पलायन रोकने और रोजगार को बढ़ाने में सीएम त्रिवेन्द्र की भूमिका…

राजेन्द्र जोशी (स्वतंत्र पत्रकार)। पलायन रोकने और रोजगार को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए है। मुख्यमंत्री जानते है कि उत्तराखंड में कृषि, बागवानी और पर्यटन की अपार संभावनाएं है। आज हम किसानों के संदर्भ में सरकार के द्वारा लिये गये निर्णयों की जानकारी देने का प्रयास कर रहे है।

क्या आप जानते है… उत्तराखंड में किसानों को समाज कल्याण विभाग की ओर से पेंशन दी जाती है। यह सौगात और किसी ने नहीं बल्कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सत्ता संभलाने के बाद प्रदेश के किसानों को दी। उन्होंने किसानों के पलायन को रोकने के लिए किसान पेंशन योजना की शुरूआत की। इस योजना में 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को उत्तराखंड सरकार की तरफ से 1000 रुपये महीने का पेंशन दिया जाता है। यह योजना उत्तराखंड के छोटी जोत के किसानों के लिए वरदान है। राज्य के नौ जिले पर्वतीय है और यहां लोगों के पास छोटी-छोटी जोते है। मुख्यमंत्री ने इस योजना के माध्यम से उन्हें बड़ी राहत दी है। अगर आपके आस-पास भी ऐसे किसान है तो उन्हें इस योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करे।

प्रवासी और पलायन रोकने के लिए उत्तराखंड में खेती को मनरेगा से जोड़ा गया है। कृषि वैज्ञानिक इसे ऐतिहासिक कदम मान रहे है। मनरेगा के तहत जहां एक ओर प्रवासियो के साथ ही यहां रहे रहे लोगों को मजदूरी मिलेगी। वहीं, सामूहिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार का सृजन तो होगा ही। साथ ही सीमांत क्षेत्रों में आबादी की बसावट होने से घुसपैठ रोकने में मदद भी मिलेगी।

वहीं, मुख्यमंत्री के निर्देश पर एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना को मंजूरी दी गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत योजना में प्रत्येक ब्लाक में एक-एक गांव चयनित कर, वहां क्लस्टर आधार पर खेती होगी। इसमें गांव में रहने वाले और प्रवासी, सभी की भूमि में खेती होगी। क्लस्टर कम से कम 10 हेक्टेयर का होगा और इसमें सौ किसान खेती करेंगे। योजना संचालन को प्रति गांव 15 लाख रुपये मिलेंगे।

आपको बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस वर्ष गैरसैंण में बजट प्रस्तुत करते हुए किसानों के बंपर घोषणाएं की है। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की तर्ज पर ही मुख्यमंत्री ने राज्य में कृषि विकास योजना लागू करने के साथ ही बजट में ही 18 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया। वहीं मत्स्य पालकों की आय दोगुनी करने और पशुचारा परिवहन योजना शुरू करने की घोषणा की थी। सरकार ने गेहूं और धान की खरीद के लिए 2300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की। तो वहीं जैविक खेती पर भरोसा जताते हुए जैविक कृषि विधेयक लागू किया है।

मुख्यमंत्री ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए 800 कस्टम हायरिंग सेंटर और 500 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने के निर्देश दिये गये है। जहां से किसान अपने जरूरत के हिसाब से मशीन किराए पर ले सकते हैं। किसानों को अपने नजदीकी बाजार में उत्पादों को बेचने के लिए कई प्रकार की रियायतें दी जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के द्वारा किसानों के हित में लगातार कई ऐसे कार्य किये जा रहे है। जिनसे उनकी आर्थिकी संवरे और वह आत्मनिर्भर बन सके। बात चाहें गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की हो या संकट में चीनी मिलों को उबारने की, मुख्यमंत्री ने इस बार के बजट में कई घोषणायें की है।

जब सरकार उत्तराखंड में कृषि को संवारने और आर्थिकी का मुख्य जरिया बनाने के लिए प्रयासरत हो तो हमें भी कुछ जिम्मेदारी निभानी होगी। युवाओं को पांच से दस हजार रुपये की नौकरी के लिए शहरों में भटकने से बेहतर है कि हम इन योजनाओं का लाभ उठाये। अब समय आ गया है कि अपनी आर्थिकी के साथ ही राज्य की आर्थिकी संवारने में योगदान दे।

दिनभर के घटनाक्रम पर महापौर ने रखी नजर, फिर शंखनाद कर जताया आभार

देशभर के विभिन्न राज्यों के साथ देवभूमि ऋषिकेश में भी प्रधानमंत्री के आह्वान पर आहूत जनता कर्फ्यू के ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने पर नगर निगम की महापौर अनिता ममगाई ने नगरवासियों को धन्यवाद दिया है। इससे पहले दिनभर महापौर अनिता ममगाई घर से ही तमाम प्रशासनिक व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करती रही। उन्होंने उपजिलाधिकारी प्रेमलाल और शहर कोतवाल रितेश शाह से दूरभाष से शहर की गतिविधियों की तमाम जानकारियों जुटाई। महापौर ने बताया कि विभिन्न स्थानों से करीब दर्जन भर गढवाल मूल के लोग आज ऋषिकेश पहुंचे थे जिनकी प्रशासन द्वारा एम्स हास्पिटल में स्क्रीनिंग एवं अन्य टेस्ट कराकर रिपोर्ट सही पाये जाने पर उन्हें बंतव्य के लिए रवाना किया गया।।
महापौर अनिता ममगाई ने कहा कि कोरोना से मुकाबले को शहरवासियों को मिलकर मुकाबला करना होगा। बगैर लोगों के सहयोग के सरकार इस वैश्विक आपदा से मुकाबला नहीं कर सकती। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंड में 31 मार्च तक किए गए लाक डाउन के निर्णय को बेहद महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की चैन को तोड़ने के लिए यह कदम बेहद जरूरी था। उन्होंने शहरवासियों से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे निर्देशों का सख्ती के साथ अनुपालन करने की अपील भी की।

वहीं, सांय पांच बजे कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने वाले कर्मवीरों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए महापौर अनिता ममगाईं ने भी अपने घर की छत पर शंखनाद किया। देखा गया कि ऋषिकेश में शाम के ठीक 5 बजते ही लोगों ने घरों के बाहर ताली और थाली बजाकर शंखनांद किया। लोगों ने कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में अत्याधिक जरूरी काम में लगे कर्मचारियों का आभार जताया। बता दें कि पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की थी वे ठीक पांच बजे अपने घरों के बाहर ताली, थाली या शंख बजाकर कोरोना के प्रकोप के बीच आवश्यक कामों में लगे डॉक्टरों, सुरक्षाकर्मियों, मीडिया कर्मियों व अन्य लोगों के प्रति आभार जताएं। नगर निगम महापौर अनिता ममगई ने स्वास्थ्य कर्मचारियों समेत अन्य आवश्यक कार्यों में लगे लोगों के प्रति आभार जताया है। उन्होंने जनता कर्फ्यू में भागीदारी के लिये प्रोत्साहित करने वालों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इसको लेकर हर कोई अपनी-अपनी तरह से योगदान देने में जुटा है, ऋषिकेश में जनता ने अपना अभूतपूर्व सहयोग जोरदार समर्थन दिया है।