सीएम धामी के खटीमा पहुँचने पर हुआ भव्य स्वागत, 337.17 लाख के कार्यों का हुआ शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने थारू इंटर कॉलेज खटीमा में आयोजित सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹337.17 लाख के तीन कार्यों का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास की गई योजनाओं में ₹ 183.77 लाख कि लागत से ग्राम कल्याणपुर, रुद्रपुर के प्रशासनिक क्षेत्र में लगभग 1.5 किमी में सड़क के दोनों ओर पाथ-वे निर्माण कार्य। ₹ 67.50 लाख की लागत से ग्राम कल्याणपुर, रुद्रपुर के प्रशासनिक क्षेत्र में लगभग 1.5 किमी स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य एवं ₹84.90 लाख की लागत से कलेक्ट्रेट परिसर में पार्किंग निर्माण कार्य का शिलान्यास शामिल है।

मुख्यमंत्री ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि खटीमा मेरी कर्मभूमि रही है और यहां के लोग मेरे परिवार के ही सदस्य हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से राज्य सरकार अपने विकल्प रहित संकल्प के साथ उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जहां एक ओर शहरों से लेकर सुदूर सीमावर्ती पर्वतीय गांवों तक सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पेयजल सहित सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से दुग्ध उत्पादन, मधु उत्पादन, कृषि, बागवानी, सुगंधित पौधों एवं फूलों की खेती आदि को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। राज्य के होम स्टे योजना, लखपति दीदी योजना और सौर स्वरोजगार योजना जैसी अनेकों योजनाएं लागू कर स्वरोजगार को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा में वो कोई भाषण देने नहीं अपितु सभी परिवारजनों के बीच अपने हृदय की बात रखने आए हैं। उन्होंने कहा वर्ष 2012 में खटीमा के लोगों ने ही उन्हें अपना प्रतिनिधि चुनकर पहली बार विधायक के रूप में विधानसभा भेजा था, तब से लेकर अब तक उन्होंने हमेशा खटीमा के विकास के बारे में सोचा है। उन्होंने कहा वो खटीमा के लोगों को कभी भूलेंगे नहीं, क्योंकि खटीमा के लोगों के उनके प्रति जो आपसी प्रेम और अपनत्व की भावना है, वो कभी बदल नहीं सकती है। उन्होंने कहा वो सदैव खटीमा के चहुंमुखी विकास और जन-जन के कल्याण हेतु प्रयासरत रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खटीमा में नए बस स्टैंड का निर्माण, नई सड़कों और पुलों का निर्माण, 100 बेड के अस्पताल के नए परिसर का संचालन, जनजातीय समुदाय के बच्चों के लिए आधुनिक एकलव्य विद्यालय का निर्माण जैसे अनेको कार्यों से क्षेत्र को को आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने अपनी यादों को साझा करते हुए कहा उन्हें अपनी युवावस्था में वो दिन याद है जब वो इसी खटीमा की धरती से पढ़ने के लिए लखनऊ जा रहे थे। उन्होंने कहा खटीमा में शिक्षा के क्षेत्र से संबंधित नए-नए कार्य भी प्रारंभ हुए हैं। आईटीआई और पॉलिटेक्निक कॉलेजों हेतु नए भवनों का निर्माण करने के साथ राजकीय महाविद्यालय खटीमा में एमकॉम और एमएससी की कक्षाएं भी प्रारंभ करवाई गई हैं। राज्य सरकार ने 16 करोड़ रुपए की लागत से चकरपुर में खेल स्टेडियम का निर्माण किया है। जहां हाल ही में 38वें राष्ट्रीय खेलों की कई प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। उन्होंने कहा अब स्टेडियम में हमारे क्षेत्र के युवाओं को अभ्यास करने हेतु उच्च स्तरीय सुविधाएं मिलेगी एवं प्रतिभावान खिलाड़ियों को भी हॉस्टल में रहने की सुविधा भी मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज खटीमा के साथ ही, हम पूरे उधमसिंह नगर जनपद में कई ऐतिहासिक विकास परियोजनाएँ संचालित कर रहे हैं। जनपद के किच्छा में करोड़ों की लागत से एम्स ऋषिकेश के सैटेलाइट सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार द्वारा खुरपिया में एक स्मार्ट औद्योगिक नगर विकसित करने की प्रक्रिया भी गतिमान है। उन्होंने कहा इस औद्योगिक नगर के स्थापित होने से उधम सिंह नगर के साथ पूरे उत्तराखंड के हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। पीएम आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत रुद्रपुर के बागवाला गांव में 1872 ई.डब्ल्यू.एस. आवासों का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है। अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत जनपद के टनकपुर और काशीपुर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कार्य भी प्रगति पर है।

नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश का साथ ही खटीमा का चहुँमुखी विकास किया व निरंतर आगे भी विकास कि गंगा बहा रहे है। उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष खटीमा के विकास हेतु 13 मांगो का प्रस्ताव रखा।

इस दौरान कार्यक्रम में विधायक रुद्रपुर शिव अरोरा, मेयर विकास शर्मा, दीपक बाली, अध्यक्ष नगर पंचायत नानकमत्ता प्रेम सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिंदल, पूर्व विधायक प्रेम सिंह राणा, महामंत्री अमित नारंग,जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

हर जिले में गठित होगी जिला प्रवासी सेलः मुख्य सचिव

उत्तराखण्ड के प्रवासियों द्वारा राज्य के गांवों को गोद लेने के अभियान की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को प्रत्येक जनपद में भी तत्काल प्रभाव से जिला प्रवासी प्रकोष्ठ गठित करने निर्देश दिए हैं। सीएस ने जिलाधिकारियों को राज्य के विकास में विभिन्न कार्यों के माध्यम से सहयोग करने के इच्छुक प्रवासियों के सहयोग हेतु जिला प्रशासन एवं प्रवासियों की माह में एक बार अनिवार्य बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही इस बैठक की रिपोर्ट तथा हर माह प्रवासियों के साथ किए गए समन्वय के प्रयासों की जानकारी नियमित रूप से शासन को भेजने के भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सभी डीएम को प्रवासियों के साथ निरन्तर संवाद बनाए रखने की हिदायत दी है। सीएस ने निर्देश दिए हैं कि राज्य के विकास में भागीदारी के इच्छुक प्रवासियों को प्राथमिकता पर रखते हुए जिलाधिकारियों को प्रत्येक प्रवासी से व्यक्तिगत संवाद एवं समन्वय करना चाहिए। उन्होंने जिला प्रवासी सेल के माध्यम से प्रवासियों द्वारा गोद लिए जाने वाले गांवों के विभिन्न मुद्दों, समस्याओं, भूमि सम्बन्धित विषयों का तत्परता से निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विभिन्न देशों से वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम जुड़े प्रवासियों से भी आग्रह किया है कि जनपदों में विकास की विभिन्न संभावनाओं को देखते हुए राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के दूरस्थ क्षेत्रों के गांवों के विकास के लिए आगे आए तथा सम्बन्धित डीएम व जिला प्रशासन के साथ प्रभावी समन्वय बनाएं।

बैठक में सचिव विनोद कुमार सुमन, उत्तराखण्डी प्रवासी सेल के सदस्य सुधीर नौटियाल, वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, आयरलैण्ड से प्रवासी विकास लेखवार, विनोद लेखवार, यूएसए से वीरेन्द्र रावत, लंदन से विनोद जेठूरी, लखनऊ से एम पी भट्ट आदि मौजूद रहे।

उत्तराखंडः अवस्थापना सुविधाओं की तारीफ, संवारने पर जोर

38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड में विकसित की गई अवस्थापना सुविधा की सराहना हो रही है। खिलाड़ी हों या उनके कोच, खेलों के लिए तैयार किए गए बुनियादी ढांचे को बेहतरीन बता रहे हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि राष्ट्रीय खेलों के बाद इसे संवारने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। उनका यह भी मानना है कि राष्ट्रीय खेलों के लिए बेहतर इंतजाम कर उत्तराखंड ने खेल भूमि बनने की दिशा में लंबी छलांग लगा दी है।

राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड में 28 जनवरी से शुरू हुआ है। इस महा आयोजन की तैयारी के लिए उत्तराखंड को बहुत कम समय मिला, लेकिन फिर भी बेहतर व्यवस्थाएं बना ली गईं। कुल 35 खेलों के लिए देहरादून समेत हरिद्वार, हल्द्वानी, पिथौरागढ़, रूद्रपुर समेत कई स्थानों पर युद्धस्तर पर काम करते हुए सुविधाएं जुटाई गईं। बेहतरीन उपकरण मंगवाए गए। देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर का राष्ट्रीय खेलों की वजह से कायाकल्प हो गया है। देशभर से आए खिलाड़ी और उनके कोच अवस्थापना सुविधाओं से संतुष्ट हैं, लेकिन इस आयोजन के बाद रख-रखाव के लिए ठोस व्यवस्था की पैरवी भी कर रहे हैं।

किसने क्या कहा

मैं सियोल एशियाई गेम्स में भारत की शूटिंग टीम का हिस्सा रही हूं। देश-विदेश में कई जगह शूटिंग रेंज देखने का मेरा अनुभव है। मैं कह सकती हूं कि त्रिशूल शूटिंग रेंज बेहतरीन है। इसकी देख-रेख के लिए अच्छे इंतजाम हो जाएं, तो यहां बडे़ खेल आयोजन हो सकेंगे।

माया, शूटिंग कोच, पश्चिम बंगाल।

उत्तराखंड ने बहुत अच्छे इंतजाम किए हैं। तकनीकी क्षेत्र से जुड़े होने के कारण मैं कह सकता हूं कि अवस्थापना सुविधाएं विश्व स्तर की तैयार की गई हैं। जिस तरह से गुवाहाटी में राष्ट्रीय खेल होने के बाद वहां पर रख-रखाव बढ़िया से किया गया, अब वैसा ही यहां भी होना चाहिए।
आशीष शर्मा, टेक्निकल ऑफिसर मणिपुर टीम।
राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड ने अच्छी व्यवस्थाएं की हैं। उत्तराखंड के खिलाड़ियों को अब आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी।
कुमालिका, खिलाड़ी आर्चरी, झारखंड।
मैैं एक खिलाड़ी भी रहा हूं और वर्तमान में कोच की जिम्मेदारी निभा रहा हूं। मेरा मानना है कि उत्तराखंड में खेल के लिए बहुत ही अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है। इसका आने वाले दिनों में लाभ मिलेगा।

प्रियांक त्यागी, कोच आर्चरी टीम, यूपी।

रखरखाव पर उत्तराखंड गंभीर, कवायद जारी

राष्ट्रीय खेलों के बाद खेल अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव को लेकर उत्तराखंड गंभीर है। राष्ट्रीय खेल शुरू होने से पहले ही इस संबंध में कसरत शुरू कर दी गई थी। खेलों की व्यस्तता के बीच इस संबंध में लगातार कार्य किया जा रहा है। खेल विभाग अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव के लिए अकादमी का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। खेल निदेशक प्रशांत आर्या के अनुसार-इस संबंध में रोजाना बैठक की जा रही है। प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।

देशभर से आए मेहमानों से अवस्थापना सुविधाओं को लेकर सराहना मिलने से उत्तराखंड उत्साहित है। हम चाहते हैं कि ना सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि अन्य राज्यों की खेल प्रतिभाओं के विकास में भी हम मददगार साबित हों। अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव के लिए बेहतर इंतजाम किए जाएंगे।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

नेशनल गेम्सः उत्तराखंड में पहली बार इतनी ज्यादा महिला वॉलंटियर

राष्ट्रीय खेलों में मैदान के भीतर ही नहीं, बल्कि बाहर भी बेटियां जमकर पसीना बहा रही हैं। अपने जुझारूपन का सुबूत दे रही हैं। यह बेटियां वो हैं, जिन्हें राष्ट्रीय खेलों की अहम व्यवस्थाओं में वॉलंटियर बतौर तैनात किया गया है। पूरे प्रदेश में ऐसी 1053 महिला वॉलंटियरों को ड्यूटी पर लगाया गया है। उत्तराखंड में पहली बार कोई ऐसा आयोजन हो रहा है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में महिला वॉलंटियरों की भागीदारी सुनिश्चित हो रही है।

