सौंग बांध परियोजना की कार्यवाही को जल्द से जल्द करें पूर्णः सीएस

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सौंग बांध परियोजना की प्रोसिजर क्लियरेन्स कार्यों में देरी पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्बन्धित कार्यवाही को जल्द से जल्द पूरा करने के कड़े निर्देश सिंचाई विभाग तथा कार्यदायी संस्था यूपीडीसीसी लि0 को सचिवालय में आयोजित सौंग बांध की ईएफसी (व्यय वित्त समिति) के दौरान दिए। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सिंचाई विभाग को परियोजना से सम्बन्धित पर्यावरणीय, वित्तीय सहित सभी क्लियरेन्स जल्द से जल्द प्राप्त करते हुए इसका अन्तिम अनुमोदन प्राप्त करने निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून शहर में जलापूर्ति की कमी के कारण भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पेयजल के उद्देश्य से सौंग बांध अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इससे देहरादून शहर को पेयजल आपूर्ति हेतु 150 एमएलडी रॉ वाटर, नलकूपों के रख रखाव के व्यय की बचत, भूमिगत जल रिचार्ज, बाढ़ नियंत्रण एवं पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। बैठक में सिंचाई विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि वन विभाग द्वारा 127 हेक्टेयर वन भूमि प्रत्यावर्तित किये जाने हेतु सैद्धान्तिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है तथा निजी भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही गतिमान है।

इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जामरानी बांध परियोजना की उच्चाधिकार समिति (एचपीसी) की बैठक के दौरान परियोजना पर सैद्धान्तिक सहमति देते हुए इससे सम्बन्धित प्रस्तुतिकरण अगली कैबिनेट में रखने हेतु तैयारी के निर्देश दिए हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, दिलीप जावलकर सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने किया सचिवालय कर्मियों के लिए इलेक्ट्रिक बस का शुभारंभ

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय के कार्मिकों के लिए सचिवालय कॉलोनी केदारपुरम से सचिवालय के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा का शुभारम्भ किया। इस बस सेवा के माध्यम से नियमित रूप से सुबह कार्यालय समय पर सचिवालय के कार्मिकों को सचिवालय कॉलोनी केदारपुरम से सुभाष रोड सचिवालय तथा शाम को सचिवालय से सचिवालय कॉलोनी केदारपुरम के लिए यात्रा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इस अवसर पर सचिवालय कार्मिकों को बधाई देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि सचिवालय कार्मिकों के लिए इस इलेक्ट्रिक बस सेवा के संचालन से कार्मिक लाभान्वित होंगे तथा साथ ही देहरादून की ट्रैफिक समस्या को कम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक समस्या के समाधान तथा पर्यावरण पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुविधाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

इस अवसर पर सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी तथा सचिवालय के विभिन्न अधिकारी एवं कार्मिक मौजूद रहे।

स्वास्थ्य सेवा 108 की पुरानी एवं खराब गाड़ियों को शीर्ष प्राथमिकता पर जल्द बदलने के कड़े निर्देश दिएः राधा रतूड़ी

