राजभवन में आयोजित वसंतोत्सव का अवलोकन कर विभिन्न फूलों की आकर्षक प्रदर्शनी को सराहा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से भेंट कर उन्हें वसंतोत्सव की शुभकामना दी। मुख्यमंत्री ने राजभवन में आयोजित वसंतोत्सव का अवलोकन कर इस अवसर पर आयोजित आकर्षक पुष्प प्रदर्शनी की सराहना करते हुए इस आयोजन को प्रकृति से जुड़ने का सार्थक प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रजाति के पुष्पों का सौंदर्य मानसिक शांति के साथ पर्यावरण की स्वच्छता का भी संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न प्रकार के पुष्पों के लिये भी उत्तराखण्ड की पहचान रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्कूली छात्रों द्वारा तैयार की गई पेंटिंग की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर रहे लोगों से मिलकर उनके सुझावों से अवगत हुए तथा विभिन्न विभागीय स्टालों का अवलोकन कर जानकारी भी ली।

राज्य में वित्तीय समावेशन को आत्मनिर्भर राज्य के निर्माण की दिशा में प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्य सेवक सदन में एचडीएफसी बैंक के राजपुर गांव की 111वीं शाखा, युकाडा के विभिन्न सॉफ्टवेयर एवं चार-धामों में यात्रियों की सुविधा के लिए स्थापित एटीएम का वर्चुअल शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का जो मंत्र दिया है, वह मंत्र तभी सार्थक हो सकता है जब हम समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक सामान्य जन सुविधाओं को पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि आज राज्य में वित्तीय समावेशन को एक आत्मनिर्भर राज्य के निर्माण की दिशा में प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने वित्तीय संस्थानों की सराहना करते हुये कहा कि राज्य में वित्तीय संस्थानों, विशेषकर बैंकों द्वारा ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों पर ध्यान देने के प्रयास भी उत्साहजनक रहे हैं, लेकिन हमें इस क्षेत्र में बुनियादी स्तर पर कार्य करने की और अधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि के तहत सुदूर गांवों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में एचडीएफसी बैंक की वर्तमान में कई शाखाएं संचालित हैं, जिसके माध्यम से प्रदेश के निवासियों को बेहतर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिसमें एचडीएफसी बैंक लगातार सफल हो रहा है। यही नहीं एचडीएफसी बैंक पेपर लैस वर्क कल्चर को अधिक तरजीह देता है, जो डिजिटल तकनीक का विशिष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का निरन्तर प्रयास और संकल्प है कि प्रदेश के हर कोने और अन्तिम व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधाओं का लाभ पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश जनधन खातों का महत्व देख व समझ रहा है तथा बैंक खातों की वजह से ही सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया का आधा डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हो रहा है, जिसमें हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने एचडीएफसी बैंक द्वारा सरकार को दिये जा रहे सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि बैंक द्वारा जहां केदारनाथ धाम के सौंदर्यीकरण के लिए धनराशि प्रदान की गई थी, वहीं जोशीमठ के सहायतार्थ भी आर्थिक मदद की गई। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए लोक केंद्रित पहल शुरू करने में सबसे आगे रही है तथा जब एचडीएफसी जैसे बैंक इन पहलों में सरकार का सहयोग करने के लिए आगे आते हैं, तो यह साझेदारी समाज के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। उन्होंने कहा कि एचडीएफसी बैंक अथवा अन्य बैंक जहां आदर्श स्थिति में खड़े हो सकते हैं, वह आदर्श स्थान, देवभूमि उत्तराखण्ड ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने हमेशा आजीविका के अवसरों को बढ़ाने, आय के विविध और स्थायी स्रोतों को प्रदान करने, रोजगार और उद्यमिता को सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि उत्तराखंड को एक आदर्श राज्य बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि हम बैंकों, कॉरपोरेट्स और अन्य व्यवसायों को उत्तराखंड में स्थापित और विस्तारित करने के लिए कृत संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बैंकों सहित विभिन्न व्यवसायों को आवश्यक बुनियादी ढांचा और सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर रही है, जिससे राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर और स्वास्थ्य मानकों में सुधार किया जा सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एचडीएफसी बैंक पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष में एचडीएफसी ने जहां दो लाख पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित कर उस लक्ष्य को प्राप्त किया, वहीं इस वर्ष भी 5 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित कर पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये एचडीएफसी बैंक के स्टेट हेड बकुल सिक्का, ब्रांच हेड अखिलेश कुमार राय ने बैंक के क्रियाकलापों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर अपर सचिव वित्त, नागरिक उड्डयन सी0रवि शंकर सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