उत्तराखंड में 38 वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन खेल के अलावा तमाम अन्य क्षेत्रों में भी देश दुनिया को महत्वपूर्ण संदेश दे रहा है। एक हजार से ज्यादा महिला वॉलंटियरों का राष्ट्रीय खेलों से सीधे जुड़ाव महिला सशक्तिकरण की सुंदर तस्वीर बना रहा है। वॉलंटियर बनने के लिए राष्ट्रीय खेल सचिवालय ने तीस हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन किए थे। प्रारंभिक परीक्षा और प्रशिक्षण के बाद पूरे प्रदेश में 2451 वॉलंटियरों को व्यवस्थाओं से जोड़ा गया। इनमें से पुरूष वॉलंटियरों की संख्या 1398 है। कुल तैनात वॉलंटियरों में पुरूष वॉलंटियर 57.4 प्रतिशत हैं, जबकि 42.96 प्रतिशत महिला वॉलंटियर ड्यूटी कर रही हैं। यह सारे वॉलंटियर सामान्य हैं, जिन्हें पार्किंग, खिलाड़ियों को लाने-ले जाने, मेडल सेरमेेनी के दौरान सहयोग करने जैसे कार्यों में लगाया गया है। इनके अलावा, नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया से संबद्ध विशिष्ट वॉलंटियर भी अपना अलग से योगदान कर रहे हैं। उनकी खेल पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्हें खेल गतिविधियों से सीधे जोड़ा गया है।

राष्ट्रीय खेलों से जुड़ना हमारे लिए बड़ी बात

कोटद्वार की रहने वाली मानसी दून विश्वविद्यालय से मीडिया एंड मॉस कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर रही है। वह वॉलीबॉल की खिलाड़ी भी हैं। वह कहती है-बहुत कम ऐसे अवसर मिलते हैं। मैं इस अवसर को हाथ से नहीं जाने देना चाहती थी। वॉलंटियर बतौर राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बनी हूं, यह बड़ी बात है। देहरादून की रहने वाली रिदिमा का भी यही कहना है। वह कहती है-इतने बडे़ आयोजन से जुड़कर एक्सपोजर मिलता है। इसके अलावा, अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद वह दूसरे मैच भी देख पा रही है। रिदिमा बॉस्केटबॉल खेलती है। गौचर-चमोली की रहने वाली स्नेहा आर्या कहती है-राष्ट्रीय खेलों के बडे़ आयोेजन में जुड़ना गौरवान्वित करने वाला है।

राष्ट्रीय खेलों में हम बेटियों के जज्बे और हौसले को लगातार देख रहे हैं। विभिन्न खेलों में बेटियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और मेडल जीते हैं। खेलने के अलावा इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बेटियां अपनी अपनी भूमिकाओं में सक्रिय योगदान कर रही हैं। तमाम व्यवस्थाओं में वह कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रही हैं, यह सराहनीय है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

उत्तरखंडः विभिन्न विकास योजनाओं के लिये सीएम ने स्वीकृत की धनराशि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आपदाग्रस्त एवं ग्रामीण क्षेत्र खैर मानसिंह, द्रोण द्वारा, थेवा मालदेवता, अस्थल, अखण्डवाली भिलंग में 500 सोलर स्ट्रीट लगाये जाने की घोषणा के क्रियान्वयन हेतु चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री द्वारा उक्त योजना हेतु रू0 28.69 लाख (रु० अट्ठाईस लाख उनहत्तर हजार मात्र) की स्वीकृति प्रदान की गयी है। मुख्यमंत्री द्वारा गुरूनानक पब्लिक इण्टर कॉलेज खुडबुड़ा मोहल्ला देहरादून को पुताई पेन्ट एवं मरम्मत आदि कार्यों के सम्बन्ध में की गई घोषणा के कियान्वयन हेतु मुख्यमंत्री द्वारा रू0 99.99 लाख (रु० निन्यानवे लाख निन्यानवे हजार मात्र) की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

मुख्यमंत्री द्वारा इको टास्क फोर्स गढ़वाल राइफल मुख्यालय गढी कैंट देहरादून के लिए 50 के०एल० क्षमता के जलाशय का निर्माण की घोषणा के कियान्वयन हेतु वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करते हुए रू0 8.11 लाख की स्वीकृति प्रदान की गयी है। जबकि विधान सभा सल्ट के ग्राम सभा कुशिया चौन मल्ला में देवी मंदिर एवं शिव मंदिर का सौन्दर्याकरण किये जाने की घोषणा के कियान्वयन हेतु वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करते हुए 23.97 लाख की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

