परमार्थ निकेतन में गोवर्धन पूजा लगाया गया छप्पन भोग

परमार्थ निकेतन में फिजीकल डिस्टेंसिंग के साथ सर्वेश्वर मन्दिर प्रांगण में भगवान श्रीकृष्ण, गोवर्धन और गौ माता की पूजा अर्चना की गयी। स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज और साध्वी भगवती सरस्वती के सानिध्य में परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार, आचार्य और सभी सदस्यों ने भावपूर्ण भजन और संगीतमय वातावरण में भगवान श्री कृष्ण को छप्पनभोग अर्पित कर श्रद्धाभाव से पूजा-अर्चना की।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि यह महोत्सव अलौकिक संदेश देता है। गोवर्धन पूजा का सम्बंध प्रकृति के साथ से है। यह पर्व हमें प्रकृति के सान्निध्य में रहकर प्रकृतिमय जीवन जीने का संदेश देता है। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है। हमारी संस्कृति में गाय तो पूजनीय है और पवित्र है। गौ माता अपने दूध से भी को स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करती हैं। आईय गोर्वद्धन पूजा के अवसर पर गौ संवर्द्धन का संकल्प लें, पौधारोपण करें, जल बचायें, पराली न जलायें, वायु प्रदूषण न करें, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करें इससे पर्यावरण भी बचेगा और प्रकृति भी बचेगी।

स्वामी जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति ने जो पर्वो का उपहार दिया है आईये उन पर्वो का वास्तविक मर्म समझे और प्रकृति संरक्षण हेतु योगदान प्रदान करें।

श्रीराम जन्मभूमि निर्माण न्यास समिति के ट्रस्टी स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ पहुंचे वेद निकेतन

दक्षिण भारत के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट निर्माण न्यास समिति के एकमात्र ट्रस्टी स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ वेद निकेतन धाम पहुंचे। वेद निकेतन धाम के परमाध्यक्ष स्वामी विजयानंद सरस्वती ने बताया कि पेजावर मठ उडुपी के अष्ट मठों (आठ मठों) में से एक है। जिसका आरंभ अधोक्षजा ने किया था। जो माधवाचार्य के शिष्य थे। अब तक कुल 32 स्वामी इस मठ के मठाधीश रह चुके हैं, स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ इस के 33 वें प्रमुख हैं। अधोक्षजा तीर्थ का कार्यकाल 1278 से 1296 तक था। अधोक्षजा हिंदू दर्शन विद्यालय के संस्थापक माधवाचार्य के प्रमुख शिष्य थे।

2019 में स्वामी विश्वतीर्थ ने अपना उत्तराधिकारी के रूप में स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ को चुना था, अब स्वामी विश्वतीर्थ के उपरांत स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ के 33वें पीठाधीश्वर है। यह दक्षिण भारत के प्रमुख में से एक है। यहां स्वामी माधवाचार्य की संत परंपरा में श्रीकृष्ण की पूजा होती है।

पेजावर मठ रामजन्म भूमि आंदोलन से प्रारंभ से ही जुड़ा हुआ है और इस कार्य हेतु हमेशा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता आया है। यही कारण है कि जब मंदिर निर्माण ट्रस्ट का गठन किया गया तो दक्षिण भारत के इस महत्वपूर्ण मठ केयोगदान को ध्यान में रखते हुए स्वामी विश्वप्रसन्ना को ट्रस्ट में सम्मिलित होने का आग्रह किया गया।

राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी बनने के उपरांत विश्वप्रसन्ना ने बताया कि वह दक्षिण भारत से अकेले व्यक्ति हैं जिन्हें ट्रस्टी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी उनके लिए बहुत बड़ा कार्य है।

उन्होंने कहा मेरे गुरु ने मुझे सलाह दी थी कि अगर न्यासी बनाए जाने का प्रस्ताव मिलता है तो स्वीकार कर लेना और इस बात को ध्यान में रखते हुए मैंने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई थी।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाया जाना उनका सपना है और इस मंदिर को देखने के लिए आने वालों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी तथा अयोध्या में पेजावर मठ की एक शाखा स्थापित की जाएगी।

स्वामी विश्वप्रपन्ना तीर्थ राम मंदिर निर्माण कार्य को लेकर अत्यंत क्रियाशील बने हुए हैं और कई बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं, परंतु इस बार आने के पश्चात उन्होंने उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम आने का निश्चय किया और उनका यह प्रवास एवं यात्रा बिल्कुल निजी था।

