुरू होने से पहले नालों की सफाई हो जाए। मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए पेयजल, विद्युत, सड़कों की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पानी की टंकिया स्वच्छ रखी जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू, मलेरिया और कोरोना से बचाव के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। अस्पतालों में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं का परीक्षण किया जाए। सभी जिलों में आपदा प्रबंधन तंत्र को अलर्ट मोड में रखा जाए। टोल-फ्री नंबरों को सभी जिलों एवं तहसीलों में सक्रिय किया जाए। जिससे नागरिक आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा रूट पर विशेष सतर्कता एवं सक्रियता बरती जाए। यातायात, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए।

सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए सभी जिलों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाए। व्यापक स्तर पर योग शिविरों का आयोजन किया जाए। 15 जून को होने वाले कैंची धाम स्थापना दिवस के अवसर पर ट्रैफिक प्रबंधन के लिए यातायात व्यवस्था के साथ ही आवश्यकतानुसार अस्थायी पार्किंग स्थलों की व्यवस्था की जाए। वैरिफिकेशन ड्राइव को और अधिक प्रभावी एवं तेज गति से संचालित किया जाए। अवैध रूप से बनाये गये आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और अन्य दस्तावेजों के विरूद्ध सख्त अभियान निरंतर जारी रखा जाए। सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। सरकारी कार्यालय में 1064 हेल्पलाइन से संबंधित बोर्ड एवं बैनर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किये जाए और भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए लोगों को जागरूक किया जाए।

स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही एक जनपद दो उत्पाद पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाए। एक जनपद दो उत्पाद पर विशेष ध्यान दिया जाए। सरकारी कार्यक्रमों में स्थानीय उत्पादों का उपयोग किया जाए, इसका पूर्णतः पालन किया जाए। जिलाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री घोषणाओं की नियमित समीक्षा की जाए। सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों में लैण्ड बैंक की स्थिति पर विशेष ध्यान दें। वर्षा जल संचय की दिशा में और प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि प्रबंधन के लिए भी हर प्रकार से सुरक्षात्मक उपाय किए जाएं।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, वर्चुअल माध्यम से कुमांऊँ कमिश्नर दीपक रावत एवं सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

राष्ट्रीय स्तर पर शहरी क्षेत्रों में टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली विकसित करने को विशेष योजना बनाने का किया अनुरोध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की दसवीं बैठक में प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि राज्य में तेजी से हो रहे शहरीकरण के चलते शहरों में ड्रेनेज की समस्या एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। उन्होंने अनुरोध किया कि इस समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली विकसित करने के लिए विशेष योजना बनाई जाए।

