षड्यंकारियों के खिलाफ उत्तराखंड के हितैषियों को आना होगा आगे

आज उत्तराखण्ड गर्म है शायद राज्य से सर्दी ने मुंह मोड़ लिया है। आज हर ओर मुख्यमंत्री बदलवाने की दुकानें सजी थी। शायद जब उत्तराखंड बना तब हमारे शहीदों और माताओ ने ये नहीं सोचा था कि जिस राज्ये को बनाने के लिए उन्होंने संघर्ष किया है। वहाँ बाहरी लुटेरे आकर लूट करेंगे और हमारे लोग तमाशा देखेंगे। काश हर बार राज्ये में इस तरह से दुकाने न सजती तो हम भी बहुत आगे निकल गए होते।

…आखिर क्यों इस तरह की हवा चली क्या, किसी का भी दिल्ली से आना ये संकेत है कि मुख्यमंत्री बदलेगा। आखिर क्यों बदले जाए त्रिवेंद्र रावत, क्या इसलिए कि उन्होंने भ्रष्टाचार कम कर दिया या बाहरी लुटेरो की दुकान बंद करदी या यूं कहें कि चंद लोगो की जो भीड़ सचिवालय में दलाली करने की दलालो की फौज खत्म कर दी। इसलिए मुख्यमंत्री बदल दे या गैरसैण को राजधानी बना दी। इसलिए मुख्यमंत्री बदला जाए या सादगी गलत है हर ओर झुठे वादे और बातें होनी चाहिए। इसलिए मुख्यमंत्री बदला जाए।

आखिर दलालो का प्रवेश खोल दिया जाए उत्तराखंड को लूटने दिया जाए, शायद तब सबको सही लगेगा। ये जो मुख्यमंत्री बदलने की दुकान है ये चंद दलालो की है आखिर क्या जनता ने कोई मांग की है या कोई बड़ा घोटाला सामने आया हो। ये अलग है कि कुछ नासमझ अधिकारी गलती कर रहे है तो उनको हटाने की जगह सीधा निसाना मुख्यमंत्री क्यों ? क्या उन अधिकारियों की जांच की मांग नहीं होनी चाहिए कि कहीं वो ही तो ये खेल नहीं खेल रहे। आखिर ऐसा ईमानदार मुख्यमंत्री जिस पर कोई आरोप नहीं है जिसको जनता भी सज्जन ओर ईमानदार कहती हो। जिसको माताओं ओर बेटियों की चिंता हो। जिसको यहाँ के युवाओं का दर्द हो। उसको इन चंद गलत अधिकारियों और दलालो की भेट नहीं चढ़ने दिया जाना चाहिए।

उत्तराखंड के वो चिंतक और लोग जो वास्तव में उत्तराखंड का हित चाहते है उनको आगे आना चाहिए। नही तो चंद बाहरी लोग जो आजकल परेशान हैं वो वापस आकर राज करेंगे और आप सब तमाशा देखेंगे। ’जागो उत्तराखंड जागो’

त्रिवेंद्र के खिलाफ षड्यंत्रकारी फिर हुए बेनकाब

देहरादून। उत्तराखंड राज्य बने हुए 20 वर्ष गुजर गए। मगर, राजनीति के मामले में यहां कभी स्थिरता नहीं ठहरती है। पुराना रिकाॅर्ड खंगाला जाए तो यह साफ तौर पर सामने आ जाता है कि जब भी किसी भी पार्टी का मुख्यमंत्री बना है, उसे हटाने के नित नए षड्यंत्र गढ़े जाते है। किसी न किसी बहाने राजनीतिक चर्चाएं गर्म रहती है, ताकि सरकार को अस्थिर किया जा सके। इस बार भी ऐसा ही देखने को मिला। जब तेजी से सोशल मीडिया और कुछ चैनलों में प्रायोजित खबरे चलाई गई कि सीएम त्रिवेंद्र बदले जा सकते है। मगर, त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हर बार की ही तरह इस बार भी विरोधियों को पराजित कर दिया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भले ही गली-गली में जाकर भुट्टे न खाते हो, किसी दुकान पर जाकर जलेबी न खाते हो। मगर, वह कभी अपने लोगों को झूठे वादे करके बेवकूफ नहीं बनाते है। सीएम की छवि बेहद ही सरल और स्पष्टवादी रही है। शायद यही कारण है कि कुछ लोग उन्हें पसन्द न भी करते हों। इसके बावजूद सीएम त्रिवेंद्र अपनी माटी और राज्य के विकास के लिए वचनबद्ध है। जब से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम का पद ग्रहण किया है। तभी से उनके विरोधी उन्हें सत्ता से बाहर करने में लगे हुए है। जिसके लिए समय-समय पर ऐसी अफवाहें चलाई जाती रही है, की सीएम अब हटे तब हटे। अब जबकि त्रिवेंद्र सरकर अपने चार साल पूरे करने जा रही है और एनडी तिवारी के बाद त्रिवेंद्र ही ऐसे सीएम होंगे। जो पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, तब फिर से ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है। जो कि शर्मनाक है।

