उत्तराखंडः बद्रीनाथ में तीर्थयात्रियों का आंकड़ा 14.53 लाख के पार

सुप्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम की यात्रा को लेकर भी श्रद्धालुओं में भारी उत्साह बना हुआ है। तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या ने पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बुधवार तक कुल 14 लाख 53 हजार 827 तीर्थयात्री भगवान बद्रीविशाल के दर्शन को पहुंच चुके हैं, जबकि कपाट बंद होने में अभी डेढ़ माह का समय शेष है। बीते वर्ष 2024 में पूरे यात्रा काल में कुल 14 लाख 35 हजार 341 श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर पहुंचे थे।

धामी सरकार के कुशल यात्रा प्रबंधन के चलते चारधाम यात्रा कीर्तिमान स्थापित कर रही है। शासन-प्रशासन ने खराब मौसम को यात्रियों की राह में रोड़ा नहीं बनने दिया। मौसम के मिजाज को देखते हुए सभी यात्रा रूटों और पड़ावों में चाक चौबंद व्यवस्थाएं की गई हैं। यात्रा मार्ग पर वाहनों का आवागमन सुचारू बना रहे, इसके लिए संवेदनशील स्थानों पर सड़कों को तुरंत खुलवाने के लिए विशेष टीम की तैनाती के साथ ही जेसीबी की व्यवस्था की गई है। धामों में यात्रियों को ठहराने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। यात्रा मार्ग में यात्रियों को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ जवानों की तैनाती है। अब बर्फवारी के चलते ठंड बढ़ने पर अलाव की भी व्यवस्था कर दी गई है।

सरकार की ओर से किए गए इन पुख्ता इंतजामों के चलते श्रद्धालु पूरी निश्चिन्तता के साथ चारधाम यात्रा पर पहुंच रहे हैं। केदारनाथ के साथ ही बद्रीनाथ धाम में भी पिछले वर्ष की तुलना में यात्रियों की बढ़ती संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया है। बुधवार को 5042 यात्रियों ने भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किए। जैसे जैसे कपाटबंदी की तिथि करीब आ रही है, यात्रियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। बता दें धाम के कपाट आगामी 25 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

आज बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट
चमोली जिले में स्थित श्री हेमकुंड साहिब के कपाट कल 10 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बेहतर यात्रा प्रबंधन के चलते हेमकुंड साहिब यात्रियों की संख्या भी हर वर्ष नया रिकॉर्ड बना रही है। इस वर्ष यहां बुधवार तक दो लाख 71 हजार 367 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जो अब तक की रिकॉर्ड संख्या है।

समुद्रतल से करीब 15 हजार 230 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंट साहिब की यात्रा अत्यंत कठिन और चुनौतीपूर्ण है, इसके बावजूद यहां हर वर्ष यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्ष 2024 में एक लाख 83 हजार 722 तीर्थयात्री हेमकुंट पहुंचे थे जबकि इस यात्राकाल में बीते दिवस बुधवार तक दो लाख 71 हजार 367 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।

चारधाम यात्रा-कब बंद होंगे कपाट
गंगोत्री 22 अक्टूबर
यमुनोत्री 23 अक्टूबर
केदारनाथ 23 अक्टूबर
बद्रीनाथ 25 नवंबर

अर्द्धकुंभ की तैयारियों के लिए लगभग 54 करोड़ रुपये का अनुमानित बजटः डा. आर राजेश कुमार

