उत्तराखंड में 14 फरवरी को चुनाव, 10 मार्च को परिणाम

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों का ऐलान आज चुनाव आयोग ने कर दिया है। उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होगा। 21 जनवरी को अधिसूचना जारी होगी। 28 जनवरी को नामांकन का अंतिम दिन होगा। नामांकन पत्रो की जांच 29 जनवरी और नाम वापसी के लिए 31 जनवरी का दिन निर्धारित किया गया है। पांचों राज्यों के परिणाम 10 मार्च को आयेंगे। नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि किसी भी राज्य में रैलियों और रोड शो के आयोजन की परमिशन नहीं होगी। इसके अलावा किसी नुक्कड़ सभा का आयोजन भी सार्वजनिक स्थानों पर नहीं किया जा सकेगा। साइकिल रैली और बाइक रैली जैसी चीजों पर भी रोक रहेगी। कई नियमों का ऐलान करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा ने कहा कि उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन भी दाखिल कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि गोवा, पंजाब और उत्तराखंड में एक फेज में चुनाव होगा।
यूपी में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा। 14 फरवरी को दूसरे मतदान का चुनाव होगा। पंजाब और उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होगा। यूपी में 20 फरवरी को तीसरे चरण का मतदान होगा। यूपी में 23 फरवरी को चौथे चरण का मतदान होगा। यूपी में 27 फरवरी को पांचवे चरण का मतदान होगा। मणिपुर में दो चरणों में मतदान होगा। चुनाव आयुक्त ने कहा कि मीडिया का चुनाव में अहम रोल है। मीडिया हमारा दोस्त है। आपके जरिए हमारी बातें लोगों तक पहुंचती है। नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी। कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा। वहीं, उत्तराखंड सहित तीन राज्यों में उम्मीदवार 40 लाख ही चुनाव खर्च कर पाएंगे। डिजिटल और वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार होगा। पदयात्रा और रोड शो, साइकिल रैली और बाइक रैली नहीं होगी। 15 जनवरी तक इन पर रोक रहेगी। चुनाव आयुक्त ने कहा कि जीत के बाद जश्न या विजय जुलूस की इजाजत नहीं होगी। डोर टू डोर कैंपने के लिए पांच लोगों की ही इजाजत रहेगी। कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। किसी भी तरह के नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव आयुक्त ने कहा हम मेडिकल एक्सपर्ट्स से सलाह भी ले चुके हैं। सभी चुनाव कर्मी फ्रंटलाइन कर्मी हैं। पोलिंग बूथ पूरी तरह से सैनिटाइज होगा। पोलिंग की टाइमिंग एक घंटे से ज्यादा होगी। चुनाव आयोग ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान की अपील की है।
पांच राज्यों में मतदान की घोषणा के बाद चुनाव की अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। चुनाव आयुक्त ने बताया कि 80 प्लस और दिव्यांग और कोविड प्रभावित के लिए पोस्टिंग बैलेट की व्यवस्था बनेगी। उम्मीदवारों के लिए आपराधिक जानकारी देना जरूरी होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 5 जनवरी को मतदाता की सूची डाली गई थी। 24.9 लाख मतदाता की पहली बार वोट डालेंगे।

प्रधानमंत्री के व्यंग के बाद सियासत में उबाल, एचएम ने कहा-पीएम की सुरक्षा सर्वोपरि

