विकास दुबे की तरह मथुरा में भी पुलिस टीम पर फायरिंग

कानुपर में विकास दुबे द्वारा पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग जैसी घटना यूपी में पुनः दोहराई गई। इस बार मथुरा जिले में गोविंद नगर इलाके के मनोहरपुरा अहाते मोहल्ले में जुआरियों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर कुछ लोगों ने हाथापाई करते हुए पथराव कर दिया। इसी बीच एक आरोपी मौके से भाग खड़ा हुआ। पथराव में चार सिपाही घायल हो गए तो बाइक क्षतिग्रस्त हो गई। जानकारों के मुताबिक हमलावरों ने पुलिस टीम पर फायर कर खोखे में आग लगाने का प्रयास भी किया। सूचना पर पहुंचे एसपी सिटी ने मौका मुआयना कर पुलिस टीम के साथ दबिश की, जिसमें एक आरोपी पकड़ा गया है।

बीते शुक्रवार की दोपहर को चैकी प्रभारी डीगगेट शिव शरण सिंह पुलिस बल व मोबाइल बाइक के साथ मनोहरपुरा क्षेत्र में जुआ और एक वांछित की तलाश में पहुंचे। थाना प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार सिंह सहित पुलिस टीम ताश खेल रहे लोगों में से आरोपी डेला को पकड़कर ले जाने लगी। उसी वक्त मौजूद लोगों ने टीम पर पथराव कर दिया। इससे सिपाही राघवेन्द्र, सुनील, अनिरुद्ध व हरिओम चोटिल हो गए और पुलिस की बाइक क्षतिग्रस्त हो गई। तभी कुछ उपद्रवियों ने वहां रखे खोखे में आग लगाने का प्रयास किया और पुलिस पर फायर भी किया। इससे पुलिस कर्मियों में भगदड़ मच गई। पुलिस पर हमले की सूचना पर एसपी सिटी उदय शंकर सिंह तत्काल कोतवाली, सदर, गोविंदनगर व क्यूआरटी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। भारी संख्या में पुलिस को आते देख उपद्रवी मौके से भाग गए।

योगी सरकार का ऐलान, रेप और छेड़खानी करने वालों के पोस्टर सड़क किनारे लगाए जाएंगे

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर योगी सरकार सख्त है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध की जांच को आॅपरेशन दुराचारी शुरू करने को कहा है। इसके तहत महिलाओं के खिलाफ अपराध के दोषियों के राज्य की सड़कों, सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर लगाए जाएंगे।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह भी निर्देश दिया है कि महिला पुलिसकर्मियों को ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा जाना चाहिए और उनकी तस्वीरों, नाम को क्राॅसिंग पर लगाया जाए, जिससे उनहें शर्मिदगी महसूस हो। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के लोगों को यह पता होना चाहिए कि यह कौन लोग है।

बीट प्रभारी, चैकी व थाना प्रभारी होंगे जिम्मेदारी
सीएम ने यह भी कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित कोई भी घटना होती है, तो संबंधित क्षेत्र का बीट प्रभारी, चैकी प्रभारी, थाना प्रभारी और सर्कल अधिकारी जिम्मेदार होगा।

विशेष कानून के जरिए यूपी में रूकेगा धर्मांतरण, सरकार अध्यादेश लाने को कर रही विचार

लव जेहाद और जबरन धर्मांतरण जैसी जघन्य अपराधों पर रोक लगाने के लिए यूपी सरकार सख्त हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पर अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। ऐसी संभावना है कि धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए जल्द ही कानून आने वाला है।

पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक में लव जेहाद को लेकर नाराजगी जताई थी साथ ही संबंधित अधिकारियों को इसे रोकने के लिए रणनीति बनाने को कहा था। कहा था यह कार्य संगठित तरीके से किया जा रहा है, इसलिए यदि आवश्यक हो तो इसके लिए अध्यादेश भी लाया जा सकता है। राज्य में अब जव जेहाद के मामले को लेकर वर्तमान के कानूनों की समीक्षा की जा रही है।

बता दें कि यूपी में लव-शादी के नाम पर लड़कियों का धर्मांतरण कराया गया और और बाद में क्रूरता की हदें पार करते हुए उनकी हत्या की गई। सीएम योगी ने मामले को गंभीरता पाते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। दिलचस्प बात यह है कि लव जेहाद, जबरन धर्मांतरण जैसे विषयों पर देश के राज्य मध्य प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में विशेष कानून हैं, मगर यूपी में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।

यूपी सीएम योगी नौकरियों में करने जा रहे बदलाव, नियमित होने से पूर्व होगी संविदा पर तैनाती

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समूह ख और ग की नई भर्ती में बदलाव करने जा रहे है। बदलाव के अनुसार, नई भर्ती में पांच वर्ष तक संविदा पर ड्यूटी करनी होगी। काम में कोई शिकायत न होने पर पांच वर्ष बाद नियमित नियुक्ति दी जाएगी। हालांकि हर विभाग से सुझाव मांगे जा रहे हैं।

