मुख्यमंत्री ने विद्या मंदिर, मांडूवाला में छात्रावास शिलान्यास कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मांडूवाला, देहरादून स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में छात्रावास के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने छात्रावास के शिलान्यास के अवसर पर सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह छात्रावास, छात्रों को आवासीय सुविधा प्रदान करने के साथ उनके सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा भारत की स्वतंत्रता के बाद सांस्कृतिक मूल्यों, राष्ट्रवाद की भावना को पुनर्स्थापित करने के लिए सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना की गई। मुख्यमंत्री ने सरस्वती विद्या मंदिर मांडूवाला के विद्यार्थियों द्वारा हाल ही में संपन्न हुई 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में शत-प्रतिशत परिणाम प्राप्त करने पर शुभकामनाएं दी।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में शिक्षा व्यवस्था में हुए व्यापक सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार किए गए हैं। प्रदेश सरकार ने देश में सर्वप्रथम नई शिक्षा नीति को लागू किया। प्रदेश में 141 पीएम श्री विद्यालय तथा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालयों का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश के 13 जनपदों के 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम की व्यवस्था भी की गई है। क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. पुस्तके अनिवार्य की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखण्ड के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के छठवीं से 12वीं कक्षा तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को, मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति दी जा रही है। राज्य में बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए प्रत्येक विकासखण्ड के 10वीं और 12वीं के मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजने की शुरुआत भी की गई है। राज्य में मुख्यमंत्री बालाश्रय योजना भी प्रारंभ की गई है। स्कूली शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता और परिणामों में सुधार लाने के उद्देश्य से राज्य में विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना भी की गई है।

प्रदेश के सभी निजी विद्यालयों को भी विद्या समीक्षा केंद्र से जोड़ा जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के विद्या समीक्षा केंद्र के गुजरात मॉडल को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। राज्य के लगभग 16 हजार विद्यालय इस नवाचार से जोड़े जा चुका है। शीघ्र ही प्रदेश के सभी निजी विद्यालयों को भी विद्या समीक्षा केंद्र से जोड़ा जाएगा। जिससे इन विद्यालयों से संबंधित शिक्षकों, छात्रों तथा समस्त शैक्षिक गतिविधियों की जानकारी एक केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से सरकार के पास उपलब्ध रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा के साथ खेलों पर भी विशेष ध्यान दे रही है।

राष्ट्रीय स्तर में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की ऐतिहासिक शुरुआत
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने प्रदेश में करोड़ों रूपए की लागत से स्टेडियम एवं खेल सुविधाओं का निर्माण करवाया गया है 8 वर्ष की उम्र से ही प्रतिभावान खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। प्रदेश के आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेजों के खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण, शिक्षा, आवास, भोजन व किट आदि भी प्रदान किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर की किसी भी प्रतियोगिता में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की ऐतिहासिक शुरुआत भी की है। उन्होंने कहा हाल ही में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन में प्रदेश के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल लाकर इतिहास रचा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्या भारती द्वारा संपूर्ण भारत में 12 हजार से अधिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं जिनमें लगभग 35 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन विद्यालयों में आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही राष्ट्रभक्ति, नैतिक मूल्यों, भारतीय संस्कृति, संस्कारों और समाज के प्रति उत्तरदायित्व के बोध की भावना को विकसित करने का किया जाता है। विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों में चरित्र निर्माण और संस्कार सेवा भाव को महत्व दिया जाता है।