उत्तराखंड सरकार ने 2027 के अर्द्धकुंभ मेले को दिव्य और भव्य बनाने की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग ने तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली है। विभाग ने अनुमानित 54 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है। इस बजट में स्थायी व अस्थायी दोनों प्रकृति के कार्य शामिल हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि हमारा प्रयास है कि मेले में आने वाले किसी भी श्रद्धालु को चिकित्सा सुविधा में कोई कमी महसूस न हो। इसके लिए 2924 बेड, 40 एम्बुलेंस, नए अस्पताल भवन और आधुनिक मशीनों तक की योजना बनाई गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वर्ष 2027 का अर्द्धकुंभ ‘दिव्य और भव्य’ स्वरूप में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुंभ केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और समृद्धि की झलक भी होता है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार तीर्थयात्रियों को सर्वाेत्तम सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। शासन-प्रशासन की सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं, ताकि कोई भी श्रद्धालु स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रहे। धामी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि अर्द्धकुंभ में आने वाला हर तीर्थयात्री सुरक्षित, स्वस्थ और संतुष्ट अनुभव लेकर लौटे।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि कुंभ की तैयारी के तहत स्वास्थ्य विभाग स्थायी और अस्थायी प्रकृति के कार्य कराएगा। इन कार्यों पर अनुमानित 54 करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना है। इसमें से 683 लाख रुपये स्थायी कार्यों पर और 3765 लाख रुपये अस्थायी कार्यों पर खर्च होंगे।

2924 बेड की होगी व्यवस्था
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि कुंभ के दौरान 35 अस्थायी अस्पतालों में 373 बेड की सुविधा होगी। कुम्भ क्षेत्र के 13 सरकारी अस्पतालों में 1101 बेड तीर्थयात्रियों के लिए आरक्षित होंगे जबकि विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में 1450 बेड की व्यवस्था की जाएगी।

40 एम्बुलेंस रहेंगी तैनात,
कुंभ मेले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और मज़बूत बनाने के लिए विभाग एम्बुलेंस और फूड सेफ्टी सेवाओं का दायरा भी बढ़ा रहा है। कुल 40 एम्बुलेंस की व्यवस्था में से 16 एम्बुलेंस विभाग के पास पहले से मौजूद हैं, जबकि 24 नई एम्बुलेंस खरीदी जाएंगी। इनमें एडवांस लाइफ सपोर्ट और बेसिक लाइफ सपोर्ट दोनों तरह की एम्बुलेंस शामिल होंगी।

विभाग तीन नई फूड सेफ्टी वैन भी खरीदेगा
इतना ही नहीं, श्रद्धालुओं के खानपान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विभाग तीन नई फूड सेफ्टी वैन भी खरीदेगा। इन वैन की मदद से मेला क्षेत्र में बिकने वाले खाने-पीने की वस्तुओं की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाएगी, ताकि किसी भी तीर्थयात्री के स्वास्थ्य से समझौता न हो।

रोशनाबाद में बनेगा ड्रग वायर हाउस
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने जानकारी दी कि कुम्भ के दौरान स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार में स्थायी प्रकृति के कार्य भी करेगा। इनमें 54 लाख की लागत से चार वाहन खरीदे जाएंगे। इसके अलावा रोशनाबाद में सीएमओ ऑफिस के निकट 120 लाख की लागत से ड्रग वायर हाउस बनाया जाएगा। रोशनाबाद में ही स्वास्थ्य विभाग का ड्रग वायर हाउस निर्मित किया जाएगा। इसमें 6 कमरे, दो हॉल और एक स्टोर होगा। इस पर 80 लाख रुपये की लागत आने की संभावना है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि मेले के दौरान विभाग को 60 वाहन चाहिए। इनमें से चार वाहनों को विभाग खरीदेगा जबकि अन्य वाहन किराए पर लिए जाएंगे।

संक्रामक रोगों पर नियंत्रण के लिए योजना
स्वास्थ्य सचिव डा आर राजेश कुमार ने बताया कि मेले के दौरान बड़ी संख्या में तीर्थयात्री हरिद्वार आएंगे। ऐसे मे संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए भी विभाग ने व्यापक योजना तैयार की है। इसके तहत मेला क्षेत्र में छिड़काव के लिए 25 लाख की लागत से पांच माउंटेबल फागिंग मशीनें खरीदी जाएगी। इसके अलावा 35 पोर्टेबल फागिंग मशीनें खरीदी जाएंगी। जिस पर 18 लाख की लागत आने की संभावना है।

