केंद्रीय मंत्री से मिले सीएम धामी, त्यूनी-प्लासू तथा यपसियाबगड जल विद्युत परियोजना को लेकर हुई वार्ता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव से भेंट कर त्यूनी-प्लासू जल विद्युत परियोजना के लिए वन भूमि के हस्तांतरण के साथ ही रुपसियाबगड जल विद्युत परियोजना के लिए वांछित पर्यावरण स्वीकृति एवं वन भूमि हस्तानांतरण की स्वीकृति दिए जाने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री को अवगत कराया कि विद्युत ऊर्जा की आवश्यकताओं के लिए उत्तराखण्ड को अन्य राज्यों एवं केन्द्रीय पूल से विद्युत ऊर्जा क्रय करनी पड़ती है। विद्युत आपूर्ति की समुचित व्यवस्था एवं राज्य की बढ़ती जरूरतों की पूर्ति के लिए नई पर्यावरण अनुकूल जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण आवश्यक है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे तथा क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में अत्यधिक मदद मिलेगी और राज्य की पलायन की समस्या पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य में यमुना नदी की सहायक नदी टौंस पर प्रस्तावित 72 मेगावाट क्षमता की त्यूनी-प्लासू जल विद्युत परियोजना के निर्माण के लिए आवश्यक 47.547 हे. वन भूमि एवं राजस्व भूमि (बंजर भूमि) के हस्तांतरण की शीघ्र स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य में गंगा नदी पर प्रस्तावित परियोजनाओं पर स्वीकृति प्राप्त न होने से यमुना नदी पर तथा कुमायूं क्षेत्र में गौरीगंगा, धौलीगंगा नदियों पर नयी विद्युत परियोजनाओं का निर्माण किया जाना नितांत आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सिरकारी भ्योल रुपसियाबगड जल विद्युत परियोजना गौरी गंगा नदी पर प्रस्तावित पहली परियोजना है। 120 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना के लिए आवश्यक पर्यावरणीय स्वीकृति तथा 29.997 हे. वन भूमि के हस्तांतरण के प्रस्ताव पर शीघ्र स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक महत्व एवं राष्ट्रहित को देखते हुए राज्य की इन जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण किया जाना लाभकारी होगा।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री से ऋषिकेश स्थित त्रिवेणी घाट से नीलकंठ महादेव मंदिर तक रोपवे विकास के प्रस्ताव को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में स्वीकृत करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह योजना क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन के विकास तथा यातायात के बढ़ते दबाव को कम करने के साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगी।

मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया (बीटल्स आश्रम) के पुनरुद्धार के लिए भी केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे ऋषिकेश को वैश्विक स्तर पर योग और पर्यटन हब के रूप में और मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य में बढ़ती वनाग्नि की घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए कैम्पा योजना के अंतर्गत वनाग्नि प्रबंधन की पंचवर्षीय योजना के तहत रूपये 404 करोड़ की विशेष सहायता का आग्रह भी किया। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को सभी प्रस्तावों पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम एवं स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा उपस्थित थे।

गैर वानिकी परियोजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण प्रस्ताओं को अनुमोदन करने का अनुरोध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट कर उन्हें पुनः पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का दायित्व मिलने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उनके कुशल नेतृत्व में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नये कीर्तिमान स्थापित करेगा।