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान हुई सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। घटना के बाद बठिंडा हवाई अड्डे के अधिकारियों का भी बयान सामने आया है। बठिंडा हवाई अड्डे के अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि बठिंडा हवाई अड्डे पर लौटने पर पीएम मोदी ने वहां के अधिकारियों से कहा, “अपने सीएम को धन्यवाद कहना, कि मैं बठिंडा हवाई अड्डे तक जिंदा लौट आया।” पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को सड़क मार्ग से जाते समय एक फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट के लिए उस वक्त फंस गए जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते को रोक दिया। गृह मंत्रालय ने इस घटना को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में गंभीर चूक करार दिया है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान गंभीर सुरक्षा खामी के बाद उनके काफिले ने लौटने का फैसला किया। बयान में यह भी कहा गया कि मंत्रालय ने पंजाब सरकार से इस चूक के लिए जवाबदेही तय करने और कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है। जिस वक्त यह घटना हुई, उस वक्त प्रधानमंत्री बठिंडा से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक की ओर जा रहे थे।
पीएम मोदी दो साल के अंतराल के बाद आज पंजाब पहुंचे थे। विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद यह राज्य में उनका पहला दौरा था। इन कानूनों को लेकर किसानों ने लगभग एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किए थे। प्रधानमंत्री फिरोजपुर में चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) के उपग्रह केंद्र और दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे सहित 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करने वाले थे।
इनमें अमृतसर-ऊना खंड को चार लेन में परिवर्तित करना, मुकेरियां-तलवाड़ा रेल लाइन का आमान परिवर्तन और कपूरथला एवं होशियारपुर में दो नए चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना संबंधी परियोजनाएं भी शामिल थीं।

पंजाब की सियासत का देश के कई राज्यो में पड़ने वाला है असर

आज की सबसे बड़ी खबर आ रही है कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब राजघराने के कैप्टन अमरिन्दर सिंह को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने का समय दिया गया हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि आज रात या कल प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात हो सकती है। ऐसे में उनके केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है।
इस मुलाकात से पहले पंजाब के कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए उनके आवास पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट तक बात हुई। बताया जा रहा है कि शाह ने उनसे बातचीत के बाद प्रधानमंत्री से बात की है, जिसके बाद दोनों नेताओं की मुलाकात का समय निकाला गया है। आपको बता दें कि कैप्टन दो दिवसीय दौरे पर कल दिल्ली पहुंचे है। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं। उनके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।

अपमान का बदला लेने के मूड में में कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व द्वारा अपमान की बात कहकर सीएम पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा था कि भविष्य के लिए उनके पास सभी विकल्प खुले हैं। हालांकि उन्होंने अपने सहयोगियों से चर्चा करने के बाद फैसला लेने की बात कही थी। पंजाब से लेकर दिल्ली के सियासी गलियारों में कैप्टन के भाजपा में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
वहीं, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब अपने पद से इस्तीफा दिया था तो उन्होंने अपमान करने का आरोप लगाया था। अब कैप्टन बदला लेने के मूड में दिख रहे हैं। उन्होंने आज यानी बुधवार को सबसे पहले दिल्ली में गृह मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेताओं के साथ मुलाकात की। इसके बाद अब खबर आ रही है कि वह जी-23 के नेताओं से मुलाकात करेंगे। आपको बता दें कि ये शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे नेताओं का ग्रुप है।
गौरतलब है कि कैप्टन अमिरेंदर सिंह ने यूं तो दिल्ली पहुंचने पर मंगलवार को कहा था कि वह यहां किसी भी राजनीतिक लोगों से मुलाकात नहीं करेंगे, लेकिन अमित शाह के घर पहुंचकर उन्होंने कांग्रेस को चौंका दिया। आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने भी मंगलवार को पंजाब कांग्रेस कमेटी से भी इस्तीफा दे दिया। कहा जा रहा है कि वह सीएम नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे थे।

आठवें राज्यपाल के रुप में सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने लीं शपथ

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसम (सेवानिवृत्त) ने बुधवार को राजभवन में उत्तराखंड के आठवें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथग्रहण समारोह के बाद राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड की महिलाएं स्वावलंबी और बहादुर हैं। यहां की बेटियों को सैनिक स्कूलों व एनडीए के लिए प्रेरित कर राज्य में महिला सशक्तीकरण का नया अध्याय लिखा जाएगा। इससे पहले बुधवार को राजभवन में राष्ट्रगान के साथ शपथग्रहण समारोह की शुरुआत हुई। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव एसएस संधू ने किया।
 
मुख्य सचिव ने राज्यपाल की नियुक्ति का राष्ट्रपति की ओर से भेजा गया अधिपत्र पढ़कर सुनाया। शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल ने भारतीय सेना की चार मराठा बटालियन रेजीमेंट द्वारा दिए गए सम्मान गार्ड का निरीक्षण किया। समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, गणेश जोशी, डॉ. धनसिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक समेत कई गण्यमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