वेद निकेतन धाम के परमाध्यक्ष विजयानंद सरस्वती के आग्रह पर हुआ वेद निकेतन धाम स्वर्ग आश्रम क्षेत्र में गंगा जी के सानिध्य में ध्यान करने तथा स्थानीय निवासियों आशीर्वाद देने के लिए आयें है। उन्होंने कहा कि स्वामी विश्वप्रसन्ना का आना मानों गंगा और कावेरी का मिलन है।

स्वामी विश्वप्रसन्ना अत्यंत सौम्य स्वभाव के सन्यासी है और दक्षिण भारत में दक्षिण भारतीय लोगों में बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हैं और उनकी छवि एक बहुत ही प्रख्यात समाजसेवी की रही है।
वेद निकेतन में उपस्थित आरएसएस के प्रवक्ता सुरेंद्र सहित अन्य कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय जन समुदाय द्वारा स्वामी विश्वप्रसन्ना एवं स्वामी विजयानंद सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करने पहुंचे। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी दिव्यानंद सरस्वती, वेद निकेतन धाम के परमाध्यक्ष विजयानंद सरस्वती, आशुतोष शर्मा, सुभाष शर्मा, गोपाल बत्रा, हितेश, गोविंद आदि उपस्थित थे।

लक्ष्मणझूला घाट पर चोरी करने वाले गिरोह हुआ अरेस्ट

लखनऊ हाईकोर्ट बैंच के समीक्षा अधिकारी गौरव कुमार सोनकर ने लक्ष्मणझूला में तहरीर दी। बताया कि वह परिवार के साथ ऋषिकेश घूमने पहुंचे थे। 25 अक्टूबर को गीताभवन घाट नंबर एक पर बैठा था। तभी अज्ञात व्यक्ति ने उनका बैग चोरी कर लिया। बताया कि बैग में पत्नी व उनका मोबाइल फोन के साथ अन्य जरूरी सामान था। तहरीर के आधार पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज किया था।

उच्चाधिकारियों के निर्देश पर थाना प्रभारी प्रमोद कुमार उनियाल के नेतृत्व में पुलिस व सीआईयू टीम का गठन हुई। गठित टीम ने चोरी में संलिप्त दो लोगों को चोरी के सामान के साथ भीमगौड़ा बैराज हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरा आरोपी को चोरी के सामान के साथ टिहरी बस अड्डा ऋषिकेश से गिरफ्तार किया है।

आरोपी के नाम इस प्रकार है-

1. हरिशंकर उर्फ शंकर थापा पुत्र लाल बहादुर थापा निवासी- हरिपुर कला, निकट विरला फार्म, थाना रायवाला, जनपद देहरादून उम्र- 48 वर्ष।
2. तुषार सिंह पुत्र रघुनन्दन सिंह- निवासी म0 न0-36 फेस 2 भूपतवाला, गंगा विहार कॉलोनी, जनपद हरिद्वारउम्र- 32 वर्ष।
3. संदीप कुमार पुत्र बंशी लाल, निवासी- जस्सावाला, थाना- कलियर, जनपद हरिद्वारउम्र- 25 वर्ष।

बरामद सामान
1. 01 मोबाईल फोन वन प्लस (कीमत लगभग 30,000- रूपये) व 4000- रूपये नगद अभियुक्त हरिशंकर उर्फ शंकर थापा के कब्जे से बरामद
2. 01 मोबाईल फोन एम.आई. (कीमत लगभग 16,000- रूपये) व 1500- रूपये नगद अभियुक्त तुषार के कब्जे से बरामद
3. 01 घड़ी टाईमेक्स (कीमत लगभग 12,000- रूपये) व 1500- रूपयें नगद अभियुक्त सन्दीप के कब्जे से बरामद

