बाबा बौखनाग मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा, सिलक्यारा टनल हुई ब्रेकथ्रू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा सुरंग के ब्रेकथ्रू कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। गौरतलब है कि वर्ष 2023 में सिलक्यारा सुरंग निर्माण के दौरान 41 श्रमिक 17 दिनों तक भीतर फंस गये थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतर्गत सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। सिलक्यारा सुरंग चारधाम यात्रा की दृष्टि से महत्वपूर्ण परियोजना है। लगभग 1384 करोड़ लागत की डबल लेन की इस सुरंग परियोजना की लंबाई 4.531 किलोमीटर है। सुरंग निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 25 किलोमीटर तक कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा और समय की बचत होगी। इस परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा टनल ब्रेकथ्रू के अवसर पर परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों, श्रमिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर न केवल उन्नत इंजीनियरिंग की सफलता का प्रतीक है, बल्कि आस्था और समर्पण की शक्ति का जीवंत उदाहरण भी है। उन्होंने कहा कि सिलक्यारा टनल अभियान दुनिया का सबसे जटिल और लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन था। इससे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की। यह घटना तकनीकी और मानवीय संकल्प की वास्तविक परीक्षा थी, सभी ने एकजुट होकर इस अभियान को सफल बनाया। उन्होंने समस्त रेस्क्यू टीम, रैट माइनर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सहयोगी संस्थाओं का भी इस अभियान को सफल बनाने में आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिलक्यारा अभियान पर पूरी दुनिया की नजरें थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और भारत सरकार के पूर्ण सहयोग के चलते राज्य सरकार ने इस चुनौतीपूर्ण अभियान को सफलतापूर्वक संचालित किया। इस रेस्क्यू अभियान में देश और दुनिया में उपलब्ध आधुनिक संसाधनों और विशेषज्ञों का भी सहयोग लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों ने जिस धैर्य का परिचय दिया, इससे हमारा हौसला बढ़ा।

बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए घर से भेंट और पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे मुख्यमंत्री।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया। बौखनाथ मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए देहरादून स्थित अपने घर से मुख्यमंत्री भेंट और पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं सिल्क्यारा अभियान के दौरान कैम्प कर रेस्क्यू अभियान की निरंतर निगरानी और निर्देशन किया था। रेस्क्यू अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से मन्नत मांगते हुए मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था।

मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से प्रदेश की खुशहाली और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि जब सुरंग के मुख पर बाबा बौखनाग को विराजमान किया, तभी फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाला जा सका। उस समय उन्होंने बाबा बौखनाग का भव्य मंदिर बनाने की घोषणा की थी। आज मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने से संकल्प भी पूरा हुआ है और श्रद्धालु भी बाबा बौखनाग का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि टनल निर्माण के दौरान 12 नवम्बर को अचानक हुए भूस्खलन में 41 श्रमिक इस सुरंग में फँस गए थे। उस समय देशभर से लोग इन श्रमिकों की कुशलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे। उस अँधेरी सुरंग में, जहाँ उम्मीद की किरणें भी धूमिल हो रही थी, बाबा बौखनाग ने पहाड़ों के रक्षक के रूप में शक्ति और विश्वास का संचार किया।

मुख्यमंत्री घोषणा

1. सिलक्यारा टनल का नाम बाबा बौखनाग के नाम पर किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।
2. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गेंवला-ब्रह्मखाल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाया जायेगा।
3. बौखनाग टिब्बा को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा।
4. स्यालना के निकट हेलीपैड का निर्माण किया जायेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, विधायक सुरेश चौहान, दुर्गेश्वर लाल, संजय डोभाल, प्रबंध निदेशक एन.एच.आई.डी.सी.एल डॉ. कृष्ण कुमार, जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, एसपी सरिता डोभाल, जनप्रतिनिधिगण और अधिकारीगण उपस्थित थे।

सीएम ने दिया सावणी गांव में आग से प्रभावितों को तुरंत राहत और पुनर्वास कार्य शुरू करने का आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक के सावणी गांव में लगी आग से प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को तुरंत राहत और पुनर्वास कार्य शुरू करने का आदेश दिया है। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि प्रभावित परिवारों को आवश्यक सामग्री, भोजन, कपड़े और अस्थायी आश्रय की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर की जाए।