मुख्यमंत्री ने “पीएम कृषि सिंचाई योजना“ की गाइडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को सम्मिलित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों के कारण वर्तमान में पर्वतीय क्षेत्र का मात्र 10 प्रतिशत भूभाग ही सिंचित हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हिमनद आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोडने की दिशा में “नदी जोड़ो परियोजना“ के साथ ही चेक डैम्स और लघु जलाशयों के निर्माण के माध्यम से वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2026 में उत्तराखंड में पर्वतीय महाकुंभ के रूप में प्रसिद्ध “मां नन्दा राजजात यात्रा“ तथा वर्ष 2027 में हरिद्वार में “कुंभ“ का आयोजन होना है। इन दोनों आयोजनों को “भव्य एवं दिव्य“ बनाने के लिए सहयोग मांगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में “डेमोग्राफिक डिविडेंड“ की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस लाभ को प्राप्त करने के लिए एक निश्चित समय सीमा में इसका दोहन करना आवश्यक है। इस दृष्टि से आने वाले दस वर्ष हमारे प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इन्हीं वर्षों में हम “डेमोग्राफिक डिविडेंड“ का सर्वाधिक लाभ उठा सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य में विशेषरूप से स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की जीडीपी में प्राथमिक सेक्टर का योगदान जहां मात्र 9.3 प्रतिशत है, वहीं इस कार्य में लगभग 45 प्रतिशत आबादी लगी है। इस समस्या को देखते हुए हमने प्रदेश के काश्तकारों को “लो वैल्यू एग्रीकल्चर“ की बजाए “हाई वैल्यू एग्रीकल्चर“ अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ किया है, जिनमें एप्पल मिशन, कीवी मिशन, ड्रैगन फ्रूट मिशन, मिलेट मिशन तथा सगंध कृषि को प्रोत्साहन शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के सशक्त नेतृत्व में भारत वर्ष 2047 तक “विकसित एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए उत्तराखंड सरकार भी दृढ ़संकल्पित होकर वित्तीय प्रबंधन और वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रहे हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था में पिछले तीन वर्षों में लगभग डेढ़ गुना की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी रैंकिंग में जहां हमारे राज्य ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, वहीं इस वर्ष जारी हुई “केयरऐज रेटिंग रिपोर्ट“ में सुशासन एवं वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में छोटे राज्यों की श्रेणी में हमें दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में “समान नागरिक संहिता“ कानून लागू किया गया। पिछले साढ़े तीन साल में राज्य के 23 हजार से अधिक युवा सरकारी नौकरी पाने में सफल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों में प्रधानमंत्री के नेट जीरो के विजन को ध्यान में रखते हुए “ग्रीन गेम्स“ की थीम पर आयोजित किया गया। इन खेलों में “इलैक्ट्रॉनिक्स वेस्ट“ सामग्री की “रीसाइक्लिंग“ से 4000 पदक तैयार किए। “सौर ऊर्जा“ के माध्यम से संपूर्ण ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति की गई। इस आयोजन में लगभग 4000 से 5000 टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकने में सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में “शीतकालीन यात्रा“ के सफल परिणाम सामने आए हैं। प्रधानमंत्री के हर्षिल और मुखबा की यात्रा से राज्य के पर्यटन क्षेत्र को काफी लाभ हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटकों को साहसिक पर्यटन, इको टूरिज्म और हाई-एंड टूरिज्म के माध्यम से आकर्षित करने के लिए वृहद नीति बनाकर जमीनी स्तर पर कार्य शुरू किये गये हैं। उत्तराखंड में नवाचार एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित “सतत एवं समावेशी विकास“ पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी अर्थात “ग्रोस एनवायरमेंट प्रोडक्ट इंडेक्स“ जारी करने की शुरुआत की है, इसके आंकलन द्वारा अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के मध्य बेहतर सामंजस्य स्थापित हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में “जियोथर्मल ऊर्जा नीति“ शीघ्र लागू किया जायेगा। राज्य में “मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना“ प्रारंभ की गई है। इस योजना के लाभार्थी प्रतिमाह एक लाख रूपए से अधिक की आमदानी प्राप्त कर रहे हैं।

सीएम की अध्यक्षता में हुआ ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर भारतीय सेना का अभिनंदन प्रस्ताव पारित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की अभूतपूर्व सफलता पर भारतीय सेना, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं रक्षा मंत्रालय का सर्वसम्मति से अभिनंदन प्रस्ताव पारित किया गया।

मंत्रिपरिषद के प्रस्ताव में कहा गया कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना के अदम्य साहस, अपार पराक्रम और उत्कृष्ट रणनीतिक कौशल की सफलता को दर्शाता है। यह अभियान भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और आत्मबल का जीवंत उदाहरण बनकर सामने आया है।

मंत्रिपरिषद ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि यह ऐतिहासिक सैन्य अभियान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और भारतीय सैन्य इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में सदैव अंकित रहेगा। इस प्रस्ताव को भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा ताकि उत्तराखण्ड की जनता की भावनाओं से उन्हें अवगत कराया जा सके।

उत्तराखण्ड वीर भूमि है, जहां से देश की सेना में सेवा देने वाले हजारों जवान देश की रक्षा में सदैव अग्रणी रहते हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। यह अभियान भारतीय सेना की श्रेष्ठता को दर्शाता है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व और रक्षा मंत्रालय की दूरदर्शिता का भी परिचायक है।
– पुष्कर सिंह धामी,
मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड

सीएस ने प्रदेश में नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास के सम्बन्ध में अधिकारियों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक ली

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में प्रदेश में नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास के सम्बन्ध में अधिकारियों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि यह पूर्वाभ्यास गतिविधियां/मॉक ड्रिल प्रदेशभर में आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह पूर्वाभ्यास आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने में अत्यधिक सहायक होंगे।