इस अवसर पर अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य सुरेश सोनी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक सहदेव पुंडीर, अखिल भारतीय संगठन मंत्री शिवकुमार, क्षेत्रीय संगठन मंत्री विद्या भारती (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) डोमेश्वर साहू, अध्यक्ष विद्यालय परिसर सुरेंद्र, डॉ. सुषमा अग्रवाल, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, नगर पालिका अध्यक्ष नीरू देवी, अध्यक्ष बाल आयोग गीता खन्ना एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

समय बहुमूल्य है इसकी महत्ता को सभी को समझना होगा-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नैनीताल स्थित प्रेमा जगाती सरस्वती विहार विद्यालय के वार्षिकोत्सव में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में शिक्षा ग्रहण करने का अर्थ केवल किताबी ज्ञान अर्जित करने तक सीमित नहीं है, यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें हम स्वयं की और अपने अस्तित्व की खोज करते हैं। एक व्यक्ति के रूप में हमारे सर्वांगीण विकास और एक श्रेष्ठ समाज के निर्माण में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। एक व्यक्ति बचपन में जिस प्रकार की शिक्षा और संस्कार प्राप्त करता है उसी से उसका चरित्र निर्माण होता है।
उन्हांेने विद्यार्थियों से कहा कि किताबी ज्ञान तक सीमित ना रहें स्वयं के अस्तित्व की खोज कर अपने जीवन को सफल बनायें। उन्होंने कहा बचपन के संस्कार सम्पूर्ण जीवन में काम आते है इसलिए हमें बच्चों को बचपन से ही संस्कारवान शिक्षा प्रदान कर भविष्य के निर्माण के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन का लक्ष्य तय करते हुए पूर्ण मनोयोग, ईमानदारी,कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करने को कहा। यही मूल मंत्र जीवन को सफल बनाएगा।
मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि प्रत्येक मनुष्य में अनंत ऊर्जा शक्ति का भण्डार है उसे सिर्फ जानने व दिशा देने की जरूरत है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में कभी कोई परेशानी आती है तो उसे सकारात्मक सोच के साथ समस्या का समाधान करें। उन्होंने बच्चों से कहा कि यह शिक्षा का कालखण्ड दोबारा आपके जीवन में कभी नहीं आयेगा, समय बहुमूल्य है इसकी महत्ता को सभी को समझना होगा, एक-एक पल जीवन के लिए उपयोगी है अगर हम समय को समझ लेते हैं तो अपने जीवन के साथ ही देश व प्रदेश नाम रोशन कर सकते है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, गुरुकुलों की भूमि है, यहां ऐसे ऋषि- मुनि हुए जिन्होंने सनातन ग्रंथो की रचना की। वीरभट्टी की इस महान धरती पर पढ़ने वाले आप सभी विद्यार्थी भी ऋषि संतानें हैं और अवश्य ही आप लोग अपना,अपने परिवार का और अपने प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे छात्र देश का भविष्य है। देश व प्रदेश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज नए भारत का निर्माण हो रहा है, जिसके अंतर्गत देश में अभूतपूर्व रूप से नित-नए कार्य किए जा रहे हैं। वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री द्वारा वर्तमान समय के अनुसार बनाई गई नई शिक्षा नीति को हमारे सम्मुख रखा गया। नई शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे, इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी मिलेंगे। स्कूली स्तर पर ’’कौशल विकास’’ से ’’युवा कुशलता’’ के साथ कार्य करने में सक्षम होंगे। साथ ही इससे शोध एवम् अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। देश को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री जी के लक्ष्य को पूर्ण करने में नई शिक्षा नीति अवश्य ही कारगर साबित होगी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि अमृत काल में भारत को विश्व की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनाना है। इसके लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी तभी हम सफल