प्राप्त सूचना के अनुसार सावणी गांव में लगी आग को नियंत्रित कर लिया गया है। एसडीआरएफ, पुलिस, फायर सर्विस, फायर सर्विस नौगांव, राजस्व, वन विभाग, की टीम सहित उपजिलाधिकारी पुरोला गोपाल सिंह चौहान और तहसीलदार मोरी भी घटनास्थल पर मौजूद हैं।

सिल्क्यारा विजय अभियान पुस्तक का राज्यपाल सहित सीएम ने किया विमोचन

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को दून विश्वविद्यालय, देहरादून में आयोजित ‘सिलक्यारा विजय अभियान’ प्रथम वर्षगाँठ एवं 19वाँ राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन-2024 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने सिल्क्यारा विजय अभियान पुस्तक एंव अन्य पुस्तकों का विमोचन किया। उन्होंने सिल्क्यारा रेस्क्यू अभियान पर बनी लघु फिल्म का अवलोकन भी किया।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि यह अभियान राज्य आपदा प्रबंधन क्षमता का उत्कृष्ट उदाहरण है। विश्व के पर्वतीय देशों के लिए यह उदाहरण है कि किस प्रकार से सिलक्यारा टनल में फँसने के बाद किस प्रकार 41 श्रमिकों को बचाव कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया। यह धैर्य, लीडरशिप, कॉर्डिनेशन और अपने संकल्प को पूरा करने का बहुत बड़ा उदाहरण है। पूरे विश्व ने देखा है कि किस 17 देशों के एक्सपर्ट्स 41 फँसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का कार्य जिसमे एक भी श्रमिक को खरोंच तक नहीं आई। उन्होंने कहा कि इस विजय अभियान का डॉक्यूमेंटेशन किया जाना भी एक ऐतिहासिक कार्य है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी। राज्यपाल ने कहा कि भारतीयों के अंदर जो क्षमता है, जिसे पूरी दुनिया ने कोविड के दौरान भी देखा था। इसके बाद सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों का बचाव कार्य भी इसका एक और उदाहरण है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश को ईश्वर ने बहुत से प्राकृतिक संसाधनों से नवाजा है। अब इनके संरक्षण की जिम्मेदारी भी हमारी है। उन्होंने कहा कि राजभवन में वाटर हार्वेस्टिंग पर कार्य किया जा रहा है, जिसके अच्छे परिणाम दिख रहे हैं। उन्होंने आम जन से अपने आस-पास नौले धारों और प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण का आह्वान किया। राज्यपाल ने कहा कि हमें स्थानीय समुदायों की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करना है जल प्रबंधन में ग्राम पंचायतों और नागरिक संगठनों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमसे आग्रह किया है कि पर्यावरण की रक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि एक पेड़ माँ के नाम लगाकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि माताओं, बहनों में कुछ भी कर गुजरने की एक अद्भुत क्षमता है। हमें अपनी बहनों को आगे बढ़ाने में उनका साथ देना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष सिलक्यारा के सफल बचाव अभियान ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा था। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और सहयोग से 17 दिनों के अथक प्रयासों से सिलक्यारा टनल में फंसे हुए 41 श्रमिकों को सुरक्षित बचाया गया था। उन्होंने कहा पूरा विश्व और देश के लोग सिल्क्यारा के लिए दुवा कर रहा था। जो अभियान सामूहिक समर्पण और तकनीकी दक्षता की अनुपम मिसाल बना। जिसे अब आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अध्ययन और शोध का विषय भी माना जा रहा है। उन्होंने सिल्क्यारा के सफल रेस्क्यू के एक वर्ष होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन बीते 19 वर्षों से प्रदेश में विज्ञान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने के साथ युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ये सम्मेलन शोध पत्रों के प्रस्तुतीकरण, सामाजिक महत्व के शोध, नवाचार और नीतिनिर्धारण जैसे गंभीर विषयों पर चिंतन का मंच भी है। हर वर्ष सम्मेलन में राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होती है, पिछले तीन वर्षों में हमने ग्रामीण विज्ञान, भारतीय ज्ञान-विज्ञान परंपरा और आपदा प्रबंधन जैसे विषयों पर नवाचार और शोध को प्रोत्साहित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष सम्मेलन में उत्तराखण्ड में जल एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण जैसे प्रासंगिक और महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा होगी, जो जलवायु परिवर्तन और बढ़ती हुए जनसंख्या को देखते हुए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा हमारा राज्य जल संपदा को संजोए हुए है। उन्होंने कहा इस सम्मेलन में राज्य और देशभर से आए वैज्ञानिकों व शोधकर्ताओं द्वारा जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन जैसे विषयों पर भी गहन मंथन होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत दशकों से नित नए कीर्तिमान स्थापित करता रहा है। कोरोना वैक्सीन से ब्रह्माण्ड के अबूझ रहस्यों तक, हम भारतीय विज्ञान को नए स्तर पर ले जाने का कार्य निरंतर कर रहे हैं। भारत ने समय समय पर अपनी वैज्ञानिक और बौद्धिक संपदा को सिद्ध करके दिखाया है। भारत के महान खगोलशास्त्री आर्यभट्ट, आचार्य कणाद, आचार्य नागार्जुन, महर्षि सुश्रुत जैसे अनेक लोग, भारत के वो वैज्ञानिक स्तंभ हैं, जिनके सिद्धांतों पर आज का आधुनिक विज्ञान स्थापित है। दुनिया को ज्ञान, विज्ञान और शिक्षा देने का काम भारत ने किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अनेकों कार्य हुए हैं। आज भारत में गुड गवर्नेंस के लिए विज्ञान और तकनीकी का व्यापक उपयोग हो रहा है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से हम उत्तराखण्ड में भी नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे हैं। देहरादून में देश की पांचवीं साइंस सिटी का निर्माण तेजी से हो रहा है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में साइंस और इनोवेशन सेंटर, लैब्स ऑन व्हील्स, और ैज्म्ड लैब्स के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत की परिकल्पना में महिलाओं की अहम भूमिका है। मुख्यमंत्री ने सभी विश्वविद्यालयों और संस्थाओं से बालिकाओं को साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु विशेष प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा सरकार, राज्य की भौगोलिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए पर्यटन, कृषि और पर्यावरण के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग सुनिश्चित कर रही है। हमारा प्रयास है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आम लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया जाए। उन्होंने कहा इस सम्मेलन के सभी सत्रों में मिले सुझावों को प्रदेश सरकार अमल में लाकर प्रदेश के समग्र विकास को गति प्रदान करेगी।

