गंगा को स्वच्छ रखने का सामूहिक प्रयास जरुरी-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन में आयोजित गंगा समग्र अविरल गंगा निर्मल गंगा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि अविरल गंगा निर्मल गंगा अभियान के तहत गंगा को स्वच्छ रखने के लिए कार्य किए जा रहे हैं जिसमें गंगा को साफ सुथरा रखने के साथ-साथ जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवनदायिनी मां गंगा के मूल स्वरूप को बचाए रखना हम सबका नैतिक दायित्व है। केंद्र व राज्य सरकार इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। प्रथम चरण के तहत गंगा में मिलने वाले 132 गंदे नालों के पानी को एसटीपी के माध्यम से स्वच्छ किया गया है। जबकि दूसरे चरण के लिए प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि गंगा के साथ साथ उसकी सहायक नदियों पर भी कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर स्थानीय विधायक रेनू बिष्ट, स्वामी चिदानंद महाराज, रामाशीष राय सहित स्वच्छ गंगा मिशन से जुड़े कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

जौनपुर टिहरी में सीएम ने की नागदेवता मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नागथात (बिरौड़) जौनपुर टिहरी गढ़वाल पहुंचकर नागदेवता मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पूजा अर्चना कर प्रदेश एवं प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं सुख समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि नागथात बिरोड़ मुंगाथात (अणदणा) अषाड़ थात को पर्यटन क्षेत्र घोषित किया जायेगा। नागथात मन्दिर के प्रांगण का सौंदर्यीकरण एवं विस्तारीकरण किया जायेगा। पुरोला विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत डरोगी तक मोटरमार्ग के नव निर्माण की घोषणा की गई। कुकड़सारी से भद्रीगाड़ तक मोटरमार्ग का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बहुत ही पवित्र दिन है जब भगवान नागराजा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है और हम बहुत भाग्यशाली हैं, जो हमको इस पावन मौके पर भगवान नागराजा का साक्षात आशीर्वाद मिला है। उन्होंने कहा कि हमारे मेले थोलों का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है और हमारे पूर्वजों की अपनी धरोहर को बचाने में एवं उसके संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है, उन्ही के प्रयासों से आज हमारे मेले, त्योहार और संस्कृति जीवित है। राज्य सरकार मेलों के संरक्षण, उत्तराखंड की लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने एवं उसके संवर्द्धन हेतु प्रतिबद्ध है। राज्य के मेले और संस्कृति राज्य तक ही सीमित न रहे इन्हें देश विदेश में पहचान मिले इसके लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। वैश्विक पटल पर हमारी संस्कृति को एक पहचान मिले इसके लिए भी कार्य कर रहे है। दैवीय स्थानों, पूजा स्थलों, पौराणिक स्थलों को विकसित कर तीर्थाटन और पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे प्रदेश में पर्यटकों एवं चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी और पलायन पर रोक लगेगी। उत्तराखण्ड को देश और दुनिया की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक राजधानी बनाने के लिए हम निरन्तर प्रयासरत है। केन्द्र एवं राज्य सरकार उत्तराखण्ड के गांवों एवं युवाओं को सशक्त बनाने एवं मातृशक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। हमारे युवा आज उद्यमों को अपना कर हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं, वहीं मातृशक्ति स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अनेक उत्पादों का निर्माण कर रही हैं, इन उत्पादों को बाजार मिले इसके लिए प्रयास कर रहे है। सुदुर गांव तक सभी सुविधाएं पहुंच सके इसके लिए कार्य किए जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे आशा एवं पूर्ण विश्वास है कि भगवान नागराजा का यह पौराणिक स्थल नागटिब्बा की तर्ज पर विकसित होकर पर्यटन के मानचित्र पर दर्शित होगा। देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने में सभी का सहयोग प्राप्त होगा और उत्तराखण्ड देश का श्रेष्ठ राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में इस बार पिछले साल से भी अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, उसके लिए समुचित कार्यवाही की जा रही है। प्रधानमंत्री ने बाबा केदारनाथ की धरती से कहा कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा, उस दिशा में आगे बढ़ रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के कर्त्तव्य पर्थ पर उत्तराखण्ड की ‘मानसखण्ड‘ झांकी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो हमारे लिए गौरव की बात है।
इस अवसर पर विधायक धनोल्टी प्रीतम सिंह पंवार, राजपुर विधायक खजान दास, पुरोला विधायक दुर्गेश लाल द्वारा भी सम्बोधित किया गया।
इस मौके पर पूर्व मंत्री नारायण सिंह राणा, डीसीबी अध्यक्ष सुभाष रमोला, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मीरा सकलानी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख गीता रावत, जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी के.के. मिश्र, सीएमओ मनु जैन, एसडीएम लक्ष्मीराज चौहान सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं क्षेत्रीय जनता मौजूद रहे।