पैतृक गांव से बड़ी संख्या में पहुंचे लोग
राज्यपाल के पैतृक गांव जालाल (अमृतसर) से भी कुछ ग्रामीण करीब तीन हजार गांववासियों की शुभकामनाएं लेकर राजभवन पहुंचे और शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए। अपने गांव के व्यक्ति के राज्यपाल बनने पर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। समारोह में राज्यपाल के परिजनों, स्कूल कॉलेज और सेना में सेवा के दौरान रहे मित्र और सहपाठी भी शामिल हुए।

सैन्य पृष्ठभूमि वाले पहले और प्रदेश के दूसरे सिख राज्यपाल
गुरमीत सिंह प्रदेश के पहले सैन्य पृष्ठभूमि वाले राज्यपाल हैं। सुरजीत सिंह बरनाला के बाद वह राज्य के दूसरे सिख राज्यपाल हैं। सुरजीत सिंह बरनाला उत्तराखंड के पहले राज्यपाल थे।

पूर्व सैनिक और उनका परिवार मेरी प्राथमिकता
राज्यपाल ने कहा कि पूर्व सैनिक, सैनिकों के बुजुर्ग माता-पिता और परिवार उनकी प्राथमिकता हैं। इनके स्वास्थ्य, पेंशन संबंधी समस्याओं के निस्तारण, पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना के लिए काम करेंगे।

पवित्र भूमि की सेवा करना सौभाग्य की बात
राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड पवित्र भूमि है, इसकी सेवा करना सौभाग्य की बात है। यहां यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ चार धाम हैं। गंगा और यमुना का मायका है। नानकमत्ता साहिब, रीठा साहिब, हेमकुंड साहिब जैसे अनेक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया कि उनको उत्तराखंड का राज्यपाल बनने का मौका दिया।

मिलकर संवारेंगे राज्य
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य प्रकृति का खजाना है। इसका सौंदर्य आलौकिक है। उत्तराखंड में पर्यटन आधारित बिजनेस, जैविक कृषि, योग-आयुर्वेद, खाद्य प्रोसेसिंग पर आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर पहाड़ों में रोजगार और उद्यमिता के अपार अवसर पैदा किए जा सकते हैं। वर्तमान सरकार इस दिशा में अच्छा प्रयास कर रही है। आगे भी इसके लिए हर संभव सहयोग राज्य सरकार को हमेशा रहेगा। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि समय तेजी से बदल रहा है। यह टेक्नॉलोजी का युग है। राज्य दो अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगा है। इसलिए कनेक्टिविटी, पुल, सड़क, टनल का संपर्क भी महत्वपूर्ण है। समय के अनुसार विकास और तरक्की की नई इबारत लिखनी है। 

वीर शहीदों को किया याद
राज्यपाल ने प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा और परमवीर चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा के साहस, शौर्य और पराक्रम को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उत्तराखंड से राष्ट्र सुरक्षा के लिए सम्मानित 23 महावीर चक्र, 147 वीर चक्र, 6 अशोक चक्र, 19 कीर्ति चक्र प्राप्त करने वाले वीर योद्धाओं को नमन किया।

उत्तराखंड में राज्यपाल का विवरण
सुरजीत सिंह बरनाला-09 नवंबर 2000 से 07 जनवरी 2003
सुदर्शन अग्रवाल-08 जनवरी 2003 से 28 अक्टूबर 2007
बीएल जोशी-29 अक्टूबर 2007 से 05 अगस्त 2009
मार्गेट आल्वा-06 अगस्त 2009 से 14 मई 2012
डॉ. अजीज कुरैशी-15 मई 2012 से 07 जनवरी 2105
डॉ. केके पॉल-08 जनवरी 2015 से 25 अगस्त 2018
बेबी रानी मौर्य-26 अगस्त 2018 से 08 सितंबर 2021
ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि.)-09 सिंतबर 2021 से शुरु …

हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने किया परमार्थ निकेतन का निरीक्षण, हुआ चौकाने वाला खुलासा

