2026 में नंदा देवी यात्रा तथा 2027 में कुम्भ के भव्य एवं ऐतिहासिक आयोजन की उत्तराखंड को बड़ी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने प्रदेश की बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ने का काम किया है। सरकार की ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना से स्थानीय आजीविका के अवसर बढ़ रहे हैं, इसके साथ ही हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से हमारे पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान मिल रही हैं। सीएम धामी ने कहा कि ‘स्टेट मिलेट मिशन’, ‘फार्म मशीनरी बैंक’, ‘एप्पल मिशन’, ‘नई पर्यटन नीति’, ‘नई फिल्म नीति’, ‘होम स्टे’, ‘वेड इन उत्तराखंड’ और ‘सौर स्वरोजगार योजना’ जैसी पहलों से राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित ओहो हिल यात्रा के चौथे संस्करण रजत से स्वर्ण की ओर’’ के समापन कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए छात्र-छात्राओं को सम्बोधित कर रहे थे।

समस्त राज्यवासियों का आह्वाहन करते हुए सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य स्थापना का रजत जयंती वर्ष मनाने के साथ ही अपने प्रदेश को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि प्रदेश का प्रत्येक नागरिक अपने-अपने क्षेत्र में पूरी निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी के साथ योगदान दे, तो उत्तराखंड को एक विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनने से कोई शक्ति नहीं रोक सकती।

सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का तेजी से कार्य किया जा रहा है। साथ ही ‘लोकल फॉर वोकल’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ के माध्यम से विकसित भारत एवं विकसित उत्तराखंड बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के प्रोत्साहन से राज्य में आदि कैलाश एवं शीत कालीन यात्रा को नई गति मिली है। राज्य सरकार पर वर्ष 2026 में नंदा देवी यात्रा तथा 2027 में कुम्भ के भव्य एवं ऐतिहासिक आयोजन की बड़ी जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि विभिन्न चुनौतियों के बावजूद विगत 3 वर्षों में हमारे प्रदेश ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिनकी गूंज आज पूरे देश में सुनाई दे रही है। उत्तराखण्ड में लिए जा रहे निर्णय देश के लिए आदर्श बन रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह बड़े गर्व का विषय है कि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2023-24 के सतत् विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के इंडेक्स में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।साथ ही, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी भी प्राप्त हुई है। अभी हाल ही में, हमारे यहां आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन में प्रदेश के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल लाकर देशभर में 7वा स्थान प्राप्त कर इतिहास रचने में सफलता प्राप्त की है।

सीएम धामी ने कहा कि हमने उत्तराखंड में सबसे पहले समान नागरिक सहिंता लागू करके, देश के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है। हमने एक ओर जहां उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया, प्रदेश में पहली बार लैंड जिहाद , लव जिहाद और थूक जेहाद के खिलाफ कार्रवाई की गई, वहीं रसूखदार भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध भी कठोर कदम उठाने से हम पीछे नहीं हटे।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि सख्त नकल विरोधी कानून के परिणामस्वरूप पिछले तीन वर्षों में प्रदेश के लगभग 22 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्राप्त हुई है। कहा कि आज रोजगार के परिदृश्य तेज़ी से बदल रहे हैं। तकनीकी नवाचार और वैश्विक परिवर्तन के कारण रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं और पुराने खत्म हो रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं, साथ ही स्टार्टअप की सहायता हेतु 200 करोड़ रुपए के वेंचर फंड की भी व्यवस्था की गई है द्य हमारा उद्देश्य है कि हमारे युवा केवल नौकरी ढूंढने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले भी बनें। उत्तराखंड में पलायन की पीड़ा नहीं, बल्कि प्रवासियों की गौरवपूर्ण वापसी हो, जहाँ हमारे गांव आत्मनिर्भर हों और तकनीकी संसाधनों और आधुनिक सुविधाओं से युक्त हो। श्विकास भी, विरासत भीश् के मूलमंत्र के साथ हमारी सांस्कृतिक पहचान और भी समृद्ध बने ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उस पर गर्व करें। हमारी सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने हेतु निरंतर प्रतिबद्ध है।

