जनपद प्रवास कार्यक्रम के जरिए सीएम से सीधा जुड़ पा रहे हैं आजमन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जनपद प्रवास कार्यक्रम सफल साबित हो रहा है। इस दौरान वह विकास योजनाओं की समीक्षा, लोकार्पण और शिलान्यास करने के साथ ही आम लोगों के साथ सीधा संवाद भी स्थापित कर रहे हैं। युवाओं और मातृशक्ति के साथ जनसरोकार से जुड़े मुद्दों पर परिचर्चा को मुख्यमंत्री खासी तवज्जो दे रहे हैं। अब तक धामी राज्य के 13 में से 6 जिलों में प्रवास कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ समय पहले निर्णय लिया था कि वह शुक्रवार और शनिवार को जनपदों के भ्रमण व प्रवास पर रहेंगे। इसी निर्णय के तहत वह अब तक 6 जिलों रुद्रप्रयाग, चम्पावत, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, बागेश्वर और पिथौरागढ़ का प्रवास कर चुके हैं। प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ ही मुख्यमंत्री की घोषणाओं की प्रगति और उन पर हुए अमल की जानकारी भी ले रहे हैं। समीक्षा बैठकों में सीएम धामी लापरवाह और गैरजिम्मेदार अधिकारियों के पेंच कसने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अधिकारियों को पूरे होमवर्क और रोडमैप के साथ बैठकों में आने के निर्देश दिए गए हैं। उनके सख्त रवैये से जिला स्तर के अधिकारी हलकान हैं। समीक्षा बैठकों के साथ ही मुख्यमंत्री धामी जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। सरकारी सिस्टम के फीडबैक के साथ ही स्थानीय समस्याओं की जानकारी भी उन्हें जनता से मिल रही है। सुबह और शाम के पैदल सैर के दौरान वह स्थानीय व्यापारियों, किसानों और महिलाओं से बातचीत कर रहे हैं। रविवार की शाम मुख्यमंत्री सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के प्रवास से लौटे। प्रातः काल वह भ्रमण पर निकले तो उन्होंने नवीन बोरा के प्रतिष्ठान पर गरमा गरम चाय का आनंद लिया और उनका हालचाल जाना। उन्होंने प्रतिदिन की बिक्री समेत परिवार के दूसरे सदस्यों और गुजर बसर की जानकारी भी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने यहां स्थानीय लोगों एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से चाय के साथ चर्चा की। तभी पिकनिक पर जा रहे स्टैफर्ड पब्लिक स्कूल के बच्चों पर नज़र पड़ी तो मुख्यमंत्री स्कूल बस में चढ़कर सभी बच्चों से मिले। उन्होंने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।

पिथौरागढ़ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गृह जनपद है। उनका पैतृक गांव हरखोला (कनालीछीना ब्लॉक) है जहां उनकी प्राथमिक शिक्षा हुई थी। बचपन के कई साथी भी उनसे मुलाकात करने पिथौरागढ़ पहुंचे। बड़ी आत्मीयता के साथ सीएम धामी ने अपने पुराने साथियों के साथ समय बिताया।

40 लाभार्थियों को लॉटरी के माध्यम से मिले आवास, शहरी विकास मंत्री ने सौंपे दस्तावेज

