नायब तहसीलदार सहित पटवारी के पदों को भरने की उठी मांग

ऋषिकेश तहसील क्षेत्र में राजस्व उपनिरीक्षक समेत नायब तहसीलदार के खाली चल रहे पदों को भरने की मांग बार एसोसिएशन ऋषिकेश ने प्रशासन से की है। बताया कि महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती नहीं होने से जनहित से जुड़े कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

बार एसोसिएशन ऋषिकेश के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सजवाण और महामंत्री सुनील नवानी के नेतृत्व में एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल तहसील में उपजिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी से मिला। उन्हें ज्ञापन सौंपकर अगवत कराया कि ऋषिकेश तहसील में राजस्व उप निरीक्षक के 7 पद सृजित हैं, लेकिन वर्तमान में चार राजस्व उप निरीक्षक ही तैनात हैं, तीन पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं। यही नहीं नायब तहसीलदार की भी पिछले तीन महीने से तैनाती नहीं हो सकी है।

राजस्व उपनिरीक्षकों की संख्या कम होने के कारण वादों में राजस्व वाद, दाखिल खारिज वाद एवं प्रार्थना पत्रों पर रिपोर्ट नहीं लग रही है। नायब तहसीलदार का पद रिक्त होने के कारण नायब तहसीलदार न्यायालय में ग्राम खडकमाफ के दाखिल खारिज नहीं हो पा रहे हैं, इससे वादकारी एवं अधिवक्ताओं को काफी परेशानी आ रही है। जनहित में खाली पदों पर नियुक्ति जरूरी है। एसडीएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मौके पर बार एसोसिएशन उपाध्यक्ष पुष्कर बंगवाल, कोषाध्यक्ष देवेंद्र सेमवाल, अधिवक्ता रमाशंकर, शीशपाल तोपवाल, राजेश मोहन, ऋषि अंथवाल आदि रहे।

पुराने रेलवे स्टेशन के पास क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत की मांग

पुराने रेलवे स्टेशन के पास क्षतिग्रस्त सड़क को लेकर कांग्रेसियों ने नाराजगी जताई है। उन्होंने डीआरएम को ज्ञापन भेजकर सड़क बनवाने की मांग की। सड़क बनने तक वैकल्पिक मार्ग खोले जाने की मांग भी की।
मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन मास्टर के माध्यम से डीआरएम को ज्ञापन भेजा। एआईसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि गौरा देवी चौक से पुराने रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली सड़क क्षतिग्रस्त है। इससे यहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। पार्षद राकेश सिंह ने कहा कि इस खस्ताहाल सड़क के कारण प्रगतिविहार, इंदिरानगर, आशुतोषनगर आदि जगहों के लोगों को परेशानी हो रही है। यहां न ही रेलवे विभाग और न पीडब्ल्यूडी इस सड़क को बनवा रहा है। कहा कि अगर जल्द ही इस सड़क का निर्माण नहीं किया गया तो क्षेत्रवासी आंदोलन करेंगे। वरिष्ठ नागरिक देवेश्वर प्रसाद रतूड़ी ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। कहा कि जब तक सड़क बन नहीं जाती, तब तक यहां वैकल्पिक मार्ग को खोला जाए।
ज्ञापन देने वालों में पार्षद भगवान सिंह पंवार, पार्षद जगत सिंह नेगी, मनीष मिश्रा, शेर सिंह रावत, नरेंद्र सिंह नेगी, गंभीर भंडारी, आदित्य झा, दिग्विजय कैन्तुरा आदि शामिल रहे।

