सीएम बोले, रिवर्स पलायन में गुंज्याल और नेगी ने की मिशाल पेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आई.जी.) बिमला गुंज्याल के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की गुंजी ग्राम पंचायत तथा पूर्व कर्नल यशपाल सिंह नेगी के जनपद पौड़ी की बिरगण ग्राम पंचायत के निर्विरोध ग्राम प्रधान निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने इसे रिवर्स पलायन का एक प्रेरणादायक और सुखद उदाहरण बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों का ग्राम प्रधान चुना जाना पंचायती राज व्यवस्था को मजबूती देगा और उनके अनुभव से ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि गुंजी और बिरगण ग्राम पंचायतें मॉडल ग्राम के रूप में उभरेंगी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस प्रकार के उदाहरण दर्शाते हैं कि रिटायरमेंट के बाद भी व्यक्ति अपने अनुभव और सेवा भावना से गांव की प्रगति में अहम भूमिका निभा सकता है। राज्य सरकार ऐसे सभी प्रयासों को पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण आजीविका, कृषि, बागवानी और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सतत कार्य कर रही है ताकि गांव आत्मनिर्भर बनें और रिवर्स पलायन की यह परंपरा मजबूत हो सके।

रिवर्स पलायन कर चुके लोगों को मिलेगा प्लेटफॉर्म, महिलाओं की भागीदारी से राज्य बनेगा श्रेष्ठः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में पलायन निवारण आयोग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य में रिवर्स पलायन कर चुके लोगों के अनुभवों को साझा करने के लिए एक उपयुक्त प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि अन्य लोग भी इन सफलताओं से प्रेरित होकर स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों के सुझावों को विभिन्न योजनाओं में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे योजनाएं अधिक प्रभावी बन सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आने वाले समय में उत्तराखंड को देश के श्रेष्ठ राज्यों में स्थान दिलाएगी। यह भागीदारी नारी शक्ति के जुनून, हौसले और हुनर का सम्मान होगा।

मुख्यमंत्री धामी ने सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा को निर्देशित किया कि वे रिवर्स पलायन कर चुके लोगों की सफलता की कहानियों को साझा करने के लिए प्लेटफॉर्म विकसित करने की दिशा में कार्य करें और उन्हें योजना निर्माण में शामिल करें। उन्होंने ग्रामीणों के स्थाई आजीविका हेतु कौशल विकास पर बल देते हुए स्थानीय लोगों को अपने क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं की पहचान कर स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पेशेवर दक्षता प्रदान किया जाए, जिससे उनके उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग बेहतर हो सके और उन्हें उचित मूल्य प्राप्त हो।

पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी ने बैठक में आयोग द्वारा किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अब तक लगभग 2,000 लोगों ने राज्य में रिवर्स पलायन करते हुए कृषि, पशुपालन, पर्यटन, होम स्टे, बागवानी और अन्य क्षेत्रों से जुड़कर स्वरोजगार अपनाया है और अच्छा लाभ कमा रहे हैं। बैठक में अन्य सदस्यों द्वारा भी महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए गए। मुख्यमंत्री ने योजनाओं के सरलीकरण के लिए भी निर्देश दिए और कहा कि आयोग को प्रभावी बनाने के लिए नियोजन, शिक्षा, पर्यटन, कौशल विकास जैसे विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

इस अवसर पर अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी, सदस्य राम प्रकाश पैन्यूली, सुरेश सुयाल, दिनेश रावत, अपर आयुक्त ग्राम्य विकास राजेन्द्र सिंह रावत समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।