प्रदेश सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। यही नहीं सुरक्षित जननी विकसित धारिणी की अवधारणा को भी साकार किया जा रहा है इसी के दृष्टिगत महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखण्ड द्वारा केंद्र पोषित महत्त्वकांक्षी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत 4944 गर्भवती/धात्री महिलाओं को रु. 1.15 करोड़ की धनराशि डी. बी. टी. के माध्यम से डिजिटली सीधे बैंक खाते मे भेजी गयी है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना और उनके आराम और उचित पोषण को सुनिश्चित करना है। यह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत निम्नलिखित तीन किस्तों मे किया जाता है। जिसमें पहली किस्त 1000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय, दूसरी किस्त 2000 रुपये, यदि लाभार्थी छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैं, जबकि तीसरी किस्त 2000 रुपए, जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस-बी सहित पहले टीके का चक्र शुरू होता है, दी जाती है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को सीएम ने महिला सशक्तिकरण के लिए प्रभावी बताया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से सम्बन्धित पोस्टर लॉन्च कर इस योजना का शुभारंभ किया, उन्होंने नव नियुक्त ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, जिला पंचायत सदस्यों एवं एसएसजी को संबोधित पत्र को भी हस्ताक्षरित किया।

इस योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिला को गर्भावस्था में ही 5000 की धनराशि सरकार द्वारा बचत खाते में जमा की जायेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को महिला सशक्तिकरण के लिये भी प्रभावी पहल बताया है। इस योजना का उद्देश्य गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल और संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना है। महिलाओं को पहले छह महीनों के लिए प्रारंभिक और विशेष स्तनपान और पोषण प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।