इस अवसर पर सचिव नितेश झा, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल, डॉ विनोद एवं विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ और वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

उत्तरकाशी भ्रमण के दौरान सीएम ने सुनी श्रीमद भागवत कथा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी भ्रमण के दौरान श्री शक्ति मंदिर एवं काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन कर देश व प्रदेश के विकास व जन कल्याण की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में प्रतिभाग कर अन्य श्रद्धालुओं के साथ जमीन पर बैठकर कथा सुनी।

मुख्यमंत्री के समन्वयक किशोर भट्ट एवं उनके परिजनों द्वारा शक्ति मंदिर के पुजारी रहे स्व. मुरारी लाल भट्ट के वार्षिक श्राद्ध के उपलक्ष्य में आयोजित इस कथा ज्ञान यज्ञ में आचार्य डॉ. शशांक शेखर के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का वाचन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कथा ज्ञान यज्ञ में व्यासपीठ का अभिनंदन करने और कथा श्रवण करने के उपरांत उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से हमें जीवन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी पर भगवान की बहुत बड़ी कृपा है जो हमें इस तरह के धार्मिक आयोजन कराने के लिए प्रेरित करते हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि में धामों की पवित्रता बनी रहनी चाहिए। हमारे चारों धामों के नाम का दुरुपयोग कोई ना कर सके इसके लिए हमारी सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव भी पारित किया है। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता बनाने वाला पहला राज्य है। राज्य में धर्मांतरण कानून का भी सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराया जा रहा है। राज्य में अवैध अतिक्रमण कर जमीन कब्जाने, भोजन को दूषित कर परोसने जैसी गलत प्रवृत्तियों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों में कानून के तहत सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नकल की रोकथाम के लिए कानून लागू करने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं जिसके फलस्वरूप साढ़े अठारह हजार से अधिक योग्य युवाओं को उनकी प्रतिभा में बूते नौकरी दी गई है।