प्रदेश के आवास विकास मंत्री डॉ प्रेम चन्द अग्रवाल द्वारा विधानसभा स्थित सभाकक्ष में ई-बुकिंग पोर्टल के माध्यम से उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद द्वारा किये जा रहे आवास आवंटन हेतु आनलाइन ई-बुकिंग पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ए०एच०पी० घटक अन्तर्गत उत्तराखण्ड आवास एवं विकास परिषद द्वारा कुल 16 परियोजनाओं पर निजी विकासकों के माध्यम से कार्य गतिमान है। उक्त परियोजनाओं पर माह अप्रैल, 2022 के उपरान्त कार्य प्रारम्भ हुआ है। 3 परियोजनाएं क्रमशः कनकपुर- काशीपुर 1256, शिकारपुर-रुड़की 768 आवास एवं उकरौली-सितारगंज 1168 हेतु परिषद्, नगर निगमों/नगर निकायों तथा जिला विकास प्राधिकरणों व जनपद स्तरीय अन्य कार्यालयों के माध्यम से आवास आवंटन हेतु पात्र व्यक्यिों से आवेदन प्राप्त किये गये। उक्त आवेदनों की संवीक्षा उपरान्त प्राधिकरण, जिला प्रशासन एवं नगर निकाय के प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त स्थल निरीक्षण उपरान्त लॉटरी के माध्यम से आवास आवंटन की व्यवस्था की गयी है। लॉटरी हेतु परिषद् द्वारा एच०डी०एफ०सी० बैंक के साथ मिलकर ऑनलाईन आवास बुकिंग एवं ऑनलाईन लॉटरी हेतु ई-बुकिंग पोर्टल विकसित किया गया है।
मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि भविष्य में आवास आवंटन हेतु बुकिंग ऑफलाईन पद्धति के साथ-साथ ई-बुकिंग पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन भी प्राप्त किये जा सकते हैं। इस हेतु राज्य स्तर पर कॉमन सर्विस सेन्टर के साथ पोर्टल का इन्टीग्रेशन किया जा चुका है। भविष्य में सभी परियोजनाओं की बुकिंग ऑफलाईन माध्यम के साथ-साथ कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से भी की जायेगी।
मंत्री आवास एवं शहरी विकास प्रेम चन्द अग्रवाल द्वारा ऑनलाईन ई-बुकिंग पोर्टल का शुभारम्भ अपर मुख्य सचिव आवास आनन्द बर्द्धन तथा आयुक्त उत्तराखण्ड आवास एवं विकास परिषद सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय की उपस्थिति में किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गरीबों के लिए है जिसका प्रयास है कि पारदर्शी तरीके से अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।
मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत शिकारपुर- रूड़की के 768 ई0डब्ल्यू0एस0 आवास हेतु कुल 923 आवेदन प्राप्त हुए थे। संवीक्षा एवं स्थलीय सत्यापन में 49 आवेदन पत्र अयोग्य पाये गये। शेष 874 आवेदकों में से 768 आवेदकों को ई-बुकिंग पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन लॉटरी आवंटित किये गये। उक्त लॉटरी में वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगों को भूतल में आवास आंवटित किये गये हैं।
मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि लगभग 40 लाभार्थियों को आनलाइन लाटरी के माध्यम से आवास आवंटित किये गये हैं। परिषद् द्वारा आवास आवंटन के आवेदन, जांच/लॉटरी से आवंटन हेतु पूर्ण रूप से पारदर्शी पोर्टल एच०डी०एफ०सी० बैंक के सहयोग से विकसित किया गया है। इस अवसर पर एच०डी०एफ०सी० बैंक की ओर से विपिन त्रिपाठी, स्टेट हेड एवं बकुल सिक्का, एरिया हेड भी उपस्थित रहे।

राज्य निर्माण का संघर्ष पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना जनभावना का सम्मानः भट्ट

भाजपा ने सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य निर्माण आंदोलन के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए स्वागत किया है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने संगठन व प्रदेशवासियों की तरफ से मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि भावी पीढ़ी को राज्य निर्माण के लिए हुए बलिदान और संघर्ष की जानकारी और उनमें कृतज्ञता का भाव जागृत होना भी अति आवश्यक है।

प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री धामी के कदम की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य निर्माण के संघर्ष को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा जनभावना का सम्मान है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के सामने आंदोलनकारियों की शहादत, कुर्बानियों एवं उनके विचारों से जुड़ी अधिकृत जानकारी आना बेहद जरूरी है जिसके लिए इसका स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना बेहतर कदम है। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी व नई पीढ़ी का अधिकार भी है कि किस तरह अथाह कष्टों व बाधाओं को सहते हुए पूर्णतया अहिंसात्मक तरीके से हमने पृथक राज्य प्राप्त किया है। मुजफ्फरनगर नरसंहार, खटीमा, मसूरी, श्रीयंत्र टापू गोलीकांड जैसे अनेकों घावों के दर्द का भी उन्हें अहसास हो ताकि एक कृतज्ञता का भाव भी उनके मन मस्तिष्क में जागृत हो।

रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड को लेकर मुख्य सचिव ने ली बैठक


मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के सम्बन्ध में बैठक हुई।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित विभागों को स्वीकृत लक्ष्य के सापेक्ष अगले एक हफ्ते में सभी प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रस्ताव वित्त को भेजे जाने के साथ ही डीपीआर नाबार्ड को भी भेज दी जाए, ताकि समय पर नाबार्ड की भी संस्तुति मिल सके।

मुख्य सचिव ने प्रत्येक सप्ताह और पाक्षिक रूप से प्रस्तावों की लगातार मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय सचिवों को आरआईडीएफ के अंतर्गत प्रस्तावों को विभागीय कैलेंडर से जोड़ते हुए स्वीकृति से लेकर डिस्बर्शमेंट तक निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कराया जाए। उन्होंने प्रोजेक्ट कम्प्लीशन रिपोर्ट्स भी शीघ्र जमा कराए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, वी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम एवं रविनाथ रमन सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

हिमाचल विस चुनाव में सीएम ने डोर टू डोर किया कैंपेन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को हिमाचल प्रदेश में कुल्लू विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी नरोत्तम सिंह ठाकुर के पक्ष में आयोजित महा जनसंपर्क अभियान कार्यक्रम में प्रतिभाग किया, इस दौरान उन्होंने डोर टू डोर कैंपेन करते हुए जनता को सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों, चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में अवगत करवाया एवं नरोत्तम सिंह ठाकुर के पक्ष में वोट करने की अपील की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जयराम के नेतृत्व में यहां की सरकार ने भी बहुत अच्छे कार्य किए हैं, यहां जो विकास की गति है, हिमाचल की जनता उस गति को बीच में छोड़ना नहीं चाहती है, उन्होंने कहा विकास की गति को निरंतर बढ़ाने के लिए यहां पर डबल इंजन सरकार की जरूरत है। उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश हेतु भाजपा का संकल्प पत्र है उसमें हिमाचल की जनता को आगे ले जाने का, यहां के विकास को आगे बढ़ाने का, यहां के आम व्यक्ति को सीधे-सीधे अंतोदय के सिद्धांत के साथ विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का जो वादा है उसे सरकार पूर्ण करने हेतु कृत संकल्पित है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में पूरा देश आगे बढ़ रहा है, उन्हीं के नेतृत्व में सारे मिथक टूट रहे हैं उत्तराखंड में भी जनता ने रिकॉर्ड तोड़ बहुमत देकर भाजपा को पुनः सत्ता दिलवाई मुझे पूरा भरोसा है कि हिमाचल की जनता भी उसी राह पर चलेगी, उन्होंने कहा मोदी जी के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में कई कार्य हुए हैं आज अटल टनल पूरे विश्व में विख्यात है, वही बिलासपुर में एम्स बनने से स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ा कार्य हुआ है। मोदी के नेतृत्व में हिमाचल के साथ ही अन्य पहाड़ी राज्यों का तेजी से विकास हुआ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा पहाड़ी राज्यों का उत्पीड़न किया है, देश के अंदर 55 सालों तक शासन के दौरान जनता को महज ठगने का काम किया है। उन्होंने कहा अन्य कांग्रेस ने हिमाचल को विरासत में घोटाले दिए हैं, तमाम प्रकार के घपले दिए है।

उत्तराखंडः भूकंप के झटकों से कोई नुकसान नहीं

रविवार की सुबह उत्‍तराखंड में कई जगह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस दौरान लोग घरों से बाहर निकल आए। देहरादून से लेकर टिहरी, उत्तरकाशी में झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई।

भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार सुबह 8 बजकर 33 मिनट पर 4.5 तीव्रता का भूकम्प दर्ज किया गया। भूकंप का केंद्र चिन्यालीसौड़ में था। इसका असर देहरादून, मसूरी से लेकर उत्‍तरकाशी और रुद्रप्रयाग तक महसूस किया गया। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी सहित डुंडा भटवाड़ी बड़कोट नौगांव क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि राहत की बात ये है कि कहीं से कोई नुकसान की सूचना नहीं है।

किसी भी समस्या का समाधान आपसी बातचीत से संभवः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के सदस्यों ने भेंट कर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। इस अवसर पर शासन के उच्चाधिकारियों के साथ विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री के समक्ष समन्वय समिति द्वारा प्रस्तुत मांगों पर बिन्दुवार चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों की विभिन्न मांगों पर समितियों का गठन कर समयबद्ध तरीके से कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि इन समितियों में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल किये जाएं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कर्मचारी संगठनों की विभिन्न समस्याओं का सकारात्मक ढ़ंग से समाधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान आपसी बातचीत से ही संभव है। हमें आन्दोलन या हड़ताल की सोच को बदलकर आपसी सहमति से ही समस्याओं का समाधान पर ध्यान देना चाहिए, यह राज्य हम सबका है। राज्य के विकास की हमारी किसी एक ही नही बल्कि सामुहिक यात्रा है। कर्मचारियों के हित में राज्य सरकार द्वारा अनेक निर्णय लिये गये हैं। भविष्य में भी उनकी जायज मांगों का उचित समाधान निकाला जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास समास्याओं का सरलीकरण के साथ समाधान करने का है, हम सब मिलकर चलेंगे तो समस्याओं का समाधान उचित ढ़ंग से हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने सभी का आह्वान किया कि हम सबकों राज्य हित के बारे में भी सोचना होगा, अभी वेतन एवं पेंशन की मद में होने वाला व्यय हमारी आय से अधिक ही है। जबकि जीएसटी से मिलने वाली छूट समाप्त होने से लगभग 5 हजार करोड़ का नुकसान राज्य को उठाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि भविष्य में हमारा प्रदेश बेहतर ढ़ंग से चले हम और अधिक नौकरी देने वाले बने इसके लिये हमारा प्रयास आय के संसाधनों में वृद्धि का है, राज्य में निवेश के संसाधन बढ़ाने का है। पर्यटन हमारी आर्थिकी का आधार है इस दिशा में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का राज्य के प्रति विशेष लगाव होने के कारण प्रदेश में सड़क, रेल, स्वास्थ्य रोप वे आदि की योजनाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। इस दशक में हमें राज्य को विकास की नई उचाईयों पर ले जाना है, राज्य के आय के संसाधनों में वृद्धि के लिये अधिकारी कर्मचारी संगठनों के भी सुझाव लिये जायेंगे। हमें राज्य हित में आय के संसाधनों को बढ़ाने की सोच पैदा करनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्थान्तरण के सम्बन्ध में प्रभावी नीति तैयार की जायेगी इसके लिये अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं के साथ कार्मिक संगठनों से भी सुझाव लिये जायेंगे। हमारी नीति ऐसी बने ताकि कार्मिकों को स्थान्तरण के लिये सिफारिश न करनी पड़े।
उन्होंने कहा कि कार्मिकों की पदोन्नति समय पर हो विभाग में रिक्त पदों को समयबद्धता के साथ भरा जाय इसके लिये निर्देश जारी किये गये हैं साथ ही विभागाध्यक्षों को भी कर्मचारियों की समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री से भेंट के बाद कर्मचारी समन्वय समिति के सदस्य अपनी समस्याओं के समाधान के प्रति आश्वस्त नजर आये तथा सभी ने मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, आर.राजेश कुमार, अपर सचिव अरूणेन्द्र सिंह चौहान, गंगा राम तथा समन्वय समिति के सदस्यों में प्रताप सिंह पंवार, अरूण पाण्डे, एम एम चौहान, शक्ति प्रसाद भट्ट, पूर्णानन्द नौटियाल, विक्रम सिंह नेगी, नाजिम सिद्धीकी, दिनेश गुंसाई आदि उपस्थित थे।