पेंशन का भुगतान 3 माह की जगह अब प्रत्येक माह होगा-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत दी जाने वाली वृद्धावस्था, विधवा, एवं दिव्यांग पेंशन का डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 8 लाख 36 हजार 603 लाभार्थियों को 125 करोड़ रुपए की धनराशि बतौर पेंशन, वन-क्लिक व्यवस्था से भेजी।
वन क्लिक माध्यम से माह फरवरी-2024 की पेंशन में वृद्धावस्था पेंशन के 5 लाख 33 हजार 180 लाभार्थियों को कुल 79.97 करोड़, विधवा पेंशन के 2 लाख 12 हजार 30 लाभार्थियों को 31.80 करोड़ और दिव्यांग पेंशन के 91 हजार 393 लाभार्थियों को 13.70 करोड़ की धनराशि भेजी गई है। इस प्रकार 8 लाख 36 हजार 603 लाभार्थियों को 125 करोड़ रुपए की धनराशि बतौर पेंशन भेजी गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि डीबीटी के माध्यम से दी जाने वाली वृद्धावस्था, विधवा, तथा दिव्यांग पेंशन से लाभार्थियों को राहत मिलगी। उन्होंने कहा पेंशन एक साथ एक क्लिक में सीधे लाभार्थियों के खातों में जा रही है। राज्य सरकार ने पेंशन योजनाओं को सरल बनाने का कार्य किया है। साथ ही पूर्व में मिलने वाली धनराशि को 1200 से बढ़ाकर 1500 किया गया है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने दोनों बुजुर्ग दंपतियों को पेंशन देने का कार्य भी किया है। जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में पेंशन का भुगतान 3-3 माह के अंतराल पर होता था। किन्तु अब प्रत्येक माह पेंशन सीधे लाभार्थियों के खाते में आएगी और इस योजना का वास्तविक उद्देश्य पूर्ण हो सकेगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार विकलांग जनों को पेंशन देने के साथ ही उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने, रोजगार देने एवं उनकी उन्नति के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त में 5 लाख तक का इलाज मिल रहा है। जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल एवं जल से आच्छादित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास देने का कार्य जारी है। केंद्र एवं राज्य सरकार का संकल्प महिलाओं को लखपति बनाने का है। जिसके लिए लखपति दीदी योजना शुरू की गई है। किसान सम्मान निधि सीधे किसानों के खातों में आ रही है। सरकार हर वर्ग का विकास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल 2023 से ही पेंशन योजना के समस्त आवेदन ऑनलाईन किए जाने की व्यवस्था की गई है। इससे पेंशन स्वीकृति में पारदर्शिता आई है एवं लाभार्थियों को भी अपने आवेदन की स्थिति जानने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार सभी पात्र लाभार्थियों को ससमय लाभान्वित करने हेतु तत्पर है। राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर पेंशन वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका हर क्षण, हर पल राज्य के विकास एवं राज्य वासियों को समर्पित है। राज्य सरकार राज्य के विकास एवं जनहित के निर्णय लेने में पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बना रहे हैं।
इस अवसर पर सचिव बृजेश कुमार संत, प्रभारी निदेशक जीआर नौटियाल, उप निर्देशक वासुदेव आर्य, मुख्य वित्त नियंत्रक कमलेश भंडारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी गोवर्धन सिंह सहायक निदेशक हेमलता पांडे, वर्चुअल माध्यम से विभिन्न जिलों एवं ब्लॉकों के पेंशन लाभार्थी व अन्य लोग भी जुड़े थे।

