सीएस बर्द्धन ने ध्वजारोहण कर अधिकारी व कर्मियों को दी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख सचिव, सचिव, अपर सचिव, सचिवालय प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी सहित बच्चों को राष्ट्रीय पर्व की शुभकामनाएं दी। मुख्य सचिव ने देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया और कहा कि यह देश उनका ऋणी है। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें उन असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, साहस और समर्पण को याद करने का अवसर देता है, जिन्होंने हमें आज़ादी का अनमोल उपहार दिया।

मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड, विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, ये केवल संकल्पना नहीं हैं, बल्कि उत्तराखण्ड इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये कठोर परिश्रम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आप सभी के सहयोग से समृद्ध और सशक्त उत्तराखण्ड की संकल्पना तेजी से साकार हो रही है। उत्तराखण्ड ने विगत वर्षाे में विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है, जिसके फलस्वरुप हम सशक्त उत्तराखण्ड के लक्ष्यों को प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति और युवा शक्ति की अहम् भागीदारी से हमारा प्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी की ओर अग्रसर है।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुरूप वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाने के लिए उत्तराखण्ड को मैन्युफैक्चरिंग हब, स्किल हब, आयुष प्रदेश और वैश्विक पर्यटन डेस्टिनेशन बनाने के विजन को साकार करने के लिये हमें कठोर परिश्रम करने की आवश्यकता हैं। पहाड़ी फसलें, मोटे अनाज और स्थानीय उत्पादों के माध्यम से उत्तराखण्ड की आजीविका को भी बल दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रगति के लिए यहाँ के छोटे और मझोले किसानों को भी मजबूती देनी आवश्यक है। उन्होंने राज्य के विकास के लिए गर्वनेंस के रिफॉर्म्स और प्रशासनिक सुधारों पर जोर देते हुए इसकी शुरूवात राज्य सचिवालय और जनपदों से ही किए जाने पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने बढ़ती हुई प्राकृतिक आपदाओं के बीच शासन-प्रशासन में कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए एक अभियान चलाने की भी आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्य सचिव ने कहा कि ऑन-लाइन अनुश्रवण-मूल्यांकन हेतु राज्य में पी0एम0 गति शक्ति पोर्टल (स्टेट) तैयार कर परियोजनाओं यथा कैपिटल असिस्टेंस योजना, मिसिंग लिंक योजना, डैशबोर्ड, सीएम कॉन्क्लेव पीएमजी, प्रगति, ई-समीक्षा, ई-आंकलन, मुख्यमंत्री घोषणा आदि कार्यक्रमों की समीक्षा एवं मूल्यांकन कार्य सम्पादित किया जा रहा है। आवास विभाग के ऑनलाईन एप्लीकेशन सिस्टम ऐप को प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग, भारत सरकार द्वारा स्टेट बेस्ड सर्विस डिलीवरी प्लेटफार्म के लिये बेस्ट प्रेक्टिस की श्रेणी में नामित किया है। उन्होंने कहा कि वाईब्रेन्ट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांवों के बहुमुखी विकास हेतु केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के जनपद उत्तरकाशी, चमोली तथा पिथौरागढ़ के कुल 51 गांवों का चयन किया गया है।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में ‘अपुणि सरकार‘ परियोजना के अपुणि सरकार पोर्टल को भारत सरकार के प्रशासनिक एवं लोक शिकायत विभाग के छमेक्। फ्रेमवर्क द्वारा देशभर में बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य में जल संरक्षण हेतु स्प्रिंग एवं रिवर रिजुविनेशन ऑथोरिटी का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों एवं नदियों का चिन्हीकरण, जल उत्सर्जन में वृद्धि, मापन एवं अनुश्रवण आदि के माध्यम से सतत उपयोग सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में हाउस ऑफ हिमालय जैसे ब्रांड को विकसित करने का लक्ष्य रखा है। आज मुझे खुशी है हाउस ऑफ हिमालय और वोकल फॉर लोकल जैसे प्रयासों से ग्रामीण विकास एवं आर्थिक विकास को हासिल करने में राज्य सफल होता हुआ दिख रहा है।