मुख्य सचिव ने कहा कि इन पूर्वाभ्यास गतिविधियों से आमजन में किसी प्रकार का पैनिक न हो इसके लिए जनता से लगातार संवाद किया जाए। उन्होंने कहा कि आम नागरिक को इन मॉक ड्रिल और उसके लाभ से अवगत कराया जाए। आपातकालीन परिस्थितियों में सभी विभागों द्वारा क्या-क्या गतिविधियां और कार्यवाही की जानी है, उसके लिए सभी विभागाध्यक्षों द्वारा अपने स्तर से तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि यह एक पूर्वाभ्यास कार्यक्रम है, जिससे राज्य के प्रत्येक नागरिक को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं के प्रति प्रदेश के नागरिकों को जागरूक किए जाने हेतु पूरे प्रदेश में पूर्वाभ्यास गतिविधियां/मॉक ड्रिल आयोजित की जाएं। उन्होंने कहा कि आपातकालीन एवं विपरीत परिस्थितियों में आमजन को क्या-क्या करना है या क्या नहीं करना है, इसकी जानकारी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने विद्यालय एवं अस्पतालों में आपदा से बचाव हेतु जागरूक किए जाने पर भी जोर दिया।

मुख्य सचिव कहा कि पूर्वाभ्यास के साथ ही स्थायी तौर पर आपातकालीन परिस्थितियों के लिए ठोस प्लान तैयार किया जाना चाहिए। इसके लिए राज्य स्तरीय एवं जनपद स्तरीय नागरिक सुरक्षा समितियों को सक्रिय किया जाए। संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर लिया जाए। उन्होंने प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं के दौरान प्रदेश में अलर्ट जारी करने के लिए सायरन सिस्टम दुरूस्त किए जाने के भी निर्देश दिए, साथ ही, एसएमएस और वॉट्सऐप सहित अन्य विकल्पों के माध्यम से अलर्ट का संदेश भेजे जाने के लिए मैकेनिज्म तैयार कर लिए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) को मजबूतीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा एवं मानव जनित आपदा सहित युद्ध जैसी परिस्थितियों के लिए भी प्रदेश को और प्रदेश के नागरिकों को जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए संचार तंत्र को मजबूत किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि आपातकालीन परिस्थितियों में संचार तंत्र फेल होने पर आपातकालीन संचार व्यवस्था, वायरलैस, सैटेलाईट फोन आदि के लिए भी तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं। उन्होंने इसमें सामुदायिक सहभागिता, आपदा मित्र, मंगल दल, एनएसएस एवं एनसीसी को भी शामिल किए जाने की बात कही। मुख्य सचिव ने बड़े बांध एवं संवेदनशील भवनों में सम्भावित खतरे की स्थिति में सुरक्षा एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं सहित आपदा प्रबन्धन योजना तैयार रखे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी वाटर हाईड्रेंट्स को सुचारू किया जाएं। नागरिक सुरक्षा की दृष्टि से बड़े भवनों के सुरिक्षत बेसमेंट आदि को तैयार रखा जाए।

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक दीपक सेठ, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय एवं सचिव विनोद कुमार सुमन, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नर कुमाऊं दीपक रावत, जनपदों से जिलाधिकारी, भारतीय सेना के प्रतिनिधि सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उच्च शिक्षा विभाग एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में समान नागरिक संहिता पर आयोजित की गई कार्यशाला