ओहो रेडियो टीम की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ओहो रेडियो प्रत्येक वर्ष ष्हिल यात्राष् के माध्यम से प्रदेश के युवाओं, विशेष रूप से स्कूली विद्यार्थियों को ज्ञान और संवाद की श्रृंखला से जोड़कर राष्ट्र और राज्य के भविष्य निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाने हेतु प्रेरित कर रहा है।

महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, डायरेक्टर एसओए रवि भटनागर प्रदेशभर से आए छात्र-छात्राएं, अभिभावक, शिक्षक उपस्थित थे।

पीसीएस परीक्षा में सफल युवाओं ने जताया सीएम धामी का आभार

देहरादून। सख्त नकल विरोधी कानून राज्य के प्रतिभावान युवाओं की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा उतरा है। हाल ही में जारी पीसीएस परीक्षा परिणाम में सफलता के झंडे गाड़ने वाले होनहारों ने देश में सबसे पहले इस कानून को लाने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद प्रकट किया है। सफल अभ्यर्थियों ने कहा कि सख्त नकलरोधी कानून लागू होने से प्रतियोगी परीक्षाओं में न केवल पारदर्शिता आई है बल्कि इस गारंटी को भी पक्का किया है कि इन परीक्षाओं में केवल पात्र और योग्य अभ्यर्थी ही चुनकर आएंगे। अब प्रतिभावान युवाओं को सरकारी सेवा के बेहतर और मनचाहे मौके मिल रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार का सख्त नकलरोधी कानून देश के अनेक राज्यों के लिए ही नजीर नहीं बना है, बल्कि इसके कई प्रावधानों को केंद्र सरकार ने भी अंगीकार किया है। प्रदेश में नकल माफिया प्रतिभावान युवाओं के भविष्य के लिए वर्षों से ग्रहण बना हुआ था। आज नकल माफिया का नेटवर्क ध्वस्त होने से प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न हो रही हैं। होनहार अभ्यर्थी एक नहीं तीन से चार परीक्षाओं में सफल हो रहे हैं।

हाल ही में जारी पीसीएस परीक्षा परिणाम के माध्यम से 10 डिप्टी कलेक्टर और 10 पुलिस उपाधीक्षक समेत विभिन्न विभागों में कुल 289 अधिकारी प्रदेश को मिले हैं। इनमें 32 उप शिक्षा अधिकारी,
28 खंड विकास अधिकारी, 28 राज्य कर अधिकारी, 20 उद्यान विकास अधिकारी, 19 बाल विकास परियोजना अधिकारी, 18 वित्त अधिकारी, 17 सहायक निदेशक उद्योग, 16 सहायक आयुक्त राज्य कर, 11 जिला सूचना अधिकारी एवं 11 एआरटीओ मुख्य रूप से शामिल हैं। इससे पूर्व यूकेएसएसएससी परीक्षाओं में तमाम परीक्षार्थियों ने एक से अधिक परीक्षाओं में सफलता पाई है।

तीन साल में 16 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी

राज्य सरकारी विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने का अभियान जोरों पर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने तीन साल के कार्यकाल में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 16 हजार से अधिक पदों पर भर्ती का रिकॉर्ड बनाया है। यही नहीं नियुक्ति समय पर देने का कीर्तिमान भी धामी सरकार के नाम है। रोजगार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता में रहा है। निजी क्षेत्र में अधिकाधिक रोजगार के अवसर सृजित करने के साथ ही सरकारी पदों को भरने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

80 से अधिक आरोपी सलाखों के पीछे

राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर धामी सरकार ने नकल माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त किया है। कानून के तहत 80 से अधिक आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया। इसमें बड़े से बड़े अधिकारी और राजनीतिक पहुंच वालों को भी बख्शा नहीं गया है।

कड़ी से कड़ी सजा का है प्रावधान

बता दें कि इस कानून के तहत नकल माफिया को उम्र कैद या फिर 10 साल कैद की सजा का प्रावधान है। प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने वाले नकल माफिया के खिलाफ 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, साथ ही उसकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है। एक्ट में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई छात्र भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करते हुए पकड़ा जाता है या फिर नकल के जरिए परीक्षा पास करता है तो उस पर 10 साल का प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