अब उत्तराखंड की जनता भी समझ चुकी है कि राज्य में प्रचंड बहुमत की त्रिवेंद्र सरकार ही मजबूत नेतृत्व दे सकती है। बीते रोज देहरादून में केवल कोर ग्रुप की बैठक आयोजित हुई, जिस पर त्रिवेंद्र के विरोधी सक्रिय हुए और खूब अफवाहें फैलाई गई। लेकिन फिर वही हुआ, जो इन 4 सालों में हुआ, त्रिवेंद्र अजेय है और उनके विरोधी पस्त है। अजेय त्रिवेंद्र फिर से राज्य में भाजपा की सरकार बनाने जा रहे है।

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2021ः मन स्थिर रखते हुए शारीरिक व मानसिक विकारों से मुक्ति पाने का साधन है योग

गढ़वाल मण्डल विकास निगम लिमिटेड व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के चैथे दिन योगसाधकों ने योग की विभिन्न क्रियाओं का अभ्यास कर योगाचार्यों से योग की बारिकियों के गुरमंत्र लिए।

प्रातःकालीन सत्र में आर्ट ऑफ लिविंग के मोहित सती ने मुख्य पाण्डाल में अष्टांग योग एवं सूक्ष्म व्यायाम के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे जीवन के हर पहलू में योग छिपा हुआ है, जाने अनजाने हमारी दिनचर्या के पूरे क्रियाकलाप योग से जुड़ते हुए जीवन के अविभाज्य अंग बने हुए हैं। योग केवल शरीर पर ही काम नहीं करता वरन यह मन को शक्तिशाली व तनाव रहित बनाता है। उन्होंने कहा कि कमजोर शरीर को शक्तिशाली मन चला सकता है, परन्तु एक शक्तिशाली शरीर को कमजोर मन नहीं चला सकता है। योग क्रियाओं के द्वारा मन को स्थिर रखते हुए षाररिक एवं मानसिक विकारों से मुक्ति पाने का उपक्रम ही योग है।

अष्टांग योग के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके आठ अंग हैं, यम, नियम, आसन, प्राणायाम, धारणा, ध्यान, प्रतिहार और समाधि इनको भले ही अलग-अलग देखा जाता है मगर ये एक दूसरे से जुडे हुए हैं। पहले छः को जोड़कर ध्यान लगता है और तब वह समाधि की और जाता है, उन्होंने कहा कि घरों में काम करने वाली महिलायें अपने दिनभर की दिनचर्या के दौरान जो काम करती हैं, उस प्रक्रिया में भी जाने अनजाने योग छिपा हुआ रहता है। योग सिर्फ आसन नहीं है वरन यह मन, ष्वास व षरीर को जोड़ने वाली कला है।

दूसरी तरफ नगर पालिका हाल में हठ योगी सन्त स्वामी जीतानन्द ने अभयान्तर क्रिया योग, दण्ड क्रिया, संकुचन प्रसारण, पाद ग्रिहवा योग का अभ्यास कराते हुए इसकी उपयोगिता के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी उन्होंने कहा कि यह क्रिया षरीर को स्वस्थ रखने में इतनी सहायक है कि अन्य योगों की आवष्यकता नहीं पड़ती है। यदि व्यक्ति इन योग क्रियाओं को करता रहे तो उसके जीवन में आरोग्यता का साम्राज्य स्थापित हो जायेगा।

लाईट एण्ड सॉउण्ड हाल में संस्कृत विष्वविद्यालय के प्रोफेसर, डॉ लक्ष्मी नारायण जोषी ने नाड़ी विज्ञान व योग चिकित्सा के बारे में बताते हुए कहा कि शरीर की धमनियों में रक्त संचार से कोई भी अंग सहजता से काम करता रहता है, लेकिन जिस दिन रक्त संचार की यह सहजता धीमी पड़ जाये तो अंगों में विकार उत्पन्न हो जाता है इसलिए योग से शरीर के पूरे तन्त्र को ठीक रखा जा सकता है ताकि सारे अंग प्रत्यंग सही व सुचारू रूप से काम करते रहें। उन्होंने कहा कि नाड़ी चिकित्सा विज्ञान तीन सिद्धान्तों पर काम करता है। पहला-हृदय से षरीर के अंगों को निर्बाध गति से रक्त की आपूर्ति करना दूसरा-मस्तिष्क से निकलने वाली नाड़ियों द्वारा रक्त की आपूर्ति सभी अंगों को मिलते रहना तीसरा-प्राण ऊर्जा की आपूर्ति का शरीर के सभी अंगों तक पहुँचते रहना।

योग महोत्सव में ‘‘पिरामिड स्पिरिचुअल सोसाइटीज मूवमेंट’’ दिल्ली द्वारा पिरामिड ध्यान षक्ति योग द्वारा योग साधकों को ध्यान योग के बारे में बताया गया। इस अवसर पर उक्त संस्था की विभा गुप्ता व शक्ति गुप्ता द्वारा बताया गया कि ध्यान योग हमें स्वयं की सांसों से जोड़ना सिखाता है। सांसें सदा से हमारे साथ हैं और मृत्यु पर्यन्त हमारे साथ रहेंगी परन्तु हम उनके साथ कभी नहीं रहे। हम सांसां के साथ रहना सीख रहें हैं, हमें सहज सांसों को सहज रूप में सहज भाव से साक्षी होकर देखना है। क्योंकि सांस ही हमारी गुरू और मित्र दोनों हैं, जब गुरू मित्र बन जाय तो हमें अपनी समस्या के समाधान के लिए किसी और के पास जाने की आवष्यकता नहीं होती।

