आपदाग्रस्त जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ की योजना मंजूर

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने आपदाग्रस्त जोशीमठ के लिए ₹1658.17 करोड़ की रिकवरी एवं रिकंस्ट्रक्शन योजना को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योजना की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री का आभार प्रकट किया है।
योजना के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) की रिकवरी एवं रिकंस्ट्रक्शन विंडो से ₹1079.96 करोड़ की केंद्रीय सहायता दी जाएगी। राज्य सरकार राहत के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से ₹126.41 करोड़ और राज्य के बजट से ₹451.80 करोड़ देगी। इसमें पुनर्वास के लिए ₹91.82 करोड़ भूमि अधिग्रहण की लागत शामिल है।

शाह ने जवानों के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रोन का किया ई-लोकार्पण

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज उत्तराखंड के देहरादून में भारत तिब्बत सीमा पुलिस(ITBP) के 62वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। अमित शाह ने जवानों के लिए सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग (SSEB) और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित BOP (बॉर्डर ऑब्जरवेशन पोस्ट) पर सब्जियों, दवाओं और अन्य ज़रूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रोन का ई-लोकार्पण किया। गृह मंत्री ने ITBP के 147 शहीदों पर बनी फ्लिप बुक को भी लांच किया।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि देशवासी जब दीपावली के अवसर पर अपने घर में दिया जलाते हैं, तब वे एक दिया सीमा पर तैनात हमारे वीर जवानों के लिए भी जलाते हैं। उन्होंने कहा कि देश की 130 करोड़ जनता पूरे दिल से वीर जवानों के त्याग, बलिदान, साहस और शौर्य का सम्मान करती है। गृह मंत्री ने कहा कि देश की जनता चैन की नींद सोती है क्योंकि हमारे वीर जवान अपने जीवन के स्वर्णिम वर्ष सरहद पर देश की सुरक्षा के लिए समर्पित करते हैं। शाह ने कहा कि हिमवीरों का त्याग, सेवा और बलिदान अनमोल है और पूरा देश इसे नमन करता है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज ITBP का स्थापना दिवस है और हमारे हिमवीरों ने पिछले 62 वर्षों से शौर्य, दृढ़ता और कर्मनिष्ठा के ध्येय वाक्य के साथ भारत की दुर्गम सीमाओं को सुरक्षित रखने का काम किया है। उन्होंने कहा कि माइनस 45 डिग्री तापमान में देश की अग्रिम सीमा पर चौकन्ना रहकर उसकी सुरक्षा करना और ज़रूरत पड़ने पर सर्वोच्च बलिदान देने से भी पीछे ना हटना, ITBP की परंपरा रही है। शाह ने कहा कि 62 साल पहले 7 वाहिनियों के साथ शुरू हुआ ITBP, आज एक लाख हिमवीरों, 60 वाहिनियों, 17 प्रशिक्षण केन्द्रों,16 सेक्टर, 5 फ्रंटियर और 2 कमांड मुख्यालयों के साथ एक मज़बूत बल के रूप में उभर कर आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिमवीरों की मांग को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने वायुयान और रेल में सेना की तर्ज पर देश के केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs)का भी कोटा तय कर दिया है।
अमित शाह ने कहा कि आज यहां हुई कई नई शुरूआतों में से सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग (SSEB)बेहद खास है क्योंकि 17,000 फ़ीट की ऊंचाई पर बनी ये बिल्डिंग ठंडे मरूस्थल में आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बनेगी। उन्होंने कहा कि ये बिल्डिंग देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से हिमवीरों को दीपावली की एक अनूठी भेंट है। शाह ने कहा कि जब यहां बाहर का तापमान शून्य से 40-45 नीचे चला जाता है और पेट्रोल या डीज़ल का उपयोग नहीं हो पाता है, ऐसे में ये बिल्डिंग 18-19 डिग्री तापमान में जवानों को सुरक्षित रखेगी। उन्होंने कहा कि इस बिल्डिंग को मात्र 2 महीनों में ही तैयार कर लिया गया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों और ऊँचाई पर स्थित BOP (बॉर्डर ऑब्जरवेशन पोस्ट) पर सब्जियों, दवाओं और अन्य ज़रूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की