उत्तराखंडः ग्रीन चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल

चारधाम यात्रा को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए, प्रदेश सरकार ने इस यात्रा सीजन से 25 स्थानों पर ई व्हीकल चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध करा दी है। इससे यात्रा में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बार चारधाम यात्रा को ग्रीन यात्रा की थीम पर आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में परिवहन विभाग (28) और टीएचडीसी (10) के सहयोग से चारधाम यात्रा मार्ग पर 38 ई व्हीकल चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं। इसमें से यात्रा शुरू होने तक 25 स्टेशन शुरू किए जा चुके हैं, जहां यात्री आसानी से अपने ई व्हीकल को चार्ज करवा रहे हैं। ज्यादातर चार्जिंग स्टेशन जीएमवीएन की प्रापर्टी में स्थापित किए गए हैं। प्रत्येक स्टेशन पर 60 किलोवाट क्षमता के यूनिवर्सल चार्जर लगाए गए हैं, जिनमें 30-30 किलोवाट की दो चार्जिंग गन शामिल हैं। जीएमवीएन के एमडी विशाल मिश्रा ने बताया कि ग्रीन चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए मुख्य पड़ावों पर ई-चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की गई है, ताकि यात्री इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित हो सकें। अकेले जनपद रुद्रप्रयाग में पर्यटन विभाग द्वारा संचालित चार जीएमवीएन गेस्ट हाउसों पर चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप इस वर्ष चारधाम यात्रा को हरित यात्रा के रूप में आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी क्रम में यात्रा मार्ग पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। यह पहल न केवल श्रद्धालुओं की यात्रा को सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि उत्तराखंड को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में भी एक सार्थक कदम साबित होगी। सरकार का उद्देश्य है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर पर्यावरण संरक्षण, रेस्पॉन्सिबल टूरिज्म और हरित पर्यटन को नई दिशा दी जा सके।
– पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री उत्तराखंड
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यहां हैं ई चार्जिंग स्टेशन
उत्तरकाशी, हरिद्वार, ऋषिकेश, मंगलौर, रुड़की, बड़कोट, स्यानाचट्टी, फूलचट्टी, जानकीचट्टी, कौडियाला, श्रीनगर, श्रीकोट, गौचर, कर्णप्रयाग, गैरसैंण, कालेश्वर, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, औली, पांडुकेश्वर बद्रीनाथ, स्यालसौड़, गुप्तकाशी, सोनप्रयाग, घनसाली आदि।

श्रद्धालुओं का सहभागी बनकर यात्रा संपन्न करवानी हैः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं के संबंध की समीक्षा करते हुए चार धाम ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाएं जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा आने वाले साल में भी चार धाम यात्रा और अधिक बढ़ने वाली है। चारधाम यात्रा, कावड़ यात्रा, पूर्णागिरी यात्रा सहित प्रदेश के अंदर संपन्न होने वाली विभिन्न यात्राओं के कुशल प्रबंधन और संचालन हेतु आवश्यकता अनुसार यात्रा प्राधिकरण की ओर भी विचार किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्रवेश कर रहे प्रत्येक श्रद्धालु को चार धाम के दर्शन करवाना हम सभी की जिम्मेदारी है। हमने श्रद्धालुओ का सहभागी बनकर यात्रा संपन्न करवानी है। उन्होंने यात्रा को लेकर अधिकारियों को हमेशा अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए। उन्होंने होल्डिंग पॉइंट्स पर सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ ही शौचालयो की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। अत्यधिक भीड़ बढ़ने पर गाड़ियों की निकासी हेतु वैकल्पिक मार्गाे पर विचार किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को यात्रा मार्ग पर नियमित रूप से सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी छुट्टियों एवं वीकेंड के दृष्टिगत भी सभी तैयारियां पूर्ण करें। उन्होंने हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी, टिहरी, रूद्रप्रयाग, चमोली एवं उत्तराकाशी के जिलाधिकारी एवं प्रशासन से आपसी समन्वय के साथ काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा सभी अधिकारी ग्राउंड में जाकर श्रद्धालुओ से फीडबैक भी लें ताकि समय रहते छोटी कमियों को भी दूर किया जाए।

मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना ने बताया कि बीते शुक्रवार को बद्रीनाथ धाम में करीब 13000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। उनके द्वारा हेमकुंड साहिब यात्रा का भी पैदल मार्गाे से निरीक्षण किया गया है। जहां सभी व्यवस्थाओं को यात्रा से पहले पूर्ण कर लिया जायेगा। जिला अधिकारी उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि बीते शुक्रवार को 15800 यात्रियों ने यमुनोत्री धाम के दर्शन किए, साथ ही गेट सिस्टम के माध्यम से निरंतर यमुनोत्री और गंगोत्री को श्रद्धालु भेजे जा रहे हैं। विभिन्न होल्डिंग पॉइंट्स पर प्रशासन द्वारा सभी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, जिलाधिकारी हरिद्वार धीराज गर्ब्याल, जिला आधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित, जिला आधिकारी रूद्रप्रयाग सौरव गहरवार, एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

तीर्थ पुरोहितों के हकहकूकों के साथ नहीं होगी छेड़छाड़ः सीएम

चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड राज्य के धार्मिक स्थलों को बुनियादी सुविधाएं देगा। इससे किसी भी तीर्थ पुरोहित, हकहकूकधारी के अधिकारों के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रेसवार्ता के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और इनके आसपास के मंदिरों का प्रबंधन चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के नियंत्रण में रहेगा। लेकिन, इनसे जुड़े पुजारी, न्यासी, तीर्थ, पुरोहितों, पंडों और हकहकूकधारियों को वर्तमान में प्रचलित देव दस्तूरात और अधिकार यथावत रहेंगे।

उन्होंने कहा कि कहा कि जब हम कोई भी सुधार करते हैं तो उसकी प्रतिक्रिया होती ही है। सीएम ने साफ अल्फाज में कहा कि तीर्थ पुरोहितों के हितों को पूरी तरह सुरक्षित रखा जायेगा। प्रदेश के चार धाम सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर देश-विदेश से के श्रद्धालु आना चाहते हैं। उत्तराखंड को अच्छे आतिथ्य के रूप में जाना जाता है। देश-विदेश के श्रद्धालुओं को उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों पर आने का मौका मिले और उन्हें अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हों इसके लिए यह विधेयक लाया गया है। मालूम हो कि चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दे दी है।