राज्य में नए पार्किंग स्थलों की चिन्हिकरण प्रक्रिया में आई तेजी

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में प्रदेश में बनाई जाने वाली नई पार्किंग प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में पूर्व में आयोजित बैठक में सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में पार्किंग हेतु जगह चिन्हित कर, फीजिबिलिटी जांच करवाने के निर्देश दिए थे। इस क्रम में जनपदों से 180 स्थान चिन्हित किए गए थे, जिसमें से 134 को फीजिबिलिटी रिपोर्ट में पार्किंग के लिए उपयुक्त पाया गया है। शेष 39 की रिपोर्ट आनी बाकी है।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी पार्किंग के जगह चिन्हीकरण से लेकर संचालन तक के प्रत्येक स्टेप की तिथियां अभी से निर्धारित कर ली जाएं। और प्रत्येक पार्किंग की साइट स्पेसिफिक प्लानिंग कर तिथियां निर्धारित की जाएं, कि कब तक पार्किंग का संचालन शुरू हो जाएगा।
मुख्य सचिव ने पार्किंग प्रोजेक्ट्स को उनकी आवश्यकता और महत्त्व के अनुसार ए और बी कैटेगरी में वर्गीकृत कर लिया जाए। जिन पार्किंग के निर्माण में कोई समस्या नहीं है, उनमें तुरंत कार्य शुरू कर दिया जाए। ऐसे ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स जो पैसे की कमी के कारण धीमी गति से चल रहे हैं, उनके सम्बन्ध में शासन को अवगत कराया जाए। किसी भी प्रोजेक्ट के लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को अपने जनपद में लगातार नए स्थानों को खोजने के निर्देश दिए। उन्होंने यूजेवीएनएल, यूपीसीएल, जल निगम और जल संस्थान के साथ ही अन्य सभी नॉन गवर्नमेंटल संस्थानों द्वारा भी इसमें सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव स्तर से पार्किंग प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा प्रत्येक सप्ताह की जाएगी।

निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण करे पीडब्ल्यूडी विभाग-सीएस

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में पूर्व में जिलाधिकारियों के साथ हुई बैठकों में लोक निर्माण विभाग से सम्बन्धित प्राप्त सुझावों एवं समस्याओं के निस्तारण के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपदों से प्राप्त सुझावों एवं समस्याओं के शीघ्र निस्तारण हेतु विभाग एवं शासन स्तर पर डेडीकेटेड अधिकारी सुनिश्चित कर लिया जाए।
मुख्य सचिव ने बागेश्वर जनपद के अंतर्गत पीडब्ल्यूडी और पीएमजीएसवाई में अमीनो की शीघ्र तैनाती एवं चमोली में जोशीमठ-औली मोटरमार्ग का डामरीकरण और चौड़ीकरण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने चंपावत में मानसून के दौरान मुख्य मार्ग के बंद रहने वाले के कारण सूखीडांग-डाडामिनार मार्ग को वैकल्पिक मोटर मार्ग के रूप मिले जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए, साथ ही कार्य की टाइमलाइन निर्धारित की जाए। उन्होंने सभी कार्यों के महत्व के अनुरूप उनका वर्गीकरण कर अधिक महत्त्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता देते हुए शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में पार्किंग की समस्या विशेषकर पर्वतीय जनपदों में मल्टीलेवल पार्किंग, टनल पार्किंग की दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने बीआरओ से सम्बन्धित प्रकरणों को उनके साथ मुख्य सचिव स्तर से अलग से बैठक आयोजित कर निस्तारित करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारियों द्वारा जनपदों में मार्ग सुधारीकरण की मांग की गई है, उन्हें प्राथमिकता पर लेते हुए शीघ्र से शीघ्र कार्यवाही की जाए। शासन स्तर पर लंबित प्रकरणों को भी तेजी से निस्तारित किया जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों को समय से पूरा करने के लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने हेतु जेई एवं एई की तैनाती हेतु सख्त निर्देश देते हुए ज्वाइन न करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगले 6, 7 माह में केदारनाथ में बहुत से निर्माण कार्य होने हैं जिनकी स्वयं प्रधानमंत्री लगातार समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि लेबर को रहने खाने की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके बिलों का समय से भुगतान किया जाए। उन्होंने मैटेरियल की आपूर्ति एवं स्टोरेज की उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि समय से सभी कार्य पूर्ण हो सकें इसके लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए, साथ ही टारगेट भी बढ़ाया जाए। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने चेयरमैन ब्रिडकुल श्री आर. के. सुधांशु को निर्देश दिए कि प्रदेश के स्थापित सभी रोप-वे का सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक 6 माह में निरीक्षण किया जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु एवं सचिव दिलीप जावलकर सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने बिजली चोरी रोकने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड, उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड, पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लिमिटेड एवं उरेडा की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने उद्योग एवं आमजन की समस्याओं को देखते हुए यूपीसीएल को कम से कम विद्युत कटौती करते हुए विद्युत आपूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्युत चोरी रोकने के साथ ही लाइन लॉस आदि को लगातार कम करने हेतु विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने पेड़ों की लॉपिंग के लिए यूपीसीएल और वन विभाग को संयुक्त रूप से कार्य करने के निर्देश दिए ताकि आंधी-तूफान जैसी परिस्थितियों में विद्युत लाइनें न टूटें और विद्युत आपूर्ति बाधित न हो।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में सोर्स ऑफ एनर्जी बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यूजेवीएनएल को सोलर एनर्जी के क्षेत्र में भी काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन और भारत सरकार के स्तर पर लंबित सभी मामलों को शीघ्रता से निस्तारित किया जाए।
मुख्य सचिव ने पिटकुल को उनके सभी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में फॉरेस्ट क्लियरेंस आदि के सम्बन्ध में वन विभाग के साथ संयुक्त बैठक कर प्रकरणों को निस्तारित करते हुए प्रोजेक्ट्स को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने उरेडा को भी सोलर एनर्जी का उत्पादन बढ़ाए जाने हेतु अध्ययन कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उन राज्यों, जिन्होंने सोलर एनर्जी के क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है, द्वारा किए गए कार्यों और नवोन्मेषी सुझावों का भी अध्ययन कर राज्य में अपनाए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, तीनों निगमों के प्रबन्ध निदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