सीएम ने आकाश तत्व-आकाश फॉर लाइफ कार्यशाला में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरांचल यूनिवर्सिटी प्रेमनगर, देहरादून में विज्ञान भारती उत्तराखण्ड एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा आयोजित National Conference and Exhibition on Akash tattva – Akash for life में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर National Conference and Exhibition on Akash tattva से संबंधित एटलस एवं सार संग्रह का विमोचन भी किया गया।

मुख्यमंत्री ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से आयोजित आकाश तत्व सम्मेलन में देश भर से आए विषय विशेषज्ञों का उत्तराखंड में स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखंड की पावन धरा पर आयोजित यह चिंतन कार्यक्रम निश्चित रूप से पंच महाभूतों में प्रधान आकाश तत्व के नवीन आयामों की विवेचना करने में सफल होगा। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जय जवान, जय किसान के साथ जय विज्ञान का नारा दिया था। उन्होंने कहा कि इस अभियान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके साथ जय अनुसंधान जोड़कर इसे पूर्णता प्रदान की है। जय विज्ञान और जय अनुसंधान ये दो शब्द आज के विश्व में विज्ञान और अनुसंधान इन दोनों की महत्ता स्पष्ट करते हैं। आज का नया भारत विज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पुरातन व आधुनिक विज्ञान दोनों की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए सीएसआर अर्थात कॉर्पोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी की तर्ज पर एसएसआर अर्थात साइंटिफिक सोशल रेस्पांसिबिलिटी के विचार को अपनाने की वैज्ञानिकों से अपील की है। इस प्रकार के सम्मेलन वैज्ञानिक समुदाय के क्रिएटिव माइंडस को एक मंच पर लाकर एक भारत-श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को सार्थक करने का मजबूत प्रयास है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन के लिए पांच तत्वों आकाश, वायु, जल, पृथ्वी और अग्नि का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन पंच तत्वों के संरक्षण व संवर्धन की हमारी प्राचीन परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए इस सम्मेलन में विचार-विमर्श हो रहा है, जो निश्चित रूप से सार्थक सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में देखने को मिलता है कि आकाश तत्व की महत्ता मानव जीवन के साथ-साथ देवी-देवताओं में भी परिलक्षित होती है। हमारी सनातन मान्यताओं के अनुसार आकाश में परमात्मा का, देवी-देवताओं का वास होता है। संसार की समस्त चिकित्सा पद्धतियां भी आकाश तत्व की महत्ता को भली-भांति समझती हैं। आज विश्व में अपनी सशक्त छवि को प्रतिस्थापित करता नया भारत हर क्षेत्र की तरह आकाश तत्व सम्बन्धी वैज्ञानिक अनुसंधानों में भी नये आयाम स्थापित कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सभी के लिए बड़े गर्व का विषय है कि भारत सरकार ने एक नवीन पहल सनातन विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए 4 नवंबर 2022 से मार्च 2023 तक आकाश तत्व सम्मेलन की सीरीज के आयोजन का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की विराट वैज्ञानिक सोच और हमारे वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से आज हमारा देश पूरी दुनिया में शोध एवं अनुसंधान कृषि, व्यापार, विज्ञान प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भी अपनी छाप छोड़ने में सफल रहा है। आज का नया भारत अपनी संस्कृति-अपनी पहचान के मूलमंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखंड वासी सौभाग्यशाली हैं कि हम हिमालय की गोद में बसे हैं और ये पंचतत्व हमें विशुद्ध रूप से शुद्ध वायु, स्वच्छ जल, उपजाऊ मृदा और स्वच्छ आकाश के रूप में प्रकृति से उपहार स्वरूप मिले हैं। राज्य सरकार की कोशिश है कि आर्थिकी और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन बना रहे। राज्य सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ साथ सकल पर्यावरण उत्पाद (जीईपी) की महत्ता पर विशेष ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक सोच को जागृत करने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में साइंस सिटी के निर्माण का निर्णय लिया है। हर क्षेत्र तक अनुसंधान एवं शोध गतिविधियों को पहुंचाने लिए ’’लैब्स ऑन व्हील’’ और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में जागरूकता के लिए राज्य में एस्ट्रो पार्क बनाने पर भी विचार कर रहे हैं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, भारत सरकार डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में इस तरह का आयोजन पहली बार हो रहा है, जिसमें प्राचीन ज्ञान को आधुनिक शोध से जोड़कर वैज्ञानिक मंथन किया जा रहा है। पंचमहाभूत का सर्वप्रथम कार्यक्रम आकाश से शुरू हो रहा है। प्राचीन को आधुनिक से जोड़ने का कार्य विज्ञान के माध्यम से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में हर क्षेत्र में हमारी अनेक प्रतिभाएं उभर कर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में भारत को शिखर पर ले जाने के लिए हिमालयी राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। हिमालय की जैव विविधता विज्ञान एवं अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में एरोमा मिशन में कार्य करने की अनेक संभावनाएं हैं।

