मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में कुछ बेहतर वैलनेस सेंटर विकसित किये जाएं। आयुष टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भूमि आयुष की भूमि है। राज्य में आयुष को बढ़ावा देने के साथ ही इसका व्यापक स्तर पर प्रचार भी किया जाए। आयुर्वेद एवं आयुष हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धतियां हैं, इनको बढ़ावा देना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें आयुष विभाग आयुष चिकित्सा के माध्यम से क्या सहयोग कर सकता है, इसकी विस्तृत योजना बनाई जाए।
मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि टेली मेडिसिन पोर्टल ई-संजीवनी के माध्यम से जन सामान्य को आयुष चिकित्सा परामर्श देने की व्यवस्था जल्द शुरू की जाए। आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत जो आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं, उनमें सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत आयुष चिकित्सालय इलाज कराने वाले गोल्डन कार्ड धारकों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति की व्यवस्था हो इसके लिए प्रस्ताव बनाया जाए।
सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने कहा कि राज्य में 11 आयुष वेलनेस सेंटर के माध्यम से प्रतिदिन योगाभ्यास कराया जा रहा है। स्कूल स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत स्कूली छात्र-छात्राओं का परीक्षण कर होम्योपैथिक चिकित्सा का उपचार हेतु समय-समय पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है। हल्द्वानी में 50 बेड के चिकित्सालय भवन का निर्माण किया गया है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, एस.एन. पाण्डेय, आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।