श्री नानकमत्ता साहिब में हेली सेवा शुरु करने पर होगा विचार-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब पहुंचकर शीश नवाया। इसके पश्चात पुष्कर सिंह धामी ने डेरा कार सेवा पहुंचकर बाबा हरबंश सिंह, बाबा फौजा सिंह, बाबा टहल सिंह की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा हाथ जोड़कर नमन किया। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सरोपा व प्रतीक चिह्न भेंट किया। उन्होंने कहा कि बाबा टहल, हरबंश सिंह, बाबा फौजा सिंह ने स्वयं कष्ट सह कर व भूखे-प्यासे रहकर समाज की भलाई एवं सेवा का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सिख पंथ ने सदा मानव सेवा एवं सेवा भाव का प्रसार किया है और देश तथा गरीबों की सेवा की है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नानकमत्ता शहर का नाम श्री नानकमत्ता साहिब करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नानकमत्ता साहिब में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के आवागमन हेतु हेली सेवा शुरू करने की संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा में हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले गुरुओं के पराक्रम, तपस्या, त्याग एवं बलिदान तथा उनके संस्कार व व्यक्तित्व की युवा पीढ़ी में झलक हो, इसलिए हमें अपने गुरुओं को याद करना होगा और उनके इतिहास का स्मरण करना होगा। उन्होंने कहा कि गुरुओं ने हमें धर्म, संस्कृति के साथ मान सम्मान से जीवन जीने की प्रेरणा दी है। गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब के जुल्म से धर्म की रक्षा की थी। उन्होंने कहा कि धर्म एवं समाज की रक्षा के लिए गुरु द्वारा दिए गए बलिदान को हम कभी भूल नहीं सकते।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर से धारा 370 हटाकर एक राष्ट्र, एक विधान, एक निशान को लागू किया है। धामी ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में कमेटी ड्राफ्ट बनाने का काम कर रही है, ड्राफ्ट पूरा हो जाने पर उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य जब 25 वर्ष पूर्ण कर रहा होगा तब राज्य देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा। धामी ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए 1064 नंबर लांच किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति रिश्वत घूस आदि लेने की मांग करता है तो 1064 नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं, शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कई सारे रिश्वतखोरों एवं भ्रष्टाचारियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण के मंत्र को आत्मसात करते हुए सरकार चल रही है। धामी ने कहा कि राज्य में नई कार्य संस्कृति विकसित हो रही है, जिससे कि जरूरतमंदों का काम बिना किसी सिफारिश के स्वतः ही होते चले जाएं।
इस दौरान कमेटी अध्यक्ष हरबंश चुघ, महासचिव अमरजीत सिंह सहित भजन सिंह, राजपाल सिंह, चरणजीत सिंह, पूर्व विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा, जिलाधिकारी युगल किशोर पंत, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, संगत आदि उपस्थित रहे।

विस अध्यक्ष ने कहा, राजस्व पुलिस की व्यवस्था हो समाप्त, नागरिक पुलिस को मिले जिम्मेदारी

प्रदेश में अंकिता भंडारी निर्मम हत्याकांड के बाद उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने प्रदेश में जहाँ कहीं भी राजस्व पुलिस की व्यवस्था चली आ रही है, को तत्काल समाप्त कर सामान्य पुलिस बल के थाने/चौकी स्थापित करने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर शीघ्र इस विषय पर आदेश जारी करने का आग्रह किया।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में आज भी कई क्षेत्रों में राजस्व पुलिस व्यवस्था जारी है। आज के आधुनिक युग में जहाँ सामान्य पुलिस विभाग में पूरे देश में एक राज्य से दूसरे राज्य में पीड़ित जीरो एफ0आई0आर0 दर्ज कराकर अपनी शिकायत पंजीकृत करा सकता है। वहीं ऋषिकेश शहर से मात्र 15 कि०मी० की दूरी पर राजस्व पुलिस जिसके पास पुलिस के आधुनिक हथियार तथा जॉच हेतु किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण प्राप्त नहीं है, वे जॉच कर रहे है। यह जानकर अत्यन्त ही पीड़ा होती है।