युवाओं से बोले सीएम, अपनी सेवाओं के माध्यम से अंत्योदय के सिद्धांत को पूर्ण करें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से समाज कल्याण विभाग में चयनित 35 सहायक समाज कल्याण अधिकारियों तथा 3 छात्रावास अधीक्षकों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने सभी नवनियुक्त अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा निरंतर सरकारी रिक्त पड़े पदों पर भर्तियां करवाई जा रही है। जिसके फल स्वरूप नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम भी निरंतर चल रहे हैं। विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने का अभियान जारी है। उन्होंने कहा कड़ी मेहनत, परिश्रम करने वाले आज सभी मेहनती युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी नवनियुक्त अधिकारियों से जीवन में हमेशा अनुशासन रखे जाने की बात कही। उन्होंने कहा स्वयं में अनुशासन रखकर हम आमजन को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित करवा सकते हैं। अपनी सेवाओं के दौरान अच्छे काम करके दिखाना है ताकि हम अपनी सेवाओं से अंत्योदय के सिद्धांत को पूर्ण कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कड़ा नकल विरोधी कानून लाकर नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने का काम किया है। नकल के अपराध में शामिल लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा है। अब राज्य में पूर्ण पारदर्शिता से परीक्षाएं हो रही हैं। योग्यता प्रतिभावान क्षमतावान अभ्यर्थी ही परीक्षाओं में सफल हो रहे हैं।
इस दौरान सचिव बृजेश कुमार संत, प्रभारी निदेशक जीआर नौटियाल, उप निदेशक वासुदेव आर्य, मुख्य वित्त नियंत्रक कमलेश भंडारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी गोवर्धन सिंह सहायक निदेशक हेमलता पांडे एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यों को मिशन मोड पर करने के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विधानसभा भवन में खेल विभाग के साथ श्री पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, मुनिकीरेती टिहरी तथा इन्दिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, हल्द्वानी में लाइटिंग के कार्यों की समीक्षा की। सीएस राधा रतूड़ी ने श्री पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, मुनि की रेती में बहुउद्देशीय भवन को पहाड़ी वास्तुकला से निर्मित एवं सुसज्जित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने इन्दिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, हल्द्वानी के कार्यों की भी समीक्षा की।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने खेल विभाग को राज्य में खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यों को मिशन मोड पर जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। सीएस ने कहा कि राज्य में विकसित खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर उत्तराखण्ड में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के साथ ही भविष्य में दीर्घ अवधि तक राज्य के खिलाड़ियों तथा युवाओं को लाभान्वित करेगा।
बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे तथा जितेन्द्र कुमार सोनकर सहित खेल एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

मिलेट मिशन के तहत मुख्य सचिव ने दिये अहम निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंडुआ, झंगोरा व चैलाई का उत्पादन बढ़ाने तथा सप्लाई चेन को बेहतर करने के सम्बन्ध में गुरूवार को विधानसभा भवन में हाउस ऑफ हिमालया तथा मिलेट मिशन की बैठक में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किये हैं। सीएस ने कृषि एवं उद्यान विभाग को प्रदेश में अनुपयोगी घाटियां एवं जमीनों को चिहिन्त कर उनमें मंडुआ, झंगोरा एवं चैलाई के बड़े स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने तथा क्षेत्र विस्तार की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। इसका संचालन महिला स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता से दिया जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने कहा है कि मंडुआ, झंगोरा, चैलाई तथा अन्य स्थानीय उत्पादों के उत्पादन तथा प्रोक्यूरमेंट को बढ़ाने के लिए कृषि एवं उद्यान विभाग के साथ ही सहकारिता विभाग को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। इस दिशा में मुख्य सचिव ने यूसीएफ (उत्तराखण्ड स्टेट कॉपरेटिव फेडरेशन) तथा हाउस ऑफ हिमालया के मध्य एमओयू किये जाने हेतु निर्देश दिए हैं। सीएस ने झंगोरा तथा चैलाई की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाने के सम्बन्ध में इनपुट कॉस्ट (लागत मूल्य) का अध्ययन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विधानसभा, सचिवालय, सहित जीएमवीएन, केएमवीएन आदि सभी सरकारी भवनों एवं संस्थानों में परोसे जाने वाले खाद्य उत्पादों में मिलेट्स मंडुआ, झंगोरा आदि का उपयोग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने विशेषरूप से महिला विकास एवं बाल कल्याण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य विकास हेतु मंडुआ, झंगौरा, चैलाई जैसे स्थानीय मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में एएनएम, आशा वर्कर्स तथा आंगनबाड़ी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
उत्तराखण्ड के अम्ब्रेला ब्राण्ड हाउस ऑफ हिमालया की मजबूती के लिए तथा स्थानीय उत्पादों की बेहतरीन मार्केटिंग के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के बड़े स्थापित ब्राण्ड्स की कार्यप्रणाली का अध्ययन करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए हैं। सीएस ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों हेतु प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करने वाले हाउस ऑफ हिमालया के तहत उत्पादों की गुणवत्ता तथा प्रमाणीकरण का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, राधिका झा, वी बी आर सी पुरूषोत्तम, विनोद कुमार सुमन, चंद्रेश कुमार, अरविंद सिंह हयांकी, अपर सचिव मनुज गोयल तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