इस अवसर श्रीमद् भागतव कथा आयोजक मुख्यमंत्री के समन्वयक किशोर भट्ट ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस मौके पर कीर्तेश्वरी भट्ट, नवीन भट्ट, रामेश्वर भट्ट, रुद्री प्रसाद भट्ट, संतोष भट्ट, भागेश्वरी नौटियाल, राकेश सेमवाल, देवेश सेमवाल, रंजना, राजेश सेमवाल, ज्योति डोभाल आदि मौजूद रहे।

देहरादून-उत्तरकाशी हेली सेवा का गुरूवार से होगा शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नवनिर्मित जोशियाड़ा हेलीपैड पर भव्य स्वागत हुआ। राज्य सरकार द्वारा गुरूवार 7 नवंबर से देहरादून से उत्तरकाशी के लिए प्रारंभ की जा रही हेली सेवा इसी हेलीपैड से संचालित होगी।

उत्तरकाशी भ्रमण पर आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हेलीकॉप्टर नवनिर्मित जोशियाड़ा हेलीपैड पर उतरते ही जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, क्षेत्रीय विधायक सुरेश चौहान सहित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं पारंपरिक परिधानों में सुसज्जित ग्रामीण महिलाओं सहित आम नागरिकों के द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट पुष्पगुच्छ व फूल मालाएं भेंट कर तथा पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने आज उत्तरकाशी में आयोजित एक बैठक में देहरादून से उत्तरकाशी के लिए गुरुवार से हेली सेवा प्रारंभ किए जाने की जानकारी देते हुए जनपद वासियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हेली सेवा के प्रारंभ होने से जनपदवासियों को काफी सुविधा होगी तथा पर्यटन एवं तीर्थाटन को काफी प्रोत्साहन मिलेगा।

यमुनोत्री एवं गंगोत्री मंदिर समिति ने धामों के विकास के लिये सरकार के प्रयासों की सराहना

यमुनोत्री एवं गंगोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जनपद आगमन पर भव्य स्वागत करते हुए धामों के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की व्यापक सराहना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों धामों के विस्तार और सुरक्षा से संबंधित योजनाओं को जल्द धरातल पर उतारना सरकार की प्राथमिकता हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गत मानसून काल में हुए नुकसान से सुरक्षा के लिए आपदा मद से जल्द धनराशि स्वीकृत की जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज उत्तरकाशी के एक दिवसीय भ्रमण पर आए थे। इस मौके पर यमुनोत्री व गंगोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारियों व तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें अंगवस्त्र, गंगाजली व प्रसाद भेंट की। मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से भेंट में दोनों धामों के विकास के लिए राज्य सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों, यमुनोत्री में हेलीपैड का निर्माण करने व हेली सेवा शुरू करने की स्वीकृति देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधि मंडल ने जानकीचट्टी-यमुनोत्री क्षेत्र को नगर पंचायत बनाए जाने, यमुनोत्री रोपवे का शीघ्र निर्माण कराए जाने, गंगोत्री में हेलीपैड का विस्तार करने, मुखवा-जांगला सड़क स्वीकृत किए जाने सहित यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के विस्तार हेतु प्रस्तावित योजनाओं तथा बाढ सुरक्षा कार्य की स्वीकृति का अनुरोध किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने धामों की मर्यादा और महत्ता को कायम रखने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धताओं और प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि यमुनोत्री व गंगोत्री धाम की विकास व विस्तार के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। इसके लिए जिला प्रशासन के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के प्रस्ताव तैयार करा लिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुनोत्री रोपवे के निर्माण को लेकर शासन स्तर पर जल्दी ही एक बैठक कर समुचित निर्णय लिया जाएगा ताकि पीपीपी मोड की इस योजना का काम जल्द प्रारंभ शुरू करवाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि गत मानसून काल में यमुनोत्री व गंगोत्री धाम में हुई अतिवृष्टि के कारण नदी तल व तटों पर जमा मलबे के निस्तारण तथा तटबंधों के निर्माण व अन्य सुरक्षा कार्यों के लिए आपदा मद से धनराशि स्वीकृत कराई जाएगी।

