देहरादून सचिवालय में संस्कृत संभाषण शिविर का हुआ आयोजन

राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के संरक्षण-संवर्धन एवं संस्कृत को जनभाषा बनाने के उद्देश्य से उत्तराखंड सचिवालय परिसर में संस्कृत संभाषण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभारम्भ बुधवार को कैबिनेट के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा सभी कैबिनेट मंत्रियों एवं मुख्य सचिव की उपस्थिति में किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपनी संस्कृति व संस्कृत भाषा के संरक्षण व प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य को लेकर 13 जनपदों में 13 संस्कृत ग्राम विकसित किये जा रहे हैं। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के माध्यम से वेद, दर्शन, उपनिषद् आदि प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा से जनसामान्य को जोड़ने के लिए अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं। संस्कृत भाषा का संरक्षण व संवर्धन करना सरकार की प्राथमिकता है।

सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार गैरोला ने बताया कि सचिवालय परिसर में 29 मई से 12 जून तक संस्कृत संभाषण कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसमें सचिवालय के अधिकारियों व कार्मिकों को संस्कृत संभाषण का अभ्यास कराया जाएगा। जिसके लिए सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा भी निर्देश जारी किये गये हैं।

उत्तराखण्ड सचिवालय में फिजियोथैरेपी सेंटर का सीएम रतूड़ी ने किया शुभारम्भ

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड सचिवालय में फिजियोथैरेपी सेंटर का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर सचिवालय के सभी कार्मिकों को बधाई देते हुए हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि सचिवालय में फिजियोथैरेपी की सुविधा उपलब्ध होने से अधिकाधिक कार्यरत कार्मिक लाभान्वित होंगे। सचिवालय कार्मिकों को ससमय कार्यस्थल पर ही बेहतरीन फिजियोथैरेपी सुविधा उपलब्ध करवाने का यह प्रयास प्रशंसनीय है। मुख्य सचिव ने इस पहल के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा उत्तराखण्ड सचिवालय संघ की सराहना की।

इस अवसर पर सचिव डॉ आर राजेश कुमार, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ सुनिता टम्टा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ आशुतोष स्याणा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ मनोज शर्मा, चिकित्साधिकारी डॉ विमलेश जोशी, डा० रविन्द्र सिंह राणा, उत्तराखण्ड सचिवालय संघ के सभी पदाधिकारी एवं सचिवालय के कार्मिक मौजूद रहे।

कार्मिकों की लग्न से वर्ष 2025 में प्रदेश हर क्षेत्र में प्रथम स्थान हासिल करेगाः राधा रतूड़ी

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय परिसर में आयोजित ‘नववर्ष शुभकामनाएं’ कार्यक्रम में समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नववर्ष 2025 की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने समस्त प्रदेश वासियों की समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की, उन्होंने कहा कि सचिवालय एक सर्वाेच्च प्रशासनिक संस्था है, जिसके सहयोग से प्रदेश ने एसडीजी इंडेक्स में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने अपील की कि नये वर्ष में और अधिक लगन एवं जोश से कार्य करें जिससे राज्य का प्रथम स्थान बरकरार रहे। उन्होंने विश्वास जताया, कि आगामी वर्ष 2025 में उनके सहयोग से प्रदेश हर क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त करेगा।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि सचिवालय एक सर्वाेच्च प्रशासनिक इकाई है, जहां आम जनता के प्रवेश होते ही उन्हें अनुभव होना चाहिए, कि वे शीर्ष संस्थान में आए हैं। उन्होंने इस बात को ध्यान में रखते हुए समस्त कार्मिकों से ऐसी कार्यशैली से कार्य करने को कहा, जिससे आम आदमी को ससमय राहत मिले तथा अंतिम व्यक्ति को योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन सहित सचिवालय के सभी कार्मिक मौजूद रहे।

