प्रधानमंत्री ने शीतकालीन पर्यटन के साथ शीतकालीन साहसिक खेलों को दिया बढ़ावा, अपील भी की

राज्य में शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने एवं गंगोत्री धाम के शीतकालीन गद़्दी स्थल उत्तरकाशी के मुखवा गांव में मां गंगा के दर्शन करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हर्षिल, उत्तरकाशी में शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम के तहत 2 मोटर बाइक रैली एवं 2 ट्रैक रूट दलों को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने धार्मिक पर्यटन के साथ शीतकाल के समय उत्तराखंड में होने वाले साहसिक खेलों को भी बढ़ावा दिया। जिसके तहत उन्होंने नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पीडीए घाटी के अद्भुत और अनछुए पर्यटन गंतव्यों के लिए साहसिक पर्यटन अभियानों का फ्लैग ऑफ किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल से पी.डी.ए मोटर बाईक-।ज्ट-त्ज्ट रैली के 21 सदस्यों (भारतीय सेना) के दल एवं हर्षिल-जादुंग मोटर बाइक रैली के 18 सदस्यों ( उत्तराखंड पर्यटन) के दल को फ्लैग ऑफ किया। साथ ही उन्होंने नीला पानी-मुलिंग ला पास ट्रैक के 15 सदस्यों (आई.टी.बी.पी) के दल एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक पर जा रहे 22 सदस्यों ( एन.आई.एम ) के दल का भी फ्लैग ऑफ किया।

मोटर बाईक-।ज्ट-त्ज्ट रैली (हर्षिल – पी.डी.ए), मोटर बाइक रैली (हर्षिल-जादुंग) मोटर बाइक रैली नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पी.डी.ए वैली में आयोजित की जा रही है। इन घाटियों की भौगोलिक स्थिति लद्दाख की भांति है। जिसका उद्देश्य लद्दाख वैली की तर्ज पर उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र को देश का बड़ा मोटर बाईक डेस्टिनेशन बनाया जाना है।

नीलापानी-मुलिंग ला पास ट्रैक एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक रूट गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित है तथा भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना बाईब्रेन्ट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत सम्मिलित है। जो ईनर लाईन क्षेत्र में पड़ते है, जहाँ पर आवागमन हेतु ईनर लाईन परमिट की आवश्यकता होती है। उक्त क्षेत्र को पुनः बसायत किये जाने हेतु पर्यटन विभाग द्वारा जादंग में होमस्टे बनाये जा रहे हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय निवासियों के रोजगार एवं आजीविका के विकास का सृजन किया जाना है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड में कोई ष्ऑफ-सीजनष् नहीं होना चाहिए और पर्यटन को हर मौसम में फलना-फूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, पहाड़ों में पर्यटन मौसमी है, जिसमें मार्च, अप्रैल, मई और जून के दौरान पर्यटकों की अच्छी-खासी आमद होती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आती है, जिससे सर्दियों के दौरान अधिकांश होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे खाली हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस असंतुलन के कारण उत्तराखंड में साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक ठहराव बना रहता है और पर्यावरण के लिए भी चुनौतियां पैदा होती हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा सर्दियों के दौरान उत्तराखंड की यात्रा करने से देवभूमि की दिव्य आभा की सच्ची झलक मिलती है। उन्होंने कहा विंटर टूरिज्म में यहां, लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटीज का रोमांच, सचमुच में रोमांचित कर देगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के लिए सर्दियां विशेष महत्व रखती हैं, क्योंकि इस दौरान कई पवित्र स्थलों पर अनोखे अनुष्ठान किए जाते हैं। उन्होंने मुखवा गांव में होने वाले धार्मिक समारोहों को क्षेत्र की प्राचीन और महत्वपूर्ण परंपराओं का अभिन्न अंग बताया।

पीएम मोदी ने सीएम धामी से हाथ मिलाकर, पीठ थपथपाकर दी शाबाशी

शीतकालीन यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शानदार बॉन्डिंग गुरुवार को भी दिखी। प्रधानमंत्री को जब जहां मौका मिला, वह मुख्यमंत्री को शाबासी देते, प्रोत्साहित करते हुए दिखाई दिए। भाषण खत्म कर मुख्यमंत्री जैसे ही प्रधानमंत्री के करीब पहुंचे, तो पहले तो उन्होंने गर्मजोशी से हाथ मिलाया। बाद में मुख्यमंत्री की पीठ भी थपथपा दी।

