उत्तराखंड के विकास में प्रवासियों की अहम भूमिकाः अभिनव कुमार

विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार से गोवा में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में प्रवासी उत्तराखंडवासियों ने भेंट की। उन्होंने कहा कि सभी प्रवासियों का उत्तराखंड के विकास में अहम भूमिका है।

अभिनव कुमार ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का उत्तराखंड को 2025 तक देश का आदर्श राज्य बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखंड / 25 के तहत हर वर्ग से भागीदारी का आहवान किया है। इसी उद्देश्य को प्रवासी संगठन भी आये। राज्य सरकार द्वारा प्रवासियों को हर सम्भव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गोवा में उत्तराखंड की सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहायता दी जाएगी।

इस अवसर पर गढ़वाली कल्चरल एसोसिएशन के अध्यक्ष के.एल. कोटनाला ने गोवा आने पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार का स्वागत करते हुए कहा कि यह पहली बार हुआ है जब किसी उत्तराखंड सरकार के किसी प्रतिनिधि द्वारा गोवा में निवास कर रहे प्रवासियों से संवाद किया है। कोटनाला ने कहा कि हम लोग यहां पर उत्तराखंड महोत्सव कार्यक्रम करना चाहते है, जिसमे राज्य सरकार से पूरा सहयोग चाहिए। इस अवसर पर भेंट करने वालो में पूर्व अध्यक्ष आर.डी. पालीवाल, सचिव यशपाल सिंह नेगी, द्वारिका प्रसाद आदि शामिल थे।

अल्मोड़ा में 39 प्रतिशत लौटे प्रवासी स्वरोजगार पर निर्भर

पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह को कराया कि राज्य में लौटे 3.57 लाख प्रवासियों में से एक लाख प्रवासी वापस लौटे हैं। सितम्बर, 2020 के अंत तक कोविड-19 महामारी के कारण राज्य में लौटे प्रवासियों में से लगभग 29 प्रतिशत पुनः पलायन कर गए हैं। राज्य में लौटे प्रवासियों में से लगभग 71 प्रतिशत अपने मूल निवास या उसके पास के क्षेत्रों में चले गए हैं। इनमें से लगभग 33 प्रतिशत कृषि, पशुपालन आदि, 38 प्रतिशत मनरेगा, 12 प्रतिशत स्वरोजगार तथा 17 प्रतिशत अन्य पर आजीविका पर निर्भर हैं।

उन्होंने बताया कि जनपद अल्मोड़ा में लगभग 39 प्रतिशत लौटे प्रवासी स्वरोजगार पर निर्भर हैं जो कि अन्य जनपदों से काफी अधिक है। जनपद नैनीताल, ऊधमसिंह नगर तथा टिहरी में भी अधिक संख्या में लौटे प्रवासी स्वरोजगार पर अपनी निर्भरता दिखा रहे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमारा उद्देश्य राज्य के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इसके लिये सभी सम्बन्धित विभाग रोजगार परक योजनाओं के चिन्हीकरण के साथ ही आपसी समन्वय के साथ कार्ययोजना पर ध्यान दें। प्रशिक्षित युवाओं का बेहतर मार्गदर्शन के साथ ही जिस क्षेत्र में युवा अपनी अभिरूचि दिखाये इसके लिये उनके मार्गदर्शन की भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन एवं ग्राम्य विकास विभाग (उत्तराखण्ड राज्य आजीविका मिशन) के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। इस सहभागिता से ग्राम्य विकास विभाग के अन्तर्गत स्थापित स्वये सहायता समूहों को रूरल सेल्फ इंप्लायमेंट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन के माध्यम से किये जाने की योजना के साथ ही ‘‘इंटीग्रेटेड लाइवलीहुड सपोर्ट प्रोजेक्ट’’ के अन्तर्गत राज्य का ब्राँड विकसित किये जाने की भी योजना है।