राज्य में गर्भवती महिलाओं की कठिनाइयों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेते हुए नवनियुक्त मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में अपनी पहली बैठक में राज्य में गर्भवती महिलाओं की चुनौतियों एवं समस्याओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को उनके जनपदों में होने वाली किसी भी गर्भवती महिला की गर्भावस्था या प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु के ऑडिट या मेटरनल डेथ ऑडिट व्यवस्था का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में रतूड़ी ने सभी जिलों जल्द से जल्द आंकडे़ स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाने तथा प्रत्येक मातृ मृत्यु प्रकरण का अलग-अलग (केस टू केस) अध्ययन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनपदों में विशेषरूप से दुर्गम एवं दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में सभी गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच (एण्टी नेटल चेक अप ) को अनिवार्यतः सुनिश्चित करवाने हेतु स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव रतूड़ी ने प्रत्येक जनपद में सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण हुआ है या नही तथा कितनी गर्भवती महिलाओं की नियमित प्रसवपूर्व जांच की जा रही है, का टै्रक रिकॉर्ड रखने की सख्त हिदायत दी है। उन्होंने इस सम्बन्ध में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को समुचित प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में आशा एवं आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए एसओपी भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश में 82 प्रतिशत महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच की जा रही है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अत्यन्त जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं (हाई रिस्क प्रेगन्सी) को चिहिन्त करके उनके स्वास्थ्य का नियमित फॉलोअप करने की कार्ययोजना पर पूरी गंभीरता से कार्य करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं। वर्तमान में उत्तराखण्ड में संस्थागत प्रसव 91 प्रतिशत हैं, जोकि 81 प्रतिशत से बढ़कर 91 प्रतिशत हो गया है। मुख्य सचिव ने संस्थागत डीलवरी को अधिक से अधिक बढ़ाने हेतु कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान डॉक्टर्स एवं गाइनाकॉलिस्टस की कमी को पूरा करने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिक से अधिक नर्सिंग ऑफिसर्स को इस सम्बन्ध में प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभाग को स्वास्थ्य सेवा 108 की पुरानी एवं खराब गाड़ियों को शीर्ष प्राथमिकता पर जल्द बदलने के कड़े निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी जनपदों से डोली पालकी की डिमाण्ड शीघ्र स्वास्थ्य विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल्द ही 78.60 लाख के बजट के साथ 262 डोली पालकियां जिलों को उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है। महिलाओं के स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से मुख्य सचिव ने जनपदों में रेडियोलॉजिस्ट की कमी को पूरा करने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश भी सभी जिलाधिकारियों को दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 796 एएनएम तथा 1376 नर्सिंग ऑफिसर्स की भर्ती की गई है। इसके साथ ही 36 विशेषज्ञ डॉक्टर्स को यू कोट वी पे के आधार पर तैनात किया गया है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गर्भवती महिलाओं को सरकारी योजनाओं के तहत दिए जाने वाले आहार की रैण्डम सैम्पलिंग करके इसको क्रॉस चौक करवाकर भोजन की पौष्टिकता की नियमित जांच के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने गर्भवती महिलाओं के भोजन में स्थानीय अनाजों को प्रोत्साहित करने की हिदायत दी है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों से उनके जिलों में कितनी गर्भवती महिलाओं द्वारा वन स्टॉप सेन्टर को बर्थ वेटिंग हॉम के रूप में उपयोग किया जा रहा है, की जानकारी जल्द उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में हाई रिस्क प्रेगनेंसी के केसों के सम्बन्ध में वन स्टॉप सेन्टर हेतु 76 लाख रूपये के बजट का प्रावधान किया गया है।

मुख्य सचिव ने 104 कॉल सेन्टर व्यवस्था जिसके तहत एएनएम द्वारा गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य संबंधी फॉलों अप किया जाता हैं, को और अधिक मजबूत करने तथा इसके माध्यम से सभी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का टै्रक रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में एक सॉफटवेयर जल्द से जल्द लॉच करके सभी जनपदों में इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव रतूड़ी ने स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती महिलाओं की सहायता हेतु टेलीमेडिसिन को भी राज्य में अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं हेतु राज्य में 109 डिलीवरी पॉइन्टस को उपकरणों तथा मानव संसाधनों की दृष्टि से मजबूत किया जा रहा है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सभी जिलाधिकारियों से उनके जनपदों में हीमोग्लोबिन मीटर की डिमाण्ड जल्द से जल्द स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिसपॉन्सिबिलिटी) फण्ड की सहायता से कार्य किया जाएगा। मुख्य सचिव ने प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से आयरन फॉलिक एसिड टेबलेट की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के भी निर्देश दिए हैं।

मातृ मृत्यु दर के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड की स्थिति 103 है। राज्य सरकार द्वारा 2030 तक उत्तराखण्ड के मातृ मृत्यु दर को 70 पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में भारत में मातृ मृत्यु दर 197 है।

बैठक में सचिव डा0 आर राजेश कुमार, एच सी सेमवाल, अपर सचिव आन्नद श्रीवास्तव एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जनपदों के जिलाधिकारी सहित सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

निवर्तमान सीएस संधु ने नवनियुक्त राधा रतूड़ी को सौंपा पदभार


नवनियुक्त मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय स्थित मुख्य सचिव कार्यालय में पदभार ग्रहण किया। निवर्तमान मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मुख्य सचिव रतूड़ी को पदभार सौंपा।

इस अवसर पर नवनियुक्त मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उत्तराखण्ड को आगे ले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के मूल मंत्र सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि की दिशा में एक टीम के रूप में कार्य करते हुए देश का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाने के लिए कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप अंतिम व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने की दिशा में लगातार कार्य किया जाएगा।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, राधिका झा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