तय समय में ही सीएम से होगी मुलाकात, रोस्टर तय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जनहित में आगन्तुकों की सुविधा हेतु समय सारणी का निर्धारण किया गया है। मुख्यमंत्री सोमवार एवं मंगलवार को पूर्वाहन 9 से 09ः30 तथा सांय 06 बजे से 07 बजे तक मां सांसद एवं मन्त्रिगणों से भेंट करेंगे।
मुख्यमंत्री बुधवार एवं गुरुवार को पूर्वाहन 9ः00 से 10ः00 तक तथा सांय 6ः00 से 7ः00 तक मा0 विधायक गणों एवं पूर्व विधायक गणों से भेंट करेंगे। मंगलवार एवं शुक्रवार को मुख्यमंत्री पूर्वाह्न 10ः00 बजे से अपराहन 2ः00 बजे तक अधिकारियों एवं कर्मचारियों संगठनों के पदाधिकारियों से सचिवालय में बैठक शासकीय कार्य के उपरांत भेंट कर सकेंगे। शनिवार एवं रविवार को मुख्यमंत्री आवास एवं मुख्यालय में मुख्यमंत्री की उपलब्धता पर पूर्वाहन 9ः00 से 10ः00 तक 6ः30 से 7ः00 तक पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से भेंट करेंगे। पार्टी कार्यकर्ता, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि एवं जनता मिलन कार्यक्रम प्रतिदिन मुख्यमंत्री की उपलब्धता के आधार पर पूर्वान्ह अथवा अपराहन में आयोजित होंगे इसके लिए दूरभाष नंबर 0135-2750033 पर प्रतिदिन अनुरोध नोट किए जाएंगे। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा निर्धारित समय एवं स्थान से अनुरोधकर्ता को यथा समय अवगत कराया जाएगा।
यह जानकारी मुख्यमंत्री के वरिष्ठ निजी सचिव भूपेंद्र सिंह बसेड़ा द्वारा दी गई है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त समय-सारणी के इतर मुख्यमंत्री से मिलने हेतु अनुरोध करने वाले महानुभावों की निर्धारित प्रक्रियानुसार समय लेकर ही भेटवार्ता सुनिश्चित करायी जायेगी। मुख्यमंत्री से भेंट/वार्ता हेतु आने वाले महानुभावों से अनुरोध रहेगा कि वे उपहार और पुष्पगुच्छ लेकर न आयें बहुत आवश्यक हो तो पुष्पगुच्छ के स्थान पर एक पुष्प“ अथवा “पौधा“ अथवा “किताब“ लेकर आ सकते हैं। उक्त व्यवस्था प्रदेशहित/जनहित/आगन्तुकों की सुविधा हेतु बनायी गयी है, अतः निर्धारित की गयी व्यवस्थानुसार भेटवार्ता कर सहयोग प्रदान करने का कष्ट करें।