मुख्यमंत्री ने भेंट के दौरान केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में जौलीग्रांट एयर पोर्ट के विस्तारीकरण का कार्य गतिमान है। जिसके लिये वन विभाग की 87.0815 है0 भूमि का हस्तांतरण किया जाना है। उन्होंने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु जौलीग्रांट के आस-पास के क्षेत्रों की कुल 96.2182 हैक्टेयर भूमि में से 87.0815 है0 भूमि वन विभाग की भी अधिग्रहण की जानी है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार/वन विभाग के पक्ष में निर्णय पारित किया जा चुका है। न्यायालय के उक्त निर्णय के उपरान्त जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारण हेतु वन विभाग की उक्त 87.0815 है० भूमि नागरिक विभाग को हस्तांतरित करने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं है।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि वर्तमान में जौलीग्रांट एयरपोर्ट से काठमाण्डू (नेपाल) के लिए वायुयान सेवा संचालित किये जाने के लिए निविदा की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। जिसके दृष्टिगत जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का दर्जा देने की कार्यवाही को गति देने की नितांत आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण एवं कब्जे की प्रक्रिया सम्पन्न होने के उपरान्त भारतीय विमानपत्न प्राधिकरण द्वारा जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण कर कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री से भेंट के दौरान यह भी अनुरोध किया कि उत्तराखण्ड के विशिष्ठ भौगोलिक, सामरिक महत्व तथा पर्वतीय क्षेत्र में आम जनमानस को मूल भूत सुविधा प्रदान किये जाने के उद्देश्य से भारत सरकार के उपक्रमों द्वारा कराये जा रहे गैर वानिकी परियोजना हेतु पूर्व की भांति राज्य में उपलब्ध ‘अधिसूचित अवनत वन भूमि’ में क्षतिपूरक वृक्षारोपण कराये जाने तथा इन सभी प्रयोजन के लिये गतिमान वन भूमि हस्तान्तरण प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री को यह भी अवगत कराया कि जनपद रुद्रप्रयाग के विधानसभा क्षेत्र केदारनाथ के अंतर्गत चोपता (तल्लानागपुर) में वर्ष 2014 से राजकीय पॉलिटेक्निक चोपता का संचालन किराए के भवन में किया जा रहा है। उन्होंने इसके दृष्टिगत राजकीय पॉलिटेक्निक चोपता की स्थापना हेतु पूर्व में राजस्व ग्राम कुंडा दानकोट में चयनित 2 हेक्टेयर वन भूमि को हस्तांतरण करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय पालीटेक्निक, चोपता की स्थापना हेतु उक्त क्षेत्र के अन्तर्गत कहीं भी गैर वन भूमि उपलब्ध नहीं हो पा रही है। राजकीय पालीटेक्निक, चोपता की स्थापना हेतु चयनित वन भूमि लगभग 8 वर्षों से संस्था को हस्तांतरित न होने के कारण संस्था का संचालन किराये के भवन में किया जा रहा है, जिससे संस्थान में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान नहीं हो पा रही है एवं वहां के नवयुवक/युवतियों को रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने का उद्देश्य सफल नहीं हो पा रहा है। वन भूमि हस्तांतरण से पॉलिटेक्निक अपने भवन में संचालित हो सकेगा तथा छात्रों को सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री धामी का प्रयास लाया रंग, केन्द्र ने पांच वर्षों तक नवीनीकृत स्वीकृति दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर प्रदेश की 04 नदियों गौला, शारदा, दाबका एवं कोसी की वन स्वीकृतियां आगामी पांच वर्षों तक नवीनीकृत कर दी गईं है। मुख्यमंत्री धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नदियों से आर०बी०एम० की उपलब्धता, सिविल निर्माण कार्यों, धार्मिक व सामरिक रूप से आवश्यक सड़क और रेल नेटवर्क का विस्तार जैसे अति महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बेहद जरूरी है। इससे लगभग 50 हजार स्थानीय लोगों और श्रमिकों को सार्थक रोजगार भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में अपने दिल्ली दौरे में केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट कर इसके लिए अनुरोध किया था। इसी क्रम में प्रदेश की 4 नदियों गौला, शारदा, दाबका एवं कोसी की वन स्वीकृतियां आगामी पांच वर्षों तक नवीनीकृत कर दी गईं है।

मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में केन्द्रीय मंत्री का सहयोग मांगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में केन्द्रीय श्रम, सेवायोजन, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने भेंट की। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री के मध्य राज्य के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से वन विभाग के एनओसी एवं क्लीयरेंस से संबंधित केन्द्रीय स्तर पर लंबित मामलों से अवगत कराया। केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि केंद्र स्तर पर लंबित वन विभाग सभी मामलों का शीघ्र समाधान किया जायेगा। इस दौरान दोनों के मध्य वनाग्नि जैसी घटनाओं को रोकने को लेकर भी चर्चा हुई।
केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड आस्था के प्रमुख केंद्र के साथ ही वन और पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भ्रमण के दौरान एफआरआई में वन एवं पर्यावरण से संबंधित विभिन्न मामलों में अधिकारियों के साथ बैठक की गई। प्रोजेक्ट एलीफेंट एवं कैंपा के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की गई। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में केन्द्र सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी।

श्रमिकों की सुविधाओं का ध्यान रही केन्द्र सरकार-भूपेन्द्र यादव

केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्रम एवं रोजगार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस रामेश्वर तेली, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इण्डस्ट्रियल एरिया सिडकुल हरिद्वार स्थित 300 बिस्तरों (50 सुपर स्पेशलिटी बिस्तर सहित) के कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल (ई0एस0आई0सी0 अस्पताल) की साईट का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह ई0एस0आई0सी0 अस्पताल पहले 100 बेड का था, जिसे अब 300 बेड़ का किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर तक इसकी टेंडर आदि की समस्त औपचारिकताए पूर्णं कर ली जाएंगी तथा इसका निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने रुद्रपुर स्थित ई0एस0आई0सी0 अस्पताल का जिक्र करते हुए केन्द्र सरकार से इस अस्पताल को उत्तराखण्ड सरकार को संचालित करने की अनुमति देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून, काशीपुर अस्पताल के लिए जमीन की व्यवस्था जल्द ही कर ली जाएगी। इसके अलावा कोटद्वार, सितारगंज तथा चम्पावत में भी ई0एस0आई0सी0 अस्पताल खोलने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने वन कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि बहुत सारी ऐसी योजनाएं हैं, जिनके कारण कई योजनाओं के संचालित करने की अनुमति नहीं मिल पाती है। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे अधिकांश अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लग गये हैं।
वैक्सीनेशन के संबंध में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। इस महीने हमें 20 लाख वैक्सीन मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि दिसम्बर तक सभी को वैक्सीन की पहली डोज जरूर लग जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने विषम परिस्थितियों में अच्छा कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने अपील करते हुए कहा कि जिन लोगों के द्वारा अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगवायी गयी है, वह अपने नजदीक के केन्द्रों पर जाकर वैक्सीन अवश्य लगवा लें।
रामेश्वर तेली, श्रम एवं रोजगार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री भारत सरकार ने 300 बेड़ के बनने वाले ई0एस0आई0सी0 अस्पताल के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी तथा उन्होंने कहा कि हमने कोविड-19 रिलीफ फण्ड की शुरूआत की है, उन्होंने कहा कि हमने अब उज्ज्वला योजना फेज 2 की शुरूआत की है।
डॉ. हरक सिंह रावत, श्रम मंत्री उत्तराखण्ड सरकार ने कहा कि आज हम सबके लिए खुशी का अवसर है। उन्होंने कहा कि हम काफी समय से इस ई0एस0आई0सी0 अस्पताल के लिए प्रयासरत थे, लेकिन वह धरातल पर आज उतर पाया है। मैं तमाम उद्योगों के कर्मचारियों को बधाई देता हूं।
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा मदन कौशिक ने कहा कि सिडकुल काफी बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है, इस अस्पताल की मांग काफी समय से हो रही थी, आज यह मांग पूरी हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके तैयार हो जाने से हमारे कामगार भाइयों को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध होंगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक रानीपुर आदेश चौहान ने कहा कि इस अस्पताल के लिए हम 2012 से प्रयासरत थे, काफी प्रयास के बाद आज यह शुभ अवसर आया है।
