आखिरी समय में सरकार ने मृत्यंजय मिश्र की बहाली कर विवाद को दिया जन्म

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के आरोपी अफसर मृत्युंजय मिश्रा को बहाल करके प्राइम पोस्टिंग देने के मामले में उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार सवालों के घेरे में आ गयी है। विजिलेंस ने शासन को लिखे पत्र में कहा है कि आयुर्वेद विवि के कुलसचिव के पद पर मृत्युंजय मिश्रा की पोस्टिंग उचित नहीं है। क्योंकि मिश्रा के खिलाफ जांच के बाद केस अदालत में ट्रायल पर है।
बता दें कि इस मुक़दमे में गवाह भी आयुर्वेद विवि के अधिकारी हैं। ऐसे में यदि मिश्रा यहां कुलसचिव रहेंगे तो गवाहों पर दबाव बनाने की आशंका रहेगी। विजिलेंस की चिट्ठी के बाद इस मामले में शासन के अधिकारियों के साथ ही विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत की भूमिका संदिग्ध होने के साथ पूरी सरकार कटघरे में आ गयी है। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए बस इतना ही कहा कि वह इस मामले को दिखवा रहे हैं।
आपको बता दें कि सरकार ने डा मृत्युंजय कुमार मिश्रा का निलंबन समाप्त कर उन्हें उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद पर बहाल कर दिया है। साथ ही डा. मिश्रा को निलंबन अवधि का वेतन भुगतान नियमानुसार करने के आदेश भी दिए गए हैं। आयुष शिक्षा सचिव चंद्रेश कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किया।
आदेश में बताया गया कि डा मिश्रा के खिलाफ 25 जुलाई, 2018 से जारी सतर्कता जांच के क्रम में विभागीय स्तर पर जांच अधिकारी की नियुक्ति और विभागीय अनुशासनिक जांच कराने को शासन ने औचित्यपूर्ण नहीं पाया है। डा. मिश्रा का निलंबन इस प्रतिबंध के साथ समाप्त किया गया है कि सतर्कता विभाग की जांच रिपोर्ट प्रशासनिक विभाग को प्राप्त होने पर गुण दोष के आधार पर यथोचित कार्यवाही की जाएगी। मृत्युंजय मिश्रा को 27 अक्टूबर, 2018 को कुलसचिव पद से निलंबित कर आयुष शिक्षा सचिव कार्यालय से संबद्ध किया गया था। तीन दिसंबर, 2018 को मिश्रा को गिरफ्तार कर जिला कारागार में भेजा गया था।
उधर, आयुष शिक्षा सचिव ने अलग आदेश जारी कर आयुर्वेद विश्वविद्यालय में ही कुलसचिव पद पर अस्थायी रूप से तैनात किए गए डा राजेश कुमार अदाना को उप कुलसचिव का प्रभार दिया गया है। नियमित उप कुलसचिव की तैनाती तक यह प्रभार सौंपा गया है। डा राजेश कुमार को इस प्रभार के लिए अलग से वेतन-भत्ते देय नहीं होंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।

हरीश रावत की प्रेस वार्ता, कहा-14 फरवरी को भाजपा की विदाई निश्चित

पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने सरकार पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा बैकडेट पर तबादले और राजनीतिक नियुक्तियां की गईं। चुनाव आयोग से शिकायत की गई। उन्‍होंने आबकारी व तबादलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्‍होंने प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता में ये बात कही।
प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कहा कि 14 फरवरी को राज्य से भाजपा की विदाई निश्चित है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल में राज्य का विकास ठप हो गया है। रविवार को राजपुर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति में हरिद्वार के पूर्व जिला पंचायत सदस्य विजेंद्र चौधरी व लक्सर से गन्ना विकास परिषद के चेयरमैन चौधरी राजेंद्र सिंह ने अपने 59 समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थामा। सभी को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
पार्टी की सदस्यता दिलवाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने वालों की संख्या से साफ जाहिर होता है कि भाजपा के कुशासन से समाज का हर तबका त्रस्त हो चुका है। पिछली कांग्रेस सरकार के समय जिन जनहित की योजनाओं को शुरू किया गया था, भाजपा ने सत्ता में आते ही उन्हें बंद कर दिया। कांग्रेस को सत्ता सौंपकर राज्य में विकास के पहियों को चलाना चाहती है। इस अवसर पर चौधरी उदयवीर, चौधरी पुलकित, सचिन कुमार, विनोद चौधरी उपस्थित रहे।

