उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष के आदेश पर स्ट्रांग रूम के बाहर ईवीएम की सुरक्षा में तैनात कांग्रेस कार्यकर्ता

विधानसभा चुनाव के नतीजे तो 10 मार्च को आएंगे, मगर कांग्रेस को ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की चिंता सता रही है। यहां तक की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कार्यकर्ताओं को यहां तक आदेश तक दिया है कि ईवीएम मशीन की सुरक्षा में जुट जाएं। इसका असर अब दिखने भी लगा है स्ट्रांग रूम मे बाहर कांग्रेस के सिपाही अब तंबू लगाकर निगरानी करने में जुट गए है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ईवीएम की सुरक्षा पर उठाए थे। पार्टी अध्यक्ष गणेश गोदियाल जिलाध्यक्षों और कार्यकर्ताओं से सर्तक रहने की अपील कर चुके हैं। निर्वाचन आयोग ने ईवीएम की सुरक्षा के मद्देनजर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है। इसके बावजूद भी कांग्रेस को ईवीएम से छेड़छाड़ का डर सता रही है। इसी कड़ी में कार्यकर्ता स्ट्रॉन्गरूम के बाहर डेरा डाले हुए हैं। रुद्रपुर से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जहां कांग्रेस कार्यकर्ता ईवीएम की निगरानी के लिए तंबू लगाकर रह रहे हैं। खासतौर से कार्यकर्ता खटीमा विधानसभा के स्ट्रॉन्गरूम के बाहर कड़ा पहरा दे रहे हैं।

इसके लिए कार्यकर्ताओं की बकायदा शिफ्ट लगाई गई है। दिन में तीन शिफ्ट में कार्यकर्ता तंबू में रह रहे हैं। औऱ ईवीएम की निगरानी कर रहे हैं। यहां अपने मोबाइल लैपटॉप के जरिए जानकारी अपने आलाकमान को दे रहे हैं।

प्रदेश में हरीश रावत का सीएम बनाए जाने को लेकर कोई विरोध नहींः यशपाल आर्य

अभी मतगणना हुई नहीं है और ना ही यह तय हो पाया है कि प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी लेकिन कांग्रेस में अभी से मुख्यमंत्री को लेकर जिस तरीके से रस्साकशी चल रही है उसने राजनैतिक पारा गरम कर दिया है हरीश रावत प्रदेश में मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो बाकी हरीश रावत का विरोध कर रहे हैं वही पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने सीधे तौर पर हरीश रावत को ही सीएम बनाए जाने की पैरवी की है

मतदान खत्म होने के बाद कांग्रेस सरकार बनाने के दावे कर रही है. अभी से मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में बयानबाजी शुरू हो गई हैं. पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा है कि वह या तो मुख्यमंत्री बनेंगे या घर बैठेंगे. इस पर कांग्रेस के ही नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. हरीश रावत के इस बयान पर कांग्रेस नेता यशपाल आर्य ने कहा कि हरीश रावत का कोई भी विरोध नहीं है. हालांकि अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को करना है.

गौर हो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि जो भी कांग्रेस हाईकमान आदेश करेगा उसका पालन किया जाएगा. वहीं हरीश रावत के करीबी और पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा है कि हरीश रावत उत्तराखंड का बड़ा चेहरा हैं और हरीश रावत बड़ा नाम हैं. उत्तराखंड के निर्माण में और उत्तराखंड के विकास में हरीश रावत का बड़ा योगदान है. हरीश रावत चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष भी थे. उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था. साथ ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. ऐसे में हरीश रावत का कोई भी विरोध नहीं है.

यशपाल आर्य ने कहा है कि कांग्रेस में परंपरा है कि विधायक दल की बैठक होगी. उसमें केंद्रीय हाईकमान अंतिम निर्णय लेता है और सभी उस निर्णय का आदर करते हैं. लेकिन अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को करना है. उन्होंने कहा कि हरीश रावत का स्वभाव नहीं है कि वह घर बैठ सकें. हरीश रावत इस उम्र में भी पहाड़ से लेकर मैदान तक पार्टी और लोगों के लिए लगातार काम कर रहे हैं. प्रीतम की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि हरीश रावत का कोई विरोध नहीं है.

