उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का दौर फिर शुरू

मौसम के करवट बदलते ही उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का दौर फिर शुरू हो गया। चारधाम समेत नैनीताल व मसूरी की चोटियों पर हिमपात हुआ है। जबकि, प्रदेश के अधिकांश इलाकों में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश ने ठंड बढ़ा दी है। औली और फूलों की घाटी में भारी हिमपात हुआ है। मौसम के बदले तेवरों ने प्रदेशभर में फिर कड़ाके की ठंड लौट आई है। तापमान के गोता लगाने और बर्फीली हवाएं चलने से ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शनिवार को भी मौसम का मिजाज बदला हुआ रहने की संभावना है। अधिकांश इलाकों में बारिश और बर्फबारी के साथ ही ओलावृष्टि के आसार हैं।
शुक्रवार को उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में एक बार फिर भारी हिमपात हुआ। धनोल्टी के आसपास की पहाड़ियों पर सफेद चादर बिछ गई। इसके अलावा मसूरी में मूसलाधार बारिश ने ठंड में इजाफा कर दिया। वहीं, चंपावत में बारिश के कारण सुबह छह बजे टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला और बनलेख के पास चट्टान खिसककर सड़क पर आ गई। इससे मार्ग करीब पांच घंटे तक बंद रहा।
प्रदेश के अधिकांश शहरों में अधिकतम तापमान लुढ़ककर सामान्य से नीचे पहुंच गया है, जिससे दिन के समय भी ठिठुरन बनी रही। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के जम्मू एंड कश्मीर व हिमाचल पहुंचने के चलते उत्तराखंड में बादलों ने डेरा जमा लिया है। ऐसे में शनिवार को भी अधिकांश इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। मैदानी क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ ही ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई। केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह का हेलीकॉप्टर खराब मौसम के चलते देहरादून से उड़ान नहीं भर सका। केंद्रीय राज्य मंत्री को हवाई मार्ग से दून से श्रीनगर और उसके बाद गौचर जाना था। मौसम खराब होने के कारण उन्हें सड़क मार्ग से ही श्रीनगर जाना पड़ा।

वार्षिक पत्रिका का विमोचन कर सीएम बोले, इसमें राज्य के स्थल तथा मंदिरों की भरपूर जानकारी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में पर्वतीय बन्धु समाज समिति, नवोदय नगर हरिद्वार की वार्षिक पत्रिका ‘‘म्यारू पहाड़ म्यारू परांण’’ का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस पत्रिका में उत्तराखण्ड के भौगोलिक, धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पर्वतीय अंचल की विशेषताओं को संजोने का अच्छा प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पत्रिका में उत्तराखण्ड के ऐसे स्थलों एवं मंदिरों के बारे में भी जानकारी दी जाय जिनका अपने आप में विशिष्ट महत्व है। इससे लोगों को उत्तराखण्ड के प्रमुख पर्यटक स्थलों एवं धार्मिक स्थलों की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन के क्षेत्र में अनेक सम्भावनाएं हैं, हमें राज्य के ऐसे धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों की जानकारी लोगों को देनी होने जिनका पौराणिक एवं विशिष्ट महत्व है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए निरन्तर प्रयासरत है। पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। जो लोग पर्वतीय क्षेत्रों से शहरों की ओर आ गये हैं, उन्हें साल में एक या दो बार जरूर अपने पैतृक निवास पर जाना चाहिए। होम स्टे को राज्य सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका प्रमुख उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी को संवारना है। ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना भी आर्थिकी सुधार के लिए की गई है।