इसके साथ ही उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन, तकनीकी शिक्षा एवं नेसकॉम के मध्य त्रिपक्षीय एम.ओ.यू हस्ताक्षरित किया गया, जिसके अन्तर्गत तकनीकी शिक्षा विभाग के छात्र-छात्राओं को फ्यूचर स्किल्स-हाई एंड स्किल्स में प्रशिक्षित कर रोजगार-स्वरोजगार के अवसरों से जोड़े जाने की योजना है। इस सहयोग से युवाओं को नवीनतम कौशल में दक्ष कर उनकी रोजगारपरकता में वृद्धि किये जाने हेतु कार्य योजना तैयार की गई है।

बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार नरेन्द्र सिंह आई.टी. सलाहकार रविन्द्र दत्त, आर्थिक सलाहकार आलोक भट्ट, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव अमित नेगी, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, राधिका झा, दिलीप जावलकर आदि उपस्थित थे।

कोरोना नियंत्रण के लिए मास्क और सोशल दूरी का कड़ाई से हो पालन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के लिए अधिकारियों की बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाहरी राज्यों से उत्तराखण्डवासी काफी संख्या में आ रहे हैं, ये जिन जनपदों में आ रहे हैं, वहां पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाए ताकि उत्तराखण्ड के बोर्डर ऐरिया पर स्क्रीनिंग का लोड कुछ कम हो सके। बाहर से आने वाले लोगों को जहां पर क्वारंटाइन किया जा रहा है, उसकी नियमित मोनिटरिंग की जाए। इसके लिए कर्मिकों की तैनाती की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क की अनिवार्यता का कड़ाई से पालन करवाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों के पास मास्क की उपलब्धता हो। मास्क का इस्तेमाल न करने वालों एवं सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर जुर्माने की कारवाई की जाए। बाहरी राज्यों के जो श्रमिक उत्तराखण्ड में हैं, अगर वो अपने राज्यों में वापस जाना चाहतें हैं, तो सम्बन्धित राज्यों से जो वाहन आ रहे हैं, उन्हें उन वाहनों में भेजने की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाहरी राज्यों से जितने भी लोग आ रहे उनका पूरा डाटा रखा जाए कि ये कहां पर क्वारंटाइन किये गये हैं। यदि इनमें से कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो अन्य लोगों को भी ट्रेस किया जा सके। इसके लिए पुलिस द्वारा संबंधित लोगों को अलर्ट के लिए एस.एम.एस भेजने की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कन्ट्रोल रूम एवं आईटी सेक्टर को और मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिन लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है एवं पूरा सहयोग दिया जा रहा है।

उत्तराखंड के 243 लोगों को लेकर पहुंची हरियाणा की बसें

बीते शनिवार की रात्रि उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों से हरियाणा में कार्यरत 243 लोगों को ऋषिकेश लाया गया। यहां सभी को श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज परिसर में ठहराकर थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इनमें पांच लोग ऋषिकेश के ही मिले। शेष 238 लोगों को 13 बसों से उनके घरों के लिए रवाना किया गया।

सहायक महाप्रबंधक पीके भारती ने बताया कि कुल 243 लोग यहां लाए गए हैं। इनमें हरिद्वार के सर्वाधिक 51ए देहरादून के 30ए चमोलीए बागेश्वर और पिथौरागढ़ के 13ए रूद्रप्रयाग और पौड़ी के 13ए अल्मोड़ा के 18ए ऊधमसिंह नगर के 37ए टिहरी और उत्तरकाशी के 44ए चंपावत के 19ए नैनीताल के 13 लोग शामिल हैए जबकि पांच लोग ऋषिकेश के ही रहने वाले है। बताया कि सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद सभी को परिवहन विभाग की 13 बसों से अलग.अलग जिलों के लिए रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि ये सभी लोग अलग.अलग जगहों पर क्वारंटीन किए गए थे। बावजूद इसके सुरक्षा की दृष्टि से सभी को घर पहुंचने पर होम क्वारंटीन की हिदायद दी गई है।