भूपतवाला अस्पताल का होगा कायाकल्प
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार के मुताबिक भूपतवाला अस्पताल में 15 लाख की लागत से डॉप्लर सुविधायुक्त अल्ट्रासाउंड मशीन भूपतवाला खरीदी जाएगी। इसके अलावा इस अस्पताल में 18 लाख की लागत से एक्सरे सीआर मशीन की सुविधा भी मुहैया होगी।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि कुंभ मेले की स्वास्थ्य तैयारियां समन्वित रूप से की जा रही हैं। इसके लिए कुंभ मेला अधिकारी डॉ. मनोज वर्मा के नेतृत्व में पूरी टीम लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित कर स्वास्थ्य सुविधाओं को व्यवस्थित और सुदृढ़ बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। डॉ. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि विभाग का प्रयास है कि मेले में आने वाले किसी भी श्रद्धालु को इलाज के लिए परेशान न होना पड़े।

चारधाम यात्रा प्रबंधन में व्यक्तिगत तौर पर जुटे सीएम धामी

उत्तराखंड की आर्थिकी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली चारधाम यात्रा जोर शोर से शुरू हो गई है। यात्रा के पहले ही दिन से यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है। इसी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चारों धामों से लेकर प्रमुख यात्रा पड़ावों तक लगातार यात्रा तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के दिन चारों धामों में मौजूद रहने वाले पहले मुख्यमंत्री भी बने हैं।

चारधाम यात्रा का शुभारंभ 30 अप्रैल को गंगोत्री- यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दिन पहले गंगोत्री और फिर यमुनोत्री धाम में पहुंच, यात्रा तैयारियों का जायजा लिया। यमुनोत्री धाम में इससे पहले कोई भी सीएम, कपाट खुलने के दिन नहीं पहुंच पाए थे। इसी तरह सीएम धामी दो मई को केदारनाथ और चार मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के दिन भी दोनों धामों में मौजूद रहे। इस तरह राज्य के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब कोई सीएम चारों धामों में कपाट खुलने के दिन मौजूद रहे। इससे जहां यात्रा तैयारियों को गति मिली, वहीं यात्रियों को भी बेतहर सुविधाएं मिल पाई। इसी तरह सीएम पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ाव ऋषिकेश में भी लगातार यात्रा तैयारियों का जायजा लेते हुए, प्रबंधन अपने हाथ में लिए हुए हैं। सीएम लगातार यात्रियों से भी बातचीत करते हुए, फीडबैक ले रहे हैं। साथ ही जरूरी दिशा निर्देश भी दे रहे हैं।

मौसम को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन – प्रशासन के अधिकारियों को चारधाम यात्रा मार्ग पर मौसम को देखते हुए खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मौसम प्रतिकूल होने पर यात्रियों की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाए, साथ ही यात्रियों को भी मौसम की जानकारी दी जाए।