विधानसभा अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा कि गंगा भोगपुर में यदि सामान्य पुलिस बल कार्य कर रहा होता तो निश्चित रूप से प्रदेश की बेटी अंकिता आज हमारे मध्य होती और आम जनता में सरकारी कार्यप्रणाली के प्रति इतना रोष व्याप्त नहीं होता। विधानसभा अध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव में राजस्व पुलिस की व्यवस्था को समाप्त कर पुलिस चौकी एवं थाना स्थापित करने का मुख्यमंत्री से आग्रह किया, जिससे भविष्य में इस प्रकार की अप्रिय घटना दुबारा घटित न हो।

जिलाधिकारियों को अपने क्षेत्रों में बने रिजॉर्टस की जांच के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के समस्त रिज़ार्ट की जाँच करने के निर्देश ज़िलाधिकारियों को दिए हैं। साथ ही साथ जो रिज़ार्ट अवैध बने हैं या अवैधानिक रूप से संचालित हैं उनके विरुद्ध तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। प्रदेश भर में स्थित होटल/रिज़ार्ट/गेस्ट हाउस आदि में कार्य करने वाले कर्मचारियों से भी उनकी स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की जाए।शिकायतों को गम्भीरता से लिया जाए।

लघु उद्योग भारती संगठन सूक्ष्म व लघु उद्योगों की पैरवी करने में सदैव तत्परः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में भारत माता मन्दिर रोड स्थित तुलसी मानस मन्दिर में लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित उत्तराखण्ड उद्यमी व श्रमिक सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उन्होंने इस अवसर पर उद्यमियों व श्रमिकों को प्रतीक चिन्ह तथा प्रमाण पत्र भेंटकर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुये कहा कि सूक्ष्म व लघु उद्यमियों का देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि लघु उद्योग भारती संगठन सूक्ष्म व लघु उद्योगों की पैरवी करने में हमेशा आगे रहता है। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों के साथ ही सूक्ष्म व लघु उद्योगों की समस्याओं के निदान के लिये हम हमेशा तत्पर रहते हैं तथा हमने विगत अक्टूबर में उद्योगों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें 100 से भी अधिक उद्योगों से जुड़ी विभिन्न समस्यायें प्रकाश में आयी थीं, उनमें से 90 प्रतिशत का हमने समाधान निकाल लिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार विकल्प रहित संकल्प के तहत सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण तथा सन्तुष्टि के मूल मंत्र के तहत कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार आदि सिडकुलों के विस्तार करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि जो उद्योग उत्तराखण्ड में चल रहे हैं, उनके उद्योग यहां अच्छी तरह चलें, वही हमारे ब्राण्ड एंबेसडर बन जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्योगों के लिये काफी अच्छा वातावरण बन रहा है तथा अब उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ-साथ उद्योगों की भूमि भी बन रहा है। उन्होंने कहा कि यहां उद्योगों के लिये हर तरह से काफी अच्छा वातावरण है।

सड़कों का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में काफी अच्छा काम हो रहा है तथा आने वाले समय में देहरादून से दिल्ली की दूरी मात्र दो घण्टे में तय हो जायेगी। इसके अतिरिक्त रेल, हवाई कनेक्टिविटी आदि हर क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमने जो भी संकल्प लिये हैं, उनको पूरा करने के लिये तेजी से कार्य हो रहा है। समान नागरिक संहिता का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि इसके लिये सभी से सुझाव मांगे गये हैं, जैसे ही इसका ड्राफ्ट तैयार हो जाता है, इसे उत्तराखण्ड में लागू किया जायेगा तथा इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक हम उत्तराखण्ड को हिन्दुस्तान का नं0-1 राज्य बनायेंगे।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जूना अखाड़ा के महामण्डलेश्वर तथा तुलसी मानस मन्दिर के प्रमुख श्री अर्जुन पुरी जी महाराज से भी शिष्टाचार भेंट की।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्य वक्ता डॉ0 कृष्ण गोपाल ने कहा कि लघु उद्योग भारती संगठन की भारत के 500 जिलों में 700 से अधिक इकाईयां हैं। आज यह संगठन काफी बड़ा संगठन बन गया है। उन्होंने भारत वर्ष के इतिहास का उल्लेख करते हुये कहा कि पूर्व में भारत के हर गांव में उद्योग थे तथा पूरे देशभर में लघु उद्योग फैले हुये थे तथा हम विदेशों को स्टील का निर्यात करते थे। हमारी अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे आगे थी। आज पुनः हम धीरे-धीरे शिखर की ओर बढ़ रहे हैं।

लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष बलदेव भाई प्रजापति ने समारोह को सम्बोधित करते हुये कहा कि पूर्व में भारत के हर घर में उद्योग होने की वजह से ही इसको सोने की चिड़िया कहा जाता था। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ सूक्ष्म व लघु उद्योग हैं।

इस अवसर पर लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मैलाना, विजय सिंह तोमर, रोहित भाटिया, राजीव गोयल, मनोज पुण्डीर, सचिव औद्योगिक विकास डॉ0 पंकज कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ0 योगेन्द्र सिंह रावत, अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) श्री बीर सिंह बुदियाल, अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पी0एल0 शाह, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह, एसडीएम पूरन सिंह राणा, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण मौजूद थे।

राज्य में बेहतर वैलनेस सेंटर विकसित किए जाएंः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में कुछ बेहतर वैलनेस सेंटर विकसित किये जाएं। आयुष टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भूमि आयुष की भूमि है। राज्य में आयुष को बढ़ावा देने के साथ ही इसका व्यापक स्तर पर प्रचार भी किया जाए। आयुर्वेद एवं आयुष हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धतियां हैं, इनको बढ़ावा देना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें आयुष विभाग आयुष चिकित्सा के माध्यम से क्या सहयोग कर सकता है, इसकी विस्तृत योजना बनाई जाए।

मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि टेली मेडिसिन पोर्टल ई-संजीवनी के माध्यम से जन सामान्य को आयुष चिकित्सा परामर्श देने की व्यवस्था जल्द शुरू की जाए। आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत जो आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं, उनमें सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत आयुष चिकित्सालय इलाज कराने वाले गोल्डन कार्ड धारकों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति की व्यवस्था हो इसके लिए प्रस्ताव बनाया जाए।

सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने कहा कि राज्य में 11 आयुष वेलनेस सेंटर के माध्यम से प्रतिदिन योगाभ्यास कराया जा रहा है। स्कूल स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत स्कूली छात्र-छात्राओं का परीक्षण कर होम्योपैथिक चिकित्सा का उपचार हेतु समय-समय पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है। हल्द्वानी में 50 बेड के चिकित्सालय भवन का निर्माण किया गया है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, एस.एन. पाण्डेय, आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने विस में भर्तियों पर त्वरित जांच के लिए स्पीकर ऋतु खण्डूड़ी को बधाई दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में हुई भर्तियों के मामले में उच्च स्तरीय समिति की संस्तुति पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा वर्ष 2016 से 2021 तक हुई तदर्थ भर्तियों को निरस्त करने के निर्णय का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण को त्वरित जांच कर निर्णय लिये जाने पर बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में सदन और सरकार एकजुट है।
गौरतलब है कि विधानसभा भर्ती मामले में मुख्यमंत्री ने सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से भर्तियों की जांच करने का आग्रह किया था। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार की मंशा के अनुसार इस पर उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर समयबद्ध तरीके से जांचके निर्देश दिए। जाँच रिपोर्ट में समिति ने संस्तुति की है कि 2016 में 150, वर्ष 2020 में 6 व वर्ष 2021 में 72 तदर्थ भर्तियों को निरस्त किया जाए। उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार लगातार काम कर रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार सुशासन की दिशा में कृत संकल्पित होकर काम कर रही है। किसी भी प्रकार से कोई भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अधिनस्थ सेवा चयन आयोग व अन्य भर्तियों में अनियमितता पाए जाने पर उन्हें पारदर्शिता से आयोजित करने के लिए उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग को हस्तांतरित की। अब नए सिरे से पारदर्शिता के साथ परीक्षा प्रक्रिया गतिमान है। उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग ने प्रथम चरण की परिक्षाओ की तिथियों का कैलेण्डर भी जारी कर दिया है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ़ अभियान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित अलग-अलग विभागों में समूह ग भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों की शिकायत मिलते ही कठोर निर्णय लिए। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में संलिप्त 41 आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है वहीं 18 अभियुक्तों पर चार्जशीट हो चुकी है जबकि गैंगस्टर एक्ट हेतु 21 आरोपियों की जुडिशल रिमांड स्वीकृत हो चुकी है। वहीं ओर वन दरोगा मामले में 03 सचिवालय रक्षक भर्ती में एक आरोपी की गिरफ़्तारी हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश के युवाओं के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने युवाओं से पूरे उत्साह और परिश्रम से परिक्षाओ की तैयारी में जुट जाने का अनुरोध किया। वर्तमान में 7000 परिक्षाओ की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। इसके अलावा 12 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की कार्ययोजना पर भी काम कर रहे हैं।

