मिशन एप्पल और अति सघन बागवानी योजना लाभार्थी किसानों का 27 अक्टूबर से होगा भौतिक सत्यापन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उद्यान विभाग के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से 2022-23 तक संचालित मिशन एप्पल और वर्ष 2023-24 से संचालित सेब की अति सघन बागवानी योजना के लाभार्थी किसानों की लंबित राज सहायता का भुगतान प्राथमिकता पर करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने ही प्रमुख सचिव न्याय, सचिव वित्त और सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण के साथ बैठक कर, लाभार्थी किसानों को तत्काल राज सहायता उपलब्ध कराने के लिए सोमवार 27 अक्टूबर से ही भौतिक सत्यापन सहित अन्य प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को लम्बित राजसहायता की धनराशि जारी करने से सम्बन्धित समस्त औपचारिकताएं शीघ्र पूर्ण करने कहा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025-26 में सेब की बागवानी योजना के लिए 35.00 करोड़ रुपए बजट की व्यवस्था है। किसानों को राज सहायता उपलब्ध कराने के लिए यदि और धनराशि की आवश्यकता होगी तो राज्य सरकार द्वारा उसकी व्यवस्था भी की जायेगी। मुख्य सचिव ने सम्बन्धित मुख्य – जिला उद्यान अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि मिशन एप्पल और सेब की अति सघन बागवानी योजनान्तर्गत कृषकों के लम्बित राजसहायता के भुगतान के लिए दिनांक 27.10.2025 से ही भौतिक सत्यापन एवं अन्य औपचारिकताओं की कार्यवाही प्रारम्भ की जाए।

सरकार कृषक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। मिशन एप्पल और सेब की अति सघन बागवानी योजना के लाभार्थी किसानों की लंबित राज सहायता का भुगतान शीघ्रता के साथ कराया जाएगा। सोमवार से ही इसकी प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

कृषि और बागवानी के क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने को असीम संभावनाएंः सीएस

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में मुख्यमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना 2023- 24 के तहत् राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि और बागवानी के क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने को असीम संभावनाएं हैं। कृषि और बागवानी के क्षेत्र में अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ कृषकों को उपलब्ध कराने हेतु सम्बन्धित विभाग सक्रिय भूमिका निभाएं।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में फार्म मशीनरी बैंकों की सफलता को देखते हुए योजना से प्रदेश को परिपूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष कम से कम 50 करोड़ का बजट का प्रावधान किया जाए, ताकि अगले 5 वर्षों में प्रदेश को सैचुरेट किया जा सके। उन्होंने फार्म मशीनरी बैंकों की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों के साथ-साथ सहकारी समितियों (पैक्स) को भी दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में पावर टिलर और पावर वीडर की मांग को देखते हुए इसके लिए भी बजट बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता के लिए नियोजन विभाग में सूचीबद्ध एजेंसियों द्वारा थर्ड पार्टी मूल्यांकन अनिवार्य रूप से करवाया जाए।

इस अवसर पर सचिव डॉ. बी. वी. आर. सी. पुरुषोत्तम एवं विनोद कुमार सुमन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।