मुख्यमंत्री ने ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में पूजा अर्चना कर की प्रदेश की खुशहाली की कामना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद रुद्रप्रयाग के भ्रमण के दौरान ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में आयोजित पाण्डव नृत्य में हुए शामिल होकर राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विकास के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु समेकित प्रयासों पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने आशा नौटियाल को उप चुनाव में विजय बनाने पर जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केदारनाथ क्षेत्र के विभिन्न विकास कार्यों को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि ऊखीमठ क्षेत्र के लिए की कई घोषणाएं भी की गई हैं, जिन्हें जल्द धरातल पर उतारा जाएगा। केदार घाटी में आई आपदा के बाद अनेक निर्माण कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है। इस वर्ष जुलाई में आई आपदा के दौरान वे सभी लोगों के साथ स्वयं जनता के बीच में मौजूद रहे। आपदा के बाद दूसरे चरण की यात्रा को भी जल्दी शुरू किया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रूद्रप्रयाग जनपद को आदर्श जनपद के रूप में पहचान मीलेे, इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा केदार घाटी में महिलाएं निरंतर नवाचार को बढ़ावा दे रही हैं। हमारी बहनों द्वारा एक से बढ़कर एक गुणवत्तापूर्ण और अच्छी पैकिंग के साथ स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। आज हमारे स्थानीय उत्पादों की मांग पूरे देश और दुनिया में हो रही है। उन्होंने कहा स्वयं सहायता समूह, विभिन्न संगठनों एवं आमजन के साथ मिलकर हम इस क्षेत्र में विकास एवं समृद्धि का नया अध्याय स्थापित करने का काम करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी सम्बन्धित अधिकारियों को शीतकालीन चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के मकसद से दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। शीतकालीन यात्रा को लेकर भी सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही है। आगामी दिनों में चार धाम यात्रा को लेकर उच्च स्तरीय बैठक भी की जानी है। उन्होंने कहा हमारी सरकार यात्रा समाप्त होते ही आगामी यात्रा की तैयारी में जुट गई है। शीतकालीन यात्रा में भी लोगों को काम मिले इसके लिए भी कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदारनाथ की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। अब राज्य सरकार उनके संकल्पों को पूरा कर रही है। उन्होंने कहा नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास के लक्ष्यों की सूची में उत्तराखंड प्रथम स्थान में आया। राज्य में बेरोजगारी दर घटी है। जीएसटी संग्रह में राज्य ने बेहतर प्रदर्शन किया है। जीएसडीपी में भी राज्य 1.3 गुणा की वृद्धि की है। राज्य में बीते तीन सालों में अब तक लगभग 19 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। उन्होंने कहा जल्द ही राज्य सरकार भू कानून लाने वाली है। उन्होंने कहा इस क्षेत्र के सभी मंदिरों के सौर्दयीकरण कार्य को शीघ्र ही आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा आगामी रविवार को हम केदार की इस भूमि से शीतकालीन चार धाम यात्रा की भी शुरुआत करने जा रही है।

इस अवसर पर विधायक भरत सिंह चौधरी, आशा नौटियाल, बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, दायित्वधारी चण्डी प्रसाद भट्ट, भाजपा जिला अध्यक्ष महावीर पंवार सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

आदि कैलाश मार्ग पर कई स्थानों पर फंसे यात्रियों का किया सुरक्षित रेस्क्यू

भूस्खलन के कारण अवरुद्ध आदि कैलाश यात्रा मार्ग में अलग-अलग स्थानों पर फंसे अधिकांश यात्रियों का हेलीकॉप्टर के जरिये सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। रविवार को खेला से 10 यात्रियों को हेली सेवा के जरिये धारचूला स्थित सेना के हेलीपैड में पहुंचाया गया। वहीं इस दल में शामिल एक यात्री रवदेश नंदचहल का स्वास्थ्य खराब होने के कारण मृत्यु हो गई थी, जिनके शव को धारचूला पहुंचाया गया। बूदी में फंसे तमिलनाडू के 30 यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर धारचूला में सेना के हेलीपैड पहुंचाया गया है। नारायण आश्रम में कुछ लोग अभी रुके हुए हैं, जिन्हें सोमवार को हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन के अनुसार दो से तीन दिन में यात्रा मार्ग को सुचारू कर दिया जाएगा। चौतलधार में भूस्खलन के कारण काफी मात्रा में मलबा आया है। बीआरओ की टीम युद्धस्तर पर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं इस रेस्क्यू अभियान की निगरानी की तथा यात्रियों को सकुशल निकालने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिए। स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ, एसएसबी, उत्तराखंड पुलिस तथा चिपसम एविएशन कंपनी ने युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाकर यात्रियों को सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। रेस्क्यू अभियान के सफल संचालन पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़, एसएसपी पिथौरागढ़ के साथ ही एनडीआरएफ, एसएसबी तथा सिविल एवीएशन की टीम की प्रशंसा की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है और देश-विदेश के यात्री सुरक्षित माहौल में यात्रा कर सकें, इसके लिए सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि पिछले दिनों तमिलनाडू, पंजाब, दिल्ली के यात्री आदि कैलाश के दर्शन के लिए आए थे। 13 सितंबर को भारी बारिश के कारण आदि कैलाश यात्रा मार्ग तवाघाट के पास चौतलधार तथा कुछ अन्य स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण मार्ग बंद हो गया। इस कारण पंजाब के दस यात्री तथा दिल्ली का एक यात्री खेला में फंस गए। वहीं तमिलनाडू के 30 यात्री बुदी में फंस गए थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जैसे ही आदि कैलाश मार्ग के भूस्खलन के कारण अवरुद्ध होने तथा यात्रियों के फंसे होने की जानकारी मिली, उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास से यात्रियों को निकालने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाने तथा हेलीकॉप्टर से यात्रियों का रेस्क्यू करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन के निर्देशों पर जिलाधिकारी पिथौरागढ़ ने यात्रियों के हेली रेस्क्यू के लिए अभियान चलाया।

