राजकीय अस्पताल ऋषिकेश में एमआर के साथ दिखने पर चिकित्साधिकारी पर दर्ज होगा मुकदमा

एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में अब दवा प्रतिनिधि (एमआर) प्रवेश पर प्रतिबंध लग गया है। इन दवा प्रतिनिधियों के साथ यदि कोई डॉक्टर दिखाई देता है, तो संबंधित डॉक्टर के खिलाफ आपदा एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। यह आदेश मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. एनएस तोमर अस्पताल में महिला एमआर के कोरोना पॉजीटिव आने के बाद दिए हैं।

मुख्य चिकित्साधीक्षक (सीएसएस) डा. एनएस तोमर ने अस्पताल में तैनात सभी डॉक्टर्स को पत्र भेजा है। आदेश दिया है कि कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। इसके लिए सभी को अस्पताल में सामाजिक दूरी बनाने पर ध्यान देना होगा। साथ ही इससे संबंधित सभी गाइडलाइन का पालन भी करना है। उन्होंने पत्र में साफ तौर पर लिखा है कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी दवा प्रतिनिधि (एमआर) को अपने कक्ष में प्रवेश न करने दें और न ही अपने साथ बैठने दें। यदि इस आदेश के बावजूद कोई भी चिकित्साधिकारी एमआर के संपर्क में दिखाई दिया तो चिकित्साधिकारी पर आपदा एक्ट में दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

इस मामला के बाद दिया आदेश

ऋषिकेश। भरत विहार की एक महिला दवा प्रतिनिधि (एमआर) और उसके पिता की कोविड रिपोर्ट एक साथ पिछले 17 जुलाई को पॉजीटिव आई थी। वह 16 जुलाई को एम्स अस्पताल में गले में खरांश और बुखार होने की शिकायत लेकर पहुंची थी। हैरान करने वाली बात यह है कि उक्त महिला एमआर राजकीय चिकित्सालय में 15 जुलाई तक लगातार आ रही थी।

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