मुख्यमंत्री द्वारा खोली से धांडली तक सम्पर्क मार्ग का कार्य की घोषणा के कियान्वयन हेतु वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा उक्त योजना हेतु रू0 38.826 लाख मां भगवती मंदिर चामी भैसकोट का सौन्दर्याकरण की घोषणा के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करते हुए रू0 47.00 लाख, गुरु गोरखनाथ मंदिर मेला स्थल विकास व सौन्दर्याकरण निर्माण कार्य किये जाने की घोषणा के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करते हुए उक्त योजना हेतु रू० 48.798 लाख, ग्राम पंचायत बौना से धरीतीधार कुलका ट्रेकिंग/पैदल मार्ग निर्माण कार्य की घोषणा के कियान्वयन के लिए वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करते हुए उक्त योजना हेतु रू0 75.47 लाख की धनराशि स्वीकृत की है।

मुख्यमंत्री द्वारा धारचूला के मदकोट क्षेत्र के अन्तर्गत मन्दाकिनी पुल से ग्राम समा राप्ती तक पैदल अश्व मार्ग का निर्माण की घोषणा के कियान्वयन हेतु वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करते हुए उक्त योजना हेतु रू0 44.772 लाख, मां नन्दा सुन्दा मंदिर उद्यमस्थल को पर्यटन एवं धार्मिक दृष्टि से विकसित किये जाने की घोषणा के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करते हुए उक्त योजना हेतु रू० 45.00 लाख, ग्राम पक्की खुमरिया में अमन पारूथी के घर तक 200 मीटर सड़क निर्माण किये जाने की घोषणा के कियान्वयन हेतु वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करते उक्त योजना हेतु रू० 19.53 लाख की स्वीकृति के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विधान सभा क्षेत्र सोमेश्वर के अन्तर्गत सोमेश्वर मंदिर का सौन्दर्याकरण किये जाने की घोषणा के कियान्वयन हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुए उक्त योजना हेतु रू0 36.85 लाख (रू० छत्तीस लाख पिचासी हजार मात्र) की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

राज्य में मादक पदार्थों की रोकथाम की सीएम ने बैठक में दी जानकारी

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में वर्चुअल प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में मादक पदार्थों की रोकथाम के संबंध में की गई प्रवर्तन कार्रवाई, विशेष अभियानों और लक्ष्यों की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि 2025 तक ड्रग्स फ्री उत्तराखंड के अपने संकल्प पर हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं तथा 2047 तक विकसित भारत और नशामुक्त भारत बनाने में सहयोग करने के लिए राज्य में अनेक स्तर पर विविध प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मादक तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों विषय आपस में जुड़े हुए हैं। युवा का नशे की ओर जाना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि सामाजिक विघटन का भी कारण बन सकता है। इसी को देखते हुए राज्य में संस्थागत, प्रवर्तन और जागरूकता तीनों स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। मादक पदार्थों की तस्करी और इसके अवैध व्यापार में लगे हुए पेशेवर अपराधियों पर सक्ति से नकेल कसी जा रही है। एंटी नार्काेटिंग टास्क फोर्स के माध्यम से प्रवर्तन की कार्रवाई की जा रही है। एन.डी.पी.एस. (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकॉट्रॉपिक पदार्थ, अधिनियम) के अंतर्गत नशे में संलग्न अपराधियों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। नशे की जद में आए हुए लोगों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए जनपद में पुनर्वास केंद्रों की स्थापना की गई है। नशे के सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कड़े कानूनी प्रावधान किए गए हैं।

नशे के विरुद्ध जन – जागरूकता अभियान के अंतर्गत महिला मंगल दलों और युवा मंगल दलों को भी साथ लेते हुए विशेष जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। दुरुस्त क्षेत्रों तक जन- जागरूकता शिविर लगाए जा रहे हैं। कारागारों और विद्यालयों में काउंसलरों की नियुक्ति की गई है। टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।

विगत वर्ष में 2183 जागरूकता रैली, 1050 गोष्ठियां, 75 नुक्कड़ नाटक और 10 मैराथन इत्यादि का आयोजन किया गया। जिसके माध्यम से तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राओं और लोगों को सीधे तौर पर जागरूक किया गया। सरकार, विभागों और विभिन्न संस्थाओं के संस्थागत और व्यक्तिगत दोनों तरह के प्रयासों और समन्वय से नशामुक्ति के विरुद्ध वर्तमान समय में भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

