सीएम की कावड़ यात्रा 2024 की तैयारियों को लेकर की गई समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेला नियंत्रण कक्ष हरिद्वार में कावड़ मेला 2024 की तैयारियों को लेकर समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कांवड़ मेला शुरू होने से पहले सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कांवड़ के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। स्थानीय लोगों को आवागमन में अनावश्यक परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि कांवड़ मेला हर वर्ष आयोजित होता है, इसके दृष्टिगत स्थायी प्रकृति के कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। दीर्घकालीन विकास की कार्य योजनाओं को कार्य संस्कृति में लाने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा की शिव भक्त कावड़ियों के स्वागत में हेली से पुष्प वर्षा की व्यवस्था की जाए। कावड़ यात्रा के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन तैयार रहे। कावड़ यात्रा में संपूर्ण मार्ग पर पुलिस बलों की तैनाती के साथ विभिन्न स्थानों पर अस्थाई पुलिस चौकी का निर्माण कार्य भी कराया जाए एवं अतिरिक्त पुलिस फोर्स की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन एवं सीसीटीवी कैमरों से भी नियमित निगरानी रखे जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। बाईपास और वैकल्पिक मार्गों की जानकारी साइन बोर्ड के माध्यम से कावड़ियों को दी जाए। उन्होंने कांवड़ को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए निरन्तर पड़ोसी राज्यों से भी समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कावड़ यात्रा से पहले कावड़ पटरी के सौंदर्यीकरण एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाई जाए। कावड़ यात्रा मार्ग पर शौचालयों, स्नान घरों, स्वच्छ पेयजल, यात्री शेड, लाईट, मेडिकल सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कावड़ियों की यात्रा और सुगम सरल हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। यात्रा मार्ग एवं हरिद्वार क्षेत्र में स्थित होटलों ढाबों में भोजन की गुणवत्ता हेतु गुणवत्ता चेकिंग अभियान नियमित चलाया जाए, होटलों और ढाबों में रेट लिस्ट लगाये जाए। कावड़ यात्रा के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाए, सफाई का कार्य 24 घंटे संचालित रहे। यह सुनिश्चित किया जाए कि मेला क्षेत्र में किसी तरह का अतिक्रमण न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों को आवाजाही में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े, सड़कों पर यातायात प्रभावित न हो, यातायात प्रबंधन के लिये बेहतर रूट प्लान बनाया जाए। उन्होंने हरिद्वार क्षेत्र में पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। अन्य राज्यों से परस्पर समन्वय बनाकर कॉमन डायवर्जन प्लान बनाने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा वाटर एंबुलेंस की व्यवस्था भी कावड़ यात्रा के दौरान की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कावड़ यात्रा में भी विशेष वेरिफिकेशन ड्राइव चलाए जाए। ताकि पहचान छुपा कर आने वाले लोगों पर सख्ती से कार्यवाही अमल में लाई जा सके। विभिन्न कार्यों के सुपरविजन हेतु विशेष मजिस्ट्रेट की नियुक्तियां भी की जाए।

जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि कावड़ मेला अवधि 22 जुलाई से 2 अगस्त तक है। इस वर्ष 5.5 करोड़ कावड़ियों के हरिद्वार आने की संभावना है। कांवड यात्रा के सुचारू संचालन हेतु कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जो 24 घण्टे संचालित होगा। यात्रा के सुचारू संचालन हेतु 14 सुपर जोन, 36 जोन एवं 130 सेक्टर बनाये गये हैं। मेले के लिए 5 नोडल अधिकारियों को नामित किए गए हैं। कांवड पटरी एवं प्रमुख मार्गों को यात्रा हेतु सुगम एवं सुविधाजनक बनाया गया है। स्वास्थ्य शिविर, मोबाईल मेडिकल टीम एवं एम्बुलेंस की सुविधा भी बढ़ाई जा रही है।