मानव उत्थान सेवा समिति ने श्रद्धालुओं के लिए बीमा धनराशि का चेक सीएम को सौंपा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को ऋषिकुल कॉलेज मैदान, हरिद्वार में मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा आयोजित सद्भावना सम्मेलन एवं राष्ट्रीय एकता शिविर कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने ऋषिकुल मैदान में चाहर दिवारी के निर्माण कार्य को घोषणा की। इस दौरान मानव उत्थान सेवा समिति की ओर से मुख्यमंत्री को आगामी चार धाम यात्रा में आने वाले 1000 श्रद्धालुओं के लिए दुर्घटना बीमा चेक सौंपा गया। उल्लेखनीय है कि मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा चारधाम यात्रा में आने वाले प्रति यात्री के लिए 1 लाख की करवाई जा रही है। चार धामों के लिए 1000 व्यक्तियों के लिए कुल 10 करोड़ का दुर्घटना बीमा समिति द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा किए जा रहे मानवता के कार्य अति सराहनीय है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने का मौका मिला है। आज जी-20 के कार्यक्रम देश के कोने कोने में कराए जा रहे हैं, ताकि भारत का प्रत्येक नागरिक इस महासम्मेलन का प्रतिभागी बन सके। उन्होंने कहा आज सरकार की योजनाओं का निर्वाण अंत्योदय पर केंद्रित रहता है। समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक किस प्रकार योजनाओं का लाभ पहुंचे इस पर हर स्तर पर गंभीरता से विचार किया जाता है। मोदी जी के नेतृत्व में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य तेजी से प्रगति की ओर बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने आगामी चार धाम यात्रा की पूर्ण तैयारियां कर ली है। राज्य आगामी चार धाम यात्रा के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होने कहा बीते 1 साल में राज्य सरकार ने कई कार्य किए हैं। समान नागरिक संहिता पर कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा राज्य के विभिन्न स्थानों पर अवैध निर्माण के मामले सामने आए है। उन्होंने कहा सरकारी भूमि पर किसी को भी अतिक्रमण करने नहीं दिया जाएगा। जिन जगहों पर अतिक्रमण हुआ है उन्हें हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार के लिए जनता का हित सर्वाेपरि है।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

देश के पहले सीडीएस की स्मृति में प्रदेश की बड़ी परियोजना शुरु की जायेंगी-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कनक चौक, देहरादून में देश के पहले सीडीएस जनरल पद्म विभूषण बिपिन रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल विपिन रावत की स्मृति को चिरस्थायी बनाये जाने के लिये प्रदेश की किसी बड़ी परियोजना को नाम उनके नाम पर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि यह भव्य प्रतिमा तथा स्मारक स्थल जनरल बिपिन रावत के शौर्य, अदम्य साहस और वीरता का स्मरण कराने के साथ ही युवाओं को प्रेरणा देने का कार्य करेगा। सीडीएस जनरल रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का निर्माण एमडीडीए द्वारा लगभग 50 लाख की लागत से किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी आकस्मिक मृत्यु से देश को जो अपूरणीय क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई कभी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के सैनिकों का विशिष्ट योगदान रहा है। उत्तराखण्ड के युवाओं का सेना में शामिल होना प्रमुख प्राथमिकता रही है। सैन्य सेवा हमारे लिये मात्र रोजगार का अवसर नहीं, वरन देश एवं समाज के लिये जीवन समर्पित करने का उत्कृष्ट अवसर भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व.जनरल बिपिन रावत की मातृभूमि के लिए चार दशकों की निस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी। जीवन के अंतिम दिन तक वे केवल और केवल देश के लिए ही जीए। उनका सेनाध्यक्ष तथा प्रथम सीडीएस बनना ,ये स्पष्ट दर्शाता है कि वे कितने योग्य जनरल थे। सेना के तीनों अंगों के आधुनिकीकरण तथा देश को रक्षा आवश्यकताओं के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाये जाने हेतु स्व. जनरल बिपिन रावत द्वारा विशेष प्रयास किये गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान उनका मार्गदर्शन सैनिकों के बहुत काम आया। उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने वीरता के नए नए प्रतिमान स्थापित किए। देश के साथ-साथ उत्तराखंड से भी उनका बड़ा लगाव था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते उनका भी सेना के प्रति जुड़ाव रहा है। बचपन में वे भी सेना का हिस्सा बनना चाहते थे। 