राष्ट्रीय खेलों से छात्र-छात्राओं को जोड़ने के लिए युवा दिवस से पहल

38 वें राष्ट्रीय खेलों की गतिविधियां जिन भी शहरों में प्रस्तावित है, वहां पर छात्र-छात्राओं को इससे जोड़ने के लिए पहल की जा रही है। युवा दिवस यानी 12 जनवरी से प्रचार के आठ कंटेनरों को स्कूल-कॉलेजों के लिए रवाना किया जा रहा है। छात्र-छात्राएं इस प्रचार कंटेनरों के माध्यम से खेल मुकाबले के लिए अपनी सीट बुक करा सकेंगे। राष्ट्रीय खेल देखने के लिए निःशुल्क प्रवेश की व्यवस्था है।
उत्तराखंड अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष में इस बार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर रहा है। राष्ट्रीय खेल 28 जनवरी से लेकर 14 फरवरी तक प्रस्तावित हैं। देहरादून के अलावा हरिद्वार, शिवपुरी-ऋषिकेश, कोटी कालोनी टिहरी, नैनीताल, रूद्रपुर, खटीमा, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जैसी जगहों पर विभिन्न खेलोें की प्रतियोगिताएं होनी हैं। राष्ट्रीय खेल सचिवालय तैयारियों में जुटा पड़ा है। कोशिश ये ही है कि हर वर्ग को इस आयोजन से परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से जोड़ा जाए। छात्र-छात्राओं को इस आयोजन से जोड़ने के लिए अब युवा दिवस के मौके को चुना गया है।

विशेष प्रमुख खेल सचिव और राष्ट्रीय खेल सचिवालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा के अनुसार-प्रचार के आठ कंटेनर 12 जनवरी से विभिन्न स्कूल-कॉलेजों में छात्र-छात्राओं के बीच पहुंचेगे। इस दौरान क्यू आर कोड के जरिये छात्र-छात्राएं अपनी सीट भी बुक करा सकेंगे।

हम 38 वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के साथ सभी वर्गों का जुड़ाव चाहते हैं। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करना हमारे लिए गौरव का विषय है। सभी खेल मुकाबलों में प्रवेश निशुल्क रखा गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस महा आयोजन के गवाह बन सके। मैं छात्र-छात्राओं और युवाओं से खास तौर पर अपील करूंगा कि वह इस आयोजन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

हर पीड़ित परिवार के साथ इस दुख की घड़ी में खड़ी है सरकारः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक दिवसीय कार्यक्रम हेतु हल्द्वानी पहुंचे। सर्वप्रथम उन्होंने डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में जाकर बीते रोज भीमताल में हुए बस दुर्घटना में घायलों से मुलाकात की। इस दौरान अस्पताल प्रशासन को बेहतर उपचार देने के निर्देश दिए। साथ ही कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को सड़क हादसों को रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।

बृहस्पतिवार को अपने प्रस्तावित कार्यक्रम में हल्द्वानी पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सबसे पहले सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने बुधवार को भीमताल में बस दुर्घटना में घायलों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि घायलों की हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने घायलों के परिजनों से भी मुलाकात की साथ ही उन्होंने गंभीर रूप से घायल लोगों को आवश्यकता अनुसार हायर सेंटर रेफर करने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऐसे सड़क हादसों को रोकने के लिए अन्य राज्यों से आ रही गाड़ियों के लाइसेंस की जांच और अन्य दस्तावेज की जांच संघन चेंकिंग अभियान चलाया जाएगा। साथ ही यातायात को नियंत्रण करने के लिए कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत को जिम्मेदारी दी गई है।

गौरतलब है कि बस हादसे में 5 लोगों की मौत और गंभीर रूप से दो घायलों को एम्स ऋषिकेश हेली एम्बुलेंस के जरिए शिफ्ट किया गया। जबकि अन्य घायलों का इलाज एसटीएच में किया जा रहा है। बस दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इसमें उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा ₹5 लाख जबकि सड़क सुरक्षा निधि से 2 लाख और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 3 लाख रुपए दिए जाएंगे। साथ ही गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को ₹3 लाख एवं सामान्य रूप से घायल व्यक्तियों को ₹15- ₹25 हजार दिए जाएंगे।

