सीएम ने नाबार्ड से सौंग बांध निर्माण, ग्रोथ सेंटरों के विकास के लिए मांगा सहयोग

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा राज्य के विकास में विभिन्न वित्तीय एवं विकासात्मक सहयोग से संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में बैठक हुई। बैठक में नाबार्ड के चेयरमैन डॉ0 जी0आर0 चिंतला, सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, सहकारिता मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत के साथ ही मुख्य सचिव ओम प्रकाश उपस्थित थे। मौके पर नाबार्ड द्वारा प्रकाशित पैक्स-एक बहुउद्देशीय सेवा केन्द्र योजना मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया गया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राज्य के विकास में नाबार्ड द्वारा दिये जा रहे सहयोग के प्रति आभार जताते हुए कहा कि राज्य में ट्राउट मछली पालन की दिशा में काफी कार्य हुआ है। इसके साथ पोल्ट्री, मसरूम उत्पादन की भी राज्य में काफी संभावनायें हैं। उन्होंने सौंग बांध के निर्माण, ग्रोथ सेन्टरों के विकास एवं ग्राम लाइट योजना को बढ़ावा देने में भी नाबार्ड से सहयोगी बनने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सौंग बांध की लागत 1200 करोड़ है। इसके बनने से प्रतिवर्ष 90 करोड़ की बिजली की बचत होने के साथ ही देहरादून को आगामी 60 वर्षो तक ग्रेविटी आधारित पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी 670 पेक्स को बहुउद्देशीय सेवा केन्द्र के रूप में संचालित करने के लिये सहयोग की अपेक्षा की।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के सहकारी बैंक को स्थिति अन्य पहाड़ी राज्यों से बेहतर है इसका फायदा सहकारी बैंक ले सकते हैं जिसके तहत नाबार्ड 500 से लेकर 1000 करोड़ रूपए केवल 2-90 प्रतिशत की ब्याज दर से दे सकता है। साथ ही इसके तहत जो अनुपात बनाए रखना होता है उसमें भी नाबार्ड छूट् दे सकता है। आत्म निर्भर भारत के तहत कृषि आधारभूत सुविधा निधि के तहत कृषकों के लिए फसल कटाई उपरांत के प्रबंधन पर ध्यान देने की बात कही। यदि पैक्स नाबार्ड की स्कीम पैक्स- बहु उद्देशीय सेवा केंद्र तथा कृषि आधारभूत सुविधा निधि का लाभ मिलकर लेते हैं तो उन्हें केवल 01 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण सुविधा उपलब्ध हो पायेगी। उन्होंने नाबार्ड की एलईडीपी तथा एमईडीपी योजनाओं के माध्यम से सुविधा देने पर अपनी सहमति जताई। कृषक उत्पादक संगठन के लिए प्रोहत्सन करने के साथ-साथ ओएफपीओं के गठन पर भी जोर दिया ताकि जिन लोगो के पास जमीन नहीं है उन्हें भी फायदा मिल सके।