सांय कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में त्रिभुवन महाराज व सुमित कुटानी द्वारा षानदार प्रस्तुति दी गई जो दर्षकों के आकर्शण का केन्द्र रहा। योगनगरी मुनि की रेती ऋषिकेश में योग महोत्सव के चैथे दिन विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टालों पर भी प्रतिभागियों व आगन्तुकों की भी काफी भीड देखने को मिली। जिसमें उद्योग विभाग, आयुश विभाग, आध्यात्म विज्ञान व सत्संग केन्द्र जोधपुर राजस्थान का स्टॉल आकर्शण के केन्द्र रहे वही गढ़वाल मण्डल विकास निगम लि0 द्वारा गढ़वाली व्यंजनों का स्टॉल लगाया गया जिसमें बुराँष चाट, कुलथ अनार सोरबा, गहत चाट, कडाली सोरबा, राजमा गलावटी कबाब, मडुवा समोसा चॉट, बुराँस पकोड़े, बुराँस जैली, ब्रॉउन राईस पुडिंग, देहरादूनी पुडिंग आदि परोसे जा रहें हैं।

मौके पर जीएमवीएन के प्रबन्ध निदेषक, डॉ. आशीष चैहान, महाप्रबन्धक (पर्यटन), जितेन्द्र कुमार, महाप्रबन्धक (प्रशासन), अवधेष कुमार सिंह, महाप्रबन्धक (वित्त) एवं अभिषेक कुमार आनंद आदि मौजूद रहे।

महाकुम्भ में संतों के दर्शन मात्र से जीवन होता है सफलः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरिद्वार में पंचायती अखाड़ा निरंजनी की पेशवाई में शामिल साधु-संतों से आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में संतों के दर्शन मात्र से ही जीवन सफल हो जाता है। संतों के आशीर्वाद से सरकार दिव्य व भव्य और सुरक्षित कुम्भ के आयोजन में पूरी तरह सफल होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने हरिद्वार भ्रमण के दौरान सर्वप्रथम पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की छावनी एसएमजेएन पीजी कॉलेज में पहुंचे। जहां महाकुम्भ की पहली पेशवाई अखाड़े की ओर से निकलनी थी। मुख्यमंत्री ने यहां पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, अखाड़े के सचिव व मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी, अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद आदि संतों के साथ पूजन कर पेशवाई को रवाना किया।

इसके बाद मुख्यमंत्री पंचदशनाम जूना भैरव अखाड़ा मायादेवी मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंचे। वहां उन्होंने पूजा अर्चना कर मां से दिव्य व भव्य कुंभ के आयोजन का आशीर्वाद मांगा। उन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरि गिरि आदि से आशीर्वाद लिया। परिसर में ही स्थापित दत्रात्रेय चरण पादुका के साथ ही श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा चरण पादुका का पंच अग्नि अखाड़ा में पूजा की।

यहां से मुख्यमंत्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा कनखल पहुंचे। वहां उन्होंने अखाड़े के महंत रविन्द्रपुरी आदि के साथ धर्मध्वजा का पूजन किया। संतों से आशीर्वाद लेने और कुम्भ की व्यवस्थाओं पर चर्चा के बाद मुख्यमंत्री कनखल स्थित जगदगुरु आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने जगदगुरू शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम से आशीर्वाद प्राप्त किया। वह कनखल के ही शंभू पंचायती अटल अखाड़ा पहुंचे। उन्होंने मंदिर में दर्शन के बाद परिसर में स्थापित धर्मध्वजा का भी पूजन किया।

इसके बाद मुख्यमंत्री बैरागी कैंप कनखल के अखिल भारतीय पंच निर्मोही अनि अखाडे़ पहुंचे। वहां हनुमान मंदिर में पूजा कर अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास महाराज आदि से आशीर्वाद लिया।

इससे पूर्व गुरूकुल कांगड़ी में बने हैलीपैड पहुंचने पर मुख्यमंत्री का मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, वरिष्ष्ठ पुलिस अधीक्षक कुंभ जन्मेजय खंडूड़ी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार सेंथिल अबूदई कृष्ण राज एस, दायित्वधारी डा0 विनोद आर्यां, भाजपा जिलाध्यक्ष डा0 जयपाल सिंह चैहान, जिला महामंत्री विकास तिवारी, नरेश शर्मा, विमल कुमार, उज्जवल पंडित, लव शर्मा आदि ने स्वागत किया।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मीडिया सेंटर से कुम्भ की कवरेज में होगी आसानीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार हरिद्वार में दिव्य व भव्य महाकुंभ के आयोजन को तैयार है। कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पावनधाम भूपतवाला में 150 बेड का सुविधा युक्त अस्पताल बनकर तैयार है। इसके अलावा चंडीटापू नीलधारा में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मीडिया सेंटर में बैठकर देश विदेश से आने वाले हमारे मीडिया प्रतिनिधियों को कवरेज में आसानी होगी।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में महाकुंभ के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने पावनधाम भूपतवाला में कुंभ के लिए बने 150 बेड के बेस अस्पताल का निरीक्षण कर आईसीयू, विभिन्न वार्डों, बर्न यूनिट, रिसेप्शन, आपातकालीन वार्ड आदि सुविधाओं की जानकारी ली। मेलाधिकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर ने मुख्यमंत्री को बताया कि अस्पताल में शिफ्टवार 38 डाक्टर, 90 स्टाफ नर्स के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ की भी तैनाती की गई है। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों के रहने आदि व्यवस्था की भी जानकारी ली।