बूस्टर डोज का अभियान शुरु, इन्हें लगेगी वैक्शीन

कोरोना संक्रमण के बाद अब देश, विदेश में नए वैरिएंट के आने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। कोरोना वैक्सीन के बाद अब नए वैरिएंट से बचने के लिए बूस्टर डोज (प्रीकॉशन डोज) लगनी शुरू हो गई है। पूरे देश के साथ ही उत्तराखंड में भी इसकी शुरुआत 10 जनवरी से हो गई है। इसके लिए पहले 60 आयु वर्ग के ऊपर वाले लोगों का टीकाकरण हो रहा है। टीकाकरण केंद्र में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां चाक-चौबंद हैं। बूथों पर 20 प्रतिशत वैक्सीन तीसरी डोज के लिए उपलब्ध है।
इसके लिए पहले हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन में कार्य कर रहे लोगों का टीकाकरण हुआ। इस डोज को लगाने से पहले उनके पास कोरोना वैक्सीन के नौ महीने पूरे होना वाला सर्टिफिकेट का होना अनिवार्य है। बिना नौ महीने पूरे करने वालों को यह डोज नहीं लगाई जाएगी। यह डोज अभी 60 आयु वर्ग के ऊपर वाले लोगों को लगाई जा रही है।

प्रदेश में 16 जनवरी 2021 से शुरू हुआ था कोविड टीकाकरण अभियान
प्रदेश में 16 जनवरी 2021 से कोविड टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था। सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लगाई गई। जिसके बाद मार्च महीने से 60 से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण शुरू किया गया। कोरोना संक्रमण बढ़ने से केंद्र सरकार ने बुजुर्गों, हेल्थ वर्करों और फ्रंटलाइन वर्करों को प्रीकॉशन डोज के रूप में तीसरा टीका लगाने का निर्णय लिया है।
देहरादून के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. कुलदीप मर्ताेलिया ने बताया कि बुजुर्गों, स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्करों को 10 जनवरी से तीसरा टीका लगाया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं। टीकाकरण बूथों पर तीसरी डोज के लिए 20 प्रतिशत वैक्सीन अलग से उपलब्ध रहेगी। जिन लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के लिए नौ महीने या 39 सप्ताह का समय हो गया है। उन्हें ही तीसरी डोज लगाई जाएगी।

एक सप्ताह में 46 प्रतिशत किशोरों को लगी पहली डोज
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 15 से 18 वर्ष के 2.88 लाख से अधिक किशोरों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। जो लक्ष्य का 46 प्रतिशत है।

सीएम ने टपकेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह टपकेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की एवं भगवान शिव का जलाभिषेक कर प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान भोलेनाथ हमारे आराध्य देव हैं। आज भगवान की शरण में आया हूं। भगवान भोलेनाथ से कामना करता हूं प्रदेश नई ऊंचाइयों को छुए। प्रदेश के विकास एवं जनता की कुशलता की कामना की।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा देश में एक बार फिर कोरोना महामारी का प्रसार तेजी से हो रहा है। हम सबको सतर्क रहने के साथ कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन करना चाहिए। किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर अपनी जांच करवाएं और आवश्यकता होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें। सावधानी ही कोरोना से सबसे बड़ा बचाव है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा राज्य सरकार द्वारा अस्पतालों में समुचित प्रबंध किए गए हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर दवाएं वह अन्य उपकरण अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में हैं। आम जनता को जागरूक करने को लेकर एक बार फिर व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।
विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भाजपा ने 5 साल में राज्य में अभूतपूर्व विकास कार्य किये है। जनहित से जुड़ी तमाम योजनाओं को शुरू किया है। जनता विकास के नाम पर भाजपा को वोट देगी और हम 60 पर का जो नारा है उसको साकार करेंगे।