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देव संस्कृति विश्व विद्यालय में आयोजित ‘‘समान नागरिक संहिता‘‘ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उच्च शिक्षा विभाग और देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है। समान नागरिक संहिता किसी के खिलाफ नहीं है और न ही किसी को टारगेट किया गया है, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को हटाकर सभी नागरिकों के लिए समानता और समरसता स्थापित करने का कानूनी प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी लागू होने से राज्य के सभी नागरिकों के न्यायिक अधिकार समान हुए हैं और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नए अध्याय की शुरुआत भी हुई है। अब कोई महिला उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का शिकार नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यूसीसी में लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन का प्राविधान भी किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता को लागू कर देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। यूसीसी किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं हैै। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि यूसीसी में सभी पंजीकरण अवश्य करवाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा ये अफवाह फैलायी जा रही है कि यूसीसी के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करवाने पर किसी बाहरी व्यक्ति को उत्तराखंड का मूल निवास प्रमाण पत्र मिला जाएगा। इस तरह की बातें पूरी तरह से भ्रामक और असत्य हैं, यूसीसी में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, दर्जाधारी राज्यमंत्री विनय रोहिला, प्रति कुलपति देव संस्कृति विश्व विद्यालय डॉ चिन्मय पंड्या, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल, उच्च शिक्षा सचिव रंजीत सिन्हा, समाजिक कार्यकर्त्ता व यूसीसी नियमावली समिति के सदस्य रहे मन्नू गौड़, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोभाल सहित अनेक जन-प्रतिनिधि एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

गंगोत्री और यमुनोत्री के खुले कपाट, पीएम मोदी के नाम से दोनों धामों में की गई पहली पूजा

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बुधवार को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजा-अर्चना के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इसके साथ ही उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा 2025 का भी शुभारंभ हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोनों धामों में कपाटोद्घाटन समारोह में संकल्प लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से पहली पूजा की और चारधाम यात्रा के सफल आयोजन तथा देश-प्रदेश की सुख समृद्धि एवं खुशहाली की मंगल कामना की है। श्री पुष्कर सिंह धामी यमुनोत्री धाम के कपाटोद्घाटन में पहुंचने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं। इस अवसर पर गंगोत्री एवं यमुनोत्री मंदिर के ऊपर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।

धार्मिक परंपराओं के अनुसार आज सुबह मां गंगा की उत्सव डोली भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर से चलकर गंगोत्री धाम पहुंची। गंगोत्री धाम में विशेष पूजा-अभिषेक के साथ पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट पर गंगोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गये। मां यमुना की डोली शनिदेव महाराज की अगुवाई में शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली से चलकर यमुनोत्री धाम पहुंची। धार्मिक विधि- विधान के साथ पूर्वाह्न 11 बजकर 55 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गए। कपाट खुलने के अवसर पर देश विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किये तथा गंगा और यमुना में स्नान कर पुण्य अर्जित किया।

गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाटोद्घाटन समारोहों में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मॉ गंगा एवं यमुना के मंदिरों में शीश नवाया और विशेष पूजा-अर्चना की। धामी ने दोनों धामों में पहुंची लोक देवताओं की डोलियों से भी आशीष प्राप्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो गया है। उत्तराखण्ड के चार धाम देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं और इन धामों की यात्रा का सौभाग्य प्राप्त करने की आकांक्षा हर श्रद्धालु के मन में रहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षित और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए राज्य में व्यापक प्रबंध किये गये हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुगमता को ध्यान में रखते सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालु को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिथि देवो भवः की परंपरा के अनुसार हमारा प्रयास है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखण्ड से दिव्य धामों के शुभाशीष के साथ ही यात्रा का सुखद अनुभव लेकर जाएं। मुख्यमंत्री ने ग्रीन और क्लीन चारधाम यात्रा के आयोजन के लिए सभी लोगों से सहयोग की अपील भी की है।

गंगोत्री धाम में कपाटोद्घाटन के अवसर पर विधायक सुरेश चौहान, गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, पूर्व विधायक विजय पाल सजवाण, भाजपा जिलाध्यक्ष नागेंद्र चौहान, किशोर भट्ट, जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट, पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल, आदि मौजूद थे। यमुनोत्री धाम में कपाटोद्घाटन के अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी उत्तरकाशी एस.एल सेमवाल, उप जिलाधिकारी बृजेश कुमार तिवारी, यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष संजीव उनियाल, सचिव सुनील उनियाल भी मौजूद थे।

उत्तराखंडः खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने हरित चारधाम यात्रा थीम पर शुरू किया अभियान