केदारनाथ स्थित ईशानेश्वर मंदिर के नव निर्माण में मुंबई के दानी मनोज सोलंकी ने जताई इच्छा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में बोर्ड के संचालन से सम्बन्धित विषयों के साथ ही बोर्ड द्वारा तैयार किये विभिन्न ड्राफ्ट रूल को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसे शासन को उपलब्ध कराया जायेगा। इसमें पुजारियों, न्यासी, तीर्थ पुरोहितो, पण्डो व हक हकूक धारियों के अधिकारों का विनिश्चय एवं संरक्षण से सम्बन्धित नियमावली भी शामिल है। इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के लोगो (प्रतीक चिन्ह्) की डिजाइनों पर भी चर्चा हुई। जिनमें कतिपय संशोधन के पश्चात अन्तिम निर्णय लिया जायेगा।
बैठक में श्री बद्रीनाथ धाम में मन्दिर एवं समीपवर्ती स्थलों के विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया कि बद्रीनाथ धाम में यात्रियों की संख्या में प्रतिवर्ष हो रही वृद्धि के कारण इस क्षेत्र का विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण आवश्यक है ताकि भविष्य में यात्रियों को दर्शन, यातायात एवं ठहरने की समुचित व्यवस्था हो सके इसके लिए देवस्थानम बोर्ड को इसकी व्यवस्था सौंपे जाने पर विचार किया गया। बोर्ड के स्तर पर इससे सम्बन्धित कार्यवाही सुनिश्चित कर शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित करने पर सहमति बनी। बोर्ड अपने स्तर पर इसके लिये तकनीकि एवं विषय विशेषज्ञों की व्यवस्था भी कर सकेगा। इसके साथ ही बैठक में तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मन्दिर एवं सभा मण्डप आदि के जीर्णोद्धार पर भी सहमति बनी इसके लिये यू.एस.ए. के दानी पंकज कुमार द्वारा धनराशि व्यय करने की इच्छा जतायी है।
केदारनाथ स्थित ईशानेश्वर मन्दिर के नव निर्माण के लिये भी स्वीकृति प्रदान की गई इस मन्दिर के निर्माण के लिये मुम्बई के दानी मनोज सोलंकी ने इच्छा व्यक्त की है। श्री केदारनाथ मन्दिर के पूरब द्वार की मरम्मत पर भी सहमति बनी जिसके लिये धनराशि दानी हरियाणा के श्री यतिन घई ने दान की सहमति दी है।

बैठक में केदारनाथ मे रावल पुजारी आदि के कक्षों की मरम्मत भविष्य में ऊखीमठ मन्दिर के जीर्णोद्वार, बहुमूल्य पाण्डुलिपियों को डिजिटाइल किये जाने, कार्तिक स्वामी मन्दिर को देवस्थानम बोर्ड के अधीन लाये जाने तथा थैलीसैण्ड स्थित विन्देश्वर मन्दिर के जीर्णोद्वार किये जाने पर सहमति प्रदान की गई।
बैठक में मुख्यमंत्री एवं अध्यक्ष, उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड त्रिवेन्द्र ने यात्रा मार्गो सहित मन्दिर परिसरो में देवस्थानम बोर्ड के साइनेज होर्डिंग आदि लगाये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ मन्दिरों के पुजारियों, पण्डों, पुरोहितों, वाद्य यंत्र वादको आदि का विवरण तैयार किया जाय ताकि जरूरत पड़ने पर इन लोगों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा सके। उन्होंने कहा कि ये लोग हमारी संस्कृति के संवाहक हैं।
उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि 25 अक्टूबर तक चारधाम में 1.72 लाख यात्री दर्शनार्थ आये हैं तथा 2 लाख द्वारा रजिस्ट्रेशन किया गया है, जबकि बद्रीनाथ मन्दिर को 7.55 करोड़ तथा केदारनाथ मन्दिर को 75 लाख की आय हुई है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री एवं उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड सतपाल महाराज, विधायक महेन्द्र भट्ट, गोपाल रावत, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, सचिव वित्त श्रीमती सौजन्या, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, देवस्थानम बोर्ड के अनिल ध्यानी, प्रमोद नोटियाल, डॉ0 हरीश गौड आदि उपस्थित थे।

परमार्थ निकेतन पहुंचकर अजीत डोभाल ने लिया स्वामी चिदांनद मुनि का आशीर्वाद

तीन दिवसीय अपने उत्तराखंड दौरे के अंतिम दिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल परमार्थ निकेतन पहुंचे। यहां उन्होंने सांध्यकालीन गंगा आरती में शामिल होकर विश्व शांति और देश की सुरक्षा की कामना की। मौके पर उनके साथ पत्नी भी उपस्थित रहीं।

परमार्थ निकेतन में अजीत डोभाल ने परिवार के साथ स्वामी चिदानंद मुनि से आशीर्वाद भी लिया। अजीत डोभाल ने गायत्री मंत्र का जाप करते हुए हवन किया। स्वामी चिदानंद मुनि ने उन्हें रुद्राक्ष का पौधा भी भेंट किया। स्वामी चिदानंद मुनि ने बताया कि उनके बीच गंगा की स्वच्छता और निर्मलता को लेकर कुछ वार्तालाप भी हुई है। ज्ञात हो कि अपने पैतृक गांव जाते समय भी अजीत डोभाल ने परमार्थ आश्रम में विश्राम किया था। तभी भी अजीत डोभाल ने मीडिया से दूरी बनाए रखी थी।