सीएस ने दिए निर्देश, बोले-निवेश राज्य के लिए बेहद जरूरी

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने आज सचिवालय में सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत लंबित आवेदनों के संबंध में बैठक की। बैठक में समस्त जिलाधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।
बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि निवेश राज्य के लिए बेहद जरूरी है और निवेश बढ़ाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों पर तत्काल कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। निवेशकों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इस बात पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक 15 दिन में जनपद स्तर पर लंबित आवेदनों की मॉनिटरिंग करें साथ ही शासन स्तर पर संबंधित सचिव इसकी मॉनिटरिंग करते हुए निस्तारण सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने कहा कि प्राप्त आवेदनों को टाइम बाउंड करते हुए समय से निस्तारित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी सामंजस्य से कार्य करें।
मुख्य सचिव ने राजस्व विभाग,आबकारी विभाग के अलावा जिलाधिकारी हरिद्वार व जिलाधिकारी उधमसिंह नगर को निर्देश दिए कि उनके स्तर पर लंबित आवेदनों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए इन आवेदनों का निस्तारण सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक उद्योग रणवीर सिंह चौहान सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

10 जनवरी से 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को बूस्टर डोज की तैयारी

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने गुरूवार को सचिवालय में कोविड की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कोविड की तीसरी लहर की सम्भावना को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक तैयारियां करने के दिशा निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने जनपदों में कोविड की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखी जाए। प्रतिदिन कोविड को लेकर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कोविड संक्रमण को रोकने हेतु कोविड अनुकूल व्यवहार का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। लगातार आमजन में मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने हेतु जन-जागरूकता फैलायी जाए, साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वालों पर कार्रवाई भी की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि टेस्टिंग बढ़ाए जाने के साथ ही नियमित तौर पर डाटा अपलोड किया जाए, ताकि स्थिति का सही से अनुमान लगाया जा सके। उन्होंने 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य शीघ्र से शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। कहा कि 15 से 17 वर्ष के किशोरों को अगले 7 दिनों में वैक्सीनेट कर लिया जाए। साथ ही, 10 जनवरी से 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को बूस्टर डोज की तैयारी भी सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने पी.एच.सी और सी.एच.सी लेवल तक आवश्यक दवाओं, कोविड आईसोलेशन किट आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि होम आईसोलेशन की व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने हेतु सभी आवश्यक कदम समय से उठा लिए जाएं। कोविड हेतु बनाए गए कंट्रोल रूम आदि को भी एक्टिव कर लिया जाए। मुख्य सचिव ने टेम्परेरी हेल्थ फेसिलिटीज को भी स्टैण्डबाई मोड में एक्टिव रखे जाने के निर्देश दिए। कहा कि कोविड की तीसरी लहर आए या नहीं या वह कितनी प्रभावित करेगी कहना मुश्किल है परन्तु हमें अपनी तैयारियां कोविड से एक कदम आगे रहकर करनी हैं। इसके लिए पूरे सिस्टम को एकजुट होकर प्रभावी तौर पर कार्य करना होगा।
मुख्य सचिव ने सामान्य बेड, ऑक्सीजन बेड और वेन्टीलेटरयुक्त बेड की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए। कहा कि सर्दियों में बर्फ से प्रभावित क्षेत्रों में कोविड के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करना होगा। ऐसे क्षेत्रों में सम्पर्क मार्ग अवरूद्ध हो जाने पर भी क्षेत्रवासियों को समस्या न हो इसके पूर्व में ही प्रबन्ध कर लिए जाएं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, सचिव अमित नेगी, एस.ए. मुरूगेशन सहित अन्य उच्चाधिकारी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गढ़वाल एवं कुमाऊं मण्डल आयुक्त सहित सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