चारधाम यात्रा मार्ग के होटल- ढाबों में इस बार तीर्थयात्रियों को ना सिर्फ स्वच्छ और शुद्ध भोजन मिलेगा, बल्कि होटल कारोबारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के अनुसार भोजन में तेल, नमक और चीनी का प्रयोग भी कम करने का प्रयास करेंगे। साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक रोकथाम के लिए भी तीर्थ यात्रियों को प्रोत्साहित करेंगे। इसके लिए खाद्य संरक्षा औषधि प्रशासन विभाग ने यात्रा प्रारंभ होने से पहले ही यात्रा मार्ग के होटल और खाद्य कारोबारियों के साथ व्यापक स्तर संवाद और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बार सभी विभागों को हरित चारधाम यात्रा की थीम पर, यात्रा संचालित करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में खाद्य संरक्षा औषधि प्रशासन विभाग, यात्रा मार्ग के प्रमुख शहरों में होटल और खाद्य कारोबारियों के साथ प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कर रहा है। आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि इन कार्यशालाओं में होटल कारोबारियों से अपने भोजन में तेल, नमक और चीनी का उपयोग कम करने की अपील की जा रही है। इससे खासकर मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित यात्रियों को सुविधा रहेगी। साथ ही ईट राइट अभियान के क्रम में होटलों को खाद्य तेल को तीन बार से अधिक इस्तेमाल करने के बजाय इसे बायोफ्यूल बनाने के लिए उपलब्ध कराने के लिए कहा जा रहा है। डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि होटल कारोबारियों को पानी की बोतल, रैपर जैसे सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को भी हतोत्साहित करते हुए, पर्यावरण संरक्षण में सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उपायुक्त मुख्यालय गणेश कंडवाल ने बताया कि विभागीय निर्देशों के क्रम में अब तक ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग में होटल कारोबारियों के साथ ही संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न किया जा चुका है। यात्रा शुरु होने से पहले उत्तरकाशी, चंबा और हरिद्वार सहित कुछ और स्थानों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न किया जाएगा। साथ ही मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय खाद्य उत्पादों को भी उपलब्ध कराने को कहा जा रहा है।

इस बार हम हरित चारधाम यात्रा का संकल्प लेकर तैयारी कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि ना सिर्फ तीर्थ यात्रियों को शुद्ध भोजन और स्वच्छ वातावरण मिले, बल्कि यात्रा के चलते हमारे पवित्र तीर्थस्थलों पर सिंगल यूज प्लास्टिक की समस्या भी पैदा न हो, हम सिंगल यूज प्लास्टिक का रिड्यूस, रीयूज और रिसाइकिल के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं। इसमें हमें तीर्थ यात्रियों- खाद्य कारोबारियों से लेकर स्थानीय लोगों तक सभी का सहयोग चाहिए।

केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे को केंद्रीय कैबिनेट से मिली मंजूरी, सीएम ने व्यक्त किया पीएम का आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविन्दघाट से हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे विकास के लिए केन्द्रीय मंत्रीमंडल द्वारा मंजूरी दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड आने से पहले प्रधानमंत्री ने राज्य को दो बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे का विकास होने से श्रद्धालुओं को दर्शन में काफी सुगमता होगी। मुख्यमंत्री ने अपने दिल्ली दौरे के दौरान प्रधानमंत्री से इन दोनों रोपवे के निर्माण के लिए अनुरोध किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का देवभूमि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। उनके मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल हो रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार का हर क्षेत्र में राज्य को सहयोग मिल रहा है। श्री केदारनाथ का पुनर्निमाण, श्री बदरीनाथ के मास्टर प्लान के कार्य तेजी से हुए हैं। उनके आने के बाद राज्य में शीतकालीन यात्रा में भी श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी।

केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत पर्वतमाला परियोजना के अन्तर्गत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) तक रोपवे को दी मंजूरी ।

केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत पर्वतमाला परियोजना के अन्तर्गत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) तक रोपवे को मंजूरी दी है। परियोजना का डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और स्थानांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर 4,081.28 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत पर विकसित किया जाएगा। रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है और यह सबसे उन्नत ट्राई-केबल डिटेचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर आधारित होगा। इसकी डिजाइन क्षमता 1,800 यात्री प्रति घंटे प्रति (पीपीएचपीडी) होगी, जो प्रतिदिन 18 हजार यात्रियों को ले जाएगी।

