ऊर्जा प्रदेश में बेहतर हो रही बिजली सेवाएं

ऊर्जा प्रदेश कहे जाने वाले उत्तराखण्ड में प्रदेश सरकार बिजली उपभोक्ताओं से जुड़ी सेवाओं को लगातार बेहतर करने के प्रयास में जुटी हुई है।

यूपीसीएल प्रबंधन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण“ के मंत्र को आधार मान कर उपभोक्ताओं की सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए केन्द्रीयकृत कॉल सेण्टर के संचालन, उपभोक्ता स्वयं सेवा मोबाइल एप और जगह मेगा कैम्प / शिविरों का आयोजन को शुरुआत की थी। जिसके चलते प्रदेश के दुर्गम गांव में रहने वाले लोगों की समस्याओं का घर बैठे ही समाधान हो रहा है।

आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यूपीसीएल मुख्यालय स्थित 24ग्7 केन्द्रीयकृत कॉल सेंटर का नियमित रूप से संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में सेंटर में 105 कस्टमर सर्विस रिप्रजेंटेटिव कार्यरत हैं। इस सेंटर के माध्यम से प्रतिदिन 500 से अधिक उपभोक्ता अपनी विद्युत सम्बन्धित समस्याओं का समाधान पा रहे हैं। इस माह में ही अभी तक कुल 19250 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें से 10261 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है।

प्रबन्ध निदेशक, यूपीसीएल द्वारा समस्त क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सभी उपभोक्ता सेवा केन्द्रों / राजस्व संग्रहण केन्द्रों पर दिव्यांगजनों, महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा व सुगमता के लिये केन्द्रों में सुरक्षित एवं आरामदायक बैठने का स्थान, बिल जमा करने के लिये पृथक लाईन तथा बिजली से जुड़ी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करने हेतु आवश्यक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।

यहां दर्ज हो सकती है शिकायत

शिकायतों का त्वरित समाधान ना होने की स्थिति में उपभोक्ता यूपीसीएल के स्थानीय शिकायत केन्द्रों पर जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही स्वयं सेवा मोबाइल एप, यूपीसीएल की वेबसाइट (ू.नचबस.वतह), ई-मेल ( बनेजवउमतबंतम/नचबस.वतह) एवं टोल फ्री नं० 1912 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर. के सिंह से की भेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह से भेंट कर उत्तराखण्ड को कोयला आधारित संयंत्रों से 400-450 मे०वा० स्थायी आवंटन किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिगत बेस लोड सुरक्षित किये जाने और राज्य को व्यापक विद्युत कटौती से मुक्त रखे जाने के लिए उत्तराखण्ड राज्य को कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगागावाट स्थायी आवंटन किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुई विद्युत लाइनों एवं टावरों को पुनर्स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्षतिग्रस्त लाइनों की क्षतिपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी, उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त विद्युत टावरों का सर्वे कराकर इसकी रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाय, इसका परीक्षण कराकर प्रतिपूर्ति पर विचार किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने बॉर्डर एरिया में विद्युत लाइनें एवं विद्युत संयंत्र शीघ्र स्थापित करने का अनुरोध किया। जिसके लिए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहाड़ी राज्यों के लिए मानक अलग से निर्धारित कर शीघ्र बॉर्डर एरिया में विद्युत लाइनें एवं विद्युत संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार को केंद्रीय पूल से अतिरिक्त विद्युत उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने इस पर सहमति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सोलर ऊर्जा, हाइड्रो पावर एवं कोयला से विद्युत उत्पादन के लिए दीर्घकालिक योजना पर कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने माह अप्रैल से सितम्बर 2023 तक औसतन 300 मे०वा विद्युत प्रतिमाह अनएलोकेटेड कोटा से उपलब्ध कराए जाने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में ऊर्जा की कुल उपलब्धता में 60 प्रतिशत से अधिक जल ऊर्जा संयंत्रों से है जिसमें मौसमी परिवर्तन के साथ उपलब्धता में व्यापक उतार-चढ़ाव होता है एवं शीत ऋतु में उत्पादन लगभग एक तिहाई रह जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की तकनीकी समिति ने अपनी रिपोर्ट में उत्तराखण्ड राज्य में बेस लोड की अनुपलब्धता स्वीकार करते हुए उत्तराखण्ड राज्य को कोयला आधारित संयंत्रों से अतिरिक्त रूप से लगभग 400 मे०वा० विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने हेतु अपनी संस्तुति दी है। राज्य की ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिगत बेस लोड सुरक्षित किये जाने और राज्य को व्यापक विद्युत कटौती से मुक्त रखे जाने के लिए उत्तराखण्ड राज्य को कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट स्थायी आवंटन किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति व्यक्त की।
केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हर संभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया। केंद्रीय मंत्री ने किशाऊ बांध के संबंध में कहा कि सभी राज्यों से विचार विमर्श करने के बाद शीघ्र ही आपत्तियों का निस्तारण कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
इस अवसर पर सचिव ऊर्जा भारत सरकार पंकज अरोड़ा, सचिव ऊर्जा, उत्तराखंड आर मीनाक्षी सुंदरम एवं एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की बैठक ली, बिजली संकट को दूर करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ऊर्जा विभाग की बैठक ली। राज्य में अधिक बिजली कटौती पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि जल्द से जल्द बिजली संकट की समस्या का समाधान ढ़ूढ़ा जाय। सचिव ऊर्जा, यूपीसीएल, पिटकुल और यूजेवीएनएल के अधिकारी बिजली संकट की समस्या के समाधान के लिए क्या किया जा सकता है, इसकी रिपोर्ट शीघ्र मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब औद्योगिक क्षेत्रों एवं प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली संकट की समस्या की शुरूआत उत्पन्न हो रही थी, तब इसके उचित समाधान निकालने के सार्थक प्रयास क्यों नहीं किये गये।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये की अधूरी तैयारी के साथ बैठक में न आयें। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा की बैठक जल्द दुबारा किये जाने के निर्देश दिये। सभी अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि वे पूरी तैयारी और समस्या के समाधान की पूरी योजना बनाकर ही बैठक में आयें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में ऊर्जा एवं पर्यटन के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्य संस्कृति में सबसे पहले व्यावहारिकता लाई जाए। प्रदेश का विकास हम सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है। सभी विभाग समस्याओं के समाधान के लिए समन्वय के साथ कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सोलर ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया जाय। उन्होंने कहा कि राज्य के कई क्षेत्रों से बिजली चोरी की शिकायते आ रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बिजली चोरी की शिकायतों पर संबंधित क्षेत्रों में कार्य कर रहे संबधित अधिकारियों पर सख्त कारवाई की जाय। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि व्यावहारिक समस्याओं एवं कार्य में आ रही कठिनाइयों के बारे में अवगत कराया जाय। जो समस्याएं आ रही हैं, उनका उचित समाधान निकाला जाय।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक उरेडा एवं अपर सचिव रंजना राजगुरू, अपर सचिव इकबाल अहमद, एमडी यूपीसीएल अनिल यादव, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।