सीएम ने सतत विकास लक्ष्य हस्ताक्षर अभियान का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सतत विकास लक्ष्यों की 7वीं वर्षगांठ के अवसर पर सतत् विकास लक्ष्य हस्ताक्षर अभियान का शुभारम्भ किया एवं एस.डी.जी से संबंधित वीडियो का विमोचन किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2030 तक इन 17 सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभागों को रौडमैप के हिसाब से निरंतर आगे बढ़ना होगा। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जन भागीदारी भी महत्वपूर्ण है। जन सहयोग एवं सामाजिक संस्थाओं एवं विभिन्न संस्थानों का भी पूरा सहयोग लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय संतुलन के साथ समावेशी विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि सतत् विकास लक्ष्यों में उत्तराखण्ड की रैंकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन प्रदेश को प्रथम स्थान पर लाने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। 2018 में उत्तराखण्ड सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में 10वें स्थान पर था, जबकि अभी राज्य चौथे स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के पास प्राकृतिक संपदाओं का भण्डार है। इन प्राकृतिक संपदाओं का बेहतर तरीके से सदुपयोग करना होगा। उद्योगों के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड में अपार संभावनाएं हैं।

सतत् विकास लक्ष्य 2030 तक गरीबी के सभी रूपों को समाप्त करने के लिए एक साहसिक एवं सार्वभौमिक समझौता है जो सबके लिए एक समान, न्यायपूर्ण और सुरक्षित विश्व की रचना करेगा। इसके लिए 17 सतत विकास लक्ष्य रखे गये हैं। भुखमरी समाप्त करना, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण हासिल करना तथा सतत कृषि को बढ़ावा देना। स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन तंदुरुस्ती को बढ़ावा देना। समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन शिक्षा-प्राप्ति के अवसरों को बढ़ावा देना। लैंगिक समानता हासिल करना और सभी महिलाओं और बालिकाओं का सशक्तिकरण करना। सभी के लिए जल और स्वच्छता की उपलब्धता और सतत प्रबंधन सुनिश्चित करना। सभी के लिए किफायती, भरोसेमंद, सतत और आधुनिक ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करना। सभी के लिए सतत, समावेशी और संधारणीय आर्थिक विकास, पूर्ण और लाभकारी रोजगार और उचित कार्य को बढ़ावा देना। समुत्थानशील अवसंरचना का निर्माण करना, समावेशी और संधारणीय औद्योगीकरण को बढ़ावा देना और नवोन्मेष को प्रोत्साहित करना।

