देश के पहले सीडीएस जनरल रावत का यूं जाना सभी को अखर रहा

भारत के सीडीएस जनरल बिपिन रावत का बुधवार को एक विमान हादसे में निधन हो गया। उनका सैन्य हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर के पास क्रैश हो गया जिसमें 14 लोग सावर थे। भारतीय वायुसेना ने बताया कि इस दुर्घटना में जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों का निधन हो गया। जनरल बिपिन रावत भारत के पहले सीडीएस थे। एक बहादुर योद्धा के जाने से न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर भी शोक की लहर दौड़ गई है।
जानकारी मिलीं है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार शुक्रवार (10 दिसंबर) को दिल्ली छावनी में किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर के कल शाम तक एक सैन्य विमान से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की उम्मीद है। शवों को शुक्रवार को उनके घर लाया जाएगा और लोगों को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक श्रद्धांजलि देने की अनुमति दी जाएगी, इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा कामराज मार्ग से दिल्ली छावनी में बरार स्क्वायर श्मशान तक निकाली जायेगी।

सीसीएस की मीटिंग में दिखीं देश की कितनी बड़ी क्षति हुई है
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन से देश का हर शख्स उदास है। एक अजीब सा सन्नाटा है। इस मनहूस खबर के आने के बाद बुधवार शाम को जब पीएम आवास पर पीएम मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक शुरू हुई तो हर चेहरा खामोश दिखा। चेहरे के हावभाव बता रहे थे कि सीडीएस रावत का जाना देश और सरकार के लिए कितनी बड़ी क्षति है। तमिलनाडु में कुन्नूर के पास बुधवार को सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और कुछ अन्य रक्षा अधिकारियों की मौत हो गई। प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति को इससे अवगत कराया गया। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल थे।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भी बैठक में शामिल हुए। सीसीएस के सदस्यों को दुखद घटना के बारे में जानकारी दी गई। सूत्रों ने बताया कि मीटिंग में रावत सहित सभी मृत लोगों के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखा गया। सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति ने जनरल रावत के निधन पर शोक व्यक्त किया। बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि सम्मान के तौर पर सरकार गुरुवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा करेगी। इस दौरान अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के चयन पर भी चर्चा हुई।

भारतीय वायु सेना ने दिया आधिकारिक बयान
भारतीय वायु सेना ने एक बयान में कहा, गहरे अफसोस के साथ बताना पड़ रहा है कि यह पता चला है कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की मौत हो गई है। जनरल रावत नीलगिरी हिल्स के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में स्टाफ कोर्स के फैकल्टी और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए जा रहे थे।
हेलीकॉप्टर में सवार 14 लोगों में से, एकमात्र जीवित, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में डायरेक्टिंग स्टाफ, का वर्तमान में वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है। मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, नायक विवेक कुमार, नायक बी. साई तेजा और हवलदार सतपाल जनरल रावत के साथ यात्रा कर रहे थे। उनके अलावा, दो पायलट, एक ग्रुप कैप्टन और एक गनर दुर्भाग्यपूर्ण रूप से क्रैश हुए हेलिकॉप्टर में सवार थे। सिंह अपनी पत्नी और सात कर्मचारियों के साथ सुबह 8ः47 बजे कोयंबटूर के पास सुलूर आईएएफ बेस के लिए दिल्ली में एक उड़ान में सवार हुए थे।

परेड ग्राउंड का निरीक्षण व्यवस्थाओं में कोई कमी ना रहने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को परेड ग्राउंड का स्थलीय निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। 4 दिसम्बर 2021 को परेड ग्राउण्ड, देहरादून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावित रैली के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून एवं संबंधित अधिकारियों को समय पर समुचित व्यवस्था के लिए निर्देश दिये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस अवसर पर हजारों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जायेगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री संसदीय कार्य प्रहलाद जोशी, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार, जिलाधिकारी आर.राजेश कुमार, एस.एस.पी. जन्मेजय खण्डूरी, भाजपा नेता कुलदीप कुमार, बलजीत सोनी आदि के साथ ही लोक निर्माण, पुलिस एवं एस.पी.जी. के अधिकारीगण उपस्थिति रहे।

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के तहत सीएम ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार सायं को भी परेड ग्राउण्ड का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 4 दिसम्बर को प्रस्तावित रैली की व्यवस्थाओं को शीघ्र अंतिम रूप देने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस अवसर पर हजारों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया जायेगा। अतः इस सम्बंध में भी आवश्यक व्यवस्थायें समय पर पूर्ण कर ली जाय। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की कमी न रहे। सभी संबंधित अधिकारीगण इस पर विशेष ध्यान दें।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विशेष प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अभिनव कुमार, आईजी संजय गुंज्याल, आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार, जिलाधिकारी आर.राजेश कुमार, एस.एस.पी. जन्मेजय खण्डूरी, भाजपा नेता कुलदीप कुमार, सुरेश भट्ट, बलजीत सोनी आदि के साथ ही लोक निर्माण, पुलिस एवं एस.पी.जी. के अधिकारीगण उपस्थिति रहे।

अब मेजर ध्यानचंद के नाम से जाना जायेगा खेल का सबसे बड़ा सम्मान, पीएम ने की घोषणा

भारत में खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाले सबसे बड़े सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम अब हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया गया है। इस बात की जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके दी है। पीएम मोदी ने कहा कि लोगों की भावनाओं को देखते हुए इस अवार्ड का नाम अब मेजर ध्यानचंद के नाम पर किया जा रहा है।

पीएम मोदी ने क्या ट्वीट किया?