इस अवसर पर विधायक सुरेश चौहान तथ भाजपा जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र राणा के साथ ही यमुनोत्री मंदिर समिति उपाध्यक्ष बागेश्वर उनियाल, यमुनोत्री मंदिर समिति उपाध्यक्ष बागेश्वर उनियाल, सचिव सुरेश उनियाल, विपिन उनियाल के साथ ही गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानन्द सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, हरीश सेमवाल आदि सम्मिलित थे।

उत्तराखंड राज्य के तेजी से विकास और जनता की बेहतरी के लिए राज्य सरकार ने शुरू की हैं अनेक गेम चेंजर योजनाएः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जिले में संचालित विकास योजनाओं एवं जन कल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को देवभूमि उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई महत्वपूर्ण योजनाओं को पूरी तत्परता व प्रतिबद्धता से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं का पूरा लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने एवं विभागीय सेवाओं की जन-सामान्य तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने पर पर विशेष ध्यान दिया जाय।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी के एक दिवसीय भ्रमण पर जिला मुख्यालय में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में संचालित विकास योजनाओं एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड राज्य को तेजी से विकास के रास्ते पर आगे बढाने और जनता की बेहतरी के लिए राज्य सरकार ने अनेक गेम चेंजर योजनाएं शुरू की है। इसके साथ ही राज्य के आर्थिक संसाधनों को बढ़ाने की भी उल्लेखनीय पहल हुई है। केवल खनन क्षेत्र से रू. 1200 करोड़ का राजस्व मिलने की उम्मीद है। जबकि पहले खनन से मात्र 200 करोड़ का राजस्व मिलता था। यह संसाधन राज्य के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने और राज्य में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इस तरह की योजनाओं से राज्यवासियों को काफी लाभ मिलेगा। इन योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए मुख्यमंत्री ने जिला, ब्लॉक व न्याय पंचायत स्तर तक शिविर आयोजित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इन योजना की जन-प्रतिनिधियों को भी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि तेजी से विकास और जनकल्याण की राज्य सरकार की प्रतिबद्धताओं और प्रयासों का पूरा लाभ राज्यवासियों तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों को दिन-रात ईमानदारी से जुटे रहना होगा।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मनोरम नैसर्गिक सौंदर्य और बेहतर आबो-हवा वाले सीमांत जनपद उत्तरकाशी में सड़कों का सुधार और सुविधाओं का विस्तार होने के कारण पर्यटन के क्षेत्र में काफी वृद्धि होने की संभावना है। इन संभावनाओं को साकार करने के लिए सभी लोगों को समन्वित प्रयास करना होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सड़क परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए उत्तरकाशी से भैरोघाटी तक सड़क के चौड़ीकरण के प्रस्तावित कार्य को लेकर सीमा सड़क संगठन से पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा गंगोत्री धाम व सीमांत क्षेत्रों को जोड़ने वाली इस सड़क के चौड़ीकरण को लेकर केन्द्र सरकार के स्तर पर वार्ता कर इस काम को यथाशीघ्र प्रारंभ कराने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यमुनोत्री हाईवे के चौड़ीकरण की प्रगति की भी जानकारी लेते हुए इस मार्ग पर चौड़ीकरण और भूस्खलन उपचार के प्रस्तावित कार्यों को शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सड़कों को गड्ढामुक्त करने की प्रगति की जानकारी लेते हुए सड़क सुरक्षा के उपायों पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो सालों के दौरान सरकार ने सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए क्रैश बैरियर लगाने के लिए सर्वाधिक धनराशि दी है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग से निरीक्षण कराते हुए सड़कों में सभी जरूरी जगहों पर क्रैश बैरियर की स्थापना सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने जिले में गोविन्द वन्य जीव विहार के अंतर्गत पड़ने वाले क्षेत्र में पीएमजीएसवाई द्वारा प्रस्तावित सड़कों के लिए वन विभाग की अनुमति से संबंधित कार्यवाही शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की रोक हटने के बाद अब कतई देरी न की जाय।

मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी जल संयोजनों में पानी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाय और समस्याग्रस्त क्षेत्रों में जल स्रोतों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाय। बैठक में बताया गया कि जिले में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत 536 योजनाओं में से 430 पर कार्य पूरा हो चुका है। मुख्यमंत्री ने शेष 106 योजनाओं का कार्य भी समय से पूरा करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने बैठक में विभिन्न विभागों की योजनाओं की समीक्षा करने के साथ ही सरलीकरण-समाधान-संतुष्टि के सरकार के ध्येय के अनुरूप अधिकारियों को काम करने के निर्देश देते हुए कहा कि जन समस्याओं के समाधान के लिए तहसील दिवसों का नियमित रूप से आयोजन किया जाए और क्षेत्र पंचायतों की बैठकों में अधिकारी अनिवार्यतः प्रतिभाग करें।

बैठक में जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में विकास योजना की प्रगति की जानकारी देने के साथ ही जिले के विकास के लिए प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी दी। बैठक में विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी एसएल सेमवाल, अपर जिलाधिकारी रजा अब्बास, बीआरओ के कमांडर विवेक श्रीवास्तव, भाजपा के जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह राणा,ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत, ब्लॉक प्रमुख डुंडा शैलेंद्र कोहली, ब्लॉक प्रमुख मोरी बचन सिंह पंवार सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के प्रति भी तेजी से बढ़ रही लोगों की रुचि

सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया है कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की गाइडलाइन में संशोधन के बाद इस योजना के प्रति लोगों की तेजी से रूचि बढ़ी। अभी इस योजना के तहत 174 मेगावाट की परियोजनाओं पर कार्य गतिमान हैं। इस योजना के तहत टिहरी, उत्तरकाशी और चम्पावत जिला में काफी अच्छा कार्य हो रहा है। मोरी तहसील के कुकरेड़ा गांव में सोलर के साथ अदरक की खेती का कार्य भी हो रहा है। एक ही भूमि का दो तरीके से सदुपयोग किया जा रहा है।

सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत राज्य में आवेदनों के डिस्पोजल रेट के हिसाब से उत्तराखण्ड देश में पहले नम्बर पर है। इस योजना में भी राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा भी इस योजना के तहत सब्सिडी दी जा रही है। आगामी दो-तीन साल में राज्य के सभी शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप लगाये जायेंगे।

उन्होंने बताया कि राज्य में स्मॉल हाइड्रो पावर पॉलिसी भी संशोधित की गई है, इसके तहत छह प्रोजेक्ट में निविदा की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त कुल 19 प्रोजेक्ट और पाइपलाइन में हैं। उन्होंने बताया कि इन्वेस्टर समिट के दौरान भी स्मॉल हाइड्रो प्रोजेक्ट को लेकर कंपनियों ने रुचि दिखाई गई है।

राज्य में पंप्ड स्टोरेज प्लांट पॉलिसी भी बनाई गई है। इसमें इन्वेस्टर समिट के अंतर्गत दिल्ली में हुए रोड शो में जेएसडब्लू ग्रुप ने अपनी रूचि दिखाई थी। कंपनी ने उस समय 15 हजार करोड़ का एमओयू हस्ताक्षरित किया था जिसमें से 8 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल की फ़ाइल स्वीकृति हो चुकी है और बहुत ही जल्द उसके अलॉटमेंट आर्डर एक समारोह में प्रदान किए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट अल्मोड़ा में प्रस्तावित है। इसके अलावा अन्य कंपनियों ने भी पंपड स्टोरेज प्लांट में अपनी रुचि दर्शायी है।
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प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना और मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, राज्य में ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सौर ऊर्जा के माध्यम से न केवल राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, बल्कि युवाओं और ग्रामीणों को अपने गांवों में रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। यह पहल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

वरूणावत पर्वत पहुंचे प्रभारी मंत्री अग्रवाल, लैंड स्लाइड क्षेत्रों का किया निरीक्षण