जानिए, इस साल की आखिरी कैबिनेट के फैसले

राज्य में भाजपा सरकार की इस साल की आखिरी कैबिनेट बैठक आज सचिवालय में संपन्न हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 26 मामले प्रस्तुत किए गए। इस दौरान पुलिस के 4600 ग्रेड पे के मामले में कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया। इसके साथ ही कई अन्य फैसलों पर भी मुहर लगी।

इन फैसलों पर लगी मुहर-
– पीआरडी के मामले में सीएम अधिकृत किया।
– अस्पतालों में ओपीडी शुल्क नहीं बढ़ेगा, सरकारी अस्पतालों में ओपीडी की पर्ची पर सालाना 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी नहीं होगी।
– राज्य के सभी महाविद्यालयों में हर विकासखंड के एक इंटर कॉलेज में 214 योग प्रशिक्षितों को आउट सोर्स पर लगाने का फैसला किया।
– वृद्धा एवं विधवा पेंशन को 1200 से बढ़ाकर 1400 रुपए किया।
– नियमित नियुक्ति से प्रभावित अतिथि शिक्षकों को उनके गृह जनपद में नियुक्ति दी जाएगी।
– महिला अतिथि शिक्षकों को मातृत्व अवकाश की मांग देय होगी।
– नगर निकायों की सीमा विस्तार के बाद विस्तारित क्षेत्र में कमर्शियल टैक्स के संबंध में सीएम को अधिकृत किया।
– नरेंद्रनगर में विधि संस्थान खोलने के लिए कैबिनेट की मंजूरी।
– वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में अब पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगा।
– हर जिले में डिस्ट्रिक टूरिज्म कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया।
– नए महाविद्यालय में शिक्षकों के खाली पदों पर प्रधानचार्य 35 हजार रुपए प्रति माह पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती कर सकेंगे।
– हड़ताल पर रहे मनरेगा कर्मचारियों को हड़ताल अवधि का वेतन मिलेगा। छुट्टियां एडजस्ट होंगी।