कल्पना प्रधानमंत्री मोदी जी ने हम सबके सामने रखी थी। उन्होंने कहा कि इसी कल्पना के साकार होने की दिशा में आज पहला ड्रोन 15 किलोग्राम दवाएं और सब्ज़ियां लेकर दुर्गम इलाके में पहुंचा है, ये एक बहुत बड़ी शुरूआत है। उन्होंने कहा कि आज यहां शुरू हुई ड्रोन सेवा ना सिर्फ हमारे हिमवीरों बल्कि सीमावर्ती गावों की जनता के लिए भी लाभदायी सिद्ध होगी। शाह ने कहा कि दुर्गम क्षेत्र में सुरक्षा को चाक-चौबंद रखने के लिए gaps को भरना बहुत जरूरी होता है और इसके कारणबहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर ITBP की 7 बटालियन को स्वीकृति दी है और ITBP की स्थापना के बाद ये पहला मौका है जब 7 बटालियन एकसाथ स्वीकृत की गई हैं, इनमें से 4 बटालियन जल्द ही तैनात हो जायेंगी। शाह ने कहा कि ये 7 बटालियन और 1 सेक्टर मुख्यालय लगभग 3000 करोड़ रूपए की लागत से बनेंगे।
अमित शाह ने कहा कि ITBP को शौर्य, दृढ़ता और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत की 7516 किलोमीटर लंबी तटीय और 15000 किलोमीटर से अधिक भूमि सीमा है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी भूमि सीमा 7 देशों के साथ साझा करता है और हिमालयी क्षेत्र में सीमाओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी ITBP को दी गई है। उन्होंने कहा कि हमारे बहादुर हिमवीरों ने सबसे कठिन क्षेत्रों में सीमाओं की सुरक्षा सबसे अच्छे तरीके से की है। शाह ने कहा कि ITBP ने 6 दशकों की अपनी अनवरत सेवा में 7 पदम श्री, 2 कीर्ति चक्र, 6 शौर्य चक्र, 19 राष्ट्रपति पुलिस पदक, 14 तेनजिंग नोर्गे एडवेंचर पदक और कई अन्य पदक आईटीबीपी ने प्राप्त किए हैं, जो इस बल के शौर्य और बलिदान के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे आईटीबीपी और सेना के जवान सीमा पर तैनात हैं तब तक भारत की 1 इंच भूमि पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता।उन्होंने कहा कि अब हिम वीरांगनाएं भी देश की सीमा की सुरक्षा में कंधे से कंधा मिलाकर शामिल हो रही हैं। गृह मंत्री ने इतने दुर्गम क्षेत्र में देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात हिम वीरांगनाओं को विशेष बधाई और शुभकामनाएं दीं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि खेलों के क्षेत्र में भी आईटीबीपी की भागीदारी बहुत बढ़ गई है, जो बहुत अच्छी बात है। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी 36 लाख से ज्यादा वृक्ष इतने दुर्गम क्षेत्र में ITBP ने लगाए हैं। उन्होंने सभी जवानों से वृक्षों को अपने साथ जोड़ने को कहा जिससे ना सिर्फ उनके मन में बहुत बड़ा बदलाव और संवेदनशीलता आएंगे बल्कि वृक्ष के पालन पोषण के साथ होने वाला जुड़ाव जवानों के मन में भी बहुत बड़ा परिवर्तन करेगा। शाह ने कहा कि ये 36 लाख पौधे 5 साल में बड़े वृक्ष बनेंगे और देश के साथ-साथ पूरे विश्व के पर्यावरण को भी शुद्ध करेंगे। शाह ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने वाइब्रेंट विलेज प्रोजेक्ट के माध्यम से एक नए कांसेप्ट को देश के सामने रखा है। पहले सीमा पर स्थित गांव को देश का अंतिम गांव कहा जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने वहां जाकर कहा कि यह अंतिम नहीं बल्कि देश का पहला गांव है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर बसे गांवों की आबादी को न केवल सस्टेन करने है बल्कि उसमें वृद्धि करने और वहां देश के अन्य हिस्सों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की अप्रोच के साथ वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम बनाया है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने इस कार्यक्रम के पहले चरण में 19 जिलों में 46 ब्लॉक के 662 गांवों के लिए 4800 करोड़ रुपए के बजट से बिजली, सड़कें,रोजगार, स्किल डेवलपमेंट, शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का काम किया है।