मुख्य सचिव ने कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं, सचिवालय हमारी प्रशासनिक व्यवस्था का वह केंद्र है, जो न केवल नीतियों को आकार देता है, बल्कि देश और प्रदेश के विकास की दिशा भी निर्धारित करता है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा, पारदर्शिता, और समर्पण के साथ करें, ताकि हमारा प्रदेश और समाज प्रगति के पथ पर अग्रसर हो। हमारा कार्य केवल कागजों और फाइलों तक सीमित नहीं है। हमारी नीतियों और निर्णय इस प्रदेश के लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी हर कार्रवाई में जनता का कल्याण सर्वाेपरि हो। उन्होंने कहा कि हमें केंद्र और राज्य सरकार की जनहित एवं राज्य हित की महत्वाकांक्षी योजनाओं को सफल बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा। आज हम एक ऐसे भारत में खड़े हैं, जो न केवल आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है, बल्कि सामाजिक समावेशन, शिक्षा, और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में भी नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

मुख्य सचिव ने सभी का आह्वान करते हुए कहा कि हमें अपने दायित्वों को और अधिक जिम्मेदारी के साथ निभाना होगा। आइए, हम ईमानदारी, दक्षता और नवाचार की भावना के साथ काम करें, ताकि हम अपने महान राष्ट्र के सपनों को साकार कर सकें। आइए, हम मिलकर प्रयास करें, यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारा हर निर्णय देश की प्रगति और लोगों के कल्याण में योगदान दे।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिवगण, अपर सचिवगण एवं सचिवालय प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

सीएम ने दिए राज्य में ‘एकीकृत पंचायत भवनों’ का निर्माण कराने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में पंचायती राज विभाग की बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि नव-निर्वाचित ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों को आधुनिक तकनीकी, वित्तीय प्रबंधन और शासन प्रणाली पर प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में सबको समेकित प्रयास करने होंगे। गांवों के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास संभव है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में ‘एकीकृत पंचायत भवनों’ का निर्माण कराने के निर्देश दिए। इन एकीकृत पंचायत भवनों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पटवारी, आशा आदि के लिए एक स्थान पर ही व्यवस्था होगी। इनके वहां एक साथ बैठने के लिए रोस्टर भी बनाया जाए। इससे लोगों को सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों में बजट नियोजन को और बेहतर बनाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी ग्राम पंचायतों का सुनियोजित विकास हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पंचायतीराज विभाग यह भी आकलन करे कि आगामी 15 वर्षों में कितना ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्र में परिवर्तित होगा। यह आकलन राज्य के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाए जाने के लिए ग्राम वासियों से संवाद किया जाए। इसके लिए नियमित कैलेंडर बनाया जाए। ग्राम स्तर पर होने वाले मेले, मिलन कार्यक्रम, प्रबुद्धजनों की जयंती एवं अन्य विशेष दिनों में भी यह स्थापना दिवस मनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र एवं जिला पंचायत में समेकित एवं संतुलित विकास किया जाए। इसका ध्यान रखा जाए कि कोई क्षेत्र या व्यक्ति विकास योजनाओं से वंचित न रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं की रीयल टाइम मॉनिटरिंग हो। पंचायतों में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाए। सभी पंचायतों के कार्यों का ऑडिट हो और सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में आम जनता की राय एवं भागीदारी को प्राथमिकता दी जाए। प्रत्येक पंचायत स्तर पर शिकायत दर्ज करने और समाधान का एक निश्चित समयबद्ध ढांचा तैयार किया जाए।

इस अवसर पर अवस्थापना अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव चंद्रेश कुमार यादव, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, निदेशक पंचायती राज निधि यादव उपस्थित थे।

क्षतिग्रस्त बिजली खम्बों, लटकी तारों सहित टूटी पेयजल पाईपलाईनों की मरम्मत करेंः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न मुद्दों की समीक्षा करते हुए दिशा निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को आमजन की समस्याओं को सुनने एवं उनके निराकरण पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग, पेयजल विभाग एवं अन्य ऐसे विभाग जो नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराते हैं, अपने कार्यक्षेत्रों का दौरा अवश्य करें। उन्होंने विभागों को निर्देश दिए हैं कि टेढ़े हो चुके बिजली के खम्बों, लटकी तारों सहित टूटी पेयजल पाईपलाईनों की मरम्मत का कार्य तत्काल कराए जाएं। उन्होंने कहा कि जब तक अधिकारी फील्ड पर नहीं उतरेंगे, आमजन की समस्याओं से अवगत नहीं होंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों को फील्ड का दौरा नियमित रूप से किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने सभी जनपदों में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) रजिस्ट्रेशन की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आमजन अधिक से अधिक संख्या में अपने विवाह का पंजीकरण कराएं इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाएं। उन्होंने कहा कि पंजीकरण के लम्बित मामलों को तेजी से निस्तारित किया जाए। उन्होंने मैदानी जनपदों में पंजीकरण के लिए विशेष अभियान संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रायः देखा जा रहा है कि ऐसे विवाह पंजीकरण, जिनमें विवाह के समय पति-पत्नी दोनों या दोनों में से कोई एक नाबालिग रहा हो, परन्तु वर्तमान में पंजीकरण के समय दोनों बालिग हो चुके हैं, को अस्वीकार किया जा रहा है, जो कि गलत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे विवाह के मामलों का भी पंजीकरण किया जाए।

मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम- एबीएचआईएम) की जिलावार समीक्षा करते हुए प्रत्येक जनपद से प्रत्येक केन्द्र की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने ब्लॉक स्तर पर ‘ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों‘ की स्थापना के कार्य में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। कहा कि जिन इकाइयों में निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, उन इकाइयों में उपकरणों की व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित करते हुए ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को सक्रिय किया जाए।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, चंद्रेश कुमार यादव, विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव रंजना राजगुरू, विजय कुमार जोगदंडे, मनुज गोयल, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

देहरादून सचिवालय में संस्कृत संभाषण शिविर का हुआ आयोजन

राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के संरक्षण-संवर्धन एवं संस्कृत को जनभाषा बनाने के उद्देश्य से उत्तराखंड सचिवालय परिसर में संस्कृत संभाषण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभारम्भ बुधवार को कैबिनेट के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा सभी कैबिनेट मंत्रियों एवं मुख्य सचिव की उपस्थिति में किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपनी संस्कृति व संस्कृत भाषा के संरक्षण व प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य को लेकर 13 जनपदों में 13 संस्कृत ग्राम विकसित किये जा रहे हैं। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के माध्यम से वेद, दर्शन, उपनिषद् आदि प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा से जनसामान्य को जोड़ने के लिए अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं। संस्कृत भाषा का संरक्षण व संवर्धन करना सरकार की प्राथमिकता है।

सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार गैरोला ने बताया कि सचिवालय परिसर में 29 मई से 12 जून तक संस्कृत संभाषण कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसमें सचिवालय के अधिकारियों व कार्मिकों को संस्कृत संभाषण का अभ्यास कराया जाएगा। जिसके लिए सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा भी निर्देश जारी किये गये हैं।

उत्तराखण्ड सचिवालय में फिजियोथैरेपी सेंटर का सीएम रतूड़ी ने किया शुभारम्भ

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड सचिवालय में फिजियोथैरेपी सेंटर का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर सचिवालय के सभी कार्मिकों को बधाई देते हुए हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि सचिवालय में फिजियोथैरेपी की सुविधा उपलब्ध होने से अधिकाधिक कार्यरत कार्मिक लाभान्वित होंगे। सचिवालय कार्मिकों को ससमय कार्यस्थल पर ही बेहतरीन फिजियोथैरेपी सुविधा उपलब्ध करवाने का यह प्रयास प्रशंसनीय है। मुख्य सचिव ने इस पहल के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा उत्तराखण्ड सचिवालय संघ की सराहना की।

इस अवसर पर सचिव डॉ आर राजेश कुमार, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ सुनिता टम्टा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ आशुतोष स्याणा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ मनोज शर्मा, चिकित्साधिकारी डॉ विमलेश जोशी, डा० रविन्द्र सिंह राणा, उत्तराखण्ड सचिवालय संघ के सभी पदाधिकारी एवं सचिवालय के कार्मिक मौजूद रहे।

कार्मिकों की लग्न से वर्ष 2025 में प्रदेश हर क्षेत्र में प्रथम स्थान हासिल करेगाः राधा रतूड़ी

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय परिसर में आयोजित ‘नववर्ष शुभकामनाएं’ कार्यक्रम में समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नववर्ष 2025 की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने समस्त प्रदेश वासियों की समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की, उन्होंने कहा कि सचिवालय एक सर्वाेच्च प्रशासनिक संस्था है, जिसके सहयोग से प्रदेश ने एसडीजी इंडेक्स में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने अपील की कि नये वर्ष में और अधिक लगन एवं जोश से कार्य करें जिससे राज्य का प्रथम स्थान बरकरार रहे। उन्होंने विश्वास जताया, कि आगामी वर्ष 2025 में उनके सहयोग से प्रदेश हर क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त करेगा।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि सचिवालय एक सर्वाेच्च प्रशासनिक इकाई है, जहां आम जनता के प्रवेश होते ही उन्हें अनुभव होना चाहिए, कि वे शीर्ष संस्थान में आए हैं। उन्होंने इस बात को ध्यान में रखते हुए समस्त कार्मिकों से ऐसी कार्यशैली से कार्य करने को कहा, जिससे आम आदमी को ससमय राहत मिले तथा अंतिम व्यक्ति को योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन सहित सचिवालय के सभी कार्मिक मौजूद रहे।

आरटीओ ऑफिस के आस-पास कॉमन सर्विस सेंटर की व्यवस्था की जाएः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में परिवहन विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चत किया जाए कि लोगों को लाइसेंस के लिए आवेदन करने और स्लॉट मिलने में परेशानी न हो। आरटीओ ऑफिस के आस-पास कॉमन सर्विस सेंटर की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे समय-समय पर जन सुविधाओं से जुड़े कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि सभी विभाग पिछले तीन सालों में किये गये 10 महत्वपूर्ण कार्यों और जुलाई 2026 तक विभागों को 10-10 कौन से महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण करने हैं, इसका स्पष्ट ब्यौरा उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बेहतर एवं सुगम नागरिक केन्द्रित सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। ऑनलाईन सेवाओं को व्यावहारिक बनाने की दिशा में और प्रयास किये जाने, सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को निरंतर जागरूक किये जाने, ऑनलाईन माध्यम से चालान की प्रक्रियाओं पर अधिक ध्यान दिये जाने के साथ यातायात के नियमों का अनुपालन सुनिश्चत किये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये, उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी संबंधित विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने, परिवहन निगम की बसों के बेड़े के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिये जाने को कहा। पुरानी बसों के स्थान पर नई बसों की व्यवस्था के साथ ही मैदानी मार्गों में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही।
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में वाहनों की फिटनेस के लिए 04 आटोमेटिड टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना की गई है, जबकि 07 पर कार्यवाही गतिमान है। सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए 13 इन्टरसेप्टर वाहनों एवं 30 बाईक स्क्वैड की तैनाती की गई है। हलद्वानी में चालक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जा रही है। राज्य में 04 ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की स्थापना की जा चुकी है, जबकि 07 पर प्रक्रिया गतिमान है।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम एवं परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम की मौजूदगी में सचिवालय संघ के पदाधिकारियों ने ली पद व गोपनीयता की शपथ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सचिवालय के प्रति प्रदेश की जनता की बड़ी अपेक्षायें रहती है। जनता की अपेक्षाओं पर खड़ा उतरना हमारी जिम्मेदारी है। हम सब सरकार के अंग है तथा राज्य का विकास हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय प्रदेश में सुशासन की नींव है। यहीं से प्रदेश के भविष्य के लिए फैसले लिए जाते हैं और जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन होता है। संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारकर समाज के अंतिम पक्ति में खड़े व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचाने में कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है। संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मुख्य ध्येय है। इस ध्येय की प्राप्ति में अधिकारी और कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।

सचिवालय में सचिवालय संघ के निर्वाचित कार्यकारिणा के सदस्यों को शपथ दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने सचिवालय कर्मचारी कल्याण कोष के गठन के लिये 30 लाख की धनराशि प्रदान करने तथा सचिवालय में विजिटर रूम की व्यवस्था बनाये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने चाइल्ड केयर लीव की पूर्ववतः व्यवस्था बनाये रखने आदि की भी बात कही।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय संघ के अध्यक्ष श्री सुनील लखेड़ा, उपाध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, महासचिव राकेश जोशी एवं कार्यकारिणी के सभी सदस्यों को शुभकामनायें देते हुए अपेक्षा की, कि वे प्रदेश के सर्वांगीण विकास एवं आमजन तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाकर उन्हें राहत देने के लिए और अधिक संवेदनशीलता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में मददगार बनेंगे। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखंड सचिवालय में एक नई कार्य संस्कृति, एक नया सौहार्दपूर्ण कार्यव्यवहार का वातावरण आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान नवनिर्वाचित सचिवालय संघ में अधिकांश निर्वाचित सदस्य उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी रहे है। जिन लोगों ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया, उन लोगों को इस राज्य के विकास एवं दूर दराज के आम जनमानस की चिंता होगी ऐसा उनका विश्वास है। उन्होंने कहा कि बड़े सघर्षों के बाद उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण हुआ है। हमें जन सेवा का भाव सदैव अपने मन में लाना होगा। जन संतुष्ट का सदैव हमारा प्रयास रहना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में संसाधनों के विकास, निवेश एवं आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन, उद्योग एवं जीएसटी क्लेक्शन में बढ़ोत्तरी के प्रयास जारी है। इस संबंध में विभिन्न क्षेत्रों में नई नीतियां बनाई गई है। देश-विदेश के उद्यमी राज्य में निवेश के लिए आए, इसके लिए दिसंबर में वैश्विक निवेश सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपना एक-एक क्षण राज्यहित एवं विकास के लिए समर्पित करना होगा। हमारे विशिष्ट कार्य ही हमारी पहचान बनाते है। उन्होंने जनसमस्याओं के समाधान में आपसी संवाद पर ध्यान देने पर बल देते हुए कहा कि हम सबको उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए विकल्प रहित संकल्प के मंत्र को आत्मसात कर सहयोगी बनना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सचिवालय के कार्मिकों की समस्याओं का निराकरण करने के साथ कर्मचारी हितों में जो भी कार्य होंगे, उन्हें समयबद्ध और सुनियोजित तरीके से पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने संघ के कतिपय पदाधिकारियों का निविरोध निर्वाचित होने पर भी खुशी जताते हुए कहा कि इससे पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में एक संदेश जाएगा कि राज्य की सर्वाेच्च संस्था में बैठे अधिकारी कर्मचारी अपने प्रतिनिधियों के चयन में विश्वास एवं उनके समर्पण को ध्यान में रखते हुए उन्हें निर्विरोध निर्वाचित करते हैं।

मुख्यमंत्री ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्राविधान करने वाले नारी शक्ति वंदन विधेयक के लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द वर्धन ने भी सचिवालय संघ के पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी। संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया तथा मुख्यमंत्री आपदा राहत हेतु रूपये 1.82 लाख का चौक भेंट किया।

इस अवसर पर कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी तथा सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

सचिवालय में खुली पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेंटर, एसीएस राधा रतूड़ी ने किया शुभारम्भ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय कार्मिकों के हित में सचिवालय परिसर में स्थित डिस्पेन्सरी में पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर की स्वीकृति देने के साथ ही इसे जल्द से जल्द शुरू करवाने के निर्देश दिए थे।

जिस क्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय स्थित राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय में निःशुल्क पैथोलॉजीकल परीक्षण हेतु पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर का शुभारम्भ किया। इस पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर में सभी आवश्यक मूलभूत पैथोलॉजीकल जाँचें जिसमें ब्लड, यूरीन, सीबीसी, ब्लड शुगर, किडनी, लीवर, कॉलेस्ट्रोल, थॉयरायड सहित लगभग 270 प्रकार की जाँचें निःशुल्क की जायेगी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय कार्मिकों के हित में सचिवालय परिसर में स्थित डिस्पेन्सरी में पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर की स्वीकृति देने के साथ ही निर्देश दिए थे कि इसे जल्द से जल्द शुरू करवाया जाय।

एसीएस राधा रतूड़ी ने इसे सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने में एक अत्यन्त महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने बताया कि सरकार की इस पहल से राज्य सचिवालय में कार्यरत अधिकारियों एवं कार्मिकों को लाभ मिलेगा, उनके समय की बचत होगी तथा कार्यस्थल पर ही आवश्यक चिकित्सा सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी। सरकार ने अपने कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता दी है तथा प्रदेशभर में अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे और पहुंच को सरल बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।

इस अवसर पर अपर सचिव डा0 अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा0 विनीता शाह तथा सचिवालय के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री आवास से मौखिक निर्देश के लिए अधिकारी नियुक्त

मुख्यमंत्री सचिवालय अथवा आवास कार्यालय से आकस्मिकता एवं अपरिहार्य परिस्थितियों में दूरभाष या मौखिक रूप से दिए जाने वाले निर्देशों हेतु अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। इसके लिए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री सचिवालय अथवा आवास कार्यालय से किसी भी प्रकार के निर्देश- अनुदेश सामान्यतः लिखित रूप से प्रसारित किए जाते हैं। अपरिहार्य परिस्थितियों में एवं आकस्मिकता की स्थिति में उक्त कार्यालयों से मुख्यमंत्री के किसी भी निर्देश को दूरभाष के माध्यम से या मौखिक रूप से अवगत कराए जाने की आवश्यकता पड़ने पर, इस हेतु अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त जिन अधिकारियों/महानुभावों को प्राधिकृत किये जाने के निर्देश हैं, इनमें सचिव, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड शासन, अपर सचिव, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड शासन, दिवस अधिकारी ( जिस तिथि/दिवस को दिवस अधिकारी के रूप में दायित्वों का निवर्हन किया जा रहा हो। ) तथा मुख्यमंत्री द्वारा प्राधिकृत अन्य सामाजिक व्यक्ति (जिसके सम्बन्ध में पृथक से अवगत कराया जाएगा।)