वायुसेना का मालवाहक चिनूक हेलीकाॅप्टर ने की केदारनाथ में लैंडिंग

केदारनाथ में 2018 में क्षतिग्रस्त हुए सेना के हेलीकाॅप्टर एमआइ-17 की बाॅडी को लेने वायुसेना का चिनूक पहुंचा। करीब तीन टन क्षतिग्रस्त हेलीकाॅप्टर की भारी बॉडी को लेकर चिनूक बरेली रवाना हो गया। पुर्न निर्माण कार्य के दौरान भारी सामान ले जाने के दौरान केदारनाथ में वर्ष 2018 में एक एमआइ-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हेलीकॉप्टर का इंजन वायुसेना पहले ही ले जा चुकी है।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने कुछ दिनों पूर्व केदारनाथ में हेलीपैड तैयार किया था। पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने को भारी मशीनें पहुंचाई जानी हैं। वायु सेना की टीम ने इस हेलीपैड का निरीक्षण किया था। केदारनाथ में दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्य अक्टूबर से प्रस्तावित हैं। इसके लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं।

पिछले दिनों मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ में व्यवस्थाओं का जायजा लिया था और डीडीएमए को दस दिन के भीतर हेलीपैड तैयार करने के निर्देश दिए थे।

अंबानी परिवार ने बढ़ाया हाथ, देवस्थानम बोर्ड के लिए किए पांच करोड़ रूपये अनुदान

उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे मुकेश अंबानी ने पांच करोड़ रूपये का दान उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम एवं प्रबंधन बोर्ड के लिए किया है। इससे 650 कर्मचारियों का वेतन में समस्या नहीं आड़े नहीं आएगी।

बता दें कि प्रत्येक वर्ष उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मगर, कोरोना के चलते इस वर्ष कुल 60 हजार के करीब श्रद्धालु आए। इस कम संख्या का असर सीधे बोर्ड के राजस्व पर भी पड़ा है। इन मुश्किल हालात में अंबानी परिवार से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को मिले पांच करोड़ को बड़ी राहत माना जा रहा है।

बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह के अनुरोध पर अनंत अंबानी ने देवस्थानम बोर्ड को पांच करोड़ दिए। अनंत अंबानी पूर्व में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं। बीडी सिंह ने बताया कि मुकेश अंबानी सहित पूरे अंबानी परिवार की श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ सहित चारों धामों में अपार आस्था है।

बोर्ड कर्मचारियों ने उद्योगपति अनंत अंबानी सहित प्रदेश सरकार, देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन तथा अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह का आभार व्यक्त किया है

17 सितंबर को पितरों के मोक्ष के लिए गंगा स्नान की इजाजत नहीं

कोविड-19 के खतरे को देखते हुए पितृ विसर्जन अमावस्या पर गंगा स्नान पर रोक रहेगी। हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से बुधवार की शाम को गंगा घाट सील कर दिए गए।

डीएम हरिद्वार सी रविशंकर ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए तमाम प्रतिबंध किए जा रहे हैं। बृहस्पतिवार को होने वाली पितृ विसर्जन अमावस्या पर गंगा घाट पर किसी को भी एंट्री नहीं दी जाएगी। बता दें कि अमावस्या पर भारी संख्या में लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करने हरिद्वार के हरकी पैड़ी में पहुंचते हैं।

केदारनाथ में शंकराचार्य समाधि का कार्य 31 दिसंबर तक हो पूरा

मुख्य सचिव ओमप्रकाश एवं पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने शनिवार को केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने शंकराचार्य समाधि, दिव्यशिला से समाधि तक पैसेज मार्ग, एम आई 26 हेलीपैड, सरस्वती व मन्दाकिनी घाट आदि का भी निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कार्यदायी संस्थाओं को कार्य मे तेजी लाने व गुणवत्ता परक कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर हाल में तय समय सीमा के भीतर पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण किया जाय। शंकराचार्य समाधि में चारदीवारी व मंडल वाल का निर्माण किया जाना है। चारदीवारी 12 मीटर व मंडल वाल 03 मीटर की बनाई जानी है जिसमे से चारदीवारी की वाल 1,2 व 4 पर 1डेढ़ मीटर की दीवार का निर्माण कार्य पूर्ण व वाल 3 पर सरिया व कंक्रीट का कार्य चल रहा है। दिव्यशिला से समाधि तक 48 बाई 3.6 मीटर का पैसेज बनाया जाना है जिस पर राफ्ट का कार्य पूर्ण हो चुका है व कंक्रीट का कार्य प्रगति पर है। इस संबंध में मुख्य सचिव ने जिंदल सोशल वर्क के प्रबंधक विकास राणा को 31 दिसम्बर तक शंकराचार्य समाधि व पैसेज को हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए।