2021 में जनरल बिपिन रावत को जब ज्ञात हुआ कि मेरे पिता महार रेजिमेंट में रहे हैं तो उन्होंने महार रेजिमेंट सेंटर सागर जाने का कार्यक्रम बनाने तथा स्वयं भी वहां जाने की इच्छा जतायी थी किन्तु इस दुखद घटना के कारण महार रेजिमेंट सागर के कार्यक्रम में उन्हें उनका सानिध्य नहीं मिल पाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सैनिकों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए हम कृत संकल्पित हैं। देहरादून के गुनियाल गांव में प्रदेश के शहीदों की शहादत स्मृतियों को यादगार बनाने के लिये भव्य “शौर्य स्थल” (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है। इस साल के अंत तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड राज्यधीन सेवाओं में शहीद सैनिक के आश्रितों को जिलाधिकारी कार्यालय में समूह ‘ग‘ अथवा ‘घ‘ में सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति प्रदान करने का कार्य भी कर रही है, अभी तक करीब 23 आश्रितों को नियुक्ति दी जा चुकी है। साथ ही विभिन्न युद्धों व सीमान्त झड़पों तथा आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों की विधवाओं व आश्रितों को एकमुश्त दस लाख का अनुग्रह अनुदान भी अनुमन्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युद्ध विधवा या युद्ध में अपंग सैनिकों को दो लाख रुपए तक की आवासीय सहायता भी प्रदान भी की जा रही है। जबकि सैनिक विधवाओं की पुत्री एवं पूर्व सैनिकों की अनाथ पुत्रियों के विवाह हेतु एक लाख रूपये का अनुदान देने की भी व्यवस्था की गई है। सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के हितों के लिए हरसंभव मदद के साथ ही सैनिकों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाना हमारा लक्ष्य है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी एवं विधायक खजान दास ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, मेयर सुनील उनियाल गामा, जे.ओ.सी संजीव खत्री, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. बंशीधर तिवारी, से.नि. मे.ज. जी.एस. रावत, मे.ज. आनन्द सिंह रावत,, जनरल विपिन रावत की दोनों पुत्रियां कृतिका एवं तारिणी, सेना के अधिकारी एवं जवानों के साथ बड़ी संध्या में लोग मौजूद रहे।

विभागवार समीक्षा में बोले कमिश्नर, चारधाम यात्रा में कोताही बर्दाश्त नही

आयुक्त गढवाल मण्डल सुशील कुमार ने चारधाम यात्रा तैयारियों एवं व्यवस्थाओं को लेकर नगर निगम सभागार ऋषिकेश में अधिकाारियों की बैठक ली। बैठक में उन्‍होंने चारधाम यात्रा को लेकर दिए गए दिशा निर्देशों के अनुपालन में विभाग वार कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को चारधाम यात्रा से पहले कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने चार धाम यात्रा में कानून व्यवस्था चाक-चौबंद रखने, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चिकित्सकों की तैनाती, जीवन रक्षक दवाइयों, उपकरण, आक्सीजन सिलेंडर एंबुलेंस, एअर एंबुलेंस की ब्यवस्था, केदारनाथ एवं यमुनोत्री में कार्डियोलॉजिस्ट तैनाती, यात्रा बस टर्मिनल ऋषिकेश ट्रांजिट केंप में 6 बेड यात्री चिकित्सालय में जल्द स्टाफ की तैनाती के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
आयुक्त गढवाल मण्डल ने यात्रा को सुगम एवं सुव्यवस्थित बनाने के लिए सम्बन्धित जिलाधिकारियों के साथ ही समस्त सभी विभागों आपसी समन्वय से कार्य करते हुए व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। साथ ही धाम में पंहुचने वाले प्रत्येक व्यक्ति को दर्शन कराया जाए। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई, के साथ ही मूलभूत व्यवस्थाओं बनाने के साथ ही पेयजल, शौचालय, पार्किंग, स्वास्थ्य सेवा, दवाई स्टॉक, खाद्य भण्डारण आदि व्यवस्थाएं पूर्व में ही जांच लेने के निर्देश दिए। उन्होंने लोनिवि, एनएचआई, बीआरओ को 15 अपै्रल 2023 तक पूर्ण किये जाने हेतु दिए गए निर्देशों के क्रम में यात्रारूट पर कई स्थानों कार्य पूर्ण न होने की दशा में नाराजगी व्यक्त करते हुए यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व कार्य पूर्ण करने तथा बीआरओ को धरासू बैण्ड के पास यात्रा आवागमन में कठिनाई न हो इसके लिए सड़क सुव्यवस्थित बनाने, सीरोबगड़ में यात्रा का वैकल्पिक रूट को सुव्यवस्थित बनाने तथा डामटा रूट को ठीक किये जाने के निर्देश दिए।
बैठक में सम्बन्धित कार्यदायी संस्थाओं द्वारा यात्रा रूट पर पार्किंग, डेंजर जोनों पर सूचना पट लगाने, मार्ग अवरूद्ध होने मौसम की जानकारी हेतु इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले लगाने, सड़को को गड्डा मुक्त करने डामरी करण, शिरोबगड़ से खांकरा पुल तक भू स्खलन की समस्या को देखते हुए वैकल्पिक मार्ग डुंगरी पंथ खेड़ाखाल मार्ग, लामबगड़, धराशू बेंड जैसे स्थानों में सड़क को दुरुस्त करने हेतु बीआरओ, लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण विभाग ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
उन्होंने सम्बन्धित जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को यात्रा स्थल एवं यात्रा पड़ावों पर भीड़ नियंत्रण के साथ ही बेहतर यातायात प्रबन्धन तथा आपदा के दृष्टिगत कन्ट्रोलरूम के साथ ही आपदा के लिहाज से चिन्हित संवेदनशील क्षेत्र में मशीन, उपकरण आदि व्यवस्थाएं पूर्व में स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होनें निर्देश दिए कि पैदल मार्ग पर घोड़ा खच्चर को रोटेशनवार चलाया जाए घोड़ा एवं खच्चरों का यात्रा से पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही प्रत्येक का पंजीकरण एवं नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करवायें। उन्होंनें यात्रा मार्ग एवं धाम पर पशु चिकित्सक तैनात रखने के निर्देश दिए।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने यात्री पंजीकरण प्रक्रिया का प्रस्तुतीकरण देते हुए दर्शन टोकन प्रक्रिया तथा यात्री रजिस्ट्रेशन तथा वैरिफिकेशन की जानकारी दी। पंजीकरण संस्था इथिक्स इंफोटेक ने बताया कि ऋषिकेश, हरिद्वार तथा धामों में वैरिफिकेशन काउंटर बनाये गये है जबकि यात्री रजिस्ट्रेशन वेबसाइट, फोन, वाटसप नंबर से किये जा रहे है। आयुक्त ने निर्देश दिये कि सभी वेरिफिकेशन काउंटर, नेट कनैक्टिविटी, वाई-फाई, मैन पावर, स्केनरों की संख्या, तथा अन्य संशाधन बढाये जाये।