लोकायुक्त पर भाजपा-कांग्रेस का रुख ढुलमुल

उत्तराखंड में 100 दिन में लोकायुक्त का गठन करने का वादा कर सरकार में आई भाजपा पांच साल में भी इस ख्वाब को साकार नहीं कर पाई। न केवल भाजपा बल्कि इससे पहले कांग्रेस का रुख भी लोकायुक्त के प्रति ढुलमुल ही रहा है। करीब आठ साल से लेाकायुक्त के अधर में लटके होने से दोनों ही दल सवालों के कठघरे में हैं। लोकायुक्त के लिए उत्तराखंड को अब अगली सरकार का इंतजार करना होगा। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा लोकायुक्त पर भाजपा का ढोंग सामने आ चुका है। वर्ष 2017 में लोकायुक्त को पारित कराने के लिए पूरा विपक्ष सहमत था। ऐसा पहली बार हुआ कि विपक्ष तो बिल के समर्थन में थी और सरकार खुद ही उसे प्रवर समिति को भेज रही थी। कांग्रेस सत्ता में आने पर लोकायुक्त पर जनभावनाओं के अनुसार निर्णय करेगी।

भाजपा ने किया था 100 दिन में बनाने का वादा
वर्ष 2017 के विधानसभा में भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में 100 दिन में लोकायुक्त बनाने का वादा किया था। भाजपा ने कांग्रेस के बनाए एक्ट में संशोधन करते हुए नया ड्राफ्ट तैयार किया। और फिर बाद में इसे विधानसभा की प्रवर समिति को सौंप दिया गया। तब तक यह बिल विधानसभा की संपत्ति है। इस पर आगे कार्यवाही बढ़ृ ही नहीं पाई।

लोकायुक्त पर कब क्या हुआ…
राज्य में लोकायुक्त अधिनियम वर्ष 2011 में पारित किया गया था। तत्कालीन भाजपा सरकार के सीएम मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी (रि) इस एक्ट को लाए थे। खंडूड़ी का लोकायुक्त काफी अधिकार संपन्न और सख्त था। वर्ष 2012 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस की सरकार बनी। इस बीच राष्ट्रपति भवन से एक्ट का मसौदा मंजूर होकर आ गया। इसे सरकार को 180 दिन में लागू करना था। कांग्रेस ने खंडूड़ी के एक्ट में परिवर्तन करते हुए नया एक्ट तैयार किया। इससे खंडूड़ी का लोकायुक्त ठंडे बस्ते में चला गया और कांग्रेस भी पांच साल तक अपना एक्ट लागू न कर पाई।

लोकायुक्त दफ्तर पर हो रहे करोड़ों रुपये खर्च
भले ही उत्तराखंड में लोकायुक्त का गठन आठ साल से अधर में हैं। लेकिन लोकायुक्त के दफ्तर के रखरखाव पर हर साल करोड़ों रुपये का खर्च बदस्तूर जारी है। 24 दिसंबर 2013 से अब तक 13 करोड़ रुपये से अधिक की राशि लोकायुक्त कार्यालय के स्टॉफ के वेतन, रखरखाव आदि पर खर्च हो चुके हैं। यह खर्च अभी भी जारी है। साथ ही 1500 से ज्यादा मामले सुनवाई के लिए भी लंबित हैं।

लक्ष्मण झूला में नए पुल के टेंडर प्रक्रिया मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई

लोक निर्माण विभाग की ओर से लक्ष्मण झूला में पुराने झूला पुल के समीप टू-लेन मोटर पुल का निर्माण के लिए हुई टेंडर प्रक्रिया का मामला हाईकोर्ट पहंुच गया है। आरोप है कि अर्हता पूरी न करने वाली कंपनी को टेंडर दे दिया गया है। जिस पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश जारी किया है। अब इस मामले में 20 फरवरी को सुनवाई होगी।
आपको बता दें कि इस पुल के निर्माण के लिए विभाग की ओर से 20 नवंबर, 2021 को टेंडर आमंत्रित किए गए थे। 23 नवंबर को टेंडर खोले गए। जिनमें हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी, कैलाश हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी और पीएंडआर इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी के टेंडर को विभाग की ओर से सही पाया गया और पीएंडआर इंफ्रा प्रोजेक्ट के टेंडर को मंजूरी दे दी गई।
इस पर ऋषिकेश की हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी हाईकोर्ट पहुंच गयी। उच्च न्यायालय नैनीताल में विभाग की इस प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी ने आरोप लगाया कि जिस कंपनी को काम दिया गया है वह टेंडर की अर्हता को पूरा नहीं करती है। कंपनी के निदेशक अजय शर्मा के अनुसार इस पूरे मामले में मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखकर कंपनी की ओर से आपत्ति दर्ज करानेे के बावजूद उनकी बात को नहीं सुना गया। जिस पर वे न्यायालय की शरण में गए। उनका कहना है कि न्यायालय में सुनवाई की तिथि तक जिस कंपनी को काम दिया गया उसके साथ एग्रीमेंट नहीं हुआ था। उन्हें अंदेशा है कि बैक डेट पर एग्रीमेंट किया जा सकता है। दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग नई टिहरी के अधीक्षण अभियंता एनपी सिंह का कहना है कि 5 जनवरी, 2022 को संबंधित कंपनी के साथ एग्रीमेंट कर दिया गया था।

कनक धनाई ने शुरु किया प्रचार, कोविड गाइड लाइन का पालन करने की अपील भी की

उत्तराखंड जन एकता पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत कोविड नियमों का पालन करते हुए ऋषिकेश विधानसभा सीट से उजपा के प्रत्याशी कनक धनाई के नेतृत्व में आज चुनाव प्रचार प्रारम्भ कर दिया गया।
बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा इसी माह 8 जनवरी को अचार सहिंता लागू कर दी गई है और उत्तराखंड में 14 फरवरी को विधानसभा के चुनाव होने हैं। बहुत कम समय चुनाव के लिए रह गया है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में ताल ठोक रही पार्टी उजपा ने कोविड नियमों का पालन करते हुए ऋषिकेश विधानसभा के अंतर्गत रायवाला से चुनाव प्रचार प्रारंभ कर दिया।
मौके पर सत्य नारायण मंडल अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ, विकाश डंगवाल, व्यापार मंडल अध्यक्ष राजेंद्र रतूड़ी, दीपक चौहान, लखपत सिंह रावत, गौरव सिंह, अजय चमोली, अमन रावत समेत अन्य उजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

राजनीति को समाजसेवा का सशक्त माध्यम मान रहे है आप प्रत्याशी राजे नेगी

आधुनिक समय में राजनीति और राजनीतिज्ञों को जनमानस संशय की दृष्टि से देखने लगा है, परन्तु व्यक्ति की नीति व नीयत साफ हो तो राजनीति भी समाज सेवा का सशक्त साधन हो सकता है। इन शब्दों पर खरा उतरने की चुनौतियों के साथ ऋषिकेश विधानसभा सीट से शहर में समाजसेवी के तौर पर अपनी मजबूत पहचान बनाने वाले राजे सिंह नेगी आम आदमी पार्टी से अपना भाग्य आजमाने के लिए सियासत के रणक्षेत्र में उतरे हैं। उनकी सोशल एक्टीविटीज और लोकप्रियता के चलते ही आम आदमी पार्टी ने जब उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए पहली लिस्ट घोषित की तो उनका नाम सबसे ऊपर था। यह उनकी शख्सियत का ही जादू है कि आप की सदस्यता ग्रहण करने के महज एक वर्ष के भीतर जहां पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया वहीं पार्टी का जबरदस्त जनाधार बड़ाने में भी वह कामयाब रहे। हालांकि इसकी असली परख अभी होनी बाकी है। लेकिन राजनैतिक पंडित भी मानते हैं कि इस चुनाव में विधानसभा भवन पहुंचने के लिए राष्ट्रीय दलों में सीधी लड़ाई नही बल्कि त्रिकोणीय संघर्ष की संभावना दिखने लगी है। हरिपुर कलां के शिक्षक परिवार में जन्मे राजे की मानें तो पिता प्रेम सिंह नेगी से संस्कार उन्हें विरासत में मिले हैं।यहीं उनकी सबसे बड़ी पूंजी भी है। चिकित्सक के तौर पर मानवता की सेवा के लिए जीवन सर्मपित करने वाले नेगी शहर में निःशुल्क शिक्षण संस्थान उड़ान प्लेय स्कूल के जरिए जहां चर्चा में रहे हैं वहीं अनेकों पुरुस्कारों से नवाजे जाने वाले नेगी की विभिन्न आंदोलनों में भी सक्रियता देखने को मिली है। गढ संस्कृति के उत्थान के लिए वर्षों से संघर्षरत रहे नेगी को इसका लाभ भी उनके चुनावी मिशन में मिल सकता है। जिसकी फिलहाल तो पूरी उम्मीद नजर आ रही है। राजनीति की बिसात पर चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में है लेकिन इस बात की संभावना जरूर है कि ऋषिकेश विधानसभा में राजे सिंह नेगी चौंकाने वाला परिणाम दे सकते हैं।