नजरियाः यूसीसी में महिला सुरक्षा, सम्मान और अधिकार को दी गई है प्राथमिकता

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करने से पहले राज्य में पहली महिला मुख्य सचिव की जिम्मेदारी आईएएस राधा रतूड़ी को सौंपते हुए देवभूमि से मातृशक्ति सम्मान का बड़ा संदेश दिया है। मुख्यमंत्री धामी का यह निर्णय महिला सम्मान, सुरक्षा और महिला प्रधान वाले राज्य की परिकल्पना को साकार कर रहा है। खासकर नौकरशाही के सर्वाेच्च पद पर राज्य में महिला अधिकारी की ताजपोशी भी यूसीसी लागू होने से पहले बड़ी उपलब्धि के रूप में देखी जा रही है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नारी सशक्त भारत की परिकल्पना पर खरा उतर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में राज्य के 7 से ज्यादा जनपदों में महिला सशक्तिकरण और सम्मान को लेकर मातृ शक्ति वंदन महोत्सव में प्रतिभाग कर महिलाओं की राज्य के विकास में अहम भागीदारी का संदेश जन जन तक पहुंचाया है। यह कार्यक्रम अभी जारी हैं। इसके अलावा राज्य की महिलाओं को नौकरी-पेशे में 30 फीसद आरक्षण देकर मुख्यमंत्री धामी ने पहले ही नारी शक्ति सम्मान पर बड़ा निर्णय ले लिया था। जबकि महिला सुरक्षा, सम्मान और अधिकार को लेकर देश के सबसे बड़े कानून समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की तिथि का भी ऐलान एक दिन पहले मुख्यमंत्री कर चुके हैं। इन बड़े निर्णयों के बाद मुख्यमंत्री धामी ने आज नौकरशाही के सबसे बड़े पद पर राज्य गठन के 23 साल बाद पहली बार मुख्य सचिव की जिम्मेदारी वरिष्ठ महिला अधिकारी आईएएस राधा रतूड़ी को सौंपी है। सरकार का यह निर्णय भी महिलाओं को सशक्त और सम्मान से जुड़ा देखा जा रहा है। इसके पीछे सरकार ने दो फरवरी को यूसीसी के ड्राफ्ट आने और उस पर होने वाले फैसले को लेकर भी अपनी मंशा साफ कर दी है। गौरतलब है कि धामी सरकार ने यूसीसी कानून में महिला सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों को सर्वाेच्च प्राथमिकता में शामिल किए गया है। अब यूसीसी राज्य में लागू होने जा रहा है तो इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी बड़ी है। ऐसे में राज्य सरकार ने यूसीसी कानून लागू करने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विचारधारा पर अनुकूल बैठने, राज्य की रीति-नीति से वाकिफ महिला अफसर को नौकरशाही के सर्वाेच्च पद पर स्थापित कर देवभूमि से पूरे देश में बड़ा संदेश दिया है।

राज्य के 13 जिलों में 7 महिला अफसर
उत्तराखंड इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा कि जिलों में डीएम, एसपी और एससपी के पदों पर 7 से ज्यादा महिला अफसर हैं। मुख्यमंत्री धामी ने पहले दिन से ही मातृशक्ति प्रदान उत्तराखंड में महिला अफसरों को जिम्मेदारी दी हैं। इनमें राजधानी देहरादून, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, नैनीताल, बागेश्वर जैसे जिलों में डीएम और एसपी की जिम्मेदारी महिलाओं के पास हैं। जबकि सीडीओ, सीओ समेत अन्य महत्वपूर्ण विभागों के मुखिया भी महिला अफसरों को बनाया है। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि ठेठ पहाड़ के दुर्गम क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं की समस्याओं का समाधान हो या फिर महिला सशक्तिकरण की योजनाओं को क्रियान्वित करने में महिला अफसरों से देवभूमि की मातृशक्ति को सहायता मिलेगी।

