अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में नाम कमा चुकी मूल रूप से उत्तराखंड की महिला क्रिकेटर एकता बिष्ट और मानसी जोशी उत्तराखंड सरकार के सरप्राइज गिफ्ट से नाखुश हैं। दोनों ही महिला क्रिकेटरों का कहना है कि जिस तरह से सरकार की ओर से बड़ी-बड़ी बातें हो रही थीं, उस हिसाब से यह गिफ्ट कुछ भी नहीं है। दोनों ने अपने प्रशिक्षकों को सम्मानित न करने पर भी ऐतराज जताया।
आईसीसी महिला विश्वकप खेलकर लौटीं अल्मोड़ा की एकता बिष्ट और दून की मानसी जोशी को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दोनों खिलाड़ियों को पांच-पांच लाख रुपये की धनराशि दी गई। पत्रकारों से बातचीत में एकता ने सरकार के इस पुरस्कार पर नाराजगी जताई। वहीं क्रिकेटर मानसी जोशी ने उत्तराखंड सरकार की नौकरी ठुकराई,। एकता ने कहा कि खेलमंत्री ने वादा किया था कि उम्मीद से दोगुना इनाम मिलेगा, लेकिन यह तो उम्मीद से कई गुणा कम है। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों की सरकारों ने अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेटरों को अपना घर बनाने के लिए जमीन दी है या उसके एवज में पैसा दिया है। लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ। सरकार को इन चीजों पर विचार करना चाहिए, जिससे आने वाले युवा खिलाड़ियों को लाभ मिल सके। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से अन्य खिलाड़ियों के प्रशिक्षकों को इनामी राशि दी गई है, उसी तरह हमारे प्रशिक्षकों को भी पुरस्कृत किया जाना चाहिए था। प्रशिक्षकों को सम्मानित न किए जाने से भी दोनों क्रिकेटर नाराज हैं। वहीं, मानसी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने उन्हें पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर बनाने की बात कही है। लेकिन सरकार के शासनादेश में केवल 30 दिन की छुट्टी का प्रस्ताव है। यहां नौकरी करके वे राष्ट्रीय स्तर पर खेल भी नहीं पाएंगी। इससे उनको कोई लाभ नहीं मिलेगा। उधर, खेल मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि मानसी की मांग पर उन्हें डिप्टी एसपी पद दिया जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को नियमावली में संशोधन करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने भी इसकी संस्तुति की है।