बैठक के दौरान गंगा सभा, विभिन्न संगठनों, जनप्रतिनिधियों ने बीते वर्ष सफल कावड़ यात्रा हेतु मुख्यमंत्री का आभार जताया एवं कावड़ मेला- 2024 के लिए अपने सुझाव मुख्यमंत्री के समक्ष रखे। जिस पर मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन एवं विभिन्न संगठनों, एनजीओ एवं स्थानीय जनता के सहयोग से यात्रा को सफल बनाने का आग्रह किया। साथ ही वर्चुअल माध्यम से जुड़े जिलाधिकारी देहरादून, रूद्रप्रयाग और पौड़ी ने जिले स्तर पर की गई तैयारी के संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, विधायक आदेश चौहान, प्रदीप बत्रा, ममता राकेश, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल.फैनई, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, विनोद कुमार सुमन, डॉ. आर. राजेश कुमार, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी ए.पी. अंशुमान, आई.जी गढ़वाल के.एस नगन्याल, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, एसएसपी. हरिद्वार प्रमेन्द्र डोभाल एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बदरीनाथ व केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से इस बैठक में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग भाष्कर खुल्बे, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे वर्चुअल माध्यम से सचिव संस्कृति भारत सरकार गोविन्द मोहन, संयुक्त सचिव भारत सरकार रोहित यादव, उप सचिव भारत सरकार मंगेश घिल्डियाल भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ेगी। श्री केदारनाथ के निकटवर्ती स्थानों को भी आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने होंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए आस-पास के एरिया के डेवलपमेंट की दिशा में प्रयास करने होंगे। रामबाड़ा और केदारनाथ के बीच श्रद्धालुओं को ठहरने एवं कौन सी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं, इस ओर भी ध्यान दिया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वासुकीताल, गरूड़ चट्टी, लिंचोली और उनके आस-पास श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक दृष्टि से क्या किया जा सकता है, इसका पूरा प्लान तैयार किया जाए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि श्री बद्रीनाथ के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी योजना बनाई जाए। माणा गांव एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों को रूरल टूरिज्म के लिए विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए। इनमें स्थानीय कल्चर एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ईकोनॉमी का अच्छा मॉडल बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सेवकों एवं डॉक्टरों से भी अधिक से अधिक सहयोग लिया जाए। सरकारी व्यवस्थाओं के साथ जन सहयोग भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ में पुनर्निर्माण के कार्य तेजी से चल रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रात-दिन कार्य प्रगति पर है। दिसम्बर 2023 तक सभी कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल अभी तक 35 लाख से अधिक पंजीकृत श्रद्धालु चारधाम यात्रा में आ चुके हैं।
मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ में प्रथम चरण के पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। द्वितीय चरण में 188 करोड़ रूपये के 21 कार्य किये जा रहे हैं। जिनमें से 03 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, 06 कार्य दिसम्बर 2022 तक पूर्ण हो जायेंगे। अवशेष 12 कार्यों को जुलाई 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। गौरीकुण्ड में गेट का निर्माण किया जा चुका है। संगम घाट का कार्य जून 2023 तक पूर्ण किया जायेगा। ईशानेश्वर टेम्पल का कार्य भी एक माह में पूर्ण हो जायेगा। मास्टर प्लान के अनुसार सभी कार्य दिसम्बर 2023 तक पूर्ण किये जायेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि श्री बद्रीनाथ में भी मास्टर प्लान के अनुसार तेजी से कार्य हो रहे हैं। शीश नेत्र लेक एवं बद्रीश लेक का कार्य 03 माह में पूर्ण हो जायेगा। रिवर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का कार्य जून 2023 तक पूर्ण हो जायेगा।
सचिव संस्कृति, भारत सरकार गोविन्द मोहन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी कि श्री केदारनाथ के लिए संस्कृति मंत्रालय के तहत चार प्रकार के कार्य होने हैं। जो जल्द शुरू किये जायेंगे। सोनप्रयाग में ओरिएंटेशन सेंटर की स्थापना, रामबाड़ा, छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली एवं चन्नी कैंप में चिन्तन स्थल (ध्यान स्थल), श्री केदारनाथ में शिव उद्यान एवं श्री केदारनाथ में श्री केदार गाथा म्यूजियम का निर्माण किया जायेगा। इन सभी कार्यों की पूरी योजना बनाकर तैयारी कर ली गई है।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य और बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान की समीक्षा कर सीएस ने दिए आवश्यक निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बैठक के दौरान केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य पूर्ण किए जाएं। उन्होंने नाइट शिफ्ट करते हुए प्रोडक्टिव आवर्स को बढ़ाए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने मजदूरों की संख्या भी बढ़ाए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने मजदूरों के रहने और खाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि मानसून सीजन समाप्त होते ही चारधाम यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है, इसके चलते निर्माण सामग्री केदारनाथ पहुंचाने में थोड़ा दिक्कतें आ सकती हैं, इसको देखते हुए निर्माण सामग्री की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने फ्यूचर स्पेसिफिक निर्माण अथवा अन्य सभी प्रकार की सामग्री का स्टॉक पहले से तैयार कर लिया जाए, साथ ही, निर्माण सामग्री की उपलब्धता के लिए लोकल सिस्टम भी विकसित किया जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वहां से निर्माण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
मुख्य सचिव ने बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान कार्यों पर भी निर्धारित समय सीमा पर पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन और तीर्थाटन स्थलों के आसपास पार्किंग स्थलों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खूबसूरत पर्यटन स्थलों में बड़ी – बड़ी पार्किंग बना कर उस क्षेत्र की खूबसूरती को बर्बाद कर देते हैं। उन्होंने पार्किंग स्थलों के लिए अलग – अलग स्थानों पर सड़कों के किनारे छोटी – छोटी पार्किंग स्थल विकसित करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव श्री सचिन कुर्वे द्वारा केदारनाथ पुनर्निर्माण एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान के सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया।