नगर निगम प्रशासन पर स्थानीय लोगों की उपेक्षा का आरोप

उत्तराखंड जन विकास मंच ने लाल पानी बीट स्थित गुलरानी क्षेत्र में प्रस्तावित ट्रंचिंग ग्राउंड का विरोध किया है। मंच सदस्यों ने नगर निगम प्रशासन पर स्थानीय लोगों की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने उत्तराखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन को ज्ञापन भेजकर प्रस्तावित ट्रंचिंग ग्राउंड से होने वाली मुश्किलों को उठाया है।
सोमवार को उत्तराखंड जन विकास मंच के बैनर तले कई लोग ऋषिकेश तहसील में एकत्रित हुए। उन्होंने एसडीएम के माध्यम से उत्तराखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन आरके सुधांशु को ज्ञापन प्रेषित किया। मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि लाल पानी बीट स्थित गुलरानी क्षेत्र में नगर निगम ऋषिकेश की ओर से ट्रंचिंग ग्राउंड बनाया जाना प्रस्तावित है। यह प्रस्तावित ट्रंचिंग ग्राउंड आबादी क्षेत्र से मात्र 10 मीटर की दूरी पर स्थित है। नगर निगम प्रशासन ने स्थानीय आबादी की उपेक्षा करते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के विपरीत एकपक्षीय फैसला लिया है। इसके चलते भविष्य में हवा, मिट्टी और पानी प्रदूषित होने की संभावना बनी हुई है।
समिति संयोजक सत्य कपरूवान ने कहा कि किसी भी दशा में प्रस्तावित ट्रंचिंग ग्राउंड आबादी क्षेत्र में नहीं बनना चाहिए। सह संयोजक मनोज गुसाईं ने कहा कि पूर्व में भी इस ट्रंचिंग ग्राउंड को लेकर उन्होंने और सभी जनप्रतिनिधियों ने जन सुनवाई के दौरान अपना विरोध प्रकट किया था, लेकिन अचानक नगर निगम द्वारा प्रस्तावित ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए निविदाएं आमंत्रित करना ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोगों के साथ एक छलावा है। इसका हम सभी विरोध करते हैं। ज्ञापन देने वालों में जनार्दन नवानी, कोषाध्यक्ष विनोद पोखरियाल, धर्मेंद्र सिंह, लालमणि रतूड़ी, पूर्व बीडीसी सदस्य वीर सिंह नेगी, फतेह सिंह, राकेश थपलियाल, अजय कुमार वर्मा, यतेंद्र थपलियाल, भूपेंद्र भट्ट, कुंवर सिंह आदि उपस्थित रहे।

प्रशासन ने खुले में चुनावी रैली को कहा ना, आवेदन किए निरस्त

कोविड और आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराने को निर्वाचन आयोग पूरी तरह से मुस्तैद है। खुले मैदान में चुनावी जनसभा की अनुमति के लिए प्रत्याशी तहसील में लिखित अर्जी दे रहे हैं। लेकिन प्रशासन कोविड का हवाला देकर अर्जी को निरस्त कर रहा है। कवर्ड एरिया में चुनावी कार्यक्रम करने की नसीहत दी जा रही है।
केंद्रीय जिला निर्वाचन आयोग से विधानसभा चुनाव 2022 में जारी गाइड लाइन में चूक नहीं हो, इसके लिए पुलिस और प्रशासन सख्त कदम उठा रहे हैं। तहसील में चुनावी प्रचार के तहत जनसभा, जनसंपर्क आदि की अनुमति लेने के लिए तहसील में आवेदन पत्र आ रहे हैं। जिन्होंने जनसभा का स्थान कवर्ड एरिया में रखा है, उन्हें अनुमति मिल रही है।
कवर्ड एरिया से बाहर खुले मैदान में जनसभा की अनुमति को प्रशासन निरस्त कर रहा है। रिटर्निंग अधिकारी अपूर्वा पांडेय ने बताया कि बुधवार सुबह भाजपा और कांग्रेस ने जनसभा के लिए आवेदन पत्र दिया था। आवेदन पत्र में जनसभा का स्थान खुले मैदान में होने के कारण स्थगित कर दिया गया। कोविड गाइड लाइन के चलते खुले में जनसभा नहीं हो सकेगी। कवर्ड एरिया में भी 500 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी है। उल्लंघन करने पर संबंधित को नोटिस जारी करने के साथ ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

चुनाव आयोग की टीम मुस्तैद
ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के मद्देनजर कहीं शराब, तो कहीं कपड़े और पैसे बटने की ऑनलाइन शिकायतें मिल रही हैं। ऐसी सूचनाओं पर एफएसटी और एसएसटी की टीम कार्रवाई के लिए दौड़ पड़ती हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में शिकायतों की पुष्टि नहीं हो रही। बुधवार सुबह भी ऋषिकेश के मायाकुंड क्षेत्र में एक राजनीतिक दल के छोटे होर्डिंग और झंडे जगह-जगह लगने की शिकायत मिली। निर्वाचन टीम मौके पर पहुंची और चुनाव प्रचार से जुड़ी सामग्री को हटाया गया।

शूरवीर सिंह सजवाण निर्दलीय नामांकन भरेंगे कल

ऋषिकेश विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। गुरुवार को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र लेकर उन्होंने चुनाव मैदान में उतरने का मन बना लिया है। कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाने वाले सजवाण के निर्दलीय चुनाव लड़ने से ऋषिकेश सीट पर अब समीकरण फिर बदल गए हैं।
पृथक राज्य उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद वर्ष 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी शूरवीर सिंह सजवाण ने भाजपा प्रत्याशी संदीप गुप्ता को 863 मतों से शिकस्त दी थी। ऋषिकेश सीट से पहले विधायक बने शूरवीर सिंह सजवाण प्रदेश सरकार में सिंचाई मंत्री भी रहे। हालांकि वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में सजवाण को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के प्रत्याशी प्रेमचंद अग्रवाल ने 9077 मतों से पराजित किया था। वर्ष 2017 में कांग्रेस के शूरवीर सिंह सजवाण ने दावेदारी नहीं की। लेकिन वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सजवाण ने ऋषिकेश में सक्रियता बढ़ा दी। खुद को ऋषिकेश सीट से कांग्रेस का प्रबल दावेदार मानने लगे। ग्रामीण क्षेत्र श्यामपुर, छिद्दरवाला, साहबनगर, रायवाला में लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहे। दावेदारी प्रस्तुत करने के बाद पार्टी से उन्हें टिकट नहीं मिला। कांग्रेस ने ऋषिकेश सीट से जयेंद्र रमोला को टिकट दिया। इसके बाद से कांग्रेस में बगावत के आसार बन गए हैं। शूरवीर सिंह सजवाण और उनके समर्थक चेहरा बदलने की मांग पर अड़ गए हैं। हंगामे के बाद भी पार्टी की ओर से कार्रवाई नहीं करने पर सजवाण ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। गुरुवार को शूरवीर सिंह सजवाण के लिए तहसील में नामांकन पत्र लेने पहुंचे समर्थक सोहनलाल रतूड़ी ने बताया कि सजवाण शुक्रवार को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

पहले दिन 9 नामांकन पत्र बिके, भरा एक भी नही

विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले दिन ऋषिकेश विस सीट से किसी भी राजनैतिक दल के प्रत्याशी ने नामांकन नहीं कराया। छह लोगों ने नौ नामांकन प्रपत्र तहसील से लिए हैं।
शुक्रवार को पहले दिन तहसील में कोई भी प्रत्याशी नामांकन के लिए नहीं पहुंचा। इस दौरान प्रशासन की ओर से नामांकन प्रक्रिया की तमाम व्यवस्थाएं अपनी ओर से पूरी रखी गई थी। पुलिस फोर्स भी मौके पर तैनात रहीं। सहायक रिटर्निंग ऑफिसर तहसीलदार डा. अमृता शर्मा ने बताया कि जिन छह लोगों ने नौ नामाकंन प्रपत्र लिए हैं। उनमें अकाली दल मान के जगजीत सिंह, उत्तराखंड जनता पार्टी से अनूप सिंह राणा, भूपेंद्र कुकरेती ने निर्दलीय, संजय श्रीवास्तव ने न्याय धर्म सभा, अमित कुमार वत्स ने बीजेपी, लालमणि रतूड़ी ने आप के प्रत्याशी के लिए नामांकन प्रपत्र लिया है। शुक्रवार को एक भी नामाकंन प्रपत्र नहीं भरा गया है।

नामांकन तैयारियों को ऋषिकेश तहसील ने दिया अंतिम रुप

विधान सभा चुनाव 2022 के तहत 21 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है। इसी क्रम में ऋषिकेश तहसील के उप जिलाधिकारी के न्यायालय को रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में तब्दील कर दिया गया है। जहां सभी प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। यह जानकारी रिटर्निंग अधिकारी अपूर्वा पांडे ने देते हुए बताया कि ऋषिकेश तहसील में चुनाव 2022 के लिए होने वाले चुनाव के लिए प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र सुबह 11 बजे से शाम 3 बजे तक दाखिल करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रत्याशियों को नामांकन पत्र दाखिल किए जाने के लिए ऑनलाइन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। परंतु उन्हें एक प्रति हार्ड कॉपी के रूप में जमा करनी अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रत्याशी को अपने नामांकन पत्र की तीन कॉपी जमा करनी होगी जिस में आए हुए के ब्योरे के साथ अपराधिक रिकॉर्ड भी जमा करना होगा।

प्रत्याशी सहित 3 लोग ही नामांकन पत्र कक्ष में करेंगे प्रवेश
रिटर्निंग अधिकारी अपूर्वा पांडे ने यह भी बताया कि नामांकन पत्र जमा करने के दौरान प्रत्याशी और उसके 2 समर्थक ही कक्ष में उपस्थित रहेंगे। नामांकन कक्ष से 100 गज की दूरी पर लोगों को रोकने के लिए बनाई गई है वैरी कैटिंग

ऋषिकेश तहसील में बनाए गए नामांकन पत्र दाखिल किए जाने के दौरान निगरानी के लिए कॉस्को सीसीटीवी कैमरे के साथ डिजिटल लैपिंग किए जाने के लिए पूरी तरह तैयार कर दिया गया है। कोविड-19 का पालन कराए जाने के लिए सभी की थर्मल स्क्रीनिंग ,करवाये जाने के साथ दस्ताने भी दिए जाएंगे।

अपनी मांगों को लेकर कॉलोनीवासियों ने तहसील में प्रदर्शन कर सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा

आईडीपीएल कॉलोनी को नगर निगम ऋषिकेश में शामिल करने की मांग को लेकर कॉलोनीवासियों ने तहसील में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। जल्द सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर चक्का जाम की चेतावनी दी है।
मंगलवार को आवासीय कल्याण समिति आईडीपीएल, वीरभद्र के बैनर तले कॉलोनी के लोग हरिद्वार रोड स्थित नगर निगम कार्यालय परिसर में एकत्रित हुए। यहां से रैली की शक्ल में नारेबाजी करते हुए हरिद्वार बाईपास मार्ग स्थित तहसील कार्यालय पहुंचे। रैली में शामिल लोगों ने प्रदेश सरकार पर आईडीपीएल कॉलोनीवासियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आईडीपीएल संस्थान बंद होने के कारण यहां निवास कर रहे पूर्व कर्मचारियों और उनके आश्रितों पर बेघर होने का खतरा मंडराने लगा है। यही नहीं सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा। इसका समाधान आईडीपीएल कॉलोनी को नगर निगम ऋषिकेश में शामिल करने पर ही हो सकता है। एक स्वर में आईडीपीएल कॉलोनी के साथ कृष्णानगर कॉलोनी और खांडगांव को नगर निगम में मर्ज करने की मांग उठाई।
प्रदर्शन में कांग्रेस एआईसीसी मेंबर जयेंद्र रमोला, समिति सचिव सुनील कुटलैहड़िया, सूरज कुकरेती, मोहन असवाल, रामेश्वरी चौहान, अनीता, कुंती गुसाईं, भगवती चमोली, सरोजिनी लखेडा, नंदिनी भंडारी, सुधा गुप्ता, उर्मिला गुप्ता, कृष्णा राजभर, रघु उनियाल, आदित्य डंगवाल, शीला देवी, आलोक, सागर, संजय पोखरियाल आदि मौजूद रहे।