एसीएस ने सीएम अनुभागों का निरीक्षण कर दिए यह निर्देश, आप भी जानिए…

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री अनुभागों के कार्यालयों को 15 फरवरी तक अपनी सभी व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के साथ ही रिकॉर्ड मेंटनेस, साफ-सफाई, पुराने एवं अनुपयोगी सामानों एवं फाइलों के ऑक्शन तथा वीडिंग की डेडलाइन दी है। राधा रतूड़ी ने अगले 15 दिनों में सचिवालय के मुख्यमंत्री अनुभागों में अभियान चलाकर अनुपयोगी सामानों एवं फाइलों की वीडिंग, ऑक्शन एवं साफ-सफाई, सौन्दर्यीकरण का कार्य पूरा करने की सख्त हिदायत दी है। एसीएस ने वीडिंग की व्यवस्था को प्रत्येक वर्ष नियमित रूप से करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शुक्रवार को सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री अनुभागों का औचक निरीक्षण कर कार्यालयों की व्यवस्था, रिकॉर्ड मेंटनेस, साफ-सफाई आदि का जायजा लेते हुए एसीएस रतूड़ी ने सम्बन्धित अधिकारियों को अनुभागीय कार्यालयों को कार्मिकों के लिए गरिमापूर्ण वर्क इनवाइरमेंट बनाने के साथ ही कार्य संस्कृति में सुधार की भी नसीहत दी। उन्होंने कार्यालयों की नियमित स्वच्छता बनाये रखने, रंग रोगन करने, अनुपयोगी सामानों को हटाने, अनावश्यक पत्रावलियों की वींडिग करने तथा कार्मिकों के कार्य करने के लिए आवश्यक सुविधाओं का ध्यान रखने के सख्त निर्देश दिए हैं। एसीएस राधा रतूड़ी ने व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए 15 दिनों का समय देते हुए उक्त निर्देशों के पालन की जांच हेतु पुनः निरीक्षण की बात कही।

इस अवसर पर सचिव एसएन पाण्डेय सहित मुख्यमंत्री कार्यालय के सभी छः अनुभागों के अनुभाग अधिकारी, व्यवस्थाधिकारी, कार्मिक व अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम घोषणा पूर्णागिरी क्षेत्र के विकास के लिए मास्टर प्लान को जल्द लागू करेंः एसीएस

एसीएस राधा रतूड़ी ने पूर्णागिरी क्षेत्र के विकास हेतु मास्टर प्लान को तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ ही शासन स्तर के अधिकारियों एवं जिलाधिकारी चंपावत को मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर इंटिग्रेटेड अप्रोच के साथ काम करते हुए जल्द से जल्द योजनाओं को पूरा करने की हिदायत दी।

दूरस्थ एवं दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं की नियमित स्वास्थ्य जांच एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पूर्णागिरी क्षेत्र के विकास हेतु मास्टर प्लान को तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ ही शासन स्तर के अधिकारियों एवं जिलाधिकारी चंपावत को मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर इंटिग्रेटेड अप्रोच के साथ काम करते हुए जल्द से जल्द योजनाओं को पूरा करने की हिदायत दी है। इसके साथ ही राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारी चंपावत को जिले में विशेष रूप से दूरस्थ एवं दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं की नियमित स्वास्थ्य जांच एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चंपावत विधानसभा क्षेत्र हेतु मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा की।

बैठक में शहरी विकास विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि चम्पावत के गोरलचोड मैदान को स्टेडियम का स्वरूप देने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा 45 लाख रुपये की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति हेतु प्रस्ताव सचिव आवास को भेज दिया गया है। बनबसा में मुक्तिधाम के निर्माण के कार्य को जल्द ही सिंचाई विभाग को स्थानांतरित कर दिया जाएगा। नगर क्षेत्र चम्पावत में सीवर लाइन के सम्बन्ध में यूयूएसडीए द्वारा डीपीआर पर कार्य किया जा रहा है। चम्पावत में पंचमुखी गौशाला धाम के सम्बन्ध में शासन द्वारा स्थल चयन समिति से आख्या मांगी गई है। टनकपुर में कम्युनिटी हॉल के निर्माण के सम्बन्ध में कार्यवाही गतिमान है।

पर्यटन विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि चम्पावत में एडवेंचर पार्क के निर्माण, हैरिटेज स्ट्रीट के निर्माण, पूर्णागिरी क्षेत्र को ईको टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने, गौरलचौड मैदान के समीप ओपन एयर थियेटर के निर्माण तथा गोल्ज्यू मंदिर के समीप पर्यटन अवस्थापनाओं के विकास के सम्बन्ध में कार्यवाही गतिमान है।