ज्ञातब्य है कि अक्षय तृतीया 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। श्री गंगोत्री- यमुनोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल अक्षय तृतीया के दिन खुलेंगे। जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल एवं श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। बताया गया कि श्री हेमकुंट साहिब के 20 मई खुलेंगे।
इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल केएस नगन्याल, सहित जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मयूर दीक्षित, मुख्य विकास अधिकारी चमोली डा. ललित नारायण मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी उत्तरकाशी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन देहरादून डॉ एस के बरनवाल, अपर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल, अपर जिलाधिकारी पौड़ी ईला गिरी, अपर जिलाधिकारी टिहरी कृष्ण कुमार मिश्र,नगर निगम आयुक्त राहुल गोयल, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण देहरादून कमलेश उपाध्याय, उपजिलाधिकारी ऋषिकेश सौरभ असवाल, एसपी उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी, संभागीय परिवहन अधिकारी देहरादून सुनील कुमार, नवनीत सिंह रोटेशन अध्यक्ष संजय शास्त्री, पर्यटन विकास परिषद के सहायक निदेशक योगेन्द्र सिंह गंगवार, तहसीलदार उर्मिला शर्मा, एआरटीओ मोहित कोठारी,एआरटीओ मोहित पांडेय, इथिक्स इंफोटेक के गजेन्द्र सिंह, आदि मौजूद रहे।

चारधाम यात्रा से पूर्व मंदिर समिति अध्यक्ष ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा

श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने आज विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ श्री बद्रीनाथ धाम का भ्रमण कर वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कपाट खुलने की तिथि को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र रविवार पूर्वाह्न बद्रीनाथ धाम पहुंचे और विभिन्न कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कपाट खुलने की तिथि नजदीक आ चुकी है। 27 अप्रैल को भगवान बद्री विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। लिहाजा, विभिन्न कार्यों में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों के कारण श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यों के चलते श्रद्धालुओं को इस बार नए पैदल मार्ग से मंदिर तक पहुंचना पड़ेगा। नए पैदल मार्ग को समयबद्ध रूप से सुव्यवस्थित किया जाए, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ने मंदिर परिसर के निकट ध्वस्त किए गए भवनों व दुकानों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि मंदिर की पूजा व्यवस्था से जुड़े कार्मिकों को किसी प्रकार की आवासीय समस्या ना पैदा हो, इसके लिए मंदिर के समीप तात्कालिक व्यवस्था के रूप में शीघ्र प्री-फैबरीकेटेड कक्षों का निर्माण करा लिया जाए। उन्होंने मंदिर के निकट ध्वस्त किए गए बीकेटीसी के वीआईपी गेस्ट हाउस के मलबे को जल्द से जल्द निस्तारित करने और उसके समीप मंदिर पथ पर रेलिंग निर्माण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वीआईपी गेस्ट हाउस के ध्वस्त होने के पश्चात इस वर्ष यात्रा काल में आने वाले विशिष्ट महानुभाव के अल्प विश्राम के लिए निर्मित किए जा रहे प्री-फैबरीकेटेड कक्ष का जल्द से जल्द का निर्माण पूर्ण करा लिया जाए। उन्होंने ब्रह्म कपाल परिसर में स्थित मलबे और पत्थरों को भी जल्द से जल्द हटाने और परिसर को साफ सुथरा बनाने को कहा, ताकि पिंड दान इत्यादि के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई ना हो।उन्होंने निर्देश दिए कि तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए निर्मित किए जा रहे जूता स्टैंड का निर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ करा लिया जाए।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बीकेटीसी की जिन धर्मशालाओं और भूमि का अधिग्रहण कर तीर्थ पुरोहितों व प्रभावितों का पुनर्वास किया जा रहा है, उनके साथ नियमानुसार अनुबंध और किराया तय किया जाए। इस दौरान जोशीमठ की उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी, पुलिस उपाधीक्षक नताशा सिंह, तहसीलदार रवि शाह, बीकेटीसी के सहायक अभियंता गिरीश देवली, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता, पुलिस निरीक्षक कैलाश भट्ट, बदरीनाथ नगर पंचायत के प्रभारी अधिकारी पंकज पुरोहित आदि समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने किया भाजपा के बुजुर्ग कार्यकर्ताओं को सम्मानित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमें अपने बुजुर्ग कार्यकर्ताओं से राष्ट्र सेवा एवं राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा मिलती है। हमारे इन महान कार्यकताओं के अथक परिश्रम के बल पर आज भारत ही नही विश्व का बडा संगठन खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह हमारे वरिष्ठ लोगों के प्रताप का फल है कि आज उन जैसा सामान्य कार्यकर्ता उत्तराखण्ड़ के मुख्य सेवक के रूप में कार्य कर रहा है।
सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी. सभागार में भाजपा द्वारा आयोजित विचार यात्रा संगोष्ठी में सांसद नरेश बंसल, भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, विधायक खजान दास आदि ने भी सम्बोधित कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को युवा मुख्यमंत्री के रूप में उनके द्वारा राज्य हित में लिये जा रहे निर्णयों की जमकर सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री के कार्यों को अन्य राज्यों के लिये भी प्रेरणादायी बताया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 101 बुजुर्ग कार्यकर्ताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया तथा उनका आर्शीवाद लिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्व. डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी व स्व. पं.दीनदयाल उपाध्याय का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने ‘राष्ट्रवाद’ और ‘अंत्योदय’ को परम कर्तव्य मानने का विचार हमें दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी कश्मीर को भारत से अलग मानने के भी घोर खिलाफ थे और उन्होंने पहले दिन से ही धारा-370 का विरोध किया था। जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाने हेतु उन्होंने नारा भी बुलंद किया और कहा कि “एक देश में दो निशान, दो प्रधान दो विधान नहीं चलेंगे”। आज उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से धारा-370 को समाप्त करने का महान कार्य किया है। जनसंघ के माध्यम से ही देश को स्व. पंडित दीन दयाल उपाध्याय के रूप में एक महान विचारक और प्रखर राष्ट्रवादी नेता भी प्राप्त हुए। उनके द्वारा दिया गया ‘अंत्योदय’ और ‘एकात्म मानववाद’ का सिद्धांत आज भी मानवीय विकास का सबसे उपयुक्त विचार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न स्व.अटल बिहारी वाजपेयी ने जब पार्टी के प्रथम अधिवेशन में – ‘अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा और कमल खिलेगा’ कहा तो उसी क्षण यह तय हो गया था कि यही दल भविष्य में एक नए भारतष् का निर्माण सुनिश्चित करेगा। आज अटल जी के ये शब्द पूर्ण रूप से सत्य साबित हुए हैं और देश के एक बड़े भाग पर जन-संतुष्टि रुपी कमल खिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भारत के इकलौते ऐसे राजनीतिक दल हैं जो हर स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास रखता है। ये जनसंघ या भारतीय जनता पार्टी में ही संभव है कि एक सामान्य सा कार्यकर्ता भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को प्राप्त कर पाता है और एक गरीब परिवार से आने वाला सामान्य कार्यकर्ता प्रधान सेवक या मुख्य सेवक बन सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में पहली बार भाजपा ने वोट बैंक की राजनीति को टक्कर देने का साहस किया और इसके नुकसान देश को समझाने में सफलता प्राप्त की। वोट बैंक की राजनीति को दरकिनार करते हुए हमारी सरकारों द्वारा किए गए विकास कार्यों के कारण ही आज हमें प्रत्येक क्षेत्र में जनता का भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है। आज दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, किसानों, नौजवानों के साथ ही जिस तरह महिलाएं हमारे पक्ष में मजबूती से खड़ी हुई हैं, वो अपने आप में एक नए युग के प्रारंभ होने का प्रत्यक्ष प्रमाण है। हमारे लिए राजनीति और राष्ट्रनीति साथ-साथ चलते हैं। हम राजनीति से राष्ट्रनीति को अलग करके चलने वाले लोग नहीं हैं। देश में अब वो दिन दूर नहीं जब केवल राष्ट्रभक्ति ही राजनीति की प्रथम आवश्यकता होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक पद्धतियों का समूचे विश्व में मान बढ़ रहा है। यह हमारा सौभाग्य है कि आज हम सभी प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश में किए जा रहे महान कार्यों के साक्षी हैं। चाहे वो कश्मीर से धारा 370 हटाना हो, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो, तीन तलाक की समस्या का समाधान हो या फिर उत्तर पूर्व के प्रदेशों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का महान कार्य हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं। आज हम सभी एक नए भारत, समृद्ध भारत और शक्तिशाली भारत के अपने सपने को पूरा होते हुए देख पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आज जिस प्रकार भारत प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है और एक मजबूत अर्थव्यवस्था, नॉलेज बेस्ड इकॉनोमी, समृद्ध लोकतंत्र, वैश्विक मंच पर शांतिदूत तथा मानवता के प्रयासों में अग्रदूत के रूप में स्थापित हुआ है उसी प्रकार उनकी अध्यक्षता में जी-20 समूह भी अपने महान उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘ के स्वप्न को साकार करने हेतु उत्तराखंड की डबल इंजन की सरकार निरंतर कार्य कर रही है। राज्य सरकार के ‘सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड‘ निर्माण के अपने ‘विकल्प रहित संकल्प‘ से 21वी सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिये प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने चुनावों से पहले समान नागरिक संहिता का वायदा किया था और जनता जनार्दन से हमें भरपूर आशीर्वाद भी मिला। समान नागरिक संहिता के लिये गठित समिति जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं, आमजन आदि से सुझाव लेकर ड्राफ्ट तैयार कर रही है। हमें खुशी है कि समान नागरिक संहिता के लिये हमें देखकर