एक के बाद एक महत्वपूर्ण फैसले लेने और उन्हें अमल में लाने के मुख्यमंत्री के अंदाज को शीर्ष स्तर पर पसंद किया जा रहा है। चाहे समान नागरिक संहिता हो या राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, प्रधानमंत्री के स्तर पर मुख्यमंत्री को भरपूर शाबासी मिली है। अब शीतकालीन यात्रा के लिए राज्य सरकार के प्रयास पर प्रधानमंत्री संतुष्ट नजर आ रहे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने इसका बार-बार जिक्र भी किया। उन्होंने शीतकालीन यात्रा के उत्तराखंड से जुड़े आर्थिक पहलू को रेखांकित करते हुए इसे अभिनव पहल बताया। साथ ही, इसके लिए मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को धन्यवाद भी दिया।

अपने संबोधन की शुरुआत में मुख्यमंत्री के लिए प्रधानमंत्री ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह गौर करने वाले रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री को छोटा भाई और ऊर्जावान मुख्यमंत्री कहते हुए संबोधित किया। उन्होंने अपनी केदारनाथ यात्रा का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि यह दशक उत्तराखंड का बन रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार बढ़िया काम कर रही है।

कभी मुस्कराए, कभी विनम्रता से जोड़े हाथ

हर्षिल की जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्षेत्रवासियों के जबरदस्त उत्साह के दर्शन भी हुए। कार्यक्रम में कई बार मोदी-मोदी के नारे गूंजे। इस पर प्रधानमंत्री कई बार मुस्कराए। कई बार उन्होंने विनम्रता से हाथ जोड़ लिए। पारंपरिक परिधान और टोपी पहने प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई आंचलिक शब्दों का इस्तेमाल भी किया।

शीतकालीन चारधाम यात्राः पीएम का मिला साथ, दौड़ेगी यात्रा, बनेगी बात

मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा और खूबसूरत हर्षिल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक-एक संदेश के गहरे मायने हैं। देश-दुनिया तक इन शब्दों की अनुगूूंज पहुंचना तय है। उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा को प्रधानमंत्री का जैसा साथ मिला, वह खास है। उन्होंने जिस अंदाज में उत्तराखंड की यात्रा का प्रमोशन किया है, वह अभूतपूर्व है। इसके बाद, उत्तराखंड के शीतकालीन पर्यटन के सरपट दौड़ने की पूरी उम्मीद की जा रही है।

प्रधानमंत्री का यह प्रवास उस वक्त हुआ है, जबकि करीब दो महीने की शीतकालीन यात्रा शेष है। इसके बाद 30 अप्रैल से चार धाम यात्रा का श्रीगणेश होना है। ऐसे में प्रधानमंत्री के एक प्रवास ने उत्तराखंड की दोनों यात्राओं के लिए बेहतर आधार तैयार कर दिया है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड का हर तरह से प्रमोशन किया। प्रमोशन के लिए घाम तापो पर्यटन की बात हो, धर्माचार्यों और योगाचार्यों से शीतकाल में योग शिविर आयोजित करने की बात हो, कॉरपोरेट को सेमिनार का सुझाव हो, फिल्म निर्माताओं को फिल्मों की शूटिंग के लिए आह्वान हो या फिर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से अपील हो, सबने अपना अलग प्रभाव छोड़ा है।

रजत जयंती वर्ष में सबसे गंभीर प्रयास

उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतकालीन यात्रा का सबसे बड़ा प्रमोशन कर दिया है। इस यात्रा के प्रमोशन के लिए इससे पहले कभी इतने गंभीर प्रयास नहीं हुए। उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा के साथ प्रधानमंत्री के जुड़ाव के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जो प्रयास किए थे, उसका सार्थक परिणाम सामने आया है। बहुत कम समय में उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा और पर्यटन देश-दुनिया की नजरों में आ गए हैं।