इसके बाद मुख्यमंत्री चंडीटापू नीलधारा में निर्मित मीडिया सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे। मेलाधिकारी दीपक रावत और महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री को बताया कि मीडिया सेंटर में प्रेस कान्फ्रेंस हाल, स्टूडियों, रिसेप्शन, पीसीआर, वेटिंग लॉज, आईटी हाल, स्विस व वीआईपी कॉटेज की व्यवस्था है। महानिदेशक सूचना ने बताया कि मीडिया सेंटर को सभी आधुनिक संचार उपकरणों एवं संसाधनों से युक्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्वो आदि का लाइव कवरेज किये जाने की भी व्यवस्था मीडिया सेंटर के माध्यम से रहेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने मीडिया सेंटर में व्यवस्थाओं की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान दायित्वधारी पंकज सहगल, सुशील चैहान, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुंभ जन्मेजय खंडूड़ी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार सेंथिल अबूदई कृष्ण राज एस, अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र आदि उपस्थित थे।

योग महोत्सव में योग साधकों ने की विभिन्न यौगिक क्रियांए

गढवाल मण्डल विकास निगम एवं पर्यटन विभाग के सयंुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2021 के दूसरे दिन गंगा रिसोर्ट ऋशिकेष में योगाचार्यों द्वारा योग साधकों को विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास कराया गया। मुख्य पांडल में सुबह के सत्र में ग्रांड मास्टर अक्षर ने योग एवं प्राणायाम के अभ्यास कराये। उन्होनें धनुर आसन के बारे में बताते हुये कहा कि यह एक बहुत लाभदायक आसन है जिसके अभ्यास करने से शरीर शक्तिशाली होने के साथ-साथ लचीला हो जाता है। उन्होंने दण्डासान, नौकासान व हिमालय प्रणाम का अभ्यास कराया। हिमालय प्रणाम आसन के बारे में बताते हुये उन्होने कहा कि इसका अभ्यास करने से शरीर में ऊर्जा का सचांर होता है एवं प्रसन्नता के भाव आते है। उन्होंने कहा कि प्राणायाम से हम अपने मन को शान्त करते है एवं जितने भी मेंटल डिसओडर है उन्हें प्रणायाम व आसन से दूर किया जा सकता है और शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।

दूसरी तरफ पंचकर्मा हाॅल में योगाचार्या कपिल सघंवी ने सुबह के सत्र का प्रारम्भ प्रणायाम से करते हुये कहा कि प्राण वायु द्वारा प्राण की पुष्टि होती है। जितना गहरा और दीर्घ सांस लेते एवं छोडते है उतना ही अधिक मन शांत रहता है और अधिक ऊर्जा का उत्पादान होता है। उन्होंने कहा कि यह शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है जिसमें पृथ्वी तत्व हमें भोजन से प्राप्त होता है, जल तत्व माँ गंगा से प्राप्त होता है एवं अग्नि हमें सूर्य से प्राप्त होती है जबकि आकाश तत्व खुले आकाश से प्राप्त होता है। प्राण वायु को हम भली प्रकार से अवशेषित करेगें तो हम उतने ही स्वस्थ और ऊर्जावान बने रहेगें।

दूसरी ओर दोपहर के सत्र में मुख्य पंडाल में आर्ट आॅफ लीविंग के श्री श्री रवि शंकर ने आनलाइन माध्यम से योग साधकों को सम्बोधित करते हुये कहा कि आर्ट आॅफ लीविंग जीवन जीने की कला का एक सिद्धंात है। उन्होंने कहा कि योगा मेडिटेशन से व्यक्ति में ग्रहण करने की षक्ति का विकास होता है। उन्होंने कहा कि मन पर जोर जबरदस्ती नहीं करनी चाहिये। मन को ढीला-ढाला छोडना चाहिये। इससे धारणा बनती है व धारणा से ध्यान व ध्यान से समाधि की ओर जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि मन की एकाग्रता से विकृतियां दूर होती है और विकृतियां दूर होने से व्यक्ति का चरित्र सकारात्मक रूप से बदल जाता है। उन्होने कहा कि हर अपराधी के भीतर कोई पीडित व्यक्ति मदद के लिये पुकार रहा होता है। दोपहर बाद मुख्य पांडाल मे गौर गोपाल दास ़द्वारा प्रतिभागियों को आनलाइन सम्बोघित कर योग के महत्व के बारे मे बताया गया।