आस्थाः इस्कॉन द्वारा जन्माष्टमी महोत्सव में आठ हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

इस्कॉन ऋषिकेश द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान आठ हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन करते हुए राधा कृष्णा का दुग्ध, दही, शर्करा आदि से अभिषेक किया।

इस दौरान अंतर विद्यालय सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के विजेताओं ने प्रदर्शन किया। नृत्य प्रदर्शन, गायन प्रदर्शन, नाटक, भजन, कीर्तन और सभी के लिए प्रसाद वितरण किया गया। सभी आगंतुकों ने झूले पर बैठे राधा कृष्ण को भी झुलाया। इस्कॉन द्वारा बुक स्टॉल, गिफ्ट स्टॉल, यूथ काउंटर और कोर्स पेश किए गए। यह वास्तव में ऋषिकेश के सबसे खूबसूरत जन्माष्टमी समारोहों में से एक था। शहर के कई गणमान्य व्यक्ति, जिनमें शैक्षणिक, राजनीतिक और स्वास्थ्य सेवा पृष्ठभूमि से कई हस्तियां शामिल थीं।

इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल, इस्कॉन के प्रमुख लोग राधाकुंड दास, माधवाचार्य दास, दीन गोपाल दास, चौतन्य लीला दास, पार्थमित्र दास, राजेश्वर दास, राजेश शर्मा और किरण भट्ट उपस्थित थे।

सीएम ने कैबिनेट सहयोगियों के साथ की श्रीराम मंदिर अयोध्या में पूजा व अर्चना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ अयोध्या में रामलला के दर्शन किए। इस दौरान सभी बेहद उत्साहित और भक्ति भाव में डूबे हुए नजर आए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में अपने सहयोगियों सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डॉ धन सिंह रावत, रेखा आर्य एवं राज्यसभा सांसद नरेश बंसल के साथ जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से वे श्री अयोध्या धाम के लिए रवाना हुए। अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में पहुंचे पर मुख्यमंत्री धामी और उनके सहयोगियों का भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान पूरा परिसर जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। यहां से वह राम जन्मभूमि के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री एवं उनके सहयोगी श्री अयोध्या धाम में प्रभु राम को साष्टांग नमन कर पूजा अर्चना की। दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भावुक हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री रामलला के दर्शन से रोम-रोम भक्तिमय और मन प्रफुल्लित है। उन्होंने कहा कि रामलला को कई वर्षों तक टेंट में रहना पड़ा। आज भव्य मंदिर में रामलाला के दर्शन किए। मैं भाव विह्वल हूं और प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में उत्तराखंड वासियों के लिए उत्तराखंड सरकार राज्य अतिथि गृह बनाने की तैयारी कर चुकी है। 4700 वर्ग मीटर में बनने वाले इस राज्य अतिथि गृह को बनाने के लिए हमारी सरकार ने भूमि की खरीद को लेकर 32 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से भगवान श्री राम के दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंचने वाले श्रीराम भक्तों को इस राज्य अतिथि गृह में सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।

सीएम धामी ने साध्वी ऋतंभरा को दी शुभकामनाएं, की सुदीर्घ जीवन की कामना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मथुरा में साध्वी ऋतंभरा के षष्ठिपूर्ति महोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने साध्वी ऋतंभरा को वात्सल्य और ममता की प्रतिमूर्ति बताते हुए शुभकामना दी तथा उनके सुदीर्घ जीवन की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित संत महात्माओं को भी नमन कर उनका आशीर्वाद लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साध्वी ऋतंभरा का व्यक्तित्व अद्भुत और कृतित्व अकल्पनीय है। उनकी वात्सल्य शक्ति से न जाने कितनी बच्चियों को प्रेरणा और नया जीवन मिला। उनसे सदैव वात्सल्य और ममता का सानिध्य प्राप्त होता हे। मुख्यमंत्री ने कहा कि साध्वी ऋतंभरा के स्नेह और आशीर्वाद से उन्हें व्यक्तिगत रूप से हमेशा लोगों की सेवा करने की शक्ति मिलती है। वे स्वयं उनसे सबसे पहले तब प्रभावित हुए थे जब उनके मुखारबिंदु से श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के समय प्रखर उद्बोधन सुना था। उनके ओजस्वी उद्बोधन ने लाखों लोगों को हृदय की गहराइयों तक प्रभावित किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 22 जनवरी को करोड़ों देशवासियों का रामलला को उनकी जन्मस्थली पर विराजमान करने का संकल्प पूर्ण होने जा रहा है। आज रामलला उस समय अपने जन्मस्थान में विराजमान हो रहे हैं, जब भारत दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन चुका है, सनातन संस्कृति का परचम चारों ओर लहरा रहा है, चाँद पर भारत का चंद्रयान उतर चुका है, सूर्य के चारों ओर आदित्य एल वन चक्कर लगा रहा है, पूरा विश्व, भारत की बात कर रहा है, सनातन का भगवा ध्वज चारों ओर फिर से लहरा रहा है, हम दुनिया को कोरोना की मुफ्त वैक्सीन प्रदान करने में सक्षम हो चुके हैं, हम सफलतम जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करने में सफल हुए हैं और जब हमारे देश के नेतृत्व का लोहा सारे विश्व के नेता मान रहे हैं, यही नहीं प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश पहली बार गुलामी की मानसिकता से बाहर आने में सफल हुआ है। आज काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के भव्य कॉरिडोर का बनना, उज्जैन में महाकाललोक कॉरिडोर का बनना, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का सौंदर्यीकरण होना, केदारनाथ तथा हेमकुन्ट साहिब के लिये रोपवे का निर्माण इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आज हमारे मंदिरों का ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति का भी संरक्षण और संवर्धन हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामभक्तों पर गोली चलाने वाले न तो राम मंदिर बना पाते, न धारा 370 हटा पाते और न ही तीन तलाक हटा पाते। यह प्रधानमंत्री मोदी की ही क्षमता है जो बिना झुके, थके, व डिगे अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ते ही रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से ही वे भी बिना थके, बिना डिगे उत्तराखण्ड की जनता की सेवा कर रहे हैं। उत्तराखंड में विगत ढाई वर्षों में अनेक ऐसे महत्वपूर्ण और कठोर निर्णय हमने लिए हैं, जो विगत 23 वर्षों में संभव नहीं हो पाये थे। हमने एक ओर जहां उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया, प्रदेश में पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई कर पांच हजार हेक्टेयर सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया गया है। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी पहली बार कार्रवाई करने से हम पीछे नहीं हटे,यही नहीं अब हम देवभूमि में समान नागरिक आचार संहिता को भी लागू करने की तैयारी कर रहे हैं, शीघ्र ही इसे विधानसभा में प्रस्तुत किया जायेगा। उत्तराखण्ड देवभूमि है, हमारी देवभूमि का मूल स्वरूप बना रहे इस दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित जन समूह से अनुरोध किया कि यहां से हम अपने संतों का आशीर्वाद पाकर भगवान श्री राम को स्वयं में धारण करने की यात्रा पर आगे बढ़ें, राम को स्वयं में धारण करने के लिए प्रेम से बढ़कर कोई दूसरा मार्ग नहीं है। राम चरित मानस में कहा भी गया है ‘रामहि केवल प्रेम पियारा’ उन्होंने कहा कि यह तभी संभव होगा जब हम श्री राम और श्री कृष्ण को मानने के साथ साथ उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण भी करेंगे।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में संत महात्मा एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।