सचिवालय से मिलती है पूरे प्रदेश को ऊर्जा-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पूरे प्रदेश को सचिवालय से ऊर्जा मिलती है। राज्य सरकार द्वारा लिये जाने वाले जनहित से जुड़े निर्णयों को तत्परता से लागू करने की जिम्मेदारी भी सचिवालय की होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कार्मिकों के हितों के प्रति प्रतिबद्धता के साथ उनकी समस्याओं का समाधान भी किया जा रहा है। राज्य सचिवालय सहित अन्य विभागों के कार्मिकों की समस्याओं को वे समझते हैं। कार्मिकों के गोल्डन कार्ड की विसंगतियों सहित अन्य अनेक लम्बित प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य का मुख्य सेवक होने के साथ ही वे अपने को सचिवालय कार्मिकों का भाई व साथी भी मानते हैं, क्यांकि उन्हें सचिवालय की प्रक्रियाओं को समझने में सचिवालय का भी बड़ा योगदान रहा है।
सोमवार को सचिवालय संघ द्वारा सचिवालय प्रांगण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अभिनन्दन किया गया। अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय सहित विभिन्न कार्मिक संगठनों से उनकी समस्याओं के निराकरण के सम्बन्ध में आपसी संवाद की राह प्रशस्त की गयी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 की भांति उत्तराखण्ड राज्य में पति-पत्नी के सेवारत रहने पर दोनों को मकान किराया भत्ता अनुमन्य किये जाने। सचिवालय परिसर में स्थापित एलोपैथिक डिस्पेंशनरी में पैथोलॉजी सैम्पलिंग एकत्र करने की व्यवस्था किये जाने तथा डिस्पेंसरी को उच्चीकृत करते हुए चिकित्सा उपचार हेतु अत्याधुनिक सुविधायें दिये जाने। समीक्षा अधिकारी एवं अपर निजी सचिव के पद की श्रेणी को समूह ‘ग’ के समूह ‘ख’ (अराजपत्रित) घोषित किये जाने सम्बंधी मांग पर विभागीय संस्तुति सहित तद्नुसार प्रस्ताव कार्मिक विभाग को प्रेषित किये जाने का निर्णय लिये जाने पर सहमति व्यक्त की।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सचिवालय परिसर में क्रेच सेन्टर हेतु नवीन भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव राज्य सम्पत्ति विभाग को प्रेषित किये जाने। गोल्डन कार्ड की खामियों के कारण दिनांक 1 जनवरी, 2021 से सचिवालय प्रशासन विभाग के अनुभागों में लम्बित चिकित्सा दावों का भुगतान तत्काल कराये जाने तथा गोल्डन कार्ड से कर्मचारियों एवं पेंशनरों को कैशलेस आयुष चिकित्सा सुविधा प्रदान किये जाने पर भी सहमति व्यक्त की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिया कि सचिवालय संघ की विभिन्न समस्याओं का हल किये जाने का रास्ता निकाला जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोल्डन कार्ड की विसंगतियों एवं पदोन्नति में शिथिलिकरण जैसी समस्याओं का समाधान किया गया है। कोरोना महामारी के कारण देश ही नहीं विश्व की आर्थिक गतिविधियाँ भी प्रभावित हुई हैं। बावजूद इसके राज्य सरकार द्वारा कार्मिकों के व्यापक हित में निर्णय लिये हैं। आगे भी समस्याओं के समाधान का रास्ता निकाला जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी की साझीदार एवं सहयोगी के रूप में कार्य कर रही है। सभी के सामूहिक हित के लिए उनके द्वारा अबतक 500 से अधिक घोषणायें की गइ है, जिसकी वित्तीय स्वीकृति भी जारी की की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का समग्र विकास हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। सबके सामूहिक प्रयासों से ही हम राज्य को समग्र विकास के गंतव्य तक पहुंचाने में सफल होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते उनका हर पल प्रदेश के सवा करोड़ लोगों की भलाई एवं सेवाभाव के लिए समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्मिकों की वेतन विषंगति के प्रकरणों के निस्तारण की दिशा में भी पहल करते हुए सामूहिकता के विश्वास भाव से देवस्थानम बोर्ड को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। हमारा लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जो कि सामूहिकता में विश्वास करने वाला है। हमारे सच्चे लोकतंत्र में ही हर व्यक्ति हर माध्यम से अपनी बात कह सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तराखण्ड से लगाव है। उन्होंने 21 वीं शदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। यही नहीं प्रधानमंत्री का विजन है कि 2025 में जब उत्तराखण्ड अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा तब राज्य की पहचान समग्र विकास की दृष्टि से देश के अग्रणी राज्य के रूप में हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने मे हम तभी सफल होंगे जब हम सब राज्य के विकास में सामूहिकता के भाव के साथ सहयोगी बनेंगे।
इस अवसर पर सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया तथा उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव विनोद कुमार सुमन, संघ के उपाध्यक्ष सुनील लखेड़ा, महासचिव विमल जोशी, गीता कोल, चन्दन बिष्ट, पुनीत गुसांई सहित बड़ी संख्या में सचिवालय कर्मी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अनुसचिव जे.पी. मैखुरी द्वारा किया गया।

मिलावट से संबंधित मामलों की फास्ट ट्रैक में हो सुनवाई-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने गुरुवार को सचिवालय में खाद्य पदार्थों में मिलावट के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए ठोस योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों को एहसास कराना आवश्यक है कि आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने टेस्टिंग लैब निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही, खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए अभियान चलाए जाएं। यह अभियान सिर्फ त्यौहारी सीजन को देखते हुए न हो, बल्कि इसे नियमित आधार पर चलाया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि फूड एडल्ट्रेशन को रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक इसके प्रति आमजन जागरूक नहीं होगा तब तक फूड एडल्ट्रेशन को रोकना आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों की जानकारी देने वालों को रिवार्ड भी दिया जाना चाहिए ताकि लोग जानकारी देने को प्रोत्साहित हों।
मुख्य सचिव ने मिलावट से संबंधित मामलों की जनपदवार रिपोर्ट उपलब्ध कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि यह भी बताया जाए कि किस जनपद में कितने मामले कब से पेंडिंग हैं। उन्होंने मिलावट से संबंधित सभी मामलों को फास्ट ट्रैक पर निपटाने के निर्देश दिए। कहा कि मिलावट के गंभीर मामलों को प्राथमिकता के साथ शीघ्र से शीघ्र फैसला किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि नियमित जांच और कठोर कार्रवाई से ही खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी को रोका जा सकता है। उन्होंने इसके लिए ठोस एक्शन प्लान के साथ ही इसके कार्यान्वयन की टाइम लाइन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव अमित नेगी एवं कमिश्नर फूड सेफ्टी डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।