51 वर्षों से बिना लीज अनुबंध के परमार्थ निकेतन चल रहा है। इसका खुलासा शनिवार को हुई पैमाइश के बाद हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी पौड़ी धीरज गर्ब्याल ने प्रशासन की एक टीम को पैमाइश करने के लिए परमार्थ निकेतन भेजा। इस दौरान राजस्व, सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों ने परमार्थ निकेतन स्थित गंगा घाट की पैमाइश की। इस दौरान सामने 51 वर्ष पहले ही परमार्थ निकेतन की वन विभाग से हुई लीज डीड की अवधि समाप्ति वाली बात निकलकर आई।

हाईकोर्ट ने पौड़ी डीएम को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में 16 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश एक याचिका के बाद दिया है। याचिका में यह आरोप है कि परमार्थ निकेतन ने सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण किया है। पैमाइश के दौरान खुलासा हुआ कि वन विभाग ने परमार्थ निकेतन को 2.3912 एकड़ भूमि लीज पर दी थी। लीज की अवधि वर्ष 1968 में ही समाप्त हो चुकी है। इस तथ्य की पुष्टि राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रो ने की है। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन का वन विभाग के साथ केवल 15 वर्षों का अनुबंध हुआ था, लेकिन लीज अनुबंध खत्म होने के बाद अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। पैमाइश करने वाली टीम में एसडीएम श्याम सिंह राणा, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुबोध मैठाणी, रेंज अधिकारी धीर सिंह, पटवारी कपिल बमराड़ा शामिल थे।

परमार्थ निकेतन का भूमि संबंधी विवाद वीरपुर खुर्द में भी जोर पकड़ रहा है। दरअसल यहां परमार्थ की ओर से संचालित गुरुकुल भी वन विभाग की भूमि पर संचालित है। आरोप है कि निकेतन ने यहां 27 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस संदर्भ में पशुपालन विभाग ने भी कोर्ट में काउंटर दाखिल कर स्पष्ट किया है कि उक्त भूमि वन विभाग की है। इस मामले में डीएफओ देहरादून राजीव धीमान का कहना है कि परमार्थ निकेतन की ओर से वीरपुर खुर्द में संचालित गुरुकुल का लीज अनुबंध 1978 में समाप्त हो चुका है। फिलहाल यहां हुए अवैध कब्जे को खाली करवाने के मामले में अफसर अभी चुप्पी साधे हुए हैं। परमार्थ निकेतन के प्रभाव को देखते हुए अफसरों में भी कार्रवाई को लेकर संशय बना हुआ है।

उधर, टाईगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रों ने अनुसार केवल 15 वर्षों के लिए परमार्थ को लीज पर भूमि दी गई थी। वर्ष 1968 में परमार्थ निकेतन के साथ वन विभाग का लीज अनुबंध समाप्त हो गया था। वर्ष 2003 तक परमार्थ निकेतन टाईगर रिजर्व को कर शुल्क जमा करता रहा। लीज के नवीनीकरण के लिए आश्रम की ओर से कई बार कहा गया। वर्ष 1980 में वन अधिनियम के तहत लीज पर देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इस कारण लीज के नवीनीकरण का मामला रुक गया।

चावल व गेंहू के अलावा अन्य फसलों पर सरकार देगी खरीद की गांरटी

सरकार ने कृषि की ओर कदम बढ़ाते हुये आगामी वित्त वर्ष के आम बजट में कुछ कारगर पहल किये जाने की संभावना जताई है। जिसके तहत सरकार गेहूं और चावल को छोड़ अन्य सभी फसलों की खरीद की गारंटी देने की योजना बना रही है।

योजना के तहत राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को गेहूं व चावल को छोड़कर सभी फसलों की न्यूनतम गारंटी देनी होगी। आम बजट में इस पर प्रावधान किये जाने की संभावना है। दरअसल, सरकार दो दर्जन से अधिक फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करती है, लेकिन गेहूं व चावल को छोड़ बाकी फसलों की खरीद आमतौर पर नहीं होती है। छिटपुट राज्यों में कुछ-कुछ फसलों की खरीद कर ली जाती है। हालांकि, गेहूं व चावल की खरीद की शत प्रतिशत गारंटी नहीं होती है।