यशपाल आर्य इसलिए कर रहे हरीश रावत का समर्थन
हरीश रावत के साथ यशपाल आर्य की गणित सही बैठती है. हालांकि 2016 में यशपाल आर्य हरीश रावत सरकार को मझधार में छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी सरकार में करीब पांच साल कैबिनेट मंत्री बने रहे. ठीक चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर बेटे संजीव आर्य के साथ कांग्रेस में वापसी की. लेकिन यशपाल आर्य ने बीजेपी सरकार में रहते हुए कभी कांग्रेस या कांग्रेस के नेताओं के लिए कोई विरोधी बयानबाजी नहीं की थी. इसलिए जब उन्होंने बीजेपी छोड़ी तो उन्हें तुरंत कांग्रेस में ले लिया गया था. उनको और उनके बेटे को टिकट भी मिल गया. शायद यही कारण है कि यशपाल आर्य मुख्यमंत्री पद के लिए हरीश रावत का समर्थन कर रहे हैं.

भीतरधात वाली बात विधायक सार्वजनिक न कहें, पार्टी स्तर पर रखेंः धामी

मतदान के बाद से ही भाजपा के कई नेता भीतरघात होने की आशंका जता रहे हैं। संजय गुप्ता, हरभजन चीमा, कैलाश गहतोड़ी, केदार सिंह रावत के बाद अब कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने भी भीतरघात की आशंका जताई है। लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने भीतराघात की बात उठाने वाले विधायकों को नसीहत दी है कि वे ऐसी बातें सार्वजनिक रूप से न कहकर पार्टी फोरम में रखें।

दरअसल संजय गुप्ता ने सबसे पहले लक्सर में भितराघात की बहात उठाई थी। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पर ही गद्दारी करने का आरोप लगाया था। इसके बाद काशीपुर विधायक हरभजन चीमा, चंपावत से कैलाश गहतोड़ी, यमुनोत्री से केदार सिंह रावत ने भी भितराघात के मुद्दे को हवा दे दी। अब कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने भी कहा है कि राज्य की कई विधानसभा सीटों पर पार्टी को कड़ा मुकाबला मिल सकता है और जिन सीटों पर पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठन के अधिकारियों ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है, उन लोगों पर आलाकमान को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। चुफाल ने कहा कि उनकी सीट डीडीहाट में भी भितरघात हुआ है, लेकिन इससे उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं होगा। चुफाल का कहना है कि चुनावों में कुछ कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी के खिलाफ काम किया और हाईकमान को चाहिए कि ऐसे नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भीतरघात पर आवाज उठा रहे विधायकों को नसीहत दी है। कहा कि प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा पुनः सरकार बनाने जा रही है। पार्टी के भीतर किसी भी तरह की नाराजगी नहीं है। विधायक भीतरघात की बात सार्वजनिक न कहकर पार्टी स्तर पर रखें।

कांग्रेस के पोस्टल मतों में धांधली के आरोपों को भाजपा ने नकारा

भाजपा ने पोस्टल वैलेट में कांग्रेस के आरोपों को शिरे से ख़ारिज करते हुए इसे कांग्रेस की बौखलाहट बताया। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि नतीजे आने से पहले कांग्रेस असहज और घबराई हुई है। इसी लिए अपनी खराब स्थिति को देखते हुए अब तमाम तरह के बयांन और आरोप प्रत्यारोप लगा रही है। निर्वाचन आयोग ने राज्य में निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराया है और दिव्यांग तथा बुजुर्गाे के मत के लिए भी बेहतर व्यवस्था की थी, लेकिन कांग्रेस को किसी न किसी तरह बस अपनी सुविधा के अनुसार मीन मेख निकालने की आदत है। कहा कि कभी ईवीएम तो कभी पोस्टल बैलेट, पोलिंग या अन्य तरह से मशीनरी के दुरूपयोग जैसे आरोप लगाकर कांग्रेस हताशा में है।