विद्या भारती के विद्यालय देश में कर्णधारों को बना रहे संस्कारवानः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर, सुमन नगर, धर्मपुर में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड बोर्ड परीक्षा 2024 की हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की परीक्षा में विद्या मंदिर के शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर, इण्टर कॉलेज सुमन नगर, धर्मपुर में भवन निर्माण के लिए 60 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ ही युवा पीढ़ी को भारतीय मूल्यों से परिचित कराने और भारतीय संस्कृति के अनुरूप उनको शिक्षित करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर, विद्या मंदिर आज देश के कोने-कोने में हमारे देश के कर्णधारों को संस्कारवान बनाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। बच्चों को किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि योग्य नागरिक बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। विद्यार्थियों को देशभक्ति, स्वदेशी चिंतन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और समसामयिक महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में विद्या भारती द्वारा 500 से भी अधिक विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें प्रदेश में 01 लाख से भी अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके साथ ही विद्या भारती द्वारा आदिवासी बहुल क्षेत्रों और राज्य के सीमांत क्षेत्रों में भी सैकड़ों विद्यालय खोले गये हैं। भारत सरकार द्वारा विद्या भारती के सात स्कूलों को सैनिक स्कूल के रूप में स्थापित करने के लिए चयनित किये जाने पर मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों और युवाओं के उत्थान के लिए राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों में अनेक कार्य कर रही है। शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने त्वरित रूप से निर्णय लेते हुए देश में सर्वप्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रदेश में लागू किया है। प्रदेश की शिक्षा व्यववस्था को और अधिक आधुनिक, व्यावहारिक और सुदृढ़ बनाने के लिए नीतिगत निर्णय लिये गये हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में स्मार्ट क्लासों की स्थापना की जा रही है। कक्षा 01 से लेकर 12 तक विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें और कक्षा 01 से 08 तक पाठ्य पुस्तकों के साथ ही बैग और जूते भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत हजारों मेधावी विद्यार्थियों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति देने का भी प्राविधान किया है। कक्षा 09 में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को साइकिल भी प्रदान की जा रही है। प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड में हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट के 05-05 टॉपर्स को भारत भ्रमण कराने का भी राज्य सरकार ने निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में भी राजकीय महाविद्यालयों की आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए लगातार कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में 20 नये मॉडल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे 05 विद्यार्थियों को हर साल स्नात्तकोत्तर स्तर पर अध्ययन के लिए ब्रिटेन के किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पढ़ाई करवाने के लिए चिवनिंग उत्तराखण्ड छात्रवृत्ति के लिए समझौता किया गया है। स्प्रिंगबोर्ड इंफोसिस भी शिक्षकों के लिए आईटी आधारित निःशुल्क प्रशिक्षण मॉड्यूल और छात्रों के लिए निःशुल्क कोर्स उपलब्ध करायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में राज्य सरकार ने युवा कल्याण, तकनीकि शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए 1700 करोड़ से भी अधिक धनराशि का प्राविधान किया है। उन्होंने कहा कि हमारी कैबिनेट ने दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की पढ़ाई करवाने का निर्णय लिया है।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा काऊ, उत्तराखण्ड के प्रान्त प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र, भारतीय शिक्षा समिति के मंत्री डॉ. रजनीकांत शुक्ल, शिशु शिक्षा समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र मित्तल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