फिर साबित हुए सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर

प्रधानमंत्री एक बार फिर उत्तराखंड के लिए सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर साबित हुए हैं। केदारनाथ धाम का उदाहरण सामने हैं, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता से श्रद्धालुओं के पहुंचने के नए रिकॉर्ड बने हैं। शीतकालीन यात्रा का हिस्सा बनने की इच्छा प्रधानमंत्री ने 28 जनवरी को राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के मौके पर ही जाहिर कर दी थी। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से भावनात्मक लगाव ही है, वह कार्यक्रम में बदलाव के बावजूद मुखवा-हर्षिल पहुंच गए।

मुखवा हर्षिल निहाल, पीएम-सीएम का आभार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखवा आगमन से पूरा क्षेत्र निहाल है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला अवसर है, जबकि कोई प्रधानमंत्री मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल पर पूजा-अर्चना के लिए पहुंचा हो। गंगोत्री मंदिर के सचिव सुरेश सेमवाल का कहना है-यह अवसर गौरवान्वित करने वाला है। तीर्थ पुरोहित व लोक कलाकार रजनीकांत सेमवाल कहते हैं-मुखवा का चयन करने के लिए पीएम व सीएम के प्रति हम आभारी हैं।

पीएम मोदी ने देवभूमि पहुंचकर शीतकालीन गद्दी स्थल पर की पूजा अर्चना

अपने एक दिवसीय दौरे पर उत्तरकाशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले मुखवा गांव में मां गंगा के शीतकालीन गद़्दी स्थल पर पूजा-अर्चना कर देशवासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। प्रधानमंत्री ने विधि-विधान से मां गंगा की पूजा कर भोग भी चढ़ाया। इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने रांसों नृत्य से प्रधानमंत्री का स्वागत किया।

इसके बाद उन्होंने मुखवा गांव से ही भव्य हिमालय के दर्शन किए। प्रधानमंत्री काफी देर तक व्यू प्वाइंट से बर्फ से लकदक चोटियों के साथ ही हर्षिल घाटी से बहती भागीरथी नदी की सुंदरता को निहारते रहे। इसके बाद वो सड़क मार्ग से हर्षिल कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले उत्तराखंड में शीतकालीन यात्रा पर आधारित एक्जीबिशन का अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी में उत्तराखंड के प्रमुख शीतकालीन पयर्टन स्थलों को दर्शाया गया था। इसके बाद उन्होंने ट्रैकिंग एवं बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुखीमठ (मुखवा) को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने और प्रदेश की सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत को सशक्त बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री की यह यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण है।

शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिये पंडा पुजारियों ने जताया सीएम का आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में उत्तराखण्ड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के सदस्यों और पंडा पुजारियों ने भेंट की। उन्होने चारधामों में शीतकालीन दर्शन यात्रा के लिये मुख्यमंत्री द्वारा की गई अभिनव पहल के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होने 16 दिसम्बर से आरम्भ होने वाली शीतकालीन यात्रा के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री को भी आमंत्रित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शीतकालीन चार धाम यात्रा के सफल संचालन में चार धाम तीर्थ पुरोहित महा पंचायत के साथ अन्य सभी सम्बन्धित संस्थानो एवं संगठनो आदि को भी सहयोगी बनना होगा। उन्होने कहा कि शीतकालीन चार धाम यात्रा सफलता पूर्वक संचालन हो, इसके लिये सभी सम्बधित अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है। शीतकालीन यात्रा से राज्य की आर्थिकी को भी बढावा देने में मदद मिलेगी तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होगें। पंच बद्री व पंच केदार के साथ ही चारों धामों के शीतकालीन यात्रा प्रवास के आसपास के प्रमुख तीर्थ एवं पर्यटक स्थलों को विकसित करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये गये है। चारधाम यात्रा मार्गों के आबादी वाले क्षेत्रों में सुगम यातायात एवं पार्किंग की भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश सभी सम्बधित विभागीय अधिकारियों को दिये गये है।

महा पंचायत के सदस्यों और पंडा पुजारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखण्ड के चार धामों, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने के बाद इन धामों की शीतकालीन पूजा, मां यमुना की खरसाली (खुशी मठ) मां गंगा की मुखवा (मुखीमठ), केदारनाथ की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ एवं उद्धव व कुबेर की पूजा पांडुकेश्वर तथा शंकराचार्य के गद्दी स्थल ज्योतिर्मठ के नृसिंह मंदिर में की जाती है। चारों धामों के तीर्थ पुरोहित एवं पुजारी समाज द्वारा मुख्यमंत्री से चारों धामों के शीतकालीन पूजा स्थलों का व्यापक प्रचार प्रसार के साथ ही इन पूजा स्थलों में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया।

