सीएस ने आंवटित बजट को कम खर्च करने पर जताई नाराजगी

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सभी विभागों को आवंटित बजट व्यय के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने विभागों द्वारा खर्च की मॉनिटरिंग के लिए परफोर्मा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसकी लगातार मॉनिटरिंग हो सके इसके लिए पाक्षिक रिपोर्ट विभागों द्वारा इस परफोर्मा में ली जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभाग आवंटित बजट को 31 मार्च, 2023 तक 100 प्रतिशत खर्च करने को लेकर कार्ययोजना तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि विभागों की पुरानी देयताओं अथवा अच्छे प्रस्ताव आने पर पूर्व में स्वीकृत बजट से अधिक भी स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समय बचाने के लिए विभागों द्वारा जो काम होने ही होने हैं, उनके टेंडर लगा लिए जाएं, कहा कि प्रोजेक्ट सेंक्शन होने उपरान्त ही अवार्ड किए जाएंगे। उन्होंने सभी सचिवों को अपने विभाग के प्रस्तावों की लगातार मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रस्तावों में देरी न हो इसके लिए प्रस्ताव से पूर्व सभी प्रकार की औपचारिकताओं को पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं उद्यान विभाग को अपनी सभी प्रकार की छोटी-बड़ी योजनाओं पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। कहा कि इन विभागों की छोटी-बड़ी योजनाएं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में सबसे ज्यादा उपयोगी हैं।
मुख्य सचिव ने नाबार्ड से सम्बन्धित योजनाओं के लिए भी सभी विभागों को प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वीकृति हेतु प्रस्तावों को अनावश्यक रूप से अपने उच्चस्थ अधिकारियों को फॉवर्ड करने की टेंडेंसी को समाप्त करने की आवश्यकता है। कितने बजट के लिए किस स्तर तक फाईल का जाना है, यह पूर्व से ही निर्धारित है। किसी प्रकार के कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए उन्होंने वित्त विभाग को इसके लिए सर्कुलर जारी करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, अरविन्द सिंह ह्यांकी, दिलीप जावलकर, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, हरि चन्द्र सेमवाल सहित सभी विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

एसीएस ने ऋण योजनाओं के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के दिये निर्देश

अपर मुख्य सचिव वित्त आनन्दवर्धन ने गुरुवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 83वीं बैठक की अध्यक्षता के दौरान दिसम्बर माह के अन्त तक सभी बैंकों द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत वितरित किए जाने वाले ऋणों के लक्ष्य को 75 प्रतिशत तक प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पीएम स्वनिधि के तहत प्राप्त ऋण आवेदनों का 30 नवम्बर तक निस्तारण का लक्ष्य बैंकों को दिया है।
अपर मुख्य सचिव ने केन्द्र एवं राज्य सरकार की एमएसएमई से सम्बन्धित ऋण योजनाओं में ओपरलेपिंग का परीक्षण कराकर रिपोर्ट भेजने के निर्देश भी दिए हैं। एसीएस ने सभी बैंकों को सरकार प्रयोजित ऋण योजनाओं के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा बैंक शाखाओं में लंबित ऋण आवेदन पत्रों के त्वरित निस्तारण, स्वयं सहायता समूहों का क्रेडिट लिंकेज बढ़ाने, विभिन्न सरकारी विभागों को निजी बैंकों को भी स्पेशल कॉम्पानेन्ट प्लान के तहत ऋण आवेदन भेजने, बैंक सखी, कॉमन सर्विस सेन्टर, राशन विक्रेताओं, स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को भी बी. सी. (बैंक कॉरोस्पॉन्डेट) के कार्य प्रदान करने, बैंकों को राज्य के दूर दराज के पर्वतीय क्षेत्रों में नई शाखाएं खोलकर राज्य में वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, पीएम स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनो में ऑवरलेपिंग की स्थिति प्रदर्शित हो रही है। बैंकों में एनपीए की वृद्धि को रोकने तथा बैंकिंग को सस्टेनबल बनाने हेतु सभी संबंधित विभागों से सहयोग एवं सार्थक प्रयास की अपेक्षा की गई है। बैठक में बैंकों से स्थानीय स्तर पर प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए एनपीए कम करने के प्रयास करने तथा तहसील से आर. सी. (रिकवरी सर्टिफिकेट) का मिलान करते हुए ऋण राशि की वसूली हेतु अमीनों का सहयोग प्राप्त करने का आग्रह किया गया है। भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में 103 गांव जो कि 05 कि0मी0 परिधि के