वहीं गंगा रिसोर्ट में विभिन्न विभागों द्वारा अपने उत्पादों के स्टाल लगाये गये है जिसमें उद्योग विभाग, आयुश विभाग प्रमुख रूप से शामिल हैं। अध्यात्म विज्ञान व सत्संग केन्द्र जोधपुर द्वारा सिद्ध योग के माध्यम से प्रतिभागियों व आगन्तुकों को ध्यान लगाने के क्रिया का अभ्यास कराया जा रहा है। गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा गढ़वाली व्यंजनों का स्टाल लगाया गया है जिसमें गढ़वाली व्यंजन बुरांश चाट, कुलथ अनार सोरबा, गहत चाट, कंडाली सोरबा, राजमा गलावटी कबाब, मंडुवा समोसा चाट, बुरांश पकोडे, बुरंाष जैली, ब्राऊन राईस पुडिंग, देहरादूनी पुडिंग आदि परोसे जा रहे हैै। योग महोत्सव के दूसरे दिन सांयकालीन सत्र में पं0 रजनीष व रितेष मिश्रा ने मुख्य पंाडाल में सास्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से शानदार प्रस्तुति दी।

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सवः सात दिवसीय महोत्सव का आज हुआ शुभारंभ

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद व गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित 29वें सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ हो गया। गंगा रिसोर्ट मुनिकीरेती में आयोजित महोत्सव का शुभारंभ कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी, पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण ने विधिवत रूप से वेद मंत्रों के बीच दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि मुनिकीरेती व ऋषिकेश ऋषि मुनियों की भूमि होने के कारण योगनगरी के रूप में विश्व विख्यात जननी भी है। योग का महत्व मनुष्य के अन्दर की बुराइयों को समाप्त कर, अच्छी गतिविधियों को संचालित करना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को दुनिया में प्रचारित किया है, उसका संदेश भी दुनियाभर में जाएगा।

पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कोरोना काल में योग का काफी महत्वपूर्ण स्थान रहा है। निरंतर योग करने से कोई भी बीमारी नहीं आती है। योग प्रवचन या कथा नहीं, बल्कि प्रयोगात्मक कला है। जिसको करने से कोई भी बीमारी नजदीक तक नहीं आती है। उन्होंने कहा कि दुनिया की किसी भी दवाई में बीमारी का निदान नहीं है, उसका निदान तो योग में ही है। योग और आयुर्वेद से दुनिया में जीवन के प्रति जागृति लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जो लोग योग कर रहे थे, उसे किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं हुई और जो योग नहीं कर रहे थे वह आज भी अवसाद की जिन्दगी में जी रहे हैं।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बताया कि योग की असली परिभाषा आत्मा का परमात्मा से मिलन करवाना है। योग समाधि की ओर भी ले जाता है। जिसको करने के लिए अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। गढ़वाल मंडल विकास निगम के अध्यक्ष महावीर सिंह रांगड ने कहा कि योग हमारी प्राचीन सभ्यता है। जिसके प्रचार प्रसार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफी योगदान रहा है। जिसके कारण आज देश ही नहीं दुनिया में योग के प्रति लोगों की जिज्ञासा बढ़ी है। ऋषिकेश व मुनिकीरेती योगनगरी के रूप में विश्व में विख्यात हुई है। उनहोंने कहा कि आज योग सप्ताह में जो योगी प्रतिभाग कर रहे हैं, वह यहां से योग सीख कर पूरी दुनिया में इसका प्रचार-प्रसार करें।

गढ़वाल मंडल के प्रबंध निदेशक डॉ आशीष चैहान ने बताया कि भारत सरकार व राज्य सरकार की कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी कक्षा व्यवस्थाएं की गई है। जिसके चलते अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में इस वर्ष 350 से अधिक साधकों ने अपना पंजीकरण कराया। जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के टीवी कार्यक्रम मास्टर शेफ विजेता पंकज भदोरिया भी शामिल हो रहे हैं। जिनकी देखरेख में साधकों को हेल्दी खाना भी परोसा जाएगा। इसी के साथ फूड प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। इस दौरान उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा योग के साथ धोती नीति का प्रदर्शन भी किया गया।

इस मौके पर गढ़वाल मंडल विकास निगम के उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंघल, नगर पालिका मुनिकीरेती के अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, दर्जाधारी राज्यमंत्री करण वोहरा, विवेक चैहान अपर निदेशक, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद, गुरु गोपाल दास, स्वामी परमात्मानंद, ऊषा माता, योगी सिद्धार्थ, ग्रैंडमास्टर अक्षर, समाजसेवी बच्चन पोखरियाल, ऋषिकेश मंडी परिषद के अध्यक्ष विनोद कुकरेती, पुष्पा बर्थवाल, स्वामी आत्मा स्वरूप, भाजपा नेता चंद्रवीर पोखरियाल आदि मौजूद रहे।

नीरजा देवभूमि चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित शिविर में पहुंचे कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल

नीरजा देवभूमि चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित दो दिवसीय न्यूरो थेरेपी व स्वास्थ्य जांच शिविर का आज समापन हो गया। समापन दिवस पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने स्वास्थ्य की जांच कर रही टीम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

लक्ष्मण झूला रोड स्थित कबीर चैरा में आयोजित शिविर में मायाकुंड, चंद्रेश्वर नगर, शीशम झाड़ी 14 बीघा आदि जगहों से 110 लोगो ने रजिस्ट्रेशन कराया। जिनकी निशुल्क न्यूरो थेरेपी और रक्त जांच की गई।

दूसरे दिन शिविर का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, कबीर चैरा आश्रम के महंत कपिल मुनि ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि नीरजा गोयल ऐसे लोगो के लिए उदाहरण है जो सम्पन्न होने के बाद भी दरियादिल नहीं होते। नीरजा से ऐसे लोगो को सीख लेनी चाहिए। उन्होंने चिकित्सक की टीम को बिना दवाई उपचार करने पर बधाई दी। कहा कि मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है, जिसे नीरजा ट्रस्ट बखूबी निभा रहा है। उन्होंने नीरजा गोयल को सामाजिक कार्यो के लिए धन्यवाद दिया। इस मौके कैबिनेट मंत्री ने स्वास्थ्य की जांच कर रही टीम को प्रमाण पत्र भी दिए गए।

महंत कपिल मुनि ने कहा कि जरूरत मंद लोगों के लिए समय समय पर ऐसे स्वास्थ्य जांच शिविर लगाये जाने चाहिए। जिससे निर्धन वर्ग को लाभ मिलता है, साथ ही मानव सेवा करने का मौका भी मिलता है।

ट्रस्ट संस्थापक नीरजा गोयल ने कहा कि स्वास्थ्य शिविर का यह पहला आयोजन था। उन्होंने इसकी सफलता को देखते हुए पुनः स्वास्थ्य शिविर लगाए जाने की घोषणा की। मौके ओर उन्होंने निराश्रित गौवंश के लिए भी काम करने की बात भी कही।

न्यूरो थैरेपिस्ट देवेंद्र आहुजा ने लोगो को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के टिप्स दिए। मौके पर मोटापे, गैस की दिक्कत, माइग्रेन की दिक्कत, जोड़ों के दर्द, कमर दर्द आदि की थेरेपी की गई। उन्होंने थेरेपी कराने पहुंचे लाभार्थियों को मांसाहार का उपयोग खाने में ना करने की भी सलाह दी।

डॉक्टर सुनील थपलियाल के संचालन में आयोजित शिविर में ट्रस्ट सह संस्थापक नूपुर गोयल, वरुण जैन, डीपी रतूड़ी, रवि जैन, स्पर्श गंगा अभियान की सदस्य सरोज डिमरी, व्यापारी नेता पंकज गुप्ता, भाजपा नेता कपिल गुप्ता, हैप्पी सेमवाल, भूपेंद्र राणा, बीना जोशी, गीता मित्तल, बलराम शाह, मनोज गुप्ता, शाकुंतला व्यास, हरीश आनंद, संतोष व्यास, कमल चतुर्वेदी, सुभाष, आशु, ध्रुव, दिवाकर मिश्रा, भावना सिंधी, अन्नू आदि मौजूद रहे।

5400 करोड़ लागत से 250 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों का हुआ लोकार्पण व शिलान्यास

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के लिए 5400 करोड़ रूपये की लागत से 250 किमी लम्बे राष्ट्रीय राजमार्गों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें 5000 करोड़ के राजमार्गों का लोकार्पण और 400 करोड़ के राजमार्गों का शिलान्यास किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के अनुरोध पर राज्य का सीआरएफ की स्वीकृति को 10 गुना कर दिया है। प्रस्ताव मिलने पर इस वर्ष 250 करोड़ रूपए के कार्य की स्वीकृति दे दी जाएगी।

लोकार्पण किए गए राष्ट्रीय राजमार्गों में मुजफ्फरनगर-हरिद्वार एनएच 58 का 4 लेन निर्माण (लम्बाई 78 किमी लागत 1750 करोड़ रूपए), रूड़की-छुटमलपुर-गागलहेड़ी(एनएच 73), छुटमलपुर-गणेशपुर (एनएच 72 ए) का 4 लेन निर्माण (लम्बाई 54 किमी लागत 2200 करोड रूपए), हरिद्वार-देहरादून एनएच 58 एवं 72 का 4 लेन निर्माण (लम्बाई 37 किमी, लागत 1000 करोड़ रूपए), मुजफ्फरनगर-हरिद्वार एलिवेटेड संरचना मायापुरी एस्केप चैनल पर सेतु एनएच 58 (लम्बाई 01 किमी, लागत 50 करोड़ रूपए) शामिल हैं। इसी प्रकार रूद्रप्रयाग जिले में 1 किमी लम्बी टनल का निर्माण एवं अलकनंदा नदी पर एनएच 107, एनएच 7 को जोड़ने के लिए दीर्घ सेतु का निर्माण (लम्बाई 02 किमी, लागत 250 करोड़ रूपए), अल्मोड़ा जिले में एनएच 309 बी के अंतर्गत पैटशाल से पनुवानौला और दानिया से पनार के सुदृढ़ीकरण का कार्य (लम्बाई 45 किमी, लागत 50 करोड़ रूपए) और पौड़ी गढ़वाल जिले में एनएच 119 (नया 534) के अंतर्गत सतपुली से अगरोड़ा तक सुदृढ़ीकरण का कार्य (लम्बाई 33 किमी, लागत 100 करोड़ रूपए) का शिलान्यास किया गया।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि बहुत सी अड़चनों के बाद इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सका है। हमने वचन दिया था कि कुम्भ से पहले यह काम कर लिया जाएगा। बड़ी खुशी है कि हम इसे पूरा करने में कामयाब रहे। इन राजमार्गों के पूरा होने से समय की काफी बचत होगी।