गेहूं व चावल की सरकारी खरीद पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में की जाती है। बाकी राज्यों में छिटपुट तौर पर थोड़ी बहुत होती है। इनके अलावा ढेर सारी फसलें होती हैं, जो किसानों की आमदनी को प्रभावित करती हैं। इसे लेकर किसानों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। जिन फसलों की एमएसपी घोषित भी होती है, लेकिन उनकी खरीद नहीं होती है। इससे किसानों को घाटा उठाना पड़ता है। किसानों की यह मांग लंबे समय से होती आ रही है कि उनकी उपज की खरीद की गारंटी होनी चाहिए।

कृषि मंत्रालय ने आम बजट के लिए इस आशय का एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें जिंस बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद किसानों को नुकसान से बचाने की रणनीति तैयार की गई है। इसके मुताबिक राज्यों को इन फसलों के मूल्य कम होने की दशा में उपज की खरीद का पूरा हक होगा, जिसके लिए केंद्र भरपाई की गारंटी देगा। किसानों को बाजार मूल्य में उतार चढ़ाव के जोखिम से बचाने की रणनीति तैयार की गई है।

योजना का उद्देश्य खरीद लागत, भंडारण, विक्रय लागत, पूंजी पर ब्याज और अन्य आकस्मिक खर्च को कवर करते हुए खरीद और विक्रय मूल्य के अंतर में अगर घाटा हुआ तो केंद्र सरकार भरपाई करेगी। यह विशेष प्रावधान मध्य प्रदेश सरकार की शुरु की गई भावांतर योजना से मिलती जुलती होगी। घाटे के इस अंतर का 40 से 50 फीसद केंद्र सरकार देगी, जबकि बाकी राज्य सरकारों को वहन करना होगा। खरीद किये जाने वाली जिंसों की बिक्री का पूरा दायित्व राज्य सरकारों का होगा।

हाइकोर्ट ने पंचकुला मामले में सरकार को लताड़ा, कहा हर मोर्चे पर रहे नाकाम

डेरा सच्चा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की सीबीआई की एक कोर्ट ने शुक्रवार को रेप के 15 साल पुराने मामले में दोषी माना। बाबा को दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद ही उनके समर्थक उग्र हो गए और हरियाणा-पंजाब समेत 5 राज्यों में उन्होंने तांडव मचाया। हिंसा का सबसे ज्यादा असर पंचकूला में देखने को मिला, जहां 29 लोगों की मौत हो गई। वहीं सिरसा में भी 2 लोगों की जान चली गई.हिंसा पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने खट्टर सरकार को लगातार तीसरे दिन जमकर लताड़ा है. कोर्ट ने कहा कि सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए शहर को जलने दिया. ऐसा लगता है कि सरकार ने सरेंडर कर दिया।
इससे पहले शुक्रवार को कोर्ट के फैसले के बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि स्वयंभू बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह के अनुयायियों द्वारा की जा रही हिंसा और आगजनी के कारण हुई क्षति की भरपाई डेरा सच्चा सौदा से कराई जाए। अदालत ने आदेश दिया कि कोई भी राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक नेता कोई भड़काऊ बयान नहीं दे और अगर कोई ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। पीठ ने आदेश में कहा, स्थिति से निपट रहे अधिकारी बिना भय के और निष्पक्षता के साथ अपना काम करे। अगर कोई अधिकारी कर्तव्य के निर्वहन में चूकता है तो उसके खिलाफ अदालत कड़ी कार्रवाई करेगी।

