सेवा, समर्पण और सुशासन की नीति से प्रगति के पथ पर बढ़ रहा है अपना उत्तराखंड

धामी राज में तेजी से उत्तराखंड विकास के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री धामी की कार्यशैली का ही कमाल है कि महज 6 माह में रानीपोखरी पुल का निर्माण हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को रानीपोखरी, देहरादून में अयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए विकासखण्ड डोईवाला के अन्तर्गत भानियावाला ऋषिकेश मोटर मार्ग के कि०मी०15 में 280 मीटर लंबे रानीपोखरी सेतु एवं विधानसभा विकासनगर के अन्तर्गत लम्बरपुर लांघा मोटर मार्ग के कि0मी0 2 में शीतला नदी के उपर 180 मीटर लंबे सेतु के निर्माण कार्य का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने पुल का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि (₹ 1618.55 लाख ) के अन्तर्गत जनपद देहरादून के विकासखण्ड डोईवाला के अन्तर्गत भानियावाला ऋषिकेश मोटर मार्ग के कि०मी०15 में 280 मीटर स्पान के पी०एस०सी० गर्डर रानीपोखरी सेतु का निर्माण कार्य व राज्य योजना (₹342.56 लाख ) के अंतर्गत उक्त सेतु हेतु पहुंच मार्ग के निर्माण कार्य का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सड़क निधि के अंतर्गत ₹1318.63 लाख की लागत से विधानसभा विकासनगर के में लम्बरपुर लांघा मोटर मार्ग के कि0मी0 2 में शीतला नदी के उपर 180 मीटर स्पान के आर.सी.सी बॉक्स, कलवर्ट के निर्माण कार्य का भी लोकार्पण किया। इस अवसर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डोईवाला विधानसभा के अंतर्गत सनगांव पुल से कंडोली खर्क मोटर मार्ग के निर्माण कार्य, लच्छीवाला रेंज कार्यालय से दुधली (वन विभाग मार्ग) की मरम्मत के कार्य किए जाने, श्री कालू सिद्ध मंदिर से धन्याड़ी तक वन विभाग मोटर मार्ग का निर्मााण कार्य, हर्रावाला में राजकीय कन्या हाईस्कूल के लिये तीन कक्ष व शौचालय निर्माण कार्य किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुल के उद्घाटन पर क्षेत्र वासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राजधानी एवं ऋषिकेश के साथ ही गढ़वाल को जोड़ने वाला यह पुल अत्यधिक महत्वपूर्ण है, इसके पुनर्निर्माण से क्षेत्रीय जनता के साथ ही उत्तराखंड आने वाले सैलानियों को भी सुगमता होगी। उन्होंने लम्बरपुर लांघा मोटर मार्ग एवं रानीपोखिर में बने दोनों पुलों के निर्माण में शामिल रहे लोक निर्माण के सभी अधिकारियों, केंद्रीय एजेंसियों और हमारे मेहनतकश कामगारों का आभार व्यक्त किया, उन्होंने कहा उत्तराखंड में कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करना हमारी प्राथमिकता है और हम निरंतर इस दिशा में आगे बढ़ रहे है, हमारी सरकार सड़कें के विकास हेतु प्रतिबद्ध है, आज प्रदेश में जिस स्तर पर सड़को का निर्माण कार्य किया जा रहा है वह अभूतपूर्व है। हमने चार धाम सड़क परियोजना की ही तरह मानसखंड कॉरिडोर को भी राज्य का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट तय कर इस पर कार्य करना शुरू कर दिया है, हम प्रदेश में केवल नए मार्गों का निर्माण ही नहीं कर रहे बल्कि इन पर आवाजाही को सुरक्षित करने का भी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा हमारी सरकार जिस भी कार्य का शिलान्यास करती है उसका लोकार्पण भी करेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में हमारे सीमांत इलाकों तक सड़कों का नेटवर्क बन रहा है, चार धाम हेतु बनी ऑल वेदर रोड से अब यात्रा सुगम सुरक्षित हो गई है, वही पहाड़ों में रेल पहुंचाने का सपना भी अब पूरा होता दिखाई दे रहा है, उन्होंने कहा ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य तेज गति के साथ आगे बढ़ रहा है। दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके पूरा होने पर यह दूरी मात्र दो घंटे की हो जाएगी, उसके बाद और अधिक संख्या में तीर्थयात्री, पर्यटन उत्तराखंड राज्य में आएंगे, हम जनसेवा को ध्येय मान कर कार्य कर रहे हैं और हमारा लक्ष्य उत्तराखंड का सर्वांगीण विकास है।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुरुप हम वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को प्रत्येक क्षेत्र में आदर्श राज्य बनाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं और हम जन-जन की आशा को सफलता में परिवर्तित करेंगे। उन्होंने कहा हमने यह सभी विभागों एवं अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि कोई भी कार्य योजना को तय समय में पूरी गुणवत्ता के साथ किया जाए ताकि समय एवं संसाधनों की बचत हो सके। इस दौरान सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, विधायक बृजभूषण गैरोला आदि उपस्थित रहे।