चारधाम यात्रा पर व्यवस्थाओं के लिए मंत्री धन सिंह केदारनाथ और सुबोध उनियाल को बद्रीनाथ की जिम्मेदारी सौंपी


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चारधाम यात्रा के दृष्टिगत, तीर्थ यात्रियों के आवागमन को सुगम और सुविधायुक्त बनाये जाने के लिये सभी व्यवस्थाओं के पर्यवेक्षण और अनुश्रवण के लिये केबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत को केदारनाथ धाम और सुबोध उनियाल को बद्रीनाथ धाम के लिये नामित किया गया है।

को मुख्यमंत्री ने सचिवालय में बैठक में अधिकारियों को चारधाम यात्रा में व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत किया जाए। शौचालयों में स्वच्छता सुनिश्चित की जाए। देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम और सुरक्षित हो। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु किन-किन बातों का ध्यान रखें, इस बारे में पर्यटन और स्वास्थ्य विभाग विस्तृत गाईडलाईन जारी करें और इसका व्यापक प्रचार प्रसार करें। उत्तराखण्ड में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक यहां से अच्छा संदेश लेकर जाएं, यह हम सभी का दायित्व है। चारधाम यात्रा के साथ ही अन्य पर्यटन स्थलों पर व्यवस्थाओं की लगातार समीक्षा की जाए।

मुख्यमंत्री धामी ने केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों का किया निरीक्षण


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ धाम पहुंच कर बाबा केदारनाथ जी के दर्शन किये। उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। 5 नवंबर को प्रधानमंत्री जी के केदारनाथ आगमन के लिए की जा रही तैयारियों का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों से भी वार्ता की। सौहार्दपूर्ण बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जन भावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है। तीर्थों के पंडा, पुरोहित और पुजारियों के मान सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचाई जायेगी। हम सकारात्मक, धनात्मक और विकासात्मक दृष्टिकोण से चारधाम, पंडा, पुरोहित और पुजारी समाज के सम्मान तथा धार्मिक आस्था की गरिमा के सम्मान के लिए तत्पर हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बाबा केदार के प्रति विशेष आस्था और श्रद्धा है। उनका उत्तराखण्ड को दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित करने का विजन है। पूरी दुनिया के लोग यहां आध्यात्मिक शांति के लिए आएंगे। आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बङे पैमाने पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण के काम हो चुके हैं। दूसरे चरण के काम शुरू हो रहे हैं। आदि गुरु शंकराचार्य जी की समाधि का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी प्रतिमा का भी अनावरण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल भी मौजूद रहे।

17 मई को श्री केदारनाथ धाम के खुलेंगे कपाट

श्री केदारनाथ धाम के कपाट सोमवार 17 मई को प्रातः 5 बजे खुलेंगे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रद्धालुओं को शुभकामनायें दीं हैं। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि अपने घरों में रहकर पूजा- अर्चना करें।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड एंव मंदिर समितियों द्वारा चारों धामों में पहली पूजाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से जनकल्याण हेतु की जा रही हैं। बीते कल शाम श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम पहुंची। कल सोमवार को प्रात: 5 बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंंगे। जबकि श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई तथा श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खुल चुके है।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को प्रात: 4 बजकर 15 बजे खुल रहे है। श्री नृसिंह मंदिर से आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी, रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के साथ योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंच गयी है। कल शाम उद्धव एवं कुबेर के साथ ही आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी श्री बदरीनाथ धाम पहुंच जायेगी।