अमित शाह ने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा हिमवीरों की जिम्मेदारी है, लेकिन अगर ये सीमावर्ती गांव खाली हो जाएंगे तो इस काम में बहुत दिक्कतें आएंगी। उन्होंने कहा कि हमारे CAPFs जहां भी तैनात हैं, इन्हें विकास कार्यों की नोडल एजेंसी के रूप में स्वीकार कर सारी सुविधाएं गांव में पहुंचे, इसके लिए काम करना चाहिए। श्री शाह ने कहा कि आने वाले 1 साल में 168 अनकनेक्टेड गांव सड़क, बिजली, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवाओं से भी जुड़ जाएंगे। गृह मंत्री ने कहा कि सीमाओं पर सुविधाओं के विकास के बिना देश सुरक्षित नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा सुविधाओं के विकास पर 2014 से पहले औसतन प्रतिवर्ष 4000 करोड़ रुपए खर्च होता था, जिसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 9 सालों में बढ़ाकर औसतन 12340 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सीमा पर रोड,बीओपी बनाने,जवानों को सुविधाएं देने और गांवों को सुविधायुक्त बनाने के लिए तीन गुना खर्च बढ़ाया है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने इस दुर्गम क्षेत्र में 350 से ज्यादा पुल और पुलिया बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जवानों के कल्याण के लिए सरकार ने विगत 9 सालों में कई योजनाएं बनाई हैं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में विगत 9 साल में देश की आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में बहुत बदलाव आया है। कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद आज वहां आतंकवाद पर पूर्ण नियंत्रण पाने में हमें सफलता मिली है। वहां सभी प्रकार के आंकड़ों और मृत्यु में 72% की गिरावट आई है और वामपंथी उग्रवाद में भी 80% की कमी दर्ज की गई है। शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में देश की आंतरिक सुरक्षा बहुत मजबूत हो रही है और सीमाओं की सुरक्षा को हमारे हिमवीर संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी आजादी का अमृत वर्ष समाप्त हुआ है और आजादी के अमृतकाल के दौरान, 15 अगस्त, 2047 तक हम सबको तय करना है कि भारत विश्व में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम हो। शाह ने कहा कि 2047 तक हमें भारत को ऐसा देश बनाना है कि हर क्षेत्र में हम विश्व का नेतृत्व करें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के आईटीबीपी के 62वें स्थापना दिवस समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा, मेयर सुनील उनियाल गामा और विधायकगण, आईटीबीपी के महानिदेशक उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री की तरह अमित शाह का भी उत्तराखंड से विशेष लगाव-धामी

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पतंजलि योगपीठ में पतंजलि विश्वविद्यालय के 300 करोड़ की लागत से निर्मित प्रशासनिक ब्लॉक का लोकार्पण किया तथा पतंजलि संन्यास आश्रम के 29वें सन्यास दिवस के द्वितीय सन्यास दीक्षा महोत्सव का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि वे हर बार यहां से नई ऊर्जा और चेतना लेकर गए हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि परिवार आने वाले दिनों में कई क्षेत्रों में देश के पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण का काम करेगा। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद और स्वदेशी के तीनों क्षेत्रों में बाबा रामदेव ने विगत 25 सालों में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद और स्वदेशी आंदोलन के साथ-साथ बाबा रामदेव अब शिक्षा पर भी ध्यान दे रहे हैं। शाह ने कहा कि आज यहां भारतीय शिक्षा बोर्ड, पतंजलि गुरूकुलम, आचार्यकुलम और पतंजलि विश्वविद्यालय के माध्यम से मूल भारतीय परंपरा से हमारे चिरपुरातन ज्ञान को नई ऊर्जा मिलने जा रही है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव का संकल्प है कि 1 लाख विद्यार्थियों वाला पतंजलि ग्लोबल गुरुकुलम और पतंजलि ग्लोबल यूनिवर्सिटी बनाएं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण आयुर्वेद के क्षेत्र में 500 से अधिक पेपर पब्लिश करने वाले दुनिया में 2 प्रतिशत लोगों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि परिवार जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में भी अच्छा काम कर रहा है और लगभग 1 लाख किसानों को ऑर्गेनिक खेती के साथ जोड़कर पृथ्वी और पर्यावरण की रक्षा तो की ही है, साथ ही सात्विक आहार के माध्यम से लाखों लोगों को निरामय जीवन जीने का रास्ता भी दिखाया है। उन्होंने कहा कि पूरे ब्रह्मांड का कल्याण तभी होगा जब भारत का कल्याण होगा और भारत की पुरातन वैदिक संस्कृति का पुनर्रूद्धार होगा।
गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी विगत 9 वर्षों से पूरे विश्व में भारत, भारतीयता और भारत के ज्ञान को ब्रांड एम्बेसडर बनकर सम्मान दिलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के सामने 27 दिसंबर, 2014 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था और कहा था कि हमारे पुरखों ने ऐसा ज्ञान अर्जित किया है जो किसी भी दवाई के बिना मनुष्य के शरीर को निरोगी रख सकता है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को पूरी दुनिया ने स्वीकारा और आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है। शाह ने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने जो ज्ञान अर्जित किया वो केवल हमारे लिए नहीं है बल्कि पूरे ब्रह्मांड के कल्याण के लिए है। उन्होंने कहा कि मोदी ने यूएन में योग दिवस को स्वीकृति दिलाकर योग के विज्ञान पर किए गए हज़ारों सालों के काम को आगे बढ़ाया और इस परंपरा को एक वैश्विक मंच दिलाने का काम किया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे देश को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कई काम किए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी ने गुलामी के कालखंड के दौरान भारत से चोरी की गईं कई मूर्तियों को विश्व के कई स्थानों से वापिस लाकर भारत में उनके वास्तविक स्थानों पर पुनर्प्रतिष्ठित करने का काम किया है। इसके अलावा हमारे कई धर्म, संस्कृतियों और राष्ट्र के सम्मान चिन्ह ऐसे ही पड़े थे, ऐसे सभी हमारे राष्ट्र के ऊर्जा केन्द्रों को एक बार फिर मोदी ने ऊर्जावान बनाने का काम किया। जल्द ही राम लला अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। उन्होंने कहा कि मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर बनाने का काम किया, केदारनाथ और बद्रीनाथ का पुनर्निर्माण ओर पुनर्विकास हो रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह की अगुवाई में देशहित में तमाम ऐसे साहसिक निर्णय हुए हैं जिनसे भारत आंतरिक रूप से सशक्त हुआ है। चाहे वह जम्मू कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करने की बात हो, चाहे राम मंदिर प्रकरण के फैसले के वक्त देश में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभाले रखने की बात हो, चाहे तीन तलाक कानून के खात्मे की बात हो या फिर नक्सलवाद और माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने का कार्य हो। इन सभी ऐतिहासिक कार्यों में उनकी विशेष भूमिका रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भांति ही गृहमंत्री अमित शाह का भी उत्तराखण्ड के प्रति भी विशेष लगाव रहा है, इसी का परिणाम है कि राज्य को प्रगति की राह में आगे बढ़ाने के लिए उनका सहयोग और मार्गदर्शन हमारी सरकार को निरंतर मिलता रहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, आज अभूतपूर्व रूप से भारत का सांस्कृतिक उत्थान हो रहा है। सनातन संस्कृति का परचम विश्व में लहरा रहा है और हमारी आस्था के केन्द्रों का इतिहास और महत्व उसी गौरव के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है, जिस प्रकार उसे किया जाना चाहिए था। चाहे श्री राम मंदिर का निर्माण हो, बाबा विश्वनाथ का अविस्मरणीय पुनरुद्धार हो, केदारपुरी व बद्रीनाथ पुरी का पुनर्निर्माण व सौन्दर्यीकरण हो या राष्ट्र को आदरणीय प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित श्री महाकाल लोक हो। आधुनिकता के संतुलित समावेश के साथ आज सनातन संस्कृति का वैभव पुनर्जीवित हो रहा है तथा भारत पुनः विश्व गुरु के स्थान पर स्थापित हो समूचे विश्व का मार्गदर्शन करने के लिये तैयार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है और कोरोना महामारी के दौरान हम