विधायक ज्वालापुर सुरेश राठौर ने कहा कि हमारी सरकार गरीब, मजदूर तथा कमजोर वर्ग के हित में लगातार कार्य कर रही है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भारत सरकार भूपेन्द्र यादव ने कहा कि हमने हरिद्वार के 100 बेड के ई0एस0आई0सी0 अस्पताल को 300 बेड़ के अस्पताल में परिवर्तित कर दिया है तथा इसके लिए धनराशि स्वीकृत की गयी है। उन्होंने कहा कि सारी औपचारिकतायें पूरी करते हुये जल्दी ही इसका भूमिपूजन कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोटद्वार व खटीमा में भी ई0एस0आई0सी0 अस्पताल खोलने की कार्यवाही करेंगे। उन्होंने रुद्रपुर के ई0एस0आई0सी0 अस्पताल का संचालन उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किये जाने के मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड एवं वन मंत्री के अनुरोध पर ई0एस0आई0सी0 अस्पताल रुद्रपुर को उत्तराखण्ड सरकार द्वारा संचालित किये जाने की सहमति प्रदान की।
केन्द्रीय मंत्री यादव ने कहा कि हमने विगत 26 अगस्त को आम श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल लांच किया है, जिसमें अभी तक 20 लाख से अधिक असंगठित मजदूरों ने पंजीकरण करवाया है। उन्होंने कहा हम हर वर्ग तक सरकार की प्रत्येक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमने व्यापारियों के लिए पेंशन योजना लागू की थी, जिसका काफी बड़ी संख्या में व्यापारी वर्ग लाभ उठा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने अभी तक इस योजना का लाभ नहीं उठाया है, वह भी इसका लाभ उठायें।
इस अवसर पर अपूर्व चन्द्र, सचिव श्रम व रोजगार ने बताया कि ई0एस0आई0सी0 मेडिकल सुविधा बीमित कामगारों को निःशुल्क मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल के लिए लगभग 300 करोड़ स्वीकृत किये गये हैं।
सचिव श्रम व रोजगार ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल (ई0एस0आई0सी0 अस्पताल) पर प्रकाश डालते हुये कहा कि अस्पताल में बेसमेंट में फिजियोथैरपी, योगा, मॉर्चरी, हॉस्पिटल स्टोर्स एवं सर्विस तथा बिल्डिंग सर्विस, ग्राउंड फ्लोर पर इमरजेंसी, मेन एंट्रेस लॉबी, सेन्ट्रल रिसेपशन, रजिस्ट्रेशन डेस्क, रेडियोलॉजी इमेजिंग डिपार्टमेंट, सेन्ट्रल वेटिंग एरिया, हॉस्पिटल किचन, फर्स्ट फ्लोर में ओपीडी कॉम्प्लेक्स, सेकेण्ड फ्लोर में ब्लड बैंक, आईपीडी जनरल वार्ड-136 बेड, थर्ड फ्लोर में कैथलैब, आईपीडी जनरल वार्ड-136 बेड़, फोर्थ फ्लोर में सुपर स्पेशलिटी वार्ड-52 बेड़, डायालिसिस वार्ड-10 बेड, कीमोथैरेपी वार्ड-6 बेड़, आईसीयू-22 बेड़, पीआईसीयू-6 बेड, पांचवें फ्लोर में ओटी कॉम्प्लेक्स-6 ओटीस, लेबर कॉम्प्लेक्स, नर्सरी, एनआईसीयू तथा सिक्स्थ फ्लोर में एडमिन डिपार्टमेंट तथा डायोग्नोस्टिक लैब आदि की सुविधाएं उपलब्ध रहेगी।
इस ई0एस0आई0सी0 अस्पताल का साइट एरिया 5 एकड़ (20234 वर्ग मी0), कुल निर्मित क्षेत्रफल 59,669 वर्ग मी0, कुल ग्राउंड कवरेज 5394 वर्ग मी0, हॉस्पिटल एरिया 40,035 वर्ग मी0 आवासीय एरिया 6600 वर्ग मी0, मल्टीलेवल पार्किंग एरिया 12360 वर्ग मी0, सर्विस ब्लॉक एरिया 674 वर्ग मी0, कुल उपलब्ध करायी जाने वाली पार्किंग में 550 ईसीएस अस्पताल के लिए तथा 56 ईसीएस आवासीय पार्किंग हेतु उपलब्ध करायी जाएगी।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोविड-19 से मृत्यु होने वाले बीमित कामगारों के आश्रितों को ईएसआईसी रिलीफ फण्ड के अंतर्गत, वित्तीय सहायता हेतु प्रमाण पत्र वितरित किये।
इस मौके पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, रामेश्वर तेली एवं मुख्यमंत्री को रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, यतीश्वरानंद, सांसद राज्यसभा नरेश बंसल, मेयर नगर निगम हरिद्वार अनीता शर्मा, महानिदेशक ई.एस.आई.सी. अनुराधा प्रसाद, सचिव श्रम हरबंस सिंह चुग, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत सहित अधिकारीगण एवं जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।