इस अवसर पर प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार भारत सरकार डॉ. अजय कुमार सूद, सचिव अंतरिक्ष विभाग श्री एस सोमनाथ, विज्ञान भारती से विवेकानंद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सर कार्यवाह सुरेश भैया जोशी ने National Conference and Exhibition on Akash tattva – Akash for life पर अपने विचार दिए।।

इस अवसर पर सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कल्पना सैनी, संगठन महामंत्री भाजपा अजेय कुमार उत्तरांचल विश्विद्यालय के कुलाधिपति डॉ. जितेंद्र जोशी, भारत सरकार के विभिन्न विभागों के सचिव, विज्ञान भारती के पदाधिकारी तथा देश-विदेश से आए वैज्ञानिक एवं शिक्षाविद उपस्थित थे।

धामी सरकार परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए बनाने जा रही नियम, मिलेगी इतने साल की सजा

भर्तियों में नकल रोकने के लिए बनेगा कानून, मसौदा तैयार, विधानसभा में पास कराने की तैयारी सरकार ने किसी एक आयोग के बजाए प्रदेश में सभी भर्ती कराने वाली संस्थाओं के लिए ‘उत्तराखंड सरकारी सेवाओं में नकल निषेध अधिनियम 2022’ तैयार कर लिया है। शासन स्तर पर हुई बैठक में इस अधिनियम के सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
उत्तराखंड में सभी आयोग, बोर्ड, परिषद या विश्वविद्यालय की ओर से होने वाली भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है। आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सरकार इसे पटल पर रखने की तैयारी में है। शासन स्तर पर हुई बैठक में सभी बिंदुओं पर चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दे दिया गया है।
सरकार ने किसी एक आयोग के बजाए प्रदेश में सभी भर्ती कराने वाली संस्थाओं के लिए ‘उत्तराखंड सरकारी सेवाओं में नकल निषेध अधिनियम 2022’ तैयार कर लिया है। शासन स्तर पर हुई बैठक में इस अधिनियम के सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई बैठक में तय किया गया कि कानून में उम्मीदवारों, परीक्षा कराने वाली संस्थाओं और नकल माफियाओं के लिए सजा के अलग-अलग प्रावधान होंगे।
अपर सचिव कार्मिक कर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेशभर में होने वाली सरकारी भर्तियों के लिए अधिनियम को लेकर हुई बैठक में न्याय विभाग सहित तमाम संबधित विभागों ने अपने सुझाव दे दिए हैं। दरअसल, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय के साथ ही कई भर्तियों में बड़े पैमाने पर नकल सामने आने के बाद प्रदेश में सख्त नकलरोधी कानून की जरूरत महसूस हुई। आयोग ने बोर्ड बैठक में ऐसे कानून का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था।

प्रदेश में पहली बार ऐसे लागू होगा नकलनिषेध कानून
उत्तराखंड सरकार प्रदेश में पहली बार सख्त नकल निषेध कानून लाने जा रही है। जो मसौदा तैयार हुआ है, उसे कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। यहां से मुहर लगने के बाद विधानसभा सत्र के दौरान पटल पर रखा जाएगा। पास होने के साथ ही यह अधिनियम कानून के रूप में लागू हो जाएगा।

अभी तक यह है प्रावधान
अभी तक पेपर लीक का कोई भी मामला प्रकाश में आने के बाद उत्तराखंड के नकल रोधी कानून के तहत आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 120 बी या हाईटेक नकल होने पर आईटी एक्ट में ही मुकदमे दर्ज होते हैं। आयोग का मानना है कि इन अपराधियों के लिए कानून के यह प्रावधान कमतर हैं।

अब ये सजा संभव
-उम्मीदवारों पर जुर्माने के साथ ही दो से तीन साल की सजा और परीक्षाओं से दो साल तक डिबार करना।
-संस्था की पेपर लीक में भूमिका होने पर भारी भरकम जुर्माना और पांच से सात साल तक की सजा।
-नकल माफिया या गिरोह की भूमिका पर दस साल तक सजा के अलावा संपत्ति कुर्की व दस लाख तक जुर्माना।
-नकल को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध मानकर इसकी जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी ही करेंगे।

कानून न होने पर पेपर लीक के 42 में से 18 आरोपियों की हो चुकी जमानत
प्रदेश में नकल निषेध का कोई सख्त कानून न होने की वजह से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में पेपर लीक के 42 आरोपियों में से 18 की जमानत हो चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले से ही भर्तियों का पूर्ण पारदर्शी सिस्टम तैयार करने और नकल-पेपर लीक रोकने के लिए बड़ा फैसला लेने की बात कह चुके हैं।

धामी सरकार का बड़ा फैसला, चीन सीमाओं पर सुरक्षा के लिए तैनात होंगे हिम प्रहरी

भारत और उत्तराखंड से लगे अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर दुश्मन का आंख दिखाना अब संभव नहीं हो पाएगा। उत्तराखंड में चीन सीमाओं पर सुरक्षा के लिए तैनात उत्तराखंड सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के सीमांत जिलों में तैनात होने वाले हिम प्रहरियों को पांच-पांच हजार रुपये महीने का मानदेय देने का प्लान बनाया है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार सीमांत के जिलों में कुल दस हजार हिम प्रहरियों की तैनाती करने जा रही है। केंद्र से वित्तीय सहायता पर सहमति मिलते ही सरकार योजना को लागू कर दी जाएगी। उत्तराखंड सरकार चीन-नेपाल से सटे गांवों पर पलायन रोकथाम के लिए हिम प्रहरी योजना लागू करने की तैयारी कर रही है।
गृह विभाग ने पिथौरागढ़, चम्पावत, उत्तरकाशी, चमोली और यूएसनगर जिले के सीमांत से सटे ब्लॉकों में प्रस्तावित इस योजना का खाका तैयार कर लिया है। अपर सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि योजना पर प्रति माह पांच करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। केंद्र की अनुमति के बाद योजना लागू हो जाएगी।
देश और उत्तराखंड पर चीन के नापाक इराकों पर नजर रखने को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने फुलप्रूफ बनाया है। किसी भी बाहरी आक्रामण को नाकाम करने को सीएम धामी ने उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके लिए बॉर्डर एरिया पर निगरानी और त्वरित एक्शन के लिए बॉर्डर पर रह रहे युवाओं को हिम प्रहरी योजना से जोड़ा जाएगा।
यही नहीं, सीमांत इलाकों में अभेद सुरक्षा के लिए रिटायर्ड सैन्य कर्मियों की भी मदद ली जाएगी। हिम प्रहरी योजना के तहत करीब 10 हजार सेवानिवृत जवानों, पैरामिलिट्री से रिटायर्ड सैनिक सहित युवाओं को जोड़ा जाएगा। ‘हिम प्रहरी’ योजना से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
यह सभी हिम प्रहरी जरूरत पड़ने पर बाहरी आक्रमण की स्थिति में दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे सकेंगे। सरकार का मानना है कि इसके लिए लिए प्रतिमाह 5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सीएम धामी ने केंद्र सरकार से मांग भी की है।