सीएम धामी पहुंचे रामपुर तिराहा, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग कर शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि रामपुर तिराहा शहीद स्थल के री-डेवलपमेंट का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। संग्रहालय को भव्यता प्रदान करने के लिए कार्य किए जाएंगे।इस स्थल पर एक कैंटीन बनाई जाएगी और उत्तराखण्ड की बसों को ठहरने के लिए स्टॉपेज भी बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 का रामपुर तिराहा गोलीकांड, उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के इतिहास में सबसे क्रूर और गहरे घाव देने वाले काले अध्याय के रूप में अंकित रहेगा। आज भी उस बर्बर गोलीकांड और महिलाओं की अस्मिता पर किए गए अमानवीय अत्याचारों को याद करके प्रत्येक उत्तराखंडी की रूह कांप उठती है। जिन पर जनता की रक्षा की जिम्मेदारी थी, उन्होंने ही हिंसा और बर्बरता की सारी हदें पार कर दी थीं। एक शांतिपूर्ण आंदोलन को निर्दयतापूर्वक कुचलने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें सदा याद दिलाता रहेगा कि उत्तराखंड की नींव हमारे शहीदों ने अपने खून से सींची है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आंदोलनकारियों के त्याग, तपस्या और बलिदान के परिणामस्वरूप ही हमें अलग राज्य मिला।आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए राज्य सरकार ने नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों के लिए 3000 रुपये मासिक पेंशन की सुविधा प्रारंभ की गई है। साथ ही घायल और जेल गए आंदोलनकारियों को 6000 रुपये तथा सक्रिय आंदोलनकारियों को 4500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। सरकार ने चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को पहचान पत्र जारी करने के साथ ही 93 आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में सेवायोजित भी किया है। आंदोलनकारियों को सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा भी दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन में हमारी मातृशक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उनका सम्मान करते हुए राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया। रामपुर गोलीकांड के समय इस क्षेत्र के लोगों द्वारा राज्य आंदोलनकारियों की सहायता को चिरस्थायी बनाने हेतु रामपुर, सिसौना, मेघपुर और बागोंवाली में जनमिलन केन्द्रों का निर्माण कराया गया है। शहीद स्मारक हेतु भूमि दान करने वाले स्वर्गीय महावीर शर्मा के योगदान को चिरस्थायी बनाने के लिए शहीद स्मारक में उनकी प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून लागू कर राज्य में सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और कर्तव्य सुनिश्चित किए गए हैं। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले 4 वर्षों में उत्तराखंड के लगभग 24 हजार से अधिक युवाओं ने सरकारी नौकरियां प्राप्त की हैं। उन्होंने कहा कि सरकार देवभूमि उत्तराखंड की डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया है। 9 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। राज्य में सख्त दंगारोधी कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा कि नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड को समाप्त करने का निर्णय भी लिया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद 1 जुलाई 2026 से उत्तराखंड में केवल वही मदरसे संचालित हो पाएंगे, जिनमें सरकारी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। राज्य में सनातन संस्कृति को बदनाम करने वालों के विरुद्ध ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के माध्यम से निरंतर सख्त कार्रवाई की जा रही है।

इस अवसर पर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, कपिल देव, पूर्व सांसद सजीव बालियान, विधायक रूड़की प्रदीप बत्रा, विधायक खानपुर उमेश कुमार, विधायक झबरेड़ा विरेंद्र जाति, दर्जाधारी मधु भट्ट, राजेंद्र अंथवाल, शोभाराम प्रजापति, सचिव युगल किशोर पंत, जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार प्रमेन्द्र डोभाल, राज्य आंदोलनकारी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

पर्वतीय प्रवासी जन-कल्याण समिति गाजियाबाद में हुआ उत्तरैणी-मकरैंण महोत्सव, सीएम ने किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इंदिरापुरम, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में पर्वतीय प्रवासी जन-कल्याण समिति गाजियाबाद द्वारा आयोजित उत्तरैणी-मकरैंण महोत्सव में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तरैंणी-मकरैंण महोत्सव में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि यह महोत्सव उत्तराखंड की संस्कृति वेशभूषा खानपान और अपनेपन का संगम है। उन्होंने कहा आयोजकों द्वारा हमारी समृद्ध विरासत का संरक्षण कर उसे आगे बढ़ाने का कार्य किया जाना, सराहनीय है। इस प्रकार के महोत्सव हमारी सांस्कृतिक विरासत लोक कला लोक संगीत को बढ़ावा देने के साथ उत्तराखंडी प्रवासियों को प्रेम के एक सूत्र में पिरोने का भी कार्य करते हैं। महोत्सव में पारंपरिक हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद और उत्तराखंडी व्यंजनों को भी प्रदर्शित किया गया है। जो इन उत्पादों को नई पहचान देंगे।

मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासियों से उत्तराखंड स्थित उनके पुश्तैनी गांव, पहाड़ों के विकास में सहभागी बनने का आवाहन किया। उन्होंने कहा अपनी पैतृक भूमि में निवेश कर वहां स्वरोजगार, लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर अपनी जन्मभूमि को आगे बढ़ाना है। राज्य सरकार ने प्रवासी भाई बहनों के साथ सम्मेलन कर राज्य के विकास को लेकर भी चर्चा की। पूरे देशभर में रहने वाले हमारे प्रवासी भाई बहन उत्तराखंड आए थे, और उनसे कई विषयों पर मंथन हुआ। प्रवासी उत्तराखण्डियों ने अपने गांव को भी गोद लिया है। जिससे वो उत्तराखंड के विकास में सहभागी बनेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विकास और विरासत को साथ में बढ़ाया जा रहा है। देश में बड़े धार्मिक स्थलों का विकास / पुनर्निर्माण किया जा रहा है। काशी विश्वनाथ, उज्जैन महाकाल लोक, अयोध्या में श्री राम मंदिर परिसर का भी भव्य दिव्य परिसर बना है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य सरकार ने विकास के साथ सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण का भी कार्य किया है। राज्य में सड़क, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी जैसे अनेकों क्षेत्रों में विकास कार्य जारी हैं। श्री केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य, भगवान बद्री विशाल के परिसर का मास्टर प्लान, चारों धामों में ऑल वेदर रोड, मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत मंदिरों का सर्किट जैसे अनेकों क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा 2027 में देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होने जा रहा है, जिसके लिए हरिद्वार ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर का कार्य भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। टनकपुर में शारदा कॉरिडोर का कार्य किया जा रहा है। राज्य में विकास कार्यों के साथ रोजगार और स्वरोजगार को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। होमस्टे योजना, लखपति दीदी योजना, एक जनपद दो उत्पाद एवं हाउस आफ हिमालयाज के माध्यम से स्थानीय आजीविका को आगे बढ़ाने का कार्य जारी है। देवभूमि की मातृशक्ति कौशल और परिश्रम से भरी हैं, जिसके फलस्वरूप राज्य में 01 लाख लखपति दीदी बनीं हैं। देवभूमि के उत्पादों की मांग देश दुनिया में बढ़ती जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इकोलॉजी और इकनॉमी में समन्वय बनाकर विकास को आगे बढ़ाया जा रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की सूची में राज्य को प्रथम स्थान मिला है। राज्य से नकल माफियाओं को उखाड़ फेंकने का कार्य राज्य सरकार ने किया। अब प्रतिभावान छात्रों को रोजगार मिल रहा है। बीते 3 सालों में 20 हज़ार से ज्यादा लोगों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए हैं। राज्य के संकल्प अनुसार हमने अब तक 20 हजार सरकारी नौकरियां देने का कार्य किया है। उत्तराखंड की डेमोग्राफी बचाए रखने के लिए धर्मांतरण कानून लागू किया गया है। राज्य ने सख्त दंगारोधी कानून लागू हो गया है। देश की आजादी के बाद उत्तराखंड ने सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू किया। जिसका गौरव प्रत्येक उत्तराखंडवासी को प्राप्त है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट सत्र में राज्य में सशक्त भू कानून लागू किया है। उन्होंने कहा राज्य सरकार, प्रदेश की जमीनों को बर्बाद नहीं होने देगी। उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा और विरासत को जीवंत रखने और इसे पूरा करने में सभी का सहयोग मिलता रहेगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री (उत्तर प्रदेश सरकार) सुनील शर्मा, सागर रावत, विजय रावत, दिनेश बड़ोला, पी.एन शर्मा, आशीष नेगी, मोहन नेगी, खीम सिंह नेगी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

महाकुंभ खबरः उत्तराखंड परिवहन निगम के बस स्टाफ की बदौलत बच पाई चार युवतियों की जान

दून से प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए गई चार युवतियों की जान उत्तराखंड परिवहन निगम के बस स्टाफ और उत्तर प्रदेश पुलिस की सक्रियता के चलते सुरक्षित बच गई। दरअसल, इन चारों युवतियों ने महाकुंभ के बेला कछार बस अड्डे से परिवहन निगम की वोल्वो बस पकड़ने के लिए दो रैपिडो बाइक बुक की थी, लेकिन बाइक सवार युवक उन्हें संदिग्ध स्थान ले गए।
निर्धारित समय पर न पहुंचने पर परिचालक ने फोन पर जब युवतियों से सम्पर्क किया, तो युवतियों ने खुद को असुरक्षित बताया। परिचालक व चालक ने तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित कर युवतियों के मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराया। पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से सभी युवतियों को सकुशल बरामद कर लिया। दोनों बाइक सवार युवकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