शहरी विकास मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को दिये निर्देश

प्रदेश के शहरी विकास व आवास, वित्त, संसदीय कार्य, पुनर्गठन, जनगणना मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उच्चाधिकारियों के साथ कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने विभागीय व्यवस्था सहित कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
इस मौके पर मंत्री डा. अग्रवाल ने चल रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि एमडीडीए का उद्देश्य उपभोक्ता को सहूलियत प्रदान करना है, ऐसे में उपभोक्ता के कार्यों को लंबित न रखा जाए। उन्होंने अनावश्यक उपभोक्ता को परेशान न करने के निर्देश दिए।
डा. अग्रवाल ने सख्त लहजे में कहा कि प्राधिकरण अपनी कार्यशैली सुधारे। अवैध बिल्डिंग बनने से पूर्व कार्यवाही करें। कहा कि यदि कोई आपत्ति न हो तो आवासीय नक्शा 15 दिन के भीतर पास किए जाए। इसी तरह व्यवसायिक नक्शा 30 दिन के भीतर पास किए जाएं।
डा. अग्रवाल ने उच्चाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही टाउनशिप विकसित की जाए। इसके अलावा मंत्री डा. अग्रवाल ने एमडीडीए द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा करते हुए जानकारी ली।
इस मौके पर एमडीडीए उपाध्यक्ष व जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, सचिव मोहन सिंह बर्निया, अधीक्षण अभियंता हरीश राणा मौजूद रहे।

स्थानीय कलाकारों के द्वारा किया जा रहा बेहतरीन मंचन

1955 से स्थापित सुभाष बनखंडी श्री रामलीला कमेटी के द्वारा रंगमंच के छठे दिन केवट लीला, दशरथ मरण, भरत विलाप और चित्रकूट की लीलाओं का मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा दिया गया।
केवट लीला में दिखाया गया कि जब प्रभु राम सरयू नदी को पार करने के लिए केवट से मदद मांगते हैं तो केवट उनसे कहता है कि मैं जिस तरह आज आपको नदी पार कर आ रहा हूं हे प्रभु आप भी मुझे भवसागर पार कराना। केवट और श्री राम के द्वारा मार्मिक व बहुत सुंदर लीला का मंचन किया गया। वही अयोध्या में राजा दशरथ को जब मंत्री सुमंत के द्वारा पता चलता है कि श्रीराम वन से नहीं लौटे तो दशरथ उनके वियोग में अपने प्राण त्याग देते हैं। इस दुखद दृश्य को देखकर कई श्रद्धालुओ की आंखें भर आई और पूरा पंडाल भावुक हो गया।
भरत विलाप की लीला में दिखाया गया कि पिता की मृत्यु के बाद जब भरत को महल बुलाया जाता है तो उनके द्वारा अपनी मां से नाराजगी जताई जाती है और मंथरा को धक्के मार कर बाहर निकाल दिया जाता है। इसके बाद भरत श्री राम से मिलने के लिए वन जाते हैं और उनसे आग्रह करते हैं कि आप वापिस आ जाइए लेकिन श्रीराम अपने पिता के वचन को निभाने के लिए भरत को मना लेते हैं। जिस पर भरत भी उनकी तरह वनवासी जीवन बिताने की बात कहकर उनकी खड़ाऊ लेकर वापस लौट जाते हैं। चित्रकूट लीला में दिखाया गया कि श्री राम चित्रकूट में कुटिया बनाकर माता सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ वनवासी जीवन बिताने लगते है।
इस अवसर पर रामलीला कमेटी सुभाष बनखंडी के अध्यक्ष विनोद पाल, महामंत्री हरीश तिवाड़ी, राजेश दिवाकर, राकेश पारछा, दीपक जोशी, रोहताश पाल, हुकुम चंद, मनमीत कुमार, पप्पू पाल, संजय शर्मा, प्रशांत पाल, महेंद्र कुमार, अनिल धीमान, ललित शर्मा, दया शंकर पांडेय, अशोक मौर्य, सुभाष पाल, पवन पाल, नीतीश पाल आदि उपस्थित रहे।