संविदा पर नियुक्ति पाए अभ्यर्थियों का छमाही मूल्यांकन होगा। इसमें नई नौकरी पाने वालों को हर बार 60 प्रतिशत अंक लाना जरूरी होगा। नई व्यवस्था के तहत पांच वर्ष बाद ही नियमित नियुक्ति की जाएगी। वहीं, 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर होते रहेंगे।

समूची अयोध्या हुई राममय, हर जगह लहरा रही केसरिया पताका

अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिए जिस तरह से समूचे क्षेत्र को सजाया जा रहा है, यहां हर घर में उल्लास, जश्न, भजन-कीर्तन का माहौल हो रहा है। इससे त्रेतायुग जैसा माहौल बना हुआ है। शास्त्र और पुराणों में उल्लेख के अनुसार त्रेतायुग में भी कुछ इसी तरह का माहौल था। राम राज्य वाले उस युग में हर कोई प्रेम, श्रद्धा और भजन-कीर्तन में मग्न रहता था। ईश्वर को सदैव स्मरण करना वहां की दैनिक दिनचर्चा थी। न किसी को कोई भय था और न ही अत्याचार होता था। हर जगह दीपक जगमगाते थे। आज एक बार फिर अयोध्या में वैसा ही माहौल देखा जा रहा है। भूमिपूजन से पहले अयोध्या राममय है। मंदिरों में रंग-रोगन, छतों पर केसरिया पताका, दीवारों पर रामायणकालीन नयनाभिराम दृश्य, जगह-जगह तोरण द्वार सजाए गए हैं। 

साकेत कालेज से हनुमानगढ़ी और श्रीरामजन्मभूमि तक पीएम जिस मार्ग से गुजरेंगे वहां के दोनों तरफ घर-दुकान से लेकर धर्मस्थल तक पीले रंग से रंग दिए गए हैं। श्रीरामजन्मभूमि के मुख्य कार्यक्रम स्थल को भव्य सजाया जा रहा है, इसके थाईलैंड से खास फूल मंगाए गए हैं। अवध विवि की छात्राएं फूलों-रंगों, कलश-रंगोली की कलाकृतियों से अयोध्या की मौलिकता की झांकी परिसर में सजा रही हैं। उधर, संत-धर्माचार्य और विहिप-संघ से जुड़े अतिथि अयोध्या पहुंचने लगे हैं। ट्रस्ट ने सभी अतिथियों को चार अगस्त तक कारसेवकपुरम में आने का आग्रह किया है। 
 

इस तरह रहेगा पीएम का कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच अगस्त को 11 बजकर 15 मिनट पर साकेत कालेज के हेलीपैड पर उतरेंगे। यहां से हनुमानगढ़ी जाकर 7 मिनट तक पूजन करेंगे, फिर श्रीरामजन्मभूमि के गेट नं. 3 से रामलला के दगबार में 12 मिनट पूजन का कार्यक्रम है, यहां से सीधे गर्भगृह में भूमिपूजन करके राममंदिर की ईंट रखेंगे। यहां 45 मिनट तक संबोधन का कार्यक्रम भी है। वह दो घंटे से अधिक समय यहां पर रहेंगे, सूत्र बताते हैं कि पूजन के बाद हेलीपैड जाने से पहले सीएम योगी के साथ सरयूपूजन भी करने घाट तक जा सकते हैं।

आज आएगा अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला

सुप्रीम कोर्ट आज अयोध्या भूमि विवाद मामले में बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाएगा। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान पीठ सुबह साढ़े 10 बजे इस मामले में फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 40 दिन तक चली मैराथन सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने 16 अक्तूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

केशवानंद भारती मामले में रिकॉर्ड 68 दिन तक चली सुनवाई के बाद अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में दूसरी सबसे लंबी सुनवाई हुई थी। वहीं, फैसले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था और चाक चौबंद कर दी गई है। इस बीच, अयोध्या मामले पर फैसले के मद्देनजर यूपी सरकार ने सोमवार तक सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।

यह-यह है इंतजाम
कर्नाटक में धारा 144 लागू, सुप्रीम कोर्ट के बाहर धारा 144 लागू, मोहन भागवत करेंगे देश को संबोधित, अयोध्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती, हवाई सर्विलांस, हाई अलर्ट पर पंजाब, नितिन गडकरी ने की शांति बनाए रखने की अपील, रामलला के पुजारी ने की शांति बनाए रखने की अपील, फैसले से पहले पांच जजों की मौजूदगी में एक घंटे तक बैठक

इन जजों के फैसले पर है देश की नजर
अयोध्या विवाद में मामले की सुनवाई करने वाली संवैधानिक बेंच में सीजेआई रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। इन्हीं जजों की पीठ शनिवार को फैसला सुनाएगी।