अंतर्गत बैंकिंग सेवाओं से आच्छादित नहीं है, की सूची जिला सहकारी बैंक को इस आशय से प्रेषित की गयी है कि वे इन गांवों में शाखा खोलने की संभावनाओं का अध्ययन करेंगे। भारत सरकार द्वारा पीएमजेडीवाई, पीएमएसबीवाई तथा पीएमजेजेबीवाई जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक खाताधारकों को आच्छादित किए जाने के भी निर्देश मिले हैं। इस दिशा में राज्य में 3159504 खाताधारकों को पीएमजेडीवाई, 2385330 खाताधारकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, 595833 खाताधारकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, 507324 खाताधारकों को अटल पेंशन योजना से जोड़ा गया है। उत्तराखण्ड में 100 प्रतिशत डिजिटल पेमेंट ईको सिस्टम को प्रोत्साहित करने की दिशा में अल्मोड़ा तथा चमोली जिले आगे चल रहे हैं। अल्मोड़ा में 99 प्रतिशत तथा चमोली में 84 प्रतिशत बचत खाते डिजिटली आच्छादित हो चुके हैं। डिजिटाइजेशन के तहत रुपे कार्ड, आधार इनएबल्ड एवं इन्टरनेट कनेक्टीविटी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य में अगले चरण में 1238 गांवों में फॉर जी टॉवर स्थापित किए जा रहे हैं। राज्य के सभी जिलों की खसरा खतौनी भू-लेख पोर्टल पर दर्ज कर दी गयी है। अल्मोड़ा तथा पौड़ी गढ़वाल दो जिलों में भूमि का नक्शा बनाने कार्य पूर्ण हो चुका है। अवशेष जिलों में कार्य प्रगति पर है।
बैठक में सचिव कृषि बीवीआरसी पुरूषोतम, अपर सचिव सी रविशंकर, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई लता विश्वनाथन, एसएलबीसी संयोजक दिग्बिजय सिंह रावत तथा शासन के वरिष्ठ अधिकारी व बैंक अधिकारी उपस्थित रहे।

स्टेट ब्रॉडबैंड कमेटी की तीसरी बैठक में मुख्य सचिव ने दिये अहम निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में स्टेट ब्रॉडबैंड कमेटी की तीसरी बैठक सम्पन्न हुयी। मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित विभागों एवं संस्थानों के अधिकारियों को शीघ्र से शीघ्र प्रदेश में नेटवर्क की 100 प्रतिशत कवरेज उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने ग्राम पंचायत स्तर पर यथोचित देखभाल के लिए ग्राम पंचायत अधिकारियों को वीसेट सर्विसेज के लगातार मॉनिटरिंग अथवा काम न करने की दशा में समय पर जानकारी साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने दूरसंचार विभाग की 4जी सैचुरेशन योजना के तहत प्रदेश में 100 प्रतिशत 4जी नेटवर्क कवरेज के लिए सभी सम्बन्धित विभाग और संस्थान आपसी समन्वय से कार्य करें। साथ ही नेटवर्क कवरेज के लिए फील्ड लेवल पर स्थानीय लोगों से फीडबैक लेकर नेटवर्क उपलब्धता की जांच की जाए। उन्होंने सभी जनपदों में जिला प्रशासन को टावर लगाए जाने हेतु शीघ्र से शीघ्र जगह चिन्हित कर उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने आरओडब्ल्यू के लम्बित प्रकरणों का तेजी से निस्तारण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को भारत सरकार के राईट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) को अपनाए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि आवंटित साईट्स पर पावर सप्लाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन द्वारा सील किए गए मोबाइल टावर प्रकरणों के तेजी से निस्तारण के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि दूरसंचार सेवा अति महत्त्वपूर्ण सेवा है जिसे प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र को उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है। मुख्य सचिव ने बीएसएनएल को प्रदेश में क्षतिग्रस्त लाइनों को शीघ्र से शीघ्र ठीक करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान बताया गया कि वोडाफोन-आइडिया(वीआई), एयरटेल, रिलायंस जिओ और बीएसएनएल द्वारा सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। प्रदेश में 1.42 करोड़ मोबाईल सब्सक्राईबर बेस है। 42192 किमी0 ओएफसी लगाई गयी है। 9190 टॉवर और 30611 बीटीएस लगाए गए हैं।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली एवं निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा सहित सम्बन्धित विभागों एवं संस्थानों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

शिक्षण संस्थानों को मार्च 2023 तक कराना होगा नैक मूल्यांकन