आरटीओ ऑफिस के आस-पास कॉमन सर्विस सेंटर की व्यवस्था की जाएः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में परिवहन विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चत किया जाए कि लोगों को लाइसेंस के लिए आवेदन करने और स्लॉट मिलने में परेशानी न हो। आरटीओ ऑफिस के आस-पास कॉमन सर्विस सेंटर की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे समय-समय पर जन सुविधाओं से जुड़े कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि सभी विभाग पिछले तीन सालों में किये गये 10 महत्वपूर्ण कार्यों और जुलाई 2026 तक विभागों को 10-10 कौन से महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण करने हैं, इसका स्पष्ट ब्यौरा उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बेहतर एवं सुगम नागरिक केन्द्रित सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। ऑनलाईन सेवाओं को व्यावहारिक बनाने की दिशा में और प्रयास किये जाने, सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को निरंतर जागरूक किये जाने, ऑनलाईन माध्यम से चालान की प्रक्रियाओं पर अधिक ध्यान दिये जाने के साथ यातायात के नियमों का अनुपालन सुनिश्चत किये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये, उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी संबंधित विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने, परिवहन निगम की बसों के बेड़े के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिये जाने को कहा। पुरानी बसों के स्थान पर नई बसों की व्यवस्था के साथ ही मैदानी मार्गों में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही।
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में वाहनों की फिटनेस के लिए 04 आटोमेटिड टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना की गई है, जबकि 07 पर कार्यवाही गतिमान है। सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए 13 इन्टरसेप्टर वाहनों एवं 30 बाईक स्क्वैड की तैनाती की गई है। हलद्वानी में चालक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जा रही है। राज्य में 04 ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की स्थापना की जा चुकी है, जबकि 07 पर प्रक्रिया गतिमान है।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम एवं परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम की मौजूदगी में सचिवालय संघ के पदाधिकारियों ने ली पद व गोपनीयता की शपथ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सचिवालय के प्रति प्रदेश की जनता की बड़ी अपेक्षायें रहती है। जनता की अपेक्षाओं पर खड़ा उतरना हमारी जिम्मेदारी है। हम सब सरकार के अंग है तथा राज्य का विकास हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय प्रदेश में सुशासन की नींव है। यहीं से प्रदेश के भविष्य के लिए फैसले लिए जाते हैं और जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन होता है। संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारकर समाज के अंतिम पक्ति में खड़े व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचाने में कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है। संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मुख्य ध्येय है। इस ध्येय की प्राप्ति में अधिकारी और कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।

सचिवालय में सचिवालय संघ के निर्वाचित कार्यकारिणा के सदस्यों को शपथ दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने सचिवालय कर्मचारी कल्याण कोष के गठन के लिये 30 लाख की धनराशि प्रदान करने तथा सचिवालय में विजिटर रूम की व्यवस्था बनाये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने चाइल्ड केयर लीव की पूर्ववतः व्यवस्था बनाये रखने आदि की भी बात कही।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय संघ के अध्यक्ष श्री सुनील लखेड़ा, उपाध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, महासचिव राकेश जोशी एवं कार्यकारिणी के सभी सदस्यों को शुभकामनायें देते हुए अपेक्षा की, कि वे प्रदेश के सर्वांगीण विकास एवं आमजन तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाकर उन्हें राहत देने के लिए और अधिक संवेदनशीलता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में मददगार बनेंगे। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखंड सचिवालय में एक नई कार्य संस्कृति, एक नया सौहार्दपूर्ण कार्यव्यवहार का वातावरण आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान नवनिर्वाचित सचिवालय संघ में अधिकांश निर्वाचित सदस्य उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी रहे है। जिन लोगों ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया, उन लोगों को इस राज्य के विकास एवं दूर दराज के आम जनमानस की चिंता होगी ऐसा उनका विश्वास है। उन्होंने कहा कि बड़े सघर्षों के बाद उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण हुआ है। हमें जन सेवा का भाव सदैव अपने मन में लाना होगा। जन संतुष्ट का सदैव हमारा प्रयास रहना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में संसाधनों के विकास, निवेश एवं आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन, उद्योग एवं जीएसटी क्लेक्शन में बढ़ोत्तरी के प्रयास जारी है। इस संबंध में विभिन्न क्षेत्रों में नई नीतियां बनाई गई है। देश-विदेश के उद्यमी राज्य में निवेश के लिए आए, इसके लिए दिसंबर में वैश्विक निवेश सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपना एक-एक क्षण राज्यहित एवं विकास के लिए समर्पित करना होगा। हमारे विशिष्ट कार्य ही हमारी पहचान बनाते है। उन्होंने जनसमस्याओं के समाधान में आपसी संवाद पर ध्यान देने पर बल देते हुए कहा कि हम सबको उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए विकल्प रहित संकल्प के मंत्र को आत्मसात कर सहयोगी बनना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सचिवालय के कार्मिकों की समस्याओं का निराकरण करने के साथ कर्मचारी हितों में जो भी कार्य होंगे, उन्हें समयबद्ध और सुनियोजित तरीके से पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने संघ के कतिपय पदाधिकारियों का निविरोध निर्वाचित होने पर भी खुशी जताते हुए कहा कि इससे पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में एक संदेश जाएगा कि राज्य की सर्वाेच्च संस्था में बैठे अधिकारी कर्मचारी अपने प्रतिनिधियों के चयन में विश्वास एवं उनके समर्पण को ध्यान में रखते हुए उन्हें निर्विरोध निर्वाचित करते हैं।