670 पैक्स के कंप्यूटरीकरण के लिए केंद्र से मिले 13 करोड़

उत्तराखंड में 670 पैक्स के कंप्यूटरीकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा 13 करोड़ 47 लाख 88 हजार 610 रुपये की धनराशि को मंजूरी प्रदान करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रसन्नता प्रकट की है।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि पैक्स के कम्प्यूटराइजेशन से वित्तीय और प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर बोले सीएम, यह सुशासन और वित्तीय अनुशासन का प्रमाण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश की अर्थव्यस्था ने बड़ी छलांग लगाई है यह तथ्य आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट वर्ष 2023-24 में सामने आया है, जिसमें स्पष्ट है कि प्रदेश की विकास दर 7.58 फीसदी रही है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 346.20 हजार करोड़ पहुंच गया है, जबकि 2022-23 में इसका आकार 303.78 हजार करोड़ था। उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय में भी 12.64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 2 लाख 60 हजार 201 रुपये पहुंच गई है। वर्ष 2022-23 में यही आय 2 लाख 30 हजार 994 थी।
आर्थिक सर्वेक्षण से स्पष्ट है कि राज्य की अर्थव्यवस्था में सेकेंडरी सेक्टर का सबसे अधिक 46.84 प्रतिशत का योगदान रहा है। दूसरे नंबर पर टर्सरी सेक्टर यानी की सर्विस सेक्टर रहा है। सर्विस सेक्टर का अर्थव्यवस्था में 43.17 प्रतिशत योगदान रहा है। वहीं प्राइमरी सेक्टर यानी एग्रीकल्चर का अर्थव्यवस्था में 9.99 प्रतिशत योगदान रहा है। दिनांक 09 नवम्बर, 2000 को राज्य के अस्तित्व में आने के पश्चात वर्ष 2000-2001 में प्राप्त कर संग्रह 233 करोड़ था, जो कि वर्ष 2022-23 तक लगभग 52 गुना बढ़कर 12,028.68 करोड़ (2,135.60 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) हो गया है। वर्ष 2023-24 में माह दिसम्बर, 2023 तक कुल राजस्व संग्रह 8,496.82 करोड़ (476.62 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) रहा है।
उत्तराखंड में बेरोजगारी दर में भी भारी कमी देखने को मिली है। 2021- 22 में उत्तराखंड में 8.4 फ़ीसदी बेरोजगारी दर थी, जो 2022-23 में घटकर 4.9 फ़ीसदी रह गई। वहीं बहुआयामी गरीबी में भी भारी गिरावट आई है। वर्ष 2015-16 में उत्तराखंड में बहुआयामी गरीबी की दर 17.67 थी जो साल 2019-21 में घटकर 9.67 फ़ीसदी रह गई। इन पांच साल के अंतराल में राज्य के कुल 9,17,299 लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं। यही नहीं राज्य में बहुआयामी गरीबी की तीव्रता 2015-16 में 44.35 प्रतिशत थी जो 2019-21 में घटकर 41.99 प्रतिशत रह गई है। उत्तराखंड में 125000 लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। इसके विपरीत अभी तक 68 हजार 579 लखपति दीदी बनाई जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य की वित्तीय स्थिति एवं विकास की प्रगति को आर्थिक सर्वेक्षण में दर्शायी गई प्रगति राज्य के समग्र विकास की झलक प्रस्तुत करती है। यह सुशासन एवं वित्तीय अनुशासन का भी स्पष्ट प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के हमारे प्रयासों में भी इससे गति मिलेगी। सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के मूल मंत्र से जन समस्याओं के समाधान एवं योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की राह आसान हुई है। यह हमारे विकसित एवं आदर्श उत्तराखण्ड के निर्माण के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में भी प्रेरणादायी होगा।

विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों की 439 किमी. सड़कों के लिये स्वीकृत हुई 259 करोड़ की धनराशि

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा केंद्रीय सड़क अवस्थापना निधि के अंतर्गत उत्तराखण्ड के विभिन्न लोक सभा क्षेत्रों की 439 कि.मी. सड़कों के नवीनीकरण, सदृढ़ीकरण एवं सुरक्षात्मक कार्यों हेतु 259 करोड़ की धनराशि मंजूर की गई है। इसमें पौड़ी लोकसभा क्षेत्र की 164 कि.मी की 7, अल्मोड़ा की 180 कि.मी की 4 तथा टिहरी की 65 कि.मी. की 1 एवं नैनीताल की 30 कि.मी की 1 सड़क शामिल है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश की लोक महत्व से जुड़ी इन सड़कों की आवश्यक मरम्मत हेतु केंद्रीय सड़क अवस्थापना निधि से धनराशि स्वीकृत करने का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से अनुरोध करते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न लोक सभा क्षेत्रों के तहत कुल 439 कि.मी. सड़कों का नवीनीकरण, सुधारीकरण एवं सुरक्षा संबंधी कार्य होने से क्षेत्र की जनता के साथ उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटकों को आवागमन में सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिये केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का आभार भी व्यक्त किया है।

मुख्य सचिव ने सीमान्त गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा देने पर दिया जोर

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के सीमान्त गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के साथ ही कौशल विकास, आजीविका प्रशिक्षण एवं मानव संसाधन विकास पर अधिकाधिक फोकस करने की हिदायत सीमान्त जनपदों चमोली, उत्तरकाशी, ऊधमसिंह नगर, चम्पावत एव पिथौरागढ़ के जिलाधिकारियों को दी है। सीएस श्रीमती रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को स्पष्ट किया है कि भवन आदि इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्यों के प्रस्ताव बनाकर मात्र औपचारिकताओं पूरा न समझे बल्कि प्रोजेक्ट्स के निरन्तर सफल संचालन तथा सस्टेनिबिलिटी हेतु कार्य करें। उन्होंने सीमान्त जनपदों में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में विशेषरूप से फोकस करने के निर्देश दिए हैं। विधानसभा भवन में बुधवार को मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम विकास कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना की राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी/राज्य स्तरीय एम्पावर्ड कमेटी की बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को जनपदों में संचालित हर योजना के आउटकम मॉनिटरिंग की सख्त नसीहत दी है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को महिला स्वयं सहायता समूहों हेतु संचालित सभी योजनाओं के तहत महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता को अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में उन्होंने बैंकों को भी पत्र लिखने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने सभी योजनाओं को व्यक्तिगत स्तर की अपेक्षा महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही श्रीमती रतूड़ी ने जिलाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत जिलाधिकारियों द्वारा प्रेषित प्रत्येक प्रस्ताव, प्रोजेक्ट या योजना में कितने रोजगार सृजित होंगे, इसकी जानकारी भी देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को स्थानीय अन्न मंडुआ, झंगोरा जैसे मिलेट्स की खेती का अधिकाधिक विस्तार तथा इनका बड़े स्तर पर उत्पादन की ठोस कार्ययोजना पर गम्भीरता से कार्य करने निर्देश दिए हैं। सीएस ने इस सम्बन्ध में कलस्टर अप्रोच के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को विभिन्न योजनाओं की डुप्लीकेसी के प्रति भी सतर्क किया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी योजनाओं को भलीभांति परीक्षण किया जाना चाहिए ताकि दो योजनाएं एक दूसरे को आच्छादित न करें। सीएस ने वाइब्रेंट विलेजस में आईटीबीपी तथा आर्मी द्वारा लोकल प्रिक्योरमेंट को अपनाया जाए, इस दिशा में प्रयास के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव राधिका झा, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, मनुज गोयल, रंजना राजगुरू सहित ग्राम्य विकास विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से सीमान्त जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे।