हवाई निरीक्षण के बाद मौके पर जाकर रेस्क्यू अभियान का सीएम कर रहे निरीक्षण

प्रदेश में पिछले दो दिनों से अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न स्थिति का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निरन्तर अनुश्रवण कर राहत एवं बचाव कार्यों के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पीडितों को त्वरित राहत एवं अनुमन्य आर्थिक मदद के साथ ही तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की सुविधा का भी ध्यान रखने के निर्देश दिये हैं।
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने पूर्वाहन मे सचिवालय स्थित राज्य आपदा प्रबन्धन कन्ट्रोल रूम जाकर प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी स्थिति का जायजा लिया।
उसके बाद मुख्यमंत्री ने गढ़वाल व कुमांऊ क्षेत्र के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया तथा रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी से यात्रा व्यवस्थाओं तथा विभिन्न स्थानों पर रूके यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पीडितों के साथ ही यात्रियां को हर संभव सहयोग एवं सहायता उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने बन्द मार्गाे को खोलने के भी निर्देश जिलाधिकारी को दिये।
दोपहर बाद मुख्यमंत्री ने एक बार फिर कुंमाऊ क्षेत्र के रामनगर, बाजपुर, किच्छा, सितारगंज आदि आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर पंतनगर एयरपोर्ट पर जिलाधिकारी के साथ एयर फोर्स, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के अधिकारियों से राहत एवं बचाव कार्याे के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रूद्रपुर संजयनगर खेड़ा में उत्पन्न जल भराव की स्थिति का जायता लिया तथा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने व रहने, भोजन आदि की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जायेगा। उन्होने कहा कि इस आपदा के कारण जिन परिवारों में जनहानि हुई है उनके आश्रितों को 4 लाख रूपये का मुआवजा दिया जायेगा। उन्होने पीङितों से मिलते हुए कहा कि सरकार द्वारा सभी जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि यह एक दैवीय आपदा की घड़ी है, इस परिस्थितियों में सभी के सहयोग से इस आपदा से निपटा जायेगा। उन्होने रेस्क्यू मे लगे एनडीआरएफ, पुलिस के जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने आपदा पीडितों को आश्वस्त किया कि संकट की इस घडी में राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से हल्द्वानी पहुंचे तथा अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए गोला नदी पुल का निरीक्षण किया तथा नदी से हुए नुकसान का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्यायें भी सुनी। मुख्यमंत्री ने पीडितों को हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया।
सर्किट हाउस काठगोदाम में मुख्यमंत्री ने जनपद नैनीताल के अधिकारियों के साथ जनपद में आपदा से हुए नुकसान आदि की समीक्षा की तथा राहत एवं बचाव कार्यों में पूरे मनायोग एवं तत्परता के साथ सम्पादित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर पीडित की मदद करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। इस सम्बन्ध में कोई कोताही न बरती जाय। इस दौरान आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धनसिंह रावत भी मुख्यमंत्री के साथ रहे।

बिगड़े मौसम का पल-पल जायजा लेते रहे सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही वर्षा का लगातार जायजा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने फोन के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से जनपदों में बारिश की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिले में बारिश की स्थिति एवं आवागमन की स्थिति की प्रत्येक घंटे की रिपोर्ट दी जाए। प्रशासनिक अमले पहले ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर अलर्ट मोड पर हैं।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं से भी सावधानी बरतने की अपील की है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर आज प्रदेश के 1 से 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल बंद रखे गए हैं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में रिस्पांस टाइम कम से कम हो। यात्रियों को असुविधा न हो।

डेंगू से बचाव कार्यो की तैयारी में जुटा स्वास्थ्य विभाग, दिए जिलाधिकारियों को निर्देश

(एनएन सर्विस)
कोविड-19 के साथ ही डेंगू की रोकथाम के लिए भी प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। सचिव अमित सिंह नेगी ने सभी जिलाधिकारियों को डेंगू निरोधात्मक गतिविधियों का संचालन करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारियों को जारी निर्देशो में यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोविड-19 के नियंत्रण के लिए बनाए गए क्वारेंटाईन फैसिलिटी और कोविड केयर सेंटरों में जलभराव की समस्या न हो। इसी प्रकार जिला चिकित्सालयों और अन्य चिकित्सा इकाईयों में भी पानी इकट्ठा न होने पाए। यहां जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए पीआरडी के कार्मिकोंध्स्वयंसेवकों को तैनात किया जा सकता है। जिन स्थानों पर भी पानी की निकासी अवरुद्ध रहती है, वहां समस्या का निराकरण समय से कर लिया जाए। जन जागरूकता व जनसहभागिता के लिए आई०ई०सी० संसाधनों का समुचित व समयान्तर्गत उपयोग हो। स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों जैसे नगर निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य एवं शहरी विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, लोक निर्माण, जल संस्थान, जल निगम आदि में अंतर्विभागीय समन्वय किया जाए। सभी जिलाधिकारी, डेंगू की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की नियमित रूप से समीक्षा भी करें।

डेंगू की रोकथाम के लिए ब्लॉकवार माइक्रो प्लान
डेंगू रोग पर रोकथाम और नियंत्रण के लिए ब्लाक वार, माइका्रे प्लान बनाकर कार्यवाही की जाए। जनपदों के चिकित्सालयों (जिला/बेस व मेडिकल कालेज) में भारत सरकार की गाईडलाइन के अनुसार आवश्यक कार्यवाही जैसे पृथक डेंगू आईसोलेशन वार्ड तैयार कर मच्छरदानी युक्त पर्याप्त बेड की उपलब्धता, स्टेंडर्ड केस मैनेजमेंट आदि सुनिश्चित किया जाए और डेंगू आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाए।

प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित हो
डेंगू पीड़ित गंभीर रोगियों के लिए प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। डेंगू जांच केन्द्रों में समय से आवश्यक सामग्री जैसे एलिसा जांच किट व अन्य जांच सामग्री की उपलब्धता अवश्य हो। डेंगू रोगियों की शुरूआती चरण में पहचान के लिए फीवर सर्वे किये जाए, लक्षणों के आधार पर डेंगू रोग की संदिग्धता होने पर जांच की जाये। डेंगू रोगी पाये जाने की स्थिति में रोगी के घर के आस-पास लगभग 50 घरों की परिधि में आवश्यक रूप से स्पेस/फोकल स्प्रे कराने के साथ-साथ जनपदीय आर0आर0टी0 द्वारा क्षेत्र में सघन फीवर सर्विलेन्स एवं लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) कराई जाएं। स्वास्थ्य विभाग व आई0एम0ए0 प्रतिनिधियों/निजी चिकित्सालयों/पैथोलॉजी लैबों के मध्य समन्वय बैठक की जाये ताकि आमजन में डेंगू रोग के प्रति व्याप्त भ्रान्ति/भय को दूर किया जा सके। किसी भी प्रकार की आकस्मिक/आपातकालीन आवश्यकता के दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिला कार्ययोजना में भी डेंगू के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाये।

डेंगू के लिए हेल्पलाईन 104
आमजन को डेंगू सम्बन्धी जागरूकता और समुचित जानकारी प्रदान करने के लिये राज्य मुख्यालय पर इंटीग्रेटेड हेल्पलाईन क्रियाशील है जिसका टोल फ्री नं 104 है। इसी प्रकार जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह जून से नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित कर उक्त दूरभाष न० से राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी0 यूनिट को अवगत कराया जाए।

नगर क्षेत्रों में पार्षदों के सहयोग से हो साफ-सफाई
सचिव अमित सिंह नेगी ने सभी नगर निगमों के नगर आयुक्तों और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को नगर क्षेत्रों में जन सहयोग से डेंगू की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके। समस्त पार्षदों के सहयोग से लोगों को जागरूक किया जाए और साफ-सफाई की मॉनिटरिंग की जाए। निगम और नगर पंचायतों में ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए जहां मच्छर पनपने का खतरा बना रहता है। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ परिसीमांत उप नगरीय क्षेत्रों में डेंगू निरोधात्मक गतिविधियों जैसे सोर्स रिडक्शन (डेंगू मच्छर के पैदा होने के स्थान को नष्ट करना), फागिंग आदि कार्य सुनिश्चित किए जाएं।

ऑनलाइन कक्षाओं में डेंगू से बचाव की जानकारी दी जाए
सचिव नेगी ने शिक्षा विभाग से भी अपेक्षा की है कि विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से डेंगू रोग से बचाव के लिए जागरूक किया जाए। अभिभावकों को भी जागरूक किया जाए। सभी विभागाध्यक्षों को भी निर्देशित किया गया है कि राजकीय कार्यालयों में नियमित रूप से परिसर में साफ सफाई की जाए। पानी की टंकियों को ढक कर रखा जाए। परिसर में कहीं भी जलभराव की समस्या न हो।

उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का दौर फिर शुरू

मौसम के करवट बदलते ही उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का दौर फिर शुरू हो गया। चारधाम समेत नैनीताल व मसूरी की चोटियों पर हिमपात हुआ है। जबकि, प्रदेश के अधिकांश इलाकों में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश ने ठंड बढ़ा दी है। औली और फूलों की घाटी में भारी हिमपात हुआ है। मौसम के बदले तेवरों ने प्रदेशभर में फिर कड़ाके की ठंड लौट आई है। तापमान के गोता लगाने और बर्फीली हवाएं चलने से ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शनिवार को भी मौसम का मिजाज बदला हुआ रहने की संभावना है। अधिकांश इलाकों में बारिश और बर्फबारी के साथ ही ओलावृष्टि के आसार हैं।
शुक्रवार को उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में एक बार फिर भारी हिमपात हुआ। धनोल्टी के आसपास की पहाड़ियों पर सफेद चादर बिछ गई। इसके अलावा मसूरी में मूसलाधार बारिश ने ठंड में इजाफा कर दिया। वहीं, चंपावत में बारिश के कारण सुबह छह बजे टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला और बनलेख के पास चट्टान खिसककर सड़क पर आ गई। इससे मार्ग करीब पांच घंटे तक बंद रहा।
प्रदेश के अधिकांश शहरों में अधिकतम तापमान लुढ़ककर सामान्य से नीचे पहुंच गया है, जिससे दिन के समय भी ठिठुरन बनी रही। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के जम्मू एंड कश्मीर व हिमाचल पहुंचने के चलते उत्तराखंड में बादलों ने डेरा जमा लिया है। ऐसे में शनिवार को भी अधिकांश इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। मैदानी क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ ही ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई। केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह का हेलीकॉप्टर खराब मौसम के चलते देहरादून से उड़ान नहीं भर सका। केंद्रीय राज्य मंत्री को हवाई मार्ग से दून से श्रीनगर और उसके बाद गौचर जाना था। मौसम खराब होने के कारण उन्हें सड़क मार्ग से ही श्रीनगर जाना पड़ा।

10 करोड़ रूपए की लागत से तैयार हो रहा ट्रांजिट कैंप

विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा जाने वाले पर्यटकों के लिए पर्यटन विभाग की भूमि पर ट्रांजिट कैंप- रजिस्ट्रेशन कार्यालय का निर्माण कार्य इन दिनों तीव्र गति से जारी है। इसे पर्यटकों की मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखकर 10 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। कार्यदायी संस्था के अनुसार कैंप का कार्य अगले वर्ष 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा।

2013 की आपदा के बाद राज्य सरकार ने यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए ट्रांजिट हॉस्टल योजना पर काम करना शुरू किया। चंद्रभागा और गोपालनगर से लगती 3.70 हेक्टेअर वन भूमि को जनवरी 2019 में पर्यटन विभाग को ट्रांसर्फर किया गया। करीब साल बीतने के बाद आखिरकार पिछले कुछ दिनों पूर्व कार्यदायी संस्था बिडकुल ने यहां में काम शुरू कर दिया है। वर्तमान में 45 मीटर लंबी और चौड़ी बिल्डिंग निर्माण के लिए खुदाई का कार्य पूरा हो चुका है। बिडकुल के जेई राहुल ने बताया कि पर्यटन विभाग के निर्देश पर ट्रांजिट कैंप का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। मौसम आदि का कोई व्यवधान नहीं हुआ तो जुलाई 2021 तक ट्रांजिट कैंप का कार्य पूरा हो जाएगा।

ट्रांजिट कैंप का निर्माण भूतल, प्रथम और घ्द्वितीय तल में होगा। इसमें भूतल में दो मल्टीपल टिकट काउंटर होंगे। इसमें महिला, पुरूष के अलावा सिनियर सिटीजन और विकलांगों के लिए अलग से सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा इसी तल में बैंक व एटीएम सुविधा भी उपलब्ध होगी। पर्यटन विभाग और चारधाम यात्रा से जुड़ा संयुक्त रोटेशन का कार्यालय भी यहां होगा। प्रथम तल में दुकानें लगेंगी। इन दुकानों में यात्रियों के लिए भोजन आदि सुविधाएं उपलब्ध होंगी। द्वितीय तल मेें यात्रियों के लिए ठहरने की व्यवस्था होगी। करीब एक समय में 150 यात्री यहां ठहर सकेंगे। इसके अलावा यहां 250 बसों के लगभग पार्किंग की सुविधा भी होगी।

टूटते तारें देखने हैं तो आज रात मिल रहा मौका, जानिए कैसे

अगर आज मौसम साफ रहा तो आप पूरी रात टूटते तारों को देख सकेंगे। रविवार की रात डेल्टा एक्वेरिड उल्कापात का शानदार नजारा देखने को मिल सकता है। खगोल वैज्ञानिकों की मानें तो आज की रात उल्कापात चरम पर रहेगा जो रात 12 बजे से सुबह तक नजर आएगा।
खगोल वैज्ञानिकों द्वारा बताया जा रहा है कि इन दिनों अमावस्या निकट होने के कारण चांद की रोशनी बहुत कम हो रही है। ऐसे में यह उल्कापात अधिक साफ और चमकदार नजर आएगा। उल्कापात एक्वेरिड नक्षत्र की दिशा से आता नजर आएगा। इसमें मार्सडेन और क्रैच धूमकेतुओं के कण वायुमंडल में प्रवेश के बाद घर्षण से प्रज्ज्वलित होकर उल्कापात का नजारा प्रस्तुत करेंगे।
आर्यभट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान (एरीज) के पूर्व निदेशक और खगोल वैज्ञानिक डॉ. अनिल पांडे ने बताया कि यह उल्कापात 12 जुलाई से शुरू हो चुका है जो 23 अगस्त तक चलेगा। लेकिन 28 जुलाई की रात यह अपने चरम पर होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार इन दिनों परसीड उल्कापात भी चल रहा है जिसकी अवधि 17 जुलाई से 24 अगस्त तक है। यह 12 अगस्त को चरम पर रहेगा, लेकिन उन दिनों पूर्णिमा का समय होने के कारण साफ नजर नहीं आ सकेगा।