कहा कि कांग्रेस इस समय भ्रामक स्तिथि से गुजर रही है। पूर्व सीएम हरीश रावत खुद मुख्यमंत्री की दौड़ में बने रहने को लेकर समर्थन जुटाओ अभियान में जुटे हैं तो प्रीतम सिंह पार्टी के घोषणा पत्र के ऑपरेशन में लगे है तो वही प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल अब पोस्टल वैलेट का नया राग अलाप रहे हैं। किसी को मतगणना तक सब्र नहीं है। हालांकि जिस तरह से बौखलाहट कांग्रेस में दिख रही है उससे उसे हार का डर सता रहा है।

कांग्रेस डेलीगेशन ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर मतपत्रों में गड़बड़ी की जताई आशंका


चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस को ईवीएम के साथ साथ अब डाक मतों की गणना में भी गड़बड़ी का डर सता रहा है। इसी मुद्दे पर आज कांग्रेस के डेलिगेशन ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की औऱ ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस का आरोप है कि डाक मतपत्रों में गड़बड़ी हुई है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने आरोप लगाते हुए कहा है कि वर्तमान विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांग, 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग एवं अशक्तजनों की सुविधा हेतु मतपत्रों की छपाई कर ऐसे मतदाताओं के घर पर जाकर मतदान की व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी। साथ ही जो शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर तैनात किये गये थे उन्हें भी डाक मतपत्रों के माध्यम से मतदान करने की सुविधा दी गई है। परन्तु पौडी गढ़वाल सहित कई अन्य जनपदों से यह सूचना आई है कि दिव्यांग, 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग एवं अशक्तजनों हेतु छपवाये गये मतपत्र उन मतदाताओं तक न पहुंचकर इन मत पत्रों का दुरूपयोग भाजपा के पक्ष में किया गया है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी पौडी गढ़वाल से उनके द्वारा स्वयं कई बार वार्ता करने के उपरान्त भी कोई समाधान प्राप्त नहीं हो पाया।

गणेश गोदियाल ने यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि मतदान ड्यूटी पर तैनात कर्मियों के डाक मतपत्रों के सम्बन्ध में भी यही शिकायत प्राप्त हुई है कि कई ऐसे कर्मचारियों, जिन्होंने डाक मतपत्र हेतु आवेदन किया है उन्हें डाक मतपत्र आवंटित नहीं किये गये हैं।

कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने निर्वाचन आयोग से इन मतपत्रों का दुरूपयोग रोकने हेतु जिलाधिकारी पौडी गढ़वाल के साथ-साथ अन्य सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करने की मांग की।

एक अन्य ज्ञापन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने निर्वाचन आयोग से शिकायत की कि हरिद्वार जनपद में होने वाले आगामी पंचायत चुनावों के मद्देनजर शासन स्तर से परिसीमन एवं आरक्षण की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी किये गये हैं, जबकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया अभी समाप्त नहीं हुई है तथा राज्य में विधानसभा चुनावों हेतु जारी आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है।

भाजपा प्रवक्ता ने हरीश पर उत्तराखंडियत को अपमानित करने का आरोप लगाया

भाजपा ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर मुख्यमंत्री पद के लिए स्वार्थवश गिड़गिड़ाकर उतराखंडियत का अपमान करने का आरोप लगाया है। पार्टी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने रावत के मीडिया में आए शूड बी गिव ट्रायल बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि कल तक खुद को उत्तराखंड की चाहत बताने वाले अब अपने ही आलाकमान के सामने एक मौका देने की गुहार लगा रहे हैं। चौहान ने तंज़ कसते हुए कहा, रावत जी काठ की हांडी एक ही बार चूल्हे पर चढ़ती है जो 2014 में आपके सीएम बनते चढ़ चुकी है और उत्तराखंड कोई प्रयोगशाला नहीं है जहां सीएम ट्रायल पर बनाया जाएगा।