सरस्वती नदी पर 504बाई5 मीटर का आस्था पथ का निर्माण कार्य पूर्ण चुका है व घाट के लिए स्टेप भी बन चुके है। घाट को जाने वाले स्टेप पर सौंदर्यीकरण हेतु लाइटनिंग का कार्य किया जाना है। घाट के आस पास 05 व्यू पॉइंट बनाये जाने है जिसमे से 03 व्यू पॉइंट पर कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इस सम्बंध में मुख्य सचिव ने जेएसडब्ब्ल्यू को सितम्बर माह का अंत तक शेष 02 व्यू पॉइंट का निर्माण करने व अक्टूबर तक घाट सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।

एम आई 26 हेलिपैड पर क्षतिग्रस्त गढ़वाल मंडल विकास निगम के 03 कॉटेज को 10 दिन के भीतर हटाने के निर्देश मुख्य सचिव ने लोनिवि के अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार को दिए। एम आई 26 वर्तमान में 50बाई40 आकार का है जिसका विस्तारीकरण चिनूक हेलीकाप्टर हेतु 50बाई100 का किया जाना है। डीडीएमए द्वारा गरुड़चट्टी के लिए पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें से केदारपुरी की तरफ के अबटमेंट का कार्य पूर्ण हो चुका है व 1 एक सप्ताह के भीतर दूसरी ओर के अबटमेंट का कार्य पूर्ण हो जाएगा।

सीएस ने अधिशासी अभियंता डीडीएमए प्रवीण कर्णवाल को 31 दिसम्बर तक पुल निर्माण कार्य हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए। जिंदल ग्रुप द्वारा तीर्थ पुरोहितों के 05 भवन निर्माण किये जाने थे जिसमें से 02 भवनों को पूर्ण कर जिला प्रशासन को सौप दिए गए है। अवशेष तीन भवनों को क्रमशः 15 सितम्बर, 30 सितम्बर व 15 अक्टूबर तक पूर्ण कर जिला प्रशासन को सौंपने के निर्देश मुख्य सचिव में दिए। साथ ही ध्यान गुफा के लंबित कार्यों को भी तय समय के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस मौके पर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग वंदना भी उपस्थित रही।

टीवी पर अयोध्या से लाइव प्रसारण देख सीएम ने मंदिर निर्माण में संघर्षों को किया याद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण देखा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में श्री राम मन्दिर का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। कई वर्षों के संघर्ष के बाद आज यह स्वर्णिम अवसर आया है। देश और अयोध्या में सैकड़ों परिवार ऐसे हैं, जो काफी समय से अखण्ड रामायण का पाठ एवं रामधुन कर रहे हैं। अयोध्या में श्रीराम मन्दिर बने, हजारों लोगों ने इसके लिए बलिदान दिया। आज उन हजारों लोगों का संघर्ष स्वरूप ले रहा है। उन्होंने कहा कि 1989 में जब अयोध्या में श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए आन्दोलन बहुत तीव्र हुआ था, सब लोग श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए जागरण करते थे।

उन्होंने कहा कि 1989 में जब श्रीराम मन्दिर के लिए आन्दोलन चल रहा था, तब लोगों से श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए सवा रूपये एकत्रित किये जाते थे, कि श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए एक पत्थर आपके नाम का भी लग जायेगा। उत्तरकाशी के दूरस्थ गांव लिवाड़ी-खिताड़ी 18 किमी पैदल चलकर लोग श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए वहां से शिला लाये। श्रीराम मन्दिर के भूमि पूजन से ऐसे लोगों की आत्मा को शांति मिलेगी। वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रचारक मोरोपंतजी पिंगले, अशोक सिंघल, महन्त अवैध्यनाथ एवं कोठारी बंधुओं ने इस आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मुख्यमंत्री ने अपने स्मरण को साझा करते हुए कहा कि श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए जब 1989 में आन्दोलन चल रहा था, तब वे मेरठ में थे। भेष बदलकर हमने इस आन्दोलन में भाग लिया था। हमारे साथ हजारों लोगों ने इस आन्दोलन में भाग लिया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उनकी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता हुई। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र जल्द ही अयोध्या जाकर भगवान श्रीराम के दर्शन करेंगे। अयोध्या में जो श्रीराम मन्दिर बनेगा उसका स्वरूप भी देखकर आयेंगे।