नाबालिक छात्राओं को पुलिस ने दिल्ली से किया सकुशल बरामद

28 सितंबर को वादी के द्वारा कोतवाली ऋषिकेश में लिखित तहरीर के माध्यम से सूचना दी गई कि उनकी दो नाबालिक पुत्रियां उम्र क्रमशः 17 वर्ष एवं 15 वर्ष दिनांक 27 सितंबर की रात लगभग 10.30 बजे से घर से गायब हैं, अभी तक घर नहीं आई है। लिखित तहरीर के आधार पर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ की गई। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एवं क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश के निकट पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली के द्वारा स्वयं नेतृत्व करते हुए गुमशुदा दोनों नाबालिग बहनों की तलाश हेतु दो टीमें गठित की गई।
एक टीम के द्वारा गुमशुदा नाबालिगों के घर से आने जाने वाले रास्तों पर दुकानों एवं प्रतिष्ठानों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को चेक करते हुए, परिजनों एवं आसपास के लोगों से पूछताछ कर मुखबिर तंत्र के माध्यम से तलाश शुरू की गई।
दूसरी टीम के द्वारा गुमशुदा नाबालिगों की तलाश हेतु ऋषिकेश-हरिद्वार-देहरादून के बस अड्डा एवं रेलवे स्टेशनों तथा अन्य संभावित स्थानों पर पर सर्च अभियान चलाया गया। गठित टीमों के द्वारा किए गए कार्यों से महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त आपसी सामंजस्य स्थापित कर ज्ञात हुआ कि उपरोक्त गुमशुदा दोनों नाबालिग बहने सोशल मीडिया के माध्यम से फरीदाबाद हरियाणा निवासी दो लड़कों के संपर्क में आई जिनके द्वारा दोनों बहनों को अच्छी सैलरी वाली जॉब लगाने का प्रलोभन दिया गया। जिसके पश्चात दोनों नाबालिग बहने अपने परिजनों को बिना बताए अपने घर से 27 सितंबर की रात्रि बस के माध्यम से हरिद्वार होते हुए दिल्ली पहुंच गई।
दोनों नाबालिग बहनों के दिल्ली में होने की जानकारी प्राप्त होने पर दोनों गठित टीमों के द्वारा संयुक्त रूप से तत्काल दिल्ली रवाना होकर 29 सितंबर को मात्र 24 घंटे के अंदर कश्मीरी गेट दिल्ली के पास से सकुशल बरामद किया गया। दोनों फरार व्यक्तियों के संबंध में अन्य जानकारियां प्राप्त कर उनकी तलाश जारी है। अभियोग उपरोक्त से संबंधित अग्रिम आवश्यक कार्यवाही जारी है।
पुलिस टीम में उप निरीक्षक चिंतामणि मैठाणी चौकी प्रभारी आईडीपीएल, कांस्टेबल सचिन सैनी, कांस्टेबल युवराज सिंह, कांस्टेबल दुष्यंत, कांस्टेबल रोमिल, कांस्टेबल नवनीत नेगी, एसओजी देहात, कांस्टेबल मनोज, एसओजी देहात शामिल रहे।

स्वास्थ्य संबंधी कार्डों की सही मॉनिटरिंग के लिए तैयार किया जाए प्लेटफॉर्म

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि अस्पतालों में मरीजों को रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी लाईनों में खड़ा न होना पड़े, इसके लिए ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन एवं टोकन की व्यवस्था के लिए सिस्टम विकसित किया जाए। टेलीमेडिसिन की सुविधा के लिए हेल्पलाईन नम्बर 104 को जन जगारूकता के लिए व्यापक स्तर पर प्रचारित किया जाए। उत्तराखण्ड को जल्द क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को प्रेरित किया जाए, अगर किसी कार्य से लोग मन से जुड़ते हैं, तो उसमें सफलता प्राप्त होती है। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जारी होने वाले आयुष्मान कार्ड, गोल्डन कार्ड, श्रम विभाग द्वारा जारी होने वाले कार्ड तथा स्वास्थ्य संबंधी अन्य कार्डों की सही मॉनिटरिंग के लिए उन्हें एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न माध्यमों से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अभिनव पहल की जरूरत हैं, दूरस्थ क्षेत्रों में कार्य करने के लिए डॉक्टरों को प्रेरित किया जाए। ब्लॉक एवं तहसील स्तर तक स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएं। ऐसी व्यवस्था की जाए कि नवजात शिशु के अस्पताल में जन्म होने पर उनके जन्म प्रमाण पत्र अस्पताल से ही निर्गत हों।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी अस्पतालों में स्वच्छता की उचित व्यवस्था हो। मरीजों को अस्पतालों में गुणवत्तायुक्त भोजन मिले। उन्होंने कहा कि वर्षाकाल के बाद वायरल, डेंगू एवं मलेरिया का प्रकोप अधिक रहता है, इससे निपटने के लिए अस्पतालों में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों। नगर निगम एवं नगर पालिका क्षेत्रों में नियमित फॉगिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। त्योहारों के सीजन के दृष्टिगत विशेष सतर्कता बरती जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए जो निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिन निर्माण कार्यों में विलंब हो रहा है, सबंधित कार्यदाई एजेंसियों के खिलाफ सख्त रूख अपनाया जाए एवं संबंधितों जिम्मेदारी भी तय की जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में अनावश्यक विलंब होने से लागत में भी वृद्धि होती है। उत्तराखण्ड को 2025 तक ड्रग्स फ्री राज्य बनाने के लिए सभी विभागों को सुनियोजित प्लानिंग करनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में प्रतिमाह बैठक की जाए।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में रोगी पंजीकरण शुल्क की समान व्यवस्था की जाए। ब्लॉक स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस को भी ध्यान में रखना होगा।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने राज्य में स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की प्रजेन्टेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव अरूणेन्द्र चौहान, अमनदीप कौर, प्रभारी महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, प्रधानचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आशुतोश सयाना, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. सरोज नैथानी एवं स्वास्थ्य विभाग के सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
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सुबोध उनियाल ने विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी

सरकारी संस्थानों में उच्च तकनीकी शिक्षा के इच्छुक छात्र-छात्राओं को अब दूर-दराज क्षेत्रों की ओर दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। नरेंद्रनगर स्थित पॉलिटेक्निक में छात्र-छात्राओं को डिप्लोमा, डिग्री और एमटेक तीनों की सुविधाएं मुहैया होगी।
नरेंद्रनगर पॉलिटेक्निक का औचक निरीक्षण करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने यह बात कही, इस दौरान उन्होंने यहां विकास कार्यों हेतु 10 करोड़ रूपए की स्वीकृति भी प्रदान की। नरेंद्रनगर पॉलिटेक्निक में निरीक्षण के दौरान कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने पुराने और नए एडमिशन हेतु आए छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। उन्होंने छात्र-छात्राओं से यहां की शिक्षण व्यवस्थाओं के बारे में जाना। इसके बाद कैबिनेट मंत्री ने यहां बने कक्षों का औचक निरीक्षण किया, उन्होंने संस्थान के प्राचार्य आलोक कुमार को यहां कक्षों की स्थिति सुधारने एवं कमियों को दूर करने हेतु निर्देशित किया।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि आज के दौर में युवा वर्ग आईटी सेक्टर की ओर अधिक भाग रहा है, इस हेतु युवाओं को दूरदराज बाहरी क्षेत्रों की दौड़ लगानी पड़ती है। नरेंद्रनगर पॉलिटेक्निक में एनीमेशन, रूलर इन्वायरमेंट और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के कोर्स संचालित हो रहे हैं। जल्द ही यहां छात्र-छात्राओं को डिप्लोमा, डिग्री और एमटेक की सुविधा मिलेगी, जिससे छात्र-छात्राओं को कोर्स हेतु दूरदराज बाहरी क्षेत्रों में नहीं जाना होगा। इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने नरेंद्रनगर पॉलिटेक्निक के विकास कार्यों हेतु 10 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की। जिस पर संस्थान के प्राचार्य ने कैबिनेट मंत्री का आभार व्यक्त किया।

ग्रामीणों के विरोध को लेकर शहरी विकास मंत्री ने विभागीय अधिकारियों से की चर्चा

शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने ऋषिकेश नगर निगम के अंतर्गत डंप हो रहे कूड़े के निस्तारण तथा लालपानी स्थित बनने जा रहे वैज्ञानिक कूड़ा निस्तारण केंद्र के संदर्भ में शहरी विकास विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की।
मंत्री डॉ. अग्रवाल ने ऋषिकेश में वर्षाे से डंप हो रहे कूड़े के निस्तारण के लिए शीघ्र कार्यवाही शुरू करने को कहा। वहीं लालपानी में चिन्हित जमीन में वैज्ञानिक कूड़ा निस्तारण केंद्र के हो रहे ग्रामीणों द्वारा विरोध के संदर्भ में भी अतिशीघ्र मौका मुआयना कर दोनों समस्याओं के निस्तारण के निर्देश दिए।
इस अवसर पर डॉ. अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश में वर्षाे से डंप हो रहे कूड़े से जहाँ स्थानीय लोगों को दुर्गंध और बीमारियों से जूझना पड़ता है, वहीं आने वाले यात्री गलत संदेश ले कर जा रहे हैं। लालपानी (गुमानीवाला) में बनने जा रहे वैज्ञानिक कूड़ा निस्तारण केंद्र का ग्रामीणों द्वारा विरोध पर भी अधिकारियों को तुरंत क्षेत्र में जाकर समस्या निस्तारण के निर्देश दिए।
बैठक में सचिव शहरी विकास दीपेंद्र चौधरी, निदेशक नवनीत पांडेय मौजूद रहे।

शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 115वी जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन

बैराज रोड स्थित कैम्प कार्यालय में शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 115वी जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके जीवन पर प्रकाश डाला।
बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि हर भारतीय की तरह भगत सिंह का परिवार भी आजादी का पैरोकार था। उनके चाचा अजीत सिंह और श्वान सिंह भी आजादी के मतवाले थे और करतार सिंह सराभा के नेतृत्व में गदर पाटी के सदस्य थे। अपने घर में क्रांतिकारियों की मौजूदगी से भगत सिंह पर गहरा प्रभाव पड़ा। इन दोनों का असर था कि वे बचपन से ही अंग्रेजों से घृणा करने लगे। 14 वर्ष की उम्र में भगत सिंह ने सरकारी स्कूलों की पुस्तकें और कपड़े जला दिए। जिसके बाद भगत सिंह के पोस्टर गांवों में छपने लगे। डॉ अग्रवाल ने कहा कि 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह पर अमिट छाप छोड़ा। अंग्रेजों की सरकार को ‘नींद से जगाने के लिए’ उन्होंने 8 अप्रैल 1929 को सेंट्रल असेंबली के सभागार में बम और पर्चे फेंके थे। इस घटना में भगत सिंह के साथ क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त भी शामिल थे। और यह जगह अलीपुर रोड दिल्ली स्थित ब्रिटिश भारत की तत्कालीन सेंट्रल असेंबली का सभागार थी। लाहौर षड़यंत्र केस में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी की सजा सुनाई गई और बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास दिया गया। भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 की शाम सात बजे सुखदेव और राजगुरू के साथ फांसी पर लटका दिया गया। तीनों ने हंसते-हंसते देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि भगत सिंह आजादी के मतवाले ही नहीं थे। भगत सिंह एक अच्छे वक्ता, पाठक, लेखक और पत्रकार भी थे। वे हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, पंजाबी, उर्दू, बंगला और आयरिश भाषा के बड़े विद्वान थे। उन्होंने 23 वर्ष की उम्र में आयरलैंड, फ्रांस और रूस की क्रांति का के बारे गहरा अध्ययन कर लिया था। भगत सिंह को भारत में समाजवाद का पहला प्रवक्ता माना जाता है। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष वीरभद्र अरविंद चौधरी, महामंत्री सुंदरी कंडवाल, महामंत्री श्यामपुर रवि शर्मा, महामंत्री ऋषिकेश सुमित पंवार और जयंत शर्मा, युवा मोर्चा अध्यक्ष विजय जुगलान, निर्मला उनियाल, रविंद्र रमोला, संजय व्यास, गंभीर सिंह राणा, दीपक जुगलान, रूपेश गुप्ता, सुभाष वाल्मीकि आदि ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

2 अक्टूबर को देहरादून से रामपुर तिराहा पहुंचेगा ‘प्रवासी-निवासी मार्च‘

प्रवासी उत्तराखंडियों को एकजुट-एकमुट करने की कवायद नये सिरे से हो रही है। हस्तक्षेप संगठन ने यह पहल की है। संगठन दो अक्टूबर को देहरादून से रामपुर तिराहा तक साइकिल मार्च का आयोजन कर रहा है। इसकी शुरुआत 29 सितम्बर से हो रही है। इस मार्च में 20 शहरों के प्रवासी उत्तराखंडी साइकिलिस्ट भाग लेंगे। संगठन के अध्यक्ष केशर सिंह बिष्ट ने बताया कि इस रैली का मुख्य उद्देश्य प्रवासी लोगों को एकजुट करना है ताकि पहाड़ के संवेदनशील मुद्दों पर लोग मुखर हो सकें।
हस्तक्षेप संगठन के तहत आयोजित इस साइकिल रैली को प्रवासी निवासी मार्च का नाम दिया गया है। संगठन के अध्यक्ष केशर सिंह बिष्ट ने बताया कि इस मार्च का उद्देश्य उत्तराखंड के संवेदनशील मुद्दों पर ’प्रवासियों’ की संवेदनशीलता को मुखर करना है साथ ही अपनी मूल भूमि से अलग-थलग पड़े ’प्रवासियों’ को ’निवासी मुद्दों’ पर एकजुट करना व राज्य की मूल धारा से जुड़ने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में यह एक नई पहल है। इसके माध्यम से प्रवासियों व निवासियों’ को एकजुट कर उनके बीच आपसी संवाद को सशक्त करना है।
साइकिल मार्च में देश भर से विभिन्न प्रवासी लोगों का 20 से भी अधिक कारों का काफिला रहेगा। साथ ही एक मेडिकल वैन भी मौजूद रहेगी। मार्च के दौरान उत्तराखंड आंदोलन के गीतों से गुंजायमान ट्रक व उसमें सवार ’मार्च’ के अन्य सहयोगी और सांस्कृतिक दल भी रहेगा। काफिले में शामिल लोगों के लिए ’पहाड़ी भोज’ का वाहन भी साथ चलेगा।