श्रावण मास की नीलकंठ यात्रा को लेकर पुलिस अलर्ट, हुई बैठक

श्रावण मास की श्री नीलकंठ महादेव मंदिर यात्रा के दौरान पैदल मार्ग पर जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। जिसको देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने शाम छह बजे से सुबह पांच बजे तक को बंद रखने का निर्णय लिया है। पैदल मार्ग का यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल श्वेता चौबे ने कावड़ यात्रा के दौरान क्षेत्र में ट्रैफिक प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि पैदल मार्ग पर पार्क प्रशासन को नियमित गश्त बढ़ाने के लिए कहा गया है। बैराज-चीला शक्ति नहर पर कावड़ यात्रियों के नहाने के कारण दुर्घटनाओं को रोकने के लिए फोर्स की तैनाती अलग से की जा रही है।

कांवड़ मेले के दौरान वाहनों के जाने का मार्ग
यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाये रखने हेतु श्री नीलकंठ महादेव मन्दिर जाने के लिए ऋषिकेश- मुनिकीरेती-गरुड़ चट्टी- पीपलकोटी- नीलकंठ मंदिर मार्ग को निर्धारित किया गया है।

कांवड़ मेले के दौरान वाहनों के जाने का मार्ग
मंदिर से वापसी में निकासी हेतु नीलकंठ – पीपलकोटी- गरुड़ चट्टी- बैराज बाईपास- पशुलोक बैराज- ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग निर्धारित किया गया है।

श्री नीलकंठ मन्दिर आने का पैदल मार्ग
मेले के सामान्य दिनों में रामझूला व जानकी पुल कांवड़ यात्रियों के लिये खुले रहेंगे। भीड़ की अधिकता होने पर यात्रियों के लिये ऋषिकेश- रामझूला- बागखाला- पुण्डरासू- नीलकंठ मन्दिर का मार्ग निर्धारित किया गया है।

पैदल वापसी का मार्ग
श्री नीलकंठ मन्दिर से वापस जाने हेतु श्री नीलकंठ मन्दिर- पुण्डरासू- बागखाला- जानकी पुल- ऋषिकेश मार्ग निर्धारित किया गया है।

वाहनों के अव्यवस्थित रूप से खड़े पाए जाने पर उन्हें हटाने के लिए क्रेन की व्यवस्था की गयी है। साथ ही नीलकंठ क्षेत्र में पार्किंग फुल होने की दशा में वाहनों को पीपल कोटी- दिउली मार्ग पर डायवर्ट कर पार्क कराया जाएगा। 15 से 17 जुलाई तक मेला क्षेत्र में भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगायी गयी है।

मेला क्षेत्र में 894 अधिकारी और कर्मचारी तैनात
सम्पूर्ण मेला क्षेत्र की सुरक्षा के दृष्टिगत कांवड़ मेले में लगा 894 अधिकारी और कर्मचारियों की तैनाती की गई है।

जनपद का कुल फोर्स- 551

अपर पुलिस अधीक्षक एक, क्षेत्राधिकारी दो, निरीक्षक पांच, थानाध्यक्ष 11, उप निरीक्षक 27, महिला उपनिरीक्षक आठ, अपर उप निरीक्षक 15, हेड कांस्टेबल 80, कांस्टेबल 91, महिला कांस्टेबल 20, होमगार्ड 207, पीआरडी 84,

बाहरी जनपद से प्राप्त कुल फोर्स- 300

अपर पुलिस अधीक्षक एक, क्षेत्राधिकारी पांच, निरीक्षक तीन, थानाध्यक्ष तीन, उप निरीक्षक सात, महिला उपनिरीक्षक छह, अपर उप निरीक्षक 156, महिला अपर उप निरीक्षक दो हेड कांस्टेबल 38, कांस्टेबल 52, महिला कांस्टेबल 27, एक कम्पनी, दो प्लाटून, दो सैक्शन पीएसी

रिजर्व कुल फोर्स

निरीक्षक तीन, थानाध्यक्ष तीन, उपनिरीक्षक चार, महिला उपनिरीक्षक एक, अपर उपनिरीक्षक 18, महिला अपर उप निरीक्षक एक, हेड कांस्टेबल तीन

74 सीसीटीवी कैमरा और तीन ड्रोन की निगरानी
बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की संभावना है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन की ओर से इस बार यहां अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। 74 सीसीटीवी कैमरा और तीन ड्रोन की निगरानी में मेला संचालित होगा। सुरक्षा व्यवस्था के तहत सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को एक सुपर जोन, सात जोन व 23 सेक्टरों में विभाजित किया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी श्वेता चौबे ने ड्यूटी पर लगे समस्त पुलिस बल को परमार्थ निकेतन में ब्रीफिंग ली। पुलिस कप्तान ने कहा कि इंटरनेट मीडिया और विभिन्न माध्यम से अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और सख्त कार्रवाई होगी।

सभी अधिकारी और कर्मचारी अनुशासित और संयमित होकर अपनी ड्यूटी दें। उन्होंने बताया कि पौड़ी जनपद के सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को एक सुपर जोन, सात जोन व 23 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक सुपर जोन में अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी, जोन में पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी तथा सेक्टरों में निरीक्षक, थानाध्यक्ष, वरिष्ठ उपनिरीक्षक, उपनिरीक्षक एवं अपर उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।

उन्होंने बताया कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ की दो टीम, जल पुलिस,गोताखोर टीम, दो क्यूआरटी टीम, पीएससी फ्लड टीम के साथ-साथ आतंकी घटनाओं की रोकथाम हेतु एक टीम एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड को मेला क्षेत्र में चौबीस घण्टे के लिये एक्टिव रखा गया है।

बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर चंद्र सुयाल, अपर पुलिस अधीक्षक अनिल काला, सीओ श्रीनगर श्याम दत्त नौटियाल, सहायक सेनानायक एसडीआरएफ दीपक सिंह, पुलिस उपाधीक्षक सतर्कता अनिल मनराल, एसएस सामंत, सहायक सेनानायक पीटीसी सुनीता वर्मा, उप सेनानायक आइआरबी राजन सिंह आदि मौजूद रहे।

सीएम ने केदारनाथ धाम के सेवादार सदस्यों के दल के वाहनों को किया फ्लैग ऑफ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ धाम के सेवादार सदस्यों के दल के वाहनों का फ्लैग ऑफ किया। इन सेवादारों द्वारा श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 21 से 25 अप्रैल तक श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखण्ड के मुख्य सेवक के नाम पर भंडारे का आयोजन किया जायेगा। बाबा केदार की डोली के गुप्तकाशी से केदारनाथ पहुंचने तक यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया जाएगा। 24 और 25 अप्रैल को हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी तैयारियां की गई है। चारधाम यात्रा की नियमित समीक्षा की जा रही है। चारधाम यात्रा के प्रति लोगों में काफी उत्साह हैं। अभी तक 16 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। स्वयं सेवी संगठनों एवं सामाजिक संगठनों का पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा की देवभूमि उत्तराखण्ड आने वाले सभी श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा दी जाएगी।
इस अवसर पर कर्नल अजय कोठियाल (से.नि) भी उपस्थित थे।