लोक निर्माण विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि तहसील चम्पावत में ग्रामीण क्षेत्रों में (अलग-अलग ग्रामों में) 10 किमी सड़क निर्माण के सम्बन्ध में आगणन तैयार किये जा रहे हैं। चमतौला से ओलना तक मोटर मार्ग के निर्माण की डीपीआर 29 जनवरी तक शासन को उपलब्ध हो जाएगी। बालातडी के गोलचोरा बैड से खरडी मटकनी मोटर मार्ग के निर्माण, किमोटा-रिरवाडी मोटर मार्ग के निर्माण, टाक खंदक-करौली मोटर मार्ग के डामरीकरण, केदारनाथ गैस गोदाम से भैसर्क तक 2.5 किमी0 कच्चे मोटर मार्ग के सुधारीकरण, देवीधूरा मुख्य मार्ग से आदर्श महाविद्यालय देवीधूरा कन्वाण तक 03 किमी सड़क के नवनिर्माण तथा पखोटी बैंड से पखोटी बैरख 5 किमी कच्चे मोटर मार्ग के सुधारीकरण एवं डामरीकरण पर कार्यवाही गतिमान है।

बैठक में अपर सचिव नितिन भदौरिया, विनीत कुमार, पूजा गर्ब्याल तथा वर्चुअल माध्यम सेीवज जिलाधिकारी चम्पावत नवनीत पाण्डेय सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

राज्य में ट्रैकिंग के लिए आने वाले पर्यटकों की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तैयारियां शुरू

राज्य में ट्रैकिंग के लिए आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को गम्भीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड में ट्रैकिंग एजेंसियों व कम्पनियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को पुख्ता करने, प्रदेश में एक प्रभावी ट्रैकिंग पॉलिसी या एसओपी बनाने के साथ ही डीएफओ को ट्रैकिंग के लिए आने वाले पर्यटकों की जानकारी जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग के साथ अनिवार्यतः सांझा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को भी इस सम्बन्ध में डीएफओ, पर्यटन विभाग तथा ईको टूरिज्म से समन्वय करने के निर्देश दिए हैं।

एसीएस रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि समय पर ट्रैकिंग एसओपी प्रभावी न होने की दशा में प्रदेश में आने वाले ट्रैकर्स की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही की घटना के लिए वन विभाग को सीधे तौर पर उत्तरदायी ठहराया जाएगा एवं कार्यवाही की जाएगी। एसीएस ने वन विभाग को सख्त हिदायत दी है कि ट्रैकिंग एजेंसियों के लिए भी एक ठोस एसओपी के साथ ही ट्रैकर्स के लिए पुख्ता सुरक्षा मापदण्ड, बीमा, प्रशिक्षित गाइड्स, स्नो इक्वपमेन्ट्स, हेल्थ सर्टिफिकेट, बेसिक मेडिसिन की तत्काल व्यवस्था को लागू किया जाए।
सचिवालय में प्रदेश में शीत लहर के सम्बन्ध में प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विशेषरूप से निर्माणधीन स्थलों में रहने वाले जरूरतमंदों श्रमिकों के शीत लहर से बचाव एवं राहत के लिए श्रम विभाग को तत्काल सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। घने कोहरे के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के दृष्टिगत एसीएस ने हरिद्वार तथा उधमसिंह नगर जिलों में ट्रैफिक एवं पुलिस विभाग कों विशेषरूप से अलर्ट मोड पर रहने की हिदायत दी है। इसके साथ ही उन्होंने फायर डिपार्टमेंट को आग की घटनाओं को रोकने के लिए सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। जरूरतमंदों की मदद के लिए दान किये जाने वाले गर्म कपड़ों को एकत्रित एवं वितरित करने के लिए एसीएस रतूड़ी ने एक पोर्टल बनाने के भी निर्देश आज की बैठक में दिए हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव द्वारा लोक निर्माण विभाग को सड़कों की कनेक्टिविटी बनाए रखने, जेसीबी की व्यवस्था करने, सड़कों से पाला हटाने के लिए परम्परागत उपायों के साथ नए समाधानों पर कार्य करने निर्देश दिए गए। इस दौरान सभी जनपदों को सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था एवं कम्बलों के वितरण, अस्थाई रैनबसेरो में बिजली, पानी, बिस्तर एवं साफ-सफाई की व्यवस्था करने, इस सम्बन्ध में पृथक से नोडल अधिकारी नामित करने, सभी जनपदों में खाद्य आपूर्ति, पेयजल एवं ईंधन की जनवरी माह के अन्त तक के लिये पर्याप्त मात्रा में भंडारण करने, चिकित्सा स्वास्थ्य हेतु आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में सचिव डा0 रंजीत कुमार सिन्हा सहित सम्बन्धित विभिन्न विभागो के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