सूबे के समस्त महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन अनिवार्य रूप से कराना होगा, इसके लिये सभी राजकीय एवं अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों को मार्च 2023 तक का समय दिया गया है। नैक एक्रिडिएशन न कराने वाले महाविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये महाविद्यालयों को कम से कम 180 दिन कक्षाएं संचालित करने को कहा गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप महाविद्यालयों में ग्रीन कैम्पस, तम्बाकू मुक्त कैम्पस बनाने हेतु समितियों का गठन करने तथा एनसीसी, एनएसएस एवं रोवर रेंजर की इकाईयां स्थापित की जायेंगी। छात्र-छात्राओं की डिजीटल हेल्थ आईडी बनाने के साथ ही उनके ब्लड ग्रुप की भी जांच महाविद्यालय स्तर पर की जायेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में विभागीय बैठक में राजकीय एवं अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों की समीक्षा की। जिसमें उन्होंने सभी अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों एवं राजकीय महाविद्यालयों को अनिवार्य रूप से नैक मूल्यांकन कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी उच्च शिक्षण संस्थान मार्च 2023 तक नैक मूल्यांकन सुनिश्चित करायें। नैक मूल्यांकन न कराने वाले अशासकीय महाविद्यालयों की जहां मान्यता खत्म कर दी जायेगी वहीं राजकीय महाविद्यालयों के प्राचायों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। डॉ रावत ने बताया कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के सहयोग से माह दिसम्बर में विभिन्न जनपदों में पांच सेमीनार आयोजित किये जायेंगे जहां पर नैक मूल्यांकन के लिये आवश्यक सुविधाओं एवं संरचनाओं की जानकारी दी जायेगी ताकि नैक मूल्यांकन में महाविद्यालयों को सहूलियत हो सके। डॉ0 रावत ने उच्च शिक्षा में शैक्षिक गुणवत्ता के सुधार के लिये सभी शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य रूप से 180 दिन कक्षाओं का संचालन करने, निश्चित समय सीमा के भीतर परीक्षाओं का आयोजन व परिणाम जारी करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। बैठक में विभागीय मंत्री ने राजकीय एवं अशासकीय महाविद्ययालों के प्राचार्यों को एंटी ड्रग्स सेल का गठन करने के साथ ही तम्बाकू मुक्त परिसर एवं ग्रीन कैम्पस बनाने को कहा, साथ ही उन्होंने महाविद्यालयों में एनएसएस, एनसीसी एवं रोवर्स रेंजर की इकाईयां स्थापित करने व शिक्षकों एवं कार्मिकों के साथ ही छात्र-छात्राओं की भी बायोमैट्रिक उपस्थिति लिये जाने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने समस्त महाविद्यालयों के प्राचार्यों से टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान से जुड़ कर एक-एक टीबी मरीज गोद लेने, छात्र-छात्राओं की डिजीटल हेल्थ आईडी बनाने, प्रत्येक छात्र-छात्राओं के ब्लड ग्रुप की पहचान करने व स्वैच्छिक रक्तदान के लिये पंजीकरण कराने को भी कहा। बैठक में निर्णय लिया कि सभी राजकीय महाविद्यालयों में 4-जी कनेक्टीविटी के लिये संबंधित प्राचार्य किसी भी नेटवर्क कंपनी से उपलब्धता के आधार पर कनेक्शन ले सकते हैं। जिसका भुगतान मासिक या वर्षिक आधार पर छात्र निधि से प्राप्त धनराशि से किया जा सकता है। विभागीय मंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के महाविद्यालय अपने आस-पास के एक-एक गांव को गोद लेकर साक्षरता, स्वच्छता एवं सामाजिक जन जागरूकता अभियान चलायेंगे जबकि मैदानी क्षेत्रों के महाविद्यालय अपने आस-पास के एक-एक राजकीय विद्यालय व बालवाटिका को गोद लेकर सहयोग करेंगे। डॉ0 रावत ने कहा कि सूबे के महाविद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अंतर महाविद्यालय संस्कृतिक, खेल, सामान्य ज्ञान व भाषण प्रतियोगिता सहित अंतर विश्वविद्यालय कुलगीत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा।
बैठक में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, अपर सचिव प्रशांत आर्य, सलाहकार रूसा प्रो एमएसएम रावत, प्रो केडी पुरोहित, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो प्रवीन जोशी, संयुक्त निदेशक प्रो एएस उनियाल के साथ ही सभी 21 अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे जबकि राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना शुरू की जाएगी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड के ऐसे गांव जो भारत के प्रथम गांव हैं, उनके सुनियोजित विकास के लिए ‘‘मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना’’ शुरू की जायेगी। प्रधानमंत्री ने माणा में आयोजित कार्यक्रम में सीमाओं पर स्थित गांवों को अंतिम गांव की बजाय प्रथम गांव कहा था। ये गांव देश के प्रथम गांव के साथ प्रहरी भी हैं। हमारी पहली प्राथमिकता इन गांवों का सुनियोजित विकास होना चाहिए।
गांवों में स्वच्छता के लिए ‘मुख्यमंत्री पर्यावरण मित्र’ योजना शुरू की जायेगी। जिसमें प्रत्येक गांव में एक पर्यावरण मित्र (स्वच्छक) की तैनाती की जायेगी। ग्राम पंचायतों के सुनियोजित विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री चौपाल’ शुरू की जायेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं किसी गांव में जाकर चौपाल में प्रतिभाग करेंगे। “मुख्य सेवक चौपाल“ में मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम भी करेंगे।
सचिवालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे गांवों में धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक आधार पर कुछ दिवस वहां के लिए विशेष महत्व के होते हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गांवों में इन विशेष दिवसों को चिन्हित कर उत्साह के साथ कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। ग्राम सभा का स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इनमें उन गांवों के बाहर रहने वाले प्रवासी लोगों को प्रतिभाग करने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया जाए। उच्चाधिकारी भी इनमें प्रतिभाग करें। ग्राम पंचायतों का सुनियोजित विकास हो इसके लिए चौपाल लगाई जाए। चौपाल में जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए एवं अधिकारी भी चौपालों में प्रतिभाग करें। इसके लिए ग्राम सभावार रोस्टर भी बनाया जाए। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा इन चौपालों दिये जाने वाले सुझावों को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए गांवों के विकास की कार्ययोजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि असली भारत गांवों में बसता है। राज्य के समग्र विकास के लिए गांवों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के विकास के लिए किसी गांव में एक कैबिनेट बैठक भी आयोजित की जाए, जिसमें गांवों के विकास से संबंधित प्रस्ताव हों।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि 2025 में उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनायेगा। तब तक गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में क्या प्रभावी प्रयास किये जा सकते हैं, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए हर गांवों के लिए मास्टर प्लान बनाया जाए। अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का आम जन तक विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। सरकार की नई योजनाओं की आम जन को जानकारी हो इसके लिए गांवों में योजनाओं की जानकारी के लिए बोर्ड लगाये जायें। सभी विभाग अपने स्तर से भी सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास से संबंधित अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेस को अपनाया जा सकता है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि गांवों में लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए प्रभावी प्रयास किये जाएं। ग्राम प्रधानों को आपदा निधि के लिए दस-दस हजार रूपये की निधि प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। गांवों में चाल-खाल बनाने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव नितेश झा, निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी, अपर सचिव ओंकार सिंह एवं पंचायतीराज विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड में गोट वैली योजना का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सर्वे स्टेडियम, हाथीबड़कला देहरादून में पशु पालन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग कर राज्य में 60 मोबाइल पशु चिकित्सालय इकाइयों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने गोट वैली योजना का शुभारंभ किया एवं नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेन्ट फण्ड (आई.आर.डी.एफ) योजना के अन्तर्गत पशुलोक ऋषिकेश, में हीफर रियरिंग फार्म का लोकार्पण भी किया। रजिस्ट्रार, उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा परिषद, देहरादून के परिसर में नवीन प्रशिक्षण केन्द्र का लोकार्पण एवं राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम योजना के अन्तर्गत एकत्रीकरण सह प्रजनन फार्म का लोकार्पण तथा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा प्रायोजित नवीन अतिहिमीकृत वीर्य प्रयोगशाला का शिलान्यास भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि पशु चिकित्सकों को एन.पी.ए दिया जायेगा। राज्य में पशुओं में आर्टिफिशियल इंस्यूमिनेशन सेक्स शार्टेड सीमन को बढ़ावा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मोबाइल वेटनरी यूनिटों के शुभारंभ से राज्य के दूरस्थ पर्वतीय स्थानों पर आपातकालीन पशुचिकित्सा सेवायें एवं पशुपालन सम्बन्धी अन्य विभागीय सेवायें आसानी से प्रदान की जा सकेंगी। इस सेवा के लिए टोल फ्री नम्बर 1962 जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि आज भारत सरकार की राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अन्तर्गत श्यामपुर में नवीन प्रयोगशाला का शिलान्यास भी किया जा रहा है। जिससे पशुधन विकास में हमारे प्रदेश को लाभ मिल सकेगा। इस योजना के अन्तर्गत नेशनल डिजिटल लाइवस्टॉक मिशन को चम्पावत एवं ऊधमसिंहनगर जिलों में भी प्रारंभ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य को हर क्षेत्र में केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा पशुपालन एवं कृषि उत्तराखण्ड के लाखों परिवारों की आर्थिकी की रीढ़ है। 80 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों को रोजगार प्रदान करने वाला पशुपालन व्यवसाय न केवल उनकी आजीविका का मुख्य साधन है, बल्कि प्रदेश के संतुलित पोषण का भी मुख्य आधार है। पशुपालन व्यवसाय का राज्य सकल घरेलू उत्पादन में 3 प्रतिशत योगदान है। सभी छोटे पशुपालकों व दुग्ध व्यवसायियों के सम्मिलित प्रयासों के फलस्वरूप आज हमारा देश डेरी पदार्थों के उत्पादन में शीर्ष पर है। उन्होंने कहा पशुपालन व्यवसाय में निवेश ग्रामीण क्षेत्रों के विकास का भी मुख्य साधन हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में पहली बार डेरी पशुओं का सबसे बड़ा डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत प्रत्येक डेयरी पशु को एक विशिष्ट टैग लगाया जा रहा है। भारत की डिजिटल क्रांति डेरी क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है। डेरी व्यवसाय क्षेत्र के लिए विकसित किया गया डिजिटल पेमेंट सिस्टम भी बदलते भारत का उदाहरण है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने महिलाओं को डेयरी क्षेत्र की वास्तविक नायिकाएं बताया है, क्योंकि आज भी पशुओं की देखभाल अधिकतर मातृ शक्ति ही करती है। उन्होंने कहा गांवों में मातृ शक्ति को सबसे अधिक समस्या चूल्हे में खाना बनाने से होती थी, पर केंद्र सरकार ने जो गोवर्धन योजना प्रारंभ की है उससे गावों में गोबर गैस प्लांट लगाकर इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना का मुख्य आधार भी पशुधन ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों को प्रभावी तरीके से लागू करके राज्य सरकार ने राज्य में लम्पी स्किन डिजीज को पूरी तरह से नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है। इस रोग के नियंत्रण के लिए प्रदेश में लगभग 6 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा जैविक कृषि के मुख्य आधार भी पशुधन ही है। इसके लिए पशुओं के गोबर को जैविक फार्म्स तक पहुंचाने के लिए भी सरकार विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे नवीन प्रयासों से न केवल हमारे राज्य में युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे, बल्कि ग्रामीण आर्थिकी भी मजबूत होगी और रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को नई गति मिलेगी।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। जनपद बागेश्वर से गोट वैली की शुरुआत की गई है। राज्य सरकार का प्रयास है कि गाय के दूध के साथ ही बकरी के दूध को भी तेजी से बढ़ावा दिया जाय। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को 2025 तक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने का लक्ष्य दिया गया है। पशुपालन के क्षेत्र में इस दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। पशुपालन के माध्यम से उत्तराखंड की मातृ शक्ति को सशक्त बनाने एवं रिवर्स माइग्रेशन के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री पशुपालन एवं डेयरी विकास डॉ. संजीव कुमार बालियान, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक उमेश शर्मा काऊ, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेन्द्र अन्थवाल, सचिव पशुपालन भारत सरकार राजेश कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, निदेशक पशुपालन डॉ. प्रेम कुमार एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

ऐतिहासिक जौलजीबी मेला और विकास प्रदर्शनी-2022 का सीएम ने किया शुभांरभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काली एवं गोरी नदी के संगम स्थल जौलजीबी में आयोजित ऐतिहासिक जौलजीबी मेला एवं विकास प्रदर्शनी-2022 का उद्घाटन रिबन काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जौलजीबी मेला क्षेत्र के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में बहुत महत्व रखता है। यह मेला भारत, नेपाल एवं तिब्बत के पारस्परिक व्यापार को बढ़ावा देता आ रहा है। यह मेला भारत एवं नेपाल के रिश्तों को ऑक्सीजन देने का काम करता है। मुझे प्रसन्नता है कि यह मेला भारत एवं नेपाल देश के बीच संस्कृति, सभ्यता के साथ-साथ व्यापारिक संबंधों को बढ़ाता आ रहा है। अपनी बचपन की यादों को ताजा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बचपन से ही यहां के रीति-रिवाज और संस्कृति को देखते आ रहे हैं। उन्हें बचपन से ही इस मेले से बहुत लगाव रहा है। उन्होंने जनता द्वारा किए गए भव्य स्वागत पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं आप लोगों का बेटा व भाई हूं। मैं जब भी यहां आया हूं मेरा हमेशा गर्मजोशी से स्वागत किया गया है, इसके लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं तथा आप लोगों का भी हाथ जोड़कर स्वागत करता हूं।
मुख्यमंत्री ने सीमान्त क्षेत्र के विकास को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम मानते हैं कि सीमांत क्षेत्रों का ठीक प्रकार से विकास होना चाहिए, हम सीमांत क्षेत्रों में सभी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सीमान्त गांवों के विकास के प्रति बहुत गंभीर है। अब देश के सीमान्त गांव देश के अंतिम गांव न होकर देश के पहले गांव होंगे, उनका संपूर्ण विकास हमारी प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने कहा कि हम जनपद के इस सीमान्त क्षेत्र के विकास के लिए काली नदी पर डबल लेन मोटर पुल का निर्माण कर रहे हैं, जिससे भारत और नेपाल देश के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। हम क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग का भी निर्माण व चौड़ीकरण कर रहे हैं, इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग के बन जाने से कैलाश मानसरोवर जाने वाले यात्री इसी मार्ग से होकर जाएंगे, जिससे व्यापार बढ़ेगा तथा क्षेत्र का विकास होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम क्षेत्र के आपदा प्रभावित एलधारा भूस्खलन क्षेत्र का ट्रीटमेंट वरूणावत पर्वत की तर्ज पर करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा इस अवसर पर जौलजीबी मेले हेतु रुपए 5 लाख दिए जाने एवं जौलजीबी संगम स्थल का सौंदर्यीकरण किये जाने की घोषणा की गई। मुख्यमंत्री ने संगम स्थल पर स्थित जालेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना भी की।
इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा, विधायक डीडीहाट बिशन सिंह चुफाल, विधायक धारचूला हरीश धामी, जिलाधिकारी रीना जोशी, एसपी लोकेश्वर सिंह, गिरीश जोशी आदि उपस्थित रहे।

हमारी संस्कृति और व्यापार का संगम है गौचर मेला-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को गौचर में 70वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का विधिवत उद्घाटन किया। मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री के पहुंचने पर उनका बैंड की मधुर धुन के साथ फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक गौचर मेला मैदान को मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित करने और गौचर मेले के सफल संचालन के लिए 10 लाख देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने गौचर मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गौचर मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण एक प्रसिद्व राजकीय मेला है और साल दर साल यह मेला अपनी ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने मेले को भव्य एवं आकर्षक स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विशिष्ट और ऐतिहासिक मेला हमारे राज्य के प्रमुख मेलों में से एक है और इसमें सरकार के अधिकांश विभाग भाग लेते हैं। मेले हमारे जीवन में इन्द्रधनुषी रंगों की तरह हैं, जो जीवन में ताजगी और उत्साह भर देते हैं। प्राचीन समय में, जब संचार और परिवहन की कोई ऐसी सुविधाएं नहीं थीं, तो इन मेलों ने सामाजिक ताने बाने को बुनने में बहुत मदद की और लोगों का सामाजिक और व्यावहारिक दायरा बढ़ाया। हमारे देश में और विशेष रूप से उत्तराखंड में अधिकतर मेले सांस्कृतिक मेल मिलाप का माध्यम रहे हैं, परंतु गोचर मेला विशेष है, क्योंकि संस्कृति की छठा बिखेरने के अलावा यह मेला यहां की जनता के व्यापारिक अवसरों को भी बढ़ाता है। इस मेले में प्रदर्शित झांकियों ने उत्तराखंड की विशिष्ट एवं बहुआयामी संस्कृति को प्रदर्शित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य उत्तराखंड के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाना है और इसके लिए औद्योगिक विकास का महत्व सर्वाधिक है। औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए हम रोड कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में विशेष ध्यान दे रहे हैं। पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और पर्यटन तो हमारे राज्य की लाईफ लाईन है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग द्वारा रोड कनेक्टिविटी एवं हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और हमारी आर्थिकी को भी लाभ मिलेगा। प्रदेश में चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तथा निर्माणाधीन रोप वे परियोजनाएं इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं कि किस प्रकार सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है, उन्होंने सभी को मेले के सफल आयोजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकार रमेश गैरोला को गोविंद प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और यूथ फाउंडेशन संचालित करने के लिए अनिल नेगी को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने देवेश जोशी द्वारा लिखी पुस्तक ‘धूम सिंह चौहान’ का विमोचन भी किया।
गौचर मेले में पहले दिन रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। मेलाध्यक्ष द्वारा झंडारोहण कर मार्चपास की सलामी ली गई। गौचर मेला मुख्य द्वार से चटवापीपल पुल तक एवं वापसी उसी रूट से होते हुये मुख्य मेला द्वार तक क्रास कण्ट्री दौड़ का आयोजन किया गया। खेल मैदान में बालक एवं बालिकाओं की दौड़, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। गौचर मेले में पारम्परिक पहाडी संस्कृति से सजा पांडाल मेलार्थियों के बीच खासे आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल एवं मेला उपाध्यक्ष अंजू बिष्ट ने गौचर मेले का शुभारंभ करने पर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया और मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए समस्याओं के निदान के लिए मांग पत्र भी दिया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री/जनपद के प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, पूर्व विधायक मुन्नी देवी शाह, कर्णप्रयाग ब्लाक प्रमुख चन्द्रेश्वरी देवी, गौचर नगर पालिका अध्यक्ष अंजू बिष्ट, कमिश्नर गढ़वाल/मेला संरक्षक सुशील कुमार, जिलाधिकारी/मेलाध्यक्ष हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्रा, सहित बडी संख्या में लोग मौजूद रहे।

20 करोड़ से अधिक लागत में बनेगा अगस्त्यमुनि के कोठगी में नर्सिंग कॉलेज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को 20 करोड़ 44 लाख 16 हजार की लागत से विकास खंड अगस्त्यमुनि के कोठगी में बनने वाले नर्सिंग कॉलेज का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। इस दौरान कार्यक्रम में पहुंचे छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री ने बाल दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि हमारे नौनिहाल जीवन में जिस भी क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उस दिशा में पूरे मनोयोग से काम करें, परिश्रम करने वालों को सफलता अवश्य मिलती है।
मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय जनता को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में नर्सिंग कॉलेज के बनने से क्षेत्र के बच्चों को नर्सिंग की पढ़ाई में लाभ मिलेगा एवं उन्हें अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को नर्सिंग कॉलेज को निर्धारित समयावधि के अन्दर पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में श्री केदारनाथ धाम का पुननिर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। केदारनाथ यात्रा को और सुगम बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी ने रोपवे परियोजना की सौगात दी है। जल्द ही इस पर कार्य शुरू किया जाएगा। इस वर्ष चारधाम यात्रा में 45 लाख से अधिक रजिस्टर्ड श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा को सुगमता से संचालित करना एक बड़ी चुनौती थी, किंतु जिला प्रशासन एवं सभी जन प्रतिनिधियों के सहयोग से यात्रा का सफल संचालन किया गया। उन्होंने कहा कि कर्णप्रयाग-ऋषिकेश रेल लाइन निर्माण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। आने वाले वर्षों में और अधिक संख्या में श्रद्धालु केदार धाम में आएंगे। श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधाएं मिले इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी लाई जा रही है। 7 हजार पदों पर जल्द ही लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया संपन्न कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि 2025 में जब उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएगा, तब तक उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में हो, इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 1 लाख से अधिक महिलाओं को ’लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि बागवानी के क्षेत्र में भी एक हजार नए बगीचे तैयार किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकासखंड अगस्त्यमुनि के धारकोट में मिनी स्टेडियम बनाए जाने के लिए एकमुश्त धनराशि दी जायेगी।
स्वास्थ्य व शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि जनपद को एक बड़ी सौगात मिली है जिससे कि क्षेत्र के बच्चों को इसका लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि जनपद को पहली सौगात 1200 करोड़ की लागत से केदारनाथ रोपवे बनाया जाएगा। इसके साथ ही जिला चिकित्सालय में 23 करोड़ की लागत से 50 बेड का क्रिटिकल केयर सेंटर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में चिकित्सकों की कोई कमी नहीं होगी, तथा 3 हजार नई नर्सों की वर्षवार भर्ती की जाएगी। 800 से अधिक एएनएम की भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि 1500 एलटी तथा 1500 लेक्चर की तथा 1 हजार बेसिक अध्यापकों की भर्ती की जाएगी।
विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी ने जनपद वासियों को नर्सिंग कॉलेज की सौगात मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि नर्सिंग कॉलेज बनने से पैरामेडिकल की पढ़ाई करने के लिए पहाड़ के युवाओं को अन्यत्र दूर नहीं जाना पड़ेगा।
इस अवसर पर विधायक केदारनाथ शैला रानी रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, जिला पंचायत सदस्य सविता भंडारी, भारतभूषण भट्ट, जिलाध्यक्ष भाजपा महावीर सिंह पंवार, पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक सुश्री विशाखा अशोक भदाणे आदि उपस्थित रहे।

हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स के निर्माण कार्य में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में हेलीपोर्ट्स एवं हेलीपैड्स की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को हेलीपोर्ट्स एवं हेलीपैड्स के निर्माण में तेजी लाने के साथ ही निर्माण कार्य में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन स्थानों पर हेलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स के लिए भूमि चयनित कर ली गई है, शीघ्र उनकी डीपीआर तैयार कर ली जाए। लैंड ट्रांसफर में अटके मामलों को प्रतिदिन मॉनिटरिंग कर निस्तारित किया जाए। मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को पर्यटकों को भी ध्यान में रखते हुए लगातार नए हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूर दराज के अनछुए क्षेत्रों में भी पर्यटन स्थलों की तलाश लगातार जारी रखते हुए उन्हें विकसित कर पर्यटकों के लिए आसान पहुंच बनाने के लिए हेलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक हेलीपैड और हेलीपोर्ट के लिए कार्य पूर्ण होने तिथि पूर्व में ही निर्धारित की जाए। साथ ही, सभी हेलीपोर्ट्स एवं हेलीपैड्स के निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।
बैठक में बताया गया कि प्रदेशभर में विभिन्न हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स पर कार्य गतिमान है। कोटी कॉलोनी स्थित हेलीपोर्ट का कार्य पूर्ण हो चुका है। 6 हेलीपोर्ट्स का निर्माण कार्य गतिमान है, जिनको दिसम्बर माह तक पूर्ण कर लिया जाएगा। पर्यटन विभाग द्वारा भी नए हेलीपैड्स चिन्हित कर उनके निर्माण कार्य विभिन्न स्तरों पर गतिमान है।
इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, सीईओ सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी सी. रविशंकर सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।