राष्ट्रों के अंदर और उनके बीच असमानता को कम करना। शहरों और मानव बस्तियों को समावेशी, सुरक्षित, समुत्थानशील और संधारणीय बनाना। सतत उपभोग और उत्पादन पैटर्न सुनिश्चित करना। जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों से निपटने के लिए तात्कालिक कार्रवाई करना। सतत विकास के लिए महासागरों, समुद्रों और समुद्रीय संसाधनों का संरक्षण करना और इनका संधारणीय तरीके से उपयोग करना। स्थलीय पारिस्थिकी-तंत्रों का संरक्षण और पुनरुद्धार करना और इनके सतत उपयोग को बढ़ावा देना, वनों का सतत तरीके से प्रबंधन करना, मरुस्थल-रोधी उपाय करना, भूमि अवक्रमण को रोकना और प्रतिवर्तित करना और जैव-विविधता की हानि को रोकना। सतत विकास के लिए शांतिपूर्ण और समावेशी सोसाइटियों को बढ़ावा देना, सभी को न्याय उपलब्ध कराना तथा सभी स्तरों पर कारगर जवाबदेह और समावेशी संस्थाओं का निर्माण करना एवं कार्यान्वयन के उपायों का सुदृढ़ीकरण करना और सतत विकास के लिए वैश्विक भागीदारी का पुनरुद्धार करना शामिल है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर.मीनाक्षी सुदंरम, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, एडिशन सीईओ सीपीपीजीजी डॉ. मनोज पंत उपस्थित थे।

पशुपालन मंत्री ने की लंपी रोग को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा

प्रदेश के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा पशुओं में फैल रहे लंपी रोग के संबंध में विधानसभा स्थित कक्ष में पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
मंत्री ने लंपी रोग के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में अब तक कुल 20505 केस पंजीकृत किये गये हैं जिनमें से 8028 पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं और 341 पशुओं की लंपी रोग से मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि लंपी रोग से स्वस्थ होने की दर 40ः तथा मृत्यु दर 1.6ः है।

मंत्री ने पशुओं के वैक्सीनेशन की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में लंपी रोग की मॉनीटरिंग के लिए सरकार द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास 6 लाख टीके उपलब्ध हैं, 5 लाख 80 हजार टीके प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वितरित किये जा चुके हैं तथा राज्य सरकार द्वारा 4 लाख टीकों का ऑर्डर दिया गया है।
मंत्री ने पशुपालकों से निवेदन करते हुए कहा कि प्रत्येक पशुपालक को अपने पशुओं का बीमा अवश्य करवाना चाहिए जिससे किसी भी प्रकार की हानि होने पर पशुपालकों को उचित मुआवजा प्राप्त होगा। उन्होंने टोल फ्री नंबर 18001208862 जारी करते हुए कहा कि लंपी रोग के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

मंत्री ने एसओपी जारी करते हुए कहा कि सभी को लंपी रोग के बारे में जागरूक रहना होगा। उन्होंने कहा कि अन्य लंपी रोगग्रस्त क्षेत्रों से पशुओं के व्यापार पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है।

मंत्री ने कहा कि हरिद्वार तथा देहरादून लंपी रोग से सर्वाधिक प्रभावित जिले हैं जिनमें से हरिद्वार में 11350 तथा देहरादून में 6383 लंपी रोग के केस पंजीकृत किये गये हैं।
मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने लंपी रोग से बचाव हेतु वैक्सीनेशन व फण्डिंग से संबंधित सहायता समय पर उपलब्ध कराई है जिसके लिए हम केन्द्र सरकार का धन्यवाद करते हैं।

बैठक में सचिव पशुपालन, डॉ0 बी0वी0आर0सी0 पुरूषोत्तम, महानिदेशक सूचना विभाग बंशीधर तिवारी, अपर निदेशक पशुपालन विभाग डॉ लोकेश कुमार, संयुक्त निदेशक सूचना विभाग आशिष कुमार त्रिपाठी तथा अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