होंगे। उन्होंने कहा कोरोना काल में देश के प्रधानमंत्री ने अभिभावक की तरह देश व विश्व में कार्य किया। अपने देश में कोरोना वैक्सीन देने के साथ ही विश्व में कोरोना वैक्सीन देने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य है। हमारी सरकार उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने ’’विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने हेतु प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालय के इस गरिमामय समारोह में आकर वे अभिभूत हैं। यहां आकर उनकी छात्र जीवन की स्मृतियां जीवंत हो गयी। विद्यालय अत्यंत ही कठिन परिस्थितियों में स्थापित हुआ परंतु आज ये विद्यालय एक विशाल वट वृक्ष का रूप ले चुका है। जगाती परिवार ने इस शिक्षण संस्थान के लिए अपनी भूमि दान कर जो शिक्षा सेवा का पुण्य कमाया है, उसके लिए जगाती परिवार बधाई का पात्र है।
पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार स्कूल के 36 वें वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों, अभिभावकों एवं शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा इस विद्यालय के विद्यार्थी आज इंजीनियर,कारोबारी, प्रशासनिक अधिकारी व राजनीतिज्ञ बनकर अपनी बुलंदियों को छू रहे हैं। विद्यालय परिवार द्वारा इस स्थान पर एक विश्वविद्यालय बनाए जाने का संकल्प लिया है। उनका संकल्प अवश्य पूर्ण होगा, इस संबंध में राज्य सरकार के स्तर पर जो भी सहयोग होगा वह किया जायेगा। भूमि चिन्हीकरण कार्य के लिए पूर्ण प्रयास कर परिकल्पना को साकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यालय की सड़क मार्ग को दुरुस्त करने का कार्य लोनिवि द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विद्यालय में विद्युत की जो भी समस्या हो उसे दुरूस्त करना सुनिश्चित किया जाये।
इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि इस विद्यालय से पढ़कर विद्यार्थी देश के विभिन्न क्षेत्रों में सेना, प्रशासन व आदि स्थानों पर कमान संभाल रहे है। उन्होंने अध्ययनरत विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य और गुरुजनों का हृदय से आभार व्यक्त किया।
महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य और गुरुजनों की मेहनत से यहाँ के विद्यार्थियों ने देश के विविध क्षेत्रों में अपनी सुगंध फैलाई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मूल मंत्र विद्या भारती से लिए गया है। इस शिक्षा नीति से विद्या भारती ही नहीं अपितु देश के समस्त सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों को इंडिया से भारत बनने की संकल्पना को पूरा किया जाएगा। नई शिक्षा नीति में शिक्षा के साथ ही व्यवसायिक विषयों पर जोर दिया गया है। इससे देश को कौशल युक्त उच्च कोटि के मानव संसाधन मिलेंगे जो राष्ट्र को विश्व गुरु बनने में पूर्ण सहयोगी बनेंगे। उन्होंने युवा पीढ़ी के सर्वागींण विकास के लिए आध्यात्मिक इंटेलिजेंस से जोड़ने की बात पर जोर दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा विद्यालय के 12वी के तीन और 10वी के 15 मेधावियों को पुरस्कृत किया।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ सूर्या प्रकाश ने विद्यालय की आगामी वार्षिक कार्ययोजना के साथ ही विद्यालय की सम्पूर्ण गतिविधियों, उपलब्धियों की जानकारी दी। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में शिव तांडव, हनुमान, गणेश वंदना नृत्य और नाटक सिक्का बदल गया मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ माधव प्रसाद के साथ ही विद्यार्थी रक्षित कर्नाटक और कृष्णा त्यागी ने किया।
कार्यक्रम में विद्यालय के संरक्षक कामेश्वर प्रसाद काला, विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्रो के पी सिंह, प्रबंधक श्याम अग्रवाल, कोषाध्यक्ष विपिन अग्रवाल, क्षेत्रीय संगठन मंत्री डोमेश्वर साहू, राष्ट्रीय मंत्री किशन वीर, विधायक नैनीताल सरिता आर्या, भीमताल राम सिंह कैड़ा, लालकुआ डॉ मोहन सिंह बिष्ट, कपकोट सुरेश गढ़िया, मंडी अध्यक्ष डॉ अनिल कपूर डब्बू, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवम अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, जिलाधिकारी वंदना सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी एन मीणा, सीडीओ डॉ संदीप तिवारी, अपर जिलाधिकारी शिव चरण द्विवेदी सहित विद्यालय के गुरुजन और विद्यार्थी उपस्थित रहे।