यह रोपवे परियोजना केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए वरदान होगी क्योंकि यह पर्यावरण-अनुकूल, आरामदायक और तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और एक दिशा में यात्रा का समय लगभग 8 से 9 घंटे से घटकर लगभग 36 मिनट कर देगी। रोपवे परियोजना निर्माण और संचालन के साथ-साथ आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय पदार्थ (एफ एंड बी) और पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में पूरे वर्ष रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराएगी। रोपवे परियोजना का विकास संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, पहाड़ी क्षेत्रों में लास्ट मील कनेक्टिविटी को बढ़ाने और तेजी से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

वर्तमान में केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और इसे पैदल, घोड़ा-खच्चर, पालकी और हेलीकॉप्टर से किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे की योजना मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करने और सोनप्रयाग तथा केदारनाथ के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है। केदारनाथ 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।

केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड राज्य में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी (12.4 किमी) तक रोपवे परियोजना के विकास को भी दी मंजूरी ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक 12.4 किलोमीटर रोपवे परियोजना के निर्माण को भी मंजूरी दी है। इस परियोजना का डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा, जिसकी कुल पूंजीगत लागत 2,730.13 करोड़ रुपये होगी। वर्तमान में हेमकुंड साहिब जी की यात्रा गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और इसे पैदल, घोड़ा-खच्चर, पालकी से किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे की योजना हेमकुंड साहिब जी के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है और यह गोविंदघाट और हेमकुंड साहिब जी के बीच हर मौसम में अंतिम मील की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी।

रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है और यह गोविंदघाट से घांघरिया (10.55 किमी) तक मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (एमडीजी) पर आधारित होगा, जिसे घांघरिया से हेमकुंड साहिब जी (1.85 किमी) तक सबसे उन्नत ट्राइकेबल डिटैचेबल गोंडोला (3 एस) तकनीक से जोड़ा जाएगा, इसका डिजाइन इस तरीके से तैयार किया जाएगा जिससे इसकी क्षमता प्रति घंटे प्रति दिशा 1,100 यात्री (पीपीएचपीडी) होगी और यह प्रतिदिन 11,000 यात्रियों को ले जाएगा। रोपवे परियोजना निर्माण और परिचालन के दौरान और साथ ही पूरे वर्ष आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय (एफ एंड बी) और पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करेगी। रोपवे परियोजना का विकास संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, तीर्थयात्रियों के लिए अंतिम मील तक कनेक्टिविटी बढ़ाने और क्षेत्र के तीव्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हेमकुंड साहिब जी उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित तीर्थ स्थल है। इस पवित्र स्थल पर स्थापित गुरुद्वारा मई से सितम्बर के बीच साल में लगभग 5 महीने के लिए खुला रहता है और हर साल लगभग 1.5 से 2 लाख तीर्थयात्री यहां आते हैं।

उत्तराखंड के नाम एक ओर कीर्तिमान, एसडीजी में राज्य प्रथम

नीति आयोग भारत सरकार ने आज एसडीजी 2023-24 की रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में उत्तराखंड ने सतत विकास लक्ष्यों की कसौटी पर खरा उतरते हुए पूरे देश मे पहला स्थान हासिल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड तेजी से विकास की राह पर अग्रसर है। एसडीजी के सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राज्य सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है।

नीति आयोग ने आज शुक्रवार को 2023-24 की एसडीजी रिपोर्ट जारी की है। रैंकिंग में उत्तराखंड ने सर्वाधिक अंक लेकर पहला स्थान हासिल किया है।

सभी प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की देवतुल्य जनता के आशीर्वाद और सहयोग से ये उपलब्धि हासिल हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में हमारी डबल इंजन सरकार के विकासोन्मुखी प्रयासों से आज हमारा प्रदेश अग्रणी राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ा है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्य 2023-2024 की रिपोर्ट में उत्तराखण्ड का शीर्ष स्थान प्राप्त करना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। राज्य सरकार में कैबिनेट के सहयोगियों, शासन प्रशासन के अधिकारियों को भी बहुत बधाई।

हमारी सरकार इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय के साथ श्विकसित उत्तराखण्डश् की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है। राज्य में पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करते हुए सर्वस्पर्शी एवं सर्वांगीण विकास करना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है।