पीसीएस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के कोट—-

मैं वर्तमान में अल्मोड़ा में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हूं।मेरा वित्त अधिकारी के पद पर चयन हुआ है। मैं मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद करना चाहूंगी, जिनकी पहल पर नकल विरोधी कानून लाया गया। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ी है। अभ्यर्थियों में चयन प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ने के साथ ही आगे परिश्रम करने के लिए उनके मनोबल में वृद्धि हुई है।
-आयुषी जोशी, अल्मोड़ा

मेरा चयन डीएसपी के पद पर हुआ है। मैं बीटेक की छात्रा रही हूं। मैं मुख्यमंत्री जी और उनकी पूरी टीम का धन्यवाद करना चाहूंगी, जो सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आए। इस कानून के लागू होने से प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता आई है। परीक्षा की तैयारी में जुटे सभी अभ्यर्थियों को निश्चिंत होकर मेहनत के साथ पढ़ाई में जुट जाना चाहिए।
-दीप्ति कैड़ा, देहरादून

मैं वर्तमान में जिला अल्मोड़ा में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हूं। पीसीएस परीक्षा में मेरा चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है। मैं कहना चाहूंगा कि विगत कुछ समय से जो प्रतियोगी परीक्षाएं हो रही हैं, वह त्वरित और निष्पक्ष रूप से हो रही हैं। और इसमें सबसे अहम रहा है सख्त नकल विरोधी कानून। इस कानून को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार का हृदय से आभार और अभिनन्दन। इस कानून से परीक्षाओं में न केवल पारदर्शिता आई है बल्कि परीक्षा की सुचिता और सरकार की कल्याणकारी मंशा के प्रति अभ्यर्थियों का विश्वास भी मजबूत हुआ है। यही नहीं इस कानून ने इस गारंटी को भी पक्का किया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में केवल पात्र और योग्य अभ्यर्थियों का ही चयन हो, चाहे वह किसी भी जाति या वर्ग का हो या गरीब व अमीर वर्ग का हो।
-अलकेश नौडियाल, अल्मोड़ा

बड़ी संख्या में पहले से नौकरी कर रहे अभ्यर्थियों ने पास की पीसीएस परीक्षा

देहरादून। राज्य में सख्त नकलरोधी कानून और सरकार की पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया प्रतिभावान अभ्यर्थियों के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। धामी सरकार के महज तीन साल के कार्यकाल के भीतर जहां समूह ग में 40 फीसद युवाओं ने सरकारी नौकरी की दो से चार परीक्षाएं पास की हैं, वहीं पीसीएस परीक्षा परिणाम के बाद भी पहले से नौकरी कर रहे युवाओं ने परीक्षा पास कर टॉप पदों पर नौकरी पाई है। इनमें अकेले 17 नायब तहसीलदार हैं, जिन्होंने पीसीएस परीक्षा पास की है। ऐसे में यहां अतिश्योक्ति नहीं होगी कि धामी सरकार में प्रतिभावान युवाओं को प्रतिभा से नौकरी पर नौकरी मिल रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के सख्त नकलरोधी कानून और पारदर्शी परीक्षा नीति के परिणाम दिखने लगे हैं। समूह ग में न केवल समय पर परीक्षा और परिणाम बल्कि नियुक्ति पत्र मिलने के राज्य में रिकॉर्ड बन गए हैं। वहीं, पारदर्शी परीक्षा से 30 से 40 फीसद प्रतिभावान युवाओं ने एक नहीं बल्कि दो से चार नौकरी की परीक्षा पास की हैं। अकेले यूकेपीएससी की परीक्षाओं में 448 युवाओं ने दो से ज्यादा नौकरी की परीक्षा पास की हैं। जबकि यूकेएसएसएससी में यह संख्या कई गुना ज्यादा है। खासकर पटवारी, क्लर्क, फॉरेस्ट गार्ड, रेंजर से लेकर विभिन्न विभागों में नौकरी पाने में युवाओं ने मेधा का परिचय दिया है। अब पीसीएस परीक्षा का परिणाम जारी हुआ तो यहां भी पहले से नायब तहसीलदार, समीक्षा अधिकारी, आबकारी निरीक्षक, ईओ, शिक्षक जैसे पदों पर कार्यरत अभ्यर्थियों ने एसडीएम, डीएसपी, वित्त अधिकारी आदि टॉप पदों पर परीक्षा पास की है। इससे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार का सख्त नकलरोधी कानून युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। इससे पहले राज्य में नकल करके और सिफारिश से एक ही परिवार को चार चार नौकरी मिलती थी। लेकिन अब कठोर नकलरोधी कानून से एक अभ्यर्थी चार से पांच नौकरी की परीक्षा पास कर प्रतिभा का लोहा मनवा रहा है।

17 नायब तहसीलदारों ने पास की पीसीएस परीक्षा

राज्य में गत दिवस जारी पीसीएस में प्रतिभावान अभ्यर्थियों ने सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं। जोशीमठ में नायब तहसीलदार आशीष जोशी ने महज दो साल के भीतर चौथी नौकरी एसडीएम जैसे पद पर टॉप कर अपनी मेधा का प्रदर्शन किया है। इसी तरह आबकारी निरीक्षक पंकज भट्ट, अधिशासी अधिकारी वैभव कांडपाल, समीक्षा अधिकारी मुकेश जोशी, बिजनौर में प्रशिक्षु एसडीएम आकांक्षा गुप्ता, अक्षिता भट्ट, नायब तहसीलदार रोबिन राणा, अलकेश नौडियाल आदि ने एसडीएम समेत टॉप पदों पर नौकरी पाई है इनमें अकेले 17 अभ्यर्थी जो पहले से ही नायब तहसीलदार हैं, जिन्होंने पीसीएस परीक्षा पास की हैं। जबकि प्रतिभावान सोनिया सिंह, सौम्य गबर्याल, अनिल रावत जैसे युवाओं की लम्बी फेहरिस्त है, जिन्होंने पहले ही प्रयास में पीसीएस की टॉप नौकरी प्राप्त की है।

राज्य में नकल माफियाओं की तोड़ी कमर

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कमान संभालते ही सबसे पहले नकल माफिया की कमर तोड़ी है। मुख्यमंत्री धामी ने वर्षों से दीमक की तरह मेहनती और काबिलियत रखने वाले युवाओं की नौकरी पर डाका डालने वाले नकल माफियाओं का नेस्तनाबूद किया। करीब 60 से ज्यादा नकल माफियाओं को सलाखों के भीतर डाला। राज्य में देश का सबसे कठोर नकलरोधी कानून लाते हुए युवाओं के हितों की रक्षा पर फैसला लिया। नतीजन, परिणाम भी सबके सामने आने लगे। जो परीक्षाओं में पहले सिफारिश और नकल माफियाओं से एक एक परिवार को चार नौकरी मिलती थी, अब उन नौकरियों में मेहनती और काबलियत वाले युवाओं को सफलता मिल रही है।

युवाओं को प्रतिभा के बूते मिल रही मनपसंद नौकरी

सरकार के निर्णय का परिणाम है कि युवाओं को समय पर न केवल नौकरी मिली बल्कि एक साथ दो से ज्यादा परीक्षाएं पास करने से मनपसंद नौकरी का विकल्प भी मिला। युवाओं को नौकरी मिलने की यह रफ्तार अभी भी जारी है। बहरहाल उत्तराखंड में धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल की उपलब्धियां नौकरी पाने वाले युवाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है।

पीसीएस, लोअर पीसीएस समेत अन्य पदों पर बड़ी संख्या में युवाओं ने दो से ज्यादा नौकरी की परीक्षा पास की है। आयोग में इस तरह के मामले पहली बार देखे जा रहे हैं। खासकर दो से ज्यादा परीक्षा पास करने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पारदर्शी परीक्षा प्रकिया और सख्त नकलरोधी कानून का परिणाम है कि युवाओं को प्रतिभा के अनुरूप नौकरी मिल रही है।

जीएस रावत, सचिव, यूकेपीएससी, उत्तराखंड