जवानों और छात्रों के बीच सीएम ने मनाया जन्मदिन पर संकल्प दिवस

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सीमाद्वार, देहरादून में आई.टी.बी.पी द्वारा ’संकल्प दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों एवं जवानों के बीच केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सेना एवं विद्यार्थियों से जुड़े कार्यक्रम हमेशा नई ऊर्जा देते हैं। अनेकता में एकता ही भारत की विशेषता है। हमारे जवान देश की सुरक्षा से लेकर हर क्षण सेवा हेतु तत्पर रहते हैं। सैनिकों एवं उनके परिवार का जीवन हमेशा ही संघर्ष भरा रहता है। हमारी सेना एवं अर्धसैनिक बलों का इतिहास हमेशा से ही शौर्य और पराक्रम का रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का मान सम्मान स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया गया। अब देश का अमृतकाल शुरू हो चुका है।

इस अवसर पर विधायक सुरेश गड़िया, आईजी आई.टी.बी.पी नीलाभ किशोर, आईटीबीपी के अन्य अधिकारी व जवान तथा केंद्रीय विद्यालय के बच्चे मौजूद थे।

विधानसभा भर्तीयों की जॉच हेतु गठित तीन सदस्यीय समिति की हैं अपनी सीमाएंः करन माहरा

उत्तराखण्ड विधानसभा में जिस तरह सरकार की नाक के नीचे गुपचुप भर्तियां कर दी गयी उस पर प्रदेश कंाग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी द्वारा तीन सदस्यीय समिति के गठन पर सवाल उठाए।

करन माहरा ने कहा कि जहॉ एक ओर हमारे पडोसी राज्य उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा में लगभग 543 कर्मचारी है वहीं हमारे उत्तराखण्ड प्रदेश की छोटी सी 70 सदस्यों वाली विधानसभा में 560 से अधिक कर्मचारी कार्यरत होना अपने आप में नियुक्तियों में हुई बंदरबाट की ओर ईशारा करता हैं।

करन माहरा ने कहा कि उत्तराखण्ड विधानसभा में राज्य गठन (वर्ष 2000) के उपरान्त विभिन्न पदों पर हुई भर्तियों पर आरोप लगाये जा रहे हैं कि राजनेताओं एवं जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा विधानसभा में अपने परिजनों तथा रिश्तेदारों की भर्तियां की गई हैं। इन आरोपों के मद्देनजर सरकार द्वारा विधानसभा में विभिन्न पदों पर हुई भर्तियों की जांच हेतु तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।

माहरा ने कहा कि विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच हेतु जिस तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है उसमें डी0के0 कोटिया, आई.ए.एस. (वर्तमान में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा पूर्व में लोक सेवा अभिकरण के अध्यक्ष), अवनेन्द्र सिंह नयाल, (वर्तमान में लोक सेवा आयोग के सदस्य), एवं सुरेन्द्र सिंह रावत (पूर्व सूचना आयुक्त) को सदस्य बनाया गया है। जबकि विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है जिसके किसी भी मामले की जांच का अधिकार केवल उच्च न्यायालय अथवा सर्वाेच्च न्यायालय में निहित होता है। ऐसे में सरकार के अधीन कार्य करने वाले लोक सेवकों द्वारा की जाने वाली जांच की निष्पक्षता संदेहास्पद है।

माहरा ने कहा कि राज्य विधानसभा द्वारा भर्तियों की जांच हेतु गठित समिति की जांच पूरी होने से पूर्व ही जांच से सम्बन्धित सूचनाओं का सार्वजनिक होना जांच समति की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह खडा करता है।

माहरा ने कहा कि चूंकि विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है तथा इसके चलते कमेटी की जांच मे यह सुनिश्चित किया जाना नितांत आवश्यक है कि विधानसभा में हुई भर्तियों मे कानून का पालन होने के साथ-साथ नैतिकता का पालन किया गया है अथवा नहीं तथा इन भर्तियों की जांच जनहित में होनी चाहिए। साथ ही विधानसभा में हुई सभी प्रकार की भर्तियों की जांच वर्ष 2012 के उपरान्त नहीं अपितु वर्ष 2000 से की जानी चाहिए।

माहरा ने कहा कि उत्तराखण्ड विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस पार्टी सरकार द्वारा भर्तियों की जांच हेतु समिति के गठन पर असंतोष व्यक्त करते हुए मांग करती है कि विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच मा0 उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की देखरेख में कार्रवाई जाय।