इस अवसर पर चारधाम महा पंचायत के अध्यक्ष एवं गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव श्री सुरेश सेमवाल, महापंचायत के महासचिव बृजेश सती, मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल, गंगा पुरोहित सभा अध्यक्ष संजीव सेमवाल, निखिलेश सेमवाल, अनिरूध उनियाल, जगमोहन उनियाल, उमेश सती, प्रशांत डिमरी आदि अन्य उपस्थित थे।

आगामी चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए अभी से पूरा प्लान बनाकर कार्य करेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बैठक लेते हुए कहा कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के होटलों में किराये पर 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शीतकालीन यात्रा स्थलों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। इस यात्रा के लिए विभिन्न माध्यमों से विभिन्न राज्यों में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने में भी गेम चेंजर साबित होगी। पंच बद्री और पंच केदार के साथ ही शीतकालीन यात्रा प्रवास के आस-पास के प्रमुख स्थलों को विकसित करने के भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।

आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने संबधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इस बार चारधाम यात्रा में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उनका उचित समाधान कैसे किया जा सकता है, इस पर एक सप्ताह में शासन को रिपोर्ट प्रेषित करें। चारधाम यात्रा मार्गों पर प्रमुख आबादी वाले क्षेत्रों और होटलों के आस-पास सुव्यवस्थित पार्किंग बनाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य के मान और सम्मान से जुड़ी यात्रा है। यात्रा को सुविधायुक्त बनाना और श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। चारों धामों में जुटाई गई अवस्थापना विकास की सुविधाओं के दृष्टिगत कैरिंग कैपिसिटी बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जाएं। चारधामों के आस-पास के प्रमुख पौराणिक स्थलों को विकसित किया जाए और उनका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। चारधाम यात्रा मार्गों में सड़क, पेयजल, स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। यमुनोत्री के दर्शन के लिए वैकल्पिक मार्ग पर भी कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए स्टेक होल्डरों के साथ शासन स्तर पर बैठक की जाए। स्टेक होल्डरों से सुझाव लेकर यात्रा प्रबंधन के लिए जो अच्छा हो सकता है, वह किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले आगामी अर्द्धकुंभ के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाए। यह बड़ा आयोजन होता है, इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए अभी से हर क्षेत्र में कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर पर भी तेजी से कार्य किये जाएं। पूर्णागिरी और कैंची धाम में दर्शनार्थियों की सुविधा के दृष्टिगत वैकल्पिक मार्गों की दिशा में कार्य किया जाए और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना के साथ कार्य किए जाएं। आगामी नंदा देवी राजजात यात्रा के दृष्टिगत भी तैयारियां शुरू की जाए। प्रयागराज कुंभ के लिए राज्य से परिवहन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में आने वाले आगंतुकों और महानुभावों को सम्मान और उपहार में उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पाद ही प्रदान किये जाएं। इससे वोकल फॉर लोकल को भी बढ़ावा मिलेगा और हमारे स्थानीय उत्पादों को व्यापक स्तर पर अलग पहचान मिलेगी।

बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज पाण्डेय, बृजेश कुमार संत, एच.सी. सेमवाल, विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी अंशुमन, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।

ऊखीमठ से सीएम ने किया चारधाम यात्रा का शुभारंभ, दर्शन कर प्रदेश की उन्नति की कामना भी की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा केदार के शीतकालीन प्रवास स्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में पूजा-अर्चना कर समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं राज्य की उन्नति के लिए प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने उखीमठ में शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ करते हुए, प्रशासन द्वारा यात्रा के लिए की गई विभिन्न व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को शीतकालीन यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शीतकालीन यात्रा के शुभारंभ से देवभूमि का तीर्थाटन व पर्यटन और भी सशक्त होगा। इससे न केवल वर्षभर पर्यटकों का आगमन बढ़ेगा, बल्कि यहां के अनेक पर्यटन स्थल भी प्रचलित होंगे। साथ ही स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में सहायक होंगे।

इस अवसर पर विधायक आशा नौटियाल, भरत चौधरी, श्री बदरी- केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय भी उपस्थित थे।