सभी इसके महत्व से परिचित भी हो चुके हैं। आज की तेजी से भागती जिंदगी में जहां चुनौतियां बहुत ज्यादा वहीं तनाव भी भरपूर है, ऐसी स्थिति से लड़ने के लिए योग ही हमें शक्ति और ऊर्जा प्रदान करने का सबसे आसान साधन है। योग और आयुर्वेद के साथ साथ स्वामी रामदेव जी और पतंजलि परिवार ने देश की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन हेतु भी निरंतर कार्य किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता से हमें पूरा समर्थन मिल रहा है राज्य सरकार द्वारा एक वर्ष के दौरान जनता के विश्वास को और भी अधिक सुदृढ़ किया है। उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने का जो विकल्प रहित संकल्प लेकर हम चल रहे हैं उसके कुछ पड़ाव हमने पार कर लिए हैं और कई पड़ाव अभी पार करने हैं। इस एक वर्ष के दौरान हमने जनता से किए अपने वादों को या तो पूरा किया है या फिर उन्हें पूरा करने कि दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाए हैं। अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर देने हों, प्रदेश की महिलाओं के लिये क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था को लागू करना हो, समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करना हो, जबरन धर्मांतरण पर रोक के लिये कानून बनाना हो, नई शिक्षा नीति लागू करना हो, नई खेल नीति लागू करना हो, सख्त नकल विरोधी कानून हो, राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण देना हो… हमारे लिए प्रदेश और प्रदेश के हित सर्वाेपरि हैं।
कार्यक्रम को स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण ने भी सम्बोधित करते हुये पतंजलि की विकास यात्रा पर विस्तृत प्रकाश डालते हुये कहा कि देश के निरन्तर आर्थिक विकास में पतंजलि का हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है।
पतंजलि परिसर पहुंचने पर केन्द्रीय गृह मंत्री, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड, शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत, सांसद हरिद्वार डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक आदि गणमान्य महानुभावों का पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर भव्य स्वागत व अभिनन्दन किया गया। इस मौके पर पतंजलि के नन्हें-मुन्ने बच्चों ने मलखम्भ पर हैरतअंगेज करतब प्रदर्शित कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।
इस अवसर पर रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र के0एस0 नगन्याल, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह आदि उपस्थित रहे।

शाह से मिले धामी, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सहकारिता मंत्री से केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही प्रति पैक्स 50 हजार रूपये की धनराशि को बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 670 पैक्स के लिए 3.35 करोड़ रूपये की धनराशि आंकलित की गई है, यह प्रति पैक्स किये गये व्यय के सापेक्ष कम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पैक्स कम्यूटरीकरण में अग्रदूतों में से एक है तथा पर्वतीय राज्य है। पर्वतीय राज्यों को प्रदत्त की जानी वाली सहायता को 90ः10 के अनुपात में मिलने से उत्तराखण्ड को बड़ी राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में 670 पैक्स द्वारा कुल 18.76 करोड़ रूपये का व्यय किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 108 से अधिक पैक्स लाइव हो चुकी हैं। जो सॉफ्टवेयर पर अपना दैनिक लेन देन कर रही है। अवशेष 502 समितियों का कार्य अगले 6 महीनों में पूर्ण किया जाना है। मुख्यमंत्री ने सभी प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों को कम्प्यूटरीकृत करने के निर्णय पर केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे निश्चित रूप से समितियों के कामकाज में क्रांतिकारी बदलाव आएगा और सहकारी क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण सुधारों में से एक साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पैक्स के कम्प्यूटरीकरण में अग्रणी राज्यों में से एक है।