दूसरे राज्य भी आगे आ रहे हैं। जैसे ही समिति अपना ड्राफ्ट बनाकर सौंपेगी हम उस पर कानून बनाकर आगे बढ़ाया प्रलोभन से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिये हमारी सरकार ने सख्त धर्मांतरण कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि नकल विरोधी कानून में 10 वर्ष की सजा तथा नकल माफिया की संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान किया गया है, नकल में सम्मिलित कई लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है। छात्रों के व्यापक हित में उन पर दर्ज मुकदमों को राज्य सरकार द्वारा वापस लिया गया है ताकि उनका भविष्व खराब न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने भी कुछ दिन पूर्व ही अपने कार्यकाल के एक वर्ष पूर्ण किए हैं। इस एक वर्ष के दौरान, हमने हर क्षण यह प्रयास किया है कि प्रदेश के सामने जो भी चुनौतियां हैं उन सभी का समाधान निकाला जाए और राज्य को विकास की राह पर आगे बढ़ाया जाए। यही कारण है कि जनता से हमें आज पूरा समर्थन मिल रहा है और इस एक वर्ष के दौरान हमने जनता के विश्वास को और भी अधिक सुदृढ़ किया है। उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने का जो विकल्प रहित संकल्प लेकर हम चल रहे हैं उसके बहुत से पड़ाव पार करने अभी बाकी हैं। इस एक वर्ष में हमने नए उत्तराखण्ड निर्माण के संकल्प को ध्यान में रखते हुए दिन – रात कार्य करने का प्रयास किया है। इस एक वर्ष के दौरान हमने जनता से किए अपने वादों को या तो पूरा किया है या फिर उन्हें पूरा करने कि दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर देने हों, प्रदेश की महिलाओं के लिये क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था को लागू करना हो, नई शिक्षा नीति लागू करना हो, नई खेल नीति लागू करना हो, राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण देना हो या फिर लैंड जेहाद जैसे मुद्दों पर खुलकर बात करना हो.. हमने इन सभी कठिन परंतु राज्य के लिए आवश्यक कार्यों को अपने छोटे से कार्यकाल में कर दिखाने का साहस किया है। हमारे लिए प्रदेश और प्रदेश के हित सर्वाेपरि हैं और जब तक हमारी सरकार है, हम किसी भी वर्ग का अहित नहीं होने देंगे।
इस अवसर पर जिन्हें सम्मानित किया गया उनमें सत्यवती घोष, दीपा शाह, देवप्रकाश, नरेंद्र मित्तल, विनोद भल्ला, हरिओम ओमी, सुशीला बलूनी, योगेन्द्र कोहली, प्रभाकर उनियाल, चमन लाल वाल्मीकि, रूप सिंह कठैत, विजय श्रेय, सूरज भाटिया, विनोद शर्मा, रविन्द्रनाथ कौशिक आदि प्रमुख रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया औली मैराथन प्रतियोगिता का उद्घाटन

उत्तराखंड स्की माउंटेनियरिंग एसोसिएशन एवं स्काई रनिंग एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में जोशीमठ में राष्ट्रीय स्तर की दो दिवसीय मैराथन प्रतियोगिता शनिवार से शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ नरसिंह एवं नव दुर्गा मंदिर प्रांगण से मैराथन प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को जोशीमठ औली में मैराथन सहित अन्य साहसिक और रोमांचक खेल प्रारंभ होने पर हार्दिक बधाई एंव शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज जोशीमठ औली से हिमालयन मैराथन, फन रेस सहित अन्य खेलों का शुभारंभ होना हमारे लिए गौरव की बात है। हम लगातार उत्तराखंड में ऐसे कार्य, धरातल पर उतारने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे यहां के पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिले। उन्होंने जोशीमठ में इस भव्य आयोजन के लिए सभी आयोजकों एवं इसमें भाग लेने वाले देश विदेश के सभी खिलाड़ियों को भी ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के शुरुआती दिनों में जोशीमठ को लेकर जो भय का माहौल बनाया जा रहा था, आज सब सामान्य है। सरकार ने इस स्थिति से उभरने के लिए सकारात्मक काम किए हैं। इसी का परिणाम है कि 22 अप्रैल से शुरू होने वाली हमारी चारधाम यात्रा के लिए 11.30 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। उन्होंने कहा इस बार पिछले वर्षों से अधिक संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड के तीर्थ धाम में दर्शन के लिए पहुंचेंगे और पिछले वर्षों के सारे रिकॉर्ड पीछे छूट जाएंगे।
जोशीमठ में आयोजित मैराथन के माध्यम से मुख्यमंत्री ने देश-विदेश के पर्यटकों को संदेश देते हुए आश्वस्त किया कि औली और जोशीमठ पूरी तरह से सुरक्षित है और चार धाम यात्रा के लिए तैयार है। जोशीमठ में आयोजित यह भव्य मैराथन इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बर्फ ना गिरने के कारण औली में विंटर्स गेम नहीं हो सके, लेकिन आज जोशीमठ में मैराथन के भव्य आयोजन के बाद सभी काम अच्छे होंगे। चारों धामों की पवित्र यात्रा शुरू होने जा रही है। देवभूमि उत्तराखंड सभी तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है।
स्की माउंटेनियरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि औली मैराथन के अंतर्गत स्काई रनिंग और स्काई अल्ट्रा रेस का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें उत्तर प्रदेश उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों के 300 से अधिक एथलीट प्रतिभाग कर रहे हैं। जोशीमठ क्षेत्र के विद्यालय एवं ग्राम सभाओं के लोग भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार जनवरी माह में जोशीमठ आपदा और औली में कम बर्फबारी के कारण विंटर गेम्स का आयोजन संभव न होने से पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हुआ है। सुरक्षित जोशीमठ का संदेश पहुंचाने और पर्यटन व्यवसाय को उभारने के लिए औली मैराथन का आयोजन किया जा रहा है।