एसीएस रतूड़ी ने राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के संबंध में बुलाई बैठक

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के तर्ज पर उत्तराखण्ड में राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (एसआईएसएफ) के गठन हेतु कार्ययोजना बनाने के सम्बन्ध में सचिवालय में होमगार्ड्स, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों, बैंक अधिकारियों, सिडकुल, नागरिक उड्डयन विभाग तथा गृह विभाग के अधिकारियों की बैठक ली।

एसीएस राधा रतूड़ी ने प्रदेश में स्थित सभी बैंकों, एयरपोर्ट्स, हैलीपेड, औद्योगिक संस्थानों, सिडकुल, राज्य एवं केन्द्र सरकार के उपक्रमों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा बलों की आपूर्ति से सम्बन्धित जानकारी गृह विभाग को जल्द प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के तर्ज पर राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (एसआईएसएफ) गठन के निर्देश दिए हैं। इसके लिए राज्य में बैंकों को करेंसी चेस्ट की सुरक्षा एवं एयरपोर्ट्स, हैलीपेड, औद्योगिक संस्थानों, सिडकुल, राज्य एवं केन्द्र सरकार के उपक्रमों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए कितनी संख्या में सुरक्षा बलों की आवश्यकता होगी इसके सटीक आंकड़े जुटाना आवश्यक है। एसीएस ने कहा कि राज्य में बैंकों एवं औद्योगिक आस्थानों, हैलीपैड एवं सरकारी उपक्रमों की पुख्ता सुरक्षा के लिए एक उत्तरदायी एवं संवेदनशील सुरक्षा बल की नितान्त आवश्यकता है।

बैठक में उत्तराखण्ड होमगार्ड्स विभाग को एसआईएसएफ का कार्य दिये जाने के औचित्य पर भी विस्तृत चर्चा की गई। एसीएस ने सम्बन्धित अधिकारियों को उत्तराखण्ड होमगार्ड्स के प्रस्ताव का अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं।

इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव सी रविशंकर, विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, विम्मी सचदेवा एवं उत्तराखण्ड होमगार्ड्स विभाग, सिडकुल, नागरिक उड्डयन विभाग, गृह विभाग, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों व बैंकों के अधिकारी उपस्थित थे।

एसीएस राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा की

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने लोक निर्माण विभाग को 30 नवम्बर तक सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त करने तथा शहरी विकास विभाग को शहरी क्षेत्रों में प्लास्टिक और कूड़ा निस्तारण के लिए जल्द से जल्द एक मजबूत सिस्टम तैयार करने हेतु सख्त हिदायत दी हैं। इसके साथ ही एसीएस ने सम्बन्धित अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को तेजी से पूरा करने के लिए शासन स्तर से धरातल स्तर तक समय सीमा निर्धारित की जाय। मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन को शीर्ष प्राथमिकता पर लिया जाय।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों की समीक्षा बैठकों के क्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में लोक निर्माण, शहरी विकास, आवास और औद्योगिक विकास विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं कि मुख्यमंत्री घोषणाओं की विभागीय सचिव के स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग की जाय। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी घोषणाओं को पूर्ण करने के लिए समय सीमा निर्धारित हो। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानसून अवधि में अतिवृष्टि के कारण विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों में जो गड्ढ़े हुए हैं, उन सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त करने के लिए तेजी से कार्यवाही की जाए। उन्होंने निर्माण कार्यों से जुड़े विभागों के अधिकारियों को निर्माण कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि विधायकों द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्रों में जिन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किये जाने की अपेक्षा की गई है, उनमें त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।

बैठक में लोक निर्माण, शहरी विकास, आवास और औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री घोषणा एवं विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठकों में लिये गये निर्णयों पर कार्य प्रगति की जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री द्वारा जनहित में लिये गये निर्णयों पर विभागों द्वारा जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनमें समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए। किसी कार्य में किसी वजह से परेशानी हो रही है, तो उसकी जानकारी उच्च स्तर पर अविलम्ब दी जाय। यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यों में अनावश्यक विलंब न हो।
बैठक में अपर सचिव लोक निर्माण विभाग विनीत कुमार एवं अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।