श्रमिकों की मांगों को खरोला ने दिया समर्थन

कांगेस के प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने जानकारी देते हुए बताया कि आज ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत तहसील परिसर के समीप में अखिल भारतीय सर्वजन श्रमिक कल्याण समिति द्वारा विगत 4 दिन से चल रहे 10 सूत्रीय मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन को समर्थन दिया और उपजिलाधिकारी महोदय को 10 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन प्रेषित किया।
इस अवसर पर खरोला ने कहा सरकार की उदासीनता व क्षेत्रीय विधायक की निष्क्रियता के चलते ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के श्रमिक आंदोलन पर बाध्य हो गए हैं। खरोला ने कहा कि देश में मजदूर विरोधी नीतियां सरकार बना रही है। नए-नए कानून बना दिए जाते हैं, जिनका फायदा कंपनी प्रबंधन उठा रही हैं। श्रमिक संगठन सुधारीकरण के नाम पर बनाए गए कानूनों का विरोध करती रही है, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
खरोला ने कहा कि ऋषिकेश क्षेत्र के श्रमिकों की पिछले 3 वर्षों से कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार के द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं से वंचित हैं जिस कारण श्रमिकों को अत्यधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
खरोला ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय जो तमाम सुविधाएं सरकार द्वारा चिन्हित श्रमिकों को दी जा रही थी। वह सभी सुविधाएं आज सिर्फ कागजों में ही दिखाई दे रही है। कहीं पर भी श्रमिकों को वह सुविधाएं नहीं मिल पा रही है जिनके वे हकदार हैं।
खरोला ने कहा कि पिछले 3 वर्षों से श्रमिक के लिए साइकिल, बच्चों की शादी के लिए आर्थिक मदद, टूल किट, मृतक आश्रितों को आर्थिक मदद आदि तमाम सुविधाएं ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंदर बंद पड़ी हुई है इसी लिए श्रमिक मजदूर आंदोलन को बाध्य हो गए हैं।
खरोला ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने आज तक श्रमिक संगठनों से श्रम कानूनों में किए जाने वाले संशोधनों के बारे में बातचीत तक भी नहीं की है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही श्रमिकों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो श्रमिक संगठन के साथ कांग्रेस को बड़ा आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा।
इस दौरान प्रेम नाथ राव, फूलमती देवी, गुड्डन देवी, आशा भंडारी, हरेंद्र प्रसाद, मिंटू, पदम, अशोक, मिंटू आदि लोग उपस्थित रहे।

ऋषिकेश तहसील में राशन सड़ने का वीडियो वायरल, सीएम से की जांच कराने की मांग


सोशल मीडिया में चल रही एक वीडियों का संज्ञान लेकर युवा मोर्चा के प्रदेश सह संयोजक प्रकांत कुमार ने मुख्यमंत्री को ई-मेल के जरिए ज्ञापन भेजा है, जिसमें प्रकांत कुमार ने जांच की मांग की है।

प्रकांत कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें यह बताया गया है कि ऋषिकेश तहसील के आधार कार्ड रूम में लाखों रूपए का राशन सड़ने की कगार पर आ गया है। बताया कि जहां सरकार एक तरफ इस महामारी में अपनी तत्परता दिखाते हुए आम जनमानस तक राशन व अन्य मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का हर भरसक प्रयास कर रही हैं, ऐसे में सड़ते राशन की यूं वीडियों का सामने आना चिंतनीय है।
प्रकांत कुमार ने इस मामले में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ज्ञापन प्रेषित कर मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच की मांग की। ज्ञापन देने वालो में जिला उपाध्यक्ष अक्षय खैरवाल, राहुल शर्मा भी शामिल हैं।