ऋषिकेश के अत्रि चेतन की पेंटिग देखने को उमड़ रहा अमृतसर

‘अननोन्स‘ कला ग्रुप के तत्तवावधान में अमृतसर के इण्डियन एकेडमी ऑफ फाईन आर्ट्स के कला दीर्घा में ‘अननोन्स-2‘ के नाम से पाँच दिवसीय कला प्रदर्षनी का शुभारम्भ किया गया। प्रदर्षनी का उद्घाटन राजिद्र मोहन सिंह चिन्ना (अध्यक्ष, इण्डियन एकेडमी ऑफ फाईन आर्ट्स, अमृतसर, पंजाब) ने किया।
कला प्रदर्षनी में ‘अननोन्स‘ कला ग्रुप के 13 सदस्यों ने कला के विभिन्न विधाओं पेन्टिंग, प्रिंट मेकिंग, मूर्तिकला, इनस्टालेषन तथा फोटोग्राफी के रूप में अपनी कला का प्रदर्षन कर दर्षकों की प्रषंसा बटोरी। ये सभी 13 कलाकार भारत के उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेष, दिल्ली, उड़ीसा, राजस्थान, पष्चिम बंगाल राज्य से सम्बन्ध रखते हैं तथा इनकी कला की उच्च प्रोफेषनल षिक्षा हिन्दुस्तान के महत्वपूर्ण कला महाविद्यालयों से हुई है। कला प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर रहे ऋषिकेष (उत्तराखण्ड) के कलाकार अत्रि चेतन ने माध्यमिक तक का षिक्षा ग्रहण करने के बाद उड़ीसा के बालासोर कॉलेज ऑफ आर्ट एण्ड क्राफ्ट से कला की उच्च षिक्षा की शुरुआत की। बालासोर में रहते हुए ‘अननोन‘ कला ग्रुप की नींव रखते हुए प्रथम बार उड़ीसा की राजधानी भूनेष्वर में कला प्रदर्षनी का एक बृहद आयोजन किया। वर्तमान समय में अत्रि पष्चिम बंगाल के शान्ति निकेतन में ग्रैफिक आर्ट में एमएफए की षिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उनके द्वारा आयोजित यह दूसरी प्रदर्षनी है जो ‘अननोन्स-2‘ के नाम से पंजाब में आयोजित की गई है।
प्रदर्षनी देखने के बाद चिन्ना ने प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए कहा कि ये सारे 13 कलाकार, कला के विद्यार्थी हैं परन्तु काम और आयोजन दोनों ही किसी प्रोफेषनल की भाँति किया गया है। आने वाले दिनों में इन यंग आर्टिस्ट की कला अपना एक अलग मुकाम बनाएंगी। उन्होंने अत्रि चेतन के प्रयासों की प्रशंसा भी की।

अत्रि चेतन

आपकों बता दें कि अत्रि मूलरूप में प्रिट मेकिंग के चित्रकार हैं परन्तु वाटर कलर विधा तथा फोटोग्राफी में भी उनको महारथ हासिल हैं। इनके वाटर कलर तथा ग्रैफिक चित्र दिल्ली, पंजाब, तमिलनाडु, उड़ीसा, पष्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड, हरियाणा तथा कर्नाटक के अतिरिक्त विदेषों में रूस, इटली, हंगरी, कनाडा, हांगकांग में प्रदर्षित हो चुके हैं। पहली बार अत्रि ने अमृतसर में अपनी फोटोग्राफी को प्रदर्षित किया है। ये बताना अति आवष्यक है कि इस चित्रकार ने पुरानी साईकिलों को ही अपना मूल विषय भी चुना। यदा-कदा सामाजिक जीवन को भी अपनी तूलिका तथा प्रिट मेकिंग के द्वारा जीवंत किया है। अत्रि चेतन ने बताया कि प्रदर्षनी दर्षकों के अवलोकन के लिए 24 अगस्त 2017 तक चलेगी।

सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट, गिरफ्तार

देशद्रोह, सांप्रदायिक द्वेष फैलाने और लोगों को भड़काने के आरोप में पुलिस ने किया गिरफ्तार
ऋषिकेश।
पुलिस ने फेसबुक पर विवादित पोस्ट डालने के आरोप में ऋषिकेश निवासी युवक को गिरफ्तार किया है। युवक पर देशद्रोही गतिविधियां, सांप्रदायिक द्वेष फैलाने, लोगों को भड़काने और इलेक्ट्रानिक माध्यमों पर आपत्तिजनक सूचनाएं प्रकाशित करने का आरोप है।
ऋषिकेश कोतवाल वीसी गोसाईं ने बताया कि तिलकरोड ऋषिकेश निवासी जगजीत सिंह उर्फ जग्गा (24) पुत्र हरविन्दर सिंह ने अपनी फेसबुक आईडी पर देश के नक्शे को खंडित करते हुए आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड किए। फेसबुक में खालिस्तान का प्रचार करने के साथ भड़काऊ टिप्पणी लिखी। कोतवाल ने बताया कि 2015 में युवक ने जनरैल सिंह का जन्मदिन भी मनाया था। 22 फरवरी 2016 को जगजीत ने फेसबुक में पोस्ट शेयर किया था, जिसमें मोहम्मद अली जिन्ना और खालिस्तान समर्थक आतंकवादी जनरैल सिंह भिंडरवाला का चित्र पोस्ट करने के साथ पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे थे। 107
कोतवाल ने बताया कि आरोपी जगजीत सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 के तहत सांप्रदायिक द्वेष फैलाने, धारा 153 बी के तहत लोगों का भड़काने व नफरत फैलाने, धारा 124 ए के तहत देशद्रोही गतिविधि करने और सूचना तकनीकी कानून की धारा 67 के तहत इलेक्ट्रानिक माध्यमों से जरिये आपत्तिजनक सूचनाएं प्रकाशित करने पर मुकदमा दर्ज किया गया है। कोतवाल वीसी गोसाईं ने बताया कि जगजीत के पिता की मायाकुंड में कारों के डेंटिंग पेंटिंग की दुकान है। आरोपी ने अपने फेसबुक पेज पर खुद को शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) यूथ का उत्तराखंड अध्यक्ष लिखा है।
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कुछ दिन पहले जमानत पर आया था बाहर
आरोपी पर पंजाब में हत्या का एक मामला चल रहा है। कोतवाल ने बताया कि जगजीत को 16 जून 2016 को थाना सिटी जिला खन्ना (पंजाब) में पंजाब पुलिस ने हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया था। वहां उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज है। कुछ दिन पहले ही युवक जमानत पर बाहर आया था।

शहर में विवादित पोस्टर भी लगाए थे
ऋषिकेश। बीते वर्ष रेलवे रोड, तिलक रोड पर पाकिस्तान एवं खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे पोस्टर लगाए गए थे। पुलिस मामले में आरोपी की तलाश कर रही थी। शुक्रवार को गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में जगजीत ने यह विवादित पोस्टर लगाने की बात कबूली है।

उड़ता पंजाब के बाद उड़ते आप के सांसद!

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भगवंत मान पर सनसनी खेज खुलासा
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के निलंबित सांसद हरिंदर खालसा ने सांसद भगवंत मान पर सनसनीखेज ख्ुलासा किया हैं। खालसा ने कहा है कि सांसद भगवंत मान सदन में शराब पीकर आते हैं। सांसद हरिंदर खालसा ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से शिकायत करते हुए अपनी सीट बदलने की मांग भी कर डाली।
आपकों बतातें चले कि खालसा और मान की सीट एक साथ है। हरिंदर खालसा ने कहा कि मान की सीट से बहुत ज्यादा शराब की बदबू आती है। उनसे बचने के लिए मैं किसी न किसी बहाने से इधर-उधर भागता हूं। उन्होंने ये भी जोड़ा कि मैंने स्पीकर से शिकायत नहीं बल्कि विनती की है कि वह मेरी सीट को बदलें। हालांकि मान ने खालसा के आरोपों को निराधार बताया है।
हरिंदर खालसा ने कहा कि वह (मान) तो कलाकार आदमी है, शराब पीकर संसद आ सकता है, गुरुद्वारे जा सकता है। मैंने तो बस ये कहा है कि हमें बचाओ। पाटी फोरम में बात उठाने के सवाल पर उन्होंने कहां कि पार्टी ने तो उन्हें निलंबित किया है। ऐसे में वह अपनी बात कैसे रखें?
नशे के खिलाफ आप की खुली पोल!
आप नेता भले ही पंजाब के कुशासन और बढते नशे के कारोबार के खिलाफ तेजी से मुखर हो रहे हो, लेकिन मान पर हुए खुलासे से आप नेताओं की पोल खुलती नजर आ रही है। एक तरफ तो आप नशे के खिलाफ झंडा बुलंद कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उसके सांसद संसद की मर्यादा को तार करने पर तुले हुए है।