व्यापारियों को कोविड नियमों का पालन करने के निर्देश

कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है। पुलिस अधिकारियों ने व्यापारियों को कोविड नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
सोमवार को ऋषिकेश कोतवाली में पुलिस और व्यापारियों के बीच बैठक हुई। बैठक में सीओ डीसी ढौंडियाल ने व्यापारियों से कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए अपना व्यापार संचालित करने को कहा। उन्होंने दुकानों में भीड़ न एकत्रित होने देने, मास्क पहनने व ग्राहकों को भी मास्क पहनने की अपील करने सहित अन्य नियमों का पालन करने का आग्रह किया। मौके पर कोतवाल रवि कुमार सैनी, नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र, रवि जैन, राजकुमार तलवार, दीपक बंसल, आशु अरोड़ा, आशु डंग, युवा नगर अध्यक्ष शिवम टुटेजा, एकांत गोयल, घाट रोड अध्यक्ष पवन शर्मा, प्रदीप गुप्ता, मनोज टुटेजा आदि उपस्थित रहे।

1292 केस मिलने के साथ आज 5 संक्रमित लोगो की मौत

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद अब मरीजों की मौत के आंकड़े भी बढ़ गए हैं। सोमवार को विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे पांच संक्रमितों की मौत हो गई। कोरोना से एक ही दिन में इतनी संख्या में मरीजों की मौत का आंकड़ा 23 जून 2021 के बाद सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार सोमवार को एम्स ऋषिकेश में तीन, दून मेडिकल कॉलेज में एक जबकि पौड़ी जिले में एक संक्रमित की मौत हुई है।
इसके साथ ही राज्य में कोरोना से मरने वालों का कुल आंकड़ा अब 7429 हो गया है। सोमवार को देहरादून में 441, हरिद्वार में 254, नैनीताल में 220, यूएस नगर में 193 नए मरीज मिले। इसके अलावा अल्मोड़ा में 36, बागेश्वर में सात, चमोली में 15, चम्पावत में सात, पौड़ी में 56, पिथौरागढ़ में 12, रुद्रप्रयाग में 14, टिहरी में 28 और उत्तरकाशी में नौ नए संक्रमित मिले हैं।
राज्य भर के अस्पतालों से सोमवार को 294 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया जिससे एक्टिव मरीजों की संख्या 5009 हो गई है। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 7.57 प्रतिशत जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 94 प्रतिशत से अधिक चल रही है। सोमवार को कुल 15 हजार सात सौ के करीब सैंपलों की रिपोर्ट लैब से मिली जबकि 21 हजार के करीब सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

पर्यटकों सहित कोरोना के 30 नए मामले मिले
मुनिकीरेती, ऋषिकेश में कोरोना की रफ्तार नहीं थम रही है। सोमवार को दिल्ली के पांच पर्यटकों समेत 30 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। सभी मरीजों को आईसोलेट कराने की प्रक्रिया में स्वास्थ्य विभाग की टीम जुट गई है। मुनिकीरेती में कोविड नोडल अधिकारी डा. जगदीश जोशी ने बताया की 16 लोगों के एंटीजन रैपिड टेस्ट लिए गए थे, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। जबकि चार लोगों की रिपोर्ट निजी लैब से आई है। मरीजों को आईसोलेट किया जा रहा है। वहीं, ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में हुई जांच में 10 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एसएस यादव ने बताया कि अस्पताल में 137 लोगों की आरटीपीसीआर और 50 लोगों का एंटीजन रैपिड टेस्ट हुआ था, इनमें 10 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। दो लोगों को कोरोना दवा की किट दी गई है। सभी को होम आईसोलेट किया गया है।