प्रभारी व कैबिनेट मंत्री डा. प्रेम चन्द अग्रवाल ने वरूणावत पर्वत से लगे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी के ऊपर पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर कहा है कि भूस्खलन के उपचार एवं आबादी वाले क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सरकार विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार हर संभव कदम उठाएगी।

जिले के एक दिवसीय भ्रमण पर यहां पहॅुचे वित्त, शहरी विकास, आवास, विधायी एवं संसदीय कार्य, पुनर्गठन, जनगणना एवं जिले के प्रभारी मंत्री डा. प्रेम चंद अग्रवाल ने जिला मुख्यालय उत्तरकाशी में वरूणावत पर्वत से लगे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी क्षेत्र में जाकर भूस्खलन का जायजा लेने के साथ ही इस भूस्खलन की रोकथाम एवं आबादी वाले क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि भूस्खलन का मलवा व पहाड़ी से गिरने वाले पत्थर आबादी वाले क्षेत्र के तरफ न बढें, इसके लिए विशेषज्ञ संगठनों की राय से तात्कालिक महत्व के कार्य करने के साथ ही इस क्षेत्र में पहले से स्थापित लोहे की रेलिंग को विस्तारित व सुदृढ करने के साथ ही सुरक्षा दीवार बनाए जाने पर भी विचार किया जाय।

डा. अग्रवाल ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में विस्तृत सर्वेक्षण में जुटे टीएचडीसी, जीएसआई एवं यूएलएमएमसी के सर्वेक्षण दल के सदस्यों से भी मौके पर वार्ता कर सर्वेक्षण की प्रगति एवं वस्तुस्थिति की जानकारी ली। उन्होंने टीम के सदस्यों से यथाशीघ्र अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट में दी जाने वाली संस्तुतियों के अनुसार भूस्खलन के उपचार एवं सुरक्षा कार्यों को लेकर कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में जन-जीवन की सुरक्षा के के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि गत गत 27 अगस्त को सक्रिय हुए इस भूस्खलन में विस्तार की प्रवृत्ति देखने में नहीं आई है और मलवा-पत्थर अभी पहाड़ी क्षेत्र में ही रूका पड़ा है और स्थिति अभी सामान्य बनी हुई है। लेकिन प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर प्रशासन के द्वारा सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं। प्रशासन के द्वारा खतरे की आशंका वाले क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था भी की गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि भूस्खलन के कारणों की विस्तृत जांच एवं उसके निदान के लिए तात्कालिक एवं दीर्घकालीन उपाय सुझाने हेतु में टीएचडीसी, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के साथ ही उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केन्द्र तथ जिला टास्क फोर्स के भूवैज्ञानिक एवं विशेषज्ञों की टीम द्वारा गत दिन से प्रभावित क्षेत्र का सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस टीम को जल्द सर्वेक्षण पूरा कर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। रिपोर्ट में दी जाने वाली संस्तुतियों के अनुसार प्रभावित क्षेत्र में आवश्यक सुरक्षा एवं उपचार कार्य करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

इस दौरान विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान, मुख्यमंत्री के जन संपर्क अधिकारी किशोर भट्ट, उप जिलाधिकारी बृजेश कुमार तिवारी, उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केन्द्र की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक रूचिका टंडन, डिजायन इंजीनियर पंकज उनियाल, जीएसआई की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक नेहा कुमारी, टीएचडीसी के वरिष्ठ प्रबंधक जेआर कोठारी, स्ट्रक्चरल इंजीनियर टीएचडीसी विनय पुरोहित, जिला टास्क फोर्स के भूवैज्ञानिक प्रदीप कुमार, अधिशासी अभियंता लोनिवि रजनीश सैनी, तहसीलदार सुरेश सेमवाल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल भी उपस्थित रहे।

हिमान्या ब्रांड के मल्टीग्रेन आटे की प्रभारी मंत्री अग्रवाल ने की लांचिंग

प्रभारी व कैबिनेट मंत्री डा. प्रेम चन्द अग्रवाल ने डुंडा ब्लॉक के महिला समूहों द्वारा उत्पादित मल्टीग्रेन ऑर्गेनिक आटा को विपणन के लिए लॉंच किया है। घराट (पनचक्की) पर पिसे गए इस आटे को ‘हिमान्या‘ ब्रांड के तहत ऑनलाईन प्लेटफार्म्स पर भी बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