मनवीर सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि भाजपा पर 3-3 सीएम का तंज़ कसने वाले हरीश रावत अब मीडिया में सीएम पद के लिए अपनी ही पार्टी के नेताओं को 2.5- 2.5 साल सीएम का खुला ऑफर देते नज़र आ रहे हैं। वो कह रहे हैं कि उनको नज़रअंदाज़ करना पार्टी के लिए ठीक नहीं है और बाकी नेता मेरे आधे कार्यकाल के बाद अनुभव एकत्र कर सीएम बन सकते हैं। उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड के इतने वरिष्ठ नेता होते हुए भी हरीश रावत अपने दिल्ली दरबार के आगे सीएम पद के लिए गिडगिड़ाकर उत्तराखंडियत को अपमानित कर रहे हैं।

वह सीएम बनने की चाह में बौखला गए हैं तभी कहते हैं कि 2017 की चुनावी लड़ाई में वह बिना लड़े हारे हुए घोषित कर दिये, जबकि दो-दो सीटों से जनता उन्हे हार का सबक सिखाया था। चौहान ने कहा कि अभी रिजल्ट काफी दूर है और कांग्रेस को लेकर जनता का मत स्पष्ट है कि वह उसे मौका नहीं देना चाह्ती, लेकिन कांग्रेसी मुंगेरीलाल के सपने देखकर आत्ममुग्ध हो रही है। उसकी गलतफहमी 10 मार्च को जनता पूरी करने वाली है।

उत्तराखंडः ईवीएम छेड़छाड़ के डर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मिला सचेत रहने का आदेश

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए सभी को 10 मार्च का इंतजार है। लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से गुणा भाग लगाना शुरू कर दिया है। इस बीच कांग्रेस को ईवीएम से छेड़छाड़ का डर सता रहा है। इसलिए गणेश गोदियाल औऱ हरीश रावत ने कार्यकर्ताओं को सचेत रहने को कहा है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने फेसबुक पर सभी कार्यकर्ताओं के लिए लिखा है कि सभी जिला अध्यक्ष औऱ कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्र में ईवीएम की निगरानी करें। गोदियाल ने पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों और उम्मीदवारों से अपील करते हुए कहा कि परिणाम वाले दिन यानी दस मार्च तक स्ट्रांगरूम व मतगणना स्थलों की निगरानी करें। गोदियाल की पोस्ट के कई मायने समझे जा रहे हैं। पार्टी के जिलाध्यक्ष और कांग्रेस उम्मीदवारों की बैचेनी भी इससे बढ़ चुकी है। पदाधिकारी स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को लेकर अपने स्तर से निगरानी बढ़ाने की तैयारी करने लगे हैं।

सस्ता गैस सिलेंडरः हरीश रावत ने सभी को देने की बात कहीं, तो प्रीतम सिंह बोले सभी को देना संभव नहीं

क्या कांग्रेस का सस्ते गैस सिलेंडर का वादा एक जुमला है? ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस के बड़े नेताओं के इस मुद्दे पर अळग अलग बयान आ रहे हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में चार धाम चार काम जो संकल्प दिखाया है उसमे गैस सिलेंडर का खास तौर से जिक्र है। इसमें कहा गया है कि सरकार बनने गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपए के पार नहीं होने दी जाएगी।

कांग्रेस ने प्रचार के दौरान इस वादे को जमकर भुनाया। जनता भी इस वादे से खासी प्रभावित दिखी। खासतौर से महंगाई से जूझ रही जनता को राहत की उम्मीद दिखी। कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी इस बयान को लोगों के बीच रखा कि कांग्रेस सरकार बनने पर सभी को सस्ता सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा।

कांग्रेस की कैंपेन कमेटी के चेयरमैन हरीश रावत तो खुदकंधे पर सिलेंडर लेकर महंगे गैस का विरोध कर चुके हैं। हरीश रावत बार बार कई मंचों से बोल चुके हैं कि प्रदेश में सिलेंडर की कीमत 500 के पार नहीं होने देंगे, यानी समस्त गृहणियों को सस्ता सिलेंडर देंगे। लेकिन नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह की राय इस बारे में जुदा है।
प्रीतम सिंह ने एक इंटरव्यू में अपना बयान साफ दिया है। उन्होंने कहा है कि 500 रूपए में सभी को गैस सिलेंडर देना संभव नहीं है। इसलिए अगर हमारी सरकार बनती है तो हम ऐसे गरीब लोगों का चयन करेंगे जिनकी आय कम है। उन्हें ही सस्ता सिलेंडर उपलब्ध कराएंगे। सिलेंडर को लेकर कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के अलग-अलग बयान से बवाल तो होगा ही।