योजनाओं से ट्रेफिक में मिलेगी सुविधा, रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुजफ्फरनगर-हरिद्वार एनएच 58 से बाईपास निर्माण से पुरकाजी रूड़की व बहादराबाद शहर को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी, समय व ईंधन की बचत होगी। कुम्भ नगरी हरिद्वार के लिए यात्रा सुगम होगी। रोजगार के नये अवसरों का सृजन होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

हरिद्वार-देहरादून एनएच 58 एवं 72 से हरिद्वार से देहरादून की यात्रा सुगम होगी। इसमें राजाजी टाईगर रिजर्व वन्य जीव के आवागमन के लिए तीन एलीफेंट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। बाईपास निर्माण से डोईवाला को यातायात जाम से राहत मिलेगी।

रूड़की-छुटमलपुर-गागलहेड़ी(एनएच 73), छुटमलपुर-गणेशपुर (एनएच 72 ए) से उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के बीच सुगम आवागमन की सुविधा होगी। बाईपास निर्माण से रूड़की एवं छुटमलपुर को जाम से राहत मिलेगी। भगवानपुर व सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में व्यावसायिक वाहनों की बेहतर कनेक्टिवीटी होगी। मुजफ्फरनगर-हरिद्वार एलिवेटेड संरचना मायापुरी एस्केप चैनल पर सेतु से हरिद्वार में ट्रेफिक जाम से राहत मिलेगी।

रूद्रप्रयाग जिले में 1 किमी लम्बी टनल का निर्माण एवं अलकनंदा नदी पर एनएच 107, एनएच 7 को जोड़ने के लिए दीर्घ सेतु के निर्माण से बाईपास निर्माण से रूद्रप्रयाग में जाम से राहत मिलेगी और केदारनाथ व बदरीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधा मिलेगी। पौड़ी गढ़वाल जिले में एनएच 119 से सड़क की राईडिंग गुणवत्ता में सुधार होगा, संकीर्ण पुलों का चैड़ीकरण होगा और चारधाम यात्रा के लिए वैकल्पिक मार्ग विकसित होगा।

चारधाम परियोजना में 450 किमी के काम पूरे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चारधाम परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है। यह 12500 करोड़ की 825 किमी की परियोजना है। इसमें 53 पैकेज हैं। 647 किमी में इसका काम शुरू हो गया है। इसमें से 450 किमी के 7508 करोड़ रूपए के कार्य पूरे हो चुके हैं। सामरिक दृष्टि से यह मार्ग परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस परियोजना में सड़कों का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय स्तर का वैज्ञानिक तरीके से किया जा रहा है। दुर्घटना रोकने के लिए क्रेश बेरियर भी बनाए गए हैं। अभी तक 13 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली में मुलाकात के दौरान उन्हें भेंट की गई ऐंपण पर आधारित कलाकृति की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की ये भेंट प्राप्त करने के बाद उन्होंने निर्णय किया है कि चारधाम परियोजना के रोड साईड एमेनिटी में 2000 वर्ग फीट के पैवेलियन राज्य सरकार को देंगे ताकि वहां उत्तराखण्ड के पारम्परिक हस्तकला, और स्थानीय उत्पादों को विक्रय के लिए रखा जा सके। इनसे उत्तराखण्ड के हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।

कैलाश मानसरोवर का सड़क मार्ग जल्द होगा पूरा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर अच्छी सड़कें होती तो 2013 की आपदा में बहुत से लोगों का जीवन बचाया जा सकता था। चारधाम सड़क परियोजना को अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे वर्ष भर चारधाम यात्रा संचालित की जा सकेगी। चारधाम के लिए ऑल सीजन रोड़ का उनका सपना पूरा हो रहा है। उनका दूसरा सपना है कि उत्तराखण्ड से सड़क मार्ग से कैलाश मानसरोवर जाने का। मार्ग का 85 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। अगले 5-6 माह में यह सड़क पूरी हो जाएगी और वे स्वयं इस सड़क से मानसरोवर के दर्शन के लिए जाएंगे। चारधाम परियोजना हमारी आस्था, अस्मिता और स्वाभिमान का प्रोजेक्ट है। हमें पर्यावरण और विकास को साथ लेकर चलना है। एक पेड़ के बदले हम 10 पेड़ लगाएंगे।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे से हरिद्वार के लिए भी कनेक्टिविटी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली से देहरादून का सफर आने वाले समय में केवल 2 घंटे का होगा। दिल्ली से देहरादून एक्सप्रेस वे के तहत एक कनेक्टिविटी दिल्ली-हरिद्वार के लिए भी दी जाएगी। इससे दिल्ली-हरिद्वार का मार्ग भी 2 घंटे का हो जाएगा। सहारनपुर बाईपास से 2000 करोड़ की लागत से 49 किमी का 6 लेन का नया मार्ग बनाया जाएगा। जनवरी 2024 से पहले इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा। दिल्ली-देहरादून कॉरिडोर की कुल लम्बाई 210 किमी और कुल लागत 13 हजार करोड़ रूपये होगी। पहले चरण में यह 6 लेन का होगा। नौ पैकेज में यह काम होगा, इसमें से 5 पैकेज का टेंडर भी हो गया है। शेष 4 पैकेज का टेंडर अप्रैल 2021 तक हो जाएगा।