बसपा सरकार में 18 हजार गुना बढ़ी बसपा सुप्रीमो के भाई की सम्पत्ति

बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार व पत्नी के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई होते ही इनके करीबी भूमिगत हो गए हैं। आनंद और करीबियों के खिलाफ आयकर विभाग पुख्ता सबूत एकत्र कर चुका है और कभी भी बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। यादव सिंह प्रकरण के दौरान भी आयकर छापे में मिली डायरियों व अन्य सबूतों के माध्यम से आयकर के रडार पर आनंद और उनके सहयोगी चल रहे हैं।
प्रदेश में 2007 से 2012 तक बसपा की सरकार रही थी। उस वक्त कहा जाता था कि लखनऊ से भले ही सरकार चल रही हो, लेकिन इसका रिमोट नोएडा में ही था। आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि किस बिल्डर को जमीन देनी है, किसे इंडस्ट्री या आईटी का प्लॉट देना है या फिर किसी तरह का आवंटन किया जाए यह भाई साहब यानी आनंद की इजाजत के बिना नहीं होता था। खास बात यह रही कि किसी भी आवंटन में लिखित तौर से उनका दखल नहीं होता था, लेकिन बिना उनकी अनुमति से पत्ता भी नहीं हिलता था। पूरी आवंटन की प्रक्रिया करने के लिए आनंद के करीबियों की भूमिका रहती थी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में जितनी भी जमीन आवंटित की गई थी, सभी में अप्रत्यक्ष रूप से टीम की भूमिका रही थी। प्राधिकरण के अधिकारी उनके आवास पर फाइलें लेकर दौड़ लगाते रहते थे।
सूत्र बताते हैं कि नवंबर 2014 में जब तीनों प्राधिकरण के तत्कालीन चीफ इंजीनियर यादव सिंह के यहां पर आयकर विभाग का छापा पड़ा था, तब भी अफसरों को यह जानकारी मिली थी कि घोटालों में और लोग भी हैं, लेकिन सीधे तौर से कोई साक्ष्य नहीं मिले थे, लेकिन आयकर विभाग ने इसकी गोपनीय जांच जारी रखी। साथ ही, यादव सिंह समेत उनके अन्य करीबियों के यहां जो दस्तावेज मिले थे, उनमें कहीं न कहीं नाम नाम आया था। आयकर विभाग की टीम ने प्राधिकरण से भी उन सभी दस्तावेज को निकलवा लिया था, जिसमें आनंद कुमार और उनके करीबियों के नाम से आवंटन थे। अब आईटी ने उन संपत्तियों को अटैच करना शुरू कर दिया है।

पांच सितारा होटल बनाने की योजना पर फिरा पानी
आयकर विभाग ने बसपा प्रमुख मायावती के भाई और भाभी का नोएडा स्थित 400 करोड़ रुपये कीमत का बेनामी प्लॉट जब्त किया है। आधिकारिक आदेश के मुताबिक, मायावती के भाई आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता के लाभकारी मालिकाना हक वाले सात एकड़ प्लॉट को जब्त करने का अस्थायी आदेश आयकर विभाग की दिल्ली स्थित बेनामी निषेध इकाई (बीपीयू) ने 16 जुलाई को जारी किया था।
मायावती ने हाल ही में आनंद को बसपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। 28,328.07 वर्ग मीटर या सात एकड़ का प्लॉट नोएडा के सेक्टर 94 में 2ए से पंजीकृत है। इस जमीन पर पांच सितारा होटल और अन्य लग्जरी सुविधाओं का निर्माण किए जाने की योजना थी। जब्ती का आदेश बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम 1988 की धारा 24 (3) के तहत जारी किया गया। बेनामी कानून का उल्लंघन करने पर सात साल की कैद या बेनामी संपत्ति की बाजार कीमत के हिसाब से 25 फीसदी जुर्माने का प्रावधान है।

आनंद पर रियल एस्टेट में दूसरों के नाम पर निवेश कर करोड़ों रुपये मुनाफा कमाने का भी आरोप है। इस मामले को लेकर आयकर विभाग जांच कर रहा था। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय भी इसकी जांच कर रहा है। जांच में आयकर विभाग ने कम से कम छह फर्म के मालिकाना हक को संदिग्ध पाया। जिन कंपनियों की बेनामी संपत्ति के तहत पहचान की गई, वे विजन टाउन प्लानर्स प्राइवेट लिमिटेड, बीपीटीपी इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर प्राइवेट लिमिटेड, यूरो एशिया मर्चेंटाइल प्राइवेट लिमिटेड, सन्नी कास्ट एंड फोर्ज प्राइवेट लिमिटेड, करिश्मा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और एड-फिन कैपिटल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हैं। आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता इन कंपनियों के जरिये किए गए लेनदेन की इकलौती लाभार्थी हैं।

नोटबंदी के दौरान चर्चा में आए आनंद
आनंद कभी नोएडा प्राधिकरण में मामूली क्लर्क थे। बहन मायावती के सत्ता में आने के बाद उनकी संपत्ति तेजी से बढ़ी। उन पर फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों का कर्ज लेने का भी आरोप लगा था। बसपा शासन के दौरान उन्होंने एक के बाद एक 49 कंपनियां खोलीं। 2014 में उनकी संपत्ति 1316 करोड़ रुपये आंकी गई थी। 2016 में नोटबंदी के दौरान उनके खाते में 1.43 करोड़ रुपये जमा होने पर वह चर्चा में आए थे। जांच एजेंसियां पहले भी उनके घर व कार्यालयों में छापेमारी कर चुकी हैं।