औली मैराथन के अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, बीजेपी के जिला अध्यक्ष रमेश मैखुरी, जोशीमठ नगर पंचायत अध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार, ब्लाक प्रमुख हरीश पंवार, गोपेश्वर नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा पासवान, कर्णप्रयाग नगर पालिका अध्यक्ष दमयंती रतूड़ी, स्थानीय जन प्रतिनिधि विनोद कपरवान, ऋषि प्रसाद सती, नितेश चौहान, माधव प्रसाद सेमवाल, रिपुदमन सिंह रावत, अतुल शाह, रोहणी रावत, जगदंबा प्रसाद उनियाल आदि सहित जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल, सीडीओ डा. ललित नारायण मिश्र एवं अन्य अधिकारी व बडी संख्या में क्षेत्रीय जनता मौजूद रही।

राज्य आंदोलनकारियों ने क्षैतिज आरक्षण मिलने पर सीएम को दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के संकल्पों एवं सपनों का उत्तराखण्ड़ बनाने में हम विकल्प रहित संकल्प के साथ तत्परता से कार्य करे रहे है। हम सभी को राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्धता से कार्य करने भाव भी जगाना होगा।
राज्य आन्दोलनकारियों के सहयोग से प्रदेश को संवारने का काम किया जायेगा। राज्य निर्माण में राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष को प्रदेशवासी सदैव याद रखेंगे।
बुधवार को सांय मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सवेक सदन में बडी संख्या में आए उत्तराखण्ड़ राज्य निर्माण चिन्हित आन्दोलनकारी मंच के सदस्यों द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण एवं महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण पुनः बहाल करने हेतु मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य आन्दोलनकारियों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को सौंपा। मुख्यमंत्री ने ज्ञापन का परीक्षण कर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य निर्माण आन्दोलन के वे भी साक्षी रहे है। खटीमा के जन आन्दोलन को उन्होंने स्वयं देखा है। जहां पर 07 लोगों ने अपनी शहादत दी थी। मसूरी, रामपुर तिराहा के शहीद स्थलों पर वे स्वयं जाकर शहीदों को नमन करते है। खटीमा में भव्य शहीद स्मारक के निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों के हित में अनेक निर्णय लिये गये है। हमारा प्रयास है कि उन्हें जो भी अनुमन्य सुविधायें है, वह प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं के लिए समर्पित सरकार है। हमने भर्ती माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही की है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले 90 से ज्यादा लोगों को जेल में डाला है। हमारे युवाओं के साथ कोई धोखा करने की सोचे भी नहीं, इसके लिये हमने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया है। पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता से परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। तीन परीक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है जिसमें लाखों युवा सम्मिलित हुए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने चुनावों से पहले समान नागरिक संहिता का वायदा किया था और जनता जनार्दन से हमें भरपूर आशीर्वाद भी मिला। समान नागरिक संहिता के लिये गठित समिति जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं, आमजन आदि से सुझाव लेकर ड्राफ्ट तैयार कर रही है। जबरन या प्रलोभन से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिये हमारी सरकार ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक पारित किया है। इसके मायने यह हुए कि प्रदेश में अब मतांतरण कराने वालों पर रोक लगेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश की बहनें बहुत ही कठिन परिस्थितियों में काम करती हैं। हमने प्रदेश में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था कानून बना कर एक बार फिर से लागू की है। पिछले वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। प्रधानमंत्री जी स्वयं केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों तथा बदरीनाथ धाम के विकास कार्यों का अनुश्रवण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास किया है। सौंग बांध एवं जमरानी बांध परियोजना के लिये भी सहमति मिली है, इससे देहरादून व हल्द्वानी की पेयजल समस्या का समाधान होगा। श्री केदारनाथ का पुनर्निर्माण, श्री बदरीनाथ धाम के पुनर्विकास की योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन, नेतृत्व एवं संकल्प का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष 50 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किये। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की दिशा में आगे बढ़ते हुए केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक और प्राचीन मंदिरों के विकास के लिय हम मानसखण्ड मंदिर माला मिशन पर काम कर रहे हैं। इस वर्ष अभी तक 08 लाख से अधिक लोग चारधाम यात्रा का पंजीकरण करा चुके है। हमारा प्रयास यात्रा में आने वालों की सुगम यात्रा का है। उन्होंने कहा कि अपनी माताओं और बहनों के सशक्तिकरण के लिये हमने ‘मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना’ की शुरुआत की। इसके तहत हमने वर्ष 2025 तक महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 1.25 लाख बहनों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य को जोशीमठ भू धंसाव जैसी प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा। लेकिन स्थानीय लोगों के सहयोग से सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन तथा त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों को सुनिश्चित करते हुए किसी प्रकार की जीवन हानि नहीं होने दी गई। इस कार्य में केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग राज्य सरकार को मिला। प्रभावितों को सही समय पर राहत शिविरों में विस्थापित किया गया। राज्य सरकार तथा प्रशासन विस्थापितों के साथ हर कदम में साथ खड़ा रहा। जोशीमठ का कुछ क्षेत्र ही आपदा प्रभावित है। हमें इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढना है। हमारा प्रदेश पूर्णतः सुरक्षित है, यह संदेश देश व दुनिया में पहुंचाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का नम्बर एक राज्य बनाने के लिये हम विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण हमारा लक्ष्य भी है और विश्वास भी।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य निर्माण चिन्हित आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह भण्डारी, महासचिव वीरा भण्डारी एवं कंचन चन्दोला, पुलम सिंह पंवार, विजय बहादुर रावत एवं आलेन्द्र सिंह भण्डारी सहित बडी संख्या में राज्य आन्दोलनकारी आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने की प्रतिवर्ष उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान प्रदान करने घोषणा की

वर्ष 2014 के बाद बुधवार को सचिवालय में पहली बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की बैठक हुई। संस्थान की प्रबन्ध कार्यकारिणी एवं साधारण सभा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार की ओर से प्रथम बार लोक भाषाओं व लोक साहित्य में कुमाउनी, गढ़वाली, अन्य उत्तराखण्ड की बोलियों व उपबोलियों, पंजाबी एवं उर्दू में दीर्घकालीन उत्कृष्ट साहित्य सृजन व अनवरत साहित्य सेवा तथा हिन्दी में उत्कृष्ट महाकाव्य/खण्डकाव्य रचना, काव्य रचना कथा साहित्य व अन्य गद्य विधाओं के लिए प्रतिवर्ष उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान प्रदान करने की घोषणा की। इसके साथ ही गढ़वाली, कुमाउनी व जौनसारी तीन लोक भाषाओं तथा हिन्दी भाषा में 4 नवोदित उदयीमान लेखकों को प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाएगा। आगामी मई माह में भव्य समारोह आयोजित कर उत्कृष्ट साहित्यकारों को उक्त पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के ऐसे रचनाकारों, जो अर्थाभाव के कारण अपनी पुस्तकों का प्रकाशन नहीं करा पाते हैं, उन्हें उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा आर्थिक सहायता के रूप में आंशिक अनुदान दिए जाने के प्रस्ताव पर भी स्वीकृति दी। मुख्यमंत्री ने राज्य के प्रत्येक जनपद में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय भाषा सम्मेलन आयोजन करने के निर्देश भी दिए। यह भाषा संस्थान की एक बहुआयामी योजना होगी जिसमें शोध पत्रों का वाचन, भाषा संबंधी विचार विनिमय, साहित्यिक शोभायात्रा, लोक भाषा सम्मेलन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के प्रत्येक जनपद के 01 प्राथमिक विद्यालय में डिजिटल/ई पुस्तकालय स्थापित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में राज्य में नेशनल बुक ट्रस्ट के साथ मिलकर पुस्तक मेले का आयोजन तथा पुस्तक मेले में साहित्यिक संगोष्ठियों के आयोजन पर भी स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही राज्यभर में सुविख्यात लेखकों की व्यखानमालाएं आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लोक भाषाएं एवं बोलियां हमारी पहचान और गौरव है। राज्य सरकार स्थानीय भाषाओं, बोलियों व संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरन्तर प्रयासरत है।
बैठक में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा साहित्यिक एवं शोध पत्रिकाओं के प्रकाशन पर भी सहमति बनी। इसके साथ ही लोक भाषाओं के मानकीकरण हेतु कार्यशालाओं व प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन हेतु भी स्वीकृति दी गई। सम्बन्धित अधिकारियों ने कहा कि उत्तराखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में गढ़वाली, कुमाउनी व जौनसारी बोलियों को बोलने वाले व लिखने वाले अलग-अलग हैं, जिनके लेखन में शब्दों का औच्चारणिक विभेद है। गढ़वाली एवं कुमाउनी बोली भाषा के औच्चारणिक एवं वर्तनी के मानकीकरण की अत्यंत आवश्यकता है। यह शिविर गढ़वाल एवं कुमाउं मण्डल में आयोजित किए जाएंगे। उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा उत्तराखण्ड में जनपद तथा राज्य स्तरीय भाषायी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
बैठक में भाषामंत्री सुबोध उनियाल, सचिव विनोद प्रसाद रतूड़ी, अपर सचिव एवं निदेशक उत्तराखण्ड भाषा संस्थान स्वाति भदौरिया, सदस्य डा0 सुलेखा डंगवाल, प्रो0 दिनेश चन्द्र शास्त्री, डॉ सुधा पाण्डेय, डॉ हरिसुमन बिष्ट, प्रो. देव पोखरिया एवं अन्य सदस्य मौजूद रहे।