जनादेश ईवीएम में कैद, मगर हरीश रावत सीएम होने की झूठी घोषणा करने में तुले हुएः भाजपा

भाजपा ने हरीश रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हे ईवीएम मशीन बदलने का नहीं बल्कि कॉंग्रेस के हारने का डर सता रहा है तभी वह कोंग्रेसियों को स्ट्रॉंग रूम के बाहर कोंग्रेसियों की ड्यूटी लगा रहे हैं। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने तंज़ कसते हुए कहा कि मतदान से पहले तक यशपाल आर्य के रूप में दलित सीएम बनवाने का झूठा सपना दिखाने वाले हरीश रावत जी की असल मंशा एक बार फिर उजागर हुई है और वह अब खुद दिन में ही सीएम होने का सपना देख रहे हैं। जनादेश ईवीएम में बंद हो गया है लेकिन हरीश रावत सीएम होने के भ्रम में घोषणा पे घोषणा करने पर तुले हैं।

मनवीर चौहान ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक और जहां कॉंग्रेस के दूसरे नेता अपनी पार्टी के घोषणापत्र की ही पोल खोल रहे हैं वहीं हरीश रावत एक कदम आगे बढ़ते हुए स्वयं को भावी सीएम मानकर नयी नयी घोषणाएँ कर रहे है। हरीश रावत अनुभवी नेता हैं तभी उन्हे अपनी संभावित हार का अंदेशा हो गया है, इसलिए अभी से हार के कारण तलाशते हुए ईवीएम मशीनों और मतपत्रों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा करते हैं। देखते जाइये मतगणना के बाद यही कोंग्रेसी हार के बाद ईवीएम मशीन की तकनीक पर उंगली उठाते नज़र आएंगे। उन्होने हरीश रावत पर व्यंग कसते हुए कहा कि आप बेवजह लोगों के बीच जा जा कर वादे कर रहे हैं क्यूंकि जनता को आपकी पार्टी के घोषणापत्र पर ही विश्वास नहीं है। तभी आपको अलग से घोषणापत्र मंत्रालय बनाने का वादा तक करना पड़ा था। आप ही हैं जो यशपाल आर्य में ही सीएम बनने की संभावना देखते थे और पंजाब की तरह सूबे में दलित सीएम बनाने की इच्छा जाहिर करते थे और अब आप ही कहते हैं भविष्य में सीएम पद से कम कुछ भी मंजूर नहीं। उनकी और कॉंग्रेस की विश्वसनीयता का ढ़ोल जनता के सम्मुख फूट चुका है और रावत जी हैं कि वादों के फटे ढ़ोल को बजाने पर लगे हैं।

भाजपा प्रदेश चुनाव प्रभारी दो सदस्यीय टीम के साथ पहुंचे देहरादून

राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सतारुढ़ दल भाजपा ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री व भाजपा के चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी अपने दो दिवसीय दौरे पर आज उत्तराखंड पहुंच गये है। उनके साथ सह प्रभारी लॉकेट चटर्जी और आरपी सिंह भी मौजूद है। चुनाव प्रभारी टीम के राज्य पहुंचने पर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया। जिसके बाद रैली के माध्यम से विभिन्न स्थानों में उनका स्वागत करते हुए चुनाव प्रभारी टीम को भाजपा मुख्यालय देहरादून लाया गया।
इस दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री व भाजपा के चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में चुनाव के लिए वह तैयारियों का जायजा लेने के लिए आये है। उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव में भाजपा ने 57 सीटें जीती थी और अब 2022 के चुनाव में 60 से ज्यादा सीटें लाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि संगठन और युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह आकंड़ा भी भाजपा जरुर हासिल करेगी।
वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया कि चुनाव प्रभारी के दो दिवसीय दौरे में संगठन और सरकार आगामी चुनाव को लेकर कई तैयारियों को अंतिम रुप देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है और कार्यकर्ताओं को जो जिम्मेदारी दी जाती है उसे वे पूरी निष्ठा के साथ पूरा करते है।