देश के दूसरे सीडीएस का भी उत्तराखंड से है नाता

केंद्र सरकार सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (रिटायर्ड) को इंडियन डिफेंस फोर्सेज का अगला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया है। यह उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है कि देश का दूसरा सीडीएस भी उत्तराखंड से ही नाता रखता है। मालूम हो कि देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी पौड़ी जिले के ही रहने वाले थे।
पिछले साल हेलिकॉप्टर हादसे में उनका निधन हो गया था, जिसके बाद से करीब 10 महीने तक सीडीएस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की गई थी। अगले सीडीएस पद पर लेफ्टिनेंट जनरल चौहान के नाम की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह उत्तराखंडवासियों के लिए बहुत ही गर्व की बात है। ले.ज. चौहान मूलतः रामपुर ग्राम सभा ग्वाणा गांव, खिर्सु ब्लॉक, पौड़ी के रहने वाले हैं।
आशा जताई कि ले.ज. चौहान के नेतृत्व में भारतीय सेना हमेशा की तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करेगी। ले.ज. चौहान उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले में राजपूत परिवार से ताल्लुख रखते हैं। पूर्व प्रधानपति अरिवंद रावत का कहना है कि चौहान की तैनाती से पूरे खिर्सु ब्लाक में खुशी की लहर है। देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पास-आउट होने के बाद ले.ज. चौहान को भारतीय सेना की गोरखा राइफल्स में 1981 में कमीशन प्राप्त हुआ था।
सीडीएस जैसे अहम पद पर नियुक्ति से पहले ले.ज. चौहान ने कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में आतंक विरोधी अभियानों का खासा अनुभव है। ले. जनरल चौहान की संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत अंगोला में भी तैनाती हो चुकी है। 40 साल की सेना में सेवा के बाद ले. जनरल चौहान पिछले साल 31 मई को सेवानिवृत हुए थे।

गांव के लोगों ने जतायी खुशी
लेफ्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) अनिल चौहान के देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनने पर उनके मूल गाँव खिर्सू ब्लॉक के रामपुर ग्राम सभा के गवाणा गांव में खुशी की लहर है। ग्राम वासियों का कहना है कि यह पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। ग्राम प्रधान ज्योति देवी का कहना है कि अनिल चौहान जी के सीडीएस बनने की खबर उन्हें देर शाम 8 बजे के करीब पता चली।
उन्होंने कहा कि इससे ग्राम सभा का नाम तो रोशन हुआ ही है साथ ही पूरे प्रदेश का नाम भी रोशन हुआ है। गांव के पूर्व प्रधान अनूप, वार्ड सदस्य सुमन देवी ने कहा कि पौड़ी जिले से देश को लगातार दो सीडीएस मिल चके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का सेना के रूप में विशेष पहचान रही है।
जिसका परिणाम है कि देश दुनिया मे उत्तराखंड का नाम गूंज रहा है। गांव के ही दर्शन सिंह, मीना देवी का कहना है कि इससे खिर्सू का देश दुनिया के नक्शे में अलग स्थान बना है। देवलगढ़ राजराजेश्वरी मंदिर के मुख्य पुजारी केपी उनियाल व भाजपा के जिला अध्यक्ष सम्पत सिंह रावत व जिला मंत्री जितेंद्र रावत ने भी भी हर्ष जताते हुए इसे पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात कही है।

पौड़ी जिले के रहने वाले थे देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले के रहने वाले थे। उनका पैतृक गांव विरमोली दवारीखाल ब्लॉक में स्थित है। पिछले साल 08 दिसंबर को तमिलनाडू में जनरल रावत उनकी पत्नी सहित 13 लोगों की चॉपर क्रैश में मृत्यु हो गई थी। खराब मौसम को सेना ने हेलीकॉप्टर हादसे की वजह बताई थी। सीडीएस बनने के बाद जनरल रावत अपने पैतृक गांव कई बार आ चुके थे। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने उत्तराखंड में ही बसने की इच्छा जताई थी।