मुख्यमंत्री ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्राविधान करने वाले नारी शक्ति वंदन विधेयक के लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द वर्धन ने भी सचिवालय संघ के पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी। संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया तथा मुख्यमंत्री आपदा राहत हेतु रूपये 1.82 लाख का चौक भेंट किया।

इस अवसर पर कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी तथा सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

सचिवालय में खुली पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेंटर, एसीएस राधा रतूड़ी ने किया शुभारम्भ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय कार्मिकों के हित में सचिवालय परिसर में स्थित डिस्पेन्सरी में पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर की स्वीकृति देने के साथ ही इसे जल्द से जल्द शुरू करवाने के निर्देश दिए थे।

जिस क्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय स्थित राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय में निःशुल्क पैथोलॉजीकल परीक्षण हेतु पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर का शुभारम्भ किया। इस पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर में सभी आवश्यक मूलभूत पैथोलॉजीकल जाँचें जिसमें ब्लड, यूरीन, सीबीसी, ब्लड शुगर, किडनी, लीवर, कॉलेस्ट्रोल, थॉयरायड सहित लगभग 270 प्रकार की जाँचें निःशुल्क की जायेगी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय कार्मिकों के हित में सचिवालय परिसर में स्थित डिस्पेन्सरी में पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर की स्वीकृति देने के साथ ही निर्देश दिए थे कि इसे जल्द से जल्द शुरू करवाया जाय।

एसीएस राधा रतूड़ी ने इसे सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने में एक अत्यन्त महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने बताया कि सरकार की इस पहल से राज्य सचिवालय में कार्यरत अधिकारियों एवं कार्मिकों को लाभ मिलेगा, उनके समय की बचत होगी तथा कार्यस्थल पर ही आवश्यक चिकित्सा सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी। सरकार ने अपने कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता दी है तथा प्रदेशभर में अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे और पहुंच को सरल बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।

इस अवसर पर अपर सचिव डा0 अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा0 विनीता शाह तथा सचिवालय के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री आवास से मौखिक निर्देश के लिए अधिकारी नियुक्त

मुख्यमंत्री सचिवालय अथवा आवास कार्यालय से आकस्मिकता एवं अपरिहार्य परिस्थितियों में दूरभाष या मौखिक रूप से दिए जाने वाले निर्देशों हेतु अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। इसके लिए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री सचिवालय अथवा आवास कार्यालय से किसी भी प्रकार के निर्देश- अनुदेश सामान्यतः लिखित रूप से प्रसारित किए जाते हैं। अपरिहार्य परिस्थितियों में एवं आकस्मिकता की स्थिति में उक्त कार्यालयों से मुख्यमंत्री के किसी भी निर्देश को दूरभाष के माध्यम से या मौखिक रूप से अवगत कराए जाने की आवश्यकता पड़ने पर, इस हेतु अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त जिन अधिकारियों/महानुभावों को प्राधिकृत किये जाने के निर्देश हैं, इनमें सचिव, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड शासन, अपर सचिव, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड शासन, दिवस अधिकारी ( जिस तिथि/दिवस को दिवस अधिकारी के रूप में दायित्वों का निवर्हन किया जा रहा हो। ) तथा मुख्यमंत्री द्वारा प्राधिकृत अन्य सामाजिक व्यक्ति (जिसके सम्बन्ध में पृथक से अवगत कराया जाएगा।)

सीएम से मिले ले. जनरल एनएस राजा, दिया कुमांऊ रेजीमेंट आने का न्यौता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री से सेना से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

लेफ्टिनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रमणि ने कहा कि चंपावत में सीएसडी कैंटीन के विस्तारीकरण के लिए धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। रुद्रप्रयाग में भी सीएसडी कैंटीन के लिए भवन बनाया जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने उनका आभार व्यक्त किया। लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री को गढ़वाल राइफल्स के रेजीमेंटल सेंटर, लैंसडाउन एवं कुमांऊ रेजीमेंट के सेंटर रानीखेत आने के लिए भी न्यौता दिया।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड सब एरिया के जीओसी, मेजर जनरल संजीव खत्री भी उपस्थित थे।

पर्वतीय जनपदों में लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए सहकारिता के क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकताः सीएम

राज्य के पर्वतीय जनपदों में लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए सहकारिता के क्षेत्र में और प्रयासों की जरूरत है। सरकार की विभिन्न योजनाओं का आम जन अधिक से अधिक फायदा ले सकें, इसके लिए ऐसी व्यवस्था की जाय कि एक जैसी प्रकृति की योजनाओं के तहत लोगों को संबंधित विभागों की योजना का लाभ उठाने के लिए मिश्रित लोन लेने की सुविधा मिल सके। सहकारी बैंकों द्वारा एनपीए को कम करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जाएं। बैंकों को ऋण जमा अनुपात को बढ़ाने की दिशा में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में और प्रयासों की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखण्ड राज्य सहकारी बैंकों की बैठक के दौरान अधिकारियों को ये निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की आजीविका को बढ़ाने के लिए राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। कलस्टर आधारित अप्रोच पर अधिक ध्यान दिया जाए। पर्वतीय जनपदों में सहकारिता आधारित कार्यों को तेजी से बढ़ाने की आवश्यकता है। राज्य में मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएं। इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाय। आम जन को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके, सहकारी बैंकों के माध्यम से लोन की प्रक्रियाओं के सरलीकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की आम जन को गोष्ठियों एवं कैम्प के माध्यम से जानकारी दी जाय।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि पिछले 5 सालों में राज्य के सहकारी बैंकों में एनपीए में तेजी से कमी की गई है। 5 साल पहले एनपीए लगभग 20 प्रतिशत था, जो अब घटकर 3.81 प्रतिशत है। सहकारी बैंकों के माध्यम से मोबाईल बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में सभी पैक्स का कंप्यूटराइजेशन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। सहकारी बैंकों में आईबीपीएस के माध्यम से भर्तियां की जा रही हैं।

बैठक में सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, अपर निबंधक सहकारिता ईरा उप्रेती, एमडी सहकारिता नीरज बेलवाल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम बोले, सचिवालय में नई कार्य संस्कृति से कार्य हो

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सुराज, सुशासन, सरलीकरण एवं समाधान’ के संबंध में अनुभाग अधिकारियों के साथ चर्चा बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय प्रदेश का दर्पण है। यहीं से प्रदेश की दशा, दिशा एवं व्यवस्थाओं का नीति निर्धारण होता है। अनुभाग अधिकारी सचिवालय की महत्वपूर्ण कड़ी में शामिल होते हैं। चर्चा के दौरान अनुभाग अधिकारियों द्वारा अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में नई कार्य संस्कृति से कार्य हो, कार्यों के सफल संचालन के लिए अनुभागों में हर संभव सुविधा दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुभागों में इस बात का विशेष ध्यान दिया जाए कि आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए पत्रावलियों पर सकारात्मक नोटिंग हो। सचिवालय से लोगों को बहुत अपेक्षाएं होती हैं। पत्रावलियों पर सबके दृष्टिकोण अलग हो सकते हैं, इनके निस्तारण के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण से हम अपना क्या योगदान दे सकते हैं, इस पर ध्यान दिया जाए। जनहित से जुड़ी किसी पत्रावली पर जब सकारात्मक निस्तारण होता है, तो इसका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों को मिलता है। समाज के इन अंतिम पंक्ति के लोगों को ध्यान में रखते हुए कार्यों को आगे बढ़ाना होगा। जिन कार्मिकों को सचिवालय में सेवा करने का अवसर मिला है, उन पर अपने सकारात्मक दृष्टिकोण से अनेक लोगों का जीवन परिवर्तन करने का अवसर भी होता है। भगवान द्वारा दिये गये इस अवसर का लाभ जनहित के कार्यों से अवश्य लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कार्यप्रणाली के लिए अनुभाग अधिकारियों को साल में एक बार प्रशिक्षण अवश्य दिया जाए। इसके अलावा जो अनुभाग अधिकारी कार्यों के बेहतर संपादन के लिए कोई अन्य प्रशिक्षण लेना चाहते हैं, उसकी भी व्यवस्था की जाए। अनुभाग अधिकारियों को जो अनुभाग दिये जाते हैं, उनसे संबंधित कार्यों की उन्हें बेहतर जानकारी हो, इसके लिए उन्हें कुछ दिन संबंधित विभाग के एचओडी ऑफिस में भेजा जाए, ताकि वे विभागों की कार्यप्रणाली को अच्छी तरह समझ पायें। सचिवालय में जो भी फरियादी आते हैं, उनका सही मार्गदर्शन हो, इसके लिए हैल्प डेस्क भी बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अनुभागों में सभी मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सचिवालय परिसर में स्वच्छता के साथ ही शौचालयों की अच्छी व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने में सबका सहयोग जरूरी है। सबके सामूहिक प्रयासों से राज्य का समग्र विकास किया जायेगा।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने कहा कि किसी भी पत्रावली की शुरूआती नोटिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है। फाइल में नोट लिखते समय उसमें नियम का उल्लेख जरूर किया जाए। कुछ ऐसे प्रस्ताव होते हैं, जो जनहित की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे प्रस्तावों में शुरूआती चरण से ही नोटिंग बहुत अच्छी तरह लिखी जाए। ऐसे प्रस्तावों में यदि कहीं नियमों में स्पष्ट उल्लेख न हो तो, इसका सकारात्मक समाधान क्या है, वह भी नोट में लिखा जाए। पत्रावलियों के निस्तारण से अधिक ध्यान उनके निस्तारण के लिए सकारात्मक नोट लिखने पर दिया जाए। उन्होंने कहा कि समय-समय पर अनुभाग अधिकारियों को फील्ड विजिट भी करवाया जायेगा। मुख्य सचिव ने कहा कि जनहित की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रकृति की फाइलों का पहले निस्तारण किया जाए।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि कोई भी पत्रावली परामर्शी विभागों को भेजने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाए कि उसकी नोटिंग में परामर्श बिन्दु का स्पष्ट उल्लेख हो। उन्होंने कहा कि ई-आफिस प्रणाली पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बैठकों के लिए अब ई-फाईल, ई-मेल एवं व्हाट्सएप के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को सूचना दी जायेगी।

इस अवसर पर अनुभाग अधिकारियों ने भी अपने सुझाव दिये। अनुभाग अधिकारियों ने सुझाव दिया कि यदि कोई पत्रावली अनुभाग से अनु सचिव, उप सचिव एवं संयुक्त सचिव स्तर तक जाती है और उसमें उनके द्वारा कोई आपत्ति लगाई जाती है, तो वह पत्रावली वापस अनुभाग में भेज दी जाती है। वह पत्रावली उस स्तर से अपर सचिव एवं सचिव स्तर पर जानी चाहिए। जिस अधिकारी को फाईल नोटिंग में वार्ता लिखा जाता है, उच्च स्तर पर वही अधिकारी वार्ता के लिए जाए। फाइलों के त्वरित निस्तारण के लिए कार्यों को टाइम बाउंड करने का सुझाव भी अनुभाग अधिकारियों द्वारा दिया गया।