ब्लॉक सभागार डुंडा में आयोजित एक समारोह में ‘हिमान्या‘ ब्रांड के मल्टीग्रेन आटे की लांचिंग करते हुए राज्य के वित्त, शहरी विकास, आवास, विधायी एवं संसदीय कार्य, पुनर्गठन, जनगणना एवं जिले के प्रभारी मंत्री डा. प्रेम चंद अग्रवाल ने महिला समूहों एवं ग्राम्य विकास विभाग के इस अभिनव प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस उत्पाद को लोकप्रिय बनाने के लिए शुरूआत में इसका लाभांश कम रखने के साथ ही इसे किफायती पैकिंग में स्थानीय स्तर पर भी विपणन करने की व्यवस्था की जाय। श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तीकरण एवं आजीविका संवर्द्धन के अवसरों में वृद्धि के लिए प्रतिबद्धता से प्रयास कर रही है। जिसके परिणामस्वरूप हर क्षेत्र में महिलाएं तेजी से आगे बढ रही हैं।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि जिले में महिला समूहों की आजीविका संवर्द्धन की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने तथा उनके उत्पादों के विपणन के लिए उपयुक्त व्यवस्था करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिले के प्रमुख यात्रा पड़ावों पर महिला समूहों के उत्पादों के विपणन के लिए आउटलेट्स तैयार करवाए जा रहे हैं। हीना में आठ आउटलेट्स बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि डुंडा ब्लॉक को ऑर्गेनिक ब्लॉक घोषित किया गया है और घराट के माध्यम से तैयार मल्टीग्रेन ऑर्गेनिक आटा जैसे उत्पाद तैयार कर महिला समूहों के लिए संभावनाओं के नए व बेहतर अवसर तैयार किए गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इन संभावनाओं को मूर्त रूप देने में मुख्य विकास अधिकारी जय किशन तथा महिला समूहों के सराहनीय प्रयास अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगे।

इस अवसर पर विधायक सुरेश चौहान ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और उन पर काम का बोझ कम करने के लिए सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की हैं। जिनका महिलाओं को उल्लेखनीय लाभ मिल रहा है। उन्होंने महिला समूहों द्वारा ‘हिमान्या‘ ब्रांड के तहत अर्गेनिंगक मल्टग्रेन आटा के उत्पादन व विपणन की सराहनीय करते हुए कहा कि ऐसे प्रयासो को हर स्तर पर समर्थन दिया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जय किशन ने कहा कि लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए ग्राम्य विकास विभाग की मुहिम के तहत विकास खंड डुंडा के उन्नति कलस्टर लेवल फेडरेशन से जुड़ी महिलाओं द्वारा तैयार मल्टीग्रेन आटा को हिमान्या ब्रांड के तहत बाजार में उतारा गया है। आठ प्रकार के स्थानीय अनाजों से मिलकर तैयार किए गए इस ऑर्गेनिक उत्पाद के विपणन समर्थन हेतु भी ठोस प्रयास किए गए हैं। इसके लिए ऑनलाईन विपणन के लिए भी प्रतिष्ठित ई-कॉमर्स कंपनियों से तालमेल किया गया है। उन्होंने कहा कि जिले में अनेक महिला समूहों के द्वारा उल्लेखनीय काम किए जा रहे हैं। इस बार महिला समूहों द्वारा 24 आटलेट्स के माध्यम से 70 लाख रूपये की बिक्री की गई है। जिले में 25 महिला समूहों को ड्रोन दीदी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य में इस तरह का प्रशिक्षण देने वाला उत्तरकाशी पहला जिला है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के जन संपर्क अधिकारी किशोर भट्ट, ब्लॉक प्रमुख डुंडा शैलेन्द्र कोहली, ब्लॉक प्रमुख मोरी बचन सिंह पंवार, उप जिलाधिकारी नवाजिश खलीक, जिला विकास अधिकारी रमेश चन्द्र, तहसीलदार रीनू सैनी, जिला परियोजना प्रबंधक रीप कपिल उपाध्याय के साथ ही विभिन्न महिला समूहों की सदस्य भी उपस्थित रहीं।