पीएम मोदी ने कहा है, देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। जय हिंद

ओलंपिक्स में हॉकी खिलाड़ियों का प्रदर्शन आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा- मोदी

एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं। विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है। जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।

खेल रत्न का इतिहास

इस अवार्ड को 1991-92 में शुरू किया गया था। तब इसका नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था। इस अवार्ड की स्थापना का मुख्य उद्देश्य खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता फैलाना है साथ ही खिलाड़ियों को सम्मानित कर उनकी प्रतिष्ठा बढ़ाना है, ताकि वह समाज में और ज्यादा सम्मान प्राप्त कर सकें।

भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार का नाम राजीव गांधी खेल रत्न की जगह मेजर ध्यानचंद खेल रत्न रखने के फैसले का खेल जगत ने स्वागत किया है। ध्यानचंद को महानतम हॉकी खिलाड़ी माना जाता है। हॉकी के इस जादूगर ने अपने 1926 से 1949 तक के करियर के दौरान 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक का शीर्ष खिताब हासिल किया था। उनकी जयंती के उपलक्ष्य में 29 अगस्त को देश का राष्ट्रीय खेल दिवस भी मनाया जाता है।

विश्व चैंपियनशिप में भारत की एकमात्र एथलेटिक्स पदक विजेता और यह पुरस्कार 2003 में हासिल करने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा कि खेल पुरस्कारों के नाम खिलाड़ियों के नाम पर रखे जाने चाहिए। उन्होंने कहा, यह सही समय है जब हम अपने खेल पुरस्कारों का नाम अपने खेल के दिग्गजों के नाम पर रखें। यह सही कदम है. ध्यानचंद हमारे खेल नायक और हॉकी के दिग्गज हैं और हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है. यह उचित ही है कि देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम ध्यानचंद के नाम पर ऐसे समय रखा गया है जब भारत ने 41 साल बाद हॉकी में ओलंपिक पदक जीता है।

इस फैसले की सराहना करते हुए पूर्व हॉकी कप्तान अजीतपाल सिंह ने कहा कि पहचान देर से मिली लेकिन देर आये दुरुस्त आये। उन्होंने कहा, यह एक स्वागत योग्य कदम है। यह एक अच्छा फैसला है जो प्रधानमंत्री ने लिया है। खेल पुरस्कार हमेशा खिलाड़ियों के नाम पर होने चाहिए और ध्यानचंद जी से बड़ा देश में कोई खिलाड़ी नहीं है। यह मान्यता देर से मिली, लेकिन कभी नहीं से बेहतर है कि देर से मिली।

ओलंपिक कांस्य पदक मुक्केबाज विजेन्दर सिंह ने कहा कि ध्यानचंद जी को सम्मान देना अच्छी बात है लेकिन यह देश में खेलों के स्तर को उठाने के लिए काफी नहीं है। उन्होंने कहा, इस कदम के खिलाफ कुछ भी नहीं है, क्योंकि हम सभी ध्यानचंद जी के अपार योगदान का सम्मान करते हैं । लेकिन सरकार को खिलाड़ियों का समर्थन करने के लिए इससे कुछ ज्यादा करना चाहिए। उन्हें बुनियादी स्तर पर सुविधाओं की जरूरत है, जब तक हम ऐसा नहीं कर सकते, केवल पुरस्कारों का नाम बदलने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यह घोषणा की कि देशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए खेल रत्न पुरस्कार को अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीमों के शानदार प्रदर्शन के बाद इस सम्मान का नाम महान हॉकी खिलाड़ी के नाम पर रखने का फैसला लिया गया।

केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ध्यानचंद खेलों में भारत के सबसे बड़े नायक रहे हैं। उन्होंने कहा, मेजर ध्यानचंद जी ने अपने असाधारण खेल से विश्व पटल पर भारत को एक नई पहचान दी और अनगिनत खिलाड़ियों के प्रेरणास्रोत बने। जनभावना को देखते हुए खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का हार्दिक धन्यवाद।

भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी से सांसद बने गौतम गंभीर कहा, किसी (खेल) नायक का नाम पुरस्कार को और प्रतिष्ठित बनाता है। वहीं ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने भी इस कदम के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया करते हुए कहा, खेल के सबसे बड़े पुरस्कार खेल रत्न को देश के श्रेष्ठ खिलाड़ी और हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न रखने के फैसले के लिए मैं भारत सरकार और आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक धन्यवाद करता हूं।