उत्तराखण्ड के चल रहे सड़क प्रोजेक्टों की जानकारी दी
मुख्यमंत्री के अनुरोध पर यमुनाघाटी क्षेत्र को चारधाम परियोजना से जोड़ने के लिए डीपीआर बनाया जा रहा है। सांसद अजय टम्टा के अनुरोध पर जौलजीवी-मड़कोट-मुन्स्यारी-थापा से मिलम की सड़क खोलने के लिए बीआरओ को कह दिया गया है। सतपाल महाराज जी के अनुरोध पर धनोरीपुल, मिरापुल की मरम्मत और सल्ट महादेव से थैलीसैंण की मरम्मत का काम कर दिया गया है। मदन कौशिक के अनुरोध पर पावनधाम चैक से दुधाधारी चैक तक एलीवेटेड रोड और भूपतवाला में बन रहे अंडरपास में पिलर निर्माण किया जाएगा। डॉ धनसिंह रावत ने श्रीनगर में एलीवेटेड रोड व मैरीन ड्राइव के अनुरोध पर डीपीआर बना ली गई है।

कोटद्वार-सतपुली-ज्वाल्पा- श्रीनगर 2 लेन का डीपीआर बन गया है। रामेश्वर से अल्मोड़ा तक 2 लेन सड़क का निर्माण की डीपीआर बन गयी है। कालसी से बड़कोट बैंड 2 लेन सड़क का निर्माण की डीपीआर को सुधार के लिए भेजा गया है।

डाटकाली से आईएसबीटी तक सड़क मरम्मत कार्य, बागेश्वर से बिलना तक सड़क सुरक्षा कार्य, छारा में सड़क सुरक्षा कार्य अल्मोड़ा में बनारघाट में सड़क सुरक्षा कार्य, पाण्डुवाखाल से कर्णप्रयाग तक सड़क मरम्मत का कार्य, चोपता से कुण्डा तक सड़क मरम्मत का कार्य, चमोली से चोपता तक रामनगर से बुआखाल मोटरमार्ग पर दो पुलों का निर्माण, चम्पावत-लोहाघाट-पिथौरागढ़ सड़क मरम्मत कार्य, काकड़ीघाट से कुड़ाब तक चैड़ीकरण जल्द अवार्ड कर दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के साथ उत्तराखण्ड में भी तेजी से विकास के काम हो रहे हैं। केन्द्र द्वारा स्वीकृत विभिन्न सड़क परियेजनाओं से उत्तराखण्ड में सड़क कनेक्टिविटी में काफी विस्तार हो रहा है। इससे न केवल चार धाम यात्रा सुगम होगी बल्कि उत्तराखण्ड में पर्यटन गतिविधियों का विस्तार होगा। इसका फायदा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को होगा। इससे लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

एनएचएआई के चैयरमैन एसएस संधु ने बताया कि पांवटा-देहरादून 4 लेन स्वीकृत हो चुकी है यहां से मसूरी के लिए वैकल्पिक मार्ग का प्लान भी तैयार किया जा रहा है। हरिद्वार रिंग रोड़ स्वीकृत हो चुकी है। खटीमा बाईपास भी प्लान किया गया है। रामपुर में बाईपास से नैनीताल के लिए समय की बचत होगी। मुरादाबार बाईपास से कार्बेट के लिए समय बचेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल(से.नि) वी.के. सिंह, केंद्रीय पशुपालन, डेयरी व मत्स्य राज्य मंत्री संजीव बालियान, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज, सांसद नरेश बंसल, अजय टम्टा, तीरथ सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, सांसद हाजी फजलुर्रहमान आदि उपस्थित थे।

देशभर में चेक बाउंस के 25 फीसदी मामले, विशेष कोर्ट की उठी मांग

केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चेक इस ओनर मामले का नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1807 सी की धारा 138 के तहत ट्रायल करने के लिए अतिरिक्त कोर्ट बनाने पर विचार करें मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा कि देशभर में कोर्ट चेक बाउंसिंग मामले से अटे पड़े हैं। साढ़े तीन करोड़ लंबित केसों में चेक बाउंसिंग के केसों का लगभग 25 फीसदी हिस्सा है, सरकार को इस पर जल्द विचार करना होगा।