कोविड के दृष्टिगत चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित किया जा चुका है। नित्यनियम से पूजा – अर्चना चलेगी। धामों में पूजपाठ से जुड़े लोगों को जाने की अनुमति है तथा कोरोना बचाव मानकों का पालन हो रहा है।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम तथा श्री केदारनाथ धाम में देवस्थानम बोर्ड ने कपाट खुलने की तैयारियां पूरी कर ली है। सेनिटाईजेशन, साफ-सफाई, बिजली-पानी की आपूर्ति, रावल, पुजारियों, वेदपाठियों हेतु आवास ब्यवस्था की गयी है। मास्क पहनना, सोशियल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग को अनिवार्य किया गया है।

देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी सिंह केदारनाथ धाम में ब्यवस्थाओं का अवलोकन कर रहे है। गढ़वाल आयुक्त/ उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने चारधाम के कपाट खुलने के अवसर पर कोविड गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने को कहा है।

पर्यटन सचिव ने बद्रीनाथ मास्टर प्लान को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक

पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति सचिव दिलीप जावलकर ने बद्रीनाथ मास्टर प्लान को लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बद्रीनाथ में रह रहे लोगों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए बद्रीनाथ धाम को एक आध्यात्मिक टाउन के रूप में विकसित किया जाएगा।

पर्यटन सचिव ने कहा कि मास्टर प्लान को कार्यन्वयन करने में जिला प्रशासन की अहम भूमिका रहेगी। उन्होंने प्रस्तावित मास्टर प्लान को लेकर बद्रीनाथ में डिटेल सर्वे करने, सर्वे के आधार पर भूमि अधिग्रहण के प्रस्ताव तैयार करने तथा प्रभावित लोगों के पुनर्वास हेतु लैंडबैंक तैयार करने को कहा। बद्रीनाथ मंदिर पहले की तरह देवदर्शनी एवं पूरे बद्रीनाथ टाउन में हर छोर से दिखाई दे इस पर विशेष फोकस रखा जाए। बद्रीनाथ धाम में तालाबों के सौन्दर्यीकरण, स्ट्रीट स्कैपिंग, क्यू मैनेजमैंट, मंदिर एवं घाट का सौन्दर्यीकरण, बद्रीश वन, पार्किंग फेसलिटी, सड़क एवं रिवर फ्रंट डेवलपमेंट आदि निर्माण कार्य मास्टर प्लान के तहत चरणबद्व ढंग से प्रस्तावित किए गए है। यात्री सुविधाओं के लिए तीन चरणों में अगले वर्ष मार्च से विकास के निर्माण कार्य शुरू होंगे।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बदरीनाथ के निर्माण कार्यों के निरीक्षण के दौरान कहा, ‘‘उत्तराखंड, नगर नियोजन विभाग ने पहले ही बद्रीनाथ धाम के विकास के लिए मास्टर प्लान-2025 तैयार किया है। इस प्लान के कम्पोनेंट और धाम में वर्तमान चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए लगभग 85 हैक्टियर क्षेत्रफल में सुविधाओं को विकसित करने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। जिससे इस पूरे हिल टाउन में सुव्यवस्थित ढंग से ट्रैफिक मैनेजमेंट हो सके और तीर्थ यात्रियों को यहां पर धार्मिक और आध्यात्म की अनुभूति मिल सके। यहां के हक हकूक धारियों, तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों एवं स्थानीय निवासियों के हितों, उनके रोजगार एवं आजीविका को ध्यान में रखते हुए यहां पर मास्टर प्लान के तहत विकास कार्य किए जाएगें।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा, ‘‘आध्यात्मिक क्षेत्र बदरीनाथ धाम के विकास हेतु बदरीनाथ मास्टर प्लान महत्त्वपूर्ण महायोजना है जहां हर साल बद्रीनाथ में श्रद्वालुओं की संख्या बढ रही है उसके लिए यहां यात्री सुविधाएं विकसित करना बेहद जरूरी है। बैठक में पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, अधीक्षण अभियंता लोनिवि मुकेश परमार, जिला पर्यटन अधिकारी वृजेन्द्र पांडे आदि मौजूद रहे।