महाकुंभ का पर्व राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और विश्व बंधुत्व का प्रतीकः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाकुंभ 2025 के पुण्य अवसर पर पावन दिव्य त्रिवेणी संगम पर सपरिवार स्नान किया। उन्होंने पतित पावनी मां गंगा, यमुना और सरस्वती के पूजन के साथ सभी देवों का आह्वाहन कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि तथा प्रदेश की उन्नति के लिए प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ शताब्दियों से अपनी अक्षुणता बनाये रखते हुए सनातन धर्म की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता के माध्यम से करोड़ों लोगों को धर्म एवं संस्कृति से जोड़ता रहा है। महाकुंभ का पर्व केवल आध्यात्मिक चेतना का ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और विश्व बंधुत्व का प्रतीक है। विश्व का यह महान पर्व सदियों से मानवता, समरसता तथा नैतिक मूल्यों की प्रेरणा देकर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता रहा है।

मुख्यमंत्री ने प्रयागराज महाकुंभ में अपनी पूज्य माताजी को स्नान कराना अपने जीवन का अमूल्य एवं भावुक क्षण बताते हुए कहा कि वेदों, शास्त्रों और पुराणों में उल्लिखित है कि कोई भी जीव अपनी माता के ऋण से उऋण नहीं हो सकता। माता से ही हमारा अस्तित्व जुड़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिव्य अवसर पर उन्हें यह भी अनुभूति हुई है कि मां केवल जन्मदात्री ही नहीं बल्कि सजीव तीर्थ के समान है। उनकी सेवा और सम्मान से जीवन में सभी पुण्य फलीभूत होते हैं। उन्होंने कहा कि यह भावपूर्ण क्षण उनके लिए सनातन संस्कृति परंपरा और मातृ भक्ति का सजीव स्वरूप प्रस्तुत करने वाला है।

प्रयागराज महाकुंभ में बने उत्तराखण्ड मण्डपम का सीएम धामी ने किया अवलोकन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रयागराज, उत्तर प्रदेश पहुंचकर महाकुंभ 2025 में स्थापित किए गए उत्तराखण्ड मंडपम का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड मंडपम में आए तीर्थ यात्रियों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर राज्य सरकार द्वारा प्रयागराज महाकुंभ 2025 में उत्तराखण्ड मंडपम की स्थापना की गई है।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड मंडपम में राज्य के तीर्थ यात्रियों को प्रदान की जा रही आवासीय सुविधा एवं भोजन व्यवस्थाओ का भी जायज़ा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखण्ड मंडपम से महाकुंभ में देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालु उत्तराखंड की संस्कृति से परिचित हो रहे हैं। उत्तराखण्ड मंडपम श्रद्धालुओं के ठहरने के साथ ही महाकुंभ में उत्तराखंड का अहसास करवाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड मंडपम के माध्यम से राज्य के पारंपरिक उत्पादों को जन जन तक पहुंचाया जा रहा है। महाकुंभ में उत्तराखण्ड राज्य के देवभूमि स्वरूप के प्रदर्शन के साथ ही राज्य की कला-संस्कृति एवं विशिष्ट उत्पादों के प्रदर्शन तथा बिक्री की भी व्यवस्था की गयी है, जो सराहनीय पहल है।

सीएम धामी ने महाकुंभ घटना में उत्तराखंड वासियों के लिये जारी किये हेल्पलाइन नंबर

महाकुंभ प्रयागराज की घटना के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदा प्रबन्धन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा उत्तराखंड वासियों की सहायता के लिए निम्नवत हेल्पलाइन नंबर जारी किये गये हैं। उत्तराखण्ड के प्रभावित श्रद्धालु प्रत्येक प्रकार से सहायता के लिए मोबाईल नंबर 8218867005, 9058441404, दूरभाष नंबर 0135 2664315 और टोल फ्री नंबर 1070 पर संपर्क कर सकते हैं।

सचिव आपदा प्रबंध विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि भगदड़ के कारण महाकुम्भ क्षेत्र, प्रयागराज में यदि उत्तराखण्ड राज्य के श्रद्धालु किसी प्रकार से प्रभावित हुए हों, किसी भी प्रकार के मदद और घटना से सम्बन्धित किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए इन हेल्पलाईन नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैं।