ग्लोबल समिट 2024 में सीएम ने किया प्रतिभाग, विद्वानों का किया स्वागत व अभिनंदन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजस्थान के माउंट आबू स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्विद्यालय द्वारा आयोजित ’ग्लोबल समिट-2024’ में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने वैश्विक सम्मेलन में उपस्थित सभी विद्वान जनों का स्वागत और अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है, जहां कण-कण में शंकर का वास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य एक ओर जहां प्राकृतिक रूप से सुरम्य है वहीं आध्यात्मिक रूप से विशिष्ट भी है। विश्व के कोने-कोने से लोग देवभूमि उत्तराखंड में आकर स्वयं की खोज करते हैं। स्वयं को साधना में लगाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग उन्हें पूछते हैं कि देवभूमि में कितने देवस्थान हैं या कितने प्रसिद्ध स्थान हैं तो मेरा एक ही उत्तर होता है कि देवभूमि में जिधर भी आपकी नजर जाएगी वो हर स्थान देवों का है। हर स्थान हमारा पर्वतों, वनों से आच्छादित है, हर स्थान हिम ग्लेशियर, नदियों से आच्छादित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी देवभूमि से आकर आप सबके बीच आकर आप सबके कार्यक्रम से जुड़ना, आप सबके बीच आने का जो सुअवसर प्राप्त हुआ यह उनके लिए सौभाग्य की बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे स्थान पर वही आ पाता है जिन पर बाबा की कृपा होगी। इसीलिए सब लोग यहां पर पहुँचे हैं। उन्होंने कहा कि आज मैं भी एक जिज्ञासु बनकर आया हूँ, मुझे अपने भीतर भी एक आत्मिक शांति का एहसास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कई वर्षों से प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज के कार्यक्रमों में आते रहे हैं। बहुत बार संस्थान के लोग माउंट आबू आने के लिए कहते थे। मन में आने की बहुत इच्छा भी रही। इसके पीछे का कारण परमपिता परमात्मा का असीम आशीर्वाद भी है और इस स्थान की महत्ता भी है और राज योगिनी दीदी मां रतन मोहिनी से जो स्नेह यहां मिलता है वह भी इसका बड़ा कारण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबके लिए यह गर्व का विषय है कि संयुक्त राष्ट्र के साथ ही परामर्शदात्री दर्जा प्राप्त भारत की भूमि से उपजा हुआ यह स्थान विश्व के कोने-कोने में आज शांति, सद्भाव और मानवता का संदेश देने का कार्य कर रहा है। सच में लोगों को स्वयं को खोजने का एक बहुत बड़ा प्रकल्प चल रहा है। मैं आज यहां स्वच्छ और स्वस्थ समाज के निर्माण में आद्यात्मिक की महत्वपूर्ण भूमिका को ही समझने के लिए ही आया हूँ कि कैसे इन मूल्यों को हम अपने जीवन में उतार सकते हैं ताकि सभी के लिए एक बेहतर समाज का निर्माण हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम भारतीय जीवन दर्शन का सार है। परस्पर भाईचारे का संदेश आज भी प्रासंगिक है। जिस प्रकार से नई तकनीक हमें भौतिक सुख प्रदान करती है वैसे ही आध्यात्मिकता हमें आंतरिक सुख प्रदान करती है। हमारे शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य पूर्ण संतुलन बनाने का काम करती है। पूरे विश्व के अंदर यह संस्था करोड़ो लोगों के जीवन में बदलाव लाने का काम कर रहा है। ब्रह्कुमारीज संस्था से जुड़ी बहने और भाइयों द्वारा जीवन जीने की कल बहुत ही सरल शब्दों में लोगों को समझाया जाता है, उससे आमजनमानस में भी आसानी से इन विषयों को जानकर लोग अपने जीवन को सरल बना सकते हैं। इस प्रकार के जो बदलाव हैं, इनको मैंने अपने जीवन में महसूस किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम आध्यात्मिकता को अस्तित्व के एक भागीदार के रूप में देखने लगते हैं तो हमारा मन स्वतः ही स्वच्छ होने लगता है। हमे अहसास होता है कि यह हमारे जीवन की आवश्यकता नहीं है बल्कि जीवन की अनिवार्यता है। आध्यात्मिकता की वह शक्ति है जो शरीर को बाहरी व अंदरूनी रूप से स्वच्छ रखने के साथ साथ मानसिक और शारीरिक दबावों को सहने के सामर्थ्य प्रदान करती है। स्वच्छ और स्वस्थ समाज का निर्माण केवल आधुनिक तरीके व कानूनों से भी संभव नहीं है कि केवल हम कानून व अन्य तरह से इसको कर पाएं बल्कि इस लक्ष्य को जीवन में आध्यात्मिक मूल्यों को शामिल करके ही हासिल किया जा सकता है।

इस अवसर पर भारत सरकार के रेल एवं फूड प्रोसेसिंग मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, गोरखपुर के सांसद रवि किशन आदि उपस्थित रहे।