सीएम ने बताया उत्तरायणी मेले का सांस्कृतिक, व्यापारिक और ऐतिहासिक महत्व

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बरेली पुलिस लाइन में 29वें उत्तरायणी मेले में प्रतिभाग करते हुए मेले का शुभारंभ किया।

उन्होंने कहा कि उत्तरायणी मेले का प्राचीन समय से ही व्यापक सांस्कृतिक,व्यापारिक और ऐतिहासिक महत्व रहा है। प्राचीन समय में जब संचार और आवागमन के साधन सीमित थे तो उस समय मेल- मिलाप, व्यापार, सूचना के आदान-प्रदान हेतु मेलों का बड़ा महत्व था।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज भारत सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण, उज्जैन महाकाल मंदिर कॉरिडोर निर्माण, राम मंदिर निर्माण तथा विश्व पटल पर योग और भारत की प्राचीन विरासत का गुणगान इस बात के सुस्पष्ट प्रमाण हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में भी संस्कृति और विरासत के संरक्षण और संवर्धन में बहुत बड़े कार्य हो रहे हैं। केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण, बद्रीनाथ धाम का मास्टर प्लान तथा मानसखंड मंदिरमाला के अंतर्गत पौराणिक धार्मिक स्थलों और मंदिरों का नवनिर्माण और सौंदर्यकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हर वर्ष तीर्थाटन और धार्मिक पर्यटनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और आने वाले समय में इसमें और भी बढ़ोतरी की संभावना है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए हम उत्तराखंड में बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। हरिद्वार में गंगा कॉरिडोर बनाने का हमने संकल्प लिया है।
पूर्णागिरी में शारदा कॉरिडोर निर्माण पर भी तेजी से काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन और फिल्म शूटिंग हब के रूप में भी विकसित करने जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में मातृशक्ति के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं संचालित हो रही है। लखपति दीदी योजना के माध्यम से हमने एक लाख महिलाओं को लखपति बनाया है। सवा लाख महिलाओं को और लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए उनको निरूशुल्क ऋण की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। कहा कि उत्तराखंड की मातृशक्ति द्वारा तैयार किए जाने वाले उत्पादों को हमने देश-विदेश में एक विशेष ब्रांड हाउस ऑफ़ हिमालयाज उत्तराखंड के नाम से विक्रय करने का निर्णय लिया है। इससे महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बहुत से उत्पादों को भी टक्कर दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने देवभूमि को देवभूमि बनाए रखने के लिए अनेक सख्त कानून बनाए हैं। किसी भी तरह के अपराध की रोकथाम, लैंड जेहाद, थूक जिहाद जैसे अनैतिक कृत्य पर लगाम लगाने के लिए सख्त वैधानिक प्रावधान किए हैं।

धर्मांतरण रोकने के लिए धर्मांतरण कानून, सख्त नकल विरोधी कानून, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले से ही वसूली के वैधानिक प्रावधान इत्यादि प्रावधान किए हैं।

हम शीघ्र ही समान नागरिक संहिता का कानून देने जा रहे हैं जो गंगा की भांति पूरे देश को लाभान्वित करेगा।

मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनमानस और उत्तरायणी मेला समिति को मकर संक्रांति, घुघुती त्यौहार और उत्तरायणी मेले की शुभकामनाएं देते हुए आगामी 28 जनवरी से उत्तराखंड में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित भी किया।

इस दौरान सांसद बरेली छत्रपाल सिंह गंगवार, स्थानीय विधायक संजीव अग्रवाल, महापौर उमेश गौतम आदि उपस्थित थे।

गुणवत्ताहीन निर्माणधीन आईटीआई भवनों के मामले में यूपी राजकीय निर्माण निगम को नोटिस

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को आधी-अधूरी एवं गुणवत्ताहीन निर्माणधीन आईटीआई भवनों के मामले में तत्काल नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने यूपीआरएनएन को आधी-अधूरी एवं गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों के कारण भुगतान वापसी हेतु नोटिस जारी करने तथा नोटिस का अनुपालन नही होने की दशा में उनके विरूद्ध प्राथिमिकी रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने के सख्त निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही मुख्य सचिव ने उत्तराखण्ड पेयजल निगम को आईटीआई सुरक्षा निर्माण सहित सभी निर्माण कार्याे में दीर्घ अवधि के विजन तथा हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ कार्य करने की कड़ी हिदायत दी है। उन्होंने आईटीआई के सुरक्षा निर्माण कार्याे के साथ ही ड्रेनेज सिस्टम तथा बाउण्ड्री वॉल पर भी कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में आईटीआई नारसन (हरिद्वार) में सुरक्षा निर्माण कार्याे के सम्बन्ध में व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक की अध्यक्षता के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने 187.30 लाख रूपये के प्रोजेक्ट लागत पर अनुमोदन देते हुए उत्तराखण्ड पेयजल निगम को निर्माण कार्यों में गुणवत्ता एवं समयबद्धता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। आईटीआई में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत मुख्य सचिव रतूड़ी ने इस प्रोजेक्ट की 10 दिन के भीतर सिंचाई विभाग से टेक्नीकल परीक्षण करवाने के बाद निर्माण कार्य आरम्भ करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अगले मानसून से पहले निर्माण कार्यों को पूरा करने तथा आईटीआई कैम्पस की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में अपर सचिव सी रविशंकर सहित पेयजल निगम एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

मां से मिले योगी, रुद्रप्रयाग हादसे के घायलों का हाल भी जाना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एम्स में भर्ती अपनी मां सावित्री देवी से मिलने पहुंचे और उन्होंने मां के स्वास्थ्य का हाल जाना। इस दौरान सीएम योगी ने एम्स में भर्ती हुए रुद्रप्रयाग सड़क दुर्घटना के घायलों की स्थिति की जानकारी भी ली।
रविवार दोपहर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हेलीकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश के हैलीपैड पर उतरे। यहां सीएम योगी आदित्यनाथ का हरिद्वार लोकसभा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत व एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. नीतू सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
इसके बाद सीएम योगी सबसे पहले एम्स में छठवीं मंजिल पर वृद्धावस्था विभाग (जिरियाट्रिक वार्ड) में भर्ती हुई अपनी मां सावित्री देवी से मिलने पहुंचे। यहां सीएम योगी ने चिकित्सकों से मां की नेत्र संबंधी समस्या एवं स्वास्थ्य और उपचार से जुड़ी आवश्यक जानकारी ली।
सीएम योगी मां के वार्ड में काफी समय बिताया। वह करीब 30 मिनट तक वार्ड में भीतर रहे। इसके बाद सीएम योगी ट्रामा सेंटर में भर्ती रुद्रप्रयाग हादसे के घायलों का हाल जानने पहुंचे। उन्होंने कई उपचाराधीन घायलों के पास पहुंचकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
इस दौरान सीएम योगी ने एम्स कार्यकारी निदेशक प्रो. नीतू सिंह से सभी घायलों को बेहतर उपचार देने को कहा। इस अवसर पर राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, एसएसपी देहरादून अजय सिंह, एसडीएम ऋषिकेश कुमकुम जोशी व कई अन्य उपस्थित रहे।

उत्तराखंड पुलिस ने हाथरस यूपी के परिवार की लौटाई खुशियां, किया शुक्रिया

ऋषिकेश पुलिस ने हाथरस युपी के एक परिवार को उनके चार वर्षीय बच्चे के बिछड़ने पर सकुशल ढूंढ निकाला और परिजनों को सुपुर्द किया। इससे परिजनों के चेहरे पर खुशियां लौटीं और पुलिस का आभार प्रकट किया।

चौकी प्रभारी प्रकाश पोखरियाल ने बताया कि हाथरस उत्तर-प्रदेश निवासी एक परिवार के 08 सदस्यों का एक दल त्रिवेणी घाट पर गंगा स्नान के लिये पहुंचा। बताया कि गंगा स्नान के दौरान उनका चार वर्षीय बालक जिसका नाम आरव है, कहीं बिछड़ गया। इस पर पुलिस की दो टीम गठित कर रवाना की गई।

बताया कि पुलिस की टीम ने त्रिवेणी घाट से साईं घाट, 72 सीडी, मायाकुंड, शीशमझाड़ी व दूसरी टीम को हरिद्वार रोड, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, बच्चे को ढूंढने के लिए पहुंची। बताया कि कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे को घाट रोड पर अकेले घूमते हुए व रोते हुए कांस्टेबल तेज सिंह ने बच्चे को बरामद किया। इसके बाद परिजनों को सुपुर्द करने पर उनके द्वारा पुलिस टीम का आभार जताया गया।

पुलिस की टीम में चौकी प्रभारी त्रिवेणी घाट प्रकाश पोखरियाल, हेड कांस्टेबल हरीश गुसाई’, कांस्टेबल महेश कुमार, कॉन्स्टेबल तेज सिंह, गोताखोर